Book Title: Mahopadhyay Yashvijay ke Darshanik Chintan ka Vaishishtya
Author(s): Amrutrasashreeji
Publisher: Raj Rajendra Prakashan Trust

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Page 684
________________ 163. बंध हेतु भंग प्रकरण उपाध्याय यशोविजय रचित 164. बृहदारण्यकोपनिषद् अनु. शांकर भाष्यसहित 165. बौद्ध धर्म दर्शन 166. ब्रहद्रव्य संग्रह आचार्य नरेन्द्र देव श्री नेमीचन्द्र सिद्धान्तिदेव विरचित मल्लधारी हेमचन्द्रसूरि . 167. बृहत्संग्रहणी श्री यशोभद्र शुभंकर ज्ञानशाला, प्रथमावृत्ति गोधरा, पंचमहल वि.सं. 2043 ई.सन् 1987 गीता प्रेस, गोरखपुर द्वितीयावृत्ति ई.सन् 2012 बिहार राष्ट्रभाषा परिषद्, पटना ई.सन् 1956 श्री परमश्रुत प्रभावक मंडल, श्रीमद् चतुर्थवृत्ति राजचंद्र, अगास ई.सन् 1979 श्री राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट, वि.सं. 2053 अहमदाबाद चौखम्बा विद्याभवन चौक, बनारस ई.सन् 1946 भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली ई.सन् 1974 श्री अखिल भारतीय सुधर्म जैन वी.सं. 2534 ‘संस्कृति रक्षक संघ, ब्यावर, जोधपुर वि.सं. 2064 ई.सन् 2008 दिव्य दर्शन ट्रस्ट, धोलका द्वितीयावृत्ति वि.सं. 2059 वेद व्यास डॉ. प्रकाश 168. बह्मवर्त पुराण 169. भारतीय स्मृति विद्या 170. भगवती सूत्र . भाग 1-7 सुधर्मास्वामी रचित 171. भाषा रहस्य उपाध्याय यशोविजय 172. भाषा दर्शन 173. भगवत गीता 174. भगवती टीका 175. भारतीय दर्शन 176. मार्ग परिशुद्धि प्रकरण प्रो. सागरमल जैन पी.बी.आर.आई. वाराणसी हनुमानप्रसाद पोदार गीता प्रेस, गोरखपुर वि.सं. 2052 श्री अभयदेव सूरि सनातन जैन मुद्रणालय, राजकोट वि.सं. 1979 डॉ. न.कि. देवराज उत्तरप्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ द्वितीयावृत्ति ई.सन् 1974 उपाध्याय यशोविजयजी . श्री भीडभंजन पार्श्वनाथ जैन संघ, वि.सं. 2058 रचित टीका समलंकृत भिवंडी, महाराष्ट्र पं. चंद्रशेखर विजयजी कमल प्रकाशन ट्रस्ट, अहमदाबाद आचार्यश्री देवेन्द्रमुनिजी श्री तारक गुरु जैन ग्रंथालय, उदयपुर वि.सं. 2057 आचार्य जयंतसेन सूरि श्री राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट, अहमदाबाद 17. मारी तेर प्रार्थनाओ 178. मूलसूत्र : एक परिशीलन 179. मिला प्रकाश, खिला वसन्त 180. मोक्षमार्ग प्रकाशक आचार्यश्री पं. टोडरमल साहित्य प्रकाशन एवं प्रचार विभाग, जयपुर 597 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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