Book Title: Mahopadhyay Yashvijay ke Darshanik Chintan ka Vaishishtya
Author(s): Amrutrasashreeji
Publisher: Raj Rajendra Prakashan Trust
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________________ 83. जैन भाषा दर्शन डॉ. सागरमल जैन ई.सन् 1986 बी.एल. इन्स्टीट्यूट ऑफ इण्डोलॉजी, दिल्ली महावीर जैन विद्यालय, मुम्बई 84. जैन दृष्टि में योग मोतीचंद गिरधारीलाल वि.सं. 2010 वी.सं. 2480 ई.सन् 1954 85. जैन दर्शन में कर्मवाद खूबचंद केशवलाल श्री पार्श्व जैन पाठशाला सिरोही, राजस्थान जैन विश्वभारती संस्थान, लाडनूं वी.सं. 2488 वि.सं. 2018 सं. 2007 86. जैन धर्म-दर्शन और भारतीय दर्शन 87. जब जागे तभी सवेरा 88. जैन तत्त्वमीमांसा एवं आचारमीमांसा आचार्य तुलसी एम.ए. पूर्वार्द्ध, द्वितीय पत्र आदर्श साहित्य संघ, चूरू, राजस्थान ई.सन् 1990 जैन विश्वभारती संस्थान, लाडनूँ एम.एम. पूर्वार्द्ध, चतुर्थ पत्र जैन विश्वभारती संस्थान, लाडनूँ .. 89. जैन ज्ञानमीमांसा एवं जैन न्याय 90. जैन धर्म का मौलिक इतिहास, भाग 1-2 91. जैन धर्म के प्रभावक आचार्य 92. जैन धर्म दर्शन और भारतीयेतर दर्शन 93. जैन दर्शन के नवतत्त्व आचार्य हस्तिमलजी महाराज जैन इतिहास समिति, लाल भवन, जयपुर साध्वी संघमित्रा जैन विश्व भारती, लाडनूं सं. 1986 डॉ. आनन्दप्रकाश त्रिपाठी जैन विश्वभारती संस्थान, लाडनूं ई.सन् 2007 डॉ. धर्मशीला ई.सन् 2000 94. जैन योगग्रन्थ चतुष्ट्य हरिभद्र सूरि श्री गुजराती श्वेताम्बर जैन एसोसिएशन, चेन्नई मुनिश्री हजारीमल स्मृति प्रकाशन, ब्यावर, राजस्थान श्री राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट, अहमदाबाद 95. जीव विचार श्री शांतिसूरिजी वि.सं. 2053 96. जीवाजिवाभिगम सूत्रम् श्री मलयगिरीजी वी.सं. 2517 जिन शासन आराधना ट्रस्ट, भुलेश्वर, मुम्बई श्रीमद् जयन्तसेन सूरि अभिनन्दन ग्रंथ प्रकाशन समिति 97. जयन्तसेन सूरि अभिनन्दन ग्रंथ सम्पादक सुरेन्द्र लोढा वी.सं. 2517 वि.सं. 2048 ई.सन् 1991 592 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org