Book Title: Agam 03 Ang 03 Sthananga Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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चतुर्थ स्थान– तृतीय उद्देश
३५५ ४. ज्योति और ज्योतिर्बलप्ररंजन– कोई पुरुष ज्योति और ज्योतिर्बल में रति करने वाला होता है (४६२)। परिज्ञात-अपरिज्ञात-सूत्र
४६३- चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा—परिण्णातकम्मे णाममेगे णो परिण्णातसण्णे, परिण्णातसण्णे णाममेगे णो परिण्णातकम्मे, एगे परिण्णातकम्मेवि। [परिण्णातसण्णेवि, एगे णो परिण्णातकम्मे णो परिण्णातसण्णे] ४।
पुरुष चार प्रकार के कहे गये हैं, जैसे
१. परिज्ञातकर्मा, न परिज्ञातसंज्ञ— कोई पुरुष कृषि आदि कर्मों का परित्यागी सावध कर्म से विरत होता है, किन्तु आहारादि संज्ञाओं का परित्यागी (अनासक्त) नहीं होता।
२. परिज्ञातसंज्ञ, न परिज्ञातकर्मा- कोई पुरुष आहारादि संज्ञाओं का परित्यागी होता है, किन्तु कृषि आदि कर्मों का परित्यागी नहीं होता।
३. परिज्ञातकर्मा भी, परिज्ञातसंज्ञ भी— कोई पुरुष कृषि आदि कर्मों का भी परित्यागी होता है और आहारादि संज्ञाओं का भी परित्यागी होता है।
४. न परिज्ञातकर्मा, न परिज्ञातसंज्ञ— कोई पुरुष न कृषि आदि कर्मों का ही परित्यागी होता है और न आहारादि संज्ञाओं का ही परित्यागी होता है (४६३)।
४६४- चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा–परिण्णातकम्मे णाममेगे णो परिण्णातगिहावासे, परिण्णातगिहावासे णाममेगे णो परिण्णातकम्मे, [एगे परिण्णातकम्मेवि परिण्णातगिहावासेवि, एगे णो परिण्णातकम्मे णो परिणातगिहावासे ] ४।
पुनः पुरुष चार प्रकार के कहे गये हैं, जैसे
१. परिज्ञातकर्मा, न परिज्ञातगृहावास— कोई पुरुष परिज्ञातकर्मा (सावद्यकर्म का त्यागी) तो होता है, किन्तु गृहावास का परित्यागी नहीं होता।
२. परिज्ञातगृहावास, न परिज्ञातकर्मा- कोई पुरुष गृहावास का परित्यागी तो होता है, किन्तु परिज्ञातकर्मा नहीं
होता।
३. परिज्ञातकर्मा भी, परिज्ञातगृहावास भी- कोई पुरुष परिज्ञातकर्मा भी होता है और परिज्ञातगृहावास भी होता है।
४. न परिज्ञातकर्मा, न परिज्ञातगृहावास— कोई पुरुष न तो परिज्ञातकर्मा ही होता है और न परिज्ञातगृहावास ही होता है (४६४)।
- ४६५–चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा—परिण्णातसण्णे णाममेगे णो परिण्णातगिहावासे, परिण्णातगिहावासे णाममेगे। [णो परिण्णातसण्णे, एगे परिण्णातसण्णेवि परिण्णातगिहावासेवि, एगे णो परिण्णातसण्णे णो परिणातगिहावासे ] ४। . पुनः पुरुष चार प्रकार के कहे गये हैं, जैसे