Book Title: Mahopadhyay Yashvijay ke Darshanik Chintan ka Vaishishtya
Author(s): Amrutrasashreeji
Publisher: Raj Rajendra Prakashan Trust
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________________ संयम श्रेणी सज्झाय गुणस्थानक सज्झाय पांच महाव्रतों के भावना नी सज्झाय हितशिक्षा नी सज्झाय अमृतवेल की सज्झाय ग्यारह उपांग की सज्झाय आत्म प्रबोध की सज्झाय उपशम श्रेणी की सज्झाय चड़ता-पड़ता की सज्झाय प्रतिमा स्थापन की सज्झाय स्थापना कल्प की सज्झाय पांच कुगुरु की सज्झाय सुगुरु की सज्झाय हरियाली की सज्झाय गुजराती भाषा में गद्य और पद्य में लिखी अन्य कृतियाँ समुद्र वाहन संवाद समताशतक अनुपलब्ध संकेत प्राप्त कृतियाँ असीम प्रतिभाशाली समन्वयवादी, न्यायाचार्य के पुरोधा उपाध्याय यशोविजय ने भव्य जीवों के ज्ञान विकास के लिए विपुल संख्या में तर्क, आचार, योग, ध्यान, न्याय, प्रमाण आदि विषयों के अनेक ग्रंथों का प्रणयन किया। उनके द्वारा रचे ग्रंथकलाप का अधिकांश आज अनुपलब्ध ही है। जो कृतियाँ आज उपलब्ध हो रही हैं और जिनके अनुपलब्ध होने पर संकेत प्राप्त हो रहे हैं, वे निम्नांकित हैं अनुपलब्ध संकेत प्राप्त कृतियाँ अध्यात्म बिन्दु त्रिसूत्र्यालोक विधि वेदान्त निर्णय अध्यात्मोपदेश द्रव्यालोक वेदान्त निर्णय सर्वस्व अलंकार चूडामणि टीका प्रमा रहस्य वैराग्य रति / आकर ग्रंथ मंगलवाद शठ प्रकरण काव्य प्रकाश टीका वाद रहस्य सिद्धान्त मंजरी टीका छंद चूडामणि टीका विचार बिन्दु स्याद्वाद मंजूषा ज्ञानसार चूर्णि विधिवाद स्याद्वाद रहस्य तत्त्वलोक विवरण वीरस्तव टीका 42 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org