Book Title: Mahopadhyay Yashvijay ke Darshanik Chintan ka Vaishishtya
Author(s): Amrutrasashreeji
Publisher: Raj Rajendra Prakashan Trust

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Page 689
________________ पूज्यपाद 252. सर्वार्थसिद्धि 253. समवायांग सूत्र मधुकर मुनि 254. सूत्रकृतांग सं. चंद्रसागर गणि 255. संबोधसितरी श्री जयशेखर कलाप्पा निटेव, कोल्हापुर ई.सन् 1825 आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, ई.सन् 1962 राजस्थान श्री गोडीजी पार्श्वनाथ जैन देरासर, वी.सं. 2476 मुम्बई श्री राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट, वि.सं. 2058 अहमदाबाद चौखम्बा सिरीज, काशी महाबोध सभा, सारनाथ, बनारस ई.सन् 1954 हिन्दी ग्रंथ अकादमी, लखनऊ ई.सन् 1975 हिन्दी ग्रंथ अकादमी, लखनऊ ई.सन् 1975 256. सांख्य कारिका श्री कपिल 257. संयुक्त निकाय भिक्षु धर्मरक्षित 258. समकालीन भारतीय दर्शन सं. श्री लक्ष्मी सक्सेना 259. समकालीन पाश्चात्त्य दर्शन सं. श्री लक्ष्मी सक्सेना 260. श्राद्धविधि प्रकरण श्री रत्नशेखर सूरि वि.सं. 2061 गुरु रामचन्द्र पकाशन समिति, भीनमाल 261. श्रावक प्रज्ञप्ति 262. श्रावक धर्मविधि प्रकरण 263. श्रीपाल राजा रास हरिभद्रसूरि हरिभद्र सूरि उपाध्याय विनयविजय एवं यशोविजयकृत महर्षि व्यास श्री हरिभद्र सूरि रचित 264. श्रीमद् भागवत 265. हरिभद्र योग भारती भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली ई.सन् 2000 जिनशासन आराधना ट्रस्ट, मुम्बई वि.सं. 2045 जैन प्रकाशन मंदिर, अहमदाबाद वि.सं. 2029 ई.सन् 1973 गीता प्रेस, गोरखपुर वि.सं. 2021 दिव्य दर्शन ट्रस्ट, धोलका प्रथमावृत्ति वि.सं. 2036 श्री अंधेरी गुजराती जैन संघ, मुम्बई वी.सं. 2513 _ वि.सं. 2043 श्री विश्वकल्याण प्रकाशन, सीरीज, वि.सं. 2024 उत्तरप्रदेश 266. ज्ञानबिन्दु उपाध्याय यशोविजय 267. ज्ञानसार, भाग 1-2 उपाध्याय यशोविजय 602 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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