Book Title: Mahopadhyay Yashvijay ke Darshanik Chintan ka Vaishishtya
Author(s): Amrutrasashreeji
Publisher: Raj Rajendra Prakashan Trust
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________________ जैसलमेर पत्र ज्ञानसार का टबा उपदेश माला पंच परमेष्ठी गीता जस विलास ब्रह्म गीता विचार बिन्दु विचार बिन्दु का टबा सम्यक् सार पत्र समाधि शतक सम्यक्त्व चौपाई . . द्रव्य, गुण, पर्याय का टबा स्तवन 125 गाथा का स्तवन 150 गाथा का स्तवन 350 गाथा का स्तवन मौन एकादशी स्तवन तीन चौबीसी विहरमान बीस जिनेश्वर की स्तवन आवश्यक स्तवन कुमति खंडण स्तवन नवपद पूजा निश्चय व्यवहार गर्भित श्री सीमंधर स्वामी स्तवन दशमत का स्तवन सज्झाय सम्यक्त्व के 67 बोल की सज्झाय 18 पापस्थानक की सज्झाय प्रतिक्रमण हेतु गर्भित सज्झाय ग्यारहवें अंग की सज्झाय आठ योगदृष्टि की सज्झाय चार आहार की सज्झाय Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org