Book Title: Mahopadhyay Yashvijay ke Darshanik Chintan ka Vaishishtya
Author(s): Amrutrasashreeji
Publisher: Raj Rajendra Prakashan Trust
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________________ SONOMOTIO Mar@M MOTORICA कर्ममीमांसा एवं योग (ब) (अ) कर्मस्वरूप एवं प्रकृति कर्म की परिभाषा कर्म का स्वरूप कर्म की पौद्गलिकता कर्मबन्ध की प्रक्रिया कर्मों के भेद-प्रभेद कर्मों का स्वभाव रूपी का अरूपी पर उपघात कर्म और पुनर्जन्म कर्म और जीव का अनादि सम्बन्ध कर्म के विपाक सर्वथा कर्मक्षय कैसे? गुणस्थानक में कर्म का विचार कर्म की स्थिति कर्म में स्वामी कर्म का वैशिष्ट्य योग, स्वरूप एवं लक्षण योग की व्युत्पत्ति योग की परिभाषा योग का लक्षण-व्यवहार एवं निश्चयनय से योग के अधिकारी योग के भेद-प्रभेद योग शुद्धि के कारण योग में साधक एवं बाधक तत्त्व योग की विधि योग की दृष्टियाँ योग की परिलब्धियाँ यशोविजय का योग वैशिष्ट्य For Personal Private Use Only www.jainelibrary.org