Book Title: Agam Prakashan Suchi
Author(s): Nirav B Dagli
Publisher: Gitarth Ganga
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Page #1 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशनसूची Page #2 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ।। श्री आत्म-कमल-दान-प्रेम-रामचंद्र-मोहजितसद्गुरुभ्यो नमः ।। आगम प्रकाशनसूची आशीर्वाददाता षड्दर्शनविशारद, प्रावनिकप्रभावक प.पू. मुनिप्रवर श्री मोहजितविजयजी महाराजा (बड़े पंडित महाराज) मार्गदर्शक व्याख्यानवाचस्पति, सुविशालगच्छाधिपति प.पू. आ.भ. श्रीमद्धिजय रामचंद्रसूरीश्वरजी महाराजा के शिष्यरल सन्मार्गदेशनादक्ष, धर्मतीर्थसंरक्षक प.पू. आ.भ. श्रीमद्विजय युगभूषणसूरीश्वरजी महाराजा (पंडित महाराज) संशोधक-संकलनकार श्री नीरवभाई भूपेन्द्रभाई डगली प्रकाशक गताना 'श्रुतदेवता भवन', 5, जैन मर्चेन्ट सोसायटी, फतेहपुरा रोड, पालडी, अहमदाबाद-7. Page #3 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन सूची Catalogue of Printed Agamik Literature विषय : प्रकाशित आगमिक साहित्य के कृति एवं प्रकाशनों का परिचय मार्गदर्शक : सन्मार्गदेशनादक्ष, धर्मतीर्थसंरक्षक परम पूज्य आचार्य भगवंत श्रीमद्विनय युगभूषणभूरीश्वरजी महाराजा (पंडित महाराज) संशोधक-संकलनकार : श्री नीरखभाई भूपेन्द्रभाई डगली वीर सं. 2541 वि. 2071 भाषा : हिन्दी आगमसूची प्रकाशन के लाभार्थी सेठ आणंदजी कल्याणजी पेढी की ओर से ज्ञान खाते की राशि में से रू. 2,60,000/- का लाभ लिया गया है । आवृत्ति : प्रथम देवनागरी लिपि नकल : 1000 मूल्य : 260/ सर्व हक्क गीतार्थ गंगा ट्रस्ट के आधीन है । पृष्ठ संख्या : 384 कद: B Size : सूची निर्माण के आर्थिक सहयोगी श्री बचुभाई पोपटलाल शाह, पाटण-मुंबई मुख्य प्राप्तिस्थान 175 गीतार्थ, गंगा, 'श्रुतदेवता भवन', 5, जैन मर्चेन्ट सोसायटी, फत्तेहपुरा रोड, पालडी, अहमदाबाद - 7. Email: gitarthganga@yahoo.co.in, gitarthganga@gmail.com Visit us online: gitarthganga.wordpress.com * मुद्रक * सर्वोदय ओफ्सेट - अहमदाबाद- 16. Phone : 079-22174519 Page #4 -------------------------------------------------------------------------- ________________ সাবস্ক্রনে अहमदाबाद: गीतार्थ गंगा 'श्रुतदेवता भवन', 5, जैन मर्चन्ट सोसायटी, फत्तेहपुरा रोड, पालडी, अहमदाबाद-7 (079) 26604911,32457410 Email : gitarthganga@yahoo.co.in gitarthganga@gmail.com * बडौदा : श्री सौरीनभाई दिनेशचंद्र शाह 'दर्शन', E-69, लीसापार्क सोसायटी, विभाग-2, रामेश्वर सर्कल, सुभानपुरा, हाईटेन्शन रोड, बडौदा-390023. (0265)2391696 (Mo.)9825212996 Email : saurin108@yahoo.in * मुंबई: श्री ललितभाई धरमशी 302, चंदनबाला एपार्टमेन्ट, सर्वोदय पार्श्वनाथनगर, जैन देरासर के पीछे, जवाहरलाल नहेरु रोड, मुलुंड (वे.), मुंबई-80. (022) 25680614, 25686030 (Mo.)9322231116 Email : lalitent@vsnl.com श्री हिमांशुभाई एन. शेठ A-2141, अशोक सम्राट, तीसरी मंझिल, दफतरी रोड, गौशाला लेन, बीना ज्वेलर्स के उपर, मलाड (ई.) मुंबई-400097. (022) 32438434 (Mo.) 9322264851 Email : divyaratna_108@yahoo.co.in सुरत: डॉ. प्रफुलभाई जे. शेठ डी-1, अर्पण एपार्टमेन्ट, बाबु निवास की गली, टीमलीयावाड, सुरत-395001. . (0261) 3228623 जामनगर: श्री उदयभाई शाह Clo. महावीर अगरबत्ती वर्क्स, C-9. सुपर मार्केट, जयश्री टोकीझ के सामने, जामनगर-361001. . (0288) 2678513 (Mo.) 9726993990 Email : karan.u.shah@hotmail.com Bangalore : Shri Vimalchandji Clo. J. Nemkumar & Co. Kundan Market, D. S. Lane, Chickpet Cross, Bangalore-560053. " (080) (0) 22875262 (R) 22259925 (Mo.)9448359925 Email : amitvgadiya@gmail.com राजकोट : श्री कमलेशभाई दामाणी "जिनाज्ञा", 27, करणपरा, राजकोट-360001 " (0281)2233120 (Mo.) 9427168613 Email : shreeveer@hotmail.com Page #5 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सुज्ञ पाठकों ! iv ।। श्रुतगंगा हिमाचलं, वंदे श्री ज्ञातनंदनम् ।। प्रकाशकीय - संस्था के उद्भव का उद्देश्य : प्रणाम..... यदि अंधकार में Torch बिना भटकता मानव दयापात्र है, तो उससे भी अधिक दयापात्र वह मानव है, जो Torch के उपयोग से अनजान है, क्योंकि वह मानव, सामग्री मौजूद होते हुए भी आवश्यक जानकारी के अभाव में उसका उपयोग नहीं कर पाता । उसी तरह... अंधकारमय संसार में स्व पर प्रकाशक जिनशासन की प्राप्ति बिना भटकता जीव निश्चित ही दयापात्र है, परन्तु ऐसे जिनशासन की प्राप्ति के बाद भी यदि जीव उसके रहस्यमय ज्ञान से अपरिचित रहे, तो वह अधिक करुणा पात्र है; क्योंकि इस दुःखमय एवं पापमय संसार से मुक्ति के लिए मात्र जिनशासन की प्राप्ति ही पर्याप्त नहीं, किन्तु इस महान् धर्मशासन की प्राप्ति के बाद उसके तलस्पर्शी - रहस्यभरे ज्ञान द्वारा शासन के प्रति अटूट भक्ति तथा साधना मार्ग का दृढ़ संकल्प आवश्यक है, अन्यथा सद्भाग्य से प्राप्त इस जिनशासन से जीव पूर्णतया लाभान्वित नहीं हो सकता । हमें गौरव है कि 'गीतार्थ गंगा' संस्था द्वारा जिनशासन के इन रहस्यों को 108 प्रमुख विषय एवं उससे संलग्न 10008 विषयों के माध्यम से प्रकट कराने में हम भाग्यशाली बने I शास्त्रों में बिखरे अनेक विषयों के रहस्यभरे मोतियों को संस्था एकत्रित कर रही है । साथ ही उनमें दिखाई दे रहे विरोधाभासी विधानों का निराकरण एवं उन्हीं की परस्पर सन्दर्भ - संगति द्वारा उनमें छुपे हुए रहस्यों को अनोखे ढंग से उजागर कर रही है । ज्ञातव्य हो कि जिनशासन के सार कहलाते ये रहस्य अति दुर्गम हैं, इन रहस्यों को विशिष्ट ज्ञानी ही पार पा सकते । अतः संस्था के मार्गदर्शक प.पू. आ. भ. श्रीमद्विजय युगभूषणसूरीश्वरजी म. सा. ने प्रस्तुत रहस्यों को प्रवचन के ढांचे में ढालकर सुगम शैली में प्रवाहित किया था और कर रहे हैं । साथ-साथ इन्हें शास्त्रीय एवं आधुनिक प्रत्येक परिप्रेक्ष्य से उजागर करने में उद्यमशील रहे हैं । इन्हीं उद्यमों की फलश्रुति 'धर्मतीर्थ' प्रवचन शृंखला है, जिसका दो भागों में अर्धांश प्रगट हो चूका है । Page #6 -------------------------------------------------------------------------- ________________ इस सरल शैली के विस्तार के कारण सीमित विषयों का ही विवेचन संभव हो पायेगा । फिर भी श्री संघ को पूर्णतः लाभान्वित करने हेतु और अन्य अनेक विषयों से जुड़े अखूट रहस्य गर्भित शास्त्रवचनों का परस्पर अनुसंधान और उनका संग्रह रूप Encyclopedia अर्थात् विश्वकोष प्रकट किया जायेगा, जिसमें उन-उन विषय के रहस्य-ज्ञान में उपयोगी दूरवर्ती संलग्न शास्त्रवचनों का सुन्दर संग्रह होगा, और यह संग्रह रूप बीज भविष्य में समग्र श्री संघ को शासन के रहस्यभरें ज्ञान की प्राप्ति में तैयार सामग्री प्रदान करने में समर्थ बनेगा। 'विद्वानेव विजानाति विद्वज्जन परिश्रमम्' इस कहावत के अनुसार विद्वानों द्वारा होता हुआ यह विद्वद् भोग्य एवं अश्रुतपूर्व कार्य भरसक प्रयत्न, भरपूर सामग्री एवं पर्याप्त समय की अपेक्षा रखता हैं । ' विषयों के माध्यम से शास्त्रों में बिखरे अद्भुत रहस्यों को प्रगट करने के हमारे मुख्य ध्येय की प्राप्ति हेतु, हमारे लिए परम पूजनीय, समस्त श्रुतज्ञान की गंगोत्री समान एवं जिनवाणी के संग्रहस्थान स्वरूप 'जिनागम' ही सर्वोच्च एवं प्रथम आधार है । साथ ही, जिनागम में वर्णित पदार्थों के तात्पर्यार्थ एवं मर्म का मार्गानुसारी बोध कराने में अत्यंत उपकारक ऐसे पूर्वाचार्यों द्वारा रचित नियुक्ति, भाष्य आदि ग्रंथों की पूंजी भी हमारे उन्नतिशील ध्येय स्वरूप 'विषयकोश निर्माण' में अनिवार्य आधार है । __ अतः हमारे विषयकोश के निर्माण कार्य में, इन्ही पंचांगी आगमग्रंथों एवं उन पर रचित बालावबोध, अनुवाद आदि अनेकविध कृतियों की एवं हस्तलिखित प्रतियों पर से आगमग्रंथों के आज तक हुए संशोधनसंपादनों आदि अनेकविध जानकारियाँ की उपलब्धि एक महत्त्वपूर्ण कडी है । ___ आज हमें अतीव हर्ष है कि संस्था के मुख्य लक्ष्य के अनुसंधान में अत्यंत उपयोगी यह कार्य करने हम सफल बने हैं। श्रुताभ्यास, श्रुतभक्ति, श्रुतरक्षा आदि अनेकविध धर्मकार्यों में रत श्री संघ को भी हमारे द्वारा उपलब्ध यह जानकारियाँ अवश्य उपयोगी है । अतः वर्तमान में उपलब्ध व प्रकाशित आगमिक ग्रंथपूंजी एवं उनके प्रकाशनों की विशालता और वैविध्यता को सूची स्वरूप से भक्तितः श्री संघ को हम अर्पण करना चाहते हमारे बोधानुसार श्री संघ में आजतक प्रकाशित न हुई हो ऐसी अद्वितीय एवं अप्रतिम 'आगमों की प्रकाशनसूची' का प्रकाशन करने का यह सुनहरा अवसर आज हमें प्राप्त हुआ है । अतः हम प्रस्तुत 'आगम प्रकाशनसूची' को श्री संघ के समक्ष अत्यंत उल्लासपूर्वक समर्पित करते हैं और आशा रखते है कि श्री संघ तहेदिल से इसका आवकार और स्वीकार करेगा..... 'श्रुतदेवता भवन', 5, जैन मर्चेन्ट सोसायटी, फतेहपुरा रोड़, पालड़ी, अहमदाबाद-7. गीतार्थ गंगा के ट्रस्टीगण और श्रुतभक्त Page #7 -------------------------------------------------------------------------- ________________ * 1. आश्रव अने अनुबंध 1. श्रावकनां बार व्रतोना विकल्पो 2. श्रावक के बारह व्रत एवं विकल्प (हिन्दी) 3. योगदृष्टिसमुच्चय 4. कर्मवाद कर्णिका 5. कर्मवाद कर्णिका (हिन्दी) 6. सद्गति हमारा हाथमां 7. सद्गति आपके हाथ में ! (हिन्दी) 8. दर्शनाचार गीतार्थ गंगा के प्रकाशन प. पू. मुनिप्रवर श्री मोहजितविजयजी महाराजा (बडे पंडित म.सा.) के व्याख्यान की पुस्तकें 2. पुद्गल वोसिराववानी क्रिया प.पू. आ.भ. श्रीमद्विजय युगभूषणसूरीश्वरजी महाराजा (पंडित म. सा.) के व्याख्यान की और लिखित संपादित पुस्तकें 9. शासन स्थापना 10. जैनशासन स्थापना (हिन्दी) 11. अनेकांतवाद 12. प्रश्नोत्तरी 13. चित्तवृत्ति 14. चित्तवृत्ति (हिन्दी) 1. पाक्षिक अतिचार ** 15. चालो, मोक्षनुं साधुं स्वरूप समजीए 16. मनोविजय अने आत्मशुद्धि vi 22. कुदरती आफतमां जैननुं कर्तव्य 23. धर्मरक्षा प्रवचन श्रेणी भाग - 1 24. जैनशासन स्वतंत्र धर्म के संप्रदाय ? 25. जिनशासन स्वतंत्र धर्म या संप्रदाय ? (हिन्दी) 26. Is Jaina Order Independent Religion or Denomination ? (Eng.) 27. Status of religion in modern Nation State theory (Eng.) 28. गृहजिनालय महामंगलकारी 29. श्री उपधान मार्गोपदेशिका संपादक :- प. पू. पंन्यास श्री अरिहंतसागरजी महाराज साह 1. श्री समेतशिखरजीनी संवेदना 2. श्री नवपद आराधना विधि 3. स्वतंत्र भारतमां धर्म परतंत्र !!!!! 4. स्वतंत्र भारत में धर्म परतंत्र !!!!! (हिन्दी) 17. भागवती प्रव्रज्या परिचय 18. भावधर्म भाग 1 (प्रणिधान) 19. भावधर्म भाग 2 ( प्रवृत्ति, विप्नजय सिद्धि, विनियोग) 20. लोकोत्तर दानधर्म 'अनुकंपा' 21. प्रश्नोत्तरी (हिन्दी) 7. 'Rakshadharma' Abhiyaan (Eng.) 8. सेवो पास संखेसरो 9. सेवो पास संखेसरो (हिन्दी) 3. चारित्राचार गीतार्थ गंगा से प्रकाशित अन्य पुस्तकों की यादी संकलनकर्ता : ज्योतिषभाई शाह संकलनकर्ता : ज्योतिषभाई शाह संकलनकर्ता : धर्मतीर्थ रक्षा समिति संकलनकर्ता : धर्मतीर्थ रक्षा समिति संकलनकर्ता : धर्मतीर्थ रक्षा समिति संकलनकर्ता : धर्मतीर्थ रक्षा समिति संकलनकर्ता : धर्मतीर्थ रक्षा समिति संकलनकर्ता: ज्योतिषभाई शाह संकलनकर्ता : ज्योतिषभाई शाह 5. Right to Freedom of Religion !!!!! (Eng.) 6. 'रक्षाधर्म' अभियान 業 Page #8 -------------------------------------------------------------------------- ________________ गीतार्थ गंगा से प्रकाशित विवेचन ग्रंथों । विवेचनकार : पंडितवर्य श्री प्रवीणचंद्र खीमजी मोता 1. योगविंशिका शब्दशः विवेचन 2. अध्यात्मउपनिषत् प्रकरण शब्दशः विवेचन 3. अध्यात्ममतपरीक्षा शब्दशः विवेचन भाग-1 4. अध्यात्ममतपरीक्षा शब्दशः विवेचन भाग-2 5. अध्यात्ममतपरीक्षा शब्दशः विवेचन भाग-3 6. विंशतिविंशिका शब्दशः विवेचन पूर्वार्ध 7. विंशतिविंशिका शब्दशः विवेचन उत्तरार्ध 8. आराधक-विराधक चतुर्भंगी शब्दशः विवेचन 9. सम्यक्त्व षट्स्थान चउपई शब्दशः विवेचन 10. अध्यात्मसार शब्दशः विवेचन भाग-1 11. प्रतिमाशतक शब्दशः विवेचन भाग-1 12. प्रतिमाशतक शब्दशः विवेचन भाग-2 13. कूपदृष्टांत विशदीकरण शब्दशः विवेचन 14. पंचसूत्र शब्दशः विवेचन भाग-1 (सूत्र 1-2) 15. सूत्रना परिणामदर्शक यत्नलेश भाग-1 16. पंचसूत्र शब्दशः विवेचन भाग-2 (सूत्र 3-4-5) 17. सामाचारी प्रकरण शब्दशः विवेचन भाग-1 18. सामाचारी प्रकरण शब्दशः विवेचन भाग-2 19. प्रतिमाशतक शब्दशः विवेचन भाग-3 20. दानद्वात्रिंशिका-1 शब्दशः विवेचन 21. मित्राद्वात्रिंशिका-21 शब्दशः विवेचन 22. योगशतक शब्दशः विवेचन 23. पंचवस्तुक प्रकरण शब्दशः विवेचन भाग-1 24. योगभेदद्वात्रिंशिका-18 शब्दशः विवेचन 25. योगविवेकद्वात्रिंशिका-19 शब्दशः विवेचन 26. साधुसामग्र्यद्वात्रिंशिका-6 शब्दशः विवेचन 27. भिक्षुद्वात्रिंशिका-27 शब्दशः विवेचन 28. दीक्षाद्वात्रिंशिका-28 शब्दशः विवेचन 29. योगदृष्टिनी सज्झाय शब्दशः विवेचन 30. केवलिभुक्तिव्यवस्थापनद्वात्रिंशिका-30 शब्दशः विवेचन 31. पातंजलयोगलक्षणविचारद्वात्रिंशिका-11 शब्दशः विवेचन 32. ज्ञानसार शब्दशः विवेचन 33. संथारा पोरिसी सूत्रनो भावानुवाद अने हिंसाष्टक शब्दशः विवेचन 34. जिनमहत्त्वद्वात्रिंशिका-4 शब्दशः विवेचन 35. सम्यग्दृष्टिद्वात्रिंशिका-15 शब्दशः विवेचन 36. योगलक्षणद्वात्रिंशिका-10 शब्दशः विवेचन 37. मुक्तिअद्वेषप्राधान्यद्वात्रिंशिका-13 शब्दशः विवेचन 38. अपुनर्बंधकद्वात्रिंशिका-14 शब्दशः विवेचन 39. योगदृष्टिसमुच्चय शब्दशः विवेचन भाग-1 40. योगदृष्टिसमुच्चय शब्दशः विवेचन भाग-2 41. योगदृष्टिसमुच्चय शब्दशः विवेचन भाग-3 42. अध्यात्मसार शब्दशः विवेचन भाग-2 43. अध्यात्मसार शब्दशः विवेचन भाग-3 44. यतिलक्षणसमुच्चय प्रकरण शब्दशः विवेचन 45. दैवपुरुषकारद्वात्रिंशिका-17 शब्दशः विवेचन 46. तारादित्रयद्वात्रिंशिका-22 शब्दशः विवेचन 47. कुतर्कग्रहनिवृत्तिद्वात्रिंशिका-23 शब्दशः विवेचन 48. सदृष्टिद्वात्रिंशिका-24 शब्दशः विवेचन 49. पंचवस्तुक प्रकरण शब्दशः विवेचन भाग-2 50. मार्गद्वात्रिंशिका-3 शब्दशः विवेचन 51. देशनाद्वात्रिंशिका-2 शब्दशः विवेचन 52. जिनभक्तिद्वात्रिंशिका-5 शब्दशः विवेचन 53. योगावतारद्वात्रिंशिका-20 शब्दशः विवेचन 54. योगमाहात्म्यद्वात्रिंशिका-26 शब्दशः विवेचन 55. सज्जनस्तुतिद्वात्रिंशिका-32 शब्दशः विवेचन 56. पूर्वसेवाद्वात्रिंशिका-12 शब्दशः विवेचन 57. ईशानुग्रहविचारद्वात्रिंशिका-16 शब्दशः विवेचन 58. क्लेशहानोपायद्वात्रिंशिका-25 शब्दशः विवेचन 59. विनयद्वात्रिंशिका-29 शब्दशः विवेचन 60. श्री सीमंधरस्वामीने विनंतीरूप 125 गाथानुं स्तवन शब्दशः विवेचन 61. प्रतिमाशतक शब्दशः विवेचन भाग-4 62. पंचवस्तुक प्रकरण शब्दशः विवेचन भाग-3 63. पंचवस्तुक प्रकरण शब्दशः विवेचन भाग-4 64. गुरुतत्त्वविनिश्चय शब्दशः विवेचन भाग-1 65. गुरुतत्त्वविनिश्चय शब्दशः विवेचन भाग-2 66. मुक्तिद्वात्रिंशिका-31 शब्दशः विवेचन 67. योगसार प्रकरण शब्दशः विवेचन 68. श्री सीमंधरस्वामी- 350 गाथार्नु स्तवन शब्दशः विवेचन भाग-1 69. श्री सीमंधरस्वामी- 350 गाथार्नु स्तवन शब्दशः विवेचन भाग-2 70. तत्त्वार्थाधिगमसूत्र शब्दशः विवेचन भाग-1 71. षोडशक प्रकरण शब्दशः विवेचन भाग-1 72. प्रतिक्रमण हेतुगर्भित स्वाध्याय शब्दशः विवेचन Page #9 -------------------------------------------------------------------------- ________________ viii 73. कथाद्वात्रिंशिका-9 शब्दशः विवेचन 74. अध्यात्मसार शब्दशः विवेचन भाग-4 75. अध्यात्मसार शब्दशः विवेचन भाग-5 76. अध्यात्मसार शब्दशः विवेचन भाग-6 77. नवतत्त्व प्रकरण शब्दशः विवेचन 78. 150 गाथार्नु हूंडीनुं स्तवन शब्दशः विवेचन 79. पंचवस्तुक प्रकरण शब्दशः विवेचन भाग-5 80. पंचवस्तुक प्रकरण शब्दशः विवेचन भाग-6 81. षोडशक प्रकरण शब्दशः विवेचन भाग-2 82. अमृतवेलनी मोटी सज्झाय अने निश्चय-व्यवहार गर्भित श्री शांतिजिन स्तवन तथा श्री सीमंधरस्वामी स्तवन शब्दशः विवेचन 83. पंचवस्तुक प्रकरण शब्दशः विवेचन भाग-7 . 84. आनंदघन चोवीशी शब्दशः विवेचन 85. पक्खीसूत्र (पाक्षिकसूत्र) शब्दशः विवेचन 86. धर्मपरीक्षा प्रकरण शब्दशः विवेचन भाग-1 87. उपदेशरहस्य शब्दशः विवेचन भाग-1 88. उपदेशरहस्य शब्दशः विवेचन भाग-2 89. उपदेशरहस्य शब्दशः विवेचन भाग-3 90. पातंजलयोगसूत्र शब्दशः विवेचन भाग-1 91. पातंजलयोगसूत्र शब्दशः विवेचन भाग-2 92. धर्मबिंदु प्रकरण शब्दशः विवेचन भाग-1 93. धर्मबिंदु प्रकरण शब्दशः विवेचन भाग-2. 94. धर्मबिंदु प्रकरण शब्दशः विवेचन भाग-3 95. योगबिंदु शब्दशः विवेचन भाग-1 96. योगबिंदु शब्दशः विवेचन भाग-2 97. योगबिंदु शब्दशः विवेचन भाग-3 98. द्रव्यगुणपर्यायनो रास शब्दशः विवेचन भाग-1 99. वादद्वात्रिंशिका-8 शब्दशः विवेचन 100. धर्मसंग्रह शब्दशः विवेचन भाग-1 101. धर्मसंग्रह शब्दशः विवेचन भाग-2 102. धर्मसंग्रह शब्दशः विवेचन भाग-3 103. सकलाईत्-स्तोत्र अने अजितशांति स्तवन शब्दशः विवेचन 104. पगामसिज्जा शब्दशः विवेचन 105. सम्यक्त्वना सडसठ बोल स्वाध्याय शब्दशः विवेचन 106. धर्मव्यवस्थाद्वात्रिंशिका-7 शब्दशः विवेचन 107. देवसिअ राईअ प्रतिक्रमण सूत्र शब्दशः विवेचन 108. संमतितर्क प्रकरण श्लोकस्पर्शी टीका प्रायः शब्दशः विवेचन भाग-1 109. संमतितर्क प्रकरण श्लोकस्पर्शी टीका प्रायः शब्दशः विवेचन भाग-2 110. वैराग्यकल्पलता प्रथम स्तबक शब्दशः विवेचन 111. शांतसुधारस शब्दशः विवेचन 112. बारभावना शब्दशः विवेचन 113. भाषारहस्य प्रकरण शब्दशः विवेचन भाग-1 114. भाषारहस्य प्रकरण शब्दशः विवेचन भाग-2 115. धर्मसंग्रह शब्दशः विवेचन भाग-4 116. धर्मसंग्रह शब्दशः विवेचन भाग-5 117. वीतराग स्तोत्र प्रायः शब्दशः विवेचन 118. द्रव्यगुणपर्यायनो रास शब्दशः विवेचन भाग-2 119. द्रव्य-गुण-पर्यायना रासना छूटा बोल रासना आधारे विवेचन 120. तत्त्वार्थाधिगमसूत्र शब्दशः विवेचन भाग-2 121. तत्त्वार्थाधिगमसूत्र शब्दशः विवेचन भाग-3 122. तत्त्वार्थाधिगमसूत्र शब्दशः विवेचन भाग-4 123. धर्मपरीक्षा शब्दशः विवेचन भाग-2 124. ललितविस्तरा शब्दशः विवेचन भाग-1 125. ललितविस्तरा शब्दशः विवेचन भाग-2 126. ललितविस्तरा शब्दशः विवेचन भाग-3 127. 18 पापस्थानक स्वाध्याय, अमृतवेलनी नानी सज्झाय, 'साचो जेन' पद अने 'वीरोनी प्रभुभक्ति' पद शब्दशः विवेचन 128. सम्मतितर्क प्रकरण श्लोकस्पर्शी टीका प्रायः शब्दशः विवेचन भाग-3 129. उपमितिभवप्रपंचा कथा (प्रथम प्रस्ताव) शब्दशः विवेचन भाग-1 130. उपमितिभवप्रपंचा कथा (द्वितीय प्रस्ताव) शब्दशः विवेचन भाग-2 131. उपमितिभवप्रपंचा कथा (तृतीय प्रस्ताव) शब्दशः विवेचन भाग-3 132. उपदेशपद शब्दशः विवेचन भाग-1 * गीतार्थ गंगा अंतर्गत गंगोत्री ग्रंथमाला से प्रकाशित ग्रंथो गंगोत्री वीचार्या लांस अंतर्गत का 1. धर्मतीर्थ भाग-1 2. धर्मतीर्थ भाग-2 Page #10 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ix ।।। ह्री श्री धरणेन्द्रपद्मावतीपूजिताय श्रीशंखेश्वरपार्श्वनाथाय नमोनमः ।। ASKESoo. संपादकीय करीबन पिछले 150 साल से 45 आगम, अन्य आगम और आगमिक साहित्य पर हुए प्रकाशनों की एक विरल सूची प्रकाशित करने की संजोयी हुई हमारी शुभभावना आज साकार बन रही है । धन्य बने हम आज कि श्रुतरक्षा का एक संनिष्ठ प्रयास कर पायें और श्री संघ के करकमलों में कुछ सादर अर्पण कर पायें । धर्मतीर्थसंरक्षक, प्रावचनिकप्रभावक, सन्मार्गसंदर्शक, आध्यात्मिकगुणसंपन्न, श्रुतमर्मज्ञ, गीतार्थ गुरुभगवंत प. पू. आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय युगभूषणसूरीश्वरजी महाराज साहब की पावन प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से प्रस्तुत श्रुतभक्ति का कार्य संपन्न हो पाया है । जिनशासन की प्रणालि में वीरप्रभु के निर्वाण के पश्चात् करीबन 980 साल तक अधिकृत गुरुभगवंतों के द्वारा कंठोपकंठ श्रुतपरंपरा का प्रवाह अस्खलित रूप से प्रवाहित था । लेकिन काल के प्रभाव से श्रमण भगवंतों की धारणाशक्ति, क्षयोपशम आदि दिन-प्रतिदिन क्षीण होते गये । तब शासन की अविच्छिन्न परंपरा की धरोहर समान 'श्रुत' की रक्षा के लिए आचार्यदेवेश श्रीमद् देवर्धिगणी क्षमाक्षमण के नेतृत्व में वल्लभीपुर में 500 आचार्य भगवंतों के सानिध्य में आगम आदि ग्रंथों की वाचना हुई और उसी समय पहली बार आगम आदि ग्रंथों का हस्तलेखन भी किया गया। आज श्रमणप्रधान श्री संघ के पास जो श्रुत की विरासत उपलब्ध है, उसमें मुख्य कारण उपर्युक्त हस्तलेखन का कार्य है, आज भी यह परंपरा चालु है । ___ समय के बदलते प्रवाह के साथ पिछले करीबन 140-150 साल से मशीनरी के माध्यम से भी आगम आदि ग्रंथों का प्रकाशनकार्य जारी है । आज भी अनेक महात्मा श्रुतरक्षा के लिए अमुद्रित आगम की टीका, चूर्णि आदि के संपादन एवं पुनर्मुद्रण का कार्य कर रहे है । इसी दौरान आज तक आगमिक ग्रंथों पर हुए संशोधन, संपादन और प्रकाशन संबंधित नकारियाँ: बालावबोध. अनवाद. विवेचन आदि संबंधित जानकारियाँः प्रकाशक, कर्ता. संपादकों की संदर्भ सहित की नामावली इत्यादि प्रकाशन संबंधी अनेकविध जानकारियों से पूर्ण, प्रांजल एवं सुबद्ध 'आगम प्रकाशनसूची' को श्री संघ समक्ष प्रस्तुत करने का यह हमारा प्रयास है । आशा है कि हमारा यह आयास श्रुतानुरागी वाचकवर्ग को जिज्ञासापुष्टि एवं मनतुष्टि देगा । साथ ही, यह सूची श्री संघ में श्रुत की आराधना, प्रभावना एवं रक्षा हेतु ज़ारी अध्ययन, अध्यापन, संशोधन, संरक्षण आदि बहुविध प्रवृत्तियों में सहायक एवं उपयोगी बनेगी। Page #11 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ** मुखपृष्ठ : चित्रपरिचय ** चित्र का सामान्य परिचय अंतिम पृष्ठ पर दिया गया है । विशेषतः चित्र में 'प्रतीकात्मक दर्शाया गया द्वादशांगी का चित्र' संस्था द्वारा प्रकाशित एवं परम पूज्य आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय युगभूषणसूरीश्वरजी म.सा. के प्रवचन स्वरूप 'धर्मतीर्थ ग्रंथ' के मुखपृष्ठ का है । वहाँ पर भावश्रुतमय द्वादशांगी को प्रतीक के द्वारा अद्भुत रूप से दर्शाया गया है । द्वादशांगी के चित्रपरिचय का रसास्वाद लेने जिज्ञासु वाचकवर्ग को हमारे धर्मतीर्थ ग्रंथ के 'मुखपृष्ठ संकेत परिचय' देखने का नम्र निवेदन है । ** स्मरणीयम् ** प्रस्तुत सूची में प.पू. विदूषी साध्वीजी श्री चारुनंदिताश्रीजी म.सा. की शिष्या पू. सा. श्री धर्मरुचिताश्रीजी म.सा. द्वारा प्रूफरीडिंग के कार्य में और मुखपृष्ठ व आगम पंचागी के चित्रों की रचना में पू. सा. श्री हितनंदिताश्रीजी म.सा. व पू. सा. श्री गुणदृष्टिश्रीजी म.सा. आदि के सहयोग की अनुमोदना करते है । दानवीर श्राद्धवर्य श्री बचुभाई पोपटलाल शाह (पाटण-मुंबई) ने धन के सद्व्यय द्वारा इस सूचीकरण योजना में महत्त्वपूर्ण आर्थिक सहयोग दिया है, जिसकी हम अंतर से भूरी भूरी अनुमोदना करते है । आगम प्रकाशनसूची के संपादन कार्य में गीतार्थ गंगा के संनिष्ठ व निष्णात कार्यकरों और विशेष रूप से पंडितवर्य श्री अल्पेशभाई, श्री दक्षेशभाई एवं श्री निकुलभाई से प्राप्त सहकार की हम सराहना करते हैं । प्रकाशन सूची के कार्य में प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से जिन जिन का सहयोग प्राप्त हुआ है, उन सभी की हम अनुमोदना करते है। इस सूची में रही क्षतिओं के लिए विद्वद्जन हमें क्षमा करें । देवगुरुकृपाकांक्षी नीरव भूपेन्द्रभाई डगली Page #12 -------------------------------------------------------------------------- ________________ xi मनोगत परमकल्याणरूप श्री जिनशासन की तारकता अनेक महत्त्वपूर्ण आधारों पर सुस्थित है और उन्हीं में से एक अहम् आधाररूप 'श्री द्वादशांग गणिपिटक' (अर्थात् वर्तमान संदर्भ में समग्र आगम साहित्य) को परापूर्व से जैनाचार्यों ने सुरक्षित एवं संगोपित रखा है । प्रस्तुत तथ्य सुप्रतीत है, अतः इस विषय का विस्तार हम यहाँ नहीं कर रहे हैं । फिर भी एक नम्र निवेदन है कि - शतकों तक चली मुखपाठ परंपरा के पश्चात् अनिवार्यता से किये गये श्रुतलेखन का संदेश यह नहीं है कि 'अनधिकृत हाथों तक यह धरोहर पहुँचे' तो भी दिक्कत नहीं है । - तरह इस प्रकाशनसूची के प्रकाशन का भी संदेश यह नहीं है कि 'अनधिकृत व्यक्ति स्वपर अकल्याण में इसे माध्यम बनायें' तो भी दिक्कत नहीं है । - श्री जिनशासन की श्रेष्ठ तारकता को अपनी आसमानी ऊंचाइयों पर बरकरार रखना यह हमारा सामूहिक परम कर्तव्य है, अतः अपनी कर्तव्यनिष्ठता की साक्षीभूत जागृति यही है कि 'अधिकृत व्यक्ति ही इसे उपयोग में ले और स्व-पर को उपकृत बनायें' । Page #13 -------------------------------------------------------------------------- ________________ xii Salient Features of Agamik Catalogue : B Unique & Innovative Research Work of Gitarth Ganga Jain Research Institute. ॥ Compact & User Friendly. Is प्रकाशनसूची में वैविध्यपूर्ण 2500 से अधिक आगम संबंधी पुस्तक/ प्रतों का उपयोग । Is 15,000 से अधिक कृति-प्रकाशन-कर्ता-संपादक-प्रकाशकों का Interlink I Is तपागच्छ, खरतरगच्छ, अचलगच्छ, पार्श्वचंद्रगच्छ, स्थानकवासी व तेरापंथी आदि संप्रदाय के प्राचीन एवं अर्वाचीन प्रकाशित आगमिक साहित्य का समावेश | । प्रकाशनसूची के निर्माण में आवश्यकतानुसार आधुनिक वैज्ञानिक पद्धति का उपयोग | Is आगम पंचांगी की चित्रात्मक शैली द्वारा बेहतरीन प्रस्तुति | Is पिछले करीबन 150 साल में हुए आगमिक साहित्य के प्रकाशनों का परिचय । मूल आगम ग्रंथ एवं उन पर रचे गए नियुक्ति आदि व्याख्या साहित्य और अर्वाचीन अनुवाद, सारांश आदि अनेकविध ग्रंथों का अनोखी शैली से प्रदर्शन | ॥ गीतार्थ गंगा के संदर्भ ज्ञानभंडार (Reference Library) का एक प्रांजल एवं सुबद्ध संशोधनात्मक Agamik Catalogue | Page #14 -------------------------------------------------------------------------- ________________ SSS सद्ज्ञानवारिधि, सद्बोधदायक, प्रावचनिक प्रभावक, परम उपकारक व तारक गुरुभगवंत प.पू. मुविप्रवर श्री मोहजितविजयजी म.सा. के करकमल में देव-गुरु-धर्म की कृपा से संपन्न, प्रस्तुत ‘आगम प्रकाशनसूची' का हर्षोल्लासपूर्वक सादर समर्पण... Page #15 --------------------------------------------------------------------------  Page #16 -------------------------------------------------------------------------- ________________ xiii आणंदजी कल्याणजी पेढी के अध्यक्ष . श्री संवेगभाई के उद्गार श्रमण भगवान महावीरस्वामी ने वैशाख शुक्ला 11 के दिन धर्मतीर्थ की स्थापना की एवं बीजबुद्धि गणधर भगवंतों को 'उपनेई वा विगमेई वा धुवेई वा' - त्रिपदी प्रदान की और गणधर भगवंतों ने इस त्रिपदी के आधार पर द्वादशांगी की रचना की । कालक्रम से अनेक प्रत्येकबुद्ध, समर्थ ज्ञानी स्थविर आचार्य भगवंतों ने इस श्रुत प्रवाह को अखंड रूप से आगे बढाया । आज हमें उपलब्ध जिन आगम जैन शासन की अमूल्य धरोहर है ।। - भवभीरु आचार्य भगवंत, शासन समर्पित ज्ञानी पंडित पुरुषों के द्वारा संपादित, विवेचित और तैयार हुए बहुमूल्य ग्रंथों का प्रकाशन 'गीतार्थ गंगा' संस्था के द्वारा हो रहा है । श्रुतज्ञान की विरासत को सुव्यवस्थितरूप से संरक्षित करने का जो भगीरथ कार्य किया जा रहा है यह अनुमोदनीय है । इसी सिलसिले में संशोधन की आधुनिक तकनीक के द्वारा तैयार हुई 'आगम प्रकाशनसूचि' का प्रकाशन हो रहा है यह आनंद का विषय है । प्रस्तुत प्रकाशनकार्य में लाभ प्राप्त करने का मौका आणंदजी कल्याणजी को प्राप्त हुआ यह विशेष अनुमोदना का कारण है । ऐसे ज्ञानयज्ञ में यत्किंचित् योगदान देने का जो लाभ पेढी को मिलता है वह उसका सद्भाग्य है । पेढी हमेशा श्रुतसंरक्षण एवं श्रुतसंवर्धन की प्रवृत्ति में भक्तिभाव से सहयोगी बनती रही है । प्रस्तुत 'आगम प्रकाशनसूचि' इस विषय के अभ्यासी, निष्णात, विवेचक, संशोधक, स्वाध्यायरसिक सभी को उपयोगी बनेगी ऐसी मेरी श्रद्धा है । आज सम्यक् श्रुत के प्रचार-प्रसार उपरांत उसका संरक्षण हो यह आवश्यक है । परमपूज्य ज्ञानीध्यानी श्रमण-श्रमणी भगवंतों के अलावा श्रीसंघ के श्रावक-श्राविका, भाई-बहनों में भी परमात्मा जिनेश्वरदेव की वाणी के स्वाध्याय-हेतु आकर्षण एवं उत्साह बढे, एवं वे सभी स्वाध्याय में जुडे, यह अति आवश्यक है। गीतार्थ गंगा संस्था के द्वारा संकलन/संपादन एवं संशोधन की सूक्ष्म वैज्ञानिक पद्धति के द्वारा सर्जित यह श्रुतसंपदा सभी के लिए उपकारक सिद्ध होगी तथा मोक्षमार्ग के प्रति रुचि जगाएगी ऐसी . सद्भावना के साथ समापन करता हूँ । संवेग लालभाई अध्यक्ष शेठ आणंदजी कल्याणजी Page #17 -------------------------------------------------------------------------- ________________ अनुक्रमणिका ना ...................... .......... ......xii ......xiv ..........xv .......xix प्रकाशकीय.. 2 संपादकीय... 3 मनोगत .................... Sailent Feature of Agamik Catalogue.. 5 अनुक्रमणिका आगम ख्य विभागों का परिचय 7 सूची मार्गदर्शिका ...................................... (कृति परिचय, प्रकाशन परिचय एवं परिशिष्टों का प्रात्यक्षिक (Demo)) 8 संकेत सूची.................... 9 आगमिक अनुक्रमणिका (विस्तृत अनुक्रमणिका) (45 आगम, अन्य आगम और आगमिक साहित्य के विभागों की सूची - कृति व प्रकाशनों के क्रमांक एवं पृष्ठ क्रमांक सहित) 10 कृति परिचय (कृति क्रमांक 1 से 1572) ................ 11 आगम पंचांगी की चित्रात्मक शैली से प्रस्तुति 12 प्रकाशन परिचय (प्रकाशन क्रमांक 1 से 1799)........... ......xxx ....xxxvii-xi .......91-282 * परिशिष्ट :1 कर्ता-संपादक अनुक्रमणिका (अकारादि सूची).... (कृति-प्रकाशन परिचय के क्रमांक सहित) 2 प्रकाशक अनुक्रमणिका (अकारादि सूची). (प्रकाशन परिचय के प्रकाशन क्रमांक सहित) 3 कृति स्वरूपों की सूची 4 कृति से असंबद्ध प्रकाशनों के क्रमांक ................. ....... Page #18 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशनसूची के मुख्य विभागों का र परिचय कि Ce (1) आगमिक अनुक्रमणिका (विस्तृत अनुक्रमणिका) 45 आगम, अन्य आगम और आगमिक साहित्य आदि कुल 82 विभागों की सूची आगमिक अनुक्रमणिका में दी गई है एवं प्रत्येक विभाग के साथ संबंधित कृति और प्रकाशनों के क्रमांक व पृष्ठ क्रमांक भी यहाँ दिए गए हैं । यहाँ पर दिए गए कृति क्रमांक व प्रकाशन क्रमांक द्वारा अभीष्ट आगम के क्रमशः कृति व प्रकाशनों की जानकारियाँ वाचक सरलता से प्राप्त कर सकता है । विभाग क्रमांक 1-67 'स्वतंत्र आगम विभाग' के है, विभाग क्रमांक 68-71 'एकाधिक आगम साहित्य' संबंधित है, जबकि विभाग क्रमांक 72-82 'आगमिक साहित्य' के है । विभाग क्रमांक 1-67 (स्वतंत्र आगम विभाग) प्रत्येक आगम पर रचित कृतियों व प्रत्येक आगम के स्वतंत्र प्रकाशनों का परिचय इस विभाग में दिया गया है । विभाग क्रमांक 68-71 (एकाधिक आगम साहित्य) । एक ही प्रकाशन अंतर्गत प्रकाशित एकाधिक आगमों वाले प्रकाशनों (उदाहरणार्थ 'अंगसुत्ताणि') का परिचय इस विभाग में दिया गया है । → जिस प्रकाशन में एकाधिक आगमों के केवल मूलसूत्रों का प्रकाशन हुआ है, ऐसे प्रकाशनों का परिचय विभाग क्रमांक 68(आगम एकाधिक मूलसूत्र) में दिया गया है । → जिस प्रकाशन में छाया-अनुवादयुक्त अथवा मूल सहित छाया-अनुवादयुक्त एकाधिक आगमों का प्रकाशन हुआ है, ऐसे प्रकाशनों का परिचय विभाग क्रमांक 69(आगम सानुवाद) में दिया गया है । → जिस प्रकाशन में टीका-विवेचनयुक्त अथवा मूल सहित टीका-विवेचनयुक्त एकाधिक आगमों का प्रकाशन हुआ है, ऐसे प्रकाशनों का परिचय विभाग क्रमांक 70(आगम व्याख्या) में दिया गया है । → युनिवर्सिटी के कोर्स आदि विविध हेतु से प्रकाशित हुए आगमों के पेटा अध्ययन के प्रकाशनों का परिचय विभाग क्रमांक 69(आगम अध्ययन) में दिया गया है । विभाग क्रमांक 72-82 (आगमिक साहित्य) → विभाग क्रमांक 72-76 आगमों के संदर्भ से रचित विषयकोश, शब्दकोश, थोकसंग्रह, विषयानुक्रम एवं आगम सूची संबंधित है । . Page #19 -------------------------------------------------------------------------- ________________ xvi → विभाग क्रमांक 77-79 एकाधिक आगमों के संक्षिप्त परिचय, विस्तृत परिचय व सूक्तसंग्रह संबंधित है । → गणधरवाद संबंधित कृति व प्रकाशनों का परिचय विभाग क्रमांक 80 में दिया गया है । → एकाधिक आगम पर रचित सज्झाय (उदाहरणार्थ '11 अंग की सज्झाय) विभाग क्रमांक 81 ( आगम सज्झाय आदि) में बताई गई है । इस विभाग में चुनिंदा प्रकाशनों का ही परिचय दिया गया है । → आगम चित्रसंपुट संबंधित प्रकाशनों का परिचय विभाग क्रमांक 82 में दिया है । किसी भी एक आगम से संलग्न ऐसे समग्र प्रकाशनों को देखने के लिए वाचक को संलग्न विभाग के प्रकाशन परिचय के साथ साथ उपरोक्त निर्देशित 'आगम एकाधिक मूलसूत्र', 'आगम सानुवाद' आदि विभागों (विभाग क्रमांक 68 - 82) का भी अवगाहन करना आवश्यक है । सरल उपाय यही है कि कृति परिचय में दिये गये प्रकाशनक्रमांकों का उपयोग इष्ट कृति के प्रकाशन की जानकारी पाने के लिए करें । उसी तरह किसी भी एक आगम से संलग्न समग्र कृतियों को देखने के लिए वाचक को संलग्न विभाग के कृति परिचय के साथ साथ 'आगम थोकसंग्रह', 'आगम परिचय (विस्तृत) ', 'आगम सज्झाय आदि' इन तीन विभाग (विभाग क्रमांक 74, 77, 81) का अवलोकन करना आवश्यक है । निष्कर्ष :- सामान्य से प्रत्येक आगम के कृति परिचय के माध्यम से उन आगम के कृति व प्रकाशन संबंधी जानकारियाँ सरलता से प्राप्त होती है, किन्तु आगमिक साहित्य विभाग (क्रमांक 7282) में से महत्तम विभाग कृति से असंबद्ध है और सीधा प्रकाशन परिचय अंतर्गत ही प्रत्येक प्रकाशन के विषयों का परिचय दिया गया है, अतः स्वतंत्र आगम के कृति प्रकाशनों की जानकारियाँ सरलता से प्राप्त करने हेतु कृति परिचय का अवलोकन करें, जबकि आगमिक साहित्य विभाग के विषयों की जानकारियाँ प्राप्त करने हेतु प्रकाशन परिचय का अवलोकन करें । (2) कृति परिचय इस विभाग में आगमिक कृतियों का परिचय दिया गया है, इसे प्रकाशन परिचय से संलग्न करने हेतु प्रत्येक कृति परिचय के अंत में प्रकाशनक्रमांक रखे गये हैं । आगमिक अनुक्रमणिका में दिए गए विभागों के क्रमानुसार कृतियों का परिचय दिया गया है और प्रत्येक विभाग अंतर्गत प्राचीनता के क्रम से मूल, निर्युक्ति, भाष्य आदि प्राचीन गद्य-पद्य कृतियों का परिचय दिया गया है, उसके पश्चात् प्राचीन सज्झाय आदि पद्यात्मक गेय कृतियों का परिचय दिया गया है । प्राचीन कृतियों के परिचय के पश्चात् प्राचीन कृतियों के स्वरूपों के क्रम (मूल, निर्युक्ति, भाष्य आदि) अनुसार उन पर हुए अर्वाचीन अनुवाद, विवेचन आदि कृतियों का परिचय दिया गया है । स्पष्टतापूर्वक कहा जाए तो प्रत्येक विभाग अंतर्गत परिशिष्ट 3 में दिए गए स्वरूपों के क्रमानुसार ओर प्रत्येक स्वरूप अंतर्गत रचना संवत के क्रमानुसार कृतियों का परिचय दिया गया है । → मूल, निर्युक्ति, टीका, अनुवाद आदि सर्व कृतियों के कर्ता, परिमाण, रचना संवत् आदि अनेकविध जानकारियाँ यहाँ पर आगम विभागानुसार दी गई है । जिससे वाचक अभीष्ट आगम से संबंधित Page #20 -------------------------------------------------------------------------- ________________ xvii सभी कृतियों की जानकारियाँ प्राप्त कर सकता है, एवं प्रत्येक कृति परिचय अंतर्गत सबसे अंत में कृति के प्रकाशनक्रमांक दिये गये है । जिससे वाचक को अभीष्ट कृतियों के सर्व प्रकाशन संबंधित जानकारियाँ उपलब्ध होती है, अतः अभीष्ट कृति के विशेष प्रकाशन का चयन भी सुलभ बनता है । प्रकाशन परिचय अंतर्गत कृति पूर्ण/अपूर्ण रूप से प्रकाशित हुई है, उसकी जानकारी दी गई है। आगमिक विषयकोश, शब्दकोश आदि विभागों में कृति परिचय न देकर, प्रकाशन परिचय अंतर्गत ही पुस्तक में प्रकाशित विषयों का आवश्यक परिचय दिया गया है । अतः ऐसे कृति से असंबद्ध प्रकाशनों की सूची परिशिष्ट 4 में दी गई है । II प्रस्तुत सूचि में कुल 1572 + 3 (पीछे से वृद्धि किये गये क्रमांक 112a, 463a, 917a, 1043a, 1440a, 1539a ओर कटौती किये गये क्रमांक 926, 1360, 1401 अनुसार) = 1575 कृतियों का परिचय दिया गया है। (3) आगम पंचांगी की चित्रात्मक शैली से प्रस्तुति कृति परिचय के पश्चात् पंचांगी आगम ग्रंथों को चित्रात्मक शैली से दर्शाया गया है । जिससे प्रकाशित हुए नियुक्ति, चूर्णि आदि ग्रंथों की जानकारियाँ शीघ्रता से एवं रोचक शैली से उपलब्ध होती है । अनेक मूल आगम ग्रंथों के नाम सहित बनाए गए प्रत्येक चित्र, चित्रात्मक रूप से निर्देशित पंचांगी कृतियाँ (उदाहरणार्थ नियुक्तियाँ) आदि, उन आगम ग्रंथों पर उपलब्ध व प्रकाशित होने का निर्देश करती है । विशेष यह है कि, एक ही आगम पर एकाधिक टीका आदि होने पर आगम के नाम के साथ उनकी कुल संख्या कोष्ठक O में चित्र अंतर्गत बताई गई है। (4) प्रकाशन परिचय इस विभाग में आगमिक कृतियों के प्रकाशन की जानकारियाँ दी गई है, इसे कृति परिचय से संलग्न करने हेतु प्रत्येक प्रकाशन परिचय अंतर्गत कृतिक्रमांक रखे गये हैं । प्रकाशनों का परिचय आगम अनुक्रमणिका में दिए गए विभागों के क्रमानुसार दिया गया है और प्रत्येक विभाग के प्रकाशनों का परिचय प्रकाशन संवत् के क्रम से दिया गया है । एवं एक ही प्रकाशन संवत् में प्रकाशक के अकारादि क्रम से दर्शाया गया है । प्रत्येक विभाग में केवल उसी आगम से संबंधित प्रकाशनों का परिचय दिया गया है । अर्थात् 'आचाराङ्गसूत्रं सूत्रकृताङ्गसूत्रं च' आदि एक से अधिक आगम से संबंधित प्रकाशनों का परिचय 'एकाधिक आगम साहित्य' विभाग में दिया गया है, विशेष जानकारी आगमिक अनुक्रमणिका के परिचय अंतर्गत पहले ही दी गई है। Page #21 -------------------------------------------------------------------------- ________________ xviii अभीष्ट आगम विभाग के प्रकाशन परिचयों का सीधा ही अवलोकन करके और प्रकाशन परिचायक नाम के आधार पर अभीष्ट विषय (कृतियों) का निर्णय करके, वाचक प्रकाशन परिचय अंतर्गत रखे गए कृतिक्रमांकों के आधार से कृति परिचय में से उन कृतियों के अन्य प्रकाशनों की जानकारियाँ सरलता से प्राप्त कर सकता है । प्रकाशन अंतर्गत कृति का अपूर्ण प्रकाशन हुआ हो, तो उसकी जानकारी प्रकाशन परिचय अंतर्गत ही दी गई है। Is प्रस्तुत सूचि में कुल 1799+ 2( पीछे से वृद्धि कीए गए प्रकाशनक्रमांक 121a, 1273a, 1278a ओर कटौती किये गये क्रमांक 1172 अनुसार) = 1801 प्रकाशनों का परिचय दिया गया है । (5) परिशिष्ट 1 : कर्ता-संपादक अनुक्रमणिका (अकारादि सूची) इस परिशिष्ट में कर्ता आदि की पहचान हेतु कर्ता/संपादक आदि के अन्य नाम, उपनाम, विशेषण, गुरु का नाम, गच्छ अथवा संप्रदाय, कर्ता की विद्यमानता का समय आदि जानकारियाँ यथाप्राप्त दी गई प्रस्तुत सूची में निर्दिष्ट कर्ता, संपादक आदि से संबंधित कृतियों एवं प्रकाशनों की जानकारी उपलब्ध कराने हेतु कृति एवं प्रकाशन के क्रमांक दिये गये है । (6) परिशिष्ट 2 : प्रकाशक अनुक्रमणिका (अकारादि सूची) इस परिशिष्ट में प्रकाशक की पहचान हेतु प्रकाशक के अन्य नाम एवं प्रकाशक के निवास (शहर/ राज्य) संबंधित जानकारी यथासंभव दी गई है एवं पूर्वप्रकाशक सम्बन्धित जानकारी भी दी गई है । प्रस्तुत सूचीगत प्रकाशकादि से संबंधित प्रकाशन की जानकारी उपलब्ध कराने हेतु प्रकाशनक्रमांक दिये गये हैं। (7) परिशिष्ट 3 : कृति स्वरूपों की सूची कृति परिचय में प्रयुक्त सभी स्वरूपों की सूची इस परिशिष्ट में दी गई है, विशेषतः प्रत्येक विभाग में सर्व कृतियों का परिचय इस परिशिष्ट में दिए गए स्वरूपों के क्रमानुसार दिया गया है । (8) परिशिष्ट 4 : कृति से असंबद्ध प्रकाशनों का परिचय इस परिशिष्ट में ऐसे प्रकाशनों के क्रमांक दिये गये है, जिनके कृति परिचय हमने नहीं दिए है, किन्तु प्रकाशन परिचय अंतर्गत ही प्रकाशन के विषय की जानकारी दी गई है । अतः कृति परिचय एवं प्रस्तुत परिशिष्ट में दिये गये प्रकाशन क्रमांकों के माध्यम से वाचक अभीष्ट विषय संबंधित समग्र प्रकाशनसूची में दिये गये कृति व प्रकाशन की जानकारी प्राप्त कर सकता है । Page #22 -------------------------------------------------------------------------- ________________ XIY न सूची मार्गदर्शिका न - कृति परिचय का प्रात्यक्षिक (Demo) - (केवल समझने हेतु) कृति परिचय अंतर्गत प्रदर्शित की गई कृति संबंधित जानकारियों का परिचय यहाँ प्रात्यक्षिक के माध्यम से दिया गया है । प्रात्यक्षिक में प्रदर्शित उदाहरणों को शीर्षक क्रमांक 0-13 द्वारा विभाजित किया गया है एवं एक ही शीर्षक क्रमांक अंतर्गत दिए गए एकाधिक उदाहरणों को A,B, Aकी संज्ञा से दर्शाया गया है । विशेष :- शीर्षक क्रमांक 0 से 13 एवं A,A,A आदि संज्ञा का इस प्रकाशन सूची से कोई संबंध नहीं है, केवल इस प्रात्यक्षिक को सरलतापूर्वक समझाने हेतु इनका उपयोग किया गया है । O® 9 10 112 13 |O A 'भगवतीसार' टीका | 24 A 'टिप्पणयुक्त', स्वोपज्ञ हेमचंद्रसूरि (मलधारी) वि. 2008P A मूल और नियुक्ति की टीका ® *(प्रा.) जिनहंससूरि, कृतिसंशो.- वि.पूर्व 300# | © * गद्य, पद्य भक्तिलाभ उपाध्याय 100 *श्रु. 2 → चू. 0+4 → अ. 9+16 → उ. (7+6...=) 51+ (11+3...=) 25 → सूत्र 323+481 ग्रं. 2644 प्रवचन 31 (श्रु. 1 → श. 8, श. 9वाँ → उ. 31) 7 रविशुद्धं विशदात्मानं, परमात्मानमात्मना।... भगवान् समित आसीत्।) 12 {1,6, 12, 13,62,67,87, 89,90,91, 94, 95, 97, 1502 13 =14) Page #23 -------------------------------------------------------------------------- ________________ XX उपरोक्त प्रात्यक्षिक (Demo) में निर्दिष्ट शीर्षक क्रमांकानुसार कृति परिचय का विवरण कृति क्रमांक :आगमिक अनुक्रमणिका अंतर्गत निर्देशित आगमिक विभागों के क्रमानुसार यहाँ कृतियों के क्रमांक दिए । गए हैं, विशेषता यह है कि प्रत्येक आगमिक विभाग अंतर्गत परिशिष्ट 3 में दिए गए स्वरूपों के क्रमानुसार और प्रत्येक स्वरूप अंतर्गत रचना संवत् के क्रमानुसार कृतियों के क्रमांक दिए गए हैं। → यहाँ आगमिक अनुक्रमणिका अनुसार प्रथम विभाग (आचारांगसूत्र) की सभी कृतियाँ परिशिष्ट 3 में दिए गए स्वरूपों के क्रम से दी गई हैं और प्रत्येक स्वरूप अंतर्गत रचना संवत् के क्रम से कृति क्रमांक दिए गए हैं, जैसे कि आचारांगसूत्र की प्रकाशित 3 टीकाओं के क्रमांक उनकी रचना संवत् की प्राचीनता के अनुसार दिए गए हैं । आचारांगसूत्र की कृतियों की समाप्ति के पश्चात् दूसरे (सूत्रकृतांगसूत्र)तीसरे (स्थानांगसूत्र) आदि विभागों की कृतियाँ उसी तरह से दी गई हैं । 7 प्रकाशन परिचय एवं परिशिष्ट 1 (कर्ता/संपादक की अकारादि सूची) में दिए गए कृति क्रमांक इस से संबंधित हैं । (2) स्व रूप :→ प्रत्येक कृति की पहचान के रूप में कृति क्रमांक के पश्चात् सर्व प्रथम कृति का स्वरूप दिया गया ___है, यथा - 'मूल', 'भाष्य' आदि । → कृति परिचयों में निर्देशित स्वरूपों की सूची परिशिष्ट 3 में दी गई है । → एक ही कर्ता द्वारा एक ही कृति पर एक ही भाषा में रचित शब्दार्थ, अनुवाद, विवेचन आदि विविध स्वरूपों की कृतियाँ वाचकवर्ग की सरलता हेतु यहाँ एक साथ एक ही कृति क्रमांक से दर्शाई गई है । → कृति परिचय अंतर्गत स्वरूप दर्शाने की पद्धति :- प्रत्येक विभाग अंतर्गत एक ही स्वरूप की एकाधिक कृतियाँ होने पर स्वरूप का नाम एकाधिक कृतियों में से केवल प्रथम कृति के साथ ही दिखाया गया है । जैसे कि, आचारांगसूत्र पर तीन टीका होने के कारण केवल प्रथम टीका के सामने ही स्वरूप का नाम दिया गया है, उसके पश्चात् उसकी अनुवृत्ति समझें। 3 स्वरूप क्रमांक :→ स्वरूप के साथ कोष्ठक () में आचारांगादि प्रत्येक आगम विभागगत 1 से शुरू होता स्वरूप क्रमांक दिया गया है । → अतः प्रत्येक विभाग में दिया गया अंतिम स्वरूप क्रमांक उस विभाग में कृति परिचय अंतर्गत दर्शाए गए कुल स्वरूपों की संख्या का सूचक है । Page #24 -------------------------------------------------------------------------- ________________ XXi जैसे कि प्रकाशनसूची में सूत्रकृतांगसूत्र विभाग में स्वरूपों का अंतिम क्रमांक 25 है, अर्थात् सूत्रकृतांगसूत्र विभाग में दी गई सर्व कृतियाँ कुल 25 प्रकार के स्वरूपों में विभक्त हैं । → इन क्रमांकों का अन्य सूचियों से कोई संबंध नहीं हैं। @ स्वरूपगत पेटा क्रमांक :→ एक ही स्वरूप की एकाधिक कृतियाँ होने पर पेटा क्रमांक दिया गया है । जिसके माध्यम से विभाग अंतर्गत प्रत्येक स्वरूप की उपलब्ध कृतियों की संख्या प्राप्त होती हैं। → यहाँ विशेषता यह है कि पेटाक्रमांक रचना संवत् के क्रम से दिए गए हैं । → जैसे कि आचारांगसूत्र की टीकाओं के अंतर्गत यह क्रमांक 1 से 3 तक दिए गए हैं, अर्थात् आचा.सूत्र पर कुल 3 टीकायें प्रकाशित हैं । शीलांकाचार्यजी की टीका का पेटाक्रमांक 1 है अर्थात् शीलांकाचार्यजी की टीका आचारांगसूत्र की प्रकाशित प्राचीनतम् टीका है । → इस क्रमांक को अन्य सूचियों से कोई संबंध नहीं है । 6 कर्ता :→ कृति परिचय अंतर्गत स्वरूप के पश्चात् कृति के कर्ता का परिचय दिया गया है, जो कृति की पहचान ___ का महत्त्वपूर्ण अंग है । → कर्ता के परिचय के रूप में कर्ता का प्रसिद्ध नाम कृति परिचय में दिया गया है और कर्ता के गुरु, संप्रदाय आदि विशेष जानकारी परिशिष्ट 1 (कर्ता अनुक्रमणिका) में दी गई हैं । '→ किसी एक ही नाम के दो या अधिक प्रसिद्ध कर्ता होने पर कर्ता के उपनाम, विशेषण आदि को कर्ताओं के नाम के साथ ही कोष्ठक () में दर्शाया गया है । → कृति के रचना समय या उसके निकट काल में, कर्ता के कहने से या अन्य कारण से, किसी ओर के द्वारा कृति का संशोधन किया गया हो, तो कृति संशोधक के रूप में यहाँ पर उनका भी समावेश किया गया है । इसी तरह कृति उद्धारक, कृति प्रशस्तिकार का उल्लेख भी यहाँ किया गया है । → उदाहरण A अनुसार कर्ता हेमचंद्रसूरि के साथ कोष्ठक () में दिया गया 'मलधारी' विशेषण समान नामधारी अन्य कर्ता ('कलिकालसर्वज्ञ' हेमचंद्रसूरि) से भेद दर्शाने के लिए दिया गया है । उदाहरण 6 अनुसार जिनहंससूरि रचित कृति के संशोधक भक्तिलाभ उपाध्याय है । 6 रचना संवत् :→ कर्ता के पश्चात् कृति की रचना संवत् दी गई है। → रचना संवत् न मिलने पर अन्य संदर्भो के माध्यम से प्राप्त अनुमानित संवत् '#' के चिह्न से दर्शाई गई है । सदी के रूप में दर्शित रचना संवत् अनुमानित है ।। → रचना संवत् न मिलने पर अर्वाचीन कृतियों (अनुवाद आदि) में 'P' की संज्ञा पूर्वक प्रकाशन संवत् दी गई हैं । किन्तु यह नियम केवल और केवल अर्वाचीन कृतियों के लिए ही है । → रचना संवत् के निर्देशन में उपयुक्त संकेतों की स्पष्टता संकेतसूची में दी गई है। Page #25 -------------------------------------------------------------------------- ________________ xxii → उदाहरण A में विक्रम संवत् 2008 अर्वाचीन कृति की प्रकाशन संवत् है । → उदाहरण 6 में कृति की रचना विक्रम संवत् से 300 से भी अधिक वर्ष पहले होने का अनुमान किया गया है। O प्रसिद्ध नाम एवं विशेषता :→ कृति के व्यवहार में प्रचलित नाम एवं कर्ता/संपादक के द्वारा दिए गए विशेष नाम यहाँ पर दिए गए → अनुवाद, विवेचन आदि कृतियों में अनुवादक, विवेचक द्वारा विशेष स्पष्टीकरण/साक्षीपाठ/तुलना आदि अगर टिप्पण के रूप में दिये गये हैं, तो कृतियों की ऐसी विशेषताओं का उल्लेख भी यहाँ किया गया है । → टीका आदि कृतियों की रचना अगर मूल, नियुक्ति आदि एकाधिक कृतियों पर हो, तो उसकी स्पष्टता यहाँ पर की गई है। → उदा. A में भगवतीसार कृति का प्रसिद्ध नाम है । → उदा. 6 में कृति टिप्पणयुक्त है, एवं स्वोपज्ञ है - अर्थात् कर्ता द्वारा स्वरचित प्रकरण आदि ग्रंथ __पर स्वयं ही विवेचन आदि की रचना की गई है, जिसमें टिप्पण भी कर्ता द्वारा दिए गए हैं । → उदा. A में प्रस्तुत टीका मूल और नियुक्ति इन दोनों पर बनाई गई है । 6 भाषा :→ कृति की भाषा कोष्ठक '()' में सांकेतिक रूप से दी गई है । → भाषाओं के लिए प्रयुक्त संकेतों की सूची संकेतसूची अंतर्गत दी गई हैं । 9 रचनाशैली :→ कृति की गद्यात्मक, पद्यात्मक आदि रचनाशैली का उल्लेख यहाँ किया गया है । 40 परिमाण :→ कृति का प्रकाशित परिमाण ही यहाँ दिया गया है । यहाँ मूल कृतियों के परिमाण विस्तार से दिए गए हैं । → विवरणात्मक कृतियों के परिमाण दर्शाने के लिए विवृत कृति के परिमाण को कोष्ठक () में आवश्यकता अनुसार संक्षिप्त करके दर्शाया गया है ।। → परिमाण दर्शाने के लिए उपयुक्त संकेतों की सूची संकेतसूची में दी गई हैं । → परिमाण संबंधित विशेष स्पष्टता निम्नोक्त उदाहरणों में सरलता से देने का प्रयास किया गया है । → उदाहरण में आचारांगसूत्र की मूल कृति का प्रकाशित परिमाण दिया गया है, जिसके अनुसार आचारांगसूत्र में कुल 2 श्रुतस्कंध हैं, जिनमें प्रथम श्रुतस्कंध के 9 अध्ययन एवं प्रत्येक अध्ययन के 7, 6.. आदि कुल 51 उद्देश और प्रथम श्रुतस्कंध के कुल 323 सूत्र हैं, जबकि दूसरे श्रुतस्कंध की 4 चूलिका, 16 अध्ययन एवं प्रत्येक अध्ययन के 11, 3.. आदि कुल 25 उद्देश और दूसरे श्रुतस्कंध के कुल 481 सूत्र हैं, एवं संपूर्ण कृति का कुल ग्रंथान 2644 श्लोकप्रमाण है। Page #26 -------------------------------------------------------------------------- ________________ xxiii → उदाहरण अनुसार यह प्रवचन की कृति है, जिसमें मूल कृति के प्रथम श्रुतस्कंध के शतक 1 से 8 एवं 9वें शतक के उद्देश 1 से 31 संबंधित कुल 31 प्रवचन हैं । यहाँ मूल कृति से संबंधित परिमाण अर्थात् आरोपित परिमाण (प्रस्तुत उदाहरण में श्रुतस्कंध आदि) को कोष्ठक '()' में दर्शाया गया है जबकि कृति का स्वतंत्र परिमाण (प्रस्तुत उदाहरण में 31 प्रवचन) कोष्ठक 'O' के बहार दर्शाया गया (11 आदि-अंतवाक्य :→ प्राचीन कृतियों के आदिवाक्य के प्रथम तीन शब्द के पश्चात् तीन डोट (...) कर के अंतवाक्य के प्रायः तीन शब्द दिए गए हैं । → कुछ अर्वाचीन कृतियों के भी उपरोक्त तरीके से आदि-अंत वाक्य दिए गए हैं । 12 कृति के प्रकाशन क्रमांक :→ प्रत्येक कृति परिचय अंतर्गत सबसे अंत में जिस प्रकाशन अंतर्गत प्रस्तुत कृति के प्रकाशन हुए हैं, उनके प्रकाशन क्रमांक कोष्ठक '' में दिये गये हैं । जिसके कारण कृति के सभी प्रकाशनों से संबंधित जानकारी यहाँ दिए गए इन प्रकाशन क्रमांको के माध्यम से जानी जा सकती है । → जिस प्रकाशन अंतर्गत कृतियों का अपूर्ण रूप से प्रकाशन हुआ है, उस प्रकाशनों के परिचय अंतर्गत ही ऐसी अपूर्ण परिमाण संबंधित जानकारी दी गई है । 13) प्रकाशनों की कुल संख्या :→ प्रकाशन क्रमांको के पश्चात् '=' चिह्न से कृति के कुल प्रकाशनों की संख्या दिखाई गई है, किन्तु यहाँ विशेषता यह है कि प्रकाशन क्रमांकों की संख्या 3 से अधिक होने पर ही '=' के चिह्न से प्रकाशनों की कुल संख्या दर्शाई गई हैं । Page #27 -------------------------------------------------------------------------- ________________ xxiv प्रकाशन परिचय का प्रात्यक्षिक (Demo) (केवल समझने हेतु) प्रकाशन परिचय अंतर्गत प्रदर्शित की गई प्रकाशन संबंधित जानकारियों का परिचय यहाँ प्रात्यक्षिक के माध्यम से दिया गया है । प्रात्यक्षिक में प्रदर्शित उदाहरणों को शीर्षक क्रमांक 7-12 द्वारा विभाजित किये गये हैं एवं एक ही शीर्षक क्रमांक अंतर्गत दिए गए एकाधिक उदाहरणों को A,A,A की संज्ञा से दर्शाया गया हैं । विशेष :- शीर्षक क्रमांक से 2 एवं A,B, A आदि संज्ञा का इस प्रकाशन सूची से कोई संबंध नहीं है, केवल इस प्रात्यक्षिक को समझाने हेतु इनका उपयोग किया गया है । | AR आचारांग सूत्रम् भावानुवाद 3 {आचा.सूत्र सह नियुक्ति, आगमो- संपा.- | 2064-| शीलांकी टीका, रत्नज्योतविजयजी | द्धारक पूर्णचंद्र- ____20694722 पं. कृत (गु.)अनु.(श्रु.1),टीकानु.) श्रुतसेवा सागरजी 6230+374+482 भाग 1-3 समिति,(P) गणि , =1086 6 {आगम मूल/टीकागत अल्प- आगमोदय पूर्व संशो., (1) 6284+296+320... परिचित सैद्धांतिक (प्रा./सं.) समिति पूर्व संपा. =1576 शब्द→विविध टीका/चूर्णि गत। | {श्रेणी 20} सागरानंद(प्रा./सं.) शब्दार्थात्मक साक्षीपाठ, स्थाननिर्देशयुक्त (अ.., क.., ट.., A (B) फ.., श..) एवं परि.गत देशीनाममाला का (देशीशब्द→सं.) शब्दकोश) भाग 1-5 A {आचा.सूत्र सह चूर्णि} 4र (दे.ना.,गु.) 2 [T,S] A {1,2,4,39,52} {#} सरि D (P) उपरोक्त प्रात्यक्षिक (Demo) में निर्दिष्ट शीर्षक क्रमांकानुसार प्रकाशन परिचय का विवरण जो प्रकाशन क्रमांक :→ आगमिक अनुक्रमणिका में दिए गए आगमिक विभागों के क्रमानुसार यहाँ पर प्रकाशनों के क्रमांक दिए गए हैं, विशेषता यह है कि प्रत्येक आगमिक विभाग अंतर्गत प्रकाशन संवत् के क्रम से और एक ही प्रकाशन संवत् अंतर्गत प्रकाशक के अकारादि क्रम से प्रकाशन क्रमांक दिए गए हैं । Page #28 -------------------------------------------------------------------------- ________________ XXV → जैसे कि यहाँ पर आगमिक अनुक्रमणिका अनुसार प्रथम विभाग (आचारांगसूत्र) के सभी प्रकाशनों का परिचय प्रकाशन संवत् के क्रम से दिया गया है एवं एक ही संवत् में प्रकाशित एकाधिक प्रकाशनों का परिचय प्रकाशकों के अकारादि क्रम से दर्शाया गया है । आचारांगसूत्र के प्रकाशनों के परिचय के पश्चात् दूसरे (सूत्रकृतांगसूत्र) एवं तीसरे (स्थानांगसूत्र) आदि विभागों के प्रकाशनों का परिचय इसी तरह से दिया गया है। + कृति परिचय एवं परिशिष्ट 1 और 2 (कर्ता/संपादक की और प्रकाशकों की अकारादि सूची) में दिए गए प्रकाशन क्रमांक इसी क्रमांक से संबंधित हैं । 7 प्रकाशन नाम :→ प्रकाशन परिचय अंतर्गत पुस्तक/प्रत के मुखपृष्ठ/प्रथम पृष्ठ पर संपादकादि द्वारा दिया गया प्रकाशन का नाम सबसे पहले दिया गया है । 2 प्रकाशन परिचायक नाम :→ प्रकाशन अंतर्गत प्रकाशित कृतियों का या प्रकाशन के मुख्य विषयों का परिचय यहाँ प्रकाशन नाम के पश्चात् कोष्ठक { } में दिया गया है, जिसके अंतर्गत प्रकाशित कृतियों का परिचय कर्ता, परिमाण, भाषा, स्वरूप आदि की आवश्यकतानुसार स्पष्टतापूर्वक दिया गया है । परिचायक नाम अंतर्गत भाषा कोष्ठक () में और आरोपित (मूलकृति के अनुसंधान से प्रदर्शित) परिमाण कोष्ठक []/ () में दर्शाये गये हैं । → यहाँ पर विशेषता यह है कि यदि कृति के स्वरूप से ही कृति के कर्ता एवं भाषा ज्ञात हो जाते हैं, . तो वहाँ कृति के स्वरूप के साथ कर्ता एवं भाषा का निर्देश नहीं दिया गया है, जैसेकि, आचारांगसूत्र के नियुक्तिकारश्री भद्रबाहुस्वामी ही है और नियुक्ति की भाषा भी प्राकृत ही है, तो वहाँ कर्ता व भाषा का निर्देश नहीं किया है । किन्तु अनुवाद आदि कृतियाँ एकाधिक भाषा व एकाधिक अनुवादक की होने की संभावना के कारण, ऐसी कृतियों में अनुवादक के नाम व भाषा का निर्देश, परिचायक नाम में स्वरूप के साथ दिया गया है । परिमाण के लिए नियम यह है कि प्रकाशन अंतर्गत जो कृति पूर्ण रूप (पूर्ण परिमाण) से प्रकाशित है, तो एसी कृतियों के परिमाण यहाँ नहीं दिए गए हैं, केवल अपूर्ण रूप (परिमाण) से प्रकाशित कृतियों के ही परिमाण दिए गए हैं । → प्रकाशन अगर एक से अधिक भागों में हुआ हो तो कुल भागों की संख्या परिचायक नाम के पश्चात् दी गई है। → प्रकाशन परिचायक नाम संबंधित विशेष स्पष्टता के लिए निम्नोक्त उदाहरण देखें :→ उदा. A प्रस्तुत उदाहरण में केवल रत्नज्योतविजयजी के अनुवाद का ही परिमाण दिया गया है । जिसका मतलब है कि, प्रस्तुत में प्रथम श्रुतस्कंध का अनुवाद प्रकाशित किया गया है। जबकि मूल, नियुक्ति, टीका, टीकानुवाद आदि कृतियों के दोनों श्रुतस्कंध का प्रकाशन किया गया है । → उदा.6 प्रस्तुत उदाहरण में प्रदर्शित प्रकाशन परिचायक नामानुसार, प्रस्तुत प्रकाशन- आगम मूल/ टीका में दिये गये (प्रा.)/(सं.) अल्पपरिचित शब्दों का 'अ.., क.., ट.., फ.., श..' से शुरू होते कुल 5 भागों में प्रकाशित शब्दार्थात्मक अकारादि कोश है, जिसमें शब्दार्थ के रूप में विविध टीका चूर्णि Page #29 -------------------------------------------------------------------------- ________________ XXVI में प्राप्त (प्रा.)/(सं.) शास्त्रपाठ, उनके स्थाननिर्देश सहित दिए गए हैं, एवं परिशिष्ट में कलिकालसर्वज्ञ हेमचंद्रसूरि रचित 'देशीनाममाला' ग्रंथ के देशीशब्दों का (सं.) शब्दार्थात्मक कोश है । → उदा. A प्रस्तुत उदाहरण की स्पष्टता :- आचारांगसूत्र पर एक ही चूर्णि (कर्ता :- जिनदासगणिजी महत्तर; भाषा :- प्रा., सं.) प्रकाशित है, अतः यहाँ कृति के कर्ता या भाषा का निर्देश नहीं किया गया है, एवं प्रस्तुत उदा. में कृति पूर्ण रूप से (दोनों श्रुतस्कंध) प्रकाशित होने से कृति का परिमाण भी नहीं दर्शाया गया है । र प्रकाशन लिपि :→ प्रकाशन में उपयुक्त मुख्य लिपियाँ प्रकाशन परिचायक नाम के पश्चात् कोष्ठक { } में दी गई हैं । लिपियाँ दर्शाने के लिए उपयुक्त संकेतों की स्पष्टता 'संकेतसूची' में दी गई है। विशेषता :→ लिपि के पश्चात् टिप्पणयुक्त प्रकाशनों के लिए 'T' की संज्ञा एवं हस्तप्रत आदि के आधार से संशोधित ग्रंथों या अन्य संशोधनात्मक प्रकाशनों के लिए 's' की संज्ञा दर्शायी गई है । → यह दोनों संज्ञा संलग्न प्रकाशनों में कोष्ठक [] में दर्शायी गई हैं । र कृति क्रमांक :→ प्रकाशन नाम की कोलम में सबसे अंत में प्रकाशन अंतर्गत प्रकाशित कृतियों के क्रमांक कोष्ठक { } में बताए गए हैं, जिससे उन सर्व कृतियों की संपूर्ण जानकारी यहाँ दिए गए कृति क्रमांकों के माध्यम से उपलब्ध हो सकती है । → इन कृति क्रमांकानुसार उपलब्ध कृति परिचयों में परिमाण पूर्ण रूप से दर्शाया गया है, किन्तु जिस प्रकाशन अंतर्गत कृतियों का अपूर्ण रूप से प्रकाशन हुआ है, ऐसे प्रकाशनों के परिचायक नाम अंतर्गत ही अपूर्ण परिमाण संबंधित जानकारी दी गई है । → शब्दकोश आदि कुछ प्रकाशनों के लिए स्वतंत्र कृति नहीं दी गई है, अतः ऐसे प्रकाशनों में कृति क्रमांक के स्थान पर '#}' की संज्ञा दी गई है । और ऐसे '{#}' संज्ञावाले प्रकाशनों के क्रमांक 'परिशिष्ट 4' में दिये गये हैं। 7 प्रकाशक :→ प्रकाशित पुस्तक/प्रत के प्रकाशक का नाम यहाँ दिया गया है । → प्रकाशन अंतर्गत अगर पूर्व प्रकाशक का नामोल्लेख हो, तो पूर्व प्रकाशक का नाम भी यहाँ (P) की संज्ञा से दिया गया है ।। → प्रकाशक नाम के पश्चात् अंत में कोष्ठक {} में ग्रंथमाला का नाम ग्रंथांक सहित दिया गया है । यहाँ विशेषता यह है कि ग्रंथमाला के नाम अंतर्गत प्रकाशक नाम से मिले-झुले शब्दों का पुनरोच्चार नहीं किया गया । एकाधिक भागवाले प्रकाशनों में सिर्फ प्रथम भाग का ग्रंथांक दिया गया है । → विशेष स्पष्टता उदाहरण के द्वारा दी गई है। उदा. - प्रस्तुत उदाहरण में प्रकाशक :- आगमोद्धारक श्रुतसेवा समिति, पूर्वप्रकाशक :- आगमोदय समिति, ग्रंथमाला :- आगमोद्धार श्रुतसेवा समिति श्रेणी और ग्रंथांक :- 20 हैं । Page #30 -------------------------------------------------------------------------- ________________ xxvii ★ संपादक आदि : → प्रकाशित पुस्तक / प्रत के संपादक, संकलनकार आदि संबंधित जानकारी यहाँ दी गई है और अगर प्रकाशन अंतर्गत पूर्व संपादक, पूर्व संशोधक आदि का उल्लेख हो तो उनकी जानकारी भी यहाँ दी गई है । → संपादक आदि का प्रकाशन में दिया गया अथवा उपलब्ध अंतिम पदवी का नाम दिया गया है । → अनुवादक आदि का नाम संपादक आदि के रूप में आवश्यकता अनुसार ' (# ) ' संज्ञा पूर्वक दिया गया है । ॐ प्रकाशन संवत् : → प्रकाशन की विक्रम संवत् यहाँ दी गई है। → संवत् अप्रदर्शित होने पर प्रकाशन की शैली, प्रकाशक या संपादक के समयकाल आदि के आधार से ' (# ) ' संज्ञा पूर्वक अनुमानित संवत् दी गई है । → एकाधिक भागवालें प्रकाशनों में '' की संज्ञा पूर्वक प्रथम और अंतिम भाग की वि. सं. दी गई हैं। उदा. प्रस्तुत उदाहरण अनुसार प्रथम भाग वि. सं. 2064 में और अंतिम भाग वि.सं. 2069 में प्रकाशित हुआ है। आवृत्ति -- → विक्रम संवत् के साथ कोष्ठक () में प्रकाशन की आवृत्ति संकेतात्मक रूप से दी गई है । → एकाधिक भागवाले प्रकाशनों में सिर्फ प्रथम भाग की आवृत्ति दी गई है । की पृष्ठ संख्या : → पुस्तक के कुल पृष्ठों की संख्या यहाँ दी गई हैं। → एकाधिक भागवालें प्रकाशनों में तीन भाग तक की पृष्ठ संख्या दिखाकर अंत में '' की संज्ञा द्वारा सर्व भागों की कुल पृष्ठ संख्या दी गई हैं । उदा. 4 अनुसार पुस्तक की कुल पृष्ठ संख्या 722 है । a उदा. 6 अनुसार प्रकाशन कुल तीन भाग में हुआ है, जिनकी पृष्ठ संख्या 230, 374, 482 है और सर्व भागों की कुल मिलाकर पृष्ठ संख्या 1086 होती है । विशेष :- तीन से अधिक भाग होने पर तीन भागों की पृष्ठ संख्या के पश्चात् '=' संज्ञा से पहले शेष भागों के सूचक ...(तीन डोट) किए गए हैं । उदा. C अनुसार प्रकाशन तीन से अधिक भागों में हुआ है, जिनकी पृष्ठ संख्या 284, 296, 320,..... आदि है, एवं सर्व भागों की कुल मिलाकर पृष्ठ संख्या 1576 है । ★ आकार एवं कद (Size) : → प्रकाशन परिचय के अंत में पृष्ठ संख्या के साथ कोष्ठक () में प्रकाशन का आकार एवं कद दिया गया है । → केवल पुस्तकाकार प्रकाशनों का ही कद दिया गया है, किन्तु प्रताकार प्रकाशनों का कद नहीं दिया गया है । → प्रताकार के लिए P संज्ञा दी गई है एवं पुस्तकाकार के लिए कदसूचक (A, B आदि) संज्ञाएँ दी गई है । → आकार एवं कद दर्शाने हेतु उपयुक्त संज्ञा 'संकेतसूची' में दी गई है । Page #31 -------------------------------------------------------------------------- ________________ xxviii *परिशिष्ट 1-कर्ता-संपादक अनुक्रमणिका (अकारादि सूची) का प्रात्यक्षिक (Demo) * परिशिष्ट 1 अंतर्गत दिए गए कर्ता/संपादकों की सूची का परिचय यहाँ प्रात्यक्षिक के माध्यम से दिया गया है । प्रात्यक्षिक में प्रदर्शित उदाहरणों को शीर्षक क्रमांक 4-6 द्वारा विभाजित किया गया है। विशेष :- शीर्षक क्रमांक 1 से 6 का इस प्रकाशन सूची से कोई संबंध नहीं है, केवल इस प्रात्यक्षिक . को समझाने हेतु इनका उपयोग किया गया है । | हरिभद्रसूरि (भवविरहसूरि) 3 -याकिनी महत्तरासूनु 6 K (112,394,437, 506, 522=5) | 802|| {विद्याधर} ॐ [विद्यमान् सं.वि. 833] | P (1193, 1209, 1229, 1245) A कर्ता/संपादक क्रमांक :→ कर्ता/संपादक सूची अंतर्गत यह क्रमांक नाम के अकारादि क्रम से दिए गए हैं । २ कर्ता/संपादक का नाम :→ कृति एवं प्रकाशन परिचय में प्रयुक्त सभी कर्ता, टीकाकार, संपादक आदि के नाम यहाँ दिए गए हैं । → समान नामवाले अन्य कर्ताओं से भेद दर्शाने के लिए उपनाम, विशेषण आदि आवश्यकतानुसार कर्ता के नाम के साथ ही कोष्ठक ) में दिए गए हैं । ॐ गुरु का नाम/विशेषण :→ कर्ता परिचय के रूप में कर्ता के प्रसिद्ध विशेषण, उपनाम, गुरु का नाम आदि यथासंभव '-' की संज्ञापूर्वक कर्ता के नाम के साथ दिए गए हैं । 4 संप्रदाय :→ कर्ता/संपा. के कुल/शाखा/गच्छ/संप्रदाय का परिचय कोष्ठक { } में यथासंभव दिया गया है । . समय :→ कर्ता/संपा. के समयकाल को दर्शाने के लिए कर्ता/संपा. की किसी एक रचना/प्रकाशन की संवत्, जन्म संवत् आदि संबंधित संवत् कोष्ठक [] में यथासंभव दर्शाई गई है । 6 कृति एवं प्रकाशन क्रमांक :→ मूलकर्ता, टीकाकार, संपादक आदि से संलग्न कृति एवं प्रकाशन परिचयों की जानकारी प्राप्त करने हेतु यह क्रमांक दिए गए हैं । → कर्ता, टीकाकार आदि के साथ संलग्न कृतिओं के क्रमांक 'K' (=कृति परिचय) की संज्ञापूर्वक एवं संपादक, संकलनकर्ता आदि से संलग्न प्रकाशनों के क्रमांक 'P' (=प्रकाशन परिचय) की संज्ञा पूर्वक क्रमशः कोष्ठक () में दिए गए हैं । Page #32 -------------------------------------------------------------------------- ________________ xxix → कृति क्रमांक अगर प्रकाशन क्रमांको की संख्या 4 से अधिक हो तो '=' के चिह्न से उनकी कुल संख्या दी गई है। → उदा. प्रस्तुत उदाहरणानुसार 112, 394, 437, 506, 522%35, यह कर्ता की कुल 5 कृतियों के क्रमांक हैं, जिसे 'K' की संज्ञा से दर्शाया गया है । तथा 1193, 1209, 1229, 1245, यह संपादक के कुल 4 प्रकाशनों के क्रमांक हैं, जिसे 'P' की संज्ञा से दर्शाया गया है । * परिशिष्ट 2 - प्रकाशक अनुक्रमणिका (अकारादि सूची) का प्रात्यक्षिक (Demo) # परिशिष्ट 2 अंतर्गत दिए गए प्रकाशक, पूर्वप्रकाशकों की सूची का परिचय यहाँ प्रात्यक्षिक के माध्यम से दिया गया है । प्रात्यक्षिक में प्रदर्शित उदाहरणों को शीर्षक क्रमांक 1-6 द्वारा विभाजित किया गया है । विशेष :- शीर्षक क्रमांक 1 से 6 का इस प्रकाशन सूची से कोई संबंध नहीं है, केवल इस प्रात्यक्षिक को समझाने हेतु इनका उपयोग किया गया है । | हिंदी ग्रंथ रत्नाकर कार्यालय | (3) (हिंदी ग्रंथ रत्नाकर प्राईवेट लिमीटेड, Hindi Granth Karyalay), A मुंबई 67, 103, 848, 920, 962 = 5 1 प्रकाशक क्रमांक :→ प्रकाशक सूची अंतर्गत यह क्रमांक नाम के अकारादि क्रम से दिए गए हैं । (2) प्रकाशक नाम :→ प्रकाशन परिचय में प्रयुक्त सभी प्रकाशक एवं पूर्व प्रकाशकों के नाम यहाँ दिए गए हैं । (3) अन्य नाम :→ प्रकाशक के अन्य प्रसिद्ध नाम कोष्ठक () में दिए गए हैं । (4) स्थल :→ प्रकाशक के स्थान (शहर, राज्य आदि) की जानकारी यथासंभव यहाँ दी गई है। 5) प्रकाशन क्रमांक :→ प्रकाशक, पूर्वप्रकाशक से संलग्न, प्रकाशन परिचयों की जानकारी प्राप्त करने हेतु ये क्रमांक दिये गये हैं । प्रकाशन क्रमांकों की संख्या 4 से अधिक हो तो '=' के चिह्न से उनकी कुल संख्या दी गई है। → उदा. प्रस्तुत उदाहरणानुसार 7, 103, 848, 920, 962 = 5, यह प्रकाशक के कुल 5 प्रकाशनों के क्रमांक हैं । Page #33 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्रम 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 संकेत 22 () * / ; [] [s] [1] $ {#} 1 + + XXX संकेत सूची లిం स्पष्टीकरण 'से' अर्थ में स्पष्ट उल्लेख न मिलने पर अन्य आधारभूत सामग्री से अनुमानित कर्ता / संपादक / प्रकाशक/ प्रका. वर्ष / रचना संवत् आदि दर्शक गौण विभाग भाग और सर्वभाग को विभक्त करने के लिए ' अथवा ' अर्थ में 'और' अर्थ में मूलकृति का परिमाण दर्शाने के लिए हस्तलिखित के आधार से संशोधित प्रकाशन टिप्पणयुक्त प्रकाशन कृति से असंबद्ध प्रकाशन वाक्य पूर्णाहुति सूचक पूर्णविराम पेटाविभागों की संख्या दर्शक विभागों की पृष्ठसंख्या दर्शक 'कुल' अर्थ में पेटा परिमाण दर्शाने के लिए A4 से बडी साईझ A4 Size A4 के कुछ 'छोटी साईझ A4 से 1/2 साईझ 1/2 A4 से छोटी साईझ सामान्य सामान्य कृति की भाषा, मूल कृति का परिमाण कृति विशेष व प्रकाशन आदि दर्शाने के लिए नाम कृति विशेष दो जानकारियों को विभक्त करने 'और' अर्थ में सामान्य प्रकाशन नाम सामान्य सामान्य प्रकाशन नाम प्रकाशन नाम प्रकाशन नाम प्रकाशन नाम सामान्य कृति परिमाण पृष्ठ संख्या कृति परि, पृष्ठ संख्या कृति परिमाण कद (Length) कद (Length) कद (Length) कद (Length) मुख्य विभाग सामान्य सामान्य कृति परिचय कृति परिचय सामान्य प्रकाशन परिचय A B C D E कद (Length) जिन मुख्य एवं गौण विभाग में संकेत का उपयोग किया गया है, उन का निर्देश यहाँ पर किया गया है । सामान्य सामान्य प्रकाशन परिचय प्रकाशन परिचय प्रकाशन परिचय प्रकाशन परिचय सामान्य कृति परिचय प्रकाशन परिचय कृति एवं प्रका. परि कृति परिचय प्रकाशन परिचय प्रकाशन परिचय प्रकाशन परिचय प्रकाशन परिचय प्रकाशन परिचय Page #34 -------------------------------------------------------------------------- ________________ xxxi संकेत F KO संवत् gth) स्पष्टीकरण पोकेट साईझ () में कृति क्रमांक प्रकाशन संवत् प्रत आकार प्रकाशन पूर्व प्रकाशक () में प्रकाशन क्रमांक अध्ययन अप्रदर्शित आवृत्ति अवतरणकर्ता अन्तकृद्दशांगसूत्र अंग्रेजी अधिकार अ. अ.त. अ.द.सूत्र अन अं. अधि. अनु. अनुवाद अनु. अनुवादक अनु.द.सूत्र अनुत्तरोपपातिकदशांगसूत्र 38 अनु.सूत्र अनुयोगद्वारसूत्र अनुवादक(अं.) | अनुवादक(अंग्रेजी) अन्व. अन्वयार्थ अभय. अभयदेवसूरिजी कृत अर्वा. टीका अर्वाचीन टीका 43 अर्वा. भाष्य । अर्वाचीन भाष्य 44 अर्वा.अवचूरि अर्वाचीन अवचूरि 45 अर्वा.चूर्णि अर्वाचीन चूर्णि अर्वा.टिप्प. अर्वाचीन टिप्पण 47 अर्वा.टीकानु. अर्वाचीन टीका का अनुवाद 48 अर्वा.प्रश्न. | अर्वाचीन प्रश्नोत्तरी अर्वा.भाष्यानु. . अर्वाचीन भाष्य का अनुवाद अर्वा.संग्रहणी- | अर्वाचीन संग्रहणी-प्रकरण प्रकरण अर्वा.सूत्र । अर्वाचीन सूत्र 52 आ. आवृत्ति आ.प्र.प्रकी. सूत्र | आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णकसूत्र 54 | आ.प्र.प्रकी. सूत्र-1| आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णकसूत्र-1 गौण विभाग मुख्य विभाग कद (Length) प्रकाशन परिचय कृति एवं प्रका. क्रमांक कर्ता अनुक्रमणिका कृति परिचय कद (Length) प्रकाशन परिचय प्रकाशक नाम प्रकाशन परिचय कृति एवं प्रका. क्रमांक कर्ता अनुक्रमणिका कृति परि., प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. आवृत्ति प्रकाशन परिचय संपादक प्रकाशन परिचय कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. भाषा कृति एवं प्रका. परि. कृति परि., प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति परि., प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. संपादक प्रकाशन परिचय कृति परि., प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. संपादक प्रकाशन परिचय कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. प्रकाशन नाम प्रकाशन परिचय कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. 46 49 कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. सामान्य सामान्य कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. 53 Page #35 -------------------------------------------------------------------------- ________________ xxxii गौण विभाग कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. नाम कर्ता समय कृति एवं प्रका. नाम मुख्य विभाग | कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. परि. कर्ता अनुक्रमणिका कृति एवं प्रका. परि. 58| कृति एवं प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. 60 61 संवत् 62 63 65 67 उप. 68 क्रम संकेत स्पष्टीकरण 55 | आ.प्र.प्रकी. सूत्र-2| आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णकसूत्र-2 56| आचा.सूत्र | आचारांगसूत्र 57| आचार्य.प.सं. | आचार्य पदवी की संवत् आरा.प.प्रकी. सूत्र | आराधनापताकाप्रकीर्णकसूत्रवीरभद्राचार्य कृत | वीरभद्राचार्य कृत। आरा.प्रक्र.- आराधनाप्रकरण-सोमसूरि कृत सोमसूरिकृत आव.सूत्र आवश्यकसूत्र ई.पूर्व ईस्वीसन् पूर्व ईस्वीसन् उद्देश, उद्देशा, उद्देशक 64 उ.द.सूत्र उपासकदशांगसूत्र उत्त.सूत्र उत्तराध्ययनसूत्र उदा. उदाहरण उपप्रवर्तक उपा. उपाध्याय 69 उपाध्याय सं. उपाध्याय अवस्था की संवत् 70| ऋ.भा.प्रकी. सूत्र | ऋषिभाषितानिप्रकीर्णकसूत्र ओ.नि.सूत्र - ओघनियुक्तिसूत्र औप.सूत्र औपपातिकसूत्र कथा कथा(प्राचीन) कल्पाव.सूत्र कल्पावतंसिकासूत्र 75 कृतिसंशो. कृतिसंशोधक क्र. क्रमांक खरतरगच्छ 78| गच्छा.प्रकी. सूत्र | गच्छाचारप्रकीर्णकसूत्र 79| गणि.प्रकी. सूत्र | गणिविद्याप्रकीर्णकसूत्र गा.(त्रि.) गाथा(त्रिपदात्मक) गा.(द्वा.प.) गाथा(द्वादशपदात्मक) 82 गुजराती गुरुभ्राता संवत् गुरु संवत् | 85 घासी. । घासीलालजी महाराज कृति एवं प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि.. संवत् कृति परिचय कृति परिचय कृति परि. व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. सामान्य सामान्य प्रकाशन नाम प्रकाशन परिचय प्रकाशन नाम प्रकाशन परिचय कर्ता समय कर्ता अनुक्रमणिका कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम- कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति परिचय सामान्य सामान्य संप्रदाय, गच्छ आदि कर्ता अनुक्रमणिका कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति परि. व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. कृति परि. व प्रका. नाम । कृति एवं प्रका. परि. भाषा/लिपी कृति एवं प्रका. परि. कर्ता समय कर्ता अनुक्रमणिका कर्ता समय कर्ता अनुक्रमणिका प्रकाशन नाम प्रकाशन परिचय कर्ता 76 81 837 गु.भ्रा.सं गुरु.सं. Page #36 -------------------------------------------------------------------------- ________________ xxxiii क्रम 91 चित्र. चू. X '94 95 97 संकेत स्पष्टीकरण 86 च. चरण 87 | चतुः.प्रकी. सूत्र | चतुःशरणप्रकीर्णकसूत्र 88 चन्द्र.सूत्र | चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्र 89 | चन्द्रा.प्रकी. सूत्र | चन्द्रावेध्यकप्रकीर्णकसूत्र 90 चातु.सं. . चातुर्मास संवत् चित्रकार चूला / चूलिका ज.सं. जन्म संवत् जंबू.सूत्र जंबूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र जी.काळ सं. जीवनकाळ संवत् 96 जीत.सूत्र जीतकल्पसूत्र जीवा.सूत्र जीवाजीवाभिगमसूत्र 98 ज्ञाता.सूत्र ज्ञाताधर्मकथासूत्र 99 ज्योति.सूत्र ज्योतिष्करंडकसूत्र 100 टिप्पण. टिप्पणकार 101 टीकानु. टीका का अनुवाद 102 | तंदुल.प्रकी. सूत्र | तंदुलवैचारिकप्रकीर्णकसूत्र 103 तपा. तपागच्छ 104 तीर्थो.सूत्र तीर्थोद्गालीकप्रकीर्णकसूत्र 105 तेरा. तेरापंथी 106 त्रिस्तुतिक संप्रदाय 107 दश.सूत्र दशवैकालिकसूत्र 108 दशाश्रु.सूत्र दशाश्रुतस्कंधसूत्र दी.सं. दीक्षा संवत् दिगं. दिगंबर 111 दीप. दीपरत्नसागरजी 112 दे.ना. देवनागरी देवे.प्रकी.सूत्र देवेन्द्रस्तवप्रकीर्णकसूत्र द्वीप.संग्र.गाथा द्वीपसागरप्रज्ञप्तिसंग्रहणी गाथा 115 नि.गा. नियुक्ति गाथा 116 नियो. नियोजक 117 निर.सूत्र निरयावलिकासूत्र 118| नियुक्तिअनु. | | नियुक्तिअनुवाद गौण विभाग मुख्य विभाग कृति परि. व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कर्ता समय कर्ता अनुक्रमणिका संपादक प्रकाशन परिचय कृति परि. व प्रका. नाम । | कृति एवं प्रका. परि. कर्ता समय कर्ता अनुक्रमणिका कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कर्ता समय कर्ता अनुक्रमणिका कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. संपादक प्रकाशन परिचय कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. संप्रदाय, गच्छ आदि कर्ता अनुक्रमणिका कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. संप्रदाय, गच्छ आदि कर्ता अनुक्रमणिका संप्रदाय, गच्छ आदि कर्ता अनुक्रमणिका कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कर्ता समय कर्ता अनुक्रमणिका संप्रदाय, गच्छ आदि कर्ता अनुक्रमणिका प्रकाशन नाम प्रकाशन परिचय लिपी | प्रकाशन परिचय कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति परि. व प्रका. नाम । कृति एवं प्रका. परि. संपादक प्रकाशन परिचय कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. त्रिस्तु. 109 110 114/ Page #37 -------------------------------------------------------------------------- ________________ XXXIV 123 आवृत्ति प्रक. क्रम संकेत स्पष्टीकरण गौण विभाग मुख्य विभाग 119 पंच.भाष्य | पंचकल्पभाष्य कृति एवं प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. 120 पंन्यास सं. पंन्यास संवत् कर्ता समय कर्ता अनुक्रमणिका 121 पद्य.वाद. पद्यानुवादक संपादक प्रकाशन परिचय 122 पद्यानु. पद्यानुवाद कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. परि. 'कृति' शब्द के साथ परिमाण अर्थ में व मुख्य और गौण विभाग | संकेतसूची 'प्रकाशन' शब्द के साथ परिचय अर्थ में पार्श्वचंद्र. पार्श्वचंद्रगच्छ संप्रदाय, गच्छ आदि कर्ता अनुक्रमणिका 125| पिंड.सूत्र पिंडनियुक्तिसूत्र कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. 1267 पु.मु. पुनर्मुद्रण आवृत्ति प्रकाशन परिचय 127 पुष्प.सूत्र पुष्पचूलिकासूत्र कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. 128 प्रकरण कृति परि. व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. 129 प्रका. प्रकाशन मुख्य और गौण विभाग | संकेतसूची 130 प्रका.सं. प्रकाशन संवत् कर्ता समय कर्ता अनुक्रमणिका 131 प्रज्ञा.सूत्र प्रज्ञापनासूत्र कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. 132 । प्रति. प्रतिपत्ति कृति परि. व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. प्रतिले.सं. प्रतिलेखन संवत् कर्ता समय | कर्ता अनुक्रमणिका 134 प्रव. प्रवचन कृति परि. व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. 135 प्रश्न. प्रश्नोत्तर कृति परि. व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. प्रश्न.सूत्र प्रश्नव्याकरणसूत्र कृति एवं प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. 137 प्रा. प्राभृत कृति परि. व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. 138 प्रा. प्राकृत भाषा कृति एवं प्रका. परि. 139 प्रा.प्रा. प्राभृत प्राभृत कृति परि. व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. 140 बंगा. बंगाळी भाषा/लिपी कृति एवं प्रका. परि. 141 बा.बो. बालावबोध कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. 142 बालावबोधानु. बालावबोधानुवाद कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. बृ.क.सूत्र बृहत्कल्पसूत्र कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. 144 | भक्त.प्रकी.सूत्र | भक्तपरिज्ञाप्रकीर्णकसूत्र कृति एवं प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. 145 भग.सूत्र | भगवतीसूत्र कृति एवं प्रका. नाम |कृति एवं प्रका. परि. 146 भाषां. भाषांतर प्रकाशन नाम प्रकाशन परिचय 147 भाषां. भाषांतरकर्ता संपादक प्रकाशन परिचय भाष्य विवे. भाष्य का विवेचन कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. | 149 || भाष्यानु. भाष्य का अनुवाद कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. 133 136 148 Page #38 -------------------------------------------------------------------------- ________________ XXXV 151 वन रो. क्रम संकेत स्पष्टीकरण . 150 मंगला.प्रव. | मंगलाचरण के प्रवचन मरण.प्रकी. सूत्र | मरणसमाधिप्रकीर्णकसूत्र 152 मलधारीय | हेमचंद्रसूरिजी मलधारी कृत 153 मलय. मलयगिरिसूरिजी कृत 154 महा.सूत्र महानिशीथसूत्र 155 महाप्र.प्रकी. सूत्र | | महाप्रत्याख्यानप्रकीर्णकसूत्र 156 मा.गु. मारु गुजराती 157 मूळ. मूळकर्ता 158 यति.सूत्र यतिजीतकल्पसूत्र 159 र.काळ रचनाकाल 160 र.सं. रचना संवत् 161 राज. राजस्थानी 162 राज.सूत्र राजप्रश्नीयसूत्र 163 रोमन 164 लघु खर. लघु खरतरगच्छ 165 | लघु.चतु.प्रकी.सूत्र | लघुचतुःशरण प्रकीर्णकसूत्र 166 लिपी 167 वक्ष. वक्षस्कार 168 वागड. वागड समुदाय 169 वाचना. वाचनाकार 170 वि. विभाग 171 वि.- . विक्रम संवत् पूर्व 172 _ वि.सं. / वि. | विक्रम संवत् 173 _ वि.सं. पूर्व विक्रम संवत् पूर्व 174 वि.सूत्र विपाकसूत्र 175 विद्यमान सं. विद्यमान् संवत् 176 विद्याधर. विद्याधरकुळ/शाखा 177 विवे. विवेचन 178 विवे. विवेचक 179 विशे. भा. विशेषआवश्यकभाष्य 180 वी.सं. पूर्व वीरसंवत् पूर्व 181 | वी.सं./वी. वीर संवत् । 182 | वीर.प्रकी.सूत्र | वीरस्तवप्रकीर्णकसूत्र गौण विभाग मुख्य विभाग कृति परि. व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. प्रकाशन नाम प्रकाशन परिचय प्रकाशन नाम प्रकाशन परिचय कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. भाषा कृति एवं प्रका. परि. संपादक प्रकाशन परिचय कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कर्ता समय | कर्ता अनुक्रमणिका कर्ता समय कर्ता अनुक्रमणिका भाषा कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. लिपी प्रकाशन परिचय संप्रदाय, गच्छ आदि | कर्ता अनुक्रमणिका कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. सामान्य सामान्य कृति परि. व प्रका. नाम । कृति एवं प्रका. परि. संप्रदाय, गच्छ आदि कर्ता अनुक्रमणिका संपादक प्रकाशन परिचय कृति परि. व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. संवत् कृति परिचय संवत् कृति एवं प्रका. परि. संवत् कृति परिचय कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कर्ता समय कर्ता अनुक्रमणिका संप्रदाय, गच्छ आदि कर्ता अनुक्रमणिका कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. संपादक प्रकाशन परिचय प्रकाशन नाम प्रकाशन परिचय संवत् कृति परिचय कृति परिचय कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. लि. संवत् Page #39 -------------------------------------------------------------------------- ________________ xxxvi क्रम 183 संकेत वृष्णि .सूत्र व्यव.सूत्र स्पष्टीकरण | वृष्णिदशासूत्र व्यवहारसूत्र 184 185 व्या. व्याख्यान 186 शतक 187 शक.सं. 188 शब्द. श्रा.जीत.सूत्र शक संवत् शब्दार्थ श्राद्धजीतकल्पसूत्र श्रुतस्कंध 189 190 191 संस्कृत 192 194 संक. संकलक 18 संग्रहणी प्रक. | संग्रहणी-प्रकरण संग्रा. संग्राहक 195 संपा. संपादक/संपादिका 196 संयो. संयोजक 197 संशो. संशोधक 198 संशोधक सं. संशोधक संवत् 199 संस्ता.सूत्र संस्तारकप्रकीर्णकसूत्र 200 सदी | विक्रम सदी 201 सम. समवाय 202 सम.सूत्र समवायांगसूत्र 203 सा.संपा. सामान्य संपादक 204 | सारा.प्रकी. सूत्र | सारावलीप्रकीर्णकसूत्र 205 | सारांश. सारांशकार 206 | सिद्ध.प्रकी. सूत्र | सिद्धप्राभृत | सू.कृ.सूत्र सूत्रकृतांगसूत्र 208 । सूर्य.सूत्र सूर्यप्रज्ञप्तिसूत्र 209 स्था . स्थानकवासी 210 स्था.सूत्र स्थानांगसूत्र 211 स्व.सं. स्वर्गवास संवत् 212 हारि. हरिभद्रसूरिजी कृत 213 हिन्दी गौण विभाग | मुख्य विभाग कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम |कृति एवं प्रका. परि. कृति परि. व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. कृति परि. व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. संवत् कृति परिचय कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति परि. व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. भाषा | कृति एवं प्रका. परि. कर्ता, संपादक कृति एवं प्रका. परि. कृतिस्वरूप व प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. संपादक प्रकाशन परिचय संपादक प्रकाशन परिचय संपादक प्रकाशन परिचय संपादक | प्रकाशन परिचय । कर्ता समय कर्ता अनुक्रमणिका कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. संवत् कृति परिचय कृति परि. व प्रका. नाम |कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. संपादक प्रकाशन परिचय कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. संपादक प्रकाशन परिचय कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. कृति एवं प्रका. नाम कृति एवं प्रका. परि. संप्रदाय, गच्छ आदि |कर्ता अनुक्रमणिका कृति एवं प्रका. नाम | कृति एवं प्रका. परि. कर्ता समय कर्ता अनुक्रमणिका प्रकाशन नाम प्रकाशन परिचय भाषा कृति एवं प्रका. परि. 207 Page #40 -------------------------------------------------------------------------- ________________ Xxxvii आगमिक अनुक्रमणिका (विस्तृत अनुक्रमणिका).. क्र. आगम / आगमिक विभाग के नाम कृतिक्रमांक | पृष्ठक्रमांक प्रकाशनक्रमांक पृष्ठक्रमांक | अंग सूत्र (1-11) 1-77 1-5 1-98 91-100 78-135 5-8 99-162 136-174 8-10 163-200 100-106 107-110 110-112 175-197 10-12 198-282 12-16 1 आचारांगसूत्र 2 सूत्रकृतांगसूत्र 3 स्थानांगसूत्र .4 समवायांगसूत्र 5 भगवतीसूत्र 6 ज्ञाताधर्मकथासूत्र 7 उपासकदशांगसूत्र 8 अन्तकृद्दशांगसूत्र 9 अनुत्तरोपपातिकदशांगसूत्र 10 प्रश्नव्याकरणसूत्र 11 विपाकसूत्र 201-229 230-316 317-354 112-121 283-323 16-19 122-125 324-370 19-21 355-390 125-129 371-415 21-23 391-418 129-131 416-450 23-25 419-434 132-133 133-135 451-480 25-27 435-459 | 481-514 27-28 460-482 135-137 उपांग सूत्र (12-23) 515-534 | 28-29 483-503 137-139 535-560 29-31 504-524 139-141 561-578 31-32 525-542 141-143 579-610 32-34 543-572 143-146 611-622 34 573-582 146-147 623-640 583-599 | 12 औपपातिकसूत्र 13 राजप्रश्नीयसूत्र 14 जीवाजीवाभिगमसूत्र 15 प्रज्ञापनासूत्र 16 सूर्यप्रज्ञप्तिसूत्र 17 जंबूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र 18 चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्र 19 निरयावलिकासूत्र 20 | कल्पावतंसिकासूत्र 21 पुष्पिकासूत्र 22 पुष्पचूलिकासूत्र 23 वृष्णिदशासूत्र 34-35 35-36 36-37 ___ 147-148 149 641-646 600-605 647-671 606-608 149 672-696 37-38 609-611 149 697-721 39-40 612-614 149-150 722-744 40-41 150 615-617 618-620 745-767 41-42 150 Page #41 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. आगम / आगमिक विभाग के नाम 24 निशीथसूत्र 25 महानिशीथसूत्र 26 व्यवहारसूत्र 27 दशाश्रुतस्कंधसूत्र 28 बृहत्कल्पसूत्र 29 जीतकल्पसूत्र 30 उत्तराध्ययनसूत्र 31 दशवैकालिकसूत्र 32 आवश्यक सूत्र 33 | पिंडनिर्युक्तिसूत्र 34 चतुःशरणप्रकीर्णकसूत्र 35 आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णकसूत्र 36 भक्तपरिज्ञाप्रकीर्णकसूत्र 37 संस्तारकप्रकीर्णकसूत्र 38 तंदुलवैचारिकप्रकीर्णकसूत्र 39 चन्द्रावेध्यकप्रकीर्णकसूत्र 40 देवेन्द्रस्तवप्रकीर्णकसूत्र 41 गणिविद्याप्रकीर्णकसूत्र 42 महाप्रत्याख्यानप्रकीर्णकसूत्र 43 वीरस्तवप्रकीर्णकसूत्र 44 नंदिसूत्र 45 अनुयोगद्वारसूत्र Xxxviii कृतिक्रमांक छेद सूत्र (24-29) 768-785 786-792 793-816 817-839 840-866 867-875 मूल सूत्र (30-33) 876-1019 1020-1115 1116-1166 1167-1185 प्रकीर्णक सूत्र (34-43) 1186-1208 1209-1227 1228-1234 1235-1242 1243-1253 1254-1261 1262-1265 1266-1270 1271-1277 1278-1282 पृष्ठक्रमांक प्रकाशनक्रमांक पृष्ठक्रमांक चूलिका सूत्र (44-45) 1283-1328 1329-1358 42-43 43-44 44-45 45-46 46-48 48 48-56 56-61 62-65 65-66 66-68 68-69 69 69-70 70 70-71 71 71 71-72 72 72-74 74-76 621-636 150-152 637-648 152-153 153-154 649-662 663-675 676-691 692-697 154-155 155-157 157 698-836 157-170 837-955 170-182 956-1006 182-187 1007-1018 187-189 1019-1027 189-190 1028-1030 1031-1033 1034-1036 1037-1043 1044-1049 1050-1052 1053-1055 1056-1060 1061-1062 193-194 190 190-191 191 191-192 192 192 193 193 1063-1099 194-197 1100-1132 197-200 Page #42 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. आगम / आगमिक विभाग के नाम 46 कल्पसूत्र 47 यतिजीतकल्पसूत्र 48 श्राद्धजीतकल्पसूत्र 49 पंचकल्पभाष्य कृतिक्रमांक अन्य आगम एवं प्रकीर्णक सूत्र (46-67) 50 ओघनिर्युक्तिसूत्र 51 द्वीपसागरप्रज्ञप्तिसंग्रहणी गाथा 52 ऋषिभाषितानिप्रकीर्णकसूत्र 53 अंगचूलिका 54 वर्गचूलिका 55 गच्छाचारप्रकीर्णकसूत्र 56 तीर्थोद्गालीकप्रकीर्णकसूत्र 57 मरणसमाधिप्रकीर्णकसूत्र 58 आराधनापताकाप्रकीर्णकसूत्र वीरभद्राचार्य कृत xxxix 59 ज्योतिष्करंडकसूत्र 60 अङ्गविद्याप्रकीर्णकसूत्र 61 सारावलीप्रकीर्णकसूत्र 62 सिद्धप्राभृत 63 आराधनाप्रकरण- सोमसूरि कृत 64 लघुचतुः शरणप्रकीर्णकसूत्र 65 आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णकसूत्र - 1 66 आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णकसूत्र - 2 67 संसक्त नियुक्ति 1359-1437 1438-1439 1440-1441 1442-1443 1444-1456 1457-1459 1460-1471 1472-1473 1474-1476 1477-1490 1491-1493 1494-1497 1498 1499-1503 1504 1505 1506-1510 1511-1516 1517-1519 1520 1521 1522 पृष्ठक्रमांक प्रकाशनक्रमांक पृष्ठक्रमांक 76-81 1133-1273 200-214 81 1274-1276 81 1277-1278 1279-1282 82 1283-1295 83 1296-1298 83 1299-1307 84 84 1309-1310 1311-1328 1329-1329 1330-1333 81-82 84-85 85 85 85 85-86 86 86-87 87 87 86 86 1340-1343 87 1308 87 1334 1335-1337 1338 1339 1344 214 214 214-215 215-216 216 216-218 218 218 218-220 220 220-221 221 221 221 221 222 222 Page #43 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र.| आगम / आगमिक विभाग के नाम कृतिक्रमांक | पृष्ठक्रमांक प्रकाशनक्रमांक पृष्ठक्रमांक एकाधिक आगम साहित्य (68-71) 1345-1414 222-230 230-240 1415-1486 68 आगम(एकाधिक मूलसूत्र) 69 आगम सानुवाद (एकाधिक अनुवाद/छाया/सार्थ) 70 आगम व्याख्या (एकाधिक भाष्य, टीका आदि / सभाष्य, सटीका आदि) 1487-1541 241-249 71 आगम अध्ययन 1542-1551 249-251 आगमिक साहित्य (72-82) 1552-1574 251-255 1575-1587 255-258 1523 1588-1614 1615-1621 258-262 262-263 1622-1625 263-264 77 1524-1525 1626-1646 264-267 72 आगम विषयकोश 73 | आगम शब्दकोश | 74 आगम थोकसंग्रह 75 | आगम विषयानुक्रम गाथानुक्रम-सूत्रानुक्रम 76 आगम सूचि आगम परिचय (विस्तृत) 78 | आगम परिचय (संक्षिप्त) 79 आगम सूक्तसंग्रह 80 गणधरवाद (विशे.भा. गाथा 1549-2024) / (कल्पसूत्र व्या. 6 अंतर्गत सूत्र 122 वाँ) आगम सज्झाय आदि 82 आगम चित्रसंपुट 1647-1701 267-272 1702-1725 272-274 1526-1553 88-89 1726-1746 | 275-277 1554-1572 89-90 277-281 1747-1795 1796-1799 281-282 | Page #44 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय संवत् कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण* आदि-अंत प्र.क्र. क्र. स्वरूप पे. कर्ता मूल (1) 1. आचारांगसूत्र (1-77) सुधर्मास्वामीजी (पंचम | वी.सं. पूर्व (प्रा.) * गद्य, पद्य * श्रु. 2→चू. 0+4→अ. 9+16→उ. गणधर भगवंत) त्रीश वर्ष (7+6...:) 51+ (11+3....3) 25→सूत्र 323+481 ग्रं.2644 वैशाख {सुयं मे आउसं...कलंकलीभावपवंच विमुच्चति।। त्ति सुद 11 बेमि।। ग्रन्थाग्र 264411} {1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 11, 12, 13, 16, 18, 20, 21, 22, 26, 27, 28, 29, 30, 31, 32, 33, 34,35, 37, 38, 39, 41,45,46, 47,48, 49, 50, 53, 54,55, 56, 57,59, 61, 62, 63, 64,65, 67, 68, 70, 72, 74,75,76,77,78,80, 81,85,87,88,89,90,91,92, 94, 95, 96, 97, 98, 1349, 1359, 1367, 1377, 1382, 1393, 1408, 1477, 1506,1510,1548%D82) 2 नियुक्ति (2) भद्रबाहुस्वामी वीरसदी दूसरी 3 चूर्णि (3) जिनदासगणिजी महत्तर | | वि. 7332 टीका (4) 1 शीलांकाचार्य वि.925# (प्रा.) * पद्य * गाथा 356 ग्रं.450 {वंदित्तु सव्वसिद्धे जिणे... इक्कसरा हुंति अज्झयणा।।35611) {1,6,7, 11, 12, 13, 62, 67,75,87, 89,90,91,94,95,96,97, 1506, 1510, 1512, 1525D21) मूल और नियुक्ति की चूर्णि * (प्रा., सं.) * गद्य * (श्रु. 2) ग्रं.8300 (मंगलादीणि सत्थाणि मंगलमज्झाणि...स्थिती, शेषं तदेव।।} {15, 86, 96} मूल और नियुक्ति की टीका * (सं.) * गद्य * (श्रु. 2) (नि.गा. 349), प्रशस्ति श्लोक-4 ग्रं.12000 {जयति समस्तवस्तुपर्यायविचारापास्ततीर्थिकं, विहितैकैकतीर्थनयवादसमूहवशात्प्रतिष्ठितम्।...श्रीमदाचाराङ्गविवरणं श्रीशीलाङ्काचार्यायं समाप्तम्।} {1, 6, 12, 13, 62, 67, 87, 89, 90, 91, 94, 95, 97, 1506=14) 'प्रदीपिका टीका' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 2), प्रशस्ति श्लोक-15 ग्रं.9500 {शासनाधीश्वरो जीयाद् वर्धमानो... धर्मो (तु ?) सफला (लः) ।।15।।} {1, 49) शीलांकी टीका आधारित दीपिका टीका * (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) {वर्द्धमानजिनो जीयाद्, भव्यानां...निर्यातमवधारितमिति, उपधानश्रुताध्ययनस्य चतुर्थोद्देशकः।) {16, 48, 92} वि. 1573 | जिनहंससूरि, कृतिसंशो.-भक्तिलाभ उपाध्याय 3 अजितदेवसूरि वि. 1629 7 बा.बो. (5) । | पार्श्वचंद्रसूरि वि. 1554# (मा.गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {प्रणम्य श्रीजीनाधीशं श्रीगुरुणा मनुग्रहात्।...वाच्यमानोऽयं चिरं नंद्यात्।) (1,85) 8 सज्झाय (6) |1| कांतिविजयजी वि. 1723# पांच महाव्रतनी सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 5/ सर्वगाथा 31 {सकल मनोरथ पूरवे (णो)...भणतां सुख लहे।।6।।} {1757, 1781, 1784} 2 | जसविजयजी | वि. 1784# पांचमहाव्रत-तेनी 25 भावनानी सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 5/ सर्वगाथा 34 {महाव्रत पहेलुं रे...वाधे सेवतां पाया।1711) {1757, 1784} 3 गंभीरविजयजी पंडित वि. 1952# (गु.) * पद्य * गाथा 7 (वीर भाषित सोहम...वरमाल तस। पहेरावे. वीर.} {49} 11 छाया (7) | 1 | आत्मारामजी आचार्य वि. 1989# | (सं.) * गद्य * (श्रु. 2) {26, 76} * संकेत : क्र.=कृति क्रमांक, पे. स्वरूपगत पेटाक्रमांक, आदि-अंत आदि वाक्य - अंत वाक्य, प्र.क्र. प्रकाशन क्रमांक Page #45 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1. आचारांगसूत्र संवत् वि. 2043 स्वरूप पे. | कर्ता | कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. 2 सौभाग्यमलजी मुनि वि. 2007P (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) (18) 3 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2008P (सं.) * गद्य * (श्रु. 2) {21} राजेन्द्रकुमारजी मुनि, | वि. 2050P | (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) {50) श्रीचंद्रजी मुनि (कमल) जयप्रभविजयजी वि. 2058 | (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) {75} 16 अर्वा, भाष्य | महाप्रज्ञजी आचार्य (सं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति श्लोक-7 ग्रं.4025 (विशुद्धं विशदात्मानं, परमात्मानमात्मना।...भगवान् समित आसीत्।) {50) 17 अर्वा. टीका | 1 घासीलालजी महाराज वि. 2008P | 'आचारचिंतामणि' (श्रु. 1), 'मर्मप्रकाशिका' (श्रु.2) * (सं.) * (9) गद्य * (श्रु. 2), प्रशस्ति श्लोक-15 {अर्थप्रदं वीरजिनं प्रणम्य, ...समाप्तम्' आचाराङ्गसूत्रमपि समाप्तम्-परिपूर्णम् ॥) {21) 2| कुलचंद्रसूरि, वि. 2041 'अक्षरगमनिका' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 2), प्रशस्ति कृतिसंशो.-मित्रानंदसूरि श्लोक-25 {प्रणम्य सर्वतीर्थेशान् वीरं...कलंकलीभावपथाद् विमुच्यते-निर्वाणं गच्छति।।) (39, 55, 59, 64, 74, 77%D6) 19 शब्द., अनु... 1 पुष्पाबाई महासती, | वि. 2055P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {61} विवे. (10) हसुमतीबाई महासती 2 | पारसमल चण्डालिया | वि. 2060P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {80) अन्व., अनु., आत्मारामजी आचार्य वि. 2019P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {26, 76, 1444) विवे. (11) अन्व., विवे. |1| वीरपुत्रजी महाराज वि. 2008 | (हिं.) * गद्य * (श्रु.1) {22} (12) 2 | विक्रमसेनविजयजी गणि | वि. 2055P (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {64) 24 अनु. (13) 1 Hermann Jacobi वि. 1940P (अं.) * गद्य * (श्रु. 2) {1441, 1453, 1479, 1481, 154835} 2 रवजीभाई देवराज वि. 1962P (गु.) * गद्य, पद्य * (श्रु. 2) {2, 3) 3 अमोलकऋषि | वि. 1972P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {5} 4 Walther Schubring | वि. 1982P | (जर्मन) * गद्य * (श्रु. 1) {1425} 5 डुंगरशी मुनि वि. 1986P 'टिप्पण युक्त' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {9} 6 गोपालदास जीवाभाई | वि. 1992P 'छायानुवाद' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {42) पटेल 7| अज्ञात वि. 1994P गोपालदास जीवाभाई पटेल के (गु.) अनु. का भाषां. * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {14} 8| चंपक मुनि वि. 2008P (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {31) | हसुमतीबाई महासती, | वि. 2031P (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {33) लीलमबाई महासतीजी चंद्रप्रभसागरजी वि. 2045P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {45) महोपाध्याय 10) Page #46 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. 34 35 36 37 38 39 40 41 124 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 स्वरूप अनु., अर्वा.टिप्प. (14) अनु., विवे. (15) अनु., सारांश (16) पद्यानु. (17) निर्युक्तिअनु. (18) टीकानु. (19) टीकानु., वि. (20) पे. कर्ता 11 दीपरत्नसागरजी 12 Nathamalji Tatia Dr., दुलहराजजी मुनि महेन्द्रकुमारजी मुनि (द्वितीय) 13 जयप्रभविजयजी 14 दीपरत्नसागरजी 15 J. Soni Dr., Willem B. Bollee Prof. 16 रत्नज्योतविजयजी पंन्यास महाप्रज्ञजी आचार्य 1 सौभाग्यचंद्रजी मुनि 2 सौभाग्यमलजी मुनि, बसंतीलालजी नलवाया 3 सौभाग्यचंद्रजी मुनि 4 ठाकरसीभाई करसनजी 5 6 7 शाह श्रीचंद सुराणा सुशीलसूरि दुलहराजजी मुनि आगम कृति परिचय संवत् fa. 2053P जयप्रभविजयजी fa. 2057P अर्वा भाष्यानु 1 दुलहराजजी मुनि (21) fa. 2058 fa. 2058P fa. 2060P वि. 2064 fa. 2031P fa. 1992P fa. 2007P अमरमुनिजी उपप्रवर्तक सुरेन्द्र बोथरा नगीनदास केवलदास शाह वि. 2035P fa. 2014P fa. 2020P fa. 2046P fa. 2056P fa. 2056P fa. 2055 1 माणेक मुनि 2 रत्नज्योतविजयजी पंन्यास वि. 2064 fa. 2056P fa. 2018P fa, 2058 fa. 2050P कृति विशेषनाम* भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण* आदि अंत*प्र.क्र. 'गुर्जर छाया' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {हे आयुष्यमन् ! में...हुं कहुं छं.} {93, 1461} महाप्रज्ञजी के (हिं.) अनु. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (श्रु. 1) {70} श्रु. 1. 1 के शब्दार्थयुक्त * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) (75) (हिं.) *गद्य * (श्रु. 2) {1467 } Walther Schubring के (ज.) अनु. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1477} (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {87 } (हिं.) *गद्य * (श्रु. 1) (32, 50 } (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) (25, 79 } श्रु. 1 के शब्दार्थयुक्त * (हिं.) गद्य * (श्रु.2) {18, 38 } (हिं.) गद्य (श्रु. 1) (24, 1444} (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {27, 28 } (हिं.) *गद्य * (श्रु. 2) (47 } (हिं.) गद्य * (श्रु. 2) {68 } अमरमुनिजी उप. के (हिं.) अनु., विवे. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (श्रु. 2) (68) 'आत्मज्ञान' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {36 } 3 'आचारांगसूत्र भावानुवाद' * (हिं.) * पद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति गाथा - 11 (88) (हिं.) * गद्य * (गाथा 368) (1525) 'शीलांकी टीकानु' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2), प्रशस्ति गाथा- 5 {7, 11} 'तेजोधूलि', 'शीलांकी टीकानु' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2), प्रशस्ति (सं.) गद्य (87} 'राजेन्द्र सुबोधिनी आहोरी टीका' शीलांकी टीकानु. और विवे. * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति (सं.) श्लोक-22 (75) महाप्रज्ञजी कृत (सं.) भाष्य का अनु. * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) (50) Page #47 -------------------------------------------------------------------------- ________________ + क्र. 55 56 57 58 59 62 60 fad. (23) 61 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 स्वरूप 73 प्रव. (24) अर्वा प्रश्न. (25) पे. कर्ता 2 | Nathamalji Tatia Dr., दुलहराजजी मुनि, महेन्द्रकुमारजी मुनि (द्वितीय) अर्वा टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2008P (22) 2 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2008P 3 विक्रमसेनविजयजी गणि वि. 2059P कुलचंद्रसूरिजी कृत अक्षरगमनिका टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (श्रु. दूसरा) (77) 4 विक्रमसेनविजयजी गणि वि. 2059P कुलचंद्रसूरिजी कृत अक्षरगमनिका टीका का अनु. * (हिं.) * गद्य * (श्रु. दूसरा) (77) (हिं.) *गद्य (श्रु. 1) {64 } 'शीलांकी टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {93} (गु.) * गद्य * (श्रु. 1 अ. 5) प्रव. 50, (श्रु. 1 अ. 6ट्ठा) प्रव. 51-266 (10, 60, 73) अंशसंग्रह (27) 2 नरेशचंद्रजी मुनि, 1 विक्रमसेनविजयजी गणि वि. 2055P 2 दीपरत्नसागरजी fa. 2066P 1 रामचंद्रसूरि fa. 1985 2 सागरानंदमूरि 3 धीरज मुनि 1 तिलोक मुनि आरतीबाई महासतीजी डॉ. सुबोधकाबाई साध्वी 3 नरवाहन सारांश (26) 1 जनकचंद्रसूरि 1. आचारांगसूत्र 2 भुवनचंद्रजी उपाध्याय (चिन्मय), अमृतभाई पटेल पंडित 1 वाचंयमाश्रीजी संवत fa. 2057P 2 मुक्तिप्रभा साध्वी डॉ. 3 शिवमुनिजी आचार्य डॉ. 4 यशोविजयसूरि fa. 1997 fa. 2058 fa. 2054P fa. 2055P fa. 2062P fa. 2044 fa. 2051P कृति विशेषनाम* भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण*आदि-अंत*प्र.क्र. महाप्रज्ञजी कृत (सं.) भाष्य के दुलहराजजी मुनि कृत (हिं.) अनु. का भाषां. * (अं.)* गद्य * (श्रु. 1) (70) वि. 2062P रामचंद्रसूरिजी के (गु.) प्रव. की प्रश्नोत्तरी (गु.) *गद्य* (श्रु. 1 अ. 6ट्ठा) प्रश्न. 75184) fa. 2043P fa. 2059P 'स्वोपज्ञ', श्रु. 1 के अ. 1 के अनु. और अ. 5-9 के विवे. युक्त * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) (21, 23 } 'स्वोपज्ञ', श्रु. 1 के अ. 1 के अनु. (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) (21 } और अ. 5-9 के विवे. युक्त fa. 2061P सम्यक्त्व अध्ययन के प्रव. * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1 अ. 4था) → प्रव 51 17, 19 } 'धीर प्रवचन धारा' * (गु.)* गद्य* प्रव. 65 (82) (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) प्रश्न. 236 ( 58 ) तिलोक मुनिजी कृत (हिं.) प्रश्नोत्तर का भाषां. * (गु.) *गद्य * (श्रु. 2) प्रश्न. 227 (66} संतबलजी कृत (गु.) अनु., विवे. का संक्षेप (गु.) *गद्य * (श्रु. 1) (40) पार्श्वचंद्रसूरिजी कृत बा.बो. का सारांश * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) (85) 'आचारांगसूत्र चिंतनिका' विवे.युक्त (गु.) * गद्य * प्रक. 53 {44) 'अस्तित्व का मूल्यांकन' अनु., विवे.युक्त (हिं.) * गद्य * च. 4 (51) 'अध्यात्मसार' अनु., विवे. 2) प्रक. 7+6 (76 } . युक्त * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1 अ. 'रोमे रोमे परम स्पर्श' विवे.युक्त (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→अ. 9वाँ) प्रक. 21 {83} Page #48 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय क्र. स्वरूप पे. | कर्ता परमेष्ठीदासजी जैन 74 शोधग्रंथ (28) 2| प्रियदर्शनाश्रीजी संवत् कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. वि. 2044P 'आचारांगसूत्र : एक अध्ययन' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) →अध्याय 8 {43} वि. 2051P 'आचारांगसूत्र का नीतिशास्त्रीय अध्ययन' * (हिं.) * गद्य * अध्याय 8 {52} | वि. 2057P 'आचारांग : शीलांक वृत्ति एक अध्ययन' * (हिं.) * गद्य * अध्याय 7 {71} वि. 2057P | 'आचारांग और महावीर' * (हिं.) * गद्य * अध्याय 7 {69} 3 राजश्री साध्वीजी डॉ. शुभ्रयशा साध्वीजी डॉ. 78 मूल (1) सुधर्मास्वामीजी 2. सूत्रकृतांगसूत्र (78-135) वी.सं. पूर्व (प्रा.) * पद्य, गद्य * श्रु. 2→अ. 16+7→उ. 26+7-→सूत्र त्रीश वर्ष | 637+236 ग्रं.2100 (बुज्झिज्ज तिउट्टेज्जा , बंधणं...उवसंप. वैशाख ज्जित्ताणं विहरति तिबेमि।) {99, 100, 101, 103, 104, सुद 11 105, 106, 108,111, 112, 113, 115, 116, 118, 120, 121, 122, 123, 124,125, 126, 127, 128, 129, 130, 131, 132, 133,134,135, 137,138, 139,140, 141, 142, 143, 146, 147, 149, 150, 152, 154, 155, 157, 158, 159, 160, 161, 162, 1349, 1367, 1377, 1382, 1393, 1408, 1409, 1506, 1510,1544,1548361) वीरसदी (प्रा.) * पद्य * गाथा 205 ग्रं.265 (तित्थयरे य जिणवरे... सोउं कहियंमि उवसंता।) {99, 101, 103, 104, 105, 106, 111, 127, 130, 134, 139, 150, 152, 157, 159, 160, 161, 162, 1506, 1510, 1512, 1525322) 79 नियुक्ति (2) | भद्रबाहुस्वामी दूसरी 80 चूर्णि (3) जिनदासगणिजी महत्तर वि. 733# 81 टीका (4) |1| शीलांकाचार्य वि. 925# मूल और नियुक्ति की चूर्णि * (प्रा., सं.) * गद्य * (श्रु. 2) ग्रं.9900 (मंगलादीणि सत्थाणि मंगलमज्झाणि...चूर्णितः सूत्रकृताभिधानं द्वितीयङ्गमिति।..(ग्रन्थाग्रं 11000)} {109, 127, 150, 153, 160, 161=6) | मूल और नियुक्ति की टीका * (सं.) * गद्य * (श्रु. 2), प्रशस्ति श्लोक-1 ग्रं.12850 {स्वपरसमयार्थसूचकमनन्तगमपर्ययार्थगुणकलितम्। सूत्रकृतमङ्गमतुलं विवृणोमि...भव्यं कल्याणभाग् भवतु।।1।। ग्रंथाग्रं (12850) ||} {99, 101, 106, 111, 127, 130, 134, 139, 152, 157, 159, 162, 1506=13} 'सम्यक्त्व दीपिका' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 2), प्रशस्ति श्लोक 13 ग्रं.7000 {प्रणम्य श्रीजिनं वीरं, ...पूर्णेयं श्रीसूत्रकृतांगदीपिका ग्रंथसंख्या।। सुमारें।। (7000)} {99, 113, 127, 128, 15435) 'दीपिका' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 2), प्रशस्ति श्लोक-24 ग्रं.13416 {नमः श्रीवर्द्धमानाय, स्वामिने...चेयं द्वितीयाङ्गस्य दीपिका।} {113, 127, 158} (मा.गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {प्रणम्य सद्गुरून् भक्त्या ... द्वितीयांगस्य वार्तिकं समाप्तम्।।) (99) 82 2 | हर्षकुल गणि वि. 1583 3 | साधुरंगगणि उपाध्याय |वि. 1599 कारतक मास .84 बा.बो. (5) पार्श्वचंद्रसूरि वि. 15542 Page #49 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 2. सूत्रकृतांगसूत्र स्वरूप पे. कर्ता संवत् | कृति विशेषनाम भाषा*गद्य-पद्य परिमाण*आदि-अंत प्र.क्र. 3 / 94 85 सज्झाय (6) |1| समरचंद्रसूरि वि. 15882 | 'क्रिया स्थानक सज्झाय' * (ग.) * पद्य ढाल 3 / सर्वगाथा 40, कळश 41-41 {वीर जिणवर पाय...मुनि एम कहे।।4111) {1756) 2 | मेरुविजयजी वि. 1725# | पृथ्वी सचित्त-अचित्त कालमान विचार की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 5 {प्रथम नमुं सद्गुरुनु...सूयगडांग वृत्तिथी लहे।।511) {1770, 1784) 87 गीत (7) समयसुंदरजी उपाध्याय वि. 1654# | | वैतालिक अध्ययन आधारित आदीश्वर 98 पुत्र प्रतिबोध गीत * (मा.गु.) * पद्य * ढाल 1/ सर्वगाथा 40 (शांतिनाथ जिन सोलमउ, ...नइ त्रिकालो जी 32|सं०1} {1774} 88 छाया (8) अंबिकादत्तजी ओझा | वि. 1993P | (सं.) * पद्य, गद्य * (श्रु. 2) {106, 108, 162} घासीलालजी महाराज (#) | | वि. 2025P (सं.) * पद्य, गद्य * (श्रु. 2) (118) | हेमचंद्रजी मुनि (#) वि. 2036P | (सं.) * पद्य, गद्य * (श्रु. 2) {123} 4 | महाप्रज्ञजी आचार्य वि. 2042P | (सं.) * पद्य, गद्य * (श्रु. 2) {140, 147} 92 अर्वा. टीका | 1 | घासीलालजी महाराज वि. 2025P | 'समयार्थ प्रबोधिनी' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 2) (श्रीवर्द्धमानं (9) गुणसन्निधानं, सिद्धालये...सुधर्मस्वामी कथयति-इत्यहं कथयामीति।) {118) 2 | कुलचंद्रसूरि वि. 2063P 'अक्षरगमनिका' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 2), प्रशस्ति श्लोक-20 {149, 155) अर्वा. कल्याणबोधिसूरि वि. 2066 | द्वितीय श्रुतस्कंध की संग्रहणी * (सं.) * पद्य * (श्रु. दूसरा) संग्रहणी →गाथा 68, प्रशस्ति गद्य (सूत्रकृतसूत्रकृतः, सूत्रधार..., प्रकरण (10) सुधर्मेशोऽस्तु मङ्गलम्।681} {154) शब्द., अनु. अमोलकऋषि वि. 1972P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {100, 138} (11) 96 शब्द., अनु, |1| उर्मिलाबाई महासतीजी | वि. 2056P (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {135} |विवे. (12) 2 | नेमिचंदजी बांठिया (#) वि. 2062P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {146) अन्व. (13) | 1 घासीलालजी वि. 2025P (सं.) * गद्य * (श्रु.1→अ. 15, श्रु.2→अ. 5-6) {118} महाराज (#) आनंद स्वाध्यायी वि. 2042P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→अ.5) {125) 100 अन्व., अनु. 1| अंबिकादत्तजी ओझा वि. 1993P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {106, 108, 162} (14) 101 2 | घासीलालजी | वि. 2025P | (हिं.) * गद्य * (श्रु.1→अ. 15, श्रु. 2-→अ. 5-6) {118} महाराज (2) 102 घासीलालजी वि. 2025P | (गु.) * गद्य * (श्रु.1→अ. 15, श्रु.2→अ. 5-6) (118, 119) महाराज (#) 103 अन्व., अनु., हेमचंद्रजी मुनि वि. 2036P | 'अमरसुखबोधिनी' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {123) विवे. (15) 104 अन्व., विवे. ठाकरसीभाई वि. 2021P (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {116) (16) करसनजी शाह Page #50 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय क्र. स्वरूप अनु. (17) 105 106 107 108 पे. कर्ता संवत् | कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंतप्र.क्र. 1 Hermann Jacobi वि. 1951P | (अं.) * गद्य * (श्रु. 2) {145, 1442, 1454, 1548=4) 2 | त्रिभोवनदास रुगनाथदास | वि. 1961# | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {102} 3 Walther Schubring | वि. 1982P | (जर्मन) * गद्य * (श्रु. 1→अ. 4, 12वाँ; श्रु. 2→अ. 2) {1425} 4 | गोपालदास जीवाभाई | वि. 1992P | 'महावीरस्वामीनो संयमधर्म' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {151) पटेल अज्ञात वि. 1994P | गोपालदास जीवाभाई पटेल के (गु.) अनु. का भाषां. * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {107} 6| राहुल सांकृत्यायन वि. 2018P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {बूझे, खूब जानकर...यह कहता हूं।।) {114,1444) 7 | भीखालाल गिरधरलाल शेठ वि. 2023P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {115} 8| प्राणकुंवरबाई साध्वी, वि. 2031P (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {120} उषाबाई महासती | डुंगरशी मुनि (2) वि. 2032P 'टिप्पणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {121a} |109 110 113 114 10 ललितप्रभसागरजी उपाध्याय वि. 2046P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {126} 11 दीपरत्नसागरजी | वि. 2053P | गुर्जर छाया * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {मनुष्ये बोध प्राप्त...हुं कहुं छु.} {1461} 12 दीपरत्नसागरजी वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {1467} | कांतिलाल खेमचंद वि. 2060P | (अं.) * गद्य * (श्रु. 1) {141) कापडिया डॉ. Willem B. Bollee वि. 2060P | Walther schubring कृत (ज.) अनु. का भाषां. * (अं.) * गद्य Prof., J. Soni Dr. * (श्रु.1→अ.4,12वाँ; श्रु. 2→अ. 2) {1477} 117 वि. 2061P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {142} कांतिलाल खेमचंद कापडिया डॉ. 16 | दीपरत्नसागरजी 1 | महाप्रज्ञजी आचार्य 119 वि. 2066P 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {156} वि. 2042P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {147) 120 अनु., अर्वा.टिप्प. (18) 121 रश्मिभाई जेठालाल झवेरी डॉ. 1 श्रीचंद सुराणा वि. 2059P | महाप्रज्ञजी आचार्य कृत (हिं.) अनु. और टिप्पण का भाषां. * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {140} | वि. 2038P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {मनुष्य को बोध...मैं कहता हूँ।} {133) 122 अनु, विवे. (19) 123 राजेन्द्रसूरि | दुलहराजजी मुनि वि. 2054 | (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {132} वि. 2056P | (हिं.) * गद्य * (गाथा 206) {1525} 124 नियुक्तिअनु. (20) 125 टीकानु. (21) 1 माणेक मुनि वि. 1987 'शीलांकी टीकानु.' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2), प्रशस्ति पद्य 2 {103, 105} Page #51 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. 126 127 129 130 fad. (23) 131 प्रव. (24) 132 स्वरूप 133 134 135 शोधग्रंथ (25) 128 अर्वा. टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2025P (22) 136 मूल (1) 137 टीका (2) 138 139 140 बा.बो. (3) पे. कर्ता 2 अंबिकादत्तजी ओझा 3 141 सज्झाय (4) भीखालाल गिरधरलाल शेठ 2 सागरानंदसूर 3 प्राणकुंवरबाई साध्वी 4 कीर्तियशसूरि नीलांजना साध्वी डॉ. 2 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2025P दीपरत्नसागरजी fa. 2066P 1 सागरानंदरि वि. सुधर्मास्वामीजी 1 अभयदेवसूरि, कृतिसंशो. द्रोणाचार्य 2 नगर्विगणि कृतिसंशो. विमलहर्ष उपाध्याय 2. सूत्रकृतांगसूत्र संवत् fa. 1993P fa. 2023P मेघराज उपाध्याय 1 देवचंद्रजी उपाध्याय 1995 fa. 2000 fa. 2054 fa. 2058 fa. 2061 fa. 1120 संक.. सुमतिकल्लोलगणि, वि. 1705 हर्षनंदन गणि fa. 1657 3. स्थानांगसूत्र (136-174) बी.सं. पूर्व त्रीश वर्ष वैशाख सुद 11 fa. 1655# कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि अंत प्र.क्र. 'शीलांकी टीकानु' * (हिं.) *गद्य* (श्रु. 1) (106, 162} 'शीलांकी टीकानु' * (गु.) *गद्य * (श्रु. 1) (115} 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) *गद्य* (श्रु. 2) (118) 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (श्रु.2) 118, 119 } 'शीलांकी टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य* (श्रु. 2) {156 } पुंडरिक अध्ययन के प्रव. * (गु.) *गद्य * (श्रु. 2→अ. 1) प्रव. 62 (110} fa. 1767# आचारश्रुत अध्ययन के प्रव. * (गु.)* गद्य * (श्रु. 2अ. 5वाँ ) प्रव. 5 (117) (गु.) *गद्य * (श्रु. 1 अ. 2. 1) प्रव. 101 (136) (गु.) * गद्य (श्रु. 1 अ. 1) प्रव. 33 148} सूत्रकृतांग सूत्र का दार्शनिक अध्ययन * (हिं.) * गद्य * अध्याय 7 {144} (प्रा.) *गद्य, पद्य * श्रु. 1 अ. 103 21 सूत्र 783 ग्रं. 3600 {सुयं मे आउसं... समत्तं च ठाणमिति । ।) ( 163, 164, 165, 166, 167, 168, 171, 173, 175, 176, 177, 178, 179, 180, 181, 182, 183, 186, 187, 188, 189, 190, 192, 193, 194, 195, 196, 197, 198, 200, 1349, 1367, 1377, 1380, 1382, 1393, 1408, 1510, 1511=39) (सं.) गद्य (1) प्रशस्ति श्लोक-8 पं. 14250 श्रीवीरं जिननार्थ... सपादानि सहखाणि चतुर्दश1) (163, 165, 167, 182, 186, 188, 192, 196, 198, 200, 1511=11} 'दीपिका' * (सं.) * गद्य * (श्रु.1 अं. 4) {प्रणत सुरासुरनाथं, सुनाथमभिगम्य वीरजिननाथम् ।... दीपिकायां चतुः स्थानकाख्यं चतुर्थमध्ययनं समाप्तम्।।) (176) 'गाथाविवरण', 'अभव. टीका में उद्धृत साक्षीपाठों की टीका का संकलन' (सं.) गद्य (श्र. 1अ.3) स्वस्ति श्रीवृत्तिमन्तं सहदयहृदयस्वर्णपात्रोपविष्टं लोकालोक- प्रकाशप्रकटितपटुता. केवलज्ञानतैलम् ।... तृतीयस्थानटीकालिखितगाथाविवरणं सम्पूर्णम्) (192) 'भाषाटीका' * (मा.गु.) * गद्य * (श्रु. 1) श्रीमद्वीरजिनं नत्वा । श्रीगुरुं च मुदा सदा स्थानांगाभिधसूत्रस्य ।... दशमूं ठाणं समाप्त |} (163 } आठ रुचि सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 1 / सर्वगाथा 14 { सुरपति नत देव... परम निहाल रे।।12।।} {1763, 1779} Page #52 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय क्र. । स्वरूप पे. कर्ता संवत् 142 2 | मूलचंदजी ऋषि वि. 1885 कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण*आदि-अंतप्र.क्र. दीवानी सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 2। सर्वगाथा 17 {दश धारो दीवो...तो दीवातणी सज्झाय।।13।1) {1784} 143 गीत (5) |1| समयसुंदरजी उपाध्याय वि. 1654# | कर्म निर्जरा गीत * (मा.गु.) * पद्य * गाथा 5 त्रूटक {कर्म तणी कही...ने, समयसुन्दर वखाणे।क०।5।} {1774} | 2 | समयसुंदरजी उपाध्याय वि. 1654# तुर्य वीसामा गीत * (मा.गु.) * पद्य * गा. (द्वा.प.) 2 त्रूटक {भार वाहक नइ...ठाणइ, समयसुन्दर सदह्या।।2।।) {1774} 145 छाया (6) 1 आत्मारामजी आचार्य |वि. 2001 | (सं.) * गद्य, पद्य * (श्रु. 1) {178, 193} 146 2 घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2022P | (सं.) * गद्य, पद्य * (श्रु. 1) {173} 147 3 | महाप्रज्ञजी आचार्य वि. 2033P | (सं.) * गद्य, पद्य * (श्रु. 1) {179) 148 अर्वा. टीका घासीलालजी महाराज | वि. 2007 | 'सुधा टीका' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति श्लोक-5 (7) {शिवमरुजममन्दं प्राप्तमानन्दकन्दं, दलितदुरितकन्दं... सुधाख्या व्याख्या समाप्ता।।) {173} | 149 शब्द., अनु. 1 अमोलकऋषि वि. 1973P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {आयुष्मन् जम्बू।...भी समाप्त हुवा।) (8) {164} 150 2 | जीवराज घेलाभाई दोशी | वि. 1987P (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→अ. 2, अ. 3→उ. 1) (सुधर्मास्वामी डॉ. पोताना जंबू...त्रण तिर्थ जाणवा.} {166} | 151 शब्द., अनु, |1| आत्मारामजी आचार्य वि. 2001 (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {हे आयुष्मन् शिष्य...किये गए हैं। |विवे. (9) {178, 193} 152 | 2 | वीरपुत्रजी वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (श्रु.1→अ. 5-10) {190} महाराज 153 अनु. (10) |1| देवचंद्रजी उपाध्याय वि. 1999P (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) (हे आयुष्मन् शिष्य...अनंता कहेला छे.) {168, 197} 154 2 | फूलचंद्रजी मुनि वि. 2028P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {श्री सुधर्मास्वामी जम्बू...कहे गए हैं।।) (पुष्फभिक्खु (#) {1444} 155 | कन्हैयालालजी मुनि वि. 2028P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {175} (कमल) 156 राजुल साध्वी वि. 2038P (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {आयुष्यमान् शिष्य।...पुद्गलो अनंत छे.} {181) 157 5 | दीपरत्नसागरजी वि. 2053P | 'गुर्जर छाया' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {आयुष्यमान् शिष्य।... पुद्गलो अनंत छे.} {1461) 158 6 दीपरत्नसागरजी वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {हे आयुष्मन् शिष्य...पुद्गल अनन्त हैं।) {1468} दीपरत्नसागरजी वि. 2066P 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {हे आयुष्य मान्!...अनंता कह्या छे.} {199) 160 अनु., | दलसुखभाई मालवणिया |वि. 2011P | 'स्था.सूत्र और सम.सूत्र का तुलनात्मक अनु. और टिप्पण' * अर्वा,टिप्प. पंडित (गु.) * गद्य * (श्रु. 1)→खंड 7 {1438} जामुन - 1 (11) Page #53 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 3. स्थानांगसूत्र संवत् स्वरूप पे. कर्ता कृति विशेषनाम भाषा*गद्य-पद्य परिमाण*आदि-अंत*प्र.क्र. 2 | महाप्रज्ञजी आचार्य वि. 2033P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {आयुष्मान् ! मैंने...पुद्गल अनन्त हैं।} {179) 162 अनु., विवे. | 1 | हीरालाल शास्त्री वि. 2035P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {हे आयुष्मन्।...कहे गये हैं।} {180} (12) 163 2 | वीरमतीबाई महासती | वि. 2056P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) (हे आयुष्यमान् !...पुद्गल अनंत छे.} {187} 3 | अमरमुनिजी उपप्रवर्तक वि. 2061P | | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {आयुष्मन् ! मैंने...कहे गये हैं।) {195) 165 | सुरेन्द्र बोथरा | वि. 2061P | अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. और विवे. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (श्रु. 1) {Long lived one...taste and touch.) {195) 166 टीकानु. देवचंद्रजी उपाध्याय | अभय. टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {168, 197) (13) 167 अर्वा.टीकानु. 1 | घासीलालजी महाराज (#) वि. 2022P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {173} (14) 168 | 2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2022P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {173, 174} 169 विवे. (15) |1| नित्यानंदसूरि | वि. 2056P | 'चतुर्भगीयों का विवे.' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1→अ. 4था) {185} 170 2 | दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'अभय. टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) (199) 171 प्रव. (16) |1| सागरानंदसूरि वि. 1991 (गु.) * गद्य * (श्रु.1→अ.5→उ.1→सूत्र 1)→प्रव. 72 {169, 170, 172) 172 | महाप्रज्ञजी आचार्य वि. 2054P 'मंजिल के पडाव' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) →प्रव. 32 {1517} 173 | नित्यानंदसूरि वि. 2058P तीसरे स्थान की त्रिभंगीयों के प्रव. * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1→अ. तीसरा) प्रव. 20 {191) 174 शोधग्रंथ । | पारसमणि खिचा वि. 2055P जैन आगमों का दार्शनिक एवं सांस्कृतिक विवेचन * (हिं.) * गद्य * अध्याय 6 {184} (17) 175 मूल (1) सुधर्मास्वामीजी 4. समवायांगसूत्र (175-197) वी.सं. पूर्व (प्रा.) * गद्य, पद्य - श्रु. 1→अ. 1→उ. 1→सम. 100+ त्रीश वर्ष प्रकीर्णक→सूत्र 159 ग्रं.1667 {सुयं मे आउसं...ति त्ति वैशाख सुद बेमि।।) (201, 202, 203, 204, 205, 206, 207, 209, 210, 211, 212, 213, 214, 215, 216, 217, 218, 219, 220. 221, 222, 223, 224,225, 226, 227,229, 1349, 1367, 1377, 1380, 1382, 1393, 1408, 1510,1511336) 11 176 टीका (2) अभयदेवसूरि वि. 1120 (सं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति श्लोक-9 ग्रं.3575 {श्री वर्द्धमानमानम्य समवायाङ्गवृत्तिका।...चतुर्थमङ्गं वृत्तितः समाप्तम्।) (201, 203, 204, 206, 214, 217, 221, 225, 226, 227, 229,1511312) | (मा.गु.) * गद्य * (श्रु. 1) ग्रं.5657 (देवदेवं जिनं नत्वा 177 बा.बो. (3) मेघराज उपाध्याय वि. 165523 Page #54 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय संवत् क्र. स्वरूप पे. कर्ता कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. पार्श्वचन्द्रादिसद्गुरून्। समवायांगसूत्रस्य...रिति।। सूत्र टब्बार्थसंख्या 713511) {201} सज्झाय (4) ज्ञानविमलसूरि वि. 17282 (गु.) * पद्य * गाथा 15 {कहुं हवे सबलनी...विधु विमळा रे।चरित्र०।।1511) {1759, 1768, 1792} 179 छाया (5) कनकश्रीजी साध्वी वि. 2040P (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) (213} 180 अर्वा. टीका घासीलालजी महाराज वि. 2018 | 'भावबोधिनी' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति श्लोक-9 {स्याद्वादसार्थश्च नयैः प्रमाणैर्जीवादिभावप्रतिबोधको...तथैव त्वां प्रतिब्रवीमि।} {209) 181 शब्द.,अनु., वीरपुत्रजी महाराज वि. 2010 (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {219) विवे. (7) 182 | अनु. (8) |1| अमोलकऋषि वि. 1973P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {श्री श्रमण भगवंत...चतुर्थांग समवायांग समाप्त।।) {202} 183 | जेठालाल हरिभाई शास्त्री, | वि. 1995P (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {हे आयुष्मान् (जंबू) ...हुं कहुं छु.) कृतिसंशो.-कुंवरजी {205} आणंदजी शाह कन्हैयालालजी मुनि वि. 2023P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) (210} (कमल) 185 फूलचंद्रजी मुनि वि. 2028P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1444) (पुष्फभिक्खु) (2) 186 सुमनबाई महासतीजी |वि. 2035P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {212} 187 चंद्रप्रभसागरजी | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {215} महोपाध्याय 188 दीपरत्नसागरजी वि. 2053P | ‘गुर्जर छाया' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {हे आयुष्यमान्।..ते कहुं छु.} {1461} 189 8 | दीपरत्नसागरजी वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {हे आयुष्मन्!...तुम्हें कहा है।) {1468) 190 9 दीपरत्नसागरजी वि. 2066P 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {228} 191 महाप्रज्ञजी आचार्य, वि. 2040P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {213} अर्वा टिप्प. दुलहराजजी मुनि, श्रीचंद्रजी मुनि (कमल) 192 | अनु., विवे. हीरालाल शास्त्री वि. 2039P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {हे आयुष्मन्!...तुम्हें कहा है।) {222} 184 अनु.. (9) (10) 193 अनु., विवे., वनिताबाई महासतीजी |वि. 2054P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) (220) सारांश (11) (विनय) 194 टीकानु. जेठालाल हरिभाई शास्त्री, | वि. 1995P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) (205) (12) कृतिसंशो.-कुंवरजी आणंदजी शाह 195 अर्वा.टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज वि. 2018 | "स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {209) (13) 196 2 घासीलालजी महाराज वि. 2018P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {208, 209} Page #55 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 4. समवायांगसूत्र क्र. पे. कर्ता संवत् स्वरूप 197 विवे. (14) | कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. वि. 2066P | ‘टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {228 } दीपरत्नसागरजी 198 मूल (1) सुधर्मास्वामीजी 5. भगवतीसूत्र (198-282) वी.सं. पूर्व | (प्रा.) * गद्य, पद्य * श्रु. 1→श. 41→उ. 10+10+......... त्रीश वर्ष । +196-1925-सूत्र 5365 ग्रं.15752 (नमो अरहंताणं वैशाख सुद | नमो...रासीजुम्मसतं एगदिवसेणं उहिस्सिज्जति।।) (230, 231, 233, 234, 236, 237, 239, 240, 246, 250, 265, 268, 272,275,277,279,280,281,282.285.289,293.294, 295,296, 297, 304,305, 306, 307, 308, 310, 312, 316, 1349, 1352, 1377, 1393, 1510, 1544340} 199 चूर्णि (2) जिनदासगणिजी महत्तर वि.733# |200टीका (3) 1 वि. 1128 अभयदेवसूरि, कृतिसंशो.-द्रोणाचार्य 2| हर्षकुल गणि वि. 1583# (प्रा., सं.) * गद्य * (श्रु. 1) Jटक ग्रं.3500 (पुढवी ठिति योगाहण...बतवदेविं पसन्नवाणि पणिवयामि।छि।।...} {285, 300} (सं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति श्लोक-16 ग्रं.18616 {सर्वज्ञमीश्वरमनन्तमसडगमग्र्य, सावीयमस्मरमनीशमनीहमिद्धम्। ...इति श्रीभगवतीसूत्रं सम्पूर्णम्।।) {230, 231, 233, 239, 272, 280, 282, 285, 294, 295,307, 308,312, 316, 1544%3D15) 'बीजक' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) ग्रं.420 {प्रणम्य परया भक्त्या, ...योगविधिः सर्वोऽपि भगवतीसत्कः।।) (264) 'विशेष पद व्याख्या' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति श्लोक-2 ग्रं.12920 (श्रीवीरं नमस्यित्वा तत्त्वावगमाय...प्रसद्य शोध्यं गुरुवद्गुरुधीधनैर्गुरुभिः ।।} {238, 290, 294, 309=4) (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) ग्रं.3118 {अथ समस्तप्रत्यवभासनसमर्थाऽचिन्त्यविभूतिकेवलालोकितलोकालोकेन परमगुरुणा... इति भगवत्यवचूर्णी समाप्ता।।} {264} |202 | 3 | दानशेखरसूरि वि. 159723 203 अवचूरि (4) | अज्ञात 204 बा.बो. (5) मेघराज उपाध्याय वि.1655# | (मा.गु.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति पद्य-3 {देवदेवं जिन नत्वा स्तुत्वा च श्रुतदेवतां। वार्तिकं पंचमांगस्य...एतले भगवती विवाह पन्नत्तीसूत्र पंचमांग पूर्ण थयो।।} {230) | 205 स्तोत्र (6) | विबुधप्रभसूरि वि. 1300 'विवाह प्रज्ञप्ति : 5-अगस्तोत्रम्' * (सं.) * पद्य * गाथा 10 {चतुर्विंशश्रीमज्जिनविततवंशध्वजलते!... परपारं प्रवचना. धिदेव्याः सांनिध्यादनणुगणियोगाख्यतपसः।।10।।} {298 } 206 स्तवन (7) समयसुंदरजी उपाध्याय वि. 16542 |207 सज्झाय (8) 1 मानविजयजी उपाध्याय | | वि. 1731# गति आगति 24 दण्डक विचार स्तवन * (मा.गु.) * पद्य * गाथा 13 {श्री महावीर नमूं...कहै एह विचार।131) {1774) मानविजयजी कृत भगवतीसूत्र के विविध शतक/उद्देशा आधारित सज्झाय * (मा.गु.) * पद्य * सज्झाय 33 {सद्दहणा सूधी मन...प्रतई मानविजय उवज्झाय...विद्या०11711) {298} Page #56 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय क्र. स्वरूप पे. कर्ता संवत् कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. 208 | 2 | मानविजयजी उपाध्याय वि. 1731# | बारह व्रत की सज्याय * (मा.ग.) * पद्य * ढाल 5/ सर्वगाथा 56 {श्री जिनवीर वदई...मान कहइ हितकार... परिणत०115611) {1784) 209 3 ज्ञानविमलसूरि वि. 17282 (गु.) * पद्य * गाथा 24 {आवो आवो सयणा...करी सहु पभणे...आवो०112411) {298, 1747, 1759, 1784, 179235} 210 | नित्यविजयजी वि. 1734# (मा.गु.) * पद्य * गाथा 11 {चोवीसमा श्री वीर...भगवती. सूत्राभिधान सूचक स्वाध्याय।।5।।} {298} |5| विनयविजयजी उपाध्याय | वि. 1738 (गु.) * पद्य * गाथा 21 {वंदि प्रणमी प्रेमशं...विनयविजय उवज्झाय रे।।भ०112111) {298, 1748, 1750, 1751, 1769, 1784%D6) 212 | 6 | देवचंद्रजी उपाध्याय वि. 17672 (गु.) * पद्य * गाथा 8 {श्री सोहम जंबुने...रे.. तेह रे श्री सोहम०11811) (298, 1779, 1784) 213 | 7 | जिनविजयजी गणि वि. 17702 (गु.) * पद्य * गाथा 13 {धन्य कुंवर त्रिशला...गुरु साहाय्य हो... ज्ञान०111311} {298, 1784) | 8 लक्ष्मीसूरि वि. 1827# (गु.) * पद्य * गाथा 13 {त्रिशलानंदन त्रिजगवंदन, प्रणमी... | सुखदाइ...भवि! तुमे०111311} {298,1784) 215 गहुँली (9) 1 दीपविजयजी वि. 1900# (गु.) * पद्य * गाथा 7 {सहियर सुणिये रे, ...मंगल कोटी वधाई।} {298, 1752, 1762} 216 2 | वीरविजयजी पंन्यास वि. 185323 जयंति श्राविका संबंधित गहुँली * (गु.) * पद्य - गाथा 9 {चोवीशमा जिनराय नयरी...देशो मुज कदा।।9।।} {1752) 217 गीत (10) समयसुंदरजी उपाध्याय वि. 1654# उदयन राजर्षि गीत * (मा.गु.) * पद्य * ढाल 2 / सर्वगाथा 20 {सिंधु सोवीरइ वीतभउ...पामीजइ भवपार, मुनिवर।।2011) {1774} 218 जोड (11) |1| जयाचार्य वि. 1879 नियंठा की जोड * (राज.) * पद्य * ढाल 4 / सर्वगाथा 118 {अनंत चोबीसी हूं...कीधी सहर पीपाड।।2411} {299) 219 | 2 | जयाचार्य वि. 1879 संजया की जोड * (राज.) * पद्य * ढाल 3 / सर्वगाथा 63 {संजया भगवंत किणविध...शहर पीपाड रे।।1511) {299) 220 3 | जयाचार्य वि. 1924 (राज.) * पद्य * ढाल 501-→गाथा 22254 ग्रं.60906 {ॐ पंच परमेष्ठि...तो, मिच्छामिदुक्कडं मोय।।} {299) 214 221 चोपाई (12) | भिक्षु आचार्य वि. 1846 | गोसाला की चोपाई * (राज.) * पद्य * ढाल 41 / सर्वगाथा 885 {अरिहंत सिद्ध ने...जिणेसर भाखियो ए।।) (299) मेघविजयजी वि. 1966 222 चौढालिया (13) | भगवतीसूत्र वाचना वर्णन * (गु.) * पद्य * ढाल 4/ सर्वगाथा 71, कळश गाथा-1 {वंदु विश्वंभर विभु, ...शिष्य मेघविजय मुदा।।111) (235} | (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) {230} (सं.) * गद्य * (श्रु.1→श.6) {233, 280} 223 छाया (14) | 1 रामचंद्र गणि 2 बेचरदास जीवराज दोशी पंडित वि. 1860# वि. 1974 224 Page #57 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 5. भगवतीसूत्र संवत् 226 स्वरूप पे. | कर्ता | कृति विशेषनाम*भाषा गद्य-पद्य परिमाण*आदि-अंत*प्र.क्र. 225 | घासीलालजी महाराज (2) | वि. 2017P | (सं.)* गद्य * (. 1) (250) महाश्रमणजी आचार्य, वि. 2050P | (सं.) * गद्य * (श्रु. 1→श. 16) {285} कनकप्रभाजी साध्वी 227 अर्वा, भाष्य महाप्रज्ञजी आचार्य | वि. 2050P | (हिं.) * गद्य * (श्रु.1→ श. 16) {285) (15) 228 अर्वा. टीका घासीलालजी महाराज |वि. 2017P | 'प्रमेयचान्द्रका' * (स.) * गद्य * (श्रु.1) {महावार धारब (16) समीर...एकदिवसेन उपदिश्यते इति।) {250) 229 शब्द., अनु, || वीरपुत्रजी महाराज | वि. 2022P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {अरिहन्त भगवान् को...विघ्न न विवे. (17) आवे।।) {262, 275) 230 अनु. (18) 1 A. F. Rudolf | वि. 1944P | (अं.) * गद्य * (श्रु. 1-→श. 15वाँ) {377} Hoernle 231 वि. 1974 (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {233, 236, 237, 280=4} 2| भगवानदास हरखचंद दोशी, बेचरदास जीवराज दोशी पंडित अमोलकऋषि गोपालदास जीवाभाई 232 वि. 1974P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {234} | वि. 1994P | 'टिप्पणयुक्त', 'भगवतीसार' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {241} 233 पटेल 234 235 236 237 239 240 | हीरालाल हंसराज (#) । | वि. 1994P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→श. 17) {सर्वज्ञ, ईश्वर, अनंत, ...हे भगवन ! ते एमज छे।।61611} {240) 6 मदनकुमार महेता | वि. 2011P | विषयानुवाद' * (हिं.) * गद्य * (श्रु.1→श. 20) {247} 7 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2017P (हिं.) * गद्य * (श्रु.1→श. 8, श. 9वाँ -उ. 31) {250} 8 | घासीलालजी वि. 2017P | (गु.) * गद्य * (श्रु.1→श. 8, श. 9वाँ-उ. 31) {250, 251) महाराज (#) |9| रूपेन्द्रकुमार पगारिया वि. 2022P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1→श. 15वाँ) {उस काल और...विहार करते हैं।} {257} 10| जनक मुनि, जगदीशमुनि | वि. 2023 'भग.सूत्र उपक्रम', कथानुयोग रहित * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1). {260) 11 K. C. Lalwani वि. 2029P | "टिप्पणयुक्त' * (अं.) * गद्य * (श्रु.1→श. 11) {293) 12| | कन्हैयालालजी मुनि वि. 2043P | (हिं.) * गद्य * (श्रु.1→श. 25→उ. 6-7) {277) (कमल) (#) महाप्रज्ञजी आचार्य, | वि. 2050P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1-→श. 16) {285} कनकप्रभाजी साध्वी 14 दीपरत्नसागरजी वि. 2053P | (गु.) * गद्य - (श्रु. 1) {अर्हतने नमस्कार थाओ, ...दिवसे उपदेशाय छे.} {292} 15 दीपरत्नसागरजी वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {अर्हन्तों को नमस्कार...दी जानी चाहिए।} {301, 302, 1469} 16| महेन्द्रकुमारजी मुनि वि. 2061 | महाप्रज्ञजी और कनकप्रभा साध्वीजी कृत (हिं.) अनु. का भाषां. (द्वितीय), * (अं.) * गद्य * (श्रु.1→श. 2) {304) Nathamalji Tatia Dr. 241 244 245 Page #58 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय 15 246 टीकानु. स्वरूप पे. | कर्ता संवत् कृति विशेषनाम*भाषा गद्य-पद्य परिमाण*आदि-अंत*प्र.क्र. 17| दीपरत्नसागरजी वि. 2066P "विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {314) 247 अनु., विवे. अमरमुनिजी उपप्रवर्तक, | | वि. 2039P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {अर्हन्तों को नमस्कार...दी जानी (19) श्रीचंद सुराणा चाहिए।) {279} 248 आरतीबाई महासतीजी | वि. 2059P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {अर्हतोने नमस्कार हो, ...दिवसमां करवी डॉ. जोईए.} {296) 249 अमरमुनिजी उपप्रवर्तक | वि. 2069P (हिं.) * गद्य * (श्रु.1→श. 13) {306} 250 सुरेन्द्र बोथरा वि. 2069P अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. और विवे. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (श्रु. 1→श. 13) {306} 251 पुरुषोत्तम गीगाभाई शाह वि. 1974P अभय, टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→श. 1) |(20) {232} 252 बेचरदास जीवराज दोशी | वि. 1974 अभय, टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→श. 6) पंडित {233, 280) 253 अर्वा. महेन्द्रकुमारजी मुनि वि. 2061P महाप्रज्ञजी आचार्य कृत (हिं.) भाष्य का भाषां. * (अं.) * गद्य भाष्यानु.(21)/ (द्वितीय), * (श्रु.1→श. 2) {304} Nathamalji Tatia Dr. 254 अर्वा,टीकानु. 1 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2017P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {250) (22) 2 | घासीलालजी महाराज (2) | वि. 2017P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (श्रु.1) {250, 251} 256 विवे. (23) |1| पूर्णानंदविजयजी पंन्यास | वि. 2036 'सारसंग्रह' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति श्लोक-10 (सं.) {278} 257 2 | पूर्णानंदविजयजी पंन्यास | वि. 2039 'सारसंग्रह', स्वोपज्ञ भाषां. * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {273, 276) 3| दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'अभय.टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {314) 259 प्रव. (24) 1 जवाहिरलालजी आचार्य | | वि. 1992 (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1-→श.1→उ. 1) {242, 286) 255 258 260 2 | सागरानंदसूरि वि. 1992 |(गु.) * गद्य * (श्रु.1→श. 1)→प्रव. 105 {244) 261 3 सागरानंदसूरि वि. 1998 | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→श. 1→उ. 1)→मंगला.प्रव. 83 {249, 253,263, 269%84) (गु.) * गद्य * (श्रु.1→श. 8वाँ)-प्रव. 49 {243, 271) 262 | सागरानंदसूरि वि. 2000 263 5 | लब्धिसूरि वि. 2001P 264 | धर्मसूरि वि. 2005 (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→श. 1-→उ. 1) {245, 252, 259, 267%34) | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→श. 1→उ. 1) →प्रव. 15 {274, 303) 'तेरहवें श. के छटे उद्देशक के प्रव.' (गु.) * गद्य * (श्रु.1→श. 13→उ.6ट्ठा)→प्रव. 113 (255} (गु.) * गद्य * (श्रु.1→श. 15वाँ)→प्रव. 133 {258) 265 शारदाबाई महासतीजी वि. 2019 266 8 | शारदाबाई महासतीजी |वि. 2022 267 शारदाबाई महासतीजी |वि. 2022P | 'तीसरे श. के प्रथम उद्देशक के प्रव.' * (गु.) 1→श. 3→उ. 1)-प्रव. 32 {256) Page #59 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 5. भगवतीसूत्र स्वरूप पे. कर्ता 268 10 जसराजजी सिंघी संवत् कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. | वि. 2029P | लब्धिसूरिजी के (गु.) प्रव. का भाषां. * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1->श.1-→उ. 1) अरिहंतपद, सिद्धपद विवेचन (261) 269 11 शारदाबाई महासतीजी वि. 2029 | भग.सूत्र के जमालीकुमार के अधिकार के प्रव. * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→श. 9→उ. 33वाँ) →प्रव. 118 जमालीकुमार का अधिकार और गुणसेन अग्निशर्मा चरित्र (266) 270 वि. 2035 | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→श. 12-→उ. 1)→प्रव. 85 (270) 271 12 लीलावतीबाई महासती | भुवनभानुसूरि श्रेयांसप्रभसूरि 15 रमेशभाई शिवराजजी मेहता वि. 2051P वि. 2063 | |वि. 2063 273 | (गु.) * गद्य * (श्रु.1→श.1→उ. 1) प्रव. 12 (288) | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→श. 1-→उ.1) {313} भग.सूत्र के जमालीकुमार अधिकार के शारदाबाई महासतीजी के (गु.) प्रव. का भाषां. * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1→श. 9→ उ. 33वाँ)→प्रव. 118 {311) (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {248, 1609) 1 | वीरपुत्रजी महाराज | वि. 2012P 274 | थोकडा (25) 275 लीलमबाई महासतीजी, आरतीबाई महासतीजी | (गु.) * गद्य * (श्रु.1) {1602) डॉ. |वि. 2067P | (गु.) * गद्य * (श्रु.1)→प्रश्न. 1500 {315} (26) |276 अर्वा.प्रश्न. वनिताबाई महासतीजी (विनय) 277 सारांश (27)| 1 विद्याविजयजी | 2 | तिलोक मुनि |279 शोधग्रंथ 1 Jogendra Chandra Sikdar Dr. (28) देवेन्द्रमुनिजी शास्त्री 278 | वि. 1997 | "सारसंग्रह' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→श.6) {278) . वि. 2050P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {284) वि. 2020P 'Studies In The Bhagawati Sutra' * (अं.) * गद्य * (श्रु.1)→प्रक. 11 {254} | वि. 2049P | 'भगवतीसूत्र : एक परिशीलन' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) वि. 2 {279, 283} वि. 2050P | 'A STUDY OF THE BHAGAVATI SUTRA A CHRONOLOGICAL ANALYSIS' * (अं.) * गद्य * (श्रु. 1→श. 20)→प्रक.4 {287} वि. 2052P (अं.) * गद्य * (श्रु. 1) (291) 3| Suzuko Ohira Jozef Deleu 283 मूल (1) सुधर्मास्वामीजी 6. ज्ञाताधर्मकथासूत्र (283-323) वी.सं. पूर्व | (प्रा.) * गद्य, पद्य * श्रु. 2→अ. 19+ वर्ग 10→सूत्र त्रीश वर्ष 146+13 ग्रं.5400 {ते णं काले...वग्गेहिं नायाधम्मकहाओ वैशाख समत्ताओ।) {317, 318, 319, 320, 321, 322, 323, सुद 11 326, 331, 334, 335, 336, 337, 338, 339, 341, 342, 343, 344,345, 348, 350, 351, 353, 1349, 1371, 1377, 1383, 1393, 1407, 1510, 1524, 1545, 1548, 1550=35) Page #60 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय 289 स्वरूप पे. | कर्ता संवत् | कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. 284 टीका (2) अभयदेवसूरि, वि. 1120 | 'प्रदेश टीका' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 2), प्रशस्ति श्लोक-12 कृतिसंशो.-द्रोणाचार्य ग्रं.3800 {नत्वा श्रीमन्महावीरं, प्रायोऽन्यग्रन्थवीक्षितः।... वरपरिवर्जितेति, शेष सूत्रसिद्धम्।।) (317, 318, 323, 331, 335, 336, 353, 152438) 285 बा.बो. (3) अज्ञात (मा.गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {प्रणम्य श्री महावीरं...अंग संपूर्ण थयो।} {317) 286 सज्झाय (4) | 1 मेघराज उपाध्याय वि. 1655 'श्र.1 के प्रत्येक अध्ययन की' * (गु.) * पद्य - सज्झाय 19 ग्रं.501 {वीर जिणेसर वंदं...पुंडरीक सज्झायम्। 1911) {1756, 1784} 287 2 | प्रीतिविजयजी वि. 1721 'श्रु.1 के प्रत्येक अध्ययन की' * (मा.गु.) * पद्य * सज्झाय 19, कळश 17 {श्री श्रुतदेवी नमी...गाथा सोहे विसाल।।1711) {1784) 3 रामविजयजी वि. 1766 |नंद मणियार की सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 31 सर्वगाथा 37 (स्वस्ति श्री कमला...वरशे रे।।9।।) {1784} राजरत्न उपाध्याय वि. 1729# | 'श्रु. 1 के प्रत्येक अध्ययन की' * (मा.गु.) * पद्य * सज्झाय 19 {छटे अंगे जिनवर...जयकार रे (मनशुद्धि०) ।।9।।) {1784) 290 5 | रायचंदजी वि. 1797 थावच्चा (कुमार) मुनि की सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 41 सर्वगाथा 54, कळश 1 {द्वारामती नगरी वसे...कुमारनुं चोढालीयु संपूर्ण} {1768, 1784) 6 | रायचंद मुनि वि. 1836# | पुंडरीक कंडरीक की सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 4 / सर्वगाथा 62 (तेणे काळे तेणे...आगम वयण प्रमाण।।1211) {1784) 292 7 | खोडाजीऋषि वि. 19182 | शीयल विशे स्त्रीने शिखामणनी सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 17 {निसुणो सकल सोहागण...जोडी ऋषि खोडीदासे।।1711) {1784} 293 अर्वा. टीका | | घासीलालजी महाराज वि. 2004 'अनगारधर्मामृतवर्षिणी' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 2), प्रशस्ति श्लोक-5 {श्री सिद्धराजं स्थिरसिद्धिराज्यप्रदं...द्वितीयः श्रुत स्कन्धः समाप्तः।। {339} 294 शब्द.,अनु. छगनलालजी शास्त्री डॉ., | वि. 2036# | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {351) महेन्द्रकुमार रांकावत डॉ. 295 अनु. (7) 1 अमोलकऋषि वि. 1975P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) (319) 296 2 | Banarsidas Jain |वि. 1979P | (अं.) * गद्य * (श्रु.1→अ. 1) {1548} | जेठालाल हरिभाई शास्त्री |वि. 1985P (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {ते काळने विषे...ज्ञाताधर्मकथाओ समाप्त थइ.} {320) 298 शोभाचंद्रजी भारिल्ल 'स्पष्टीकरणयुक्त' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {326, 1443) 299 | प्यारचंद्रजी उपाध्याय | वि. 2033P (हिं.) * गद्य * (श्रु.1→अ. 9) {333} 6 वनिताबाई महासतीजी वि. 2037P (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {334} (विनय) 291 (5) (6) 300 Page #61 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 6. ज्ञाताधर्मकथासूत्र |स्वरूप पे. | कर्ता संवत् | कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. हुकमचंद जैन डॉ. वि. 2047P (हिं.) * गद्य * (श्रु.1→अ. 4था, 6ट्ठा) {1550) 302 303 304 305 11/ वि. 8 | दीपरत्नसागरजी | वि. 2053P | "गुर्जर छाया' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {1462) 9 अमरमुनिजी उपप्रवर्तक वि. 2053P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {342} 10| सुरेन्द्र बोथरा वि. 2053P | अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (श्रु. 2) {342} दीपरत्नसागरजी वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {सर्वज्ञ भगवंतों को...वर्गों में समाप्त।) {1469) 12 कनकश्रीजी साध्वी वि. 2059P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) (345) 13 | सुमनबाई महासतीजी वि. 2060P (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {348} 14 दीपरत्नसागरजी वि. 2066P 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {354} बेचरदास जीवराज दोशी वि. 1987P | 'भगवान महावीरनी धर्मकथाओ' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) पंडित {338, 340) 306 307 308 309 अनु., अर्वा.टिप्प. (8) 310 अनु., विवे. शोभाचंद्रजी भारिल्ल वि. 2046P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {337} 311 अर्वा,टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2020P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {339} | (10) 312 2 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2020P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) (325, 339) 313 अर्वा,टिप्प. महाप्रज्ञजी आचार्य | वि. 2059P | | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {345) (11) 314 विवे. (12) दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'अभय टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) (354) 315 प्रव. (13) |1| रत्नकुमार (रत्नेश) वि. 2025P तेतलीपुत्र अधिकार संबंधित लीलावतीबाई महासतीजी के (गु.) प्रव. का भाषां. * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1→अ. 14वाँ) →प्रव. 126 तेतलीपुत्र का अधिकार {328, 352) 2 | शारदाबाई महासतीजी वि. 2029 शैलकाध्ययन के प्रव. * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→अ. 5वाँ) →प्रव.67,थावच्चापुत्र अधिकार (329) 3 लीलावतीबाई महासती वि. 2020 4 | शारदाबाई महासतीजी |वि. 2030 'अपरकंकाध्ययन आधारित द्रौपदी अधिकार के प्रव.' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→अ. 16वाँ)-प्रव. 57, द्रौपदी का अधिकार {327) 'अपरकंकाध्ययन आधारित दौपदी अधिकार के प्रव.' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→अ. 16वाँ)→प्रव. 122, द्रौपदी का अधिकार और ऋषिदत्ता चरित्र {330} मल्ली अध्ययन के प्रव. * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→अ. 8वाँ) →प्रव. 109, मल्लिनाथ भगवान का अधिकार {332) अपरकंकाध्ययन आधारित शारदाबाई महासतीजी के (गु.) प्रव. का भाषां. * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1- अ. 16वाँ) प्रव. 122 द्रौपदी अधिकार और ऋषिदत्ता चरित्र {347) 5 | शारदाबाई महासतीजी वि. 2032 320 6 नीरा कांतिलाल नाहटा डॉ., वि. 2059P महेन्द्रभाई रांभिया Page #62 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय 19 स्वरूप पे. कर्ता 7 | नेमिचंद्र मुनि संवत् वि. 2060P 321 कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. शारदाबाई महासतीजी के (गु.) प्रव. का भाषां. * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1→अ. 8वाँ) →प्रव. 109 मल्लिनाथ भगवान का अधिकार और प्रद्युम्न चरित्र {349) (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {323, 324, 335} | ‘ज्ञाताधर्मकथांग का साहित्यिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन' * (हिं.) * गद्य * अध्याय 8 {346) 322 सारांश (14) 323 शोधग्रंथ (15) चंदनसागरजी गणि राजकुमारी कोठारी डॉ. | वि. 2008 वि. 2003P 324 मूल (1) सुधर्मास्वामीजी 7. उपासकदशांगसूत्र (324-370) वी.सं. पूर्व (प्रा.) * गद्य * श्रु. 1→अ. 10→उ. 10-→सूत्र 59, ग्रं.812 त्रीश वर्ष {ते णं काले...दिवसेसु अङ्गं तहेव।} {355, 356, 357, वैशाख सुद | 358,359, 360, 361, 362, 363, 364, 365, 366, 368, 369, 370, 371, 372, 373, 374, 380, 381, 383, 384, 386,388,390, 1349, 1358,1371,1377, 1383,1393, 1402,1407,1466,1510,1524,1545%3D38) 325 टीका (2) अभयदेवसूरि वि. 111723 326 कथा (3) शुभवर्धनगणि वि. 1546 327 कथा, चूर्णि पूर्णभद्रसूरि वि. 1275 | 328 बा.बो. (5) |1| अज्ञात 329 2 | राजेन्द्रसूरि भट्टारक वि. 19502 (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) ग्रं.800 {श्री वर्द्धमानमानम्य व्याख्या... कुर्वतां प्रीतये मे।} {355, 358, 359, 364, 365, 372, 374, 388, 152439) दशश्रावक चरित्र * (प्रा.) * पद्य * (श्रु. 1) (वीरजिणिदं देविंदवंदिवंदिऊण...लिहिअंचरिअंपवित्थरउ।। {378} | 'आणंदादिदस उवासगकहाओ - स्वोपज्ञ चूर्णियुक्त' * (प्रा., सं.) * पद्य, गद्य * (श्रु. 1) →गाथा 338, प्रशस्ति गाथा 1 {जस्स पयनहपहाभरपंजरमज्झट्ठिया तिलोई...आमाशयेऽलसीभूतस्तेन सोऽलसकः स्मृतः।।} {389} (मा.गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {श्री वीतरागाय नमः...अध्ययन कहे श्रीः।) {355} (मा.गु.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति गद्य (सं.) {श्री जिनाय नमः... दशम अध्ययन संपूर्णम्।।} {382} दशश्रावक की सज्झाय * (मा.गु.) * पद्य * गाथा 7 {सूधै मन प्रणमौ...धरै धर्म ध्यानासू०।।7।।} {1775} श्रावक की 11 पडिमा की सज्झाय * (मा.गु.) * पद्य* गाथा 14 {सातमे अंगे भाखीयोजी...वास संगेवी श्रावक०।।14।।) {1782, 1784} | कामदेवजी श्रावक की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 16 {श्रावक श्री वीर...खशालचन्द जोडी प्रकाश।।1611) {373) दशश्रावक की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 9 {सयल उपासकमां शीरदारा, ...वीरविजय शिवराणी।। साहेबा।।9।।) {1770) महावीरस्वामी के 10 महाश्रावक की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 9 {वीर सुश्रावक समकितधारा...लालन। जंबुकुमारा... 11911} {1784) 330 सज्झाय (6) | 1 | धर्मवर्द्धनजी वि. 17532 331 2 | जिनहर्षसूरि वि. 17292 | 3 | खुशालविजयजी वि. 1886 333 | 4 | वीरविजयजी पंन्यास | वि. 18532 334 5 वीरविजयजी पंन्यास |वि. 1853# Page #63 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 7. उपासकदशांगसूत्र स्वरूप पे. | कर्ता संवत् कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. 335 गहुँली (7) दीपविजयजी वि. 187723 | महावीरस्वामी के गणधर आदि परिवार संबंधित गहुँली * (गु.) * पद्य * गाथा 7 {अने हां रे...शिवपुर राज। वीर०।1711) {1752, 1762) 336 छाया (8) |1| आत्मारामजी आचार्य वि. 1989# 337 2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 1992P 338 अर्वा. टीका घासीलालजी महाराज | वि. 1987 (9) | (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) {368, 384} | (सं.) * गद्य * (श्रु.1) {362, 366} 'अगारधर्मसंजीवनी' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति श्लोक-18 {श्रीसिद्धराजं स्थिरसिद्धिराज्यप्रदं गतं...टीका स्पष्टा ।।27611} {362, 366} 342 12 349 339 शब्द., अनु. | जीवराज घेलाभाई दोशी | वि. 1978P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {360} (10) डॉ. 340 अन्व., अनु, आत्मारामजी आचार्य वि. 1989# | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति गाथा-26 (प्रा.) {368, 384) विवे. (11) 341 | अनु. (12) |1| A.F.Rudolf वि. 1944P (अं.) * गद्य * (श्रु. 1) (377) Hoernle मोतीलाल मनसुखराम वि. 1966P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1419} शाह पोपटलाल केवळचंद शाह | वि. 1967P | 'टिप्पणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1->अ. 1) {356} 344 अज्ञात वि. 1968P | (हिं.) * गद्य * (श्रु.1) {1420, 1443} 345 अमोलकऋषि वि. 1974P | | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {357} 346 बेचरदास जीवराज दोशी | वि. 1987P 'भगवान महावीरना दश उपासको' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) पंडित {379) 347 | भगवानदास हरखचंद | वि. 1992P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {363, 374} दोशी 8| विनयश्रीजी वि. 2003P (हिं.) * गद्य * (श्रु.1) {365} 349 9 डुंगरशी मुनि वि. 2027P | "टिप्पणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {370) 10 उर्वशीबाई महासतीजी वि. 2031P (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {371} 351 11 दीपरत्नसागरजी वि. 2053P (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1462} 352 12 अमरमुनिजी उपप्रवर्तक वि. 2057P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1466} 353 13 | राजकुमार जैन वि. 2057P | अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (श्रु.1){1466} 354 | 14 दीपरत्नसागरजी वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {उस काल, उस...होंगे, मोक्ष-लाभ करेंगे।} {1469} 355 15| दीपरत्नसागरजी वि. 2066P 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1538} 356 अनु., दुलहराजजी मुनि वि. 2039 (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {390) अर्वा.टिप्प. 350 (13) Page #64 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय क्र. स्वरूप पे. | कर्ता संवत् कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. 357 अनु., विवे. |1| घीसूलालजी सा. पितलिया | वि. 2034P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {373} (14) 358 2 | छगनलालजी शास्त्री डॉ. वि. 2036P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {383} 359 3| उर्वशीबाई महासतीजी | | वि. 2054P (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {381) 360टीकानु. भगवानदास हरखचंद (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {363, 374) (15) दोशी 361 2 | विनयश्रीजी वि. 2003P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {365} 362 बालावजयंतसेनसूरि वि. 2054P | राजेन्द्रसूरिजी कृत बा.बो. का अनु. * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) बोधानु. (16) {382} 363 अर्वा,टीकानु. 1 | घासीलालजी महाराज वि. 1992P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (श्रु.1) {362, 366} (17) 364 2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 1992P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {362, 366, 367} 365 विवे. (18) दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1538} |366 प्रव. (19) शारदाबाई महासतीजी वि. 2041 आनंदाध्ययन के प्रव. * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→अ. 1)→प्रव. 109, आनंद श्रावक का अधिकार {375) 367 सारांश (20) ज्ञानसुंदरजी मुनि वि. 1979P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1424} 368 शोधग्रंथ 1 सुभाष कोठारी डॉ. वि. 2044P | 'उपासकदशांगसूत्र और उसका श्रावकाचार' * (हिं.) * गद्य * (21) (श्रु. 1)→अध्याय 6 {376) 369 | स्मृति साध्वीजी डॉ. | वि. 2061P 'आगम युग का श्रावकाचार' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) →अध्याय 51385) 370 3 | जयंतसेनसूरि वि. 2062P 'वीर ने कहा हदय में रहा' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1)→अध्याय 7 {387} 371 मूल (1) सुधर्मास्वामीजी 372 टीका (2) 8. अन्तकृद्दशांगसूत्र (371-415) वी.सं. पूर्व (प्रा.) * गद्य * श्रु. 1→अ. 90→उ. 8→सूत्र 27 ग्रं.790 (ते त्रीश वर्ष णं काले...जहा णायाधम्मकहाणं।) {391, 392, 393, 395, वैशाख सुद | 398,400, 401,404,406,407,408, 409, 410, 411, 412, 413, 414, 415, 416, 418, 1358, 1371, 1377, 1383, 1393, 1402, 1407, 1431, 1446, 1487, 1490, 1494, 1495, 1499, 1504, 1508, 1510, 1524, 1534, 1535340) वि. 11202 (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) ग्रं.400 {अथान्तकृद्दशासु किमपि विव्रियते - तत्रान्तो-भवान्तः...सर्वतः । इत्यन्तकृद्दशावृत्तिः सम्पूर्णा) {404, 1487, 1490, 1494, 1499, 1504, 1508, 1524,1534,1535%D10) (मा.गु.) * गद्य * (श्रु. 1) ग्रं.3000 (ससूत्र) (ते काल चउथा... विस्तार वांचना जाणवी।} {1487} वि. 1725# | गजसुकुमाल की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 14 {धारावइ नगरी केरो...पूगी आस रे।।1411) {1784) अभयदेवसूरि 373 बा.बो. (3) अज्ञात 374 |सज्झाय (4) | 1 | मेरुविजयजी Page #65 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 8. अन्तकृद्दशांगसूत्र संवत् स्वरूप पे. कर्ता कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण*आदि-अंत*प्र.क्र. रामविजयजी उपाध्याय वि. 1770# (गु.) * पद्य * गा. (त्रि.) 17 {विचरंता गामो गाम, ...विजय रंगे (#) | भणेजी।।17||} {1776, 1781, 1784} |376 छाया (5) |1| आत्मारामजी आचार्य | वि. 1989# (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) {410} 377 हस्तीमलजी आचार्य (#) | वि. 20262 | (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) {413} 378 अर्वा, टीका घासीलालजी महाराज | वि. 2003 'मुनिकुमुदचंद्रिका' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति श्लोक-2 {शुद्धं विशुद्धं शिवदं...सविस्तरं ज्ञाताधर्मकथावद् विज्ञेयम्।।) {393) 379 शब्द., विवे. पारसमल चण्डालिया (#) | वि. 2064P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {415} (7) | 380 अन्व., अनु. आत्मारामजी आचार्य वि. 1994 (हिं.) * गद्य * (श्रु.1) 1410, 411) (8) |381 अनु. (9) |1| L. D. Barnett Dr. वि. 1963P | (अं.) * गद्य * (श्रु.1) {1418} 382 2 | अमोलकऋषि वि. 1976P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {391) 383 3 | M.C. Modi वि. 1988P | (अं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1494} 384 4 | जेठालाल हरिभाई शास्त्री वि. 1990P | मूल एवं टीका का सम्मिलित अनु. * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1495, 1508} 385 5 अज्ञात वि. 1993P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {392} 386 6 N. V. Vaidya Prof. वि. 1993P | (अं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1431} 387 गोपालदास जीवाभाई । | वि. 1996P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1433} पटेल ज्ञानमुनि वि. 2010# | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {406} प्यारचंद्रजी उपाध्याय, | वि. 2016# | पीयूषधारा टीका * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {416} कृतिसंशो.-सुप्रभाजी साध्वी डॉ. 390 भीखालाल गिरधरलाल वि. 2017P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {395} 388 389 शेठ 391 वि. 2026# || (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {413,418} चाय | 392 वि. 2028P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1443) 393 11 हस्तीमलजी आचार्य 12 फूलचंद्रजी मुनि (पुष्फभिक्खु) 13 चंपक मुनि किरणबाई महासती, उषाबाई महासती, हसुमतीबाई महासती | वीरपुत्रजी महाराज अज्ञात दीपरत्नसागरजी वि. 2031 | वि. 2032P (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) (397) | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1446} 394 395 396 | वि. 2032P | ‘स्पष्टीकरणयुक्त' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) (398, 415) वि. 2042P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {400} वि. 2053P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1462} 397 398 18| दीपरत्नसागरजी वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1470} Page #66 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय 23 399 N स्वरूप पे. | कर्ता | संवत् कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. 19 सौभाग्यमुनिजी वि. 20592 | (हिं.) * गद्य * (श्रु.1) {414} 400 20 दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1538} 401 | अनु., विवे. दिव्यप्रभा साध्वी डॉ., | वि. 1998# (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {401} | (10) कृतिसंशो.-शोभाचंद्रजी भारिल्ल 402 अमरमुनिजी उपप्रवर्तक वि. 2050P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {409) 403 3 | राजकुमार जैन (#) वि. 2050P | अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. और विवे. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (श्रु. 1) {409) 404 4 | भारतीबाई साध्वी वि. 2055P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {408} 405 पद्यानु. (11) जीतमलजी चोपडा वि. 2023 | (हिं.) * पद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति गाथा-5 {शासनपति श्री वीर... हुआ सारा अधिकार।।) {396,403} 406 | अर्वा,टीकानु. 1 | घासीलालजी महाराज (2) | वि. 2007P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {393} (12) 2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2007P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {393, 394} 408 | विवे. (13) 1 आत्मारामजी आचार्य 'निर्वाण-पथ-प्रकाशिका व्याख्या' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {410) 409 2 | दीपरत्नसागरजी वि. 2066P 'टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1538} |410 प्रव. (14) |1| शारदाबाई महासतीजी |वि. 2033 (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→वर्ग 3)→प्रव. 113, गजसुकुमाल का अधिकार {399} 411 2 | उमेशमुनि (अणु) | वि. 2041 | 'अंतगडदशासूत्र के संदेश' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) →प्रव. 8 {402) 412 अर्वा.प्रश्न. ज्योतिबाई साध्वी (#) | वि. 2067P (गु.) * गद्य * (श्रु. 1)→प्रश्न. 445 {417} (15) 413 सारांश (16) ज्ञानसुंदरजी मुनि वि. 1979P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1424} 414 शोधग्रंथ 1| सुयशमुनि वि. 2055P | 'अन्तकृद्दशा महिमा' * (हिं.) * गद्य * अध्याय 10 {405, (17) 409} 415 | सुरेन्द्र बोथरा वि. 2055P | सुयश मुनि कृत (हिं.) शोधग्रंथ का भाषां. * (अं.) * गद्य * अध्याय 10 {409) 407 |416 मूल (1) 9. अनुत्तरोपपातिकदशांगसूत्र (416-450) सुधर्मास्वामीजी वी.सं. पूर्व (प्रा.) * गद्य, पद्य * श्रु. 1→वगे 3→अ. 33→उ. 10→सूत्र 6 त्रीश वर्ष ग्रं.192 {तेणं कालेणं तेणं...नायाधम्मकहा नेयव्वं ।।) {419, वैशाख सुद | 420, 421, 422, 423, 424, 426, 427, 428, 429, 430, 11 431, 432, 433, 434, 1355, 1356, 1358, 1363, 1371, 1377, 1383, 1393, 1402, 1409, 1411, 1418, 1431, 1446, 1457, 1466, 1487, 1490, 1494, 1495, 1499, 1504, 1508, 1510, 1524, 1534, 1535342} 417 टीका (2) अभयदेवसूरि वि. 1120# | (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) ग्रं.100 {अथानुत्तरोपपातिकदशासु Page #67 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 9. अनुत्तरोपपातिकदशांगसूत्र संवत् स्वरूप पे. कर्ता कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. किञ्चिद्व्याख्यायते-तत्रानुत्तरेषु...न तु शरीरवीर्येणेत्यर्थः शेषमन्त-कृद्दशाङ्गवदिति।) {421, 427, 430, 1487, 1490, 1494, 1499, 1504, 1508, 1524, 1534, 1535%3D12} 418 बा.बो. (3) | 1 | अज्ञात (मा.गु.) * गद्य * (श्रु. 1) (तेणें काले चोथा...अर्थ प्ररूप्यो।।) {419) 419 | अज्ञात (मा.गु.) * गद्य * (श्रु. 1) (ते० तेकालनइ विषइ...अंग संपूर्ण थयउ।} {1487) 420 सज्झाय (4)|1मेरुविजयजी वि. 1725# धन्ना काकंदी अणगार की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 8 {चरण कमल नमी...सुविचार मन मान्यो।।8।। {1781, 1784} | 2 | विद्याकीर्तिजी वि. 1669# (गु.) * पद्य * गाथा 7 {धन धन्नो मुनि...निस्तार रे।। महाधन।।7।1) {1784} 3ज्ञानसागरजी वि. 1721 (गु.) * पद्य * ढाल 5 / सर्वगाथा 58 {कर्मरूप अरि जीतवा, ...ज्ञानसागर गुण गायजी।।धनधन०111011} {1771, 1781, 1784} 423 गीत (5) समयसुंदरजी उपाध्याय वि. 16542 | धन्ना (काकंदी) अणगार गीत * (मा.गु.) * पद्य * गाथा 9 (वीर जिणंद समोसरया...सुख थाय।।9।। ज०11) {1774, 1784} 424 छाया (6) |1| आत्मारामजी आचार्य वि. 1993P | (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) {423, 432) घासीलालजी महाराज (2) वि. 2004P (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) {426) | 426 अर्वा. टीका घासीलालजी महाराज वि. 2002 | 'अर्थबोधिनी' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति श्लोक-17 {गुणनिकरनिधानं, कल्पवृक्षोपमानं, नमितसुरसमाज, ... तृतीयवर्गस्यायम् उक्तरूपः अर्थः=भाव: प्रज्ञप्तः कथितः।) {426 427 शब्द., अनु., | पारसमल चण्डालिया (#) | वि. 2060P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) (434) विवे. (8) 428 अन्व., अनु, आत्मारामजी आचार्य वि. 1993P | 'तपोगुणप्रकाशिका भाषाटीका', 'गणपतिगुणप्रकाशिका विवे. (9) भाषाटीका' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {423, 432} 429 अनु. (10) |1| L.D. Barnett Dr. | (अं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1418} 430 अमोलकऋषि वि. 1976P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {420} 431 3 M. C. Modi वि. 1988P | (अं.) * गद्य * (श्रु. 1) (1494) 432 | जेठालाल हरिभाई शास्त्री वि. 1990P मूल एवं टीका का सम्मिलित अनु. * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) (1495,1508) 433 5 | आनंदसागरजी (वीरपुत्र) | वि. 1992 (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति गाथा-5 {422, 424} 434 6 N. V. Vaidya Prof. | वि. 1993P | (अं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1431} 435 7 | गोपालदास जीवाभाई | वि. 1996P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1433} वि. 1996P पटेल 436 8 | फूलचंद्रजी मुनि वि. 2028P (हिं.) * गद्य * (श्रु.1) {1443) 425 2 / Page #68 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय स्वरूप पे. कर्ता संवत् | कृति विशेषनाम*भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. (पुष्फभिक्खु) 9 उषाबाई महासती, वि. 2032P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1446} किरणबाई महासती. हसुमतीबाई महासती 438 रतनलाल डोशी (#) वि. 2032P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1457) 439 11 दीपरत्नसागरजी वि. 2053P | 'गुर्जर छाया' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1462) 440 | 12 अमरमुनिजी उपप्रवर्तक | | वि. 2057P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1466} 441 13 राजकुमार जैन वि. 2057P | अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1466) 442 | 14 दीपरत्नसागरजी वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1470} 443 15| दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1538} 444 विजयमुनि वि. 2017P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {427} अर्वा.टिप्प. (11) 445 अनु., विवे. |1| मुक्तिप्रभा साध्वी डॉ. वि. 2038P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {428) (12) 446 2 | संमतिबाई साध्वी वि. 2054P || (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {431) 447 अर्वा,टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2004P | ‘स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) (426) अनु., (13) 448 | 2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2004P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {425, 426} 449 विवे. (14) दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'अभय. टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1538} 450 सारांश (15) ज्ञानसुंदरजी मुनि वि. 1979P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1424) 451 मूल (1) 452 टीका (2) 10. प्रश्नव्याकरणसूत्र (451-480) सुधर्मास्वामीजी वी.सं. पूर्व (प्रा.) * गद्य * श्रु. 1→अ. 10→उ. 10→सूत्र 30 ग्रं.1300 {ते त्रीश वर्ष णं कालेणं...अंगं जहा आयारस्स।) {435, 436, 437, 438, वैशाख 439, 440, 441, 444, 445, 446, 447, 449, 450, 451, 452, सुद 11 453, 454, 455, 456, 457, 458, 459, 1358, 1371, 1377, 1383, 1393, 1402, 1407, 1510, 1524, 1548=32) 1 अभयदेवसूरि, वि. 1120# (सं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति श्लोक-10 ग्रं.5630 कृतिसंशो-द्रोणाचार्य {श्रीवर्द्धमानमानम्य, व्याख्या काचिद...ब्रवीमीति।। समाप्ता श्रीप्रश्नव्याकरणाङ्गटीका।} {435, 436, 447, 449, 452, 456, 152437} 2 | ज्ञानविमलसूरि वि. 17282 (सं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति श्लोक-23 ग्रं.7500 {ऐन्द्रवृन्दनतक्रमोऽमितगुण-प्राज्यद्धिसिद्धिप्रदः। श्रीपार्श्व: परमेश्वरो...प्रश्नव्याकरणसूत्रवृत्तौ दशमाध्ययनं संपूर्णम्।।) {438, 452, 459} अज्ञात (मा.गु.) * गद्य * (श्रु.1) {अहो जंबू ए...अनंत सुख पामे।) {435} 454 बा.बो. (3) Page #69 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 26 क्र. स्वरूप 455 सज्झाय (4) 456 457 458 छाया (5) 459 460 अर्वा. टीका (6) 461 शब्द, अनु.. विवे. (7) 462 अन्व. (8) 463 अन्व, अनु., विवे. (9) 463 अन्व., विवे. a (10) 464 अनु. (11) 465 466 467 468 469 470 471 472 अनु., विवे. (12) 473 474 पे. कर्ता 1 समरचंद्रसूरि 476 2 विनयविजयजी उपाध्याय वि. 1735 3 जिनविजयजी गणि 1 2 हस्तीमलजी आचार्य हेमचंद्रजी मुनि घासीलालजी महाराज हेमचंद्रजी मुनि हस्तीमलजी आचार्य रतनलाल डोशी मंगला चोरडिया, नेहा चोरडिया अमोलकऋषि 1 2 छोटालालजी मुनि 10. प्रश्नव्याकरणसूत्र संवत् fa. 1588# 6 दीपरत्नसागरजी 7 दीपरत्नसागरजी 8 दीपरत्नसागरजी 1 सुनिताबाई साध्वी 2 अमरमुनिजी उपप्रवर्तक 3 राजकुमार जैन fa. 1770# fa. 2006P fa. 2030P fa. 2007 fa. 2030P fa. 1975P fa. 1989 fa. 1998P 3 अज्ञात 4 फूलचंद्रजी मुनि पुप्फभिक्खु) वि. 2028P 5 प्रवीणऋषिजी वि. 2040P fa. 2053P fa. 1993 fa. 2031P fa. 2058P fa. 2066P fa. 2056P fa. 2064P fa. 2064P 475 अर्वा टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2018P (13) 2 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2018P कृति विशेषनाम* भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण* आदि अंत*प्र.क्र. पांचमहाव्रत-तेनी 25 भावनानी सज्झाय * (मा.गु.) * पद्य * गा. ( द्वा.प.) 28 (वीर जिणेसर पाय... त्रसह थावर राखए ।। 2811} {1784) शील विषय संवाद सज्झाय (गु.) पद्य * ढाल 2 / सर्वगाथा 29, कळश 29-29 (पहेलां प्रणमुं शारदा...वळी विनवे ..... 29} {1784) वि. 2066P हस्तीमलजी आचार्य कृत अन्व. आधारित विवे. * (हिं.) * गद्य * (श्र. 1) (458} (हिं.) गद्य * (श्रु. 1) (437) (गु.) * गद्य (श्रु. 1), प्रशस्ति गाथा 2 {442} पांचमहाव्रत-तेनी 25 भावनानी सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 5 / सर्वगाथा 52 {वासववंदित वीरजी वसुधा ... विजय जिनपासे fafa11911) (1784} (सं.) गद्य * (श्रु. 1) (441, 458) (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) (445) 'सुदर्शिनी' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति श्लोक - 8 ( श्री सिद्धराजं स्थिरसिद्धि... आचारस्य=3 आचाराङ्गस्य तथैव विज्ञेयम्) (444) (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) (445} 'भावार्थयुक्त' (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {441} (हिं.) * गद्य* (श्रु. 1) {446 } (गु.) *गद्य * (श्रु. 1 अ. 5) (439, 440 ) (हिं.) गद्य * (श्रु. 1) {1443) (हिं.) गद्य (श्रु. 1) {450) (गु.) *गद्य * (श्रु. 1) (1462 } (हिं.) *गद्य * (श्रु. 1) (1470 } 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.)* गद्य (श्रु. 1) (1538) (गु.) * गद्य (श्रु. 1) (453) (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) (457 } अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु और विवे. का भाषां.अं.) * गद्य * (श्रु. 1) {457 } 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) (444) 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) (443, 444 } Page #70 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय 27 क्र. स्वरूप पे. कर्ता | संवत् कृति विशेषनाम*भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंतप्र.क्र. 477 विवे. (14) |1| पूर्णानंदविजयजी पंन्यास | वि. 2040 (गु.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति गद्य {448 } 478 2 | शोभाचंद्रजी भारिल्ल वि. 2040P | (हिं.) * गद्य * (श्रु.1) {450} 479 3 | दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'अभय. टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1538} 480 प्रव. (15) राजेन्द्रसूरि वि. 2063P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1-→अ. 5) {455} 481 मूल (1) सुधर्मास्वामीजी 11.विपाकसूत्र (481-514) वी.सं.पर्व (प्रा.) * गद्य * श्रु. 2→अ. 10+10→उ. 10+10→सूत्र त्रीश वर्ष 30+10 ग्रं.1250 {तेणं कालेणं तेणं...सेसं जहा आयारस्स। वैशाख {460, 461,462,463, 464, 465, 466, 467, 468, 469, सुद 11 470, 471, 472, 473, 474, 475, 476, 477, 478, 479, 480,481,482, 1353, 1354, 1355, 1356, 1357, 1358, 1363, 1366, 1371, 1377, 1383, 1392, 1393, 1403, 1407, 1409, 1411, 1452, 1490, 1510, 1521, 1527, 1534, 1535, 1548%3D48} वि. 11202 (सं.) * गद्य * (श्रु. 2) ग्रं.900 {नत्वा श्रीवर्धमानाय, वर्द्धमानश्रुताध्वने।...सुखविपाकेऽपि। शेषं यथाऽऽचारस्य।।} {460, 463, 467, 468, 474, 479, 1490, 1521, 1534, 1535310) 482 टीका (2) | अभयदेवसूरि 483 बा.बो. (3) | अज्ञात 484 सज्झाय (4) पानाचंदजी वि. 1893 (मा.गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {अथ विपाकश्रुत किसुं...इति श्री विपाकसूत्र समाप्त।) {460) (गु.) * पद्य * गाथा 17 {हवे सुबाहुकुमार(कुमर} एम... गुणग्राम भविक सोभागी।।1711)} {1757, 1776, 1781, 178434} (सं.) * गद्य * (श्रु. 2) {463, 468, 474, 479, 1535-5) | 485 छाया (5) |1| हरगोविंददास त्रिकमचंद | वि. 1976P शेठ पंडित 486 2 | ज्ञानमुनि | वि. 2010P 487 अर्वा. टीका घासीलालजी महाराज | वि. 2008P | (सं.) * गद्य * (श्रु. 2) {472, 481} 'विपाकचंद्रिका' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 2) {परमगुणगभीरं तीर्णसंसारतीरं, वृजिनघनसमीरं... यथाऽऽचारस्यआचारागसूत्रस्य तथा विज्ञेयम्।।) {471,480} 'आत्मज्ञानविनोदिनी भाषाटीका' * (हिं.) * गद्य - (श्रु. 2) {472, 481) | (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {1419) ज्ञानमुनि वि. 2010P 488 शब्द., अनु., विवे. (7) 489 अनु. (8) वि. 1966P 490 1| मोतीलाल मनसुखराम शाह 2 | अज्ञात 3| अमोलकऋषि 4 | Banarsidas Jain 5 भैरोंदानजी सेठिया (2) 491 492 वि. 1968P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {1420, 1443) वि. 1972P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {461} वि. 1979P | (अं.) * गद्य * (श्रु. 1→अ. 1) {1548} वि. 1982P | जाव' आदि पाठपूर्ति के अनुवाद युक्त * (हिं.) * गद्य * (श्रु. दूसरा){464} वि. 1986# (हिं.) * गद्य * (श्रु. दूसरा) {469} 493 6 विनयचंद्र मुनि Page #71 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 11. विपाकसूत्र 495 7/ स्वरूप पे. | कर्ता संवत् कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. | वाडीलाल जीवाभाई | वि. 1991P | (अं.) * गद्य * (श्रु. 2) {467} चोक्सी प्रो. डॉ., M. C. Modi 496 8 | आनंदसागरजी (वीरपुत्र) | वि. 1992 |(हिं.) * गद्य * (श्रु. 2), प्रशस्ति गाथा-8 {470} 497 गोपालदास जीवाभाई वि. 1996P (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {1433} पटेल 498 10 अज्ञात | वि. 2016P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. दूसरा) {476} 499 11 उर्मिलाबाई महासतीजी | वि. 2031P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {473} 500 | रोशनलाल आर. जैन |वि. 2039P | 'क्वचित् विवेचनयुक्त' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) (475) 501 दीपरत्नसागरजी | (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {1462) 502 14 दीपरत्नसागरजी वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {1470} 503 15 सौभाग्यमुनिजी वि. 2059P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {480} 504 16 | दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {1539} 505 अनु., जेठालाल हरिभाई शास्त्री | वि. 1987P | मूल और अभय. टीका का संमिलित अनु. * (गु.) * गद्य * (श्रु. टीकानु. (9) 2) {465, 474} 506 अनु, विवे. |1| उषाबाई महासती वि. 2054P (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {478} | (10) 2 | अमरमनिजी उपप्रवर्तक |वि. 2059P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {1527} 3| सुरेन्द्र बोथरा वि. 2059P | अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. और विवे. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (श्रु. 2) {1527} 509 टीकानु. | आनंदसागरजी (वीरपुत्र) वि. 1992 | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {470} |(11) 510 अर्वा टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2008P | ‘स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {471} (12) 511 | 2 | घासीलालजी महाराज (१) | वि. 2008P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {471} 512 विवे. (13) |1| घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2008 (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {471} 513 2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2008P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {471} 514 3 दीपरत्नसागरजी | वि. 2066P | ‘टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {1539} 507 508 व. 515 मूल (1) पूर्वाचार्य 12. औपपातिकसूत्र (515-534) वीरसदी | (प्रा.) * गद्य, पद्य * वि. 2→सूत्र 81+114 ग्रं.1164 {ते णं पहली | काले णं...सुही सुहं पत्ता।।195 ।।} {483, 484, 485, 486, 487, 488, 489, 490, 491, 492, 493, 494, 495, 496, 497, 498, 499, 500, 501, 502, 503, 1353, 1354, 1356, 1363, 1366, 1373, 1378, 1381, 1393, 1403, 1409, 1411, 1413, 1446, 1510, 1521, 1548338) Page #72 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. | स्वरूप 516 टीका (2) 517 बा.बो. (3) 518 अर्वा. टीका (4) 519 शब्द., अनु., fad. (5) 520 अनु. (6) 521 522 523 524 525 526 527 528 अनु., विवे. (7) 529 530 533 534 विवे. (9) पे. 535 मूल (1) कर्ता अभयदेवसूरि, कृतिसंशो. द्रोणाचार्य राजचंद्रसूरि घासीलालजी महाराज 1 अमोलकऋषि 2 Banarsidas Jain 2 पारसमल चण्डालिया 3 उषाबाई महासती, किरणबाई महासती, सुमतीबाई महासती 3 4 रमेशमुनि 5 K. C. Lalwani 6 दीपरत्नसागरजी 7 दीपरत्नसागरजी 8 दीपरत्नसागरजी 531 4 कल्पनाबाई महासतीजी 532 अर्वा टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) (8) छगनलालजी शास्त्री डॉ. अमरमुनिजी उपप्रवर्तक सुरेन्द्र बोथरा आगम कृति परिचय संवत् fa. 1120# पूर्वाचार्य fa. 1667# fa. 2015P fa. 2057P fa. 1974P fa. 1979P fa. 2032P fa. 2044P fa. 2044P fa. 2053P fa. 2058P fa. 2066P fa. 2039P fa. 2059P fa. 2059P fa. 2060P वि. 2015P 2 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2015P दीपरत्नसागरजी fa. 2066P वीरसदी पहली कृति विशेषनाम भाषा. गद्य-पद्य परिमाण आदि अंत-प्र.क्र. (सं.)* गद्य * (वि. 2), प्रशस्ति श्लोक 3 ग्रं. 3125 ( श्री वर्द्धमानमानम्य, प्रायोऽन्यग्रन्थवीक्षिता ।... श्री औपपातिक. वृत्तिः समाप्तेति । ।} {483, 485, 489, 490,491, 495, 500, 501, 503, 1521=10} (मा.गु.) * गद्य * (वि. 2) ( श्री शारदायै नमः... पाम्या थका । एतलइ श्रीउववाइटब्बार्थसंपूर्ण |} {483} 'पीयूषवर्षिणी' (सं.) गद्य (वि. 2) (भविजनहितकार ज्ञानविर्तकसारं कृतभवनिधिपारं... भविष्यत्कालं 'चिति' तिष्ठन्तीति ।। सू. 128 ।।} {493} (हिं.) * गद्य * (वि. 2) (502) 'स्पष्टीकरणयुक्त' * (हिं.) *गद्य * (वि. 2) (486 } (अं.) * गद्य * (वि. 2 सूत्र 38 गाथा 10-12, सूत्र 39वाँ ) {1548) (गु.) * गद्य * (वि. 2) {1446 } (हिं.) *गद्य * (वि. 2) (492) (अं.) *गद्य * (वि. 2) {492 } (गु.) * गद्य * (वि. 2) {1462} (हिं.) * गद्य * (वि. 2) {1470 } 29 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (वि. 2) {1539) (हिं.) *गद्य * (वि. 2) (494) (हिं.) *गद्य * (वि. 2) {497} 'अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु और विवे. का भाषां (अं.) गद्य * (वि. 2) (497 } (गु.) * गद्य * (वि. 2) {498 } 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (वि. 2) (493) 'स्वोपज्ञ' (गु.) * गद्य * (वि. 2) (493) 'टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (वि. 2) {1539 } 13. राजप्रश्नीयसूत्र (535-560) (प्रा.) * गद्य * वि. 2 सूत्र 47+38 ग्रं. 2100 (ते णं काले.... सुपस्से पसवणा णमो ।} (504, 505, 506, 507,508,509, 510, 513, 514, 515, 516, 517, 518, 519, 520, 521, 522, 523, 524, 1373, 1378, 1381, 1393, 1403, 1413, 1510, 1521=27} Page #73 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 13. राजप्रश्नीयसूत्र क्र.स्वरूप पे. | कर्ता संवत् कृति विशेषनाम भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत:प्र.क्र. 536 टीका (2) मलयगिरिसूरि वि. 1150# (सं.) * गद्य * (वि. 2) ग्रं.3700 {प्रणमत वीरजिनेश्वरचरणयुगं परमपाटलच्छायम्।...निर्भर्त्सनानि ताडनानि कशादिघाताः।) {504, 506, 510, 514, 516, 522, 523, 524, 1521-9} 537 बा.बो. (3) मेघराज उपाध्याय | वि. 165523 | (मा.गु.) * गद्य * (वि. 2), प्रशस्ति गद्य (देवदेवं जिनं नत्वा श्रुतदेवा...प्रयनइप्रसवीछि ऊपजीवताछै तेहभणीनमस्कार. थाउ} {504} 539 538 सज्झाय (4) 1 जीतविजयजी (गु.) * पद्य * गाथा 17 {जीहो परमपुरुष परमेश्वरु... जुओ अधिकार. सुगुण०1117||} {1767, 1769, 1782, 178434} | 2 | पार्श्वचंद्रसूरि वि. 1554# (मा.गु.) * पद्य * गाथा 75 {प्रणमउं सिरि जिण...भणइ श्री पासचंद.75} {1756) 540 | 3 | समयसुंदरजी उपाध्याय वि. 1699 केशी प्रदेशी प्रबंध * (मा.गु.) * पद्य * ढाल 4/ सर्वगाथा 57 (श्री सावत्थी समोसर्या, ...भणी संबंधो रे।101प.) {1774} |4| मेरुविजयजी वि. 1725 प्रदेशी राजा के 10 प्रश्नों की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 30 {श्री शंखेश्वर प्रणमुं...रंगे गुण गाय।।30।।) {1784) |542 छाया (5) घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2022P | (सं.) * गद्य * (वि. 2) {513) 543 अर्वा. टीका घासीलालजी महाराज | वि. 2013 'सुबोधिनी' * (सं.) * गद्य * (वि. 2), प्रशस्ति श्लोक-7 {गुण. निकरनिधानं कल्पवृक्षोपमानं, नमितसुरसमाज...आत्मानं भावयमानो विहरतीति) ।} {513} 541 (6) 544 शब्द., अनु., छगनलालजी शास्त्री डॉ., वि. 2036# | (हिं.) * गद्य * (वि. 2) {521} विवे. (7) महेन्द्रकुमार रांकावत डॉ. 545 अनु. (8) 1 अमोलकऋषि वि. 1975P (हिं.) * गद्य * (वि. 2) {505} 546 | 2 | A.T. Upadhye वि. 1992P | (अं.) * गद्य * (वि. दूसरा) {507} 547 3 हीरालाल बी. गांधी वि. 1994P | (अं.) * गद्य * (वि.1→सूत्र 46) {508} 548 4 घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2022P (गु.) * गद्य * (वि. 2) {512, 513) 549 5 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2022P (हिं.) * गद्य * (वि. 2) {513} 550 दीपरत्नसागरजी वि. 2053P (गु.) * गद्य * (वि. 2) {1462} 7 दीपरत्नसागरजी वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (वि. 2) {1470} 8 दीपरत्नसागरजी वि. 2066P 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (वि. 2) {1540) 553 अनु., बेचरदास जीवराज दोशी | वि. 1994P | रायपसेणइय सुत्तनो सार' * (गु.) * गद्य * (वि. 2) {510, अर्वा,टिप्प. पंडित 511} 551 552 554 अनु, विवे. (10) 1 रतनमुनि, देवकुमार जैन वि. 2048P | (हिं.) * गद्य * (वि. 2) {515) Page #74 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय क्र. स्वरूप पे. | कर्ता संवत् | कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. 555 2 | अमरमुनिजी उपप्रवर्तक वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (वि. 2) {518} 556 3 राजकुमार जैन वि. 2058P | अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. और विवे. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (वि. 2) {518) 557 4| बिंदुबाई साध्वी, रूपलबाई वि. 2060P | (गु.) * गद्य * (वि. 2) {519) साध्वी 558 अर्वा.टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2022P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (वि. 2) {513} (11) 559 | 2 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2022P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (वि. 2) {512, 513} 560 विवे. (12) दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'मलय. टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (वि. 2) {1540) 561 मूल (1) |562 टीका (2) 14. जीवानीवाभिगमसूत्र (561-578) पूर्वाचार्य वीरसदी (प्रा.) * गद्य, पद्य * प्रति.9→उ. 18-सूत्र 272 ग्रं.4750 {इह पहली खलु जिणमयं...इति जीवाजीवाभिगमसुत्तं सम्मत्तं।।) {525, 527, 528, 529, 531, 532, 533, 534, 535, 536, 537, 538, 539, 540, 541, 542, 1373, 1378, 1381, 1393, 1413, 1510322) मलयगिरिसूरि वि. 1150# (सं.) * गद्य * (प्रति.9), प्रशस्ति श्लोक-3 ग्रं.14000 {प्रणमत पदनखतेजः प्रतिहतनिःशेषनम्रजनतिमिरम्।...श्रीमज्जीवाजीवाभिगमाख्यमुपाङ्ग समाप्तिं गतम्।।) {525, 527, 532, 534, 538, 541, 542=7) अज्ञात 'जीवाभिगमसंग्रहणी' * (प्रा.) * पद्य * गाथा 222 (लद्धजयलच्छिसारो, विसमत्थनिवारणो महासत्तो।...जीवा दुहा वुत्ता।।) {1386, 1405,1434} पूर्वाचार्य (गु.) * गद्य * (प्रति. 9) {जे त्रिजु ठाणांगजी......जीवाभिगम संपूर्ण थयु।।} {525} घासीलालजी महाराज (2) | वि. 2027P | (सं.) * गद्य * (प्रति. 9) {529) घासीलालजी महाराज वि. 2027P 'प्रमेयद्योतिका' * (सं.) * गद्य * (प्रति. 9) {वीरं प्रणम्य भावेन...सर्व जीवाभिगमः प्रतिपादितः।) {529) पारसमल चण्डालिया (#) | वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (प्रति. 9) {540) 563 संग्रहणी प्रक. (3) 564 बा.बो. (4) 565 छाया (5) 566 अर्वा. टीका 567 शब्द., अनु., विवे. (7) 568 अनु. (8) 569 1 अमोलकऋषि । 2 | कुंवरजी आणंदजी शाह 570 वि. 1975P | (हिं.) * गद्य * (प्रति. 9) {528} वि. 1997P | जीवाभिगमसंग्रहणी प्रक. का अनु. * (गु.) * गद्य * (गाथा 222) {जयलक्ष्मी (मोक्षलक्ष्मी) ना सारने पामेला, ...स्थावर कह्या. (222)} {1434} वि. 2053P | 'गुर्जर छाया' * (गु.) * गद्य * (प्रति. 9) {1458} वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (प्रति. 9) {1471) वि. 2066P | 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (प्रति. 9) {1540) वि. 2046P | (हिं.) * गद्य * (प्रति. 9) {531, 539} 3 | दीपरत्नसागरजी दीपरत्नसागरजी 5 | दीपरत्नसागरजी | 1 | राजेन्द्रमुनि शास्त्री डॉ. 571 572 (9) Page #75 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 14. जीवाजीवाभिगमसूत्र क्र. स्वरूप कर्ता संवत् | कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. 574 2 पुनिताबाई साध्वी | वि. 2061P | (गु.) * गद्य * (प्रति. 9) {536} 575 अर्वा,टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (2) वि. 2027P | ‘स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (प्रति. 9) {529} (10) 576 577 विवे. (11) 578 अर्वा.प्रश्न. (अनु.) (12) 2 | घासीलालजी महाराज (#) वि. 2027P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (प्रति. 9) {529, 530) दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'मलय. टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (प्रति. 9) {1540) नीमचंद हीराचंद कोठारी वि. 1969P | ‘प्रश्नोत्तरात्मक अनुवाद' * (गु.) * गद्य * (प्रति. 9) {526} 579 मूल (1) श्यामाचार्य 15. प्रज्ञापनासूत्र (579-610) वीरसदी (प्रा.) * गद्य, पद्य * पद 36-→उ. 44→सूत्र 2176 ग्रं.7887 चौथी {ववगयजरमरणभए सिद्धे अभिवंदिऊण...समत्तं ।। पण्णवणा समत्ता।।) {543, 545, 546, 547, 549, 550, 553, 554, 556, 557, 558, 559, 560, 561,562, 563, 564, 565, 566, 568, 569, 570, 1378, 1381, 1393, 1510-26} 580 टीका (2) 1 हरिभद्रसूरि वि. 833# 581 2 | मलयगिरिसूरि वि. 115023 582 | अवचूरि (3) | समयसुंदरजी उपाध्याय । वि. 16542 |583 बा.बो. (4) परमानंदऋषि वि. 1876 'प्रदेश व्याख्या ' * (सं.) * गद्य * (पद 36) ग्रं.4700 (रागादिवध्यपटहः सुरलोकसेतुरानन्ददुंदुभिरसत्कृतिवंचितानाम्।..न रोहति भवाङ्कुरः।।} {548, 562, 567, 572-4) | (सं.) * गद्य * (पद 36), प्रशस्ति श्लोक-3 ग्रं.16000 {जयति नमदमरमुकुटप्रतिबिम्बच्छद्मविहितबहुरूपः। उद्धर्तुमिव... षट्त्रिंशत्तमं पदं समर्पितम्।।} {543, 545, 554, 556, 559, 560, 562, 564, 568, 569=10} अल्पबहुत्वविचारगर्भित श्रीमहावीरस्वामीजी के स्तवन की स्वोपज्ञ अवचूरि * (सं.) * गद्य * (गाथा 13) {श्रीप्रज्ञापना. तृतीयपदप्रथमद्वारं हृदि निधाय...पक्षे समयसुन्दरेति कर्तुर्नाम।।) {544, 555) (मा.गु.) * गद्य * (पद 36), प्रशस्ति गद्य (प्रणम्य श्रीमहावीरं नताशेषसुरेश्वरम्...चतुर्थाङ्ग टबार्थो सम्पूर्ण। {543) | अल्पबहुत्वविचारगर्भित स्तवन * (मा.गु.) * पद्य * ढाल 3→गाथा 21, कळश 22-22 (अष्टपदात्मक) {अरिहंत केवल ज्ञान...देखू परतिख पणइ।।2211} {1774} अल्पबहुत्वविचारगर्भित श्रीमहावीरस्वामीजी का स्तवन * (प्रा.) * पद्य * गाथा 13, प्रशस्ति (सं.) गद्य (जेण परूवियमेयं, दिसाणुवाएण...संपइ सिवं देसु।।13।।} {544, 555, 1360, 177434) अल्पबहुत्व का स्तवन * (मा.गु.) * पद्य * ढाल 3 / सर्वगाथा 22, कळश 22-22 (वीर जिणेसर वंदिये, ...संवत सतरे बहुत्तरै।।2211} {1775} संमूर्छिम मनुष्योने उपजवाना चौद स्थानकनी जयणानी |584 स्तवन (5) |1| समयसुंदरजी उपाध्याय | वि. 16542 585 2| समयसुंदरजी उपाध्याय वि. 1654 586 3 धर्मवर्द्धनजी वि. 1772 587 सज्झाय (6) | 1 | धर्मदास मुनि Page #76 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय स्वरूप पे. कर्ता संवत् कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण*आदि-अंत*प्र.क्र. सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 13 {गौतम गुरुना प्रणमी...तस लील विलास।।1311) {1784} 588 2 | विनयमेरु गणि वि. 1692 प्रज्ञा.सूत्र पदनाम गर्भित सज्झाय * (मा.ग.) * पद्य * सर्वगाथा 25, कळश 25-25 {वीर जिणेसर शासन...विनयमेरु गणिवर कहै।।2511) {1784) 589 3| ज्ञानविमलसूरि वि. 17282 अल्पबहुत्व की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 18 {भवि प्राणी रे, ...आतम सिंचीजे जी।।1811} {1759, 1792) 590 | बुद्धिसागरजी सदी 17वीं | प्रज्ञा.सूत्र पदनाम गर्भित सज्झाय * (मा.गु.) * पद्य * गाथा 6 {सिरिवीर जिणेसर चरणकमल...बुद्धिसागर शुभ भाव।।6।।) {1784} 591. छाया (7) 1 नानकचंदजी ऋषि वि. 1942P | (सं.) * गद्य * (पद 4-36), प्रशस्ति श्लोक-5 {543} 592 2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 1987# | (सं.) * गद्य * (पद 36) {550) |593 अर्वा. टीका घासीलालजी महाराज वि. 1987# 'प्रमेयबोधिनी' * (सं.) * गद्य * (पद 36) {केवलज्ञानसम्पन्नो, (8) लोकालोकप्रकाशकः।सिद्धार्थः...सुखिनो भवन्तीति | सिद्धम् ।। सू.17 11} {550} 594 अनु. (9) 1 घासीलालजी महाराज (#) | वि. 1987# (हिं.) * गद्य * (पद 36) {550} 595 2 घासीलालजी महाराज (#) वि. 1987# | (गु.) * गद्य * (पद 36) {550, 551} 596 3 अमोलकऋषि वि. 1975P | (हिं.) * गद्य * (पद 36) {546) 597 भगवानदास हरखचंद | वि. 1991P | (गु.) * गद्य * (पद 36) {547, 565) दोशी 598 जनक मुनि, मनोहरमुनि |वि. 2024 | "प्रज्ञापना उपक्रम' * (गु.) * गद्य * (पद 36) {552) 599 6 | दीपरत्नसागरजी वि. 2053P | 'गुर्जर छाया' * (गु.) * गद्य * (पद 36) {1458) 600 7 | दीपरत्नसागरजी वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (पद 36) {1471, 1472} 601 8 | दीपरत्नसागरजी 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (पद 36) {571) 602 अनु., विवे. 1 ज्ञानमुनि | वि. 2050P | (हिं.) * गद्य * (पद 36) {557) (10) 603 2 सुधाबाई साध्वी वि. 2060P (गु.) * गद्य * (पद 36) {563) |604 टीकानु. भगवानदास हरखचंद वि. 1991P | 'मलय. टीकानु.' * (गु.) * गद्य * (पद 36) {547, 565} (11) दोशी अर्वा,टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) वि. 1987# | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (पद 36) {550} (12) 606 घासीलालजी महाराज (#) | वि. 19872 | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (पद 36) {550, 551} 607 विवे. (13) दीपरत्नसागरजी | वि. 2066P | ‘टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (पद 36) {571} 608 थोकडा रोशनलाल चपलोत | वि. 2008P | (हिं.) * गद्य * (पद 36) {1608, 1612} (14) 609 शोधग्रंथ पुण्यविजयजी वि. 2027P | (गु.) * गद्य * (पद 36) {549) (15) (आगमप्रभाकर), 605 Page #77 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 15. प्रज्ञापनासूत्र स्वरूप संवत् | कृति विशेषनाम भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. पे. | कर्ता दलसुखभाई मालवणिया पंडित, अमृतलाल मोहनलाल भोजक पंडित Nagindas Jivanlal Shah Dr. 610 वि. 2027P | पुण्यविजयजी मुनि आदि के (गु.) शोधग्रंथ का भाषां. * (अं.) * गद्य * (पद 36) {549) 611 मूल (1) पूर्वाचार्य 16. सूर्यप्रज्ञप्तिसूत्र (611-622) ई.पूर्व (प्रा.) * गद्य * प्रा. 20→प्रा.प्रा. 31→सूत्र 108 ग्रं.2200 (तेणं काले णं...सोक्खुप्पाए सया पाए।) 1573,574, 575, 577, 578, 579, 580, 581, 582, 1375, 1378, 1381, 1388, 1393, 1397, 1412, 1455, 1510, 1522, 1530%320) वि. 1150# (सं.) * गद्य * (प्रा. 20), प्रशस्ति श्लोक-3 ग्रं.9000 {यथास्थितं जगत्सर्वमीक्षते यः...साधुजनस्तेन भवतु कृती।} {573, 577, 579, 581, 582, 1522=6 } |612 टीका (2) मलयगिरिसूरि 613 छाया (3) घासीलालजी महाराज (2) | | वि. 19872 | (सं.) * गद्य * (प्रा. 20) {575} 614 अर्वा. टीका घासीलालजी महाराज वि. 1987# | 'सूर्यज्ञप्तिप्रकाशिका' * (सं.) * गद्य * (प्रा. 20) {नम्रीभूत पुरन्दरारिमुकुटभ्राजन्मणिच्छायया। चित्रानन्दकरी सदा... अतिदीनोऽहं वन्दे-नमस्करोमि-मिलितकरयुगलशिरसा नमा. मीति।) {575) 615 अनु. (5) |1| अमोलकऋषि वि.1976P (हिं.)* गद्य * (प्रा. 20) {574} 616 2 | कन्हैयालालजी मुनि वि. 2050P | (हिं.) * गद्य * (प्रा. 20) {1455} (कमल) (#) दीपरत्नसागरजी | वि. 2053P | 'चंद्र.सूत्र के अनु.युक्त' * (गु.) * गद्य * (प्रा. 20) {1459} 618 4 | दीपरत्नसागरजी वि. 2058P 'चंद्र.सूत्र के अनु.युक्त' * (हिं.) * गद्य * (प्रा. 20) {1472} 619 5 | दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'चंद्र.सूत्र के अनु.युक्त', 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (प्रा. 20) {1485} 620 अर्वा,टीकानु. 1 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 1987# | | "स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (प्रा. 20) {575} (6) 621 2 | घासीलालजी महाराज (2) | वि. 1987# | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (प्रा. 20) {575, 576) दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'मलय. टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (प्रा. 20) {1485} |622 विवे. (7) 623 मूल (1) पूर्वाचार्य 17. जंबूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र (623-640) (प्रा.) * गद्य * वक्ष. 7→सूत्र 181 ग्रं.4146 {ते णं काले...भुज्जो भुज्जो उवदंसेइत्तिबेमि।।} {583, 584, 585, 586, 588, 589, 590, 591, 592, 593, 594, 595, 596, 597,598, 1375, 1378, 1381, 1393, 1398, 1414, 1510%D22} Page #78 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. स्वरूप 624 टीका (2) 625 626 बा.बो. (3) 627 छाया (4) 628 629 अर्वा. टीका (5) 630 अनु. (6) 631 632 633 634 635 636 639 640 fad. (9) पे. 1 कर्ता धर्मसागरजी उपाध्याय, कृतिसंशो. कल्याणविजयजी उपाध्याय 2 शांतिचंद्रजी उपाध्याय 641 मूल (1) 1 2 चंद्रभाणजी ऋषि रामचंद्र गणि घासीलालजी महाराज (#) घासीलालजी महाराज 1 छगनलालजी शास्त्री डॉ. 2 दीपरत्नसागरजी 3 दीपरत्नसागरजी 4 छगनलालजी शास्त्री डॉ., महेन्द्रकुमार रांकावत डॉ. अमरमुनिजी उपप्रवर्तक राजकुमार जैन 637 अनु., विवे. (7) मुक्ताबाई साध्वी 638 अर्वा. टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) (8) 5 6 7 दीपरत्नसागरजी 2 घासीलालजी महाराज (#) दीपरत्नसागरजी पूर्वाचार्य आगम कृति परिचय संवत् fa. 1639 fa. 1660 fa. 1946P fa. 1860# fa. 1987# fa. 1987# fa. 2051P fa. 2053P fa. 2058P fa. 2063P वि. 2063P fa. 2063P fa. 2066P fa. 2058P fa. 1987# fa. 1987# fa. 2066P कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि अंत*प्र.क्र. (सं.) *गद्य * (वक्ष. 7), प्रशस्ति श्लोक 23 ग्रं. 18352 जीयात् तेजस्त्रिभुवनतिलकाभं जेनमेनसा... बेमीति । ब्रवीमि ।।। 35 (585) 'प्रमेयरत्न मंजूषा' * (सं.) *गद्य * (वक्ष. 7), प्रशस्ति श्लोक 51 ग्रं. 18000 जयति जिनः सिद्धार्थ... श्रीजम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिवृत्तेः प्रशस्तिः सम्पूर्णा । ।} {583, 584,588,591, 592, 597, 598=7} (मा.गु.) गद्य (यक्ष 7 ) ( श्रीसिद्धार्थनराधिपकुलांवरद्योत कैकतिग्मांशोः ।... विषे घणासाधूने घणांसा...} (583) (सं.)* गद्य (वक्ष. 7) (583) (सं.)*गद्य * (वक्ष. 7) (586) 'प्रकाशिका' * (सं.) * गद्य * (वक्ष. 7) श्रीसिद्धराजं स्थिर सिद्धिराज्यं ... श्रीमदर्थमानस्वामिनो नामप्रदर्शनं चरममङ्गलfafer) (586) (हिं.) *गद्य * (वक्ष. 7) (589 } 'गुर्जर छाया' * (गु.) *गद्य * (वक्ष. 7) {1459 } (हिं.) *गद्य * (वक्ष. 7) {1473} (हिं.)*गद्य* (वक्ष. 7) (595) (हिं.) *गद्य * (वक्ष. 7) {596) अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. का भाषां. * (अं.) *गद्य* (वक्ष. 7) (596) 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (वक्ष. 7) {599) (गु.) * गद्य * (वक्ष. 7) (593} 'स्वोपज्ञ' * (गु.) *गद्य * (वक्ष. 7) (586, 587 } 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य (वक्ष. 7) (586) 'शांतिचंद्रजी उपा. कृत टीकानुसारी' * (गु.) गद्य * (वक्ष. 7) {599) 18. चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्र (641-646) ई. पूर्व (प्रा.) * गद्य * प्रा. 20 प्रा. प्रा. 31 सूत्र 107 ग्रं. 1854 { जयइ नवणलिणकुवलयवियसियसयवत्तपत्तलदलच्छो। वीरो... इति चंदपण्णत्ति सम्मत्ता । । ग्रन्थानं 18541} {600, 601, 602, 603, 604, 605, 1375, 1378, 1381, 1388, 1393, 1397, 1412, 1414, 1455, 1510, 1522, 1530=18} Page #79 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 18. चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्र संवत् स्वरूप 642 टीका (2) 643 छाया (3) 644 अर्वा. टीका पे. | कर्ता | कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य-परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. मलयगिरिसूरि वि. 1150# | (सं.) * गद्य * (प्रा. 20), प्रशस्ति श्लोक-3 ग्रं.9500 {मुक्ताफलमिव करतलकलितं, विश्वं...श्लोकमानेन। शुभं भवतु।} {605, 1522) घासीलालजी महाराज (2) | वि. 1987# | (सं.) * गद्य * (प्रा. 20) {601} घासीलालजी महाराज वि. 1987# | 'चंद्रज्ञप्तिप्रकाशिका' * (सं.) * गद्य * (प्रा. 20), प्रशस्ति | श्लोक-1 (नम्रीभूतपुरन्दरादिमकटभ्राजन्मणिच्छायया, चित्रा नन्दकरी...'वंदामि' वन्दे नमस्करोमि।।) {601} अमोलकऋषि वि. 1975P | (हिं.) * गद्य * (प्रा. 20) {600) राजेमतिबाई साध्वी वि. 2062P | 'सूर्य.सूत्र के अनु. और विवे.युक्त' * (गु.) * गद्य * (प्रा. 20) | {1530) 645 अनु. (5) 646 अनु., विवे. 647 मूल (1) पूर्वाचार्य दूसरी 19.निरयावलिकासूत्र (647-671) वीरसदी ‘कल्पिकासूत्र' * (प्रा.) * गद्य * वर्ग 1→अ. 10→सूत्र 21 ग्रं.1100 (पाँचों उपांगों का) {ते णं काले...सव्वेसिं भाणियव्वो तहा।।) {606, 607, 608, 1352, 1375, 1378, 1381, 1387, 1393, 1398,1414,1421,1429, 1456, 1488, 1491, 1493, 1496, 1498, 1502, 1509, 1510, 1513, 1523, 1526, 1527, 1528, 1533, 1536%3D29) |648 टीका (2) । श्रीचंद्रसूरि वि. 1228 | (सं.) * गद्य * (वर्ग 1) ग्रं.600 (पाँचों उपांगों की टीका का) {पार्श्वनाथं नमस्कृत्य, प्रायोऽन्यग्रन्थवीक्षिता।...शेषं सर्व सुगमम्।।) (606, 1488, 1491, 1493, 1498, 1509, 1513, 1523, 1528, 1536310} 649 बा.बो. (3) | जीवन मुनि वि. 1941P | (मा.गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {तेणं कहिये तिणकाल...सबोको जाणिवो कह्यो।} {1488) 650 छाया (4) 1 आत्मारामजी आचार्य |वि. 2003P | (सं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1528} 651 | 2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2004P | (सं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1502} 652 अर्वा. टीका | घासीलालजी महाराज वि. 2003 'सुन्दरबोधिनी' * (सं.) * गद्य * (वर्ग 1), प्रशस्ति श्लोक-11 {सुरमनुजमुनीन्द्रैर्वन्द्यमानाऽज्रिपा, विदितसकलतत्त्वं... सदृशनाम्न्यः पुत्रसदृशनाम्न्यः। शेषं निगदसिद्धम्।} {1502} आत्मारामजी आचार्य वि. 2003P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1528} अन्व., अनु., विवे. (6) 654 अनु. (7) 1 मोतीलाल मनसुखराम वि. 1966P | (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1419} शाह 2 | अज्ञात | वि. 1968P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1420} 3 | अमोलकऋषि वि. 1976P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1421) जेठालाल हरिभाई शास्त्री, वि. 1990P | (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1496, 1513) कृतिसंशो.-कुंवरजी आणंदजी शाह (2) 5 | वाडीलाल जीवाभाई वि. 1990P | (अं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1429} Page #80 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. 659 660 661 663 662 अनु., (8) 664 स्वरूप 665 विवे. 666 667 टीकानु, (9) 669 670 fad. (11) 671 सारांश (12) 672 मूल (1) 673 टीका (2) 674 बा.बो. (3) पे. कर्ता 675 छाया (4) चोक्सी प्रो. डॉ., Amritlal S. Gopani Dr. 6 दीपरत्नसागरजी 7 दीपरत्नसागरजी 8 दीपरत्नसागरजी 1 देवकुमार जैन 2 किरणबाई महासती 3 4 5 अमरमुनिजी उपप्रवर्तक सुरेन्द्र बोधरा पारसमल चण्डालिया जेठालाल हरिभाई शास्त्री, कृतिसंशो. कुंवरजी आणंदजी शाह (#) 668 अर्वा टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2004P (10) पूर्वाचार्य श्रीचंद्रसूरि आगम कृति परिचय संवत् जीवन मुनि fa. 2053P fa. 2058P fa. 2066P fa. 2041P 2 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2004P दीपरत्नसागरजी fa, 2066P ज्ञानसुंदरजी मुनि fa. 1979P आत्मारामजी आचार्य fa. 2057P fa. 2059P fa. 2059P fa. 2063P वि. 1990P वीरसदी दूसरी fa. 1228 fa. 1941P fa. 2003P कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि अंत+प्र.क्र. (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) (1459 } (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1473} 20. कल्पावतंसिकासूत्र (672-696) 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) *गद्य * (वर्ग 1) {1537}) (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) (1456 } (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1526} (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) (1527 } 37 * अमरमुनिजी उप, कृत (हिं.) अनु. और विवे. का भाषां. (अं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1527} (हिं.) *गद्य * (वर्ग 1) (1533 } (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1496, 1513} 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1502) 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1500, 1502} 'टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1537} (हिं.) *गद्य * (वर्ग 1) {1424 } (प्रा.) * गद्य * वर्ग 1 अ. 10 सूत्र 5 ग्रं. 1100 (पाँचों उपांगों का) (जति णं ते...सिद्धे। कप्पवडिसियाओ संमताओ।। (609, 610, 611, 1352, 1375, 1378, 1381, 1387, 1393, 1398, 1414, 1421, 1429, 1456, 1488, 1491, 1493, 1496, 1498, 1502, 1509, 1510, 1513, 1523, 1526, 1527, 1528, 1533, 1536-29} (सं.) * गद्य * (वर्ग 1) ग्रं. 600 (पाँचों उपांगों की टीका का) श्रेणिकनप्तृणां पौत्राणां कालमहाकालाद्यङ्गजानां क्रमेण... परिसमाप्ताः द्वितीय वर्गश्च । } (609, 1488, 1491, 1493, 1498, 1509, 1513, 1523, 1528, 1536=10} (मा.गु.) * गद्य * (वर्ग 1) (यद्यपि हे पूज्य... अध्ययन पूर्ण थया ।।} {1488} (सं.) *गद्य * (वर्ग 1) {1528 } Page #81 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 20. कल्पावतंसिकासूत्र संवत् (5) स्वरूप पे. | कर्ता कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. 676 | 2 | घासीलालजी महाराज (2) | वि. 2004P | (सं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1502) |677 अर्वा. टीका || घासीलालजी महाराज | वि. 2003 | 'सुन्दरबोधिनी' * (सं.) * गद्य * (वर्ग 1), प्रशस्ति श्लोक-11 {'जइ णं भंते' इत्यादि...महाविदेहे सिद्धा भविष्यन्ति।।) | {1502} 678 अन्व., अनु., आत्मारामजी आचार्य वि. 2003P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1528} विवे. (6) अनु. (7) | 1 मोतीलाल मनसुखराम वि. 1966P | (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1419) शाह 680 अज्ञात | वि. 1968P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1420} 681 | 3 | अमोलकऋषि वि. 1976P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग1) {1421) 682 वाडीलाल जीवाभाई वि. 1990P | (अं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1429} चोक्सी प्रो. डॉ., Amritlal S. Gopani Dr. 683 जेठालाल हरिभाई शास्त्री, | वि. 1990P | (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) (1496, 1513) कृतिसंशो.-कुंवरजी आणंदजी शाह (2) |684 6| देवकुमार जैन | वि. 2041P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1456) 685 7 | दीपरत्नसागरजी वि. 2053P (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1459) 686 8 | दीपरत्नसागरजी वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1473} 687 9 दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | "विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1537} 688 अनु., विवे. |1| किरणबाई महासती वि. 2057P | (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1526} (8) 689 | 2 | अमरमुनिजी उपप्रवर्तक वि. 2059P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1527) 690 | 3 | सुरेन्द्र बोथरा वि. 2059P | अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. और विवे. का भाषां. * (अं.) | * गद्य * (वर्ग1) {1527} 691 पारसमल चण्डालिया वि. 2063P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1533} 692 टीकानु. (9) जेठालाल हरिभाई शास्त्री, वि. 1990P | (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1496, 1513} कृतिसंशो.-कुंवरजी आणंदजी शाह (2) 693 अर्वा,टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2004P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1502} (10) 694 2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2004P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1500, 1502) 695 |विवे. (11) | | दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1537) 696 सारांश (12) | | ज्ञानसुंदरजी मुनि वि. 1979P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1424) Page #82 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय क्र. स्वरूप पे. कर्ता संवत् कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. 21. पुष्पिकासूत्र (697-721) मूल (1) पूर्वाचार्य वीरसदी (प्रा.) * गद्य * वर्ग 1→अ. 10→सूत्र 11 ग्रं.1100 (पाँचों उपांगो दूसरी का) {जति णं भंते...चेइयाइं जहा संगहणीए।।) {612, 613, 614, 1352, 1375, 1378, 1381, 1387, 1393, 1398, 1414, 1421, 1429, 1456, 1488, 1491, 1493, 1496, 1498, 1502, 1509, 1510, 1513, 1523, 1526, 1527, 1528, 1533, 1536329) 698 टीका (2) श्रीचंद्रसूरि वि. 1228 | (सं.) * गद्य * (वर्ग 1) ग्रं.600 (पाँचों उपांगो की टीका का) {अथ तृतीयवर्गोऽपि दशाध्ययनात्मकः...द्विसागरोपमायुष्कतयोत्पन्नस्य देवस्य वक्तव्यता।। {613, 1488, 1491, 1493, 1498, 1509, 1513, 1523, 1528, 1536=10) 699 बा.बो. (3) | जीवन मुनि वि. 1941P (मा.गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {उपांगना दूजा कल्पावतंसक... अध्ययन पूरा थया।।} {1488} |700 छाया (4) 1 आत्मारामजी आचार्य वि. 2003P | (सं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1528} 701 2 | घासीलालजी महाराज (2) | वि. 2004P | (सं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1502} | 702 |अर्वा. टीका | घासीलालजी महाराज वि. 2003 | ‘सुन्दरबोधिनी' * (सं.) * गद्य * (वर्ग 1), प्रशस्ति श्लोक-11 | ('जइ णं भंते' इत्यादि।...व्याख्या स्पष्टा।।) {1502) 703 अन्व, अनु, आत्मारामजी आचार्य वि. 2003P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1528 ) विवे. (6) 704 अनु. (7) |1| मोतीलाल मनसुखराम शाह वि. 1966P | (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1419) 705 अज्ञात | वि. 1968P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1420) 706 | अमोलकऋषि | वि. 1976P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1421) जेठालाल हरिभाई शास्त्री, वि. 1990P (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1496, 1513} कृतिसंशो.-कुंवरजी आणंदजी शाह (2) 708 | वाडीलाल जीवाभाई वि. 1990P | (अं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1429) चोक्सी प्रो. डॉ., Amritlal S. Gopani Dr. 6 | देवकुमार जैन वि. 2041P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1456) 7 दीपरत्नसागरजी वि. 2053P (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1459) 711 8 | दीपरत्नसागरजी वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1473) दीपरत्नसागरजी वि. 2066P 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1537} 713 अनु., विवे. |1| किरणबाई साध्वी वि. 2057P | (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1526) (5) 107 709 710 714. 2 | अमरमुनिजी उपप्रवर्तक वि. 2059P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1527} Page #83 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 21. पुष्पिकासूत्र संवत् 715 स्वरूप पे. कर्ता कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. सुरेन्द्र बोथरा वि. 2059P | अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. और विवे. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1527) 716 4| पारसमल चण्डालिया | वि. 2063P (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1533} 717 टीकानु. (9) जेठालाल हरिभाई शास्त्री, | वि. 1990P | (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1496, 1513) कृतिसंशो. कुंवरजी आणंदजी शाह (#) 718 अर्वा,टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2004P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1502} (10) 719 2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2004P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1500, 1502} 720 विवे. (11) दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | ‘टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1537} 721 सारांश (12) ज्ञानसुंदरजी मुनि | वि. 1979P (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1424} 722 मूल (1) दूसरी 723 टीका (2) 22. पुष्पचूलिकासूत्र (722-744) पूर्वाचार्य वीरसदी | (प्रा.) * गद्य * वर्ग 1→अ. 10→सूत्र 3 ग्रं.1100 (पाँचों | उपांगों का) {जइ णं भंते...महाविदेहे वासे सिज्झिहिंति।।) {615, 616, 617, 1352, 1375, 1378, 1381, 1387, 1393, 1399, 1414, 1421, 1429, 1456, 1488, 1491, 1493, 1496, 1498, 1502, 1509, 1510, 1513, 1523, 1526, 1527, 1528, 1533, 1536329) श्रीचंद्रसूरि वि. 1228 (सं.) * गद्य * (वर्ग 1) ग्रं.600 (पाँचों उपांगों की टीका का) {चतुर्थवर्गोऽपि दशाध्ययनात्मकः श्रीहीधृतिकिर्तिबुद्धिलक्ष्मी इलादेवीसुरादेवीरसदेवीगन्धदेवीतिवक्तव्यताप्रतिबद्धाध्ययननामकः।...सुगमं सर्वं यावच्चतुर्थवर्गसमाप्तिः ।।} {615, 1488, 1491, 1493, 1498, 1509, 1513, 1523, 1528, 1536=10} जीवन मुनि वि. 1941P | (मा.गु.) * गद्य * (वर्ग 1) (यद्यपि हे पूज्य...दस अध्ययन थया।} {1488} आत्मारामजी आचार्य वि. 2003P (सं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1528) घासीलालजी महाराज (2) वि. 2004P (सं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1502} | घासीलालजी महाराज वि. 2003 | सुन्दरबोधिनी' * (सं.) * गद्य * (वर्ग 1), प्रशस्ति श्लोक-11 {"जइ णं भंते' इत्यादि...चेतयति-उपविशति। शेषं स्पष्टम्।।) {1502} आत्मारामजी आचार्य वि. 2003P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1528 ) 724 बा.बो. (3) 725 छाया (4) 726 727 अर्वा. टीका (5) 728 अन्व., अनु., विवे. (6) 729 अनु. (7) | मोतीलाल मनसुखराम शाह | वि. 1966P (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1419) 730 731 अज्ञात 3 | अमोलकऋषि | वाडीलाल जीवाभाई | वि. 1968P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1420) वि. 1976P (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1421} वि. 1990P (अं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1429) 732 Page #84 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय स्वरूप 733 734 पे. कर्ता संवत् कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत:प्र.क्र. चोक्सी प्रो. डॉ., Amritlal S. Gopani Dr. जेठालाल हरिभाई शास्त्री, | वि. 1990P | (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1496, 1513} कृतिसंशो.-कुंवरजी आणंदजी शाह (2) 6 | देवकुमार जैन | वि. 2041P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1456} 7 दीपरत्नसागरजी वि. 2053P | (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1459) 8 | दीपरत्नसागरजी वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1473) 9 पारसमल चण्डालिया वि. 2063P (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1533) 10 दीपरत्नसागरजी वि. 2066P 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1537) अनु., विवे. 1 किरणबाई महासती। वि. 2057P (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1526} 735 736 737 738 (8) 741 740 2 | अमरमुनिजी उपप्रवर्तक | वि. 2059P (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1527} 3| सुरेन्द्र बोथरा वि. 2059P अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. और विवे. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1527) 742 | अर्वा,टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2004P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1502} (9) 2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2004P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1500, 1502) 744 सारांश (10) ज्ञानसुंदरजी मुनि वि. 1979P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1424} 743 745 मूल (1) 746 टीका (2) 23. वृष्णिदशासूत्र (745-767) पूर्वाचार्य वीरसदी | (प्रा.) * गद्य * वर्ग 1→अ. 12→सूत्र 5 ग्रं.1100 (पाँचों दूसरी उपांगों का) {जइ णं भंते...अहीणमइरित्त एक्कारससु वि।।) {618, 619, 620, 1352, 1375, 1378, 1381, 1387, 1393, 1399, 1414, 1421, 1429, 1456, 1488, 1491, 1493, 1496, 1498, 1502, 1509, 1510, 1513, 1523, 1526, 1527, 1528, 1533, 1536329} श्रीचंद्रसूरि वि. 1228 (सं.) * गद्य * (वर्ग 1) ग्रं.600 (पाँचों उपांगों की टीका का) {पञ्चमवर्गे वह्निदशाभिधाने द्वादशाध्ययनानि...सकलकर्मकृतविकारविरहिततया, तात्पर्यार्थमाह-सर्वदुःखानामन्तं करिष्यति।) 1618, 1488, 1491, 1493, 1498, 1509, 1513, 1523, 1528, 1536310 | जीवन मुनि वि. 1941P (मा.गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {यद्यपि हे पूज्य...बारह उद्देशा जाणिवा।।) {1488) 1 आत्मारामजी आचार्य | वि. 2003P (सं.)* गद्य * (वर्ग 1) {1528} 2 | घासीलालजी महाराज (#) वि. 2004P | (सं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1502} 747 बा.बो. (3) 748 छाया (4) 749 Page #85 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 23. वृष्णिदशासूत्र संवत् (5) 751 अन्य 3/ 756 5/ स्वरूप पे. | कर्ता | कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाणआदि-अंत*प्र.क्र. | 750 अर्वा, टीका घासीलालजी महाराज |वि. 2003 ‘सुन्दरबोधिनी' * (सं.) * गद्य * (वर्ग 1), प्रशस्ति श्लोक-11 {"यदि खलु' इत्यादि-नानाविधगुच्छगुल्मलतावल्लीपरिगताभिरामः-नानाविधाः=अनेकप्रकाराः।...श्रुतं तथैव ब्रवीमि= कथयामि।।} {1502} अन्व., अनु., आत्मारामजी आचार्य वि. 2003P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1528} विवे. (6) 752 | अनु. (7) मोतीलाल मनसुखराम वि. 1966P | (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1419} शाह 753 अज्ञात वि. 1968P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1420} 754 अमोलकऋषि वि. 1976P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1421} 755 जेठालाल हरिभाई शास्त्री, वि. 1990P | (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1496, 1513} कृतिसंशो.-कुंवरजी आणंदजी शाह (#) वाडीलाल जीवाभाई वि. 1990P | (अं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1429) चोक्सी प्रो. डॉ., Amritlal S. Gopani Dr. 6 | देवकुमार जैन वि. 2041P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1456} 758 7 | दीपरत्नसागरजी वि. 2053P | (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1459} 759 8 | दीपरत्नसागरजी वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1473) पारसमल चण्डालिया वि. 2063P (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1533} 761 10| दीपरत्नसागरजी | वि. 2066P | 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1537) 762 अनु., विवे. | 1 | किरणबाई महासती वि. 2057P | (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1526} (8) 763 2 | अमरमुनिजी उपप्रवर्तक | वि. 2059P | (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1527} 764 3 | सुरेन्द्र बोथरा वि. 2059P | अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. और विवे. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1527} 765 अर्वा.टीकानु. 1 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2004P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1502} 757 760 (9) 766 | 2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2004P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (वर्ग 1) {1500, 1502} 767 सारांश (10) ज्ञानसुंदरजी मुनि | वि. 1979P (हिं.) * गद्य * (वर्ग 1) {1424) 768 मूल (1) पूर्वधर महर्षि वीरसदी 24. निशीथसूत्र (768-785) (प्रा.) * गद्य * उ. 20→सूत्र 1405 ग्रं.812 {जे भिक्खु हत्थकम्म...तेण परं छम्मासा।।} {621, 622, 624, 625, 627, 628, 629, 630, 631, 632, 633, 634,635, 636, 1348, 1374, 1378, 1393,1394,1400,1404,1406,1510, 1532324) दूसरी Page #86 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. स्वरूप 769 भाष्य (2) 770 चूर्णि (3) 771 टीका (4) 772 छाया (5) 773 774 अर्वा भाष्य (6) 775 अर्वा चूर्णि (7) 778 अर्वा, अवचूरि (8) 777 शब्द, अनु., विवे. (9) 778 अनु. (10) 779 780 781 अनु., विवे. (11) 782 783 सारांश (12) 784 शोधग्रंथ (13) 785 786 मूल (1) पे. 1 2 1 कर्ता संघदासगणि क्षमाश्रमण जिनदासगणिजी महत्तर श्रीचंद्रसूरि घासीलालजी महाराज (#) घासीलालजी महाराज (#) घासीलालजी महाराज घासीलालजी महाराज घासीलालजी महाराज छगनलालजी शास्त्री डॉ., महेन्द्रकुमार रांकावत डॉ. अमोलकऋषि 2 दीपरत्नसागरजी 3 दीपरत्नसागरजी 1 तिलोक मुनि, कन्हैयालालजी मुनि (कमल) 2 लीलमबाई महासतीजी ज्ञानसुंदरी नि 1 दलसुखभाई मालवणिया पंडित 2 MADHU SEN 25. उद्धारक. - हरिभद्रसूरि आगम कृति परिचय संवत् सदी 5वीं, 6ठी fa. 733# fa. 1174 वि. 1987# वि. 1987# fa. 1987# fa. 1987# fa. 1987# fa. 2036# fa. 1976P fa. 2053P fa. 2058P fa. 2048P fa. 2062P fa. 1979P fa. 2014P fa. 2031P कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि अंत.प्र.क्र. 'निर्युक्ति मिश्रित * (प्रा.) * पद्य * गाथा 6644 ग्रं. 7500 [णवबंभचेरमइओ अड्डारसपदसहस्सिओ वेदो...य आराहण छिण्णसंसारे ||} {622,627,631, 633=4} 3 'मूल, निर्युक्ति और भाष्य की विशेष चूर्णि' * (प्रा., सं.)* गद्य * (उ. 20) (गाथा 6644), प्रशस्ति गाथा - 3 ग्रं. 28000 {नमिऊणऽरहंताणं सिद्धाण य... जिणदासगणिमहत्तरेण रइया) (622, 627, 631, 633=4} 'सुबोधा व्याख्या' * (सं.) * गद्य * (उ. 20वाँ), प्रशस्ति श्लोक - 2 ( प्रणम्य वीरं सुरवन्दितक्रमं तेन रचिता चूर्णिरियम् ।} {622,627, 633} 43 (सं.)* गद्य * (उ.20) (625) " भाष्य की स्वोपज्ञ छाया' * (सं.) * पद्य * (उ. 20) {625) (प्रा.) * पद्य * (उ. 20) ( नालिया दुविहा वुत्ता, ...इहं णेया, ठवणा परिहार णाणत्तं ।} {625} (सं.) * गद्य * (उ. 20) ('जे भिक्खू' इत्यादि... नन्तरं प्रायधिश्चित्तमिति भावः ।) (625) 'भाष्य की स्वोपज्ञ अवचूरि * (सं.)* गद्य * (उ. 20) 'जलनालिया' इति नालिया' इत्येतावानेव विशेष इति । ) {625} (हिं.) *गद्य * (उ.20 ) ( 636 } ... (हिं.) *गद्य (उ.20) {621} (गु.) * गद्य * (उ.20) {1463, 1486 } (हिं.)* गद्य (उ.20) (1474} (हिं.) *गद्य (उ.20) (629) महानिशीथसूत्र (786-792) fa. 833# (गु.)* गद्य * (उ. 20) (635) 'संक्षिप्तसार' * (हिं.) *गद्य * (उ.20) {1424} 'निशीथ : एक अध्ययन' * (हिं.) *गद्य (उ.20) (623,627, 633} ‘A Cultural Study of The Nisitha Curni' * (अं) * गद्य * fa. 8 (626) (प्रा.) * गद्य, पद्य * अ. 6+ चू. 2 सूत्र 284 ग्रं. 4504 { सुयं मे आउसं... य महानिसीहम्मि पाएण] ||} {637, 639, 640, 642, 643, 644, 645, 646, 647, 1393, 1510, 1519-12} Page #87 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 25. महानिशीथसूत्र स्वरूप पे. | कर्ता संवत् कृति विशेषनाम*भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंतप्र.क्र. (फ्रेंच) * गद्य * (अ. 3) {637} 787 अनु. (2) |1| Jozef Deleu वि. 2019P 788 | वि. 2019P | | (जर्मन) * गद्य * (अ. 4-5) {637} 789 वि. 2053P (गु.) * गद्य * (अ. 6+ चू. 2) {648, 1463} 790 Walther Schubring दीपरत्नसागरजी दीपरत्नसागरजी धर्मगुप्तविजयजी चंद्रभाल त्रिपाठी डॉ. वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (अ.6+ चू. 2) {1474,1475) 791 सारांश (3) 792 शोधग्रंथ (4) वि. 2026P | (गु.) * गद्य * (अ. 1) {638, 641) | वि. 2050P | 'जर्मनी में महानिशीथ के अध्ययन और संपादन की सर्वेक्षण रीपोर्ट' * (अं.) * गद्य * (अ. 6+ चू. 2) →प्रक. 10{642) दूसरी 26. व्यवहारसूत्र (793-816) 793 मूल (1) भद्रबाहुस्वामी वीरसदी | (प्रा.) * गद्य *उ. 10→सूत्र 275 ग्रं.657 {जे भिक्ख | मासियं...महानिज्जरे महापज्जवसाणे भवति।।3611) {649, 650, 651, 653, 655, 656, 659, 661, 662, 1348, 1374, 1378, 1393, 1394, 1400, 1404, 1406, 1478, 1503, 1510, 1514, 1529, 1531, 1532324) 794 नियुक्ति (2) भद्रबाहुस्वामी वीरसदी (प्रा.) * पद्य * गाथा 551 {ववहारी खलु कत्ता, ...जं दूसरी चरणगुणट्ठितो साधू।।} {657) 795 भाष्य (3) पूर्वाचार्य 'नियुक्ति मिश्रित' * (प्रा.) * पद्य * (उ. 10) गाथा 4675 ग्रं.5786 {ववहारो ववहारी, ववहरियव्वा...विप्पमुक्का, मोक्खमविग्घेण गच्छति।।} {651,654,656,658, 660, 661, 66237} 796 टीका (4) मलयगिरिसूरि वि. 1150# मल एवं भाष्य की टीका * (सं.) * गद्य * (उ. 10) →(गाथा 4673), प्रशस्ति श्लोक-4 ग्रं.34625 {प्रणमत नेमिजिनेश्वरमखिलप्रत्यूहतिमिररविबिम्बम्। दर्शनपथमवतीर्णं, ...विवरण. मिदं समाप्तं श्रमणगणानाममृतभूतम्।} {651, 656, 661, 662=4} 797 सज्झाय (5)|1| शुभविजयजी चंद्रगुप्तनां 16 स्वप्ननी सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 11 सर्वगाथा 27 {पाटलीपुर नगरी हती...भावे रे चंद्र०।।2211) {1784} 2 | ज्ञानविमलसूरि वि. 1728# चंद्रगुप्तनां 16 स्वप्ननी सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 2 / सर्वगाथा 22 {श्रीगुरुपद प्रणमी करी...कवि नयविमल जयकारजी. ।।2211} {1759, 1784, 1792) 3 | रायचंद मुनि वि. 183623 चंद्रगुप्तनां 16 स्वप्ननी सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 17 {सुपन देखी पहेलडे, ...राय सुधीर रे।।चंद्रगुप्त०।।1711) {1784) 800 छाया (6) । घासीलालजी महाराज (2) | वि. 19872 (सं.) * गद्य * (उ. 10) {1503) 801 अर्वा. भाष्य | | घासीलालजी महाराज वि. 2025P | (सं.) * गद्य * (उ. 10) {वर्द्धमानं जिनं नत्वा, ...मोक्षप्रापकत्वेन (7) भगवदुपदिष्टत्वात्। सू० 40-4811) {1503} 802 शब्द., अनु., छगनलालजी शास्त्री डॉ., वि. 2062P | (हिं.) * गद्य * (उ. 10) {1529) Page #88 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय संवत् स्वरूप विवे. (8) अनु. (9) पे. कर्ता कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत:प्र.क्र. महेन्द्रकुमार रांकावत डॉ. 1 अमोलकऋषि वि. 1975P | (हिं.) * गद्य * (उ. 10) {649) जीवराज घेलाभाई दोशी | वि. 1982P | 'शब्दार्थयुक्त' * (गु.) * गद्य * (उ. 10) {650} 803 डॉ. 805 वि. 2028P | 'जीवराज घेलाभाई दोशी डॉ. कृत अनु. आधारित' * (हिं.) * गद्य * (उ. 10) {652} | वि. 2048P | (हिं.) * गद्य * (उ. 10) {1514} 806 3 | ठाकरसीभाई करसनजी शाह कन्हैयालालजी मुनि (कमल) 5 | दीपरत्नसागरजी | 6 | दीपरत्नसागरजी | 1 | अमरमुनिजी उपप्रवर्तक 807 | (गु.) * गद्य * (उ. 10) {1463, 1486} 808 वि. 2053P वि. 2058P वि. 2061P | (हिं.) * गद्य * (उ. 10) {1474) (हिं.) * गद्य * (उ. 10) {1478} 809 अनु., विवे. (10) 810 |वि. 2061P राजकुमार जैन, कृतिसंशो.-सुरेन्द्र बोथरा 3 डोलरबाई महासतीजी। दुलहराजजी मुनि 811 | 'अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. और विवे. का भाषां.' * (अं.) * गद्य * (उ. 10) {1478) | (गु.) * गद्य * (उ. 10) {1531) (हिं.) * गद्य * (गाथा 4694) {658} | वि. 2062P वि. 2060P Willem B. Bollee Prof. वि. 2062P | (अं.) * गद्य * (गाथा 183) {660) 812 भाष्यानु. | (11) 813 भाष्यानु., भाष्य विवे. |(12) 814 विवे. (13) 815 सारांश (14) 816 शोधग्रंथ (15) तिलोक मुनि ज्ञानसुंदरजी मुनि दुलहराजजी मुनि, कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ. | वि. 2048P | (हिं.) * गद्य * (उ. 10) {1514) | वि. 1979 | 'संक्षिप्तसार' * (हिं.) * गद्य * (उ. 10) {1424) वि. 2053P व्यवहारभाष्य : एक अनुशीलन * (हिं.) * गद्य * (उ. 10) {654) दूसरी 27. दशाश्रुतस्कंधसूत्र (817-839) 817 मूल (1) भद्रबाहुस्वामी वीरसदी (प्रा.) * गद्य * अ. 10→सूत्र 268 ग्रं.896 {सुत्तं मे आउसंतेण...सम्मत्तं समत्ता आयारदसाओ।) 1663, 664, 665, 666, 667, 668, 669, 671, 672, 673,674, 675, 1356, 1363, 1366, 1374, 1378, 1393, 1394, 1400, 1404, 1406, 1478, 1510, 1514, 1519, 1521, 1529, 1531%3D29) 818 नियुक्ति (2) भद्रबाहुस्वामी वीरसदी (प्रा.) * पद्य * गाथा 145 ग्रं.220 {वंदामि भद्दबाहुं पाईणं...साहू दूसरी संसारमहन्नवं तरई।।) {665, 670, 675, 1174, 1228, 1510, 1512, 1519, 1525%9) 819 चूर्णि (3) जिनदासगणिजी महत्तर वि. 733# (प्रा., सं.) * गद्य * (अ. 10) ग्रं.2225 (मंगलादीणि सत्थाणि मंगलमज्झाणि...दशानां चूर्णी समाप्ता।1) {665, 675,1174, 1228,151935) 820 छाया (4) |1| आत्मारामजी आचार्य (#) | वि. 1993P (सं.) * गद्य * (अ. 10) {664,672,674) Page #89 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 46 क्र. स्वरूप 821 822 823 अर्वा. टीका (5) 824 शब्द., अनु., विवे. (6) 825 अन्व., अनु., विवे. (7) 826 अनु. (8) 827 828 829 830 अनु., (9) . विवे. 831 पे. 2 घासीलालजी महाराज (#) 3 अशोककुमार सिंह डॉ., कृतिसंशो. सुरेशचंद्र पांडे प्रो. घासीलालजी महाराज 836 837 fad. (12) 838 सारांश (13) 839 शोधग्रंथ (14) 1 840 मूल (1) 2 832 3 833 निर्युक्तिअनु 1 (10) कर्ता 834 2 835 अर्वा टीकानु. 1 (11) 3 दीपरत्नसागरजी 4 दीपरत्नसागरजी 1 अमरमुनिजी उपप्रवर्तक अमोलकऋषि कन्हैयालालजी मुनि (कमल) 2 राजकुमार जैन, छगनलालजी शास्त्री डॉ. वि. 2036# महेन्द्रकुमार रांकावत डॉ. आत्मारामजी आचार्य fa. 1989 कृतिसंशो. सुरेन्द्र बोधरा डोलरबाई महासतीजी अशोककुमार सिंह डॉ. 27. दशाश्रुतस्कंचसूत्र संवत् वि. 2016P fa. 2054P fa. 2003 भद्रबाहुस्वामी fa. 1975P fa. 2033P fa. 2053P fa. 2058P fa, 2061P fa. 2061P fa. 2062P fa. 2054P वि. 2056P दुलहराजजी मुनि घासीलालजी महाराज (#) वि. 2016P 2 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2016P तिलोक मुनि fa. 2048P ज्ञानसुंदरजी मुनि सागरमल जैन डॉ. fa. 1979 fa. 2054P कृति विशेषनाम भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण आदि अंत*प्र.क्र. (सं.) गद्य * (अ. 10 ) ( 666 } निर्युक्ति की छाया * (सं.)* पद्य * (गाथा 141) {670} 'मुनिहर्षिणी' * (सं.) * गद्य * (अ. 10), प्रशस्ति श्लोक - 8 { श्रीवर्द्धमानं गुणसन्निधानं, सिद्धालये... भूत्वाऽस्मिन्नेव भवे सिध्यति ||} {666 } (हिं.) * गद्य * (अ. 10) (1529 } 'गणपतिगुणप्रकाशिका भाषाटीका' * (हिं.) * गद्य * (अ. 10), प्रशस्ति (प्रा.) गाथा-9 664, 672, 674} (हिं.) *गद्य * (अ. 10) (663) (हिं.) *गद्य * (अ.10) [ 667, 1514 ) (गु.) * गद्य * (अ. 10) {1463, 1486 } (हिं.) *गद्य (अ. 10) {1474 } (हिं.) *गद्य * (अ. 10) {1478) 'अमरमुनिजी उप. के (हिं.) अनु. और विवे. का भाषां. (अं.) * गद्य * (अ. 10) (1478) (गु.) *गद्य * (अ. 10) (1531) (हिं.) * गद्य * (गाथा 141) (670) (हिं.) *गद्य * (गाथा 143) (1525 } 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य (अ. 10) {666 } 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (अ. 10) {666} (f.) *TTET (3T. 10) (1514) 'संक्षिप्तसार' * (हिं.) *गद्य * (अ. 10) (1424} 'दशाश्रुतस्कन्धनिर्युक्ति एक अध्ययन' * (हिं.) * गद्य * ( गाथा 141) अध्याय 4 (670) 28. बृहत्कल्पसूत्र (840-866) वीरसदी दूसरी - → (प्रा.) * गद्य *उ. 6 अधि. 81 सूत्र 206 ग्रं. 437 {नो कप्पड़ निग्गंथाण... त्ति बेमि ।। सू.2011} {676, 677, 678,679,680, 681, 683, 684, 685, 686, 687, 688, 1348, 1374, 1378, 1393, 1394, 1400, 1404, 1406, 1478, 1503, 1510, 1514, 1529, 1531, 1532=27} Page #90 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय | कर्ता संवत् 6ठी 847 क्र. स्वरूप पे. कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. 841 भाष्य (2) संघदासगणि क्षमाश्रमण सदी 5वीं, | 'नियुक्ति मिश्रित', 'लघुभाष्य * (प्रा.) * पद्य * (उ. 6) गाथा 6490 ग्रं.7600 {काऊण नमोक्कारं, तित्थयराणं...य, आराहण छिन्नसंसारी।। 649011} {680, 686, 688, 689=4) 842 चूर्णि (3) | अज्ञात मूल और लघुभाष्य की चूर्णि * (प्रा., सं.) * गद्य * (उ. 6) (गाथा 6490) ग्रं.14787 (मंगलादीणि सत्थाणि मंगल मज्झाणि...पावति।। कप्पचुण्णी समत्ता।।) (689) 843 टीका (4) 1 क्षेमकीर्तिसूरि, वि. 1332 | 'बृ.क.सूत्र और लघुभाष्य की टीका', 'सुखावबोधा टीका' * मलयगिरिसूरि (सं.) * गद्य * (उ. 6), प्रशस्ति श्लोक-21 ग्रं.42600 {प्रकटीकृतनिःश्रेयसपदहेतुस्थविरकल्पजिनकल्पम्। नम्राशेषनरामरकल्पितफलकल्पतरुकल्पम्।।1।।...तन्मिथ्या दुष्कृतं भूयात्।} {680, 686} 844 | 2 अज्ञात 14वीं सदी | 'मलय. टीका आधारित संक्षेपार्थ' * (सं.) * गद्य * (उ. 6) के पश्चात् (येषां सदागमविकाशविधौ विधित्सा, ...इति सूत्रसंक्षेपार्थः।।) {681} |845 सज्झाय (5) | देवचंद्रजी उपाध्याय वि. 1767# | (गु.) * पद्य * ढाल 51 सर्वगाथा 95, कळश 8 {स्वस्ति श्रीमन्दिर {सीमंधर) परम, ...गृह थावोजी । भा०11811) {1019, 1763, 1764, 177934} 846 छाया (6) 1 घासीलालजी महाराज (#) | वि. 1987# | (सं.) * गद्य * (उ.6) {1503} 2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 19872 | (अर्वाचीन) भाष्य की स्वोपज्ञ छाया * (सं.) * गद्य * (उ. 6) (1503} 848 अर्वा. भाष्य घासीलालजी महाराज वि. 2025P (प्रा.) * गद्य * (उ. 6) {पढमे आममभिन्नं, तालपलंब... णिसेहोऽत्थ संबंधो।।1।1} {1503} 849 अर्वा.चूर्णि | घासीलालजी महाराज |वि. 1987# (सं.) * गद्य * (उ.6) {भविजनहितकारं, ज्ञानवित्तैकसारम्, कृतभवभयपारं... प्रकल्प्य कथयामीति।।सू० 2011) {1503) |850 अर्वा.अवचूरि घासीलालजी महाराज वि. 1987# | (अर्वाचीन) भाष्य की स्वोपज्ञ अवचूरि * (सं.) * गद्य * (उ.6) {पढमे इति। पढमे...नो कप्पइ इत्यादि।} {1503} 851 शब्द., अनु. | जीवराज घेलाभाई दोशी |वि. 1971P | (गु.) * गद्य * (उ. 6) {678} (10) 852 शब्द., अनु.. छगनलालजी शास्त्री डॉ., वि. 2036# | (हिं.) * गद्य * (उ.6) {1529) विवे. (11) महेन्द्रकुमार रांकावत डॉ. 853 अनु. (12) |1| अमोलकऋषि वि. 1976P | (हिं.) * गद्य * (उ. 6) {679} 854 ठाकरसीभाई करसनजी | वि. 2027P | 'अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु. का भाषां.' * (गु.) * गद्य * शाह (उ.6) {682} 855 3 | कन्हैयालालजी मुनि वि. 2048P | सामान्य स्पष्टीकरणपूर्वक * (हिं.) * गद्य * (उ. 6) {1514} (कमल) 856 4 दीपरत्नसागरजी वि. 2053P | (गु.) * गद्य * (उ.6) {1463, 1486) 857 5 | दीपरत्नसागरजी वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (उ.6) {1474} 858 अन.. विवे. |1| कन्हैयालालजी मुनि वि. 2034P 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त अनु.' * (हिं.) * गद्य * (उ. 6) (13) (कमल) {683) 859 2 | अमरमुनिजी उपप्रवर्तक वि. 2061P | (हिं.) * गद्य * (उ.6) {1478} (8) डॉ. Page #91 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 28. बृहत्कल्पसूत्र स्वरूप | कर्ता संवत् |कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. | वि. 2061P | अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. और विवे. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (उ.6) {1478) वि. 2062P (गु.) * गद्य * (उ. 6) {1531} | वि. 2062 | ‘स्पष्टीकरणयुक्त' * (हिं.) * गद्य * (गाथा 6490) {688} राजकुमार जैन, कृतिसंशो.-सुरेन्द्र बोथरा डोलरबाई महासतीजी 862 भाष्यानु. दुलहराजजी मुनि (14) 863 विवे. (15) |1| तिलोक मुनि 864 2 राजशेखरसूरि 865 सारांश (16) ज्ञानसुंदरजी मुनि 866 शोधग्रंथ महेन्द्र प्रताप सिंह डॉ. (17) वि. 2048P | (हिं.) * गद्य * (उ. 6) {1514) वि. 2063 'बृहत्कल्पसारोद्धार' * (गु.) * गद्य * (उ. 6) {691) वि. 1979P | 'संक्षिप्तसार' * (हिं.) * गद्य * (उ. 6) {1424) वि. 2065P 'बृहत्कल्पसूत्रभाष्य : एक सांस्कृतिक अध्ययन' * (हिं.) * गद्य * अध्याय 81690) 867 मूल (1) 29. जीतकल्पसूत्र (867-875) जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण शक-531# (प्रा.) * पद्य गाथा 103 ग्रं.130 {कयपवयणप्पणामो. वोच्छं पच्छित्तदाणसंखेवं।...पुणं, पत्ते सुपरिच्छियगुणम्मि।।) {692, 693, 694, 695, 696, 697, 1374, 1391, 1393, 1401, 1510, 1519, 1532%D13} 868 भाष्य (2) जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण 869 चूर्णि (3) सिद्धसेन गणि 870 टिप्पण (4) श्रीचंद्रसूरि |शक-531# | 'स्वोपज्ञ' * (प्रा.) * पद्य * गाथा 2606 ग्रं.3200 {पवयण दवालसंगं, सामाइयमाइ...ण ह अण्णो ।।260611) 1695, 697, 1510) सदी 6ठी 'बृहच्चूर्णि' * (प्रा.) * गद्य, पद्य * (गाथा 103) ग्रं.1000 {सिद्धत्थसिद्धसासण सिद्धत्थसुयं सुयं...पयओ परमं परमो वगारकारिणमहग्घं।।) {694, 1519, 1532) |वि. 1227 'बृहच्चूर्णि विषमपद व्याख्या' * (सं.) * गद्य * (गाथा 103), प्रशस्ति श्लोक-5 ग्रं.1120 {नत्वा श्रीमन्महावीरं स्वपरोपकृति हेतवे।...तावदियं वाच्यतां भव्यैः।} {694, 1532} वि. 2053P (गु.) * गद्य * (गाथा 103) {1463, 1486} वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (गाथा 103) {1474} | वि. 2066P (हिं.) * गद्य * (गाथा 103) {697} वि. 2066P (हिं.) * गद्य * (गाथा 2608) {697) 871 अनु. (5) |1| दीपरत्नसागरजी |872 2 | दीपरत्नसागरजी 873 3| कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ. 874 भाष्यानु. कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ. (6) 875 शोधग्रंथ (7) कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ. वि. 2066P 'व्यवहार और प्रायश्चित : एक विमर्श', 'जीत.सूत्र और जीत.भाष्य का शोधग्रंथ' * (हिं.) * गद्य * (गाथा 103) (गाथा 2606) {697} 876 मूल (1) अज्ञात 30. उत्तराध्ययनसूत्र (876-1019) वि.सं. पूर्व | (प्रा.) * पद्य, गद्य * अ. 36→सूत्र 1720 ग्रं.2000 (संजोगा दूसरी/ | विप्पमुक्कस्स अणगारस्स...भवसिद्धियसम्मए।।268 ।। त्ति तीसरी बेमि।।) {698, 699, 700, 701, 702, 703, 704, 705, 706, सदी Page #92 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय स्वरूप पे. कर्ता संवत् कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत:प्र.क्र. 707, 708, 709, 710, 712, 713, 714, 715, 716, 717, 718, 719, 720, 721, 722, 723, 725, 726, 727, 728, 729, 730, 731,732,733,735,736, 740,741,742, 743,747,748,750,751,752,753,754,755,756, 757, 758,760, 761, 763, 764,766, 767,769, 770, 771, 772,773, 774,775,776,777,778, 779, 780, 782,784,785,786,787,788,790,792,793,794, 795, 797, 799, 800, 801, 803,804,805, 806, 807, 809, 810, 812,813,815,816,817, 818, 819, 822, 823, 824, 825, 826, 827, 829, 830, 832, 833, 835, 836, 1347, 1351, 1353, 1354, 1355, 1356, 1362, 1363, 1364, 1366, 1368, 1372, 1378, 1392, 1393, 1394, 1409, 1411, 1422, 1428, 1431, 1452, 1464, 1507, 1510, 1545, 1548, 1550, 1551, 15943140) दूसरी 877 नियुक्ति (2) भद्रबाहुस्वामी वीरसदी (प्रा.) * पद्य * गाथा 559 ग्रं.700 {नामं ठवणा दविए, ...जहाजोगं गरूपसाया अहिज्झिज्जा।।) (703,719, 771, 793,824,836, 1510, 1512, 1525%9) 878 भाष्य (3) अज्ञात (प्रा.) * पद्य * गाथा 34 {पलाग-बकस-कसीला, णिग्गंथ-सिणायगा य...होंति नियंठा असंखेज्जा।।) {703, 771, 793,824,152535) 879 चूर्णि (4) जिनदासगणिजी महत्तर वि. 7332 मूल और नियुक्ति की चूर्णि * (प्रा., सं.) * गद्य * (अ. 36), प्रशस्ति (प्रा.) गाथा-4 ग्रं.5850 {कयपवयणप्पणामो, वोच्छं धम्माणुयोगसंगहियं।...स्वमनीषिकया, नयाः पूर्ववत्।।) {711, 771) 880 टीका (5) |1| शांतिसूरि सदी 11वीं 'शिष्यहिता टीका', 'पाईअ टीका', मूल, भाष्य एवं नियुक्ति की टीका * (सं., प्रा.) * गद्य * (अ. 36), प्रशस्ति श्लोक-3 ग्रं.16000 {शिवदाः सन्तु तीर्थेशा,...जीवाजीवविभक्तिनामकं षट्त्रिंश- तममध्ययनं समाप्तमिति।।3611) {703, 719, 771, 793, 824,836=6) 2 | नेमिचंद्रसूरि (प्रथम) 'सुखबोधा' * (सं.) * गद्य * (अ. 36), प्रशस्ति श्लोक-16 ग्रं.12000 {प्रणम्य विघ्नसातघातिनःतीर्थनायकान्।... योग:-उपधानादिव्यापारस्तदनतिक्रमेण यथायोगम्।।) {716, 751, 771,8044} 882 3| जयकीर्तिसूरि सदी 15वीं # 'दीपिका' * (सं.) * गद्य * (अ. 36), प्रशस्ति श्लोक-2 {श्रीउत्तराध्ययनस्य किंचिदर्थः कथाश्च...पुवरिसी एव भासंति।। {700, 827} 883 कमलसंयम उपाध्याय वि. 15442 'सर्वार्थसिद्धि' * (सं.) * गद्य * (अ. 36), प्रशस्ति श्लोक-20 ग्रं.14000 {श्रीवर्धमानजिनराजगुरुक्रमाब्ज, विद्वन्मनःकुमुदबोधनपार्वणाब्जम्। प्रीत्या...परिसमाप्तौ। ब्रवीमीति गणधरो पदेशेनेति।।) {706, 771,826) | 5 | भावविजयजी उपाध्याय |वि. 1689 (सं.) * गद्य * (अ. 36), प्रशस्ति श्लोक-25 ग्रं.14255 881 Page #93 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 30. उत्तराध्ययनसूत्र क्र. स्वरूप . | कर्ता संवत् | कृति विशेषनाम*भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. | {ॐ नमः सिद्धिसाम्राज्यसौख्यसन्तानदायिने।...इति सम्पूर्णा श्रीउत्तराध्ययनसूत्रवृत्तिः।।} {704, 718, 750, 771, 792, 810, 823=7} | ‘अर्थदीपिका टीका', 'लक्ष्मीवल्लभी', 'दीपिका' * (सं.) * गद्य * (अ. 36), प्रशस्ति श्लोक-13 ग्रं.15000 {अर्हन्तो ज्ञानभाज: सुरवरमहिताः...पुरुषस्यैव निर्विघ्नमेतेऽध्यायाः सम्पूर्णीभवन्ति।) {698, 710,713,756, 771,79936} 885 6 | लक्ष्मीवल्लभ उपाध्याय वि. 1725# 886 7 | नयविजयजी वि. 1745# 'स्तबक' * (सं.) * गद्य * (अ. 36) {नमो अरिहंताणं। नमः...इति उत्तराध्ययनश्रुतस्कन्धः समाप्तः।।) {726} 887 अवचूरि (6)|1| पूर्वाचार्य 'अवचूर्णि', 'लघुवृत्ति' * (सं.) * गद्य * (अ. 36) {संयोगात् मात्रादिविषयाबाह्यात् कषायादिविषयादभ्यन्तराच्च...वा, ब्रवीमि गणधराद्युपदेशेन।। {726} 888 अज्ञात वि. 1441# 889 बा.बो. (7) अज्ञात 890 सज्झाय (8) | 1 अज्ञात 891 2 | अज्ञात 892 3 श्रीकरण उपाध्याय (सं.) * गद्य * (अ. 36) ग्रं.3600 {संजो(यो)गात्-मात्रादिकषायादिबाह्याभ्यन्तरभेदात् विविधैः प्रकारैः... उत्तराध्यायान् योगः-उपधानादिरुचितव्यापारस्तदनतिक्रमेण यथायोगम्।।) {726} (मा.गु.) * गद्य * (अ. 36) {उत्तराध्ययननो शब्दार्थ लिखीये... समाप्त होय इति।।} {698} (गु.) * पद्य * ढाल 1/ सर्वगाथा 38 {प्रणमी पार्श्व (पास) जिणंदने, ...धन तुम अवतार।।3411) {1749, 1770, 1776} उत्त.सूत्र अ. 4 (असंखयं) स्वरूप सज्झाय * (प्रा.) * पद्य * गाथा 13 (असंखयं जीविय मा...जाव सरीरमेउ।। त्तिबेमि।।13।1) {1760} द्रुमपत्राध्ययन सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 10 {समवसरण सिंहासनेजी रे, ...म कर प्रमाद।।1011) {1497, 1501, 1516, 1784} उत्त.सूत्र नामाधिकार की सज्झाय * (मा.गु.) * पद्य * गाथा 16 {पणमिय पहु पास...मुणिवर कहइ ए...111611) {1784} 'प्रत्येक अध्ययन की' * (मा.गु.) * पद्य * सज्झाय 36 (सरसति मति अति...हवइ जय जयकार।।511) (1784) 'प्रत्येक अध्ययन की' * (मा.गु.) * पद्य * सज्झाय 36 {श्रीगुरु गौतम गुण...कमला लहस्ये।। जिन०112111) {1756} नमिराजर्षि गीत * (मा.गु.) * पद्य * गाथा. 7 {जी हो मिथिला...भव पार।।नमि.11711) {1774) चार प्रत्येक बद्ध की सज्झाय * (मा.गु.) * पद्य * सज्झाय 4 {चंपा नगरी अति...परतेक बुद्ध हे।।6।।} {1774) चार प्रत्येक बुद्ध संलग्न गीत * (मा.गु.) * पद्य * 893 | क्षेमराज उपाध्याय वि. 154723 894 | राजशील उपाध्याय वि. 15632 895 | 6 | ब्रह्ममुनि वि. 1599 896 | समयसुंदरजी उपाध्याय वि. 1654# 897 समयसुंदरजी उपाध्याय वि. 16542 898 9 समयसुंदरजी उपाध्याय वि. 1654# Page #94 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय 899 क्र. स्वरूप पे. | कर्ता संवत् कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. गाथा 6 (चिहुं दिसथी चारे...हे पाटणपरसिद्ध (पाटणनगर मझार) ।।6।।} {1774, 1784} 10 ज्ञानविमलसूरि वि. 1728# मदनरेखा की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 13 {नयर सुदर्शन मणीरथ...ज्ञानविमल अनुबंधेजी 13} {1759, 1792) 900 उदयविजयजी उपाध्याय वि. 1714# 'प्रत्येक अध्ययन की' * (गु.) * पद्य * सज्झाय 36 {पवयण देवी चित्त...नव निधि थाय।1811) {707, 1769, 1770, 1771, 1782=5} 901 12| जिनहर्षसूरि वि. 1729 शीयलनी नव वाडनी सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 11 / सर्वगाथा 98 {श्री नेमीसर चरण...जुगति नव वाडि। 198।।) {1784} 13 | रामविजयजी उपाध्याय वि. 17702 'प्रत्येक अध्ययन की' * (ग.) * पद्य - सज्झाय 36 {श्री जंबुमुनि विनव्या...भणतां, मंगलमाला थाय।।७।।) {1784} 903 14 रूपविजयजी सदी 18वीं # | केशी गौतम गणधर सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 16 {ए दोय गणधर...गुण गाय ए दोय०111611) {1430, 1769, 1776, 1781,1782,1784-6 1904 | 15 रायचंद मुनि | वि. 1836 आषाढभूतिमुनि सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 5 । सर्वगाथा 80 {दर्शन परीसह बावीशमो, ...जाणो धाय हो. भ.स. 13} {1749, 1784) 905 16 मुकुंद मोनाणी वि. 1840 शीयलनी नव वाडनी सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 9/ सर्वगाथा 97, कळश 17 {श्री सरस्वती समरूं...धन्य शीयल सोहामणं।।1711) {1784} 906 17 रायचंद मुनि वि. 1836# परीषह की सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 8 / सर्वगाथा 82 {श्री आदीश्वर आदिदेव, ...भवनो छेह लह्योजी. स्त्री०।।17 ||} {1784} 907 18 जेठमलजी मुनि वि. 18792 चित्तसंभूति मुनि सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 23 {चित्त कहे ब्रह्मरायने, ...जाण्या हो बंधव०112311} {1749,1768, 1769, 178434} 908 19 | उत्तमविजयजी वि. 1881# प्रदेशीराजाना 10 प्रश्ननी सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 18 {प्राणी। भवसागर...नित्य जयकार हों प्रदेशीराजा।।18।।) {1782,1784) 909 छत्रीशी (9) पार्श्वचंद्रसूरि वि. 15542 उत्तराध्ययन छत्रीसी * (मा.गु.) * पद्य * ढाल 14 / सर्वगाथा 139 {वीर जिणेसर पय...लहिये रंगभरे. 139} {1753} 910 गीत (10) 1| समयसुंदरजी उपाध्याय | | वि. 16542 दशार्णभद्र गीत * (मा.गु.) * पद्य * गाथा 9 {मुगध जन वचन...नामथी निस्तरीजइ।।।।ध०11) {1774) 2 | समयसुंदरजी उपाध्याय | वि. 1654# मृगापुत्र गीत * (मा.गु.) * पद्य * गाथा 7 {सुग्रीव नगर सोहामj...ए मोटउ अणगार।मा.11711} {1774) 912 3| समयसुंदरजी उपाध्याय | | वि. 16542 संयती साधु गीत * (मा.गु.) * पद्य * गाथा 11 (कंपिल्ला नगरी धणी, ...हुयइ निस्तारो रे।।1111} {1774) समयसुंदरजी उपाध्याय वि. 1670 नव-वाड-शील गीत * (मा.गु.) * पद्य * गाथा 13 (नव बाडि सेती...प्रसाद रे। नव.1131} {1774} 911 Page #95 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 30. उत्तराध्ययनसूत्र स्वरूप पे. | कर्ता संवत | कृति विशेषनाम भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. छाया (11) |1| अज्ञात वि. 1982P नमिप्रवज्या अध्ययन की छाया * (सं.) * पद्य * (अ. 9वाँ) {709) 915 सौभाग्यचंद्रजी मुनि वि. 1989P (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 36) {संयोगाद्विप्रमुक्तस्य, अनगारस्य भिक्षोः। विनयं...भवसिद्धिकसंमतान् ।।266 ।। इति ब्रवीमि।।) {1428} 916 | 3 | बुद्धिविजयजी पंन्यास (#) | वि. 1992P (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 36) {715} 917 4 | आत्मारामजी आचार्य (#) | वि. 1996P | (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 36) {717, 803} 917a जेठालाल हरिभाई शास्त्री(#)| वि. 2010P | (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 36) {722, 784, 787} 918 5 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2015P | (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 36) {723, 818} 6 | भद्रंकरसूरि (#) वि. 2022P (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 36) {732, 752, 770, 773, 778, 807, 83337} 920 7 महाप्रज्ञजी आचार्य | वि. 2023P (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 36) {733,794,801) 921 8 | पारस मुनि (#) वि. 2025P | (सं.) * गद्य * (अ. 28वाँ-गाथा 14) {735} 922 | 9 रत्नचंद्रस्वामी (2) वि. 2026P | (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 36) {736) 923 10 रविन्द्रमुनि (#) वि. 2039# | महानिग्रंथीय अध्ययन की छाया * (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 20वाँ) {777} 924 11 रविन्द्रमुनि (2) वि. 2039# प्रमादस्थान अध्ययन की छाया * (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. | 32वाँ) {774) |925 | 12| शांतिमुनि वि. 2046 (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 36) {816} | 926 | नोंध : - कृति की कटौती की गई होने के कारण इस क्रमांक का उपयोग नहीं किया है। 927 14 सुभद्रजी मुनि (#) वि. 2055P (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 36) {788} 928 |15| अज्ञात वि. 2062P | (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 36) {815) 929 अर्वा. टीका घासीलालजी महाराज वि. 2008 'प्रियदर्शिनी' * (सं.) * गद्य * (अ. 36), प्रशस्ति श्लोक-8 (12) {भवजलधिनिमज्जज्जीवरक्षककृत्यं, विमलहितवचोभिर्दर्शितात्मैकसृत्यम्। सुरनरमुनिवृन्दैर्वन्द्यमानाङ्घ्रिपद्यम्, ...समुप दिश्य, परिनिर्वृतः सिद्धि प्राप्तः} {723, 818} 930 शब्द., अनु. जीवराजघेलाभाई दोशी | वि. 1967P | (गु.) * गद्य * (अ. 36) {701) (13) डॉ. (2) शब्द., अनु., 1 | मंगलजी हरजीवन | वि. 1991P | (गु.) * गद्य * (अ. 27) {714} विवे. (14) चितलीया 932 2 | अमिताबाई महासती, वि. 2054P | (गु.) * गद्य * (अ. 36) {782) सुमतिबाई महासती (सदानंदी) | 3 | पारसमल चण्डालिया (#) | वि. 2062P | (हिं.) * गद्य * (अ. 36) {813) 934 शब्द., विवे. कांतिऋषिजी आचार्य (#) | वि. 2045P | (गु.) * गद्य * (अ. 36) (761) (15) 935 अन्व. (16) | 1 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2015P | (हिं.) * गद्य * (अ. 36) {723} 933 Page #96 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. 936 937 अन्व, अनु. (17) 938 अन्व, अनु., fad. (18) 939 940 942 943 944 941 अन्व., विवे. 1 (19) 945 अनु. (20) 946 947 948 949 950 951 952 953 954 955 स्वरूप 956 957 958 959 पे. 2 1 आत्मारामजी आचार्य 2 3 2 आगम कृति परिचय कर्ता संवत् घासीलालजी महाराज (#) वि. 2015P fa, 2046 शांतिमुनि रसिकलाल छगनलाल शेठ नयनाबेन सतीषभाई उपाध्याय अज्ञात अज्ञात 3 वीरपुत्रजी महाराज 4 अज्ञात 1 विनय मुनि 2 Hermann Jacobi 3 नागरदास मूलजी ध्रुव 4 अकलंकविजयजी 5 अमोलकऋषि 9 8 हीरालाल हंसराज गोपालदास जीवाभाई पटेल fa. 1996P 10 अज्ञात वि. 2039P fa. 2069P fa. 1977P fa. 1982P 6 अज्ञात fa. 1977P 7 जेठालाल हरिभाई शास्त्री वि. 1981P fa. 2010P fa. 2062P fa. 1951P fa. 1965P fa. 1970# fa. 1976P fa. 1992P fa. 1993P fa. 2011P fa. 2019P 11 अज्ञात 12 दयामुनि fa. 2021P 13 भद्रंकरसूरि fa. 2022P 14 दुर्लभजी केशवजी खेताणी वि. 2029P fa. 2030 15 डुंगरशी मुनि 53 कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि अंत प्र.क्र. (गु.) * गद्य * (अ. 36 ) ( 723, 724) (हिं.) *गद्य * (अ. 36 ) (816) 'आत्मज्ञान प्रकाशिका भाषाटीका' * (हिं.) * गद्य (अ. 36), प्रशस्ति (प्रा.) गाथा 9 717, 803) (गु.) * गद्य * (अ. 3-4) (1507 } आत्मारामजी आचार्य के (हिं.) अन्व., अनु., विवे. का भाषां. * (गु.) * गद्य (अ. 36 ) ( 835 ) हरिकेशी अध्ययन का अन्व, संक्षिप्त विवे. * (गु.) * गद्य * (अ. 12) 1422 ) नमिप्रवज्या अध्ययन का अन्व, विवे. * (हिं.) * गद्य * (अ. gat) (709) (हिं.) * गद्य * (अ. 36) {721, 817) कथायुक्त * (हिं.) * गद्य * (अ. 36 ) (815, 834) अन्वययुक्त चरितानुवाद * (हिं.) *गद्य * (अ. 19-23, 25वाँ) {742) (अं.) * गद्य * (अ. 36 ) ( 811, 1442, 1454, 1548=4} हर्मन जेकोबी कृत भाषां. के साथ तुलनायुक्त * (गु.) *गद्य* (3T. 36) (699} (गु.) * गद्य * (अ. 36 ) (766 } 'स्पष्टीकरणयुक्त' * (हिं.) * गद्य * (अ. 36 ) (705, 795} (गु.) * गद्य * (अ. 9) (1422 } 'कथायुक्त' * (गु.) * गद्य * (अ. 36 ) ( 707, 722, 784, 787, 1551=5} (गु.) * गद्य * (अ. 23) (713} महावीरस्वामीनो अंतिम उपदेश, टिप्पणयुक्त छायानुवाद' ● (गु.) * गद्य * (अ. 36 ) (762) (गु.) गद्य (अ. तीसरा, 4था, 9वीं, 19याँ) मोक्ष पामवानां हुत्कृष्टां... कहूं ई.) (1894) (हिं.) *गद्य * (अ. 36) {728 } (गु.) * गद्य * (अ. 36) {731, 740, 760, 819=4} (गु.) *गद्य * (अ. 36) {732, 752, 770, 773, 778, 807, 822=7} चंदनाजी आचार्या के (हिं.) अनु. का भाषां. * (गु.) * गद्य * (3T. 36) (741, 805, 829} 'टिप्पणयुक्त' * (गु.) *गद्य * (अ.36) {743} Page #97 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 54 क्र. 960 961 962 963 964 965 966 967 968 969 970 971 972 973 974 अनु., अर्वा, टिप्प (21) 975 976 977 स्वरूप 978 अनु., विवे. (22) 979 980 981 982 पद्यानु. (23) 983 पे. कर्ता 16 रविन्द्रमुनि (F) 17 हुकमचंद जैन डॉ. 18 अमरमुनिजी उपप्रवर्तक 19 बृजमोहन जैन डॉ. 20 बी. के. खडबडी डॉ. 21 दीपरत्नसागरजी 22 सुभद्रजी मुनि 23 अज्ञात 24 कांतिलाल खेमचंद कापडिया डॉ. 25 दीपरत्नसागरजी 26 सौभाग्यमुनिजी 27 दीपरत्नसागरजी 28 धीरज मुनि 29 गुणहंसविजयजी 1 भोगीलाल ज. सांडेसरा 2 महाप्रशजी आचार्य, राज 3 चंदना साध्वी 4 रमणीकलाल मनसुखलाल शाह डॉ. 1 सौभाग्यचंद्रजी मुनि 2 3 पारस मुनि रविन्द्रमुनि (#) 4 राजेन्द्रमुनि शास्त्री डॉ. 1 पारस मुनि (#) 2 मांगीलालजी मुनि 30. उत्तराध्ययनसूत्र संवत् fa. 2039# fa. 2047P fa. 2048P fa. 2048P fa. 2049P fa. 2053P fa. 2055P fa. 2056P fa. 2057P fa. 2058P fa. 2063P fa. 2066P fa. 2067P fa. 2070P fa. 2008P fa. 2023P fa. 2029P वि. 2058P fa. 1991P fa, 2022 fa. 2039# fa. 2040P fa. 2025P fa. 2031 कृति विशेषनाम* भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण* आदि - अंत*प्र.क्र. प्रमादस्थान अध्ययन का अनु. * (अं.) * गद्य * (अ. 32वाँ) {774} (हिं.) गद्य * (अ. 1, 22वाँ) {1550} 'स्पष्टीकरणयुक्त' * (हिं.) *गद्य * (अ.36) ( 767 } अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (3T. 36) {767} रथनेमिय अध्ययन का अनु. * (अं.) * गद्य * (अ. 22वाँ) → गाथा 48 In the town... Thus I say} {769 } (गु.) *गद्य * (अ. 36 ) ( 1460) 'स्पष्टीकरणयुक्त' * (हिं.) * गद्य * (अ. 36 ) ( 788 } (गु.) * गद्य * (अ. 3-4) ( आ संसारमां प्राणीओने ... हुं कहुं छु.) {1464) (अं.) * गद्य (अ. 36) {797 } (हिं.)* गद्य * (अ. 36) (1476) (हिं.)* गद्य (अ. 14) {818} 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) (828) (गु.) * गद्य (अ. 36 ) ( 830 } (गु.) *गद्य * (अ. 1) ( 836) गद्य * (अ. 36 ) (गु.) * गद्य * (अ. 18 ) ( संयोग आसक्तिथी विशेषपणे मुक्त... आवास आपे ?'} {720} (हिं.) गद्य (अ.36) {733, 794 } (f.)*TTET (3T. 36) (769, 780} महाप्रशजी के (हिं.) अनु. और (अव) टिप्पण का भाषां. (गु.) * गद्य * (अ. 36 ) ( 801 ) (गु.)* गद्य (अ. 36 ) (736,765) (गु.) * गद्य (अ. 28वाँ गाथा 14) {735) प्रमादस्थान अध्ययन का अनु., विवे. * (गु.) *गद्य * (अ. 32वाँ) {774} (f.)*TET (3T. 36) {764} (गु.) * पद्य * (अ. 28वाँ गाथा 14) {735} (हिं.) * पद्य * (अ. 36), प्रशस्ति गाथा - 8 ( जो संयोगमुक्त अनगार, ... ज्ञातवंशज ने सुन्दर । । 268 ।।} {1445} Page #98 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय क्र. संवत् 991 टीकानु. स्वरूप पे. कर्ता कृति विशेषनाम*भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. 984 | 3 रविन्द्रमुनि (#) वि. 2039# महानिग्रंथीय अध्ययन का पद्यानु. * (गु.) * पद्य * (अ. 20वाँ) {भाव हुँ भगवंतो...अमोही विहरे मुनि।।) {777) 985 4 | रविन्द्रमुनि (#) वि. 20392 | महानिग्रंथीय अध्ययन का पद्यानु. * (अं.) * पद्य * (अ. 20वाँ) {Devoutiy bowing to...so says Sudharma.) {777} 986 |5| रविन्द्रमुनि (#) वि. 203923 प्रमादस्थान अध्ययन का पद्यानु. * (गु.) * पद्य * (अ. 32वाँ) {अनादिकालीन समूल सर्व...थाय अनंत सुखी.} {774} 987 6| हस्तीमलजी आचार्य वि. 2045P (हिं.) * पद्य * (अ. 36) {द्रव्य-भाव-संयोग-मुक्त, भिक्षाजीवी... सम्मत ज्ञान दिया।।268 ||} {821) 988 |7| शशिकांत झा वि. 2049P (हिं.) * पद्य * (अ. 36) {द्रव्यभावसंयोगमुक्त, भिक्षाजीवी अणगारी...सिद्धि-सम्मत ज्ञान दिया।।268 11) {769, 815} 989 नियुक्तिअनु. 1 | दुलहराजजी मुनि वि. 2056P | (हिं.) * गद्य * (गाथा 554) {1525) (24) 990 2 | गुणहंसविजयजी वि. 2070P | (गु.) * गद्य * (गाथा 64) {836) 1 हीरालाल हंसराज वि. 1992P लक्ष्मीवल्लभ उपा. कृत टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (अ. | (25) 23) {713} 992 | 2 | गुणहंसविजयजी | वि. 2070P | ‘पाईअ टीका का स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (अ. 1) {836) 993 अर्वा,टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2015P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (अ. 36) {723, 724} (26) 994 | 2 | घासीलालजी महाराज (#) वि. 2015P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (अ. 36) {723} 995 अर्वा.टिप्प. Jarl Charpentier वि. 2036# | (अं.) * गद्य * (अ. 36) {747} (27) 996 विवे. (28) |1| रविन्द्रमुनि (#) वि. 2039# | महानिग्रंथीय अध्ययन का विवे. * (गु.) * गद्य * (अ. 20वाँ) {777} 997 | 2 | यशोविजयसूरि वि. 2055P सभिक्षु अध्ययन का विवे. * (गु.) * गद्य * (अ. 15वाँ) 1791) 998 3 | दीपरत्नसागरजी वि. 2066P 'पाईअटीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (अ. 36) {828} 999 प्रव. (29) 1 | केशवमुनि वि. 2010 मोक्षमार्गगति अध्ययन के प्रव. * (गु.) * गद्य * (अ. 28वाँ) →प्रव. 118 {738, 781) 1000 2 | केशवमुनि वि. 2011P | इषुकारीय अध्ययन के प्रव. * (गु.) * गद्य * (अ. 14→गाथा 19)→प्रव. 143 (763) 1001 3 | केशवमुनि | वि.2014 (गु.) * गद्य * (अ. 18वाँ)→प्रव. 154 {796) 1002 | 4 | उमेशमुनि (अणु वि. 2026 | (हिं.) * गद्य * (अ. 23वाँ-गाथा 4)→प्रव. 15 {802} 5 | शारदाबाई महासतीजी वि. 2026 इषुकारीय अध्ययन के प्रव. * (गु.) * गद्य * (अ. 14वाँ) →प्रव. 114 {739) 1003 Page #99 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 30. उत्तराध्ययनसूत्र क्र. स्वरूप पे. कर्ता संवत् 1004 शारदाबाई महासतीजी | वि. 2031 1005 1006 7 | गिरीशचंद्रजी महाराज वि. 2033P 8 विशालसेनसूरि वि. 2035 9 शारदाबाई महासतीजी | वि. 2035 1007 1008 10 शारदाबाई महासतीजी वि. 2037 1009 उज्ज्वलकुमारीजी साध्वी | वि. 2051 1010 1011 12 वनिताबाई महासतीजी | वि. 2054 (विनय) वनिताबाई महासतीजी वि. 2061 (विनय) 14 नीरा कांतिलाल नाहटा | | वि. 2063P 1012 कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण*आदि-अंत*प्र.क्र. महानिग्रंथीयाध्ययन के प्रव. * (गु.) * गद्य * (अ. 20वाँ) →प्रव. 109 (744) | (गु.) * गद्य * (अ. 23वाँ)-प्रव. 110 {745) | (गु.) * गद्य * (अ. 36) प्रव. 82+28 {759} रहनेमि अध्ययन के प्रव. * (गु.) * गद्य * (अ. 22वाँ) →प्रव. 103{746) नमिप्रव्रज्याध्ययन के प्रव. * (गु.) * गद्य * (अ. 9वाँ) →प्रव. 105(749) सम्यक्त्वपराक्रम अध्ययन के प्रव. * (गु.) * गद्य * (अ. 29वाँ) →प्रव. 120 {789} सम्यक्त्वपराक्रम अध्ययन के प्रव. * (गु.) * गद्य * (अ. 29वाँ) →प्रव. 114 {786} | केशीगौतमीयाध्ययन के प्रवचन * (गु.) * गद्य * (अ. 23वाँ) →प्रव. 110 {814} रहनेमि अध्ययन के शारदाबाई महासतीजी के (गु.) प्रव. का भाषां. * (हिं.) * गद्य * (अ. 22वाँ) →प्रव. 103 (820) | (गु.) * गद्य * (अ. 3) {831) 'उत्तराध्ययनसूत्र चिंतनिका', विवेचनयुक्त * (गु.) * गद्य * प्रक.55{768 'उत्तराध्ययन चयनिका', सार्थ * (हिं.) * गद्य * (अ. 36) सूत्र 152 {783) 'उत्तराध्ययनसूत्र : एक परिशीलन' * (हिं.) * गद्य * (अ. 36) प्रक.8 {737} 'उत्तराध्ययनसूत्र : एक समीक्षात्मक अध्ययन' * (हिं.) * गद्य * वि.2→प्रक.9+11(अ. 36) {734) 'उत्तराध्ययनसूत्र : एक परिशीलन', सुदर्शनलाल जैन के (हिं.) शोधग्रंथ का भाषां. * (गु.) * गद्य * (अ. 36) प्रक. 8 {798) 'उत्तराध्ययन का शैली-वैज्ञानिक अध्ययन' * (हिं.) * गद्य * अध्याय 7 (अ. 36) {808) डॉ. 1013 वि. 2067 | 15| चंद्रगुप्तसूरि 1014 अंशसंग्रह |1| वाचंयमाश्रीजी (30) 1015 2 | कमलचंद सोगानी डॉ. वि. 2039 वि. 2050P | 1016 शोधग्रंथ (31) 1| सुदर्शनलालजी जैन वि. 2023 1017 2 महाप्रज्ञजी आचार्य वि. 2024P 1018 3| अरुण शांतिलाल जोशी वि. 2038 1019 4 | अमितप्रज्ञा साध्वी वि. 2061P 1020 मूल (1) शय्यंभवसूरि 31. दशवैकालिकसूत्र (1020-1115) वि.-398# | (प्रा.) * पद्य, गद्य * अ. 10, चू. 2→उ. 14→सूत्र 575 ग्रं.700 {धम्मो मंगलमुक्किट्ठ, अहिंसा...दसवेयालियं सुत्तं समत्तं ।।) {837, 838, 840, 841, 842, 843, 844, 845, 846, 847, 848, 849, 850, 851,852,853, 854, 855, 856,857,858, 861,862,863,866,867, 868, 869, 870, 871, 872, 873,874,875,876,878,879, 880, 882, 883, 884, 885, 886, 887, 888, 890, 891, 892, 894, 895, 896, 897, 898, 899, 900, 901, 902, 903, Page #100 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय क्र. स्वरूप पे. | कर्ता संवत् कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण*आदि-अंत*प्र.क्र. 1021 नियुक्ति (2) | 1 | भद्रबाहुस्वामी वीरसदी 907, 908, 909, 910, 911, 912, 913, 914, 915, 916, 917, 918, 919, 920, 921, 922, 923, 924,926, 927, 928, 929, 930, 932, 933, 934, 935, 936, 937, 938, 939, 940, 942, 943, 944, 945, 949,950, 951, 953, 954,955,1347, 1351,1354, 1356, 1357, 1359,1361, 1362, 1363, 1364, 1366, 1368, 1372, 1376, 1378, 1392, 1393, 1394, 1395, 1409, 1411, 1422, 1428, 1452, 1464, 1507, 1510, 1548, 1594, 1773, 1776%3D132} (प्रा.) * पद्य * गाथा 371 ग्रं.550 {सिद्धिगइमुवगयाणं कम्मविसुद्धाण सव्वसिद्धाणं।...अ विआलणा संघे।।} {838, 848, 854, 856, 869, 886, 900, 916, 917, 918, 920, 932, 942, 943, 945,953, 1510, 1512, 152519 (प्रा.) * पद्य * गाथा 10 {सेज्जंभवं गणधरं, जिणपडिमा. दंसणेणं...धम्मम्मि निच्चला होसु।।) (1525) (प्रा.) * पद्य * गाथा 63 {एस पइन्नासुद्धी हेऊ... अहक्कम फासणा होइ।} {838, 848, 854, 869, 886, 900, 916, 917, 918, 920,942, 943,945, 953, 1510, 1525316) दूसरी 1022 2 अज्ञात वि. 1442# 1023 भाष्य (3) अज्ञात चूर्णि (4) |1| अगस्त्यसिंह स्थविराचार्य | वि. 300# 1025 2 | जिनदासगणिजी महत्तर | वि. 733# 1026 टीका (5) 1 | हरिभद्रसूरि वि. 8332 मूल एवं नियुक्ति की चूर्णि * (प्रा., सं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) (गाथा 271), प्रशस्ति गाथा-5 (प्रा.) {अरहंत-सिद्ध-विदुवायणारिए णमिय सव्वसाधू...चुण्णिसमासवयणेण दसकालियं परिसमत्तं।।) {918, 932} मूल एवं नियुक्ति की चूर्णि * (प्रा., सं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) ग्रं.7970 {नमो जिनागमाय। णमो...चेव आराहणा भण्णतित्ति।।} {860, 918} 'शिष्यबोधिनी', मूल, नियुक्ति एवं भाष्य की टीका * (सं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2), प्रशस्ति श्लोक-2 ग्रं.6850 {जयति विजितान्यतेजाः सरासराधीशसेवितः...चलिकासहितं नियुक्तिटीकासहितं च।।) {838, 869, 886, 900, 916,917,918,942,943,945,953-11) (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 10, चू. 2), प्रशस्ति श्लोक-13 ग्रं.7000 {अर्हन्तः प्रथयन्तु मङ्गलममी, ... समाप्तौ। ब्रवीमीति पूर्ववत्।) {922,955} 'हारि. टीका आधारित लघुटीका' * (सं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2), प्रशस्ति श्लोक-11 ग्रं.3500 {जयति विजितान्यतेजाः सुरासुराधीशसेवितः...दानमुखाश्चतस्रः शाखा: धर्मसुरद्रुमस्य।। 1111} {871,918, 954,9554} | 'शब्दार्थ वृत्ति', 'दीपिका' * (सं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2), प्रशस्ति श्लोक-7 ग्रं.3033 {स्तम्भनाधीशमानम्य, गणिः 1027 वि. 1304 | तिलकसूरि, कृतिसंशो.-श्रीपालचंद्र 1028 सुमतिसाधुसूरि वि. 15502 1029 समयसुंदरजी उपाध्याय वि. 1691 Page #101 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 31. दशवैकालिकसूत्र स्वरूप पे. | कर्ता संवत् कृति विशेषनाम भाषा*गद्य-पद्य-परिमाण*आदि-अंत*प्र.क्र. . समयसुन्दरः।।...श्रीसमयसुन्दरोपाध्यायविरचिता श्रीदशवैका. लिकशब्दार्थवृत्त्युपसंहारः संपूर्ण।।} {838, 844, 845, 899, 955-5} 1030 अवचरि (6) 1 अज्ञात (सं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {श्री सिद्धेभ्यो नमः।...चूलिका (चूडा) द्वितीया।। {867) 1031 | 2 | हरिभद्रसूरि वि. 833# (सं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) (संहितादिः षड़िवधा व्याख्या।... इति दशवेकालिकावचूरिः समाप्ता।।) {838} 1032 बा.बो. (7) अज्ञात (मा.गु.) * गद्य * (अ. 10) {धo धर्म मं.... भिखुअध्ययन दशमं समाप्त।।1011} {837} | 1033 सज्झाय (8) | 1 | शय्यंभवसूरि वि. -398# दशवैकालिकसूत्र की विविध गाथात्मक सज्झाय * (प्रा.) * पद्य * सज्झाय 4 (धम्मो मंगलमुक्किटुं, अहिंसा...सेयं ते समायरे।। 1111} {1760} 1034 | 2 | ज्ञानविमलसूरि वि. 1728# नळदमयंती की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 9 {कुंडिन(डल)पुर भीमनंदिनी, दमयंती...शिरदार साध शील०।।७।। {1759,1784,1792) 1035 | 3 | वृद्धिविजयजी वि. 1706# 'प्रत्येक अध्ययन की' * (गु.) * पद्य * सज्झाय 10, कळश 7 {सद्गुरु पदपंकज नमीजी, ...सकल जगीशें रे।।711) {841, 850, 857, 884,914, 1314, 1507, 1704, 1706, 1747, 1757, 1760, 1768, 1769, 1770, 1773, 1784317) 1036 | 4 | जयरंगविजयजी उपाध्याय | वि. 1717 'प्रत्येक अध्ययन की' * (गु.) * पद्य * सज्झाय 11 (धर्म मंगल महिमा...जय जय रंग।।) {861, 1755, 1761, 1764, 1784-5) 1037 5 जिनहर्षसूरि वि. 1730 'प्रत्येक अध्ययन की' * (मा.गु.) * पद्य * सज्झाय 14, कळश 8 (धरम सहु मंगलीकमई...भणई एगीत.} {1784) 1038 छाया (9) 1 सौभाग्यचंद्रजी मुनि वि. 1989P (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 10, चू. 2) {धर्मो मंगलमुत्कृष्ट... द्वितीया चूलिका समाप्ता।।} {866, 868, 1428} 1039 2| आत्मारामजी आचार्य वि. 1989P | (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 10, चू. 2) {863, 929) 1040 3 घासीलालजी महाराज (2) वि. 2005P | (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 10) {880) 1041 | भद्रंकरसूरि वि. 2014 (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 10, चू. 2) {873, 897, 913, 951-4} 1042 | महाप्रज्ञजी आचार्य, |वि. 2020P (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 10, चू. 2) {882} सुमेरमलमुनि (2) 1043 हस्तीमलजी आचार्य (#) वि. 2026# | (सं.)* पद्य, गद्य * (अ. 10, चू. 2) {867) 1043 7 K. C. Lalwani (#) | वि. 2029P | (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 10, चू. 2) {879) 1044 8| गुलाबबाई साध्वी वि. 2057P (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 10, चू. 2) {921} 1045/ | जयानंदविजयजी (#) वि. 2061P | (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 10, चू. 2) {934} 1046 अर्वा. टीका | घासीलालजी महाराज वि. 2005P | 'आचारमणिमञ्जूषा' * (सं.) * गद्य * (अ. 10) {नम्रीभूत पुरन्दरादिमुकुटभ्राजन्मणिच्छायया, चित्रानन्दकरी...इति ब्रवी. मीति पूर्ववत्} {880} 1047 शब्द., अनु. |1| जीवराज घेलाभाई दोशी | वि. 1955P | (गु.) * गद्य * (अ. 10) {849) (11) डॉ. A (10) Page #102 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय 59 स्वरूप पे. कर्ता संवत् | कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. 1048 2| केशरसूरि वि. 1967P | (गु.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {841, 847, 852, 855, 866, 868, 91437) 1049 3| भद्रंकरसूरि वि. 2014 (गु.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {873,897,913} (गु.) * * 1050 प्रशमपूर्णविजयजी वि. 2061P (गु.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {933} 1051 शब्द., अनु., 1| गुलाबबाई साध्वी वि. 2057 (गु.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {921} विवे. (12) 1052 पारसमल चण्डालिया वि. 2062P | (हिं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {939) 1053 अन्व. (13) घासीलालजी महाराज (2) | वि. 2005P | (हिं.) * गद्य * (अ. 5) {880} 1054 अन्व., अनु. 1| यतीन्द्रसूरि वि. 1982P | (हिं.) * गद्य * (अ. 4) {851} (14) 1055 | 2 | लीलमबाई महासतीजी वि. 2035P (गु.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {884) | 1056| अन्व., अनु., | 1 | आत्मारामजी आचार्य वि. 2002 'आत्मज्ञान प्रकाशिका भाषाटीका' * (हिं.) * गद्य * (अ. 10, विवे. (15) चू. 2) {863,929) | 1057 | 2 | हस्तीमलजी आचार्य (#) वि. 2026# | (हिं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {944, 948} 1058 3 रसिकलाल छगनलाल शेठ वि. 2039P (गु.) * गद्य * (अ. 4) {1507} 1059 अन्व., विवे. | 1 | भद्रंकरसूरि वि. 2015 (गु.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2), प्रशस्ति गद्य (874,875,887, (16) 894,896,901,903,926, 928,940310) 1060 | ठाकरसीभाई करसनजी वि. 2038P (गु.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {888} शाह | 1061 अनु. (17) 1 | भीमसिंह माणेक (2) वि. 1947# | बालावबोध * (गु.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {सर्वान्तरायशमनं, सर्वमङ्गलदायकम्। सर्वजीवावनकर, ...विस्तार करता नथी.} {838} 1062 2| अकलंकविजयजी (#) | वि. 1970# (गु.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {898} 1063 3 | अमोलकऋषि | वि. 1976P | (हिं.) * गद्य * (अ. 10) {846} 1064 4 Banarsidas Jain वि. 1979P (अं.) * गद्य * (अ. 8वाँ) {1548} 2 1065 5 K. V. Abhyankar Prof. वि. 1988P (अं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {856} | 1066 1067 1068 1069 Walther Schubring वि. 1988P (अं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {858} अज्ञात वि. 1989P | (हिं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {861) अज्ञात वि. 1993P | संतबालजी कृत (गु.) अनु., विवे. का भाषां. * (हिं.) * गद्य * (अ. 10, चू.2) {865) गोपालदास जीवाभाई |वि. 1995# | 'समी सांजनो उपदेश' * (गु.) * गद्य (अ. 10, चू. 2) {941) पटेल 10 मफतलाल झवेरचंद गांधी | वि. 1996P | (गु.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {866, 868} दयामुनि वि. 2009P | (गु.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {870, 891} | 12| अज्ञात वि. 2011P | (गु.) * गद्य * (अ. 3) {धर्म-उत्कृष्ट मंगलिक छे....हुं कहुं छु.} 1070 1071 1072 Page #103 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 60 क्र. 1073 1074 1075 1076 1077 1078 1079 1080 1081 1082 1083 अनु., अर्वा.टिप्प. (18) 1084 अनु., विवे. (19) 1085 1086 1087 1088 1089 स्वरूप 1090 1091 अनु., प्रव. (20) 1092 पद्यानु. (21) 1093 1095 पे. कर्ता 13 वीरपुत्रजी महाराज 14 जयानंदविजयजी (#) 15 दीपरत्नसागरजी 16 कांतिलाल खेमचंद कापडिया डॉ. 17 अज्ञात 18 दीपरत्नसागरजी 19 अज्ञात 20 धीरज मुनि (#) 21 गुणहंसविजयजी, कृतिसंशो भव्यसुंदरविजयजी 22 दीपरत्नसागरजी 6 2 सौभाग्यचंद्रजी मुनि 3 K. C. Lalwani 4 पुष्पवती महासती 5 अमरमुनिजी उपप्रवर्तक सुरेन्द्र बोधरा 7 यशोविजयसूरि चंद्रगुप्तसूर 1 मांगीलालजी मुनि, कृतिसंशो. - बुद्धमल मुनि 2 शशिकांत झा 1094 नियुक्तिअनु 1 दुलहराजजी मुनि (22) 2 गुणहंस विजयजी 31. दशवैकालिकसूत्र संवत् महाप्रज्ञजी आचार्य, मीठालालजी मुनि वाडीलाल मोतीलाल शाह वि. 1934# fa. 2014P fa. 2051P fa. 2053P fa. 2055P fa, 2056P fa. 2058P fa. 2059P fa. 2060P fa. 2063 fa. 2066P fa. 2020P fa. 1991P fa. 2029P fa. 2042P fa. 2054P वि. 2054P fa. 2056P fa. 2063P fa. 2016 fa. 2065P fa. 2056P fa. 2063 कृति विशेषनाम* भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण*आदि अंत*प्र.क्र. {1594} (हिं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) (872) (हिं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) (934) (गु.) *गद्य (अ. 10, चू. 2) (1460 } (गु.) *गद्य * (अ. 10) (912) (गु.) * गद्य * (अ. 4) (संसारमां मिथ्यात्व, अज्ञान, ...हुं कहुं छु.} {1464} (हिं.) * गद्य (अ. 10, चू. 2) (1476) 'अन्वययुक्त' * (हिं.)* गद्य * (अ. 10, चू. 2) {924} (गु.) *गद्य * (अ. 10, चू. 2) (950} (गु.) गद्य * (अ. 10, चू. 2) (945) 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) (946) (हिं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) (878, 882) (गु.) * गद्य * (अ. 4, अ. 5वाँ उ. 1, उ. 2 गाथा 9) {843} (गु.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) (864} (अं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) (879 } (हिं.) *गद्य (अ. 10, चू. 2) (905) (हिं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) (911) अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु और विवे. का भाषां. (अं.) * * गद्य * (अ. 10, चू. 2) (911) (गु.) *गद्य * (अ. 4) {919} (गु.) *गद्य * (अ. 4) (938) (हिं.) * पद्य (अ. 10, चू. 2), प्रशस्ति गाथा- 7 { धर्म सर्वोत्कृष्ट मंगल, . ....अरक्षित करे सदा ।।16।1} {1445} (हिं.) * पद्य * (अ. 10, चू. 2) ( यह धर्म परम... की संपद को।।} {944} (हिं.) * गद्य (गाथा 349) {1525) * गद्य * (गाथा 371) (945 } Page #104 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय 1096 1101 स्वरूप पे. | कर्ता संवत् कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. | 3 | दीपरत्नसागरजी वि. 2066P (गु.) * गद्य * (गाथा 372) 1946) 1097 भाष्यानु. 1 गुणहंसविजयजी वि. 2063P | (गु.) * गद्य * (गाथा 63) {945} (23) 1098 | 2 | दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | (गु.) * गद्य * (गाथा 61) {946) 1099 टीकानु, 1 माणेक मुनि वि. 1977P हारि. टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {848, (24) 854,920} 1100 2 | गुणहंसविजयजी वि. 2063 | हारि. टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {945} 3 | दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | हारि. टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {946} 1102 अर्वा,टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2005P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (अ. 10) {880} (25) 1103 2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2005P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (अ. 10) {880, 881} 1104 विवे. (26) |1| अज्ञात वि. 1965P | 'दीक्षाकुमारी प्रवास', रूपकात्मक विवेचन * (गु.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2)→वि. 141839,952) 1105 | हस्तीमलजी आचार्य | वि. 2026# | 'सौभाग्यचन्द्रिका टीका' * (हिं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {(मंगलाचरण.) सुखसाधन सुषमा...जो हो सही।।2।।) {867) लालचंद्र जैन वि. 2038P | 'दीक्षाकुमारी का प्रवास', अज्ञातकर्तृक रूपकात्मक (गु.) विवे. का भाषां. * (हिं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) (889) 1107 4 | चंद्रशेखरविजयजी पंन्यास वि. 2060P | 'चूलिका का विवे.' * (गु.) * गद्य * (चू. 2) {931} 1108 प्रव. (27) | 1 | अभयसागरजी पंन्यास | वि. 1981# 'वाचना' * (गु.) * गद्य * (अ. 4)→वाचना 59 {925) 1109 | 2 | रामचंद्रसूरि वि. 2033 'साधु वेशनो महिमा', रतिवाक्या चूलिका के प्रव. * (गु.) * गद्य *(चू.1) 1947} | महाप्रज्ञजी आचार्य वि. 2054P | 'मंजिल के पडाव' * (हिं.) * गद्य * (अ. 10) →प्रव. 10 {1517} 1111 अर्वा.प्रश्न. जयानंदविजयजी | वि. 2049P | भद्रंकरसूरिजी के (गु.) विवे. का प्रश्नोत्तरात्मक भाषां. * (हिं.) (28) * गद्य * (अ.10, चू.2)→प्रश्न.2381906} 1112 अंशसंग्रह |1| वाचंयमाश्रीजी | 'दशवकालिकसूत्र चिंतनिका', सविवेचन * (गु.) * गद्य * (अ. (29) 10, चू. 2) →प्रक. 50 {904} | 2 | कमलचंद सोगानी डॉ. वि. 2043P | 'दशवैकालिक चयनिका', अनुवाद और व्याकरण संदर्भ युक्त * (हिं.) * गद्य, पद्य * (अ. 10, चू. 2) →सूत्र 100 893) 1114 शोधग्रंथ 1 एम. वी. पटवर्धन प्रो. वि. 1989P ‘दशवकालिकसूत्र : एक अध्ययन' * (अं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2)→प्रक. 22 {859) 2 महाप्रज्ञजी आचार्य वि. 2023P | ‘दशवकालिकसूत्र : एक समीक्षात्मक अध्ययन' * (हिं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) अध्याय 5 {877) 1106 | (30) Page #105 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 32. आवश्यकसूत्र क्र. स्वरूप कर्ता संवत् कृति विशेषनाम*भाषा गद्य-पद्य परिमाण*आदि-अंत*प्र.क्र. 1116 मूल (1) दूसरी 32. आवश्यकसूत्र (1116-1166) सुधर्मास्वामीजी वी.सं. पूर्वे | (प्रा.) * गद्य, पद्य * अ. 6→सूत्र 105 ग्रं.130 {णमो त्रीश वर्ष | अरहंताणं।..........सव्वसाहुणं।।1।। महत्तरागारेणं सव्ववैशाख समाहिवत्तियागारेणं वोसिरइ।।4311) {958, 960, 964, 967, सुद 11 969, 971, 973, 977, 978, 979, 981, 982, 984, 987, 990, 991, 994, 995, 996, 997, 999, 1000, 1002, 1003, 1004, 1006, 1372, 1378, 1393, 1394, 1395, 1409, 1505, 1510, 1521,1687336) 1117 नियुक्ति (2) भद्रबाहुस्वामी वीरसदी (प्रा.) * पद्य * गाथा 1637 ग्रं.2500 {आभिणिबोहियनाणं, सयनाणं चेव...जं चरणगुणट्टिओ साह।।) {957, 958,962, 964,967, 971, 973, 977, 978, 979, 984, 985, 987, 988, 991, 992, 994, 997, 998, 999, 1002, 1003, 1004,1006, 1505, 1510, 1512327} 1118 भाष्य (3) |1| अज्ञात मूल भाष्य * (प्रा.) * पद्य * गाथा 253 {अवरविदेहे गामस्स चिंतओ...जम्हा विउ पमाणं।) {958, 964, 967, 971, 973, 977, 978, 979, 984, 987, 991, 992, 994, 997, 998, 999, 1002, 1003, 1004,1006, 1505,1510-22) | जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण शक-531# 'विशेषावश्यकभाष्य', सामायिक अध्ययन (अ. 1) की नियुक्ति का भाष्य, * (प्रा.) * पद्य * (अ. 1) →गाथा 3603 ग्रं.4000 {कयपवयणप्पणामो वोच्छं चरणगुणसंगहं...परि. कम्मिअमई जोग्गो सेसाणुओगस्स।।) {956, 957, 963, 966, 968, 970, 972, 974, 975, 980, 983, 986, 988, 989, 1066, 1727, 1729, 1733, 1734, 1735, 1742, 1744, 1746323} | 1120 | चूर्णि (4) जिनदासगणिजी महत्तर | | वि. 7332 (प्रा., सं.) * गद्य * (अ. 6) (गाथा 1719) ग्रं.19000 (नमो अरहंताणं....साहूणं। काउण...य सव्वेसिपि नयाणं०) {965, 993) 1121 टीका (5) |1| जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण, | शक-5312 विशे.भा. की लघुवृत्ति * (सं.) * गद्य *(गाथा 4329) {प्रोच्यन्ते कोट्टार्यवादिगणिमहत्तर ह्यनेन जीवादयोऽस्मिन्निति...श्रीकोट्याचार्यवादिगणि महत्तरेण श्रीविशेषावश्यकलघुवृत्तिः।।{980) 2 | कोट्याचार्य सदी 8वीं | विशे.भा. की टीका * (सं.) * गद्य * (गाथा 4346) ग्रं.13700 {नतविबुधवधूनां कन्दमाणिक्यभासश्चरणनखमयूखैरुल्लसद्भिः...भवतीत्यत आह- शेषानुयोगस्य' दशवकालिका चाराद्यनुयोगस्येति।। {966, 972, 986) | 3 | हरिभद्रसूरि वि. 833# 'शिष्यहिता वृत्ति' * (सं.) * गद्य * (गाथा 1623), प्रशस्ति श्लोक-3 ग्रं.22000 {प्रणिपत्य जिनवरेन्द्र, वीरं...अंकतोऽपि ग्रन्थाग्रं 22000} {958, 973, 978, 984, 999, 1003, 100637} 4 | हेमचंद्रसूरि (मलधारी) वि. 1175 विशे.भा. की शिष्यहिता टीका * (सं.) * गद्य * (अ. 1) (गाथा 3603), प्रशस्ति श्लोक-11 ग्रं.28000 {श्रीसिद्धार्थनरेन्द्रविश्रुतकुलव्योमप्रवृत्तोदय: सद्बोधांशुनिरस्तदुस्तरमहामोहान्ध Page #106 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय क्र. स्वरूप कर्ता संवत् 5 | मलयगिरिसूरि वि. 1150# | 6 | तिलकसूरि वि. 1296# |7| माणिक्यशेखरसूरि वि. 1471# कृति विशेषनाम*भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंतप्र.क्र. कारस्थितिः...इति नेह गणितानि।।) 1956, 968, 970, 974, 989,172736) (सं.)* गद्य * (गाथा 1099) ग्रं.18000 (पान्तु वः पार्श्वनाथस्य, ... नामतः कुन्थुजिनः।। साम्प्रतमरः।।) {964,977,992, 997, 100435) (सं.) * गद्य, पद्य * (गाथा 1622) ग्रं.12325 (देवः श्रीनाभिसूनुर्जनयतु स...तावदेषा मरालीव खेलतात्कृतिमानसे।।) {971,998} 'आवश्यकनियुक्ति दीपिका', आव.सूत्र, आ.नि. और भाष्य की टीका * (सं.) * गद्य, पद्य * (गाथा 1617), प्रशस्ति श्लोक-4 ग्रं.11750 {नत्वा श्रीवीरजिनं तदनु...रत्नत्रयाराधनपरः साधुः। इति।।} {967, 979, 991, 1002=4} (सं.) * गद्य * (अ. 6-नि.गा. 1637), प्रशस्ति श्लोक-2 ग्रं.7885 (प्रेक्षावतां प्रवृत्त्यर्थं आदौ...यस्मात् सर्वनया भावनिक्षेपमिच्छन्ति।।) {971, 994) 'प्रदेशव्याख्या टिप्पण', हारि. टीका का टिप्पण * (सं.) * गद्य * (गाथा 1623),प्रशस्ति श्लोक-2 ग्रं.4600 {जगत्त्रयमतिक्रम्य, स्थिता यस्य... तत्समाप्तौ श्रीमदभयदेवसूरिचरणाम्बुजचञ्चरीकश्रीहेमचन्द्र- सूरिविरचितमावश्यकवृत्तिप्रदेशव्याख्यानकं समाप्तमिति।।) {959, 976, 1003, 1005=4} 1128 | अवचूरि (6) | | ज्ञानसागरसूरि भट्टारक |वि. 1440# 1129 टिप्पण (7) हेमचंद्रसूरि (मलधारी) वि. 1164# | 1130 स्तवन (8) |1| विनयविजयजी उपाध्याय | वि. 17292 1131 2 | धर्मवर्द्धनजी वि. 1753 1132 सज्झाय (9) | 1 भद्रबाहुस्वामी वीरसदी दूसरी (मा.गु.) पद्य * ढाल 6 | सर्वगाथा 42, कळश गाथा-1 {चोवीशे {चोवीसे) जिनवर नमुं, ...शिव संपद लहे।।1।।) {961, 1764, 1769, 1776, 1781=5) 24 जिन गणधरसाधुसाध्वी संख्या गर्भित स्तवन * (मा.गु.) * पद्य * ढाल 3 / सर्वगाथा 19, कळश 19-19 {आदीसर पहिलो अरिहंत, ...ध्याइयें धर्म देव ए।191) {1775) आवश्यक नियुक्ति की विविध गाथात्मक सज्झाय * (प्रा.) * पद्य * सज्झाय 7 {ते वंदिऊण सिरसा, ...सिद्धि गया एग. समएणं।।1611} {1760} आवश्यक अक्षर प्रमाण सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 13 {सुण सुण जीव...धरज्यो हिये सुजाण।।13।।} {1754) पाक्षिक प्रतिक्रमण की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 10 {पक्खिय प्रतिक्रमणो कहीशुं...करवा विधि, निशदीश।।1011) 11754) 2 | समरचंद्रसूरि वि. 1588# 3 | समरचंद्रसूरि वि. 1588# | 4 यशोविजयजी महोपाध्याय | वि. 1725# 5 धर्मसिंह मुनि वि. 1699# प्रतिक्रमण की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 13 {गोयम पूछे श्री...भवजल पार रे।गो०111311) {1757, 1776, 1781, 1782=4) प्रतिक्रमण फळनी सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 7 {कर पडिकमj (पडिक्कमणो) रे...निदान लाल रे कर०।।711) {1776, 1784} (मा.गु.) * पद्य * गाथा 9 {भवियण प्राणी रे...लहे सासता. 9) {1784,1792) 6 ज्ञानविमलसूरि वि. 172823 Page #107 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 32. आवश्यकसूत्र संवत् 1138 स्वरूप पे. | कर्ता कृति विशेषनाम भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. 7 | उदयसागरसूरि वि. 17782 षडावश्यक की सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 5 / सर्वगाथा 67, कळश 1 (अष्टपदात्मक) {श्री सद्गुरुने सदा...भणो भवियण शिवभणी।।1।1} {961} 1139 छाया (10) हरगोविंददास त्रिकमचंद | वि. 1971P विशे. भा. की छाया * (सं.) * गद्य * (गाथा 3603) 1956, 970, शेठ पंडित (#) 974, 98934} 1140 धीरुभाई प्रेमशंकर ठाकर | वि. 2003P | 'निह्नववाद' * (सं.) * पद्य * (गाथा 2296-2620) {968} डॉ. (#) 1141 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2007P | (सं.) * गद्य * (अ.6) {969) 1142 अर्वा. टीका घासीलालजी महाराज | वि. 2007P | 'मुनितोषणी' * (सं.) * गद्य * (अ.6) {इह हि जन्मजरामरणा(11) ऽऽधिव्याधिजनितदुःखपटलसंकुले...मि दुक्कडं' व्याख्यातपूर्व मिदमित्यलमामेडितेन।।} {969) |1143/शब्द., अनु., | 1 | पारसमल चण्डालिया, वि. 2062P | (हिं.) * गद्य * (अ.6) {996} विवे. (12) कृतिसंशो. नेमिचंदजी बांठिया 1144 2 | रूपाबाई साध्वी वि. 2062P | (गु.) * गद्य * (अ.6) {995} 1145 अनु. (13) |1| अमोलकऋषि वि. 1976P | स्पष्टीकरणयुक्त * (हिं.) * गद्य * (अ. 6) {960) 1146 | 2 | धीरुभाई प्रेमशंकर ठाकर | वि. 2003P | | निह्नववाद विभाग की गाथाओं का अनु. * (अं.) * गद्य * (गाथा 2296-2620) {968} 1147 3 दीपरत्नसागरजी वि. 2053P | (गु.) * गद्य * (अ. 6) {1000, 1460) 1148 4 | दीपरत्नसागरजी वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (अ.6) {1475) 1149 अनु., विवे. सुप्रभाजी साध्वी डॉ. वि. 2051P (हिं.) * गद्य * (अ.6) {981) (14) 1150 नियुक्तिअनु. 1| दीपरत्नसागरजी | वि. 2042# | (गु.) * गद्य * (गाथा 1005) {1001) डॉ. (15) 1151 | (गु.) * गद्य * (गाथा 1109) {987} 2 | रत्नशेखरसूरि सरसरि 3 | दुलहराजजी मुनि वि. 2035# वि. 2058P 1152 | (हिं.) * गद्य * (अ. 1) (गाथा 680) {985} 1153 वि. 2067 | (गु.) * गद्य * (गाथा 1625), प्रशस्ति गद्य (सं., गु.) {1003) 4 आर्यरक्षितविजयजी, कृतिसंशो.-भव्यसुंदरविजयजी 1| चुनीलाल हकमचंद शाह 1154 भाष्यानु. (16) वि. 1980P विशे.भा. का अनु. * (गु.) * गद्य * (गाथा 3603) {963, 975, 983} 1155 वि. 20352 | 'मूल भाष्य का अनु.' * (गु.) * गद्य * (गाथा 204) {987) 2 | रत्नशेखरसूरि दीपरत्नसागरजी 1156 वि. 2066P | 'मूल भाष्य का अनु.' * (गु.) * गद्य * (गाथा 151) {1001) 1157 4 वि. 2067P | 'मूल भाष्य का अनु.' * (गु.) * गद्य * (गाथा 255) {1003) | आर्यरक्षितविजयजी, कृतिसंशो.-भव्यसुंदरविजयजी Page #108 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय 65 क्र. स्वरूप 1158 टीकानु. (17) पे. कर्ता संवत् कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंतप्र.क्र. 1 माणेक मुनि वि. 1979P | आ.नि. की हारि. टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (गाथा 139) {962} | 2 | चुनीलाल हकमचंद शाह | वि. 1980P विशे.भा. की मलधारीय टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (गाथा 3603) {963, 975, 983) 1159 1161 1160 3 | दीपरत्नसागरजी वि. 20422 आ.नि. की हारि. टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (अ. 6) (गाथा 1622) {1001) आर्यरक्षितविजयजी, वि. 2067 आ.नि. की हारि. टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (गाथा कृतिसंशो.-भव्यसुंदर 1625), प्रशस्ति गद्य (सं., गु.) {1003) विजयजी 1162 अर्वा,टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2007P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (अ.6) {969) (18) 2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2007P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (अ.6) {969) 1164 विवे. (19) |1| धीरुभाई प्रेमशंकर ठाकर | वि. 2003P | निह्नववाद विभाग की गाथाओं का मलधारी टीकानुसारी | डॉ. विवे. * (अं.) * गद्य * (गाथा 2296-2620) {968} 1165 रत्नशेखरसूरि वि. 20352 | नियुक्ति और भाष्य का माणिक्यशेखरसूरिजी कृत दीपिकानुसारी विवे. * (गु.) * गद्य * (गाथा 1109) {987} | 1166 शोधग्रंथ देवेन्द्रमुनिजी शास्त्री वि. 2051P (हिं.) * गद्य * (अ.6) {981) (20) 1163 दूसरी पूर्वाचार्य 33. पिंडनियुक्तिसूत्र (1167-1185) 1167 मूल (1) भद्रबाहुस्वामी वीरसदी (प्रा.) * पद्य * गाथा 671 ग्रं.835 {पिंडे उग्गमउप्पायणेसणा (सं)जोयणा...होइ निज्जरफला अज्झत्थविसोहिजुत्तस्स।। 67111) {1007, 1008, 1009, 1010, 1011, 1012, 1013, 1014, 1015, 1016, 1017, 1018, 1368, 1393, 1395, 1510, 1512, 1515, 1520319) 1168 भाष्य (2) (प्रा.) * पद्य * गाथा 46 1 37 {गणनिष्फन्नं गोण्णं तं... कुच्छपसंसा थेरसमीवे उवालंभो।।4611) {1007, 1008, 1009, 1010, 1011, 1012, 1013, 1014, 1015, 1016, 1017, 1018, 1368, 1393, 1395, 1510, 1515, 1520318) | 1169 टीका (3) |1| हरिभद्रसूरि, वीराचार्य वि. 8332 पिंड.सूत्र और भाष्य की टीका * (सं.) * गद्य * (गाथा 708) ग्रं.2950 {प्रारभ्यते पिण्डनियुक्तिः । आह-अस्याः ... निक्षेपस्तदभिधानाच्च परिसमाप्ता पिण्डनियुक्तिरिति।।छ।।) {1016) वीरगणि, वि. 1160 पिंड.सूत्र और भाष्य की शिष्यहिता टीका * (सं.) * गद्य * कृतिसंशो. नेमिचंद्रसूरि (गाथा 671+37 =708), प्रशस्ति श्लोक-18 ग्रं.7671 {नम्रा(प्रथम), जिनदत्तसूरि मरेश्वरकिरीटनिविष्टशोणरत्नप्रभापटलपाटलितांहिपीठाः। तीर्थेश्वराः शिवपुरीपथसार्थवाहा, ...द्वात्रिंशदक्षरमितेः श्लोकैः सर्वप्रमाणमिति।।1811) {1008, 1011, 1018} 3 मलयगिरिसूरि वि. 1150# पिंड.सूत्र और भाष्य की टीका * (सं.) * गद्य * (गाथा 671+37 =708), प्रशस्ति श्लोक-4 ग्रं.7000 {जयति 1170 Page #109 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 33. पिंडनियुक्तिसूत्र क्र. स्वरूप पे. | कर्ता संवत् 1172 4 | माणिक्यशेखरसूरि 1173 अवचूरि (4) क्षमारत्नमुनि | कृति विशेषनाम भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. जिनवर्द्धमानः परहितनिरतो...नामनिक्षेपः, तदभिधानाच्चाभवत्परिपूर्णा पिण्डनियुक्तिरिति।} {1007, 1010, 1011, 1012, 1015, 1520=6} वि. 1471# | 'दीपिका', पिंड.सूत्र और भाष्य की दीपिका टीका * (सं.) * गद्य * (गाथा 65, 586-671), प्रशस्ति श्लोक-4 ग्रं.2832 {श्रीआचारांगे द्वितीयश्रुतस्कन्धे आद्यं...तदभिधानात् समाप्ता परिपूर्णा पिण्डनियुक्तिरिति।।) {1008, 1011) वि. 1450# | पिंड.सूत्र और भाष्य की अवचूरि * (सं.) * गद्य * (गाथा 671+373708), प्रशस्ति श्लोक-3 ग्रं.3001 {पिण्ड आहारविषये उद्गम...भवति निर्जराफला।।67111) {1008, 1011) | वि. 1691 आहार 47 दूषण सज्झाय * (मा.ग.) * पद्य * गाथा 52 (साध निमित्त छज्जीव...ए सझाय कहइ।।5211) (1774} वि. 2018P (गु.) * गद्य * (गाथा 671) {1009, 1017) वि. 2053P | पिंड.सूत्र और भाष्य का संमिलित अनु. * (गु.) * गद्य * (गाथा 713) {1460) वि. 2058P | पिंड.सूत्र और भाष्य का संमिलित अनु. * (हिं.) * गद्य * (गाथा 713) {1475) वि. 2064P | (हिं.) * गद्य * (गाथा 671) {1014} वि. 2066P 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (गाथा 671) {1541) वि. 2018P | (गु.) * गद्य * (गाथा 46) {1009, 1017) 1174 सज्झाय (5) समयसुंदरजी उपाध्याय 1175 अनु. (6) 1 हंससागरसूरि | 2 | दीपरत्नसागरजी 1176 1177 3 | दीपरत्नसागरजी 1178 दुलहराजजी मुनि 5 दीपरत्नसागरजी 1179 180 भाष्यानु. हंससागरसूरि (7) 1181 वि. 2064P 2 | दुलहराजजी मुनि हंससागरसूरि 1182 टीकानु. (8) वि. 2018P 1183 विवे. (9) 1184 अंशसंग्रह (10) दीपरत्नसागरजी नित्यानंदविजयजी पं. वि. 2066P वि. 2022P | (हिं.) * गद्य * (गाथा 46) {1014) मलय. टीकानु. * (गु.) * गद्य * (गाथा 671) {1009, 1017} | मलय. टीकानुसारी * (गु.) * गद्य * (गाथा 708) {1541) पिंड.सूत्र एवं पिंडविशुद्धि प्रकरण का अंशसंग्रह - सविवेचन * (गु.) * गद्य * (गाथा 107) {1704, 1706, 1723} | "पिंडनियुक्ति : एक पर्यवेक्षण' * (हिं.) * गद्य * (गाथा 671) {1014) 1185 शोधग्रंथ (11) कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ. 1186 मूल (1) 34. चतुःशरणप्रकीर्णकसूत्र (1186-1208) वीरभद्रगणि वी. सं. पूर्व | कुसलाणुबंधि अज्झयणम् * (प्रा.) * पद्य * गाथा 63 ग्रं.80 20 वर्ष {सावज्जजोगविरई उक्कित्तण गुणवओ...इति कुसलाणुबंध ज्झयणं सम्मत्तं ।।) {1019, 1020, 1021, 1022, 1023, 1024, 1025, 1026, 1027, 1345, 1346, 1350, 1356, 1360, 1361, 1363, 1364, 1369, 1376, 1379, 1393, Page #110 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय स्वरूप पे. | कर्ता संवत् कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. 1187 टीका (2) 1 पूर्वाचार्य 1188 2 | गुणरत्नसूरि वि. 1484# 1399, 1410, 1411, 1415, 1416, 1417, 1423, 1426, 1430, 1432, 1435, 1436, 1437, 1439, 1440, 1449, 1450, 1451, 1465, 1480, 1482, 1484, 1492, 1510, 1523, 1776447} 'बृहद्विवरण' * (सं.) * गद्य * (गाथा 63) ग्रं.1080 {त्रैलोक्यप्रकटप्रभावशुभगं भूष्णुप्रभं शोभते...सीसा पत्तेयबुद्धा वा'।।) {1027} (सं.) * गद्य * (गाथा 63) {सहावद्येन पापेन वर्तन्त... ध्यायेत्यादि, शेषं पूर्ववत्।। {1027, 1489) (सं.) * गद्य * (गाथा 63) {प्रथमं षडावश्यकनामानि। सावद्ययोगविरतिः...मुक्तिसुखानां कारणं सफलमित्यर्थः।।) {1027} (सं.) * गद्य * (गाथा 63) {इदमध्ययनं परमपदप्राप्तिबीज. भूतत्वात् श्रेयोभूतम्।...ज्ञापितं भवतीति गाथार्थः। 163 ।।) {1023, 1025, 1027, 1492, 1523=5} 1189 अवचूरि (3)|1| अज्ञात 1190 2 | सोमसुंदरसूरि वि. 14502 | 1191 टिप्पण (4) गुणरत्नसूरि 1192 बा.बो. (5) विनयविजयजी उपाध्याय 1193 छाया (6) वि. 1484%2 (सं.) * गद्य * (गाथा 63) {सामायिक:-1 उत्कीर्तना 24...तदेव। उक्तसाधोः लक्षणमध्ययनमिति।।) {1027} वि. 17292 (मा.गु.) * गद्य * (गाथा 63) {ॐ नत्वा चतुःशरण प्रकीर्णकशिरोमणेः।...श्रीपल्लिकानगरे लिखीकृतः।। श्रीरस्तु।।) {1027) वि. 1957P (सं.)* पद्य * (गाथा 63) {1416} वि. 1977P | (सं.)* पद्य * (गाथा 63) {1423,1465) वि. 1983P | (सं.)* पद्य * (गाथा 63) {1426, 1480, 1484) वि. 2064P (सं.)* पद्य * (गाथा 63) {1027) वि. 1957P (गु.) * गद्य * (गाथा 63) {1415, 1416} 1 अज्ञात | 2 | अजितसागरसूरि 3 सागरानंदसूरि (#) अज्ञात 1194 1195 1196 1197 शब्द., अनु. अज्ञात बालाभाई खुशाल हाजी (2) वि. 1954P 1199 2 | अज्ञात 3 | अजितसागरसूरि वि. 1962P वि. 1977P 1200 1201 4 | कनकचंद्रसूरि वि. 1997P (गु.) * गद्य * (गाथा 63) {(मंगला.) -परम पद प्राप्तिनो... सफल कारण छ।16311) {1019,1020) (गु.) * गद्य * (गाथा 63) {1417, 1437, 1450, 1451) (गु.) * गद्य * (गाथा 63) {पाप व्यापारथी निवर्तवा...संध्याए ध्यान कर।।6311} {1021, 1423, 1427, 1430, 1432, 1439, 1465, 1482%D8} 'स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (गाथा 63) {1435, 1436} | (अं.) * गद्य * (गाथा 63) {1022} (गु.) * गद्य * (गाथा 63) {1449) 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (गाथा 63) {1463, 1537) 1202 1203 5 K. R. Norman 6| नरेन्द्रसागरसूरि (#) 7 | दीपरत्नसागरजी वि. 2030P वि. 2039P वि. 2053P 1204 Page #111 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 68 क्र. स्वरूप 1205 1206 1207 विवे. (9) 1208 1209 मूल (1) 1210 टीका (2) 1211 अवचूरि (3) 1212 1213 बा. बो. (4) 1214 छाया (5) 1215 1216 1217 1218 अनु. (6) 1219 1220 1221 1222 1223 पे. कर्ता 8 दीपरत्नसागरजी 9 | कीर्तियशसूरि (#) 1 चंद्रोदयसागरजी 2 दीपरत्नसागरजी भुवनतुंगसुरि 1 सोमसुंदरसूरि 2 गुणरत्नसूर 1 2 अज्ञात 2 अजितसागरसूरि 3 सागरानंदसूरि (#) 4 अज्ञात 35. आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णकसूत्र (1209-1227) वीरभद्रगणि वी. सं. पूर्व 20 वर्ष अज्ञात अज्ञात अज्ञात 3 अजितसागरसूरि 34. चतुः शरणप्रकीर्णकसूत्र संवत fa. 2058P fa. 2064P fa. 2019 4 कनकचंद्रसूरि 5 नरेन्द्रसागरसूरि (#) 6 दीपरत्नसागरजी fa. 2066P fa. 1380# fa. 1450# fa. 1484# fa. 1957P fa. 1977P fa. 1983P fa. 2066P fa. 1957P fa. 1962P fa. 1977P fa. 1997P कृति विशेषनाम* भाषा*गद्य-पद्यपरिमाण* आदि अंत*प्र.क्र. (हिं.) *गद्य * (गाथा 63) (1473) fa, 2039P fa. 2053P (गु.) *गद्य * (गाथा 63) (1027) (गु.) * गद्य * (गाथा 63) ( (मंगला.) प्रणम्य श्रीसुव्रततीर्थराजं, गुरुंश्च... वीरभद्रमुनि सूचवे छे।163।।} {1440 } 'सोमसुंदरसूरिजी कृत टीकानुसारी विवे.' * (गु.) * गद्य * (गाथा 63) (1537} (प्रा.) * पद्य, गद्य * सूत्र 71 ग्रं. 100 { देसिक्कदेसविरओ सम्मद्दिट्ठी मरिज्ज... लोगस्सुज्जोयगरो (अगरो) दिसउ खयं सव्वदुक्खाणं । 171 । 1} {1028 1029, 1030, 1345, 1346, 1350, 1360, 1361, 1364, 1369, 1376, 1379, 1385, 1399, 1410, 1415, 1416, 1417, 1423, 1426, 1430, 1432, 1435, 1436, 1437, 1439, 1440, 1449, 1450, 1451, 1465, 1480, 1482, 1484, 1510, 1523=36} (सं.) * गद्य * (सूत्र 71), प्रशस्ति श्लोक -4 ग्रं. 850 {नत्वा वीरजिनं वक्ष्ये... स एव कर्त्तेति ।।} {1030, 1489 } (सं.) *गद्य * (सूत्र 71) {इह सर्वेषां जीवानां... ..एव कर्तेति भावः ||} {1030 } (सं.) * गद्य * (सूत्र 71) (देशस्य त्रसकायस्यैकदेशः । सङ्कल्पजनिवृत्तिरूपस्तस्यापि ... सर्वदुरितानां सर्वपापानां सर्वकर्मणामित्यर्थः ||} {1030, 1523 (मा.गु.) * गद्य * (सूत्र 71) ( इह जगमांहि समस्त... वीर शब्द जाणवो ||} {1030 } (सं.) * पद्य, गद्य * (सूत्र 71) (1416) (सं.) * पद्य, गद्य * (सूत्र 70) {1423, 1465} (सं.) * पद्य, गद्य * (सूत्र 70) {1426, 1480 1484 } (सं.) * पद्य, गद्य * (सूत्र 71) {1030 } 'शब्दार्थयुक्त' * (गु.) * गद्य * (सूत्र 70) {1415, 1416 } (गु.) *गद्य * (सूत्र 70) (1417, 1437, 1450, 1451} (गु.) * गद्य * (सूत्र 70) ( छ कायनी हिंसानो...दुःखोनो क्षय बताओ | 17011} {1423, 1427, 1430, 1432, 1439, 1465, 1482=7} 'स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (सूत्र 70 ) {1435, 1436) (गु.) *गद्य * (सूत्र 70) {1449) (गु.) *गद्य * (सूत्र 71) {1463, 1537 } Page #112 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय क्र. स्वरूप पे. | कर्ता दीपरत्नसागरजी 1224 1225 अज्ञात 1226 विवे. (7) |1| चंद्रोदयसागरजी संवत् कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (सूत्र 71) {1473} वि. 2066P | (गु.) * गद्य * (सूत्र 71) {1030} | वि. 2019 (गु.) * गद्य * (सूत्र 70) {(मंगला.) जिनराज मुनिसुव्रत. स्वामीने नमस्कार...दुःखनो क्षय करो।।7011) {1440) वि. 2066P | ‘गुणरत्नसूरिजी कृत अवचूरि अनुसारी विवे.' * (गु.) * गद्य * (सूत्र 71) {1537} 1227 दीपरत्नसागरजी 36. भक्तपरिज्ञाप्रकीर्णकसूत्र (1228-1234) 1228 मूल (1) वीरभद्रगणि वी. सं. पूर्व | (प्रा.) * पद्य * गाथा 173 ग्रं.215 {नमिऊण महाइसयं महाणु20 वर्ष भावं...सासयसोक्खं लहइ मोक्खं।।17311) {1031, 1032, 1033, 1345, 1346, 1369,1379, 1393, 1399, 1417, 1426, 1435, 1436, 1437, 1440, 1450, 1451, 1480, 1483, 1484, 1510, 1523322) 1229 अवचूरि (2) | अज्ञात (सं.) * गद्य * (गाथा 171) {धातुर्धारणे पोषणे च, ...च इणमो इमां।।} {1489) 1230 छाया (3) सागरानंदसूरि (#) वि. 1983P (सं.) * पद्य * (गाथा 172) {1426, 1480, 1484, 152394) 1231 अनु. (4) |1| अज्ञात वि. 1962 (गु.) * गद्य * (गाथा 172) {महाअतिशयवंत अने महाप्रभाव वाला...मोक्षने पामे छे।।17211) {1417, 1437, 1440, 1450, 1451, 1483=6} 2| कनकचंद्रसूरि वि. 1997P 'स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (गाथा 172) {1435, 1436) 1233 3 | दीपरत्नसागरजी वि. 2053P | (गु.) * गद्य * (गाथा 172) {1463, 1537} 1234 4| दीपरत्नसागरजी वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (गाथा 173) {1473} 1232 1235 मूल (1) पूर्वाचार्य 37.संस्तारकप्रकीर्णकसूत्र (1235-1242) (प्रा.) * पद्य * गाथा 122 ग्रं.155 {काऊण नमोक्कारं जिणवरवसहस्स...सुहसंकमणं ममं दिंतु।।12211) {1034, 1035, 1036, 1345, 1346, 1369, 1379, 1393, 1399, 1426, 1435, 1436, 1480, 1484, 1510, 1523316) 1236 टीका (2) गुणरत्नसूरि 1237 छाया (3) 1238 अनु. (4) सागरानंदसूरि (#) कनकचंद्रसूरि वि. 1484# | (सं.) * गद्य * (गाथा 121) {एष संस्तारः किलाराधना चारित्रस्याराधनं, ... प्राप्तिं मम ददतु।।) {1489, 1523) वि. 1983P | (सं.) * पद्य * (गाथा 123) {1426, 1480, 1484) वि. 1997P | ‘स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (गाथा 123) {1435, 1436) वि. 2051P (हिं.) * गद्य * (गाथा 122) {1034} वि. 2053P (गु.) * गद्य * (गाथा 121) {1463, 1537} 1 1239 2 | सुरेश सिसोदिया डॉ. 3 दीपरत्नसागरजी 1240 Page #113 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 37. संस्तारकप्रकीर्णकसूत्र क्र. स्वरूप संवत् 1241 कर्ता दीपरत्नसागरजी दीपरत्नसागरजी |कृति विशेषनाम भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (गाथा 121) {1474} वि. 2066P | ‘गुणरत्नसूरिजी कृत टीकानुसारी विवे.' * (गु.) * गद्य * (गाथा 121) {1537} 1242 विवे. (5) 1243 मूल (1) 38. तंदुलवैचारिकप्रकीर्णकसूत्र (1243-1253) पूर्वाचार्य (प्रा.) * पद्य, गद्य * सूत्र 177 ग्रं.500 (निजरियजरामरणं वंदित्ता जिणवरं...जह मुच्चह सव्वदुक्खाणं।।17711) {1037, 1038, 1039, 1040, 1041, 1042, 1043, 1345, 1369, 1379, 1393, 1399, 1426, 1480, 1484, 1492, 1510, 1523%D18) विजयविमल गणि | वि. 1623# | (सं.) * गद्य * (सूत्र 139), प्रशस्ति गद्य {ऋषभं वृषसंयुक्तं वीरं...केभ्यः ?. सर्वदुः खेभ्यः, बलसारराजर्षिवदिति।।) {1039, 1041, 1492, 152334} 1244 टीका (2) 1245 सज्झाय (3) श्रीसार उपाध्याय 1246 छाया (4) 1247 1248 अनु. (5) 1249 |1| सागरानंदसूरि (2) 2 | अंबिकादत्तजी ओझा हीरालाल हंसराज 2 | अंबिकादत्तंजी ओझा सुभाष कोठारी डॉ. दीपरत्नसागरजी दीपरत्नसागरजी दीपरत्नसागरजी वि. 1684- (मा.गु.) * पद्य * सर्वगाथा 72, कळश 72-72 (उत्पत्ति 168923 (उतपति) जो जो {जोय) ...कहे {कहै) श्रीसार ए।।72।।) {1784) वि. 1983P (सं.) * पद्य, गद्य * (सूत्र 139) {1426, 1480, 1484) | वि. 2006P | (सं.)* पद्य, गद्य * (सूत्र 139) {1038} वि. 1967P | (गु.) * गद्य * (सूत्र 139) {1037} वि. 2006P | 'स्पष्टीकरणयुक्त' * (हिं.) * गद्य * (सूत्र 139) {1038} | वि. 2047P | (हिं.) * गद्य * (सूत्र 177) {1040} | वि. 2053P | (गु.) * गद्य * (सूत्र 161) {1463, 1537} वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (सूत्र 162) {1473} | वि. 2066P | 'विजयविमल गणि कृत टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (सूत्र 161) {1537} 1250 1251 1252 1253 विवे. (6) 1254 मूल (1) पूर्वाचार्य 39. चन्द्रावेध्यकप्रकीर्णकसूत्र (1254-1261) (प्रा.) * पद्य * द्वार 7→गाथा 175 {जगमत्थयत्थयाणं विग. सियवरनाणदंसणधराणं। नाणुज्जोयगराणं...मुच्चह गम्भवासवसहीणं। मरण-पुणब्भव-जम्मण-दोग्गइविणिवायगमणाणं।। 17511) {1044, 1045, 1046, 1047, 1048, 1049, 1345, 1369, 1379, 1390, 1393, 1399, 1405=13} चतुरविजयजी वि. 1997P (सं.) * पद्य * (गाथा 175) {1044) |1| कलापूर्णसूरि वि. 2038P (गु.) * गद्य * (गाथा 175) {1045) 2| सुरेश सिसोदिया डॉ. वि. 2047P (हिं.) * गद्य * (गाथा 175) {1046} दीपरत्नसागरजी वि. 2053P | (गु.) * गद्य * (गाथा 175) {1463, 1537) जयानंदविजयजी वि. 2057P | कलापूर्णसूरिजी कृत (गु.) अनु. का भाषां. * (हिं.) * गद्य 1255 छाया (2) 1256 अनु. (3) 1257 1258 1259 Page #114 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय क्र. स्वरूप पे. | कर्ता 1260 5 दीपरत्नसागरजी 6 कर्नल दलपतसिंघ बाया। संवत् कृति विशेषनाम*भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत:प्र.क्र. * (गाथा 175) {1048} वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (गाथा 175) {1474) वि. 2058P सुरेश सिसोदिया डॉ. कृत (हिं.) अनु. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (गाथा 175) {1049) 1261 1262 मूल (1) 40. देवेन्द्रस्तवप्रकीर्णकसूत्र (1262-1265) ऋषिपालित स्थविर (प्रा.) * पद्य * गाथा 311 ग्रं.375 {अमरनरवंदिए वंदिऊण उसभाइए...इह सम्मत्तो अपरिसेसो।।31111} {1050, 1051, 1052, 1345,1369,1379, 1393, 1399, 1426, 1480, 1484, 1510,1523%3D13} 1263 छाया (2) सागरानंदसूरि (2) वि. 1983P 1264 अनु. (3) 1 | दीपरत्नसागरजी 2 | दीपरत्नसागरजी वि. 2053P वि. 2058P (सं.) * पद्य * (गाथा 307) {1426, 1480, 1484, 152324 (गु.) * गद्य * (गाथा 308) {1463, 1537} (हिं.) * गद्य * (गाथा 308) {1474) 1265 1266 मूल (1) 41. गणिविद्याप्रकीर्णकसूत्र (1266-1270) पूर्वाचार्य (प्रा.) * पद्य * गाथा 86 ग्रं.105 {वोच्छं बलाबलविहिं नवबलविहिमुत्तमं...अणुओगनाणगज्झो नायव्वो अप्पमत्तेहिं।।8611) {1053, 1054, 1055, 1345, 1369, 1379, 1384, 1393, 1399, 1426, 1480, 1484,1510, 1523314} सागरानंदसूरि (#) वि. 1983P (सं.) * पद्य * (गाथा 82) {1426, 1480, 1484, 1523=4} |1| सुभाष कोठारी डॉ. वि. 2050P (हिं.) * गद्य * (गाथा 86) {1053} 2 | दीपरत्नसागरजी वि. 2053P | (गु.) * गद्य * (गाथा 85) {1463, 1537} 3 | दीपरत्नसागरजी वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (गाथा 85) {1474) 1267 छाया (2) 1268 अनु. (3) 1269 1270 1271 मूल (1) 1272 छाया (2) 42. महाप्रत्याख्यानप्रकीर्णकसूत्र (1271-1277) पूर्वाचार्य (प्रा.) * पद्य * गाथा 142 ग्रं.176 {एस करेमि पणाम... अहवा वि सिज्झेज्जा।।14211) {1056, 1057, 1058, 1059, 1060, 1345, 1369, 1379, 1393, 1399, 1417, 1426, 1437, 1450, 1451, 1480, 1483, 1484, 1510, 1523%D20} सागरानंदसूरि (#) वि. 1983P (सं.) * पद्य * (गाथा 142) {1426, 1480, 1484, 152334) |1|| अज्ञात वि. 1962P | (गु.) * गद्य * (गाथा 142) {आ हूं उत्कृष्ट...अथवा सिद्धि | पामे।।14211) {1417,1437,1450, 1451, 1483-5) 2| सुरेश सिसोदिया डॉ. वि. 2047P | (हिं.) * गद्य * (गाथा 142) {1056} 3 दीपरत्नसागरजी | वि. 2053P | (गु.) * गद्य * (गाथा 142) {1463, 1537} 1273 अनु. (3) 1274 1275 Page #115 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 42. महाप्रत्याख्यानप्रकीर्णकसूत्र क्र. स्वरूप 1276 पे. कर्ता | 4 | दीपरत्नसागरजी |5| कर्नल दलपतसिंघ बाया संवत् कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (गाथा 142) {1473} वि. 2059P | सुरेश सिसोदिया डॉ. कृत (हिं.) अनु. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (गाथा 142) (1059) 1277 1278 मूल (1) 1279 अनु. (2) 1280 43. वीरस्तवप्रकीर्णकसूत्र (1278-1282) पूर्वाचार्य (प्रा.) * पद्य * गाथा 43 {नमिऊण जिणं जयजीवबंधवं...शिवपयमणहं थिरं वीर।।14311) {1061, 1062, 1369,1379, 1384,1389,140537) 1 सुभाष कोठारी डॉ. वि. 2051P (हिं.) * गद्य * (गाथा 43) {1061} | 2 | दीपरत्नसागरजी वि. 2053P | (गु.) * गद्य * (गाथा 43) {1463, 1537) 3 | दीपरत्नसागरजी वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (गाथा 43) {1474} 4 कर्नल दलपतसिंघ बाया सुभाष कोठारी डॉ. कृत (हिं.) अनु. का भाषां. * (अं.) * गद्य * | (गाथा 43) {1062) 1281 1282 1283 1284 44. नंदीसूत्र (1283-1328) 1| देवर्द्धिगणि क्षमाश्रमण | वी. सदी (प्रा.) * गद्य, पद्य * अ. 1→सूत्र 120 ग्रं.700 {जयइ जग 10वीं जीवजोणीवियाणओ जगगुरू...तं णंदी सम्मत्ता।।) (1063, 1064, 1065, 1067, 1068, 1070, 1071, 1073, 1075, 1076, 1077, 1078, 1079, 1080, 1081, 1082, 1083, 1084, 1085, 1086, 1087, 1088, 1089, 1090, 1091, 1092, 1093, 1094, 1095, 1097, 1098, 1099, 1353, 1354, 1356, 1360, 1363, 1365, 1366, 1370, 1378, 1393, 1394, 1396, 1409, 1411, 1447, 1510, 1518, 1760350) 2 | देवर्द्धिगणि क्षमाश्रमण (2) | वी. सदी अणुण्णानंदी, लघुनंदीसूत्र * (प्रा.) * गद्य, पद्य * सूत्र 30 10वीं {से किं तं...तहा वीसमणुण्णाए णामाई।।) (1063, 1077, 1079, 1083, 1084, 1085, 1089, 1090, 1093, 1094, 1095, 1097, 1098, 1365, 1393, 1394, 1396, 1510, 1518319) 3| देवर्द्धिगणि क्षमाश्रमण (2) वी. सदी | योगनंदीसूत्र * (प्रा.) * गद्य * सत्र 9 (नाणं पंचविहं पण्णत्तं,...उद्देसामि समुद्देसामि अणुजाणमि।।) (1063, 1077, 1079, 1083, 1084, 1085, 1089, 1090, 1093, 1094, 1095, 1097, 1098, 1365, 1393, 1394, 1396, 1510, 1518319) | |जिनदासगणिजी महत्तर वि.733# (प्रा., सं.) * गद्य * (अ. 1), प्रशस्ति गाथा-2 ग्रं.1500 (सव्वसुतक्खंधगादीणं मंगलाधिकारे शंदि...नंद्यध्ययनचूर्णी समाप्ता इति।18511) (1066, 1067, 1078, 1084,1091-5) 1 | हरिभद्रसूरि वि. 833# (सं.) * गद्य * (अ. 1), प्रशस्ति श्लोक-2 ग्रं.2336 {जयति भुवनैकभानुः सर्वत्राविहतकेवलालोकः।...लभतां जिनशासने नन्दीम्।।} {1066, 1067, 1078, 1084, 1095-5) 1285 10वीं 1286 चर्णि (2) 1287 टीका (3) Page #116 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय संवत् वरूप पे. कर्ता | कृति विशेषनाम भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत:प्र.क्र. 1288 | 2 | मलयगिरिसूरि वि. 1150# | (सं.) * गद्य * (अ. 1), प्रशस्ति श्लोक-5 ग्रं.7732 {जयति भुवनैकभानुः सर्वत्राविहतकेवलालोकः।...मित्यादि, तदेतच्छ्रुतज्ञानं, तदेतत्परोक्षमिति।।) {1063, 1077, 1084, 1086, 1089, 1097,1098,1518%D8} 1289 अवचूरि (4) अज्ञात (सं.) * गद्य * (अ. 1) ग्रं.1605 {अथ नन्दिरिति कः...तदेतत् परोक्षम् इति।।} {1071, 1084} 1290 टिप्पण (5) 1 श्रीचंद्रसूरि वि. 1173# | ‘दुर्गपद व्याख्या', हारि. टीका का टिप्पण * (सं.) * गद्य * (अ. 1), प्रशस्ति श्लोक-2 ग्रं.3300 {......देरपि सम्भवात्। पं.8 अनेकान्तिको...शोध्यं मतार्थक्षतिरस्तु मैवम् ।।) {1072, 1095) 2 | चंद्रकीर्तिसूरि सदी 13वीं | 'हारि.टीका का विषमपद टिप्पनक' * (सं.) * गद्य * (अ. 1) {पं.2 जयतीति जेतव्य...सगरस्य जितशत्रुः भ्रातृजः।} {1095} 1292 बा.बो. (6) |1| अज्ञात (मा.गु.) * गद्य * (अ. 1) {अथ नंदीरिति कः...नंदीसूत्र बालाबोध संपूर्णम्।।} {1063} 1293 अज्ञात लघुनंदीसूत्र का बालावबोध * (मा.गु.) * गद्य * (सूत्र 30) {से० ते कुणजी....अनुज्ञाना नाम जाणवा) (1063} 1294 | अज्ञात योगनंदीसूत्र का बालावबोध * (मा.गु.) * गद्य * (सूत्र 9) {हिवे सिष्यने समजावा...नंदीसूत्र बालाबोध संपूर्णम्।।) {1063) 1295 सज्झाय (7) | देवर्द्धिगणि क्षमाश्रमण वी. सदी थेरावलिया * (प्रा.) * पद्य * गाथा 50 (जयइ जगजीवजोणी वियाणओ जगगुरू...वुच्छं।।50।। थेरावलिया समत्ता।।) {1760, 1786} 1296 छाया (8) |1| जिनचारित्रसूरि (2) वि. 1977 | (सं.) * गद्य, पद्य * (अ. 1->गाथा 54) {1086} 1297 2 | हस्तीमलजी आचार्य वि. 1998P | (सं.) * गद्य, पद्य * (अ. 1) {1068, 1099) 1298 आत्मारामजी आचार्य वि. 2001 (सं.) * गद्य, पद्य * (अ. 1) {1070, 1092} 1299 4| घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2033P | (सं.) * गद्य, पद्य * (अ. 1) {1076, 1090) 1300 5 | महाप्रज्ञजी आचार्य वि. 2053P | (सं.) * गद्य, पद्य * (अ. 1) {1085) 1301 अर्वा. टीका |1| जिनचारित्रसूरि वि. 1977 | 'प्रभा टीका', मलय. टीका के विशद विवेचन स्वरूप * (सं.) * गद्य * (अ.1→गाथा 54) {यामाश्रित्य शुभां सुमुक्ति दममी...सिद्धिमुपगतमित्यर्थः।।5411} {1086) 1302 2 घासीलालजी महाराज वि. 2013 | 'ज्ञानचन्द्रिका' * (सं.) * गद्य * (अ. 1), प्रशस्ति श्लोक-9 {शिवसरणिविधानं जीवरक्षकतानं, सुरनरकृतगानं...तदेतत् परोक्षज्ञानं वर्णितम्।।) {1076, 1090) 1303 शब्द., अनु., प्राणकुंवरबाई साध्वी | वि. 2055P | (गु.) * गद्य * (अ. 1) {1087} 10वीं A (9) विवे. (10) वि. 2065P | (हिं.) * गद्य * (अ. 1) (1099) | 1304 शब्द., विवे. (11) 1305 अन्व., अनु., विवे. (12) मंगला चोरडिया, नेहा चोरडिया आत्मारामजी आचार्य वि. 2002 |(हिं.) * गद्य * (अ. 1) (1070, 1092} Page #117 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 44. नंदीसूत्र कर्ता स्वरूप 1306 अनु. (13) अमोलकऋषि 1307 पारसकुमारजी मुनि 1308 हस्तीमलजी आचार्य 1309 सुबोधिकाबाई साध्वी 1310 5 | दीपरत्नसागरजी 1311 6 महाप्रज्ञजी आचार्य 1312 7 | महाप्रज्ञजी आचार्य 1313 | दीपरत्नसागरजी 1314 9 | दीपरत्नसागरजी 1315 10 दीपरत्नसागरजी 1316 11 सौभाग्यमुनिजी | 1317 12 सौभाग्यमुनिजी 1318 | 13 | सौभाग्यमुनिजी 1319 अनु., महाप्रज्ञजी आचार्य अर्वा.टिप्प. संवत् | कृति विशेषनाम भाषा*गद्य-पद्यपरिमाण आदि-अंत प्र.क्र. वि. 1976P | (हिं.) * गद्य * (अ. 1) {1064} वि. 2023P | लघुनंदीसूत्र का अनु. * (हिं.) * गद्य * (सूत्र 30) {1094) वि. 2026# | भाषाटीका' * (हिं.) * गद्य * (अ. 1) {1068, 1099} | वि. 2033P | "स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (अ. 1) {1447} वि. 2053P | (गु.) * गद्य * (अ. 1) {1460} | वि. 2053P | लघुनंदीसूत्र का अनु. * (हिं.) * गद्य * (सूत्र 30) {1085) | वि. 2053P | योगनंदीसूत्र का अनु. * (हिं.) * गद्य * (सूत्र 9) {1085} वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (अ. 1) {1476} वि. 2058P | लघुनंदीसूत्र का अनु. * (हिं.) * गद्य * (सूत्र 30) {1476} वि. 2058P | योगनंदीसूत्र का अनु. * (हिं.) * गद्य * (सूत्र 9) {1476 } वि. 2059P | (हिं.) * गद्य * (अ. 1) {1090} वि. 2059P | लघुनंदीसूत्र का अनु. * (हिं.) * गद्य * (सूत्र 30) {1090) वि. 2059P | योगनंदीसूत्र का अनु. * (हिं.) * गद्य * (सूत्र 9) {1090} वि. 2053P | (हिं.) * गद्य * (अ. 1) {1085} (14) N 1320 अनु., विवे. 1 पारसकुमारजी मुनि | वि. 2023P | (हिं.) * गद्य * (अ. 1) {1094) (15) 1321 उमरावकुंवर वि. 2048P | (हिं.) * गद्य * (अ. 1) {1080} महासतीजी (अर्चना) 1322 | 3 | अमरमुनिजी उपप्रवर्तक | वि. 2055P | (हिं.) * गद्य * (अ. 1) {1088} 1323 4| सुरेन्द्र बोथरा वि. 2055P | अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. और विवे. का भाषां. * (अं.)। * गद्य * (अ. 1) {1088) | 1324 | 5 | दीपरत्नसागरजी वि. 2066P (गु.) * गद्य * (अ. 1) {1096} 1325 टीकानु. अजितशेखरसूरि, वि. 2065 'भुवनभानु' आंशिक गुर्जरानुवाद * (गु.) * गद्य * (गाथा 3), कृतिसंशो.-अभयशेखरसूरि प्रशस्ति गद्य {1097, 1098} |1326 अर्वा,टीकानु. 1| घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2033P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (अ. 1) {1076} (17) 2 | घासीलालजी महाराज (2) | वि. 2033P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (अ. 1) {1069, 1076) | 1328 प्रव. (18) नंदनसूरि वि. 2029 | 'नंदीसूत्र की पीठिका आधारित प्रव.' * (गु.) * गद्य * प्रव. 17 (पीठिका) {1074} (16) 1327 1329 मूल (1) आर्यरक्षितसूरि 45. अनुयोगद्वारसूत्र (1329-1358) वि. 114- (प्रा.) * गद्य, पद्य द्वार 4→प्रतिद्वार 6→सूत्र 606 ग्रं.2000 127%23 {नाणं पंचविहं पण्णत्तं।...नए। अणुओगहाराई सम्मत्ताई।।) {1100, 1101, 1104,1105, 1106, 1107, 1109, 1110, 1111, 1113, 1114, 1115, 1117, 1118, 1119, 1120, 1121, 1122, Page #118 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय स्वरूप पे. कर्ता संवत् कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. 1123, 1125, 1126, 1127, 1128, 1129, 1131, 1132, 1365, 1370, 1378, 1393, 1394, 1396, 1406, 1447, 1510, 1518336} 1330 चूर्णि (2) जिनदासगणिजी महत्तर वि. 733# (प्रा., सं.) * गद्य * (द्वार 4) ग्रं.2268 {कंचि पंचविहायारजाणगं तप्परूवणे...सो सव्वणयसम्मतो भवतीति।) {1108, 1121, 1124, 1131=4} 1331 टीका (3) 1 हरिभद्रसूरि वि. 833# "शिष्यहिता टीका' * (सं.) * गद्य * (द्वार 4) ग्रं.3000 {प्रणिपत्य जिनवरेन्द्रं त्रिदशेन्द्रनरेन्द्रपूजितं...लभतां भव्यो जनस्तेन।।} {1108, 1121, 1131) 1332 | 2 | हेमचंद्रसूरि (मलधारी) | वि.1164%# (सं.) * गद्य * (द्वार 4), प्रशस्ति श्लोक-14 ग्रं.5800 (सम्यक्सुरेन्द्रकृतसंस्तुतिपादपद्ममुद्दामकामकरिराजकठोरसिंहम्। सद्धर्मदेशकवरं वरदं...तत्समर्थने चानुयोगद्वारशास्त्रं समाप्तम्।।) {1100, 1101, 1107, 1110, 1115, 1121,1127, 1128, 1129,1131, 1132,1518%D12} 1333 बा.बो. (4) मोहन वि. 1662 मलधारीय टीका का बा.बो. * (मा.गु.) * गद्य * (द्वार 4) {प्रणिपत्य जिनं मूर्द्धा...श्रीअनुयोगद्वारसूत्रबालावबोधः समाप्तः } {1100) 1334 सज्झाय (5) उदयसागरसूरि वि. 1778 षड्भाव प्रकाश की सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 9/सर्वगाथा 85, कळश 1 {श्री सद्गुरुना प्रणमी...ज्ञानसागर सुख करे) {1784) 1335 जोड (6) जयाचार्य वि. 1860# मूल एवं वृत्ति की जोड * (राज.) * पद्य * ढाल 2 / सर्वगाथा 92 {अर्हन् सिद्ध साधु...एह प्रत्यक्ष ही।।51।।) {1119) | 1336 छाया (7) |1| घासीलालजी महाराज (#) | | वि. 2023P | (सं.) * गद्य, पद्य * (द्वार 4) {1111) 1337 | ज्ञानमुनि वि. 2047P (सं.) * गद्य, पद्य * (द्वार 4) {1117) 1338 | महाश्रमणजी आचार्य वि. 2052P | (सं.) * गद्य, पद्य * (द्वार 4) {1119} 1339 अर्वा. टीका घासीलालजी महाराज | वि. 2009 'अनुयोग चंद्रिका' * (सं.) * गद्य * (द्वार 4), प्रशस्ति श्लोक-5 (8) {शिवसरणिविधानं जीवरक्षकतानं, सुरनरकृतगानं...सम्पूर्णमनुयोगद्वारसूत्रमिति प्रदर्शयितुमाह-अनुयोगद्वाराणि समाप्ता नीति।।) {1111) 1340 शब्द., अनु., 1 | सुबोधिकाबाई साध्वी । | (गु.) * गद्य * (द्वार 4) {1122} विवे. (9) 1341 2 | छगनलालजी शास्त्री डॉ., वि. 2061P | (हिं.) * गद्य * (द्वार 4) {1125) महेन्द्रकुमार रांकावत डॉ. 1342 अन्व., अनु., | ज्ञानमुनि वि. 2047P | ‘आत्म-ज्ञान-पीयूषवर्षिणी भाषाटीका' * (हिं.) * गद्य * (द्वार विवे. (10) 4) {1117) 1343 अन्व., अनु. आत्मारामजी आचार्य | वि. 1972 | 'ज्ञानप्रबोधिनी भाषाटीका' * (हिं.) * गद्य * (द्वार 4), प्रशस्ति (11) (सं.) श्लोक-11 {1104,1109) 1344 अनु. (12) | 1 | अमोलकऋषि वि. 1976P (हिं.) * गद्य * (द्वार 4) {1106} 1345 2 | Taiken Hanaki वि. 2026P (अं.) * गद्य * (द्वार 4) {1112) Page #119 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 45. अनुयोगद्वारसूत्र क्र. स्वरूप संवत् कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. 1346 1347 पे. | कर्ता 3 | सुबोधिकाबाई साध्वी 4 | दीपरत्नसागरजी 5 दीपरत्नसागरजी कनकप्रभाजी साध्वी वि. 2033P (गु.) * गद्य * (द्वार 4) {1447) वि. 2053P | (गु.) * गद्य * (द्वार 4) {1460) वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (द्वार 4) {1476} वि. 2052P | (हिं.) * गद्य * (द्वार 4) {1119) 1348 1349 अनु., अर्वा.टिप्प. (13) 1350 अन..विवे. 1| केवलमुनि उपाध्याय | वि. 2044P | (हिं.) * गद्य * (द्वार 4) {1114} (14) 1351 2 | अमरमुनिजी उपप्रवर्तक वि. 2057P | (हिं.) * गद्य * (द्वार 4) {1123} 1352| 3 | सुरेन्द्र बोथरा वि. 2057P | अमरमुनिजी उप. के (हिं.) अनु., विवे. का भाषां. * (अं.) * गद्य *(द्वार 4) {1123} 1353 दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | (गु.) * गद्य * (द्वार 4) {1130) 1354 अर्वा,टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2023P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (द्वार 4) {1111 (15) 1355 | 2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2023P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (द्वार 4) (1111) 1356 अर्वा टिप्प. अभयशेखरसूरि वि. 2062 मलधारीय टीका का (अर्वा.) टिप्पण * (सं.) * गद्य * (द्वार 4), (16) प्रशस्ति श्लोक-6 (वीरं गणधरान् नत्वा...तदेवं समाप्तिमगाद् मलधारिश्रीहेमचन्द्रसूरिसन्दृब्धवृत्तिसमेतानुयोगद्वारसूत्रविषम पदटिप्पणी।} {1129) | 1357 विवे. (17) | पूर्णानंदविजयजी पंन्यास | वि. 2047 'मलधारीय टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (द्वार 4), प्रशस्ति (सं.) श्लोक-10 {1116} | 1358 सारांश (18) देवविजयजी उपाध्याय वि. 1972 (गु.) * गद्य * (द्वार 4), प्रशस्ति गद्य (सं.) (1102, 1103) दूसरी 46. कल्पसूत्र (1359-1437) 1359 मूल (1) भद्रबाहुस्वामी वीरसदी | (प्रा.) * गद्य, पद्य * व्या. 9→सूत्र 228+64 (नमो अरिहंताणं .......हवई मंगलं।।...उवदंसेइ त्ति बेमि।।29111) {1133, 1134, 1138, 1139, 1142, 1143, 1144, 1145, 1146, 1147, 1149, 1151, 1152, 1154, 1156, 1157, 1160, 1161, 1162, 1163, 1166, 1167, 1168, 1169, 1170, 1174, 1175, 1177, 1180, 1183, 1184, 1185, 1188, 1191, 1192, 1193, 1194, 1196, 1198, 1199, 1200, 1202, 1203, 1204, 1207, 1208, 1211, 1212, 1213, 1214, 1216, 1217, 1220, 1221, 1222, 1225, 1226, 1227, 1228, 1229, 1232, 1235, 1240, 1243, 1244, 1246, 1248, 1249, 1250, 1256, 1259, 1260, 1261, 1262, 1263, 1264, 1266, 1269, 1270, 1273a, 1378, 1393, 1394, 1510284) 1360 नोंध : - कृति की कटौती की गई होने के कारण इस क्रमांक का उपयोग नहीं किया है। Page #120 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय 77 संवत् स्वरूप पे. | कर्ता 1361 टीका (2) |1| जिनप्रभसूरि वि. 13642 कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. | | 'संदेहविषौषधि' * (सं.) * गद्य * (व्या. 9) ग्रं.3041 {ध्यात्वा श्रीश्रुतदेवीं पर्युषणाकल्पदुर्गपदविवृतिः।...निरूप्यास्य ग्रंथमानं विनिश्चितं। सहस्रत्रितयं सैकचत्वारिंशदनुष्टुभां।।304111} {1140) 'कल्पकिरणावली' * (सं.) * गद्य * (व्या. 9), प्रशस्ति श्लोक-3+24 {प्रणम्य प्रणताशेषवीरं वीरजिनेश्वरम्।...अनेन च गुरुपारतन्त्र्यमभिहितमिति।। {1149, 1248) 1362 वि. 1639# 2 | धर्मसागरजी उपाध्याय, प्रशस्तिकर्ता-अज्ञात 1363 वि. 1674 3| संघविजयजी गणि, कृतिसंशो.-धनविजयजी उपाध्याय 'कल्पप्रदीपिका' * (सं.) * गद्य * (व्या. 9), प्रशस्ति श्लोक-10 ग्रं.3250 (श्रीवर्द्धमानमर्हन्तं नत्वा नतपुरन्दरं।...च दशाश्रुतस्कन्धसिद्धान्तस्याष्टममध्ययनं समाप्त।।) {1161, 1226} 'कल्पदीपिका' * (सं.) * गद्य * (व्या. 9), प्रशस्ति श्लोक-9 ग्रं.3432 {कल्याणाङ्कुरवृद्धये जलधरं सर्वार्थसम्पत्तिकृत्, ...दशाश्रुतस्कन्धस्याष्टमं अध्ययनं समर्थितम्।) {1160) 1364 वि. 1677# 4 | जयविजयजी पंडित, कृतिसंशो.-भावविजयजी उपाध्याय 1365 वि. 16852 समयसुंदरजी उपाध्याय, कृतिसंशो.-हर्षनंदन गणि | 'कल्पलता' * (सं.) * गद्य * (व्या. 9), प्रशस्ति श्लोक-21 ग्रं.7700 {प्रणम्य परमं ज्योतिः, ...शिष्यार्थ पाठकाश्चक्रुः श्रीमत्समयसुन्दराः।। {1166} 1366 6 विनयविजयजी उपाध्याय, वि. 1696 कृतिसंशो.-भावविजयजी उपाध्याय 1367 7| शांतिसागरजी उपाध्याय | वि. 1707 1368 | 8 लक्ष्मीवल्लभ उपाध्याय वि. 1725# | 'सुबोधिका' * (सं.) * गद्य * (व्या. 9), प्रशस्ति श्लोक-18 | ग्रं.6580 {प्रणम्य परमश्रेयस्करं श्रीजगदीश्वरम्।...श्रीभद्रबाहुस्वामी स्वशिष्यान् प्रतीदमुवाचेति।।) {1138, 1139, 1144, 1151, 1163, 1193, 1194, 1212, 1214, 1246, 1260, 1261, 1262,1263,1269-15) 'कल्पकौमुदी' * (सं.) * गद्य * (व्या. 9), प्रशस्ति श्लोक-19 ग्रं.3707 (प्रणम्य परमानन्दकन्दकन्दलनाम्बुदम्। वर्द्धमाना. समानश्रीवर्द्धमानजिनेश्वरम्।।...प्रति एवं ब्रूते।।) {1162, 1225) 'कल्पद्रुमकलिका' * (सं.) * गद्य * (व्या. 9), प्रशस्ति श्लोक-5 ग्रं.4109 {श्रीवर्धमानस्य जिनेश्वरस्य जयन्तु...व्याख्यानमाप नवमं परिपूर्तिभावम्} {1146) | 'कल्पसूत्रार्थ प्रबोधिनी' * (सं.) * गद्य * (व्या. 9), प्रशस्ति श्लोक-6 {चरमजिनेशं नत्वा, क्रियते...भद्रबाहुस्वामी स्वशिष्यान् प्रत्याचष्ट।) {1158) (सं.) * गद्य * (व्या. 9) ग्रं.640 {प्रणम्य वीरमाश्चर्यसेवधि विधिदर्शकम्...निशियचूर्णो दशमोद्देशके भणितम् ।। {1174} 'कल्पान्तर्वाच्य', 'कल्पसमर्थन' * (प्रा., सं.) * गद्य * (व्या. 9) ग्रं.977 {(वाच्यानि) पुरिमचरिमाण कप्पो...व्याख्यानानि) इति कल्पसमर्थनम्।। {1164) 1369 || राजेन्द्रसूरि भट्टारक वि. 1954 1370 टिप्पण (3) पृथ्वीचंद्रसूरि वि. 1215# 1371 अन्तर्वाच्य 1 पूर्वाचार्य Page #121 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 46. कल्पसूत्र क्र. स्वरूप पे. कर्ता संवत् कृति विशेषनाम भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. 1372 2 | नगर्षिगणि वि. 16572 | 'कल्पान्तर्वाच्य' * (प्रा.) * पद्य * गाथा 1039, प्रशस्ति श्लोक-15 ग्रं.1151 {पणमिय वीरजिणिंदं अप्पमईणं...तरणिं रेणूवाउस्स विप्फुरियं।।} {1228} 1373 बा.बो. (5) उदयसागरसूरि (2) वि. 1778# ज्ञानविमलसूरिजी कृत भास का बा.बो. * (मा.गु.) * गद्य * (ढाल 16) {अहंत भगवंत श्रीमन्महावीरदेव,...अनंतुं ज्ञान पामे।।} {1137, 1141, 1165} 1374 सज्झाय (6) | 1 ज्ञानविमलसूरि वि. 17282 कल्पसूत्र भासाढालीया * (गु.) * पद्य * ढाल 16 / सर्वगाथा 259 {पुण्यनी पोषणा, पर्व...ज्ञान अनंतू पावेजी।। 18।।) {1137, 1141, 1165, 1181, 1190, 1215, 1224,1236, 1238, 1255, 1257, 1784, 1792313} 1375 | 2 | माणिकविजयजी वि. 1742# | पर्युषणपर्व अंतर्गत कल्पसूत्र के नव व्याख्यान की सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 11/ सर्वगाथा 126 {पर्व पजूसण (पजुषण) {पजुसण) आवीया (आवियां), ...दिन आजनो ए) 11911) {1254, 1273, 1748, 1757, 1784-5) 1376 छाया (7) |1| हरिशंकर कालीदास शास्त्री वि. 1971P (सं.) * गद्य * (व्या. 9) {1143} 1377 2 | कन्हैयालालजी मुनि (#) वि. 2014P | घासी. कृत (अर्वा.) कल्पसूत्र की छाया * (सं.) * गद्य * (वाचना 9) {1179) 1378 अर्वा.सूत्र घासीलालजी महाराज वि. 2014P | घासी. कृत (अर्वा.) कल्पसूत्र मूल * (प्रा.) * गद्य * वाचना 9 (तं मंगलमाईए मझे...णिच्चं देइ सिद्धिमणुत्तरम्।।5।।) {1179, 1187, 1218) 1379 अर्वा. टीका | 1| मुक्तिविमलजी पं. वि. 1971 ‘सुखबोधिका (सुबोधिका) टीका संक्षेप' * (सं.) * गद्य * (व्या. (9) 8), प्रशस्ति गद्य {श्री सिद्धार्थधराधिराज सुकुलाकाशप्रकाशा. रुणोदभ्रभ्रान्तितरुद्विपोऽतिकरुणो...सर्वश्वेताम्बर मुनिसमुदाय स्य अधिपतिः श्रीविजयहीरसूरिः।} {1157, 1216, 1244) 1380 | 2 | मुक्तिविमलजी पं. वि.1974 'कल्पमुक्तावली' * (सं.) * गद्य, पद्य * (व्या. 9), प्रशस्ति श्लोक-17 {न चैति साम्यकिल...श्री भद्रबाहुस्वामी स्व. शिष्यान्प्रतीदमुवाचेति।} {1185) 1381 3 | केशरमुनि, | वि. 1993 'कल्पार्थबोधिनी' * (सं.) * गद्य * (व्या. 9), प्रशस्ति श्लोक-65 कृतिसंशो.-लब्धिविजयजी ग्रं.4715 {प्रणम्य श्रीजिनं वक्ष्ये, ...अनेन च गुरुपारतन्त्र्यमभि हितम्।) {1169) 1382 4 | भानुविजयजी वि. 2000 'सुबोधिनी' * (सं.) * पद्य * (व्या. 8) {अभूत् सिद्धार्थाद् यस्तूदयगिरितुल्ये...भूयात्, प्रार्थयामो जिनेश्वरम्।।22511) {1171} 1383 | 5 | कन्हैयालालजी मुनि वि. 2014P | घासी. कृत (अर्वा.) कल्पसूत्र मूल की कल्पमंजरी टीका * (सं.) * गद्य * (वाचना 9) {वर्द्धमानं जिनं नत्वा, ...अनुत्तरां सर्वो. त्कृष्टां सिद्धिं ददातीति।।111211311411511) {1179) (8) 1384 वि. 2042 युगचंद्रसूरि, पुण्यप्रभविजयजी, कृतिसंशो.-तपोरत्नसूरि Hermann Jacobi | सुबोधिका टीकानुसारी बालबोधिका टीका * (सं.) * गद्य * (व्या. 9) {परमकल्याणकारिणं श्रीजगदीश्वरं प्रणम्य...प्रति इदं उक्तवान्।।} {1217) (अं.) * गद्य * (व्या. 9) {1441,1453, 1479, 148134) 1385 अनु. (10) 1 वि. 1940P Page #122 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय क्र. स्वरूप संवत् कृति विशेषनाम भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. 1386 पे. कर्ता | हरिशंकर कालीदास शास्त्री 3 | माणेक मुनि | वि. 1971P | (गु.) * गद्य * (व्या. 9) {1143} 1387 वि. 1973P | (हिं.) * गद्य * (व्या. 9) {1145} 1391 9 . |10| 1388 4 | जीतमुनि वि. 1975 (हिं.) * गद्य * (व्या. 9), प्रशस्ति गाथा-3 (1147) 1389 बेचरदास जीवराज दोशी वि. 2008P | (गु.) * गद्य * (व्या. 9) {1174, 1197, 1230, 1251, 1258, पंडित 127236) 1390 6 | वसंतकुमार चट्टोपाध्याय | वि. 2009P | (बंगा.) * गद्य * (व्या. 9) {1175} | कन्हैयालालजी मुनि (2) वि. 2014P | घासी. कृत (अर्वा.) कल्पसूत्र का अनु. * (गु.) * गद्य * (वाचना 9) {1178, 1179) 1392 8 | कन्हैयालालजी मुनि (#) वि. 2014P | घासी. कृत (अर्वा.) कल्पसूत्र का अनु. * (हिं.) * गद्य * | (वाचना 9) {1179, 1187, 1218} 1393 J. Stevenson वि. 2028P | (अं.)* गद्य * (व्या. 9) {1189) 1394 गुणसागरसूरि वि. 2028 | (गु.) * गद्य * (व्या. 10), प्रशस्ति श्लोक-12 (सं.) {1195, 1231} 1395 11 सज्जनश्रीजी प्रवर्तिनी | वि. 2030 लक्ष्मीवल्लभ उपा. कृत टीकानुसारी * (हिं.) * गद्य * (व्या. 9) {1229) 1396 |12| लब्धिसूरि (#) वि. 2031# ‘खीमशाही बा.बो.अनुसारी' * (गु.) * गद्य * (व्या. 9) {1219, 1271) 1397 | 13 विनयसागरजी वि. 2033P (हिं.) * गद्य * (व्या. 9) {1208, 1237} | महोपाध्याय 1398 | 14 मुकुंद लाठ डॉ. वि. 2033P | 'जाव' आदि द्वारा गृहीत पाठों के अनु.युक्त * (अं.) * गद्य * (व्या. 9) {1208) 1399 | 15 K. C. Lalwani वि. 2035P | 'स्पष्टीकरणयुक्त' * (अं.) * गद्य * (व्या. 9) {1200) 1400 | 16] यतीन्द्रविजयजी वि. 2037 |(हिं.) * गद्य * (व्या. 8), प्रशस्ति गद्य {1203) 1401| नोंध :- कृति की कटौती की गई होने के कारण इस क्रमांक का उपयोग नहीं किया है। 1402 | 18 अमरमुनिजी उपप्रवर्तक वि. 2057P | ‘स्पष्टीकरणयुक्त' * (हिं.) * गद्य * (व्या. 9) {1264) 1403 | 19| सुरेन्द्र बोथरा वि. 2057P | अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (व्या. 9) {1264} 1404 20| अज्ञात वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (व्या. 9) {अरिहंतो को नमस्कार, ...मैं कहता हूँ।} {1242} | 1405 राजमल सिंघी वि. 2059P गुणसागरसूरिजी कृत (गु.) अनु. का भाषां. * (हिं.) * गद्य * (व्या. 10) {1247) 1406 कनकरत्नसूरि वि. 2060P | 'सुबोधिका टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (व्या. 8) {1253) 1407 23 प्यारचंद्रजी उपाध्याय वि. 2066P (हिं.) * गद्य * (व्या. 9) {1266} 24 कनकरत्नसूरि वि. 2066P | (गु.) * गद्य * (व्या. 9) {1267} 1408 Page #123 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 46. कल्पसूत्र संवत् कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. स्वरूप पे. कर्ता 1409 | 25 | दीपरत्नसागरजी 1410 अनु., विवे. |1| देवेन्द्रमुनिजी शास्त्री वि. 2066P वि. 2024P (गु.) * गद्य * (व्या. 9) {1268} (हिं.) * गद्य * (व्या. 9) {1184, 1207} 1411 2 | जगजीवन लालजी दोशी | वि. 2027P | देवेन्द्रमुनिजी शास्त्री के (हिं.) अनु. और विवे. का भाषां.' * (गु.) * गद्य * (व्या. 9) {1188} 1 | हीरालाल हंसराज वि. 1962P | सुबोधिका टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (व्या. 9) (1150) 1412 टीकानु. (12) 1413 2 | जिनकृपाचंद्रसूरि वि. 1975 लक्ष्मीवल्लभ उपा. कृत टीका का अनु. * (हिं.) * गद्य * (व्या. 9), प्रशस्ति श्लोक-3 (सं.) {1148} | वि. 1981P | सुबोधिका टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (व्या. 9) {1153} 1414 3 | भीमजी हरजीवनदास परीख (2) | जिनमणिसागरसूरि 1415 वि. 1990P 1416 5 आनंदसागरजी (वीरपुत्र) वि. 1996 1417 अज्ञात वि. 2005P 1418 साराभाई मणीलाल नवाब | वि. 2009 | लक्ष्मीवल्लभ उपा. कृत टीका का अनु. * (हिं.) * गद्य * (व्या. 9) {1159) लक्ष्मीवल्लभ उपा. कृत टीका का अनु. * (हिं.) * गद्य * (व्या. 9), प्रशस्ति गाथा-9 {1167} सुबोधिका टीका का अनु. * (हिं.) * गद्य * (व्या. 9) {1173, 1206) सुबोधिका टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (व्या. 9), प्रशस्ति गद्य {1176, 1252} सुबोधिका टीका का अनु. * (हिं.) * गद्य * (व्या. 8), प्रशस्ति गद्य {1203} सुबोधिका टीका का अनु. * (हिं.) * गद्य * (व्या. 9) {1241) राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक कृत (मा.गु.) बा.बो. का अनु. * (गु.) * गद्य * (व्या. 9) (1135,1136, 1155, 1205, 1233-5) 1419 8 | यतीन्द्रविजयजी | वि. 2037 1420 उदयप्रभविजय गणि (2) वि. 2055P वि. 1944P 1421 बालाव- 1| भीमसिंह माणेक बोधानु. (13)| 1422 | अमृतलाल अमरचंद सलोत 1423 3 बी. टी. परमार 1424 4 | जयंतसेनसूरि 1425 5 | रविशेखरविजयजी (#) | वि. 1980P | खीमशाही बा.बो. का अनु. * (गु.) * गद्य * (व्या. 9) {1152, 1180, 1191, 1192, 1196, 1199, 1209, 1213, 1222, 1227, 1245, 1250, 1265-13} वि. 2054P खीमशाही बा.बो. के अमृतलाल अमरचंद सलोत कृत (गु.) अनु. का भाषा. * (हि.)* गद्य * (व्या.9) {1232) वि. 2055 राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक कृत (मा.गु.) बा.बो. का अनु. * (हिं.) * गद्य * (व्या. 9), प्रशस्ति गाथा-7 {1239} वि. 2055P | खीमशाही बा.बो. के अमृतलाल अमरचंद सलोत कृत (गु.) अनु. का भाषां.*(हिं.)* गद्य* (व्या.9) {1234) कल्पार्थबोधिनी (अर्वा.) टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (व्या. 9) {1182} वि. 2014P | घासी. कृत (अर्वा.) कल्पसूत्र मूल की टीका का अनु. * (हिं.) * | गद्य* (वाचना9) {1179) वि. 2014P | | घासी. कृत (अर्वा.) कल्पसूत्र मूल की टीका का अनु. * (गु.) * गद्य * (वाचना 9) {1178,1179) | 1426 अर्वा.टीकानु. 1| बुद्धिसागर गणि (14) 1427 2 | कन्हैयालालजी मुनि (#) 1428 3 | कन्हैयालालजी मुनि (#) Page #124 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. स्वरूप 1429 विवे. (15) 1430 1431 1432 1433 प्रव. (16) 1434 1435 (#) 2 नरवाहनसूरि (1) 3 हृदयरत्नविजयजी 1436 सारांश (17) 1 गुणसागरसूरि 1437 1438 मूल (1) 1439 टीका (2) 1440 मूल (1) 1440 टीका (2) a 1441 1442 भाष्य (1) पे. कर्ता 1 भद्रंकरसूरि 1443 चूर्णि (2) 2 मंगळाबाई साध्वी 3 अजितशेखरसूरि कृतिसंशो. - अभयशेखरसूरि 4 रत्नसेनसूरि 2 सुनंदाबेन वोहोरा 1 चंद्रशेखरविजयजी पंन्यास वि. 2032 सोमप्रभसूर साधुरत्नसूरि आगम कृति परिचय संवत् fa. 2017 धर्मघोषसूरि 1 धर्मघोषसूरि 2 सोमतिलकसूरि fa. 2025 fa. 2058P fa. 2061 fa. 2055P fa. 2069P जिनदासगणी महत्तर fa. 2035 far. 2044P fa. 1456 47. यतिजीतकल्पसूत्र fa. 1350# 1328# fa. 1328# fa. 1373# संघदासगणि क्षमाश्रमण सदी 5वीं, ठी कृति विशेषनाम* भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण* आदि अंत*प्र.क्र. ज्ञानविमलसूरिजी कृत भास का विवे. * (गु.) * गद्य * (ढाल 16), प्रशस्ति गद्य {1181, 1190, 1215, 1257=4} (गु.) * गद्य * (व्या. 6), प्रशस्ति गद्य ( 1186 } (गु.) * गद्य * (व्या. 9) (1243) ज्ञानविमलसूरिजी के भास अनुसारी (हिं.) गद्य (डाल 13) व्या. 8, प्रशस्ति गद्य (1255) 'सुबोधिका टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (व्या. 9) {1254} 48. श्राद्धजीतकल्पसूत्र (1440-1441) fa. fa. 733# 81 (गु.) *गद्य * (व्या. 9) (1236) 'सूबोधिका टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (व्या. 9) {1273} 'बारसासूत्र सार' * (गु.) * पद्य * (व्या. 9) गाथा 223, प्रशस्ति गाथा - 4 (पंच परमेष्ठि प्रणमीने...हेतु शिवायन रे. } {1201} सुखबोधिका टीका का सारांश * (गु.) * गद्य * (व्या. 9) {1210, 1223) (1438-1439) (प्रा.) * पद्य * गाथा 306 ग्रं. 500 ( कयपवयणप्पणामो वुच्छं पच्छित्तदाणसंखेवं ।... भणिअं सोहंतु गीअत्था | 1306|| {1274, 1275, 1276) 49. पंचकल्प भाष्य (1442-1443) (सं.) * गद्य * (गाथा 306), प्रशस्ति श्लोक 3 ग्रं. 5700 (जयति महोदयशाली भास्वान्... प्रकटमकारीति । इति यतिजीतकल्प. वृत्तिर्जगत्प्रतीत श्रीतपागच्छाधिराजसुविहितशिरोमणिभट्टारक प्रभु श्रीदेवसुन्दरसूरिशिष्य श्रीसाधुरत्नसूरिकृता । ।} {1274, 1275, 1276} (प्रा.) * पद्य * गाथा 142 कयपवयणप्पणामो जीयगयं सङ्घदाणपच्छिलं... इअं सोहिंतु गीअत्था।14211) (1277, 1278, 1278a) 'स्वोपज्ञ' * (सं.)* गद्य * (गाथा 142) ग्रं. 2646 श्रीवीरं सगणधरं नत्वा... पुनः । । 1 । । अङ्कतोऽपि श्लोक 264611} {1278a} (सं.) * गद्य * (गाथा 142 ) ग्रं.2646 (श्रीवीरं सगणधरं नत्वा... शुद्धिं जनयन्त्विति गाथार्थः 1) (1277, 1278 ) (प्रा.) * पद्य * गाथा 2664, प्रशस्ति गाथा - 2 ग्रं. 3185 (वंदामि भरवाह पाईणं.. देतु अविग्यं भणंताणं) (1279, 1282, 1374, 1391, 1393, 1401, 1510=7} (सं., प्रा.) * गद्य * ( गाथा 2664) ग्रं.3275 ( मंगलादीणि Page #125 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 49. पंचकल्पभाष्य स्वरूप पे. कर्ता संवत् कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंतप्र.क्र. सत्थाणि, पूर्वाभिहितानि...गाहाओ वि भाणियवाओ।) {1280, 1281,1282) दूसरी 50. ओघनियुक्तिसूत्र (1444-1456) 1444 मूल (1) भद्रबाहुस्वामी वीरसदी (प्रा.) * पद्य * वि.7→गाथा 813 ग्रं.1355 {णमो अरहंताणं .......हवइ मंगलं।...एगुणवन्नेहिं सम्मत्ता।।) {1283, 1284, 1286, 1287, 1288, 1289, 1290, 1292, 1294, 1393, 1395, 1505, 1510, 1512, 1515, 1520316} 1445 भाष्य (2) पूर्वाचार्य (प्रा.) * पद्य * गाथा 322 {समासे संखेवे चेव...रयणीपमाणमित्तं, कुज्जा पोरपरिग्गहं।) (1283, 1284,1286, 1287, 1288, 1289, 1290, 1292, 1294, 1393, 1395, 1505, 1510, 1515, 1520315} 1446 टीका (3) द्रोणाचार्य वि. 1149 नियुक्ति और भाष्य की टीका * (सं.) * गद्य * (वि.7) (गाथा 813) ग्रं.6825 {अर्हद्भ्यस्त्रि- भुवनराजपूजितेभ्यः, | सिद्धेभ्यः सितघनकर्मबन्धनेभ्यः।...छेवट्टिकासंहननो सिद्ध्यतीति। सुगमाः। 1810-811-81211} {1283, 1284, 1287, 1288, 1289, 1292, 1294, 1520=8) 1447 अवचूरि (4) | ज्ञानसागरसूरि भट्टारक वि. 1439# | ओ.नि.सूत्र एवं भाष्य की अवचूरि * (सं.) * गद्य * (गाथा 1149), प्रशस्ति श्लोक-2 ग्रं.3200 {प्रक्रान्तोऽयमावश्यका. नुयोगस्तत्र सामायिकमध्ययनमनुवर्तते, तस्य...न तु भवान. ङ्गीकृत्य।} {1286) 1448 अनु. (5) 1 दीपरत्नसागरजी वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (गाथा 813) {1475} 1449 2 | गुणहंसविजयजी | वि. 2063P (गु.) * गद्य * (गाथा 813) {1292) 1450 अनु., दीपरत्नसागरजी वि. 2053P ओ.नि.सूत्र एवं भाष्य का अनु. * (गु.) * गद्य * (गाथा 1164) भाष्यानु. {1460} (6) वि. 2063P (गु.) * गद्य * (गाथा 322) {1292) 1451 भाष्यानु. गुणहंसविजयजी (7) 1452 टीकानु. (8) | | गुणहंसविजयजी 1453 सारांश (9) दीपरत्नसागरजी 1454 अंशसंग्रह 1 नित्यानंदविजयजी पं. (10) 1455 गुणहंसविजयजी, कृतिसंशो.-अजित शेखरसूरि 1456 | गुणहंसविजयजी वि. 2063P (गु.) * गद्य * (गाथा 813) {1292) वि. 2066P | (गु.) * गद्य * (गाथा 812) (द्वार 7) {1541) | वि. 2016 विवे.युक्त * (गु.) * गद्य * वि. 7, प्रशस्ति (सं) श्लोक-2 {1285, 1291} वि. 2064P मूल,भाष्य और टीका का अंशसंग्रह सह विवे. * (गु.) * गद्य * (गाथा 813) (गाथा 322) {1293} वि. 2070P | 'सिद्धांत रहस्य बिंदु', 'मूल और टीका आधारित अंशसंग्रह सह टीका' * (सं.) * गद्य * सूत्र 162, प्रशस्ति गद्य {यदीयसम्यक्त्वबलात्प्रतीमो भवादृशानां परमस्वभावम्।...कृतिः मुनिगुणहंसेन गुरुपादारविन्दचञ्चरिकेण।) {1295) Page #126 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय 83 संवत् कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. 51.द्वीपसागरप्रज्ञप्तिसंग्रहणी गाथा (1457-1459) पूर्वाचार्य (प्रा.) * पद्य * गाथा 225 ग्रं.280 {पुक्खरवरदीवडं परिक्खिवइ माणुसोत्तरो...तहियं पंतीओ चंदसूराणं।।22511) {1296, 1297, 1298, 1379, 1386, 1405, 1434-7} 1457 मूल (1) 1458 अनु. (2) |1| कुंवरजी आणंदजी शाह वि. 1997P (गु.) * गद्य * (गाथा 220) {1434) 1459 2 सुरेश सिसोदिया डॉ. वि. 2049P | (हिं.) * गद्य * (गाथा 225) {1297} 1460 मूल (1) 1461 संग्रहणी प्रक. (2) 52. ऋषिभाषितानिप्रकीर्णकसूत्र (1460-1471) पूर्वाचार्य (प्रा.) * पद्य, गद्य * अ. 45 {सोयव्वमेव वदती, सोयव्वमेव... नामऽज्झयणं।।45।। इसिभासियाइं समत्ताई।।) {1299, 1300, 1301, 1302, 1305,1307, 137997) 1| अज्ञात ऋषिभाषित संग्रहणी * (प्रा.) * पद्य * गाथा 6 {पत्तेयबुद्धमिसिणो वीसं तित्थे...चत्ता पंचेव अक्खाए।।6।।) {1299, 1300, 1302, 1305, 1307, 1379=6} अज्ञात ऋषिभाषित अर्थाधिकार संग्रहणी * (प्रा.) * पद्य * गाथा 5 {सोयव्वं जस्स (य)...अप्पं पापाण हिंसाऽऽयु।।5।।) {1299, 1300, 1302, 1305, 1307, 137996) Wald Smidt वि. 2020# (सं.) * गद्य * (अ. 45) {1300, 1301) कल्याणबोधिसूरि वि. 2065 'आर्षोपनिषद्' * (सं.) * गद्य * (अ. 45), प्रशस्ति श्लोक-14 {श्रीवर्द्धमानं जिनवर्द्धमानं, सूरीन्द्रमेवं...पञ्चचत्वारिंशत्तमे वैश्रमणीयाध्ययन आर्षोपनिषद्।} {1307} 1462 1463 छाया (3) 1464 अर्वा. टीका (4) 1465 अनु. (5) 1 मनोहरलालजी मुनि वि. 2020P 1466 वि. 2044P 2 | विनयसागरजी महोपाध्याय कलानाथ शास्त्री, दिनेशचंद्र शर्मा डॉ. 1467 वि. 2044P मनोहरलालजी मुनि वि. 2020P 1468 अनु., विवे. (6) 1469 शोधग्रंथ (7)| 1 संग्रहणी एवं अर्थाधिकार संग्रहणी के अनु.युक्त * (गु.) * गद्य * (अ.45%; गाथा 53; गाथा 6) {1300) संग्रहणी एवं अर्थाधिकार संग्रहणी के अनु.युक्त * (हिं.) * गद्य * (अ.45%; गाथा 5; गाथा 6) {1302} विनयसागरजी महो. कृत (हिं.) अनु. का भाषां., संग्रहणी एवं अर्थाधिकार संग्रहणी के अनु. के भाषां. युक्त * (अं.) * गद्य * (अ.45; गाथा 53; गाथा 6) {1302} संग्रहणी एवं अर्थाधिकार संग्रहणी के अनु.युक्त * (हिं.) * गद्य * (अ. 45; गाथा 5; गाथा 6) {1300) | 'ऋषिभाषित : एक अध्ययन' * (हिं.) * गद्य * (अ. 45) {1302, 1303} सागरमलजी जैन डॉ. कृत (हिं.) शोधग्रंथ का भाषां. * (अं.) * गद्य * (अ.45) {1302, 1304} | 'ऋषिभाषित का दार्शनिक अध्ययन' * (हिं.) * गद्य * (अ. 45)→अध्याय 9 {1306} सागरमल जैन डॉ. वि. 2044P 1470 2| सुरेन्द्र बोथरा वि. 2044P 14711 3 प्रमोदकुमारी साध्वी वि. 2065P Page #127 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 53. अंगचूलिका क्र. स्वरूप . कर्ता संवत् कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. 1472 मूल (1) सुधर्मास्वामीजी 53. अंगचूलिका (1472-1473) वी.सं. पूर्व । (प्रा.) * गद्य * चू. 1 ग्रं.800 {नमो सुअदेवयाए भगवइए।...जं त्रीश वर्ष जिणेहिं पवेइयं।) {1308} वैशाख सुद 11 वि. 2066 | 'अंगोपनिषद्' * (सं.) * गद्य * (चू. 1), प्रशस्ति गद्य (प्रणिपत्य जिनं वीरं,...प्राग्वत्। अङ्गचूलिका समाप्तेत्युपसंहारः।}{1308} 1473 अर्वा. टीका कल्याणबोधिसूरि (2) 1474 मूल (1) यशोभद्रसूरि 54. वर्गचूलिका (1474-1476) वी. पहली- | (प्रा.) * गद्य, पद्य * सूत्र 65 {भत्तिब्भरनमियसुरवरसिरसेहर किरणरईयसस्सिरियं। नमिउं सिरिवीरपयं...दढचित्ता होह पइदियहं।।65।।) {1309, 1310) दूसरी 1475 अर्वा. टीका (2) | कल्याणबोधिसूरि वि. 2066 'वर्गोपनिषद्' * (सं.) * गद्य * (सूत्र 65) {श्रीवर्द्धमानं जिनवर्द्धमानं, सूरीन्द्रमेवं...मम। शोधयन्तु बहुश्रुताः।} {1310} 1476 सारांश (3) खांतिविजयजी पंन्यास |वि. 19792 | (हिं.) * गद्य * (सूत्र 65) {प्रणम्य जगदानन्दं, मोक्षमार्ग विधायकम्, ...यशोभद्रसूरिजीका नाम भी जणाया.) {1309) 1479 55. गच्छाचारप्रकीर्णकसूत्र (1477-1490) 1477 मूल (1) पूर्वाचार्य (प्रा.) * पद्य * गाथा 137 ग्रं.175 {नमिऊण महावीर तियसिंदनमंसियं...भणियं, इच्छंता हियमप्पणो।।) {1311, 1312, 1313,1314, 1315, 1316, 1317, 1318, 1319, 1320, 1321, 1322, 1323, 1324, 1325, 1326, 1327, 1328, 1369, 1379, 1390, 1393, 1399, 1426, 1480, 1484,1510, 1523%3D28} |1478 टीका (2) 1| विजयविमल गणि वि. 16302 (सं.) * गद्य * (गाथा 137), प्रशस्ति गद्य {श्रीपार्श्वजिनमानम्य, तीर्थाधीशं वरप्रदम्।...कस्य?, आत्मनः।।} {1312, 1320, 1324,1326,152395) 2 | विजयविमल गणि वि. 1634 'बृहट्टीका' * (सं.) * गद्य * (गाथा 137), प्रशस्ति श्लोक-5+78 ग्रं.5850 {उद्बोधं विदधेऽब्जानामिव भव्यशरीरिणाम्।... गच्छाचाराभिधप्रकीर्णकटीकायां श्रीगुरुपर्वक्रमवर्णनाधि कारः समाप्तः ।।) {1313, 1317, 1320, 1325=4} 1480 छाया (3) |1| राजेन्द्रसूरि भट्टारक | वि. 1936# | (सं.) * पद्य* (गाथा 137) {1315,1318,1328) 1481 2 दानसूरि (#) वि. 1979P (सं.) * पद्य * (गाथा 137) {1311, 1319, 1320, 1325, 1326, 132736 1482 3 सागरानंदसूरि (#) वि. 1983P | (सं.) * पद्य * (गाथा 137) {1426, 1480, 1484) |1483 अनु. (4) 1 दानसूरि (#) वि. 1979P | (गु.) * गद्य * (गाथा 137) {1311, 1325, 1326, 132734) 1484 2| कर्पूरविजयजी वि. 1980 (गु.) * गद्य * (गाथा 137), प्रशस्ति गद्य {1314, 1316) 1485 3| सुरेश सिसोदिया डॉ. | वि. 2050P | (हिं.) * गद्य * (गाथा 137) {1321) Page #128 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम कृति परिचय क्र. स्वरूप पे. | कर्ता संवत् कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण*आदि-अंत*प्र.क्र. 1486 1487 दीपरत्नसागरजी दीपरत्नसागरजी कर्नल दलपतसिंघ बाया 1488 वि. 2053P (गु.) * गद्य * (गाथा 137) {1463, 1537} वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (गाथा 137) {1474} वि. 2060P | सुरेश सिसोदिया डॉ. कृत (हिं.) अनु. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (गाथा 137) {1322} वि. 1944 | ‘बृहट्टीकानुसारी विवे.' * (गु.) * गद्य * (गाथा 137), प्रशस्ति श्लोक-8 (सं.) {1315,1318, 1328) वि. 2066 'विजयविमल गणि कृत लघुटीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (गाथा 137) {1537} राजेन्द्रसूरि भट्टारक 1489 अनु., विवे. (5) | 1490 विवे. (6) दीपरत्नसागरजी 1491 मूल (1) पूर्वाचार्य 56. तीर्थोद्गालीकप्रकीर्णकसूत्र (1491-1493) (प्रा.) * पद्य * गाथा 1261 ग्रं.1565 {जयइ ससिपायनिम्मलतिहुयणवित्थिण्णपुण्णजसकुसुमो। उसभो...भणिया उ अंकेणं।।126111) {1329, 1379, 1405) |1492 छाया (2) कल्याणविजयजी पंन्यास, | वि. 2030P | | (सं.) * पद्य * (गाथा 1261) {1329} गजसिंह राठोड ठाकुर कल्याणविजयजी पंन्यास, | वि. 2030P | (हिं.) * गद्य * (गाथा 1261) {1329) गजसिंह राठोड ठाकुर 1493 अनु. (3) 1494 मल (1) 57. मरणसमाधिप्रकीर्णकसत्र (1494-1497) पूर्वाचार्य (प्रा.) * पद्य * गाथा 661 ग्रं.837 {तिहुयणसरारविंदं सप्पवयणरयणसागरं नमिउं।...झाणं जेसु झायव्वं ।।66111) {1330, 1332, 1333,1345, 1369,1379, 1389,1393,1399, 1426, 1480, 1484, 1510, 1523314} सागरानंदसूरि (2) वि. 1983P (सं.) * पद्य * (गाथा 663) {1333, 1426, 1480, 1484, 152335) भव्यदर्शनसूरि वि. 2064 (गु.) * गद्य * (गाथा 663) {1333} अरुणा मुकुंदकुमार लट्ठा । | वि. 2056P 'मरण समाधि : एक अध्ययन' * (गु.) * गद्य * प्रक. 5 {1331) 1495 छाया (2) 1496 अनु. (3) 1497 शोधग्रंथ (4) 1498 मूल (1) 58. आराधनापताकाप्रकीर्णकसूत्र-वीरभद्राचार्य कृत (1498-1498) वीरभद्राचार्य वि. 1078 (प्रा.) * पद्य * गाथा 989 ग्रं.1200 {नियसुचरियगुणमाहप्प. दिण्णसुररायरिद्धिवित्थारो। जयइ सुररायपूइयगुणमाहप्पो... नंदउ जिणसासणं सुइरं।।989।।} {1334, 1379} 1499 मूल (1) 59. ज्योतिष्करंडकसूत्र (1499-1503) पादलिप्तसूरि वी. सदी | (प्रा.) * पद्य * प्रा. 23→गाथा 405 ग्रं.1850 {कातूण नमोक्कारं जिणवरवसहस्स...रइया गाहाहिं परिवाडी।।40511) {1335, 1336, 1337, 1379, 1405=5} 5वीं Page #129 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 59. ज्योतिष्करंडकसूत्र संवत् स्वरूप 1500 टीका (2) पे. | कर्ता मलयगिरिसूरि वि. 11502 | 1501 टिप्पण (3) शिवनंदि वाचक | कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. (सं.) * गद्य * (प्रा. 21-गाथा 376), प्रशस्ति श्लोक-2 ग्रं.5000 (स्पष्टं चराचरं विश्वं,...श्रीमलयगिरिविरचिता ज्योतिष्करण्डकटीका समाप्तेति।। {1335, 1337} 'चन्द्रलेखावृत्ति' * (प्रा.) * गद्य * (प्रा. 23) ग्रं.1580 {एत्थ विचारणं-कालप्पमाणस्स माणं...गति (? णि) हेतूणं (? हेतुं।।} {1336) (गु.) * गद्य * (प्राभृत 21→गाथा 376), प्रशस्ति गद्य (सं.) {1337} 1502 अनु. (4) पावरत्नसागर वि. 2068 1503 टीकानु. (5) पावरत्नसागर वि. 2068 'मलय. टीकानु.' * (गु.) * गद्य * (प्राभृत 21→गाथा 376), प्रशस्ति गद्य (सं.) {1337) 60. अड्गविद्याप्रकीर्णकसूत्र (1504-1504) 1504 मूल (1) पूर्वाचार्य (प्रा.) *गद्य, पद्य - अध्याय 60.9000 (णमो अरहंताणं.... साहूणं। णमो...भगवतीए सुतदेवताए।।छ।। ग्रं.9000} {1338} 1505 मूल (1) पूर्वाचार्य 61. सारावलीप्रकीर्णकसूत्र (1505-1505) (प्रा.) * पद्य * गाथा 116 ग्रं.145 {आरंभेसु निवत्ता सव्वठाणेसु...अइरेणं साहु सक्कारं।।116।।} {1339, 1379, 1405} 1506 मूल (1) अज्ञात 62. सिद्धप्राभृत (1506-1510) (प्रा.) * पद्य * गाथा 119 ग्रं.135 (तिहुयणपणए तिहुयण. गुणाहिए तिहुयणातिसयणाणे(णी) ।...सम्मत्तं अग्गेणिय. पुव्वणिस्संदं।।। {1340, 1341, 1342, 1343, 1510=5} 1507 टीका (2) अज्ञात (सं.) * गद्य * (गाथा 119) ग्रं.815 {सकलभुवनेशभूतानिखिलातिशयान् जिनान् गुरून्...निःष्यन्द इदं सिद्धप्राभृतकमिति।।} {1340, 1341, 1343} 1508 सज्झाय (3) | गुणविजयजी गणि वि. 1668# | सर्वार्थसिद्ध विमान वर्णन की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 16 {जगदानंदन गुण निलो (वीनQ) ...फळे आशो रे।।16।।) {1776, 1782, 1784) (सं.) * पद्य * (गाथा 119) {1343) (गु.) * गद्य * (गाथा 119), प्रशस्ति (सं.) गद्य (सकल भुवनना ईश्वर...स्वोपकाराय च स्फुटः।।) (1343) वि. 2069P 1509 छाया (4) | 1510 टीकानु. (5) पार्श्वरत्नसागर पार्श्वरत्नसागर वि. 2069P 1511 मूल (1) 63. आराधनाप्रकरण-सोमसूरि कृत (1511-1516) सोमसूरि (प्रा.) * पद्य * गाथा 70 (नमिऊण भणइ एवं, ...ते सासयं ठाणं।।} {1417, 1437, 1449, 1450, 1451, 1497, 1501,1516%D8) Page #130 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. स्वरूप 1512 अवचूरि (2) 1513 स्तवन (3) 1514 अनु. (4) 1515 1516 1517 मूल (1) 1518 छाया (2) 1519 अनु. (3) 1520 मूल (1) 1521 मूल (1) 1522 मूल (1) 1523 थोकडा (1) पे. 1 कर्ता अज्ञात विनयविजयजी उपाध्याय अज्ञात 2 अज्ञात 3 कुंवरजी आनंदजी शाह अज्ञात कीर्तियशसूरि कीर्तियशसरि 65. पूर्वाचार्य 66. पूर्वाचार्य अज्ञात आगम कृति परिचय संवत् fa. 1729 fa. 1962 fa. 1994P fa. 1994P रोशनलाल आर. जैन, इन्द्रचंद्र शास्त्री डॉ., वीरपुत्रजी महाराज fa. 2064P fa. 2064P कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि अंत प्र.क्र. (सं.) * गद्य * (गाथा 70 ) ( (मंगला.) नत्वा तत्त्वार्थवेत्तारं, श्रीवीरं... सौख्यं मोक्षप्राप्तिलक्षणमिति गाथाऽक्षरार्थलेशः ।। 7011} {1497, 1501, 1516} 64. लघुचतुःशरणप्रकीर्णकसूत्र (1517-1519) 'पुन्य प्रकाश का स्तवन (गु.) * पद्य * ढाल 8 1 सर्वगाथा 100, कळश गाथा-5 (सकल सिद्धिदायक सदा, ... पुन्य प्रकाश ए। 1511} {1360, 1361, 1376, 1385, 1440, 1448, 1497, 1501, 1516, 1760, 1768, 1773, 1776, 1781 14} (गु.) * गद्य * (गाथा 70 ) ( श्री गुरु महाराजने ... स्थानकने (मोक्षने) पामशे|17011} {1417, 1430, 1437, 1440, 1448, 1450, 1451=7} (गु.) * गद्य * (गाथा 70) (1432 } ‘आराधना प्रकरण’ * (गु.) *गद्य * (गाथा 70 ) ( परमात्माने मन-वचन-कायानी शुद्धि... करे छे. 70} {1497, 1501, 1516} 87 आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णकसूत्र -1 (1520-1520) (प्रा.) * पद्य * गाथा 27 {चउसरणगमण 1 दुक्कडगरिहा 2 सुकडाणुमोयणा... लंघेउं लहइ कल्लाणं । 12711} {1027, 1379, 1393, 1405=4} (सं.) * पद्य * (गाथा 27 ) ( 1027 } (गु.) *गद्य (गाथा 27) {1027} आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णकसूत्र -2 (1521-1521) (प्रा.) * पद्य, गद्य * सूत्र 30 { अरहंता मंगलं मज्झ, ... सव्वं तिविहेण वोसिरे | 13011} {1030, 1379, 1393, 1405=4} 67. संसक्तनिर्युक्ति (1522-1522 ) (प्रा.) * पद्य * गाथा 34 { कुससत्थरे निसन्नो भावेण... सव्वं तिविहेण वोसिरामि।।3411} {1030, 1379, 1393, 1405=4} 74. आगम थोकसंग्रह (1523-1523) fa. 1997P (प्रा.) पद्य गाथा 63 ( उसभाइवीरचरिमे, सुरासुरनमंसिए पणमिऊणं |... करेइ साहू परिहरतो।।} {1344} 'जैन सिद्धांत बोल संग्रह' * (हिं.) गद्य * बोल 57 थोकडा 1012 (1607) Page #131 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 74. आगम थोकसंग्रह क्र. स्वरूप पे. कर्ता संवत् कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण*आदि-अंत प्र.क्र. लब्धिसूरि 1524 सारांश, अर्वा. टीका (1) 77. आगम परिचय (विस्तृत) (1524-1525) वि. 2003P | 'सूत्रार्थमुक्तावलि' अनु.सूत्र, आचा.सूत्र, सू.कृ.सूत्र, स्था.सूत्र और सम.सूत्र का सारांश टीकायुक्त * (सं.) * गद्य * वि. 5-सूत्र 52+88+82+238+100 {वाचा निर्मलया सुधामधुरया... नोहीपयति सात् कर्तुम्।।) {1628 } वि. 2006 जैन प्रवचन किरणावली * (प्रा., गु.) * पद्य, गद्य * वि. 5→प्रकाश 28-गाथा 234, प्रशस्ति गाथा-235-244 {सयलिच्छियकप्पतरूं, अचिंतमाहप्पजोगखेमयरं। सिरि. संखेसर...प्रवचन किरणावली समाप्ता।।) (1630, 1636} पद्मसूरि 1525 सारांश, विवे. (2) 80. गणधरवाद (विशे.भा.गाथा 1549-2024)/(कल्पसूत्र व्या.6→सूत्र 122वाँ) (1526-1553) 1526 प्रकरण (1) मुक्तिविमलजी पं. वि. 1970# गणधरवाद * (सं.) * गद्य * (व्या. 6→सूत्र 122वाँ), प्रशस्ति श्लोक-5 {श्रीवीरं सद्गुरुं नत्वा...विहारं कर्तुं प्रवृत्तः।।) {1726) 1527 छाया (2) |1|धीरुभाई प्रेमशंकर ठाकर | वि. 2006P (सं.) * पद्य * (गाथा 1549-2024) {1727) डॉ.(2) 1528 धीरजलाल डाह्यालाल | वि. 2065P | (सं.) * पद्य * (गाथा 1549-2024) {1746} महेता (2) |1529 अनु. (3) 1 दलसुखभाई मालवणिया | वि. 2006P | 'मलधारीय टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (गाथा 1549-2024) पंडित {1735) 1530 धीरुभाई प्रेमशंकर ठाकर वि. 2006P | (अं.) * गद्य * (गाथा 1549-2024) {1727} डॉ. 1531 3 Esther A. Solomon | वि. 2017 | (अं.) * गद्य * (गाथा 1549-2024) {1729} Dr. 1532 | चिदानंदसूरि वि. 2027P 1533 5 पृथ्वीराज जैन वि. 2038P | 1534 6 सुशीलसूरि वि. 2043 | 'सुबोधिका टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (व्या. 6 सूत्र 122वाँ) {1731, 1732, 1743} | दलसुखभाई मालवणिया के (गु.) अनु. का भाषां. * (हिं.) * गद्य * (गाथा 1549-2024) {1733} गणधरवाद काव्य का स्वोपज्ञ अनु. * (सं.) * गद्य * (श्लोक 197), प्रशस्ति गद्य (1737} गणधरवाद काव्य का स्वोपज्ञ अनु. * (हिं.) * गद्य * (श्लोक 197) {1737) (हिं.) * गद्य * (गाथा 1549-2024) {1744) 'सुबोधिका टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (व्या. 6→सूत्र 122वॉ) {1745) (गु.) * गद्य * (गाथा 1549-2024) {1746) 1535 7 | सुशीलसूरि वि. 2043 1536 8| जयंतसेनसूरि (2) | कनकरत्नसूरि वि. 2056P वि. 2057P 1537 1538 | वि. 2065P 10 धीरजलाल डाह्यालाल महेता देवेन्द्रविजयजी 1539 अनु., विवे. वि. 1989# | राजेन्द्रसूरि कृत आ.नि. आधारित (गणधरवाद) काव्य का अनु., विवे * (हिं.) * गद्य * (सर्ग 6) {1740) (4) Page #132 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. स्वरूप 1539 पद्यानु. (5) 1540 1541 टीकानु. (6) 1542 fad. (7) 1543 1544 1545 1546 1547 1548 1549 प्रव. (8) 1550 1551 1552 शोधग्रंथ (9) 1553 1554 स्तवन (1) 1555 1556 1557 सज्झाय (2) + पे. कर्ता 1 राजेन्द्रसूरि भट्टारक 2 सुशीलसूरि 1 धीरुभाई प्रेमशंकर ठाकर डॉ. 2 धीरजलाल डाह्यालाल महेता, वि. 2065P कृतिसंशो. कल्याणयोधिसूरि Esther A. Solomon Dr. 3 भद्रंकरसूरि 4 भुवनभानुरि 5 भुवनभानुसूरि 6 के. रामप्पा 1 7 जयंतसेनसूरि 1 अरुणविजयजी पंन्यास 2 पद्मसागरसरि 3 अशोक शाह दलसुखभाई मालवणिया पंडित 2 पृथ्वीराज जेन 1 जिनप्रभसूरि आगम कृति परिचय संवत् fa. 1979 2 धर्मवर्द्धनजी fa, 2042 वि. 2006P fa. 2017 fa. 2017P fa. 2020 fa, 2022# fa. 2045P fa. 2056P fa. 2040 fa. 2043P fa. 2044P fa. 2006 fa. 1773 89 कृति विशेषनाम* भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण*आदि अंत*प्र.क्र. आ.नि. आधारित काव्य * (सं.) पद्य * सर्ग 6 - गाथा 188 श्रीवीर वीरो जिनधर्मधीरः,... श्रेयसे स्याज्जगतां समेषाम् ।।20।।} {1740} कल्पसूत्र सुबोधिका टीकानुसारी काव्य * (सं.) * पद्य * श्लोक 197, प्रशस्ति श्लोक - 28 ( जयतु जयतु भास्वत्...यत् वाच्यमानं भवेत् । ।28।।} {1737} 3 क्षमाकल्याणजी उपाध्याय वि. 1827# 1 लक्ष्मीविजयजी 'मलधारीय टीकानु' * (गु.) * गद्य * (गाथा 1549-2024) {1746} * 'मलधारीय टीकानुसारी' (अं.) गद्य (गाथा 1549-2024) (1727) 'मलधारीय टीकानुसारी' * (अं.) *गद्य * (गाथा 1549-2024) {1729} (गु.) * गद्य * (व्या. 6 सूत्र 122वाँ) {1728} (गु.) * गद्य * (गाथा 1549-2024 ) ( (प्रथम गणधरः... शिष्याणु भानुविजय । (समाप्त)} (1741} (हिं.) * गद्य * (गाथा 1549-2024 ) ( ( प्रथम गणधरः... के शिष्याणु भानुविजय।।) (1730 ) (अं.) * गद्य * (गाथा 1549-2024) {Bhagavan shri Mahavir.... “michchhami dukkadam'.} {1739} 'मलधारीय टीकानुसारी' * (हिं.) *गद्य * (गाथा 1549-2024) {1744) 'मलधारीय टीकानुसारी' * (गु.) *गद्य * (गाथा 1549-2024) प्रव. 16 1734, 1742 } (हिं.) गद्य * प्रव. 12 {1736 } वि. 2038P दलसुखभाई मालवणिया कृत (गु.) शोधग्रंथ का भाषां. * (हिं.) * गद्य * (गाथा 1549-2024) {1733} 81. आगम सज्झाय आदि (1554-1572) fa. 1364# पद्मसागरसूरिजी कृत (हिं.) प्रव. का भाषां. * (गु.)*गद्य* (प्रव. 12) (1738 } (गु.) *गद्य * (गाथा 1549-2024) (1735 } 45 नामगर्भित आगम स्तवन (प्रा.) * पद्य गाथा 11 { सिरिवीरजिणं सुयरयरोहणं पणमिऊण... पणयालीसपमाणं णियणियणामेण णायव्वा । ।11।1} {1778} 45 आगम संख्या गर्भित वीर जिन स्तवन * (मा.गु.) * पद्य * ढाल 3 / सर्वगाथा 28, कळश 28-28 (देवां ना पिण... देख ए ।।28।1} {1775) (गु.) * पद्य * गाथा 7 {श्रुत अतिहि भलो, ... क्षमाकल्याण सदा पावै ।।7।। श्रु० ||} {1755} (गु.) * पद्य * गाथा 13 ( भवि तुमे वंदो... शिवलक्ष्मी घर आणो... भविo 11311] (1781, 1784) Page #133 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 81. आगम सज्झाय आदि क्र. स्वरूप संवत् पे. | कर्ता 2 | रत्नसागरजी (#) 1558 कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य-परिमाण आदि-अंत प्र.क्र. (गु.) * पद्य * गाथा 23/18 (वीर जिणंद वांदीने...ते मुनिवरना पाया।।} {1749, 1768, 1781, 178434} 1559 3 | यशोविजयजी महोपाध्याय वि. 1725# साधुगुण की सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 4/ सर्वगाथा 41, प्रशस्ति 1 (सद्गुरु एहवा सेविये, ...साहुण जससिसेण एए।।111) {1748, 1794) 1560 4 | यशोविजयजी महोपाध्याय | वि. 1725# 1561 5 ज्ञानविमलसूरि वि. 17282 45 आगम नामगर्भित सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 13 (अंग ईग्यार (अगीयार) ने...ते शिव वरे।।1311) {1766, 1772, 1782, 1784, 1785, 179436) अग्यार अंग अने बार उपांगनी सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 6 {अंग अग्यार सोहामणा...शुं नेह तो।।6।।} {1748, 1784, 1792 मोहनीयकर्मबंधना 30 स्थाननी सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 5 {जिनशासन जाणी आणी...भाख्या विस्तारथी अधिकार।। 511} {1792} (मा.गु.) * पद्य * ढाल 21 । सर्वगाथा 289, कळश 4+9 {प्रेमे पास जिणंदनां...वरीये. भविजन 9} {1759, 1784, 1792) 1562 16 | ज्ञानविमलसूरि वि. 17282 1563 7 | ज्ञानविमलसूरि वि. 17282 1564 |8| यशोविजयजी महोपाध्याय | वि. 1744 1565 9 विनयचंद्रजी वि. 1755 1566 10 हरखसागरजी | वि. 1798 1567 छत्रीशी (3) पार्श्वचंद्रसूरि वि. 1554# 1568 पूजा (4) |1| उत्तमविजयजी गणि वि. 1834 'प्रत्येक अंग की' * (गु.) * पद्य * सज्झाय 11, कळश 6 {आचारांग पहेलुं कर्तुं...कीधो ए सुपसाय. टो० 6} {1748, 1766, 1794} 'प्रत्येक अंग की' * (गु.) * पद्य * सज्झाय 11, कळश 7 {पहेलो अंग सोहामणो...सज्झाय कि; स०11711) {1755, 1761,1764,178434} 45 आगम की सज्झाय * (मा.गु.) * पद्य * गाथा 14 {प्रणमी शांतिजिनेश्वर पाया, ...दिलमा भासे रे... (भविकाo) ||1411) {1784} आगम छत्रीशी * (मा.गु.) * पद्य * ढाल 41 सर्वगाथा 36, कळश 36-36 {सुहगुरु चरण कमल...आणंदे पार्श्वचंद्रसूरिंदे भणिय।।3611) {1753} 45 आगम पूजा * (मा.गु.) * पद्य * ढाल 51 सर्वगाथा 75. प्रशस्ति गाथा-11 {सुखकर साहिब सेवीइं...जयकार विशाला जी।।1111) {1789) 45 आगम पूजा * (गु.) * पद्य * ढाल 8/ सर्वगाथा 133, कळश गाथा 5 {श्री शंखेश्वर पासजी, ...रस गावे. नित०।।511} {49, 298, 1765, 1776, 1788%5} 45 आगम पूजा * (ग.) * पद्य *ढाल 45/ सर्वगाथा 330, कळश गाथा 5+7 (भविक जीव हितकारिणी,...सुख पाया रे।।711} {49, 148, 298, 1027, 1030, 1758, 1777, 1780, 1783, 1787, 1788, 1790, 1791, 1793, 1795%D15) 45 आगम की वीरविजयजी पं. कृत पूजा का अनु. * (गु.) * गद्य * (ढाल 8) {1765} | रूपविजयजी कृत 45 आगम पूजा का अनु. * (गु.) * गद्य * (ढाल 45) {1793} 1569 2| वीरविजयजी पंन्यास वि. 1881 |15701 3 रूपविजयजी पंन्यास | वि. 1885 1571 अनु. (5) |1| कुंवरजी आणंदजी शाह वि. 1992P 1572 2 प्रद्युम्नसूरि वि. 2060P Page #134 -------------------------------------------------------------------------- ________________ सू.कृ.सूत्र THALE आचा.सूत्र , दशाश्रु.सूत्र 'व्यव.सूत्र न सत्र दश.सूत्र (2) आव.सूत्र आगम पंचांगी नियुक्ति Page #135 -------------------------------------------------------------------------- ________________ व्यव.सत्र जीत.सूत्र बृ.क.सूत्र निशीथसूत्र पिंड सत्र उत्त.सत्र दश.सूत्र आव.सूत्र ओ.नि.सूत्र पंच.भाष्य आगमपंचांगी I Page #136 -------------------------------------------------------------------------- ________________ भग. सूत्र सू. कृ. सूत्र आचा. सूत्र उत्त. सूत्र नदासत्र अन. सूत्र निशीथसूत्र दशाश्रु. सूत्र भाव. सूत्र बृ.क. सूत्र जात. सूत्र आगम पंचांगी चूर्णि Page #137 -------------------------------------------------------------------------- ________________ www सू. कृ. सूत्र (3) आचा. सूत्र (3) राज. सूत्र स्था. सूत्र औप. सूत्र कल्पसूत्र (9) 3 जीवा. सूत्र सम. सूत्र प्रज्ञा. 12 सूत्र उत्त. सत्र (7) (2) चतुः प्रकी.स का. सूत्र यति सूत्र Hengren भग ुसूत्र • सूर्य. सूत्र (2) जबू. सूत्र निशीथसूत्र दश. सत्र ठिसूत्र (4) आ.प्र.प्रकी. सूत्र श्री. जीत. सूत्र (2) नंदीसूत्र (2) व. सूत्र • व्यव. सूत्र संस्ता. सूत्र ओ.नि. सूत्र अनु. सूत्र (2) T चंद्र. सूत्र ब. क. सूत्र पड. सूत्र (4) ज्ञाता. सूत्र निर. सूत्र तंदुल . प्रकी. सूत्र A (2) • गच्छा. प्रकी. सूत्र उ. द. सूत्र कल्पाव. सूत्र अं. द. सूत्र पुष्पिकासूत्र ज्योति. सूत्र अनु. द. सूत्र पुष्प. सूत्र वृष्णि. सूत्र सिद्ध.प्र. प्रश्न. सूत्र (2) वि. सूत्र आगम पंचांगी टीका auth Page #138 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि प्रकाशन नाम एवं परिचय वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1936 (अ.) 722 (A) 1958 (अ.) 334 (B) 1.आचारांगसूत्र (1-98) आचारांग जी सूत्र प्रथमांग (आचा.सूत्र धनपतसिंह बहादुर, नूतन | अप्रदर्शित सह नियुक्ति, शीलांकी टीका, संस्कृत यंत्र {आगमसंग्रह जिनहंससूरिजी कृत टीका, भाग 1) पार्श्वचंद्रसूरिजी कृत बा.बो.} {दे.ना.} {1,2,4,5,7} आचाराङ्ग सूत्र (भाषान्तर.) रवजी देवराज, जैन संपा.-रवजीभाई देवराज (#) [Acharanga Sutra] (TEXT WITH प्रिन्टींग प्रेस, अमदावाद GUJARATI TRANSLATION) {आचा.सूत्र सह रवजीभाई देवराज कृत (गु.) अनु.} {गु., दे.ना.} [T] {1, 25} आचाराङ्ग सूत्र (मूळ सहित रवजी देवराज, राजकोट संपा.-रवजीभाई देवराज (#) भाषान्तर) [ACHARANGA प्रिन्टींग प्रेस SUTRA) (TEXT WITH GUJRATI TRANSLATION) {आचा.सूत्र सह रवजीभाई देवराज कृत (गु.) अनु.} (दे.ना., रो.) [T] {1,25) |1962 (2) 450 (B) |F.A. Brockhaus संशो., संपा.-Walther Schubring 1966 (अ.) 126 (C) ACARANGA SUTRA (ERSTER SRUTASKANDHA) {आचा.सूत्र मूल [श्रु.1]} {रो.} [T, S] {1} आचाराङ्ग सूत्र {आचा.सूत्र सह राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि (#) |1972 (अ.) |650 (P) अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.} सहायजी ज्वालाप्रसादजी {दे.ना.} [T, S] {1, 26} जौहरी आचारागसूत्रम् {आचा.सूत्र सह आगमोदय समिति संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) | 1973 (अ.) 437 (P) नियुक्ति, शीलांकी टीका} {दे.ना.} [T, S] {1, 2,4} आचारांगसूत्र {आचा.सूत्र सह मोहनलालजी जैन संपा.-माणेक मुनि (#) 1977- 296+284+ नियुक्ति, माणेक मुनिजी कृत शीलांकी श्वेतांबर ज्ञानभंडार, सुरत 1978 (1) 1320...%3D1576 (D) टीका का (गु.) अनु.) भाग 1-5 {गु., दे.ना.} {1, 2, 51} आचाराङ्ग-सूत्रम् (प्रथम: जैन साहित्य संशोधक संपा.-तिलकविजयजी (#), पूर्व 1980 (अ.) |62 (B) श्रुतस्कन्धः) {आचा.सूत्र मूल [श्रु.1]} |कार्यालय संशो.-Walther Schubring {दे.ना.} [S] {1} आचारांग सूत्र (सुबोध भाषांतर अने। कमाणी ट्रस्ट {गुलाबवीर संपा.-डुंगरशी मुनि (#) 1986 (अ.) 269 (B) टिप्पणी सहित) {आचा.सूत्र सह ग्रंथमाला रत्न 60} डुंगरशी मुनिजी कृत (गु.) अनु.} {गु., दे.ना.} {1, 28} आचारांग-धूताध्ययन (बावीश मननीय वीरशासन कार्यालय अप्रदर्शित 1986 (2) 498 (C) व्याख्यानो.) {आचा.सूत्र के (अ.) (धूताध्ययन के) रामचंद्रसूरिजी कृत 10 Page #139 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 92 क्र. 11 13 12 आचाराङ्गं (प्रथमः श्रुतस्कन्धः) [आचा. सूत्र सह नियुक्ति, शीलांकी | टीका [श्रु.1]} {दे.ना. } [T, S] {1, 2, 4} 14 16 17 प्रकाशन नाम एवं परिचय (गु.) प्रव. 22 [श्रु. 1 अ. 1]] भाग 1 {गु.} {62} 19 आचाराङ्गसूत्रम् {आचा. सूत्र सह निर्युक्ति, माणेक मुनिजी कृत शीलांकी | टीका का (गु.) अनु.) भाग 1-5 {दे. ना.} {1, 2, 51} 20 21 आचाराङ्गसूत्रम् {आचा. सूत्र सह निर्युक्ति, शीलांकी टीका) भाग 1-2 [दे. ना.) [T. S] [1,2,41 आचारांग सूत्र (गुजराती छायानुवाद का हिन्दी अनुवाद) ( आचा. सूत्र का गोपालदास जीवाभाई पटेल के (गु.) अनु. का अज्ञात कर्तृक (हिं.) भाषां.) दे.ना.) [T] (30) आचाराङ्गसूत्रदीपिका ( आचा. सूत्र | सह अजितदेवसूरिजी कृत दीपिका | टीका [श्रु.1]} {दे.ना. } [S] {1, 6} अखिल भारतीय श्वेतांवर अप्रदर्शित स्थानकवासी जैन कोन्फरन्स हंसराज जिनागम विद्या प्रचारक | फंड समिति ग्रंथ 4} 15 आचारांगचूर्णि: ( आचा. सूत्र की चूर्णि} ऋषभदेव केशरीमलजी संशो., संपा. सागरानंदसूरि (#) 1998 (1) 384 (P) दे.ना.) [8] (3) जैन श्वेतांबर संस्था संशो. कुमुदसूरि कृत (गु.) प्रव. 20) भाग 1 (गु., दे.ना. } [T] (63) 1. आचारांगसूत्र प्रकाशक (ग्रंथमाला} सुत्तागमे ( आचा. सूत्र. मूल } | भाग 1-2 (दे.ना.} {1} हीरालाल हंसराज पंडित संपा. -हीरालाल हंसराज (#) 18 | आचाराङ्ग-सूत्रम् (प्रथम श्रुतस्कन्ध) जैन साहित्य समिति, नयापुरा { आचा. सूत्र सह सौभाग्यमलजी मुनि कृत छाया (हिं.) शब्दार्थ, अनु.. अनु., विवे. |[श्रु.1]} {दे.ना.} [S] {1, 12, 42} आचाराङ्गसूत्रम् ( आचा. सूत्र सह घासी. कृत टीका, छाया, (हिं., गु.) अनु. (श्रु. 1 अ. 1), विवे. संपादक, संशोधक आदि आचारांगसूत्र व्याख्यानसंग्रह (अध्ययन जैन पुस्तक प्रचारक संस्था संपा. कंचनविजयजी, 4: सम्यक्त्व) (आचा. सूत्र के सम्यक्त्व क्षेमंकरसागरजी | अध्ययन (अ.4था) के सागरानंदसूरिजी ऋषभदेव केशरीमलजी संशो., संपा. सागरानंदसूरि (#) 1991 (अ.) 289 (P) जैन श्वेतांबर संस्था | मणिविजयजी गणिवर |ग्रंथमाला (ग्रं. 11) | सिद्धचक्र साहित्य प्रचारक संशो., संपा. सागरानंदसूरि (#) 1991समिति 1992 (1) ढंढेरो अथवा गुरुमंत्र ( आचा. सूत्र के रतनचंद शंकरलाल शाह अप्रदर्शित सम्यक्त्वाध्ययन के सागरानंदसूरिजी कृत (गु.) | प्रव. 21 51 (श्रु. 1 अ. 4था ) } भाग 2 {गु.} {63} संपा. बसंतीलालजी नलवाया वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1988222+202+ 1991 (अ.) 192... 1136 (P) | सूत्रागम प्रकाशक समिति संपा. -फूलचंद्रजी मुनि (पुप्फभिक्खु) अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो. - कन्हैयालालजी मुनि स्थानकवासी जैन | शास्त्रोद्धार समिति 290+114= 404 (P) 1994 (1) 148 (C) 2005 (3T.) 246 (P) 2006 (3T.) 312 (C) 2007 (1) 655 (B) 2007 (3T.) 386 (B) 2007 (3T.) 68+32=100 (D) 20082034 (1) 748+769+ 673...=3382 | (B) Page #140 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 93 22 23 . 4 25 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) (श्रु.1→अ.5-9), स्वोपज्ञ टीकानु.) भाग 1-4 {दे.ना., गु.} {1, 13, 17, 56,57} आचारांग सूत्रम् (प्रथम श्रुतस्कंध) अगरचंद भैरोंदान सेठिया संपा.-वीरपुत्रजी महाराज (#) 2008 (1) |326 (P) { आचा.सूत्र सह वीरपुत्रजी मुनि कृत जैन पारमार्थिक संस्था (हिं.) अन्व., विवे. [श्रु.1]} {दे.ना.} {पुष्प 116) {1, 22} आचाराङ्गसूत्रम् {आचा.सूत्र का अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि |2013- |299+344+ घासी, कृत (गु.) अनु. (श्रु.1→अ.1), स्थानकवासी जैन 2034(2) 344...-1380 (B) विवे. (श्रु.1→अ.5-9), स्वोपज्ञ शास्त्रोद्धार समिति टीकानु.} भाग 1-4 {गु., दे.ना.} {56} | आचारांगसूत्र (हिन्दी) (पहला अंश) सूत्रागम प्रकाशक समिति | अप्रदर्शित 2014 (1) 310 (D) पहले अध्ययन से पाँचवें अध्ययन तक (पहला श्रुतस्कंध) {आचा.सूत्र का सौभाग्यचंद्रजी मुनि कृत (हिं.) अनु., विवे. [श्रु.1→अ.5]} {दे.ना.} [T] {43} आचारांगसूत्रनुं गुजराती अनुवादन महावीर साहित्य प्रकाशन संपा.-सौभाग्यचंद्रजी मुनि (2) | 2015 (2) 592 (C) {आचा.सूत्र का सौभाग्यचंद्रजी मुनि मंदिर कृत (गु.) अनु., विवे. [श्रु.1]} {गु.) [T] {41} 26 आचारांगसूत्रम् { आचा.सूत्र सह आत्माराम जैन प्रकाशन संपा.-समदर्शीजी मुनि 2019- 838+766आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) अन्व., समिति {जैनागम |2020 (1) |1604 (B) अनु., विवे.) भाग 1-2 {दे.ना.} [T, S] |शास्त्रमाला रत्न 6} {1, 11, 21} 27 आचारांग सूत्र (प्रथम स्कंध) ठाकरशी करसनजी शाह अप्रदर्शित 2020 (1) 452 (D) {आचा.सूत्र सह ठाकरसीभाई करसनजी शाह कृत (गु.) अनु., विवे. [श्रु.1]} {गु., दे.ना.} {1, 44} 28 आचारांग सूत्रम् (प्रथम स्कंध) शामजी वेलजी वीराणी अप्रदर्शित 2020 (1) 340 (C) {आचा.सूत्र सह ठाकरसीभाई तथा कडवीबाई वीराणी करसनजी शाह कृत (गु.) अनु., विवे. स्मारक ट्रस्ट [श्रु.1]} {गु., दे.ना.} {1, 44} 29 मणि-सिद्धि-मेघ-मनोहर स्वाध्याय हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2022 (अ.) 216 (c) (आचारांग सूत्र-मूळ) {आचा.सूत्र मूल} |{ग्रं. 53} {गु., दे.ना.} {1} 30 आयारो तह आयारचूला [AYARO जैन श्वेतांबर तेरापंथी संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य 2023 (1) 626 (C) Taha AYAR - CULA] {आचा.सूत्र महासभा {आगम सुत्त मूल} {दे.ना.} [T, S] {1} ग्रंथमाला ग्रंथ 2) आचारांग सूत्र (पूर्वार्ध) (गुजराती | भाईलाल जादवजी शेठ संपा.-चंपक मुनि (2) 2023 (2) 325 (C) अनुवाद सहित) {आचा.सूत्र सह चंपक मुनिजी कृत (गु.) अनु. [श्रु.1]) | {गु.) [T] {1,31) Page #141 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1. आचारांगसूत्र प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) | 2031 (अ.) 385 (C) दुख 2031 (1) 316 (B) 2031 (अ.) 152 (B) 35 |2033 (1) 514 (B) 36 2035 (अ.) 178 (D) 32 आयारो [AYARO] {आचा.सूत्र सह | जैन विश्व भारती संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य महाप्रज्ञजी कृत (हि.) अनु., टिप्पन [श्रु.1]} {दे.ना.} [T, S] {1, 40} 33 आचारांग सूत्र [गुजराती अनुवाद दुर्लभजी खेताणी {प्रेम संपा.-शोभाचंद्रजी भारिल्ल सहित] {आचा.सूत्र सह हसुमतीबाई जिना.प्रका.पं. 1) महासतीजी और लीलमबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु.} {गु., दे.ना.} [T] {1, 32} 34 आगम-सुधासिंधुः (आचाराङ्ग-सूत्रम्) हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि {आचा.सूत्र मूल} भाग 1/1 {दे.ना.} {ग्रं. 53} [s] {1} आयारंगसुत्तं [आचाराङ्गसूत्रम्] महावीर जैन विद्यालय संशो., संपा.-जंबूविजयजी AYARANGA-SUTTAM {जैन आगम ग्रंथमाला ग्रं. (आगमप्रज्ञ) [ACARANGASUTRAM] 2(1) {आचा.सूत्र मूल} {दे.ना., गु., रो.} [T, S] {1} आचारांग सूत्र प्र. श्रुतस्कंध. सुशीलाबेन शाह संपा.-नगीनदास केवलदास बंभचेराणि नो भावानुवाद (नगीनदास केवलदास शाह 'आत्मज्ञान' {आचा.सूत्र का शाह) नगीनदास केवलदास शाह कृत (गु.) भावानुवाद एवं सारांश 'आत्मज्ञान' (श्रु.1)} {गु.} [T] {48} आयारंग सुत्तं (पढमो सुयक्खंधो) संजय साहित्य संगम |संयो.-विनयकुमारजी मुनि, (आचारांग सूत्र) (प्रथम श्रुतस्कंध) | श्रीचंद सुराणा, {आचा.सूत्र मूल [श्रु.1]} संपा.-कन्हैयालालजी मुनि {दे.ना.} {1} आचारांग-सूत्र (द्वितीय श्रुतस्कन्धः धर्मदास जैन मित्र मंडल संपा.-बसंतीलालजी नलवाया आचार चूला) {आचा.सूत्र सह बसंतीलालजी नलवाया कृत (हिं.) अनु., विवे. [श्रु.दूसरा]} {दे.ना.} [T, S] {1,42) 39 आचाराङ्गसूत्रम् {आचा.सूत्र सह पेसुआ जैन संघ | संपा.-शोभाचंद्रजी भारिल्ल कुलचंद्रसूरिजी कृत टीका} {दे.ना.) [T, S] {1, 18} आचारांगसूत्रनो संक्षेप {आचा.सूत्र के महावीर साहित्य प्रकाशन संपा.-जनकचंद्रसूरि संतबालजी कृत अनु., विवे. का मंदिर {आचारांग परिचय जनकचंद्रसूरिजी कृत (गु.) सारांश पुस्तिका श्रेणी 201} [श्रु.1]} भाग 1-5 {गु.} {68} आचाराग-सूत्रम् (मूलमात्रम्) हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि {आचा.सूत्र मूल} {दे.ना.} [S] {1} {ग्रं. 53} 42 महावीरस्वामीनो आचारधर्म गूजरात विद्यापीठ संपा.-गोपालदास जीवाभाई [आचारांगसूत्रनो छायानुवाद] {पूंजाभाई जैन पटेल {आचा.सूत्र का गोपालदास जीवाभाई ग्रंथमाला 11} 2037 (1) 168 (E) 2039 (1) 590 (B) 2042 (1) 508 (P) 2043 (1) 64+48+48... -264 (E) 41 2043 (2) 352 (E) 192 (C) 12044 (पु.मु.) Page #142 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. 43 44 45 46 47 48 49 50 51 प्रकाशन नाम एवं परिचय पटेल कृत (गु.) अनु.} {गु.} [T] {29 } आचारांगसूत्र : एक अध्ययन {आचा. सूत्र का परिचय एवं भाषासमाज-संस्कृति राज्य दार्शनिकधार्मिक आदि दृष्टिकोण से विवरणात्मक परमेष्ठीदास जैन कृत (हिं.) अध्ययन) (दे.ना. } [T, S] {74} आचारांग सूत्र चिंतनिका ( आया. सूत्र | का वाचंयमाश्रीजी कृत अंशसंग्रह (गु.) विवे. युक्त} {गु.} (70} आचारांग सूत्र [प्रथम श्रुतस्कन्ध] { आचा. सूत्र मूल [श्रु. 1]} {दे.ना. } [[S] {1} | आचारांगसूत्र {आचा. सूत्र सह श्रीचंद सुराणा कृत (हिं.) अनु., विवे.) भाग 1-2 (दे. ना. } [T, S] {1, 45) आचारागसूत्रदीपिका (प्रथम श्रुतस्कंध:) आचा. सूत्र सह | अजितदेवसूरिजी कृत दीपिका टीका [श्रु.1]] [ दे.ना.) [8] (1.6) आयार-सुत्तं ( आचा. सूत्र सह प्राकृत भारती अकादमी, चन्द्रप्रभसागरजी महो. कृत (हिं.) अनु. जितयशा श्री फाउंडेशन, [श्रु.1]] देना.) (1,33) जैन श्वेतांबर नाकोडा | पार्श्वनाथ तीर्थ, मेवानगर { पुष्प 68 } आगम अनुयोग ट्रस्ट, अमदावाद आचाराङ्गसूत्रम् ( आचा. सूत्र सह जिनहंससूरिजी कृत टीका, यशोविजयजी महो. आदि कृत सज्झाय, पूजा-5) भाग 1-2 {दे.ना., गु.) [T, S] [1, 5, 10, 1564, 1565, 1569, 1570} आचारांगभाष्यम् आगम प्रकाशन परिचय [[ACHARANGABHASHYAM] आचा. सूत्र सह राजेन्द्रकुमारजी मुनि और श्रीचंदजी मुनि कृत छाया महाप्रज्ञजी कृत (हिं.) अनु., (सं.) भाष्य, दुलहराजजी मुनि कृत (हिं.) भाष्यानु. |[श्रु. 1]} {दे.ना., रो.) [T, S] {1, 14, 16, 40, 54) अस्तित्व का मूल्यांकन (मोलिक | प्रकाशक ( ग्रंथमाला) पार्श्वनाथ विद्यापीठ { पार्श्व विद्या. ग्रंथ. 37 } लब्धिविक्रमसूरीश्वरजी संपा. राजपशसूरि संस्कृति केन्द्र आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर {जिनागम ग्रंथमाला ग्रंथांक 1 } जिनशासन आराधना ट्रस्ट, (P) मणिविजयजी गणिवर ग्रंथमाला | आगम प्रकाशन माला 26 } संपादक, संशोधक आदि संपा. सागरमल जैन डॉ. जैन विश्व भारती संशो. उदयचन्द जैन डॉ., संपा. चंद्रप्रभसागरजी महोपाध्याय संयो. - विनयकुमारजी मुनि, | दिव्यप्रभा साध्वी डॉ. | संशो-तिलोक मुनि, | संपा. कन्हैयालालजी मुनि संयो, प्रधान संपा. मिश्रीमलजी मुनि, संपा. शोभाचंद्रजी भारिल्ल, श्रीचंद सुराणा पूर्व संशो. कुमुदसूरि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संपा. महाप्रजी आचार्य 2044 (1) 214 (C) 2044 (1) 2045 (अ.) 238 (C) 2046 (2) | 168 (E) 20462047 (2) जिनशासन आराधना ट्रस्ट संशो., संपा. -महाबोधिविजयजी 2049{ आगम प्रकाशन माला 32 } 2052 (1) पंन्यास 2047 (पु.मु.) 324 (C) 2050 (1) प्राकृत भारती अकादमी, संपादिका मुक्तिप्रभा साध्वी डॉ. (#) 2051 (1) 424+512= 936 (B) 244 (P) 95 496+300= 796 (P) 584 (B) | 372 (C) Page #143 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1. आचारांगसूत्र प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) चिन्तन, मनन एवं अनुशीलन) उमरावमल चोरडिया {आचा.सूत्र का मुक्तिप्रभा साध्वीजी {पुष्प 108) कृत अंशसंग्रह (हिं.) अनु., विवे. युक्त} {दे.ना.} {71} आचारांग का नीतिशास्त्रीय अध्ययन पार्श्वनाथ विद्यापीठ, राज प्रधान संपा.-सागरमल जैन डॉ. 2051 (1) 312 (C) {आचा.सूत्र आधारित भाषा-पाश्चात्य राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट नीतिशास्त्र के सिद्धांतों के परिप्रेक्ष्य में |{पार्श्व विद्या. ग्रंथ. 80} तत्त्वज्ञान-साध्वाचार आदि विषयक प्रियदर्शनाश्रीजी कृत समीक्षात्मक (हिं.) अध्ययन} {दे.ना.} [S] {75} 5345-आगमसुत्ताणि (आयारो) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी 2052 (अ.) 128 (C) {आचा.सूत्र मूल} {दे.ना.} {1} 54 आचारांगसूत्रम् {आचा.सूत्र मूल) महाराष्ट्र भुवन जैन संपा.-चंद्रगुप्तसूरि 2052 (1) 176 (D) (दे.ना.} [T] {1} धर्मशाळा | आचाराग-सूत्रम् (प्रथम श्रुतस्कन्धः) कल्याणजी सोभागचंद संपा.-पद्मसेनविजयजी पंन्यास |2053 124 (C) {आचा.सूत्र सह कुलचंद्रसूरिजी कृत जैन पेढी टीका [श्रु.1]} {दे.ना.} {1, 18} (पिंडवाडा जैन संघ) आचाराङ्ग : पढम सुत-खंध पढम प्राकृत जैन विद्या विकास संपा.-के. आर. चंद्र डॉ. 2053 (अ.) 360 (C) अज्झयन (आचा.सूत्र मूल (प्राचीन फंड {ग्रंथांक 13} भाषिक दृष्टि से संपादित) [श्रु.1→अ.1]} {दे.ना., रो.} [S] {1} 57 आयारो (आचाराङ्ग सूत्र मूल) अखिल भारतीय सुधर्म संपा.-रतनलाल डोशी, 2054 (1) 118 (E) {आचा.सूत्र मूल}{दे.ना.} {1} जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया {रत्न 90) 58 जैनागम नवनीत प्रश्नोत्तर जैनागम नवनीत प्रकाशन संयो.-लालचंद्रजी जैन, 2054 (अ.) 288 (C) (आचारांग-सूत्र) {आचा.सूत्र के समिति (जैनागम नवनीत ललितचंद्र मणिलाल शेठ तिलोकमुनिजी कृत (हिं.) प्रश्नोत्तर) प्रश्नोत्तर पुष्प 3, 4) खंड 1-2 {दे.ना.} {65} आचाराङ्ग-सूत्रम् (प्रथम श्रुतस्कन्धः) नवकार फ्लेट जैन श्वे. संपा.-पद्मसेनविजयजी पंन्यास 2054 123 (C) {आचा.सूत्र सह कुलचंद्रसूरिजी कृत मू.पू. संघ (पु.मु.) टीका [श्रु.1]} {दे.ना.} {1, 18} 60 आचारांगसूत्रनां व्याख्यानो पदार्थ दर्शन ट्रस्ट संपा.-नरवाहनसूरि 344+316+ {आचा.सूत्र के रामचंद्रसूरिजी के {सूरिरामनी वाणी ज्ञान 2055 (अ.) 300%D960 (P) (गु.) प्रव.43 [श्रु.1→अ.1]} भाग 1-3 रत्नोनी खाणी प्रत 4} {गु.) (62) 61 आचारांगसूत्र {आचा.सूत्र सह गुरुप्राण फाउन्डेशन प्रधान संपा.-लीलमबाई 2055- 496+448%D हसुमतीबाई महासतीजी और {आगमबत्रीसी रत्न 7} महासतीजी 2062 (1) 944 (B) पुष्पाबाई महासतीजी कृत (गु.) शब्दार्थ, अनु., विवे.} भाग 1-2 {गु., दे.ना.} [S] {1, 19} आचारागसूत्रम् {आचा.सूत्र सह परमपद प्रकाशन, (P) संपा.-तत्त्वदर्शनविजयजी 2055- |334+125%3D नियुक्ति, शीलांकी टीका) भाग 1-2 आगमोदय समिति 2056 (अ.) 459 (P) {दे.ना.} [T, S]{1, 2,4) प्रजाजन, 2054 Page #144 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 97 क्र. संपादक, संशोधक आदि संक.-पुण्यधनविजयजी वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2055 (1) 280+2483 |528 (E) संपा.-विक्रमसेनविजयजी गणि |2055 (अ.) |369 (C) संपा.-विक्रमसेनविजयजी गणि 2055- 108+176%= |2059 (अ.) 284 (E) संयो.-चंद्रकांत एम.शेठ | 2055 (अ.) 278 (C) 67 संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2056 (अ.) |464 (C) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) आचारांगसूत्रम् {आचा.सूत्र मूल) भद्र आनंद ग्रंथमाला भाग 1-2 {गु.} {1} आचारांगसूत्र (प्रथम श्रुतस्कंथ) भुवनभद्रंकर साहित्य {आचा.सूत्र सह कुलचंद्रसूरिजी कृत प्रचार केन्द्र, मद्रास टीका, विक्रमसेनविजयजी कृत (गु.) अन्व., (गु., हिं.) विवे. [श्रु.1]} {दे.ना., गु.} {1, 18, 23, 60} आचारांगसूत्र {आचा.सूत्र मूल) भुवनभद्रंकर साहित्य भाग 1-2 {दे.ना., गु.} {1} प्रचार केन्द्र, मद्रास जैनागम नवनीत प्रश्नोत्तर (आचारांग महावीर सेवा ट्रस्ट, सूत्र संपूर्ण) {आचा.सूत्र के राजकोट तिलोकमुनिजी कृत प्रश्नोत्तर का {जैनागम नवनीत नरेशचंद्रजी मुनि आदि कृत (गु.) प्रश्नोत्तर पुष्प 3-4} भाषां.} {गु.} {66} आगम सुत्ताणि (सटीकं) आगम श्रुत प्रकाशन [आचाराङ्गसूत्रम्] {आचा.सूत्र सह नियुक्ति, शीलांकी टीका) भाग 1 {दे.ना., गु.} {1, 2, 4} | आचारांगसूत्र सचित्र {आचा.सूत्र सह पद्म प्रकाशन, दिल्ली अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु., विवे. |{सचित्र आगममाला और उसका सुरेन्द्र बोथरा कृत (अं.) पुष्प 8} भाषां., सचित्र) भाग 1-2 {दे.ना., रो.} [T] {1, 46, 47} | आचारांग और महावीर (आयारोका जैन विश्व भारती आचारमीमांसात्मक विश्लेषण) {आचा.सूत्र आधारित शुभ्रयशा साध्वीजी डॉ. कृत आचार की गहरी मीमांसा और विश्लेषणात्मक (हिं.) शोधग्रंथ} {दे.ना.} [T, S] {77) ACHARANGA-BHASYAM जैन विश्व भारती {आचा.सूत्र सह महाप्रज्ञजी के अनु. और दुलहराजजी के भाष्यान. का नथमलजी टाटिया डॉ. आदि कृत (अं.) भाषां. [श्रु.1]} {रो.) [T, S] {1,35,55) 68 2056 (1) प्रधान संपा.-अमरमुनिजी उपप्रवर्तक, संपा.-श्रीचंद सुराणा 528+600= 1128 (B) 69 संपा.-शुभ्रयशा साध्वीजी डॉ. 2057 (1) 444 (C) 70 2057 (1) |620 (C) संयो.-महाश्रमणजी आचार्य, संपा.-Nathamalji Tatia Dr., दुलहराजजी मुनि, महेन्द्रकुमारजी मुनि (द्वितीय) 300 (C) आचारांग-शीलांकवृत्ति : एक अध्ययन प्राकृत भारती अकादमी, प्रधान संपा.-विनयसागरजी |2057 (1) {आचा.सूत्र की शीलांकी टीका में | पुष्कर गुरु साधना केन्द्र महोपाध्याय, प्रतिपाद्य विषयवस्तु का अध्ययन प्रकाशन (पुष्प 137) संपा.-राजश्री साध्वीजी डॉ. (23) अनुसार वर्णन एवं दार्शनिक-सांस्कृतिक-भाषात्मकआचार आदि विविध दृष्टिकोण से विवेचन स्वरूप (हिं.) शोधग्रंथ} {दे.ना.} [s] (76} अभ्युदय आगम सुत्ताणि [आयारो] रत्नसागर प्रकाशन निधि संयो.-जितरत्नसागरसूरि, 2057 (1) {आचा.सूत्र मूल} भाग 1 {दे.ना.} संशो.-दीपरत्नसागरजी, 172 131 (E) Page #145 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 98 क्र. 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 | प्रकाशन नाम एवं परिचय [S] {1} आधारांगसूनां (धृताध्ययननां) व्याख्यानो आचा. सूत्र के रामचंद्रसूरिजी कृत (गु.) प्रय. 266 [ श्रु. 1 अ. 6 ]} भाग 1-14 (गु.) {62} | आचाराङ्गसूत्रम् ( आचा. सूत्र सह निर्युक्ति, जयप्रभविजयजी कृत छाया, (हिं.) अनु., शीलांकी टीकानु., विवे. [श्रु.1]] भाग 1-3 (दे. ना.} {1, 2, 15, 36, 53) आचाराङ्ग सूत्रम् (द्वितीय : | श्रुतस्कन्धः) (आचा. सूत्र सह कुलचंद्रसूरिजी कृत टीका [श्रु.दूसरा ]} (थाणा) {दे.ना.} {1, 18} | आचाराङ्गसूत्रम् {आचा. सूत्र सह | आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) अन्व., अनु., विवे. और [श्रु. 1 अ. 2] का शिवमुनिजी कृत अंशसंग्रह विवेचनयुक्त भाग 1-2 (दे. ना.) [T, S] {1, 11, 21, 72} आचारांगसूत्रम् (द्वितीय श्रुतस्कंध ) {आचा. सूत्र सह कुलचंद्रसूरिजी कृत टीका, विक्रमसेनविजयजी कृत (गु. हिं.) टीकानु, [श्रु. दूसरा]] [[दे.ना. गु.) {1, 18, 58, 59) आयारंग सुत्तं (पढमो सुयक्खंधो) [आचारांग सूत्र ] ( प्रथम श्रुतस्कंध ) आचा. सूत्र मूल (श्रु.1)) (दे.ना.) [T] {1} आचारांगसूत्र ( आचा. सूत्र का सौभाग्यचंद्रजी मुनि कृत (गु.) अनू विवे. [श्रु.1]} {गु.} [T] {41} आचारांगसूत्र आचा. सूत्र सह | पारसमल चंडालिया कृत (हिं.) शब्दार्थ, अनु., विवे.) भाग 1-2 (दे. ना. } [T, S] {1, 20} आचाराङ्ग सूत्रं {आचा. सूत्र मूल} दे.ना.. गु.] [5] (1) धीर प्रवचन धारा (आगमनो बोध आत्मानी शोध) {आचा. सूत्र के धीरज मुनिजी कृत (गु) प्रव.65) (गु.) (64) 1. आचारांगसूत्र | प्रकाशक ( ग्रंथमाला } सन्मार्ग प्रकाशन (रामचंद्रसूरि स्मृति | ग्रंथमाला 111 ) पोरवाड जैन आराधना भवन संघ, भिवंडी | राजेन्द्र यतीन्द्र जैनागम हिंदी प्रकाशन (पुष्प 1} आत्म ज्ञान श्रमण शिव आगम प्रकाशन समिति, भगवान महावीर मेडिटेशन एन्ड रिसर्च सेंटर ट्रस्ट | भुवनभद्रंकर साहित्य प्रचार केन्द्र, मद्रास संपादक, संशोधक आदि संपा. चंद्ररत्नसागरसूरि संपा. कीर्तियशसूरि संपा. कुलचंद्रसूरि (#) वर्धमान वैयावच्च केन्द्र | सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ अप्रदर्शित वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संपा. रमेशभाई लीलाधर हरिया, 2058| सह संपा. हितेशचंद्रविजयजी, | दिव्यचंद्रविजयजी 2057 296+296+ 2068 (3T) 368...=4536 | (c) 2058 (1) संपा. शिवमुनिजी आचार्य डॉ.. 2059 (2) सह संपा. शिरीषमुनि, पूर्व संशो. पूर्व संपा. समदर्शीजी मुनि संपा. - नेमिचंदजी बांठिया, | पारसमल चण्डालिया संपा. पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व संशो., पूर्व संपा. - सागरानंदसूरि संपा. धीरज मुनि 360+510+ 2061 (अ.) 361=1231 | (B) | संपा. विक्रमसेनविजयजी गणि 2059 (अ.) 456 (B) संताजी जन्मशताब्दी पूर्व संपा. सौभाग्यचंद्रजी मुनि 2060 (4) महोत्सव समिति (P) (#) | महावीर साहित्य प्रकाशन मंदिर (#) अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ { रत्न 121 } जैनानंद पुस्तकालय |144 (C) 2059 (1) 112 (D) 20602061 (1) 1016+549= | 1565 (B) 2061 (1) 464 (C) 364+332= 696 (B) 142 (P) 2061 (3T) 264 (D) Page #146 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय क्र. वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 83 2061 (1) 192 (C) 84 2062 (अ.) 272 (C) 2062 (1) 312 (B) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि रोमे रोमे परमस्पर्श {आचा.सूत्र का ॐकारसूरि ज्ञानमंदिर, संपा.-यशोविजयसूरि (2) यशोविजयसूरिजी कृत अंशसंग्रह (गु.) संभवनाथ जैन श्वे.मू.पू. विवे.युक्त [श्रु.1→अ.9वाँ]} {गु., . संघ दे.ना.} {73) आचारांग धूताध्ययन प्रश्नोत्तरी पदार्थ दर्शन ट्रस्ट संक., संपा.-नरवाहनसूरि {आचा.सूत्र के (धूताध्ययन के) {पुस्तक 71) रामचंद्रसूरिजी के प्रवचन आधारित नरवाहनसूरिजी कृत (गु.) प्रश्नोत्तरी [प्रश्न.751]} भाग 1 (गु.} {67} आचाराङ्गसूत्रम् (प्रथम श्रुतस्कंध) पार्श्वचंद्रसूरि साहित्य । संपा.-भुवनचंद्रजी उपाध्याय बालावबोध {आचा.सूत्र सह प्रकाशन समिति (चिन्मय), अमृतभाई पटेल पार्श्वचंद्रसूरिजी कृत बा.बो., पंडित भुवनचंद्रजी उपा. और अमृतभाई पटेल कृत बा.बो. सारांश (गु.) [श्रु.1]} {दे.ना., गु.} [S] {1,7,69) आचारांगसूत्रचूर्णिः {आचा.सूत्र की आगमोद्धारक श्रुतसेवा संपा.-सागरानंदसूरि चूर्णि} {दे.ना., गु.} [] {3} समिति, (P) ऋषभदेव केशरीमलजी जैन श्वेतांबर संस्था {श्रेणी 7} | आचारांग सूत्रम् भावानुवाद रंजनविजयजी जैन संपा.-रत्नज्योतविजयजी {आचा.सूत्र सह नियुक्ति, शीलांकी पुस्तकालय पंन्यास टीका, रत्नज्योतविजयजी पं. कृत (गु.) अनु. (श्रु.1), टीकानु.) भाग 1-3 {दे.ना., गु.) [T, S] {1, 2, 4, 39, 86 388 (P) 2063 (पु.मु.) 87 20642069 (1) 1482+374+ 230%D1086 (B) 52) 89 आचारांग सूत्रम् (प्रथम श्रुतस्कन्ध का सुशील साहित्य प्रकाशन संपा.-जिनोत्तमसूरि 2064 (1) 166 (C) हिन्दी पद्यमय भावानुवाद) (सचित्र) समिति {आचा.सूत्र (सचित्र) सह सुशीलसूरिजी कृत (हिं.) पद्यानु, [श्रु.1]} {दे.ना.} {1, 49} आचारागसूत्रम् सिद्धिभुवन मनोहर जैन संशो.-अमृतलाल मोहनलाल |2064 (अ.) |460 (B) [प्रथमश्रुतस्कन्धस्याऽऽद्याध्ययनचतु- ट्रस्ट, आत्मानंद जैन सभा, भोजक पंडित, ष्टयात्मको विभाग:] {आचा.सूत्र सह | भावनगर (ग्रंथांक 3) संपा.-जंबूविजयजी (आगमप्रज्ञ) नियुक्ति, शीलांकी टीका [श्रु.1→अ.4]} {दे.ना., गु.} [T, S] {1, 2,4} आचाराङ्ग सूत्रम् {आचा.सूत्र सह । हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2063- 1430+396%3D नियुक्ति, शीलांकी टीका) भाग 1-2 {ग्रं. 86} 2064 (2) 826 (P) {दे.ना.} [T, S] {1, 2, 4} आचाराङ्गसूत्रम् {आचा.सूत्र सह आगमोद्धारक श्रुतसेवा संपा.-सागरानंदसूरि 2065 325+1233 नियुक्ति, शीलांकी टीका} भाग 1-2 समिति, (P) आगमोदय 448 (P) (पु.मु.) (दे.ना., गु.} [T, S] {1, 2, 4} समिति {श्रेणी 20} 91 Page #147 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 100 1. आचारांगसूत्र 93 94 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) आचाराङ्गदीपिका {आचा.सूत्र सह जिनशासन आराधना संशो.-कुमुदसूरि 2065 256 (P) अजितदेवसूरिजी कृत दीपिका टीका ट्रस्ट, (P) मणिविजयजी (पु.मु.) (श्रु.1)} {दे.ना.} [S] {1,6) गणिवर ग्रंथमाला {प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्यमाला, पद्य 35) आगम सटीक अनुवाद (आचार-1-2) श्रुत प्रकाशन निधि संपा.-दीपरत्नसागरजी (#) 2066 (अ.) 272+2563 {आचा.सूत्र का दीप. कृत (गु.) अनु... 528 (C) शीलांकी टीकानुसारी विवे.) भाग 1,2 {गु.} {34,61} आचाराङ्गम् (प्रथमः श्रुतस्कन्धः) |जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व 2067 598 (P) {आचा.सूत्र सह नियुक्ति, शीलांकी ट्रस्ट, (P) ऋषभदेव संपा.-सागरानंदसूरि (2) | (पु.मु.) टीका [श्रु.1]} {दे.ना.} [T, S] केशरीमलजी जैन श्वेतांबर {1, 2,4} संस्था (प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्य 63) आचारागसूत्रम् दिव्यदर्शन ट्रस्ट, (P) संपा.-अनंतयशविजयजी, पूर्व |2067 (1) 484 (B) (आद्याध्ययनचतुष्टयात्मकः) सिद्धिभुवन मनोहर जैन संशो.-अमृतलाल मोहनलाल {आचा.सूत्र सह नियुक्ति, शीलांकी ट्रस्ट {भुवनभानुसूरि भोजक पंडित, पूर्व टीका [श्रु.1→अ.4]} भाग 1 आगम प्रकाशन श्रेणि1 संपा.-जंबूविजयजी (आगमप्रज्ञ) | {दे.ना., गु.) [T, S] {1, 2, 4} (1) आयारंगसुत्तं (आचा.सूत्र सह दिव्यदर्शन ट्रस्ट संशो.-पुण्यरत्नसूरिजी, 2068 (1) 337 (B) नियुक्ति, चूर्णि [श्रु.1→अ.4]} {भुवनभानुसूरि आगम | अनंतयशविजयजी, भाग 1 {दे.ना.} [T, S] {1, 2, 3} प्रकाशन श्रेणि 2→(1)} संपा.-अनंतयशविजयजी 95 96 97 2068 (1) आचाराङ्गसूत्रम् {आचा.सूत्र सह नियुक्ति, शीलांकी टीका} भाग 1-2 {दे.ना.} [T, S] {1, 2, 4}| श्रीपालनगर जैन श्वे. मू.पू. संपा.-पुण्यकीर्तिविजय गणि देरासर ट्रस्ट {रामचंद्रसूरि | स्मृति ग्रंथमाला 1-1} 584+2383 822 (P) |98 आचारांगसूत्र {आचा.सूत्र मूल [श्रु.1]} | ॐकार जैन तीर्थ कमिटी, संपा.-विक्रमसेनविजयजी गणि 2068 (2) 96 (E) भाग 1(दे.ना.} {1} पदमला 2. सूत्रकृतांगसूत्र (99-162) सूयगडांग सूत्र (द्वितीयांगम्) {सू.कृ.सूत्र भीमसिंह माणेक श्रावक संशो.भीमसिंह माणेक 1936 (अ.) 1048 (B) सह नियुक्ति, शीलांकी टीका, {आगमसंग्रह भाग 2) पार्श्वचंद्रसूरिजी कृत बा.बो., हर्षकुल गणिजी कृत दीपिका टीका) {दे.ना.} {78,79,81, 82, 84} सूयगडाङ्ग सूत्र {सू.कृ.सूत्र सह राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि (#) 1972 (अ.) 602 (P) अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) शब्दार्थ, सहायजी ज्वालाप्रसादजी अनु.) {दे.ना.} [T] {78,95) जौहरी सूत्रकृताङ्गम् (सू.कृ.सूत्र सह आगमोदय समिति संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) |1973 (अ.) 428 (P) नियुक्ति, शीलांकी टीका} {दे.ना.} [T, S] {78, 79,81) 100 101 Page #148 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय 102 सूपगडांग सूत्र भाषांतर (सू. कृ. सूत्र | का त्रिभोवनदास रुगनाथदास कृत (गु.) अनु. (श्रु. 1)) भाग 1 (गु.) {106} 103 सूयगडांगसूत्र (सू.कृ. सूत्र सह निक्ति, | माणेक मुनिजी कृत शीलांकी टीका का (गु.) अनु. (श्रु. 1, श्रु.2 अ. 2 ) } भाग 14 (गु., दे. ना. } [T] {78, 79, 125} 104 सूचगडं (सूत्रकृताङ्गम्) | (SUYAGADAM) {सू. कृ. सूत्र सह निर्युक्ति) खंड 1 (दे.ना., रो. } [s] {78, 79} 105 सूयगडांग सूत्र (सू. कृ. सूत्र सह निर्युक्ति, माणेक मुनिजी कृत शीलांकी टीका का (गु.) अनु. (श्रु. 2 अ.3-7)) भाग 5 (गु., दे. ना. } {78, 79, 125} 106 सूत्रकृताङ्गम् (सू. कृ. सूत्र सह नियुक्ति, शीलांकी टीका, | अंबिकादत्तजी ओझा कृत छाया (हिं.) अन्व, अनु, शीलांकी टीका (श्रु.1)) भाग 1-3 (दे.ना. } [T] 78, 79, 81, 88, 100, 126} 107 सूत्रकृतांग सूत्र [गुजराती छायानुवाद का हिन्दी अनुवाद] (सू.कृ. सूत्र के | गोपालदास जीवाभाई पटेल के अनु का अज्ञात कर्तृक (हिं.) भाषां. } (दे.ना.) (109) 108 सूत्रकृताङ्गम् (दूसरा श्रुतस्कंध) {सू. कृ. सूत्र सह अंबिकादत्तजी ओझा कृत छाया, (हिं.) अन्व., अनु. (श्रु.दूसरा)} खंड 4 { दे. ना. } {78, 88, 100} 109 सूत्रकृताङ्गचूर्णि (सु. कृ. सूत्र की चूर्णि} {दे.ना.} {80} 110 सूयगडांगसूत्र- पुंडरीकाध्ययन (आगमोद्धारकनी अमोघ देशना) (सू. कृ. सूत्र के पुंडरीकाध्ययन के | सागरानंद सूरिजी कृत (गु) प्र.02) {गु.} {131 } 111 आगम प्रकाशन परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) | संपादक, संशोधक आदि त्रिभोवनदास रुगनाथदास संपा. -त्रिभोवनदास रुगनाथदास शाह मोहनलालजी जैन श्वेतांबर ज्ञानभंडार, सुरत त्रिकमलाल उगरचंद वकील संपा. माणेक मुनि (8) महावीर जैन ज्ञानोदय संपा. अंबिकादत्तजी ओझा सोसायटी / शंभूमल गंगाराम मूथा | ऋषभदेव केशरीमलजी जैन श्वेतांबर संस्था मोतीलाल लाधाजी, पूना संशो., संपा. -P. L. Vaidya Dr. 1984 (अ.) 158 (D) अखिल भारतीय श्वेतांवर अप्रदर्शित | स्थानकवासी जैन कोन्फरन्स हंसराज जिनागम विद्या प्रचारक फंड समिति ग्रंथ 3 ) शंभूमल गंगाराम मूथा, आदर्श प्रेस | ऋषभदेव केशरीमलजी जैन श्वेतांबर संस्था संपा. माणेक मुनि (#) सूत्रकृताङ्गम् (सू.कृ.सूत्र सह नियुक्ति, गोडीजी पार्श्वनाथ जैन शीलांकी टीका) भाग 1-2 (दे. ना. } [T, टेम्पल ट्रस्ट {पुष्प 4} S] {78, 79, 81} संपा. अंबिकादत्तजी ओझा संपा. -क्षेमंकरसागरजी, कंचनविजयजी वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) |210 (B) 1978 (#) (3T.?) संशो., संपा. चंद्रसागरसूरि 1979 1988 (1) 1988 (1) 19931995 (1) 1994 (1) 1997 (1) 400+325+ 304...=1301 (D) 336 (D) 20062009 (2) संशो. संपा. सागरानंदसूरि (8) संशो., संपा. सागरानंदसूरि (#) 1998 (अ.) 470 (P) 355+292+ 424-1071 (B) 156 (B) 101 456 (B) 2003 (1) 375 (B) 201+330= 531 (P) Page #149 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 2. सूत्रकृतांगसूत्र 1878) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) सुत्तागमे (सू.कृ.सूत्र मूल} {दे.ना.) सूत्रागम प्रकाशक समिति संपा.-फूलचंद्रजी मुनि |2007 (अ.) 86 (D) {पुष्प 3} (पुष्फभिक्खु) 113 सूयगडाङ्गसूत्रम् {सू.कृ.सूत्र सह देवचंद लालभाई जैन संशो., संपा.-बुद्धिसागर गणि |2015- 186+207%D साधुरंग उपा. कृत टीका और पुस्तकोद्धार फंड {ग्रंथांक 2019 (1) 393 (P) (श्रु.1→अ.1, अ.2→उ.1, 109) श्रु.2→अ.7वाँ) की हर्षकुल गणिजी कृत दीपिका टीका) भाग 1-2 {दे.ना., गु., रो.} [T, S] {78, 82, 83} 114 सूत्रकृताङ्गसूत्र-हिन्दी {सू.कृ.सूत्र का सूत्रागम प्रकाशक समिति | अप्रदर्शित 2018 (1) 188 (C) राहुल सांकृत्यायन कृत (हिं.) अनु.) | {दे.ना.} [T] {110) 115 सूत्रकृतांग सूत्र (अंगसूत्र बीजु) जैन सिद्धांत सभा संपा.-भीखालाल गिरधरलाल 2021- 1308+408+ (ग्रंथमाला 55} {सू.कृ.सूत्र सह भीखालाल 2025 (1) शेठ (#) 350...-31296 (B) गिरधरलाल शेठ कृत (गु.) अनु., शीलांकी टीकानु. और मगनलाल मोतीचंद शाह कृत वीरत्थुई अध्ययन का पद्यानु.} भाग 1-4 {गु., दे.ना.} [T] {78, 111, 127} सूत्रकृतांग सूत्र (सू.कृ.सूत्र सह शामजी वेलजी वीराणी संपा.-ठाकरसीभाई करसनजी |2021-.. 1416+3683 ठाकरसीभाई करसनजी शाह कृत (गु.) | तथा कडवीबाई वीराणी शाह (2) |2023 (1) 784 (C) अन्व., विवे.} भाग 1-2 {गु., दे.ना.} स्मारक ट्रस्ट {78, 104) आगमज्योत {सू.कृ.सूत्र के आगमोद्धारक जैन अप्रदर्शित 2022 (अ.) 90 (C) सागरानंदसूरिजी कृत (गु.) प्रव.5 ग्रंथमाला (श्रु.2-→अ.5वाँ)} {गु.} {132} | 118 | सूत्रकृताङ्गसूत्रम् (सू.कृ.सूत्र सह | अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2025- 701+720+ 2027 (1) 588...%2797 घासी. कृत छाया, टीका, (हिं., गु.) स्थानकवासी जैन (B) स्वोपज्ञ टीकानु., (श्रु.1→अ.15, शास्त्रोद्धार समिति श्रु.2→अ.5-6) का (हिं., गु.) अन्व., अनु. और (सं.) अन्व.} भाग 14 {दे.ना., गु.) {78, 89,92, 98, 101, 102,128, 129} 119 सूत्रकृतागसूत्रम् (सू.कृ.सूत्र का अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2025- 256+330+ 233...=1066 2027 (1) घासी. कृत (गु.) स्वोपज्ञ टीकानु. स्थानकवासी जैन | (B) और (श्रु.1→अ.15, श्रु.2→अ.5-6) शास्त्रोद्धार समिति का अन्व., अनु.) भाग 1-4 {गु.) {102,129) 120 सूत्रकृतांग सूत्र (सू.कृ.सूत्र सह प्रेम जिनागम प्रकाशन संपा.-शोभाचंद्रजी भारिल्ल 2031 (1) 278 (B) प्राणकुंवरबाई महासतीजी और समिति {प्रेम उषाबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु.) । जिना.प्रका.ग्रं.2} {गु., दे.ना.} {78, 112} 121 आगमसुधासिंधु (सूत्रकृतांग-सूत्रम्) हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2031 (अ.) 120 (B) {सू.कृ.सूत्र मूल) भाग 1/2 {दे.ना.} {ग्रं. 64} [[s] {78} Page #150 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 103 124 125 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 121 सूयगडांग सूत्र (सुबोध भाषांतर टिप्पणी | अनिलकांत बटुकभाई संपा.-डुंगरशी मुनि 2032 (1) 268 (C) a आदि सहित) (सू.कृ.सूत्र सह डुंगरशी मुनि भरवाडा (गुलाबवीर कृत (गु.) अनु.) (दे.ना.,गु.} {78,112a) ग्रंथमाला रत्न 71} 122 सूयगडंगसुत्तं [सूत्रकृताङ्गसूत्रम्] महावीर जैन विद्यालय संपा.-जंबूविजयजी (आगमप्रज्ञ)/2034 (1) 469 (B) [SUYAGADAMGASUTTAM] {जैन आगम ग्रंथमाला [SUTRAKRTANGASUTRAM]{सू.कृ. ग्रं.27(2)} सूत्र मूल) {दे.ना., गु., रो.) [T, S] {78) 123 सूत्रकृतांगसूत्र {सू.कृ.सूत्र सह आत्मज्ञानपीठ प्रधान संपा.-अमरमुनिजी |2036- 1040+488%D हेमचंद्रजी मुनि कृत छाया, (हिं.) अन्व., उपप्रवर्तक, सह संपा. नेमिचंद्र 2038 (अ.) 1528 (C) विवे., (0.1) का अनु.) भाग 1-2 मुनि | {दे.ना.} [T, S] {78, 90, 103) सूयगडंगसुत्तं (पढमो सुयक्खंधो) आगम अनुयोग प्रकाशन, संयो.-श्रीचंद सुराणा, | 2037 (1) 160 (B) [सूत्रकृतांग सूत्र] [प्रथम श्रुतस्कंध] सांडेराव संपा.-कन्हैयालालजी मुनि {सू.कृ.सूत्र मूल (श्रु.1)} {दे.ना.} {78} (कमल) सूयगडो (सू.कृ.सूत्र सह आनंद वाडीलाल मोहनलाल शाह संशो.-धन्यमुनि कवि 2042 (1) 204 (D) स्वाध्यायी कृत (गु.) अन्व. {मणिगुरु पुष्प 19} (श्रु.1→अ.5)} {गु.} {78, 99) 126 सूयगड सुत्तं {सू.कृ.सूत्र सह प्राकृत भारती अकादमी, संपा.-चंद्रप्रभसागरजी 2046 (अ.) 166 (C) ललितप्रभसागरजी कृत (हिं.) अनु. जितयशाश्री फाउंडेशन, महोपाध्याय, ललितप्रभसागरजी (श्रु.1)} भाग 1 {दे.ना.} {78, 113} जैन श्वेतांबर नाकोडा उपाध्याय पार्श्वनाथ तीर्थ, मेवानगर {पुष्प 69} 127 सूत्रकृताङ्ग सूत्रम् (सू.कृ.सूत्र सह हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2048- 1452+356+ 534%3D1342 नियुक्ति, चूर्णि, शीलांकी टीका, {ग्रं. 243) 2049 (1) (P) साधुरंग गणिजी कृत टीका और (श्रु.1→अ.1, श्रु.2 →अ.7वाँ) की हर्षकुल गणिजी कृत दीपिका टीका) भाग 1-3 {दे.ना.} [T, S] {78, 79, 80, 81, 82, 83} 128 सूत्रकृताङ्गदीपिका {सू.कृ.सूत्र सह जिनशासन आराधना ट्रस्ट संशो., संपा.-कल्याणबोधिसूरि, 2049 (अ.) |150 (P) हर्षकुल गणिजी कृत दीपिका टीका {आगम प्रकाशन माला संयमबोधिविजयजी (श्रु.दूसरा)} विभाग 2 {दे.ना., गु.) [T, S] {78, 82) 129 45 आगमसुत्ताणि (सूयगडो) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) 120 (C) {सू.कृ.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} {78} 130 सूत्रकृताङ्गम् (सू.कृ.सूत्र सह जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व 2052 244+191%3D नियुक्ति, शीलांकी टीका) भाग 1-2 ट्रस्ट, (P) आगमोदय संपा.-सागरानंदसूरि (#) (पु.मु.) 435 (P) (दे.ना., गु.) [T, S] {78, 79,81) समिति सूयगडो [सूयगडाङ्ग सूत्र मूल] अखिल भारतीय सुधर्म संपा.-रतनलाल डोशी, 2054 (1) 96 (D) {सू.कृ.सूत्र मूल} {दे.ना.) [T] {78} जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया (रत्न 91} वरसे वादळ हरखे हैयां (सू.कृ.सूत्र सह श्रतज्ञान संस्कार पीठ संक., संपा.-राजशेखरसूरि । 2055- 304+208+ राजेन्द्रसूरिजी कृत (गु.) अनु., विवे.) 2062 (अ.) 320...-2146 (C) भाग 1-7 {गु., दे.ना.} {78, 123} 35) 131 132 Page #151 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 104 क्र. | प्रकाशन नाम एवं परिचय 133 सूत्रकृतांगसूत्र [SUTRAKRATANGA SUTRA] {सू. कृ. सूत्र सह श्रीचंद सुराणा कृत (हिं.) अनु., विवे.) भाग 1-2 {दे.ना. } [T, S] [78, 122} 134 आगम सुत्ताणि (सटीकं) [सूत्रकृताङ्गसूत्रम् (सू. कृ. सूत्र सह निर्युक्ति, शीलांकी टीका भाग 2 {दे.ना., गु.) [S] [78, 79, 81 } 135 सूचगडांग सूत्र (सू. कृ. सूत्र सह | उर्मिलाबाई महासतीजी कृत (गु.) शब्दार्थ, अनु., विवे. } भाग 1-2 {गु., दे.ना. } [S] [78, 96 136 प्राण प्रबोध (सू. कृ. सूत्र के प्राणकुंवरबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव. 101 (श्रु. 1 अ. 2. 1)} (गु.) (133) 137 अभ्युदय आगम सुत्ताणि (सूयगडो) {सू. कृ. सूत्र मूल} भाग 2 (दे. ना. ) [[S] [78} 138 सूत्रकृताङ्गसूत्रम् (सू. कृ. सूत्र सह अमोलकचषिजी कृत (हिं.) अनु {दे. ना. } [T] ( 78,95) 140 सूयगडो (सू. कृ. सूत्र सह महाप्रज्ञजी कृत छाया; अनु. और टिप्पन का | रश्मिभाई झवेरी कृत (गु.) भाषां.) भाग 1-2 (गु., दे.ना. } [T, S] {78, 91, 121} 2. सूत्रकृतांगसूत्र | Chapter 16] {सू.कृ. सूत्र सह कांतिलाल खेमचंद कापडिया डॉ. कृत (अं.) अनु. [श्रु.1]} part 1 ( रो., दे.ना. } {78, 116} | प्रकाशक ( ग्रंथमाला } आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (जिनागम ग्रंथमाला ग्रंथांक 9, 10} 142 सूत्रकृतांग (सू. कृ. सूत्र सह कांतिलाल | खेमचंद कापडिया डॉ. कृत (गु.) अनु. } भाग 1-2 (गु., दे.ना.} {78, 118) 143 सूत्रकृताङ्गम् (सू.कृ. सूत्र मूल} आगम श्रुत प्रकाशन गुरुप्राण फाउन्डेशन, महावीर सेवा ट्रस्ट, राजकोट (आगमबत्रीसी रत्न 9 } महावीर सेवा ट्रस्ट, राजकोट आनंद प्रकाशन, 139 सूत्रकृताङ्गम् {सू. कृ. सूत्र सह निर्युक्ति, शीलांकी टीका) (दे.ना., गु.} अमदावाद, (P) |[T, S] [78, 79, 81 } आगमोदय समिति जैन विश्व भारती अमोल जैन ज्ञानालय 141 SUTRAKRITANGA [Chapter 1 TO कांतिलाल खेमचंद कापडिया डॉ. रत्नसागर प्रकाशन निधि संयो. - जितरत्नसागरसूरि, संशो.- दीपरत्नसागरजी, संपा. चंद्ररत्नसागरसूरि कांतिलाल खेमचंद | कापडिया डॉ. संपादक, संशोधक आदि संपा. श्रीचंद सुराणा, पूर्व संयो., | प्रधान संपा. -मिश्रीमलजी मुनि जैनानंद पुस्तकालय संशो. संपा. दीपरत्नसागरजी प्रधान संपा. लीलमबाई महासतीजी, सहसंपादिका आरतीबाई महासतीजी डॉ. सुबोधिकाबाई साध्वी | संपादिका-विरलबाई साध्वी संयो. कल्याणऋषि, संपा - शोभाचंद्रजी भारिल्ल प्रबंध संपा. श्रीचंद रामपुरीया, संपा. महाप्रज्ञजी आचार्य | संपा. कांतिलाल खेमचंद कापडिया डॉ. (4) | संपा. - कांतिलाल खेमचंद कापडिया डॉ. (#) वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2056 (3) |734 (B) संपा. पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2056 (3T.) 480 (C) 20562061 (1) संपा. अक्षयचंद्रसागरजी गणि, 2059 पूर्व संशो. पूर्व संपा. सागरानंदमूरि (पु.म.) " 2056 (1) 2057 (1) 2058 (3) 20592061 (1) 464+288= |752 (B) | 648 (C) 131 (E) 408 (C) 447 (P) 466+392= 858 (B) 2060 (1) 176 (C) 2061 (1) 176+180= | 356 (C) 2061 (1) 128 (P) Page #152 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय |{दे.ना., गु. } [S] (78} 144 सूत्रकृतांग सूत्र का दार्शनिक अध्ययन (सू. कृ. सूत्र का नीलांजना साध्वी कृत (हिं.) शोधग्रंथ) (दे.ना. [T] (135) } 145 JAINA SUTRAS | SUTRAKRUTANGA {सू. कृ. सूत्र का हर्मन जेकोबी डॉ. कृत (अं.) अनु.) {रो.} [T] (105) 148 सूचगडांग सूत्र (सु. कृ. सूत्र सह | नेमिचंदजी बांठिया कृत (हिं.) शब्दार्थ, अनु., विवे. } भाग 1-2 (दे. ना. } [T] {78, 97} 148 सूयगडांगसूत्रना सथवारे (सू. कृ. सूत्र) { सू. कृ. सूत्र के समय अध्ययन के कीर्तियशसूरिजी कृत (गु.) प्रव. 33. रूपविजयजी कृत पूजा आदि } भाग 1-3 (गु.) (134, 1564, 1570) 149 सूत्रकृताङ्ग सूत्र (अक्षरगमनिका) (प्रथमः श्रुतस्कंध:) (सू. कृ. सूत्र सह कुलचंद्रसूरिजी कृत टीका (खु.)) {दे.ना.} {78,93) 150 सूयगडंगसुतं (suyagadangasutta) [सू.कृ. सूत्र सह नियुक्ति, चूर्णि (श्रु. 1)} भाग 1 (दे.ना. } [T, S] {78, 79, 80) 151 महावीरस्वामीनो संयमधर्म [जैन आगम “सूत्रकृतांग" नो छायानुवाद] {सू. कृ. सूत्र का गोपालदास जीवाभाई पटेल कृत (गु.) अनु.} {गु.} [T] {108} आगम प्रकाशन परिचय 147 सूपगडो (सू.कृ. सूत्र सह महाप्रज्ञजी कृत जैन विश्व भारती छाया (हिं.) अनु, टिप्पन) (दे.ना.) [T, S] [78, 91, 120 } | प्रकाशक (ग्रंथमाला} 153 सूत्रकृताङ्गचूर्णिः सू. कृ. सूत्र की चूर्णि} {दे.ना., गु.} [s] {80 } भाईजी प्रकाशन, | जिनकांतिसागरसूरि स्मारक ट्रस्ट Shree Publishers & Distributors अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ { रत्न 89 } प्राकृत ग्रंथ परिषद {ग्रंथांक 19 } विद्यापीठ सन्मार्ग प्रकाशन (प्रवचन अप्रदर्शित | प्रभावक ग्रंथमाळा 18} गूजरात (पूंजाभाई जैन ग्रंथमाला 10) 152 सूत्रकृताङ्गम् (सू. कृ. सूत्र सह आगमोद्धारक श्रुतसेवा निर्युक्ति, शीलांकी टीका} {दे.ना., गु.} समिति, (P) आगमोदय [T, S] [78, 79, 81 } समिति (श्रेणी 23} संपादक, संशोधक आदि पूर्व संशो. पूर्व संपा. सागरानंदसूर संपा. नीलांजना साध्वी डॉ. (#) 2061 (1) | 426 (C) जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघा न्यायरत्नविजयजी, संघ, मढी. | संपा. Kanhaiyalal Chancharik, Mahesh K. Jain Dr. | संपा. नेमिचंदजी बांठिया, | पारसमल चण्डालिया | केशरीमलजी जैन | श्वेतांबर संस्था (stuft 30} संपा. महाप्रज्ञजी आचार्य रत्नचंद्रविजयजी, | हेमप्रभविजयजी संशो. संपा. पुण्यविजयजी (आगमप्रभाकर) संपा. गोपालदास जीवाभाई पटेल संपा. सागरानंदमूरि आगमोद्धारक श्रुतसेवा | संपा. सागरानंदसूरि समिति, (P) ऋषभदेव वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2062 (3T.) 204 (C) 2062 (2) 2062 (3) 820 (B) 2062 (1) 2063 (1) 2063 (पु.मु.) 2064 (पु.मु.) 2065 (पु.मु.) 2065 (पु.मु.) 336+224= 560 (B) 297+289+ 278-864 (c) 160 (C) | 260 (B) 105 276 (D) 436 (P) 475(P) Page #153 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 106 2. सूत्रकृतांगसूत्र क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 154 सूत्रकृताङ्गसूत्रम् (सू.कृ.सूत्र सह |जिनशासन आराधना ट्रस्ट संपा.-कल्याणबोधिसूरि, पूर्व 2065 (अ.) |169 (P) हर्षकुल गणि कृत दीपिका और {प्राचीन श्रुत समुद्धार संशो., पूर्व कल्याणबोधिसूरिजी कृत (सं.) संग्रहणी पद्ममाला, पद्म 39} संपा.-कल्याणबोधिसूरि, (श्रु.दूसरा)} भाग 2 {दे.ना.} [T, S] संयमबोधिविजयजी {78,82,94} 155 सूत्रकृतांग-सूत्रम् (द्वितीय श्रुतस्कन्धः) दिव्यदर्शन ट्रस्ट संपा.-हेमप्रभविजयजी (#) 2066 (अ.) 152 (B) {सू.कृ.सूत्र सह कुलचंद्रसूरिजी कृत टीका (श्रु.दूसरा)} {दे.ना.} {78,93} 156 आगम सटीक अनुवाद (सूत्रकृत-1-2) |श्रुत प्रकाशन निधि संपा.-दीपरत्नसागरजी (#) 2066 (अ.) 240+256% {सू.कृ.सूत्र का दीप. कृत (गु.) अनु. 496(C) और शीलांकी टीकानुसारी विवे.} भाग-3, 4 {गु.} {119, 130} 157 सूत्रकृताङ्गम् (सू.कृ.सूत्र सह |जिनशासन आराधना पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि 2068 221+2583 नियुक्ति, शीलांकी टीका, भाग 1-2 ट्रस्ट, (P) आगमोदय (पु.मु.) 479 (P) {दे.ना.} [T, S] {78, 79,81} समिति {प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्ममाला पद्म 61} 158 सूत्रकृतामसूत्रम् (सू.कृ.सूत्र सह जिनशासन आराधना पूर्व संपा.-बुद्धिसागर गणि 12068 195+181=3 साधुरंग उपा. कृत टीका) भाग 1-2 ट्रस्ट, (P) देवचंद (पु.मु.) 376(P) (दे.ना.} [T,S] {78, 83} लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड {प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 55} 159 श्रीपालनगर जैन श्वे. मू.पू. संपा.-पुण्यकीर्तिविजय गणि सूत्रकृताङ्गसूत्रम् {सू.कृ.सूत्र सह [518+3263 2068 (1) 844 (P) नियुक्ति, शीलांकी टीका) भाग 1-2 देरासर ट्रस्ट {रामचंद्रसूरि {दे.ना.} [T, S] {78,79, 81} स्मृति ग्रंथमाला 2-71) 160 सूयगडंगसुत्तं (सूत्रकृताङ्गसूत्रम्) जिनशासन आराधना ट्रस्ट संशो., संपा.-रत्नबोधिविजयजी |2069 (1) 480 (P) बीओ सुयक्खंथो {सू.कृ.सूत्र सह {प्राचीन श्रुत समुद्धार नियुक्ति, चूर्णि (श्रु.दूसरा)} {दे.ना.} पद्ममाला, पद्म 71} [T, S] {78, 79, 80} 161 सूयगडंगसुत्तं (सूत्रकृताङ्गसूत्रम्) |जिनशासन आराधना ट्रस्ट संशो., संपा.-रत्नबोधिविजयजी | 2069 (1) 480 (P) बीओ सुयक्खंथो (सू.कृ.सूत्र सह नियुक्ति, चूर्णि (श्रु.दूसरा)} {दे.ना.) {78, 79, 80} 162 सूत्रकृताङ्गम् सूत्रम् (प्रथम | गुरु रामचंद्र प्रकाशन संपा.-जयानंदविजयजी 2070 (अ.) 330+3603 690 (A) श्रुतस्कन्धः) {सू.कृ.सूत्र सह समिति नियुक्ति, शीलांकी टीका, अंबिकादत्तजी ओझा कृत छाया, (हिं.) अन्व., अनु., टीकानु. (श्रु.1)) भाग 1-2 {दे.ना.} [T, S] {78, 79, 81, 88, 100, 126} Page #154 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. | प्रकाशन नाम एवं परिचय 163 स्थानाङ्गसूत्र तृतीयांग (स्था. सूत्र सह अभय टीका, मेघराज उपा. कृत बा.बो.} {दे.ना.} {136, 137, 140 } 164 ठाणाङ्ग सूत्र (स्था. सूत्र सह अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) शब्दार्थ, अनु.} {दे.ना.} {136, 149} 165 स्थानाङ्गसूत्रम् {स्था. सूत्र सह अभय टीका) भाग 1-2 (दे.ना. } [T, S] {136, 137) 166 ठाणांगसूत्र ( स्था. सूत्र सह जीवराज घेलाभाई दोशी डॉ. कृत (गु.) शब्दार्थ, अनु. (श्रु. 1 अ. 2, अ. 33.1)) भाग 1 {दे. ना., गु.} {136, 150 } 167 स्थानाङ्गसूत्रम् {स्था. सूत्र सह अभय टीका) (दे.ना. } [T, S] {136, 137} 168 स्थानाङ्गसूत्रम् {स्था. सूत्र सह देवचंद्रजी उपा. कृत (गु.) अनु., अभय | टीका का अनु.] भाग 1-4 ( दे. ना. } [T, S] (136, 153, 166) 169 स्थानांगसूत्र (स्था. सूत्र के सागरानंदसूरिजी कृत (गु.) प्रव. 72 | (श्रु. 1 अ. 5 उ. 1) } भाग 1-2 (गु.) [T] {171} 170 स्थानांगसूत्र स्था. सूत्र के सागरानंदसूरिजी कृत (गु.) प्रव. 23 (श्रु. 1 अ. 53. 1) } भाग 1 ( गु. } [T] {171} 171 सुत्तागमे (ठाणे) पुष्प -4 {स्था. सूत्र मूल} भाग 1-2 {दे.ना.} {136} 172 महाव्रतो अने आध्यात्मिक लेखमाळा {स्था. सूत्र के सागरानंदसूरिजी कृत (गु.) प्रव. 24-72 (श्रु. 1 अ. 53.1 ) } भाग 2 (गु.} {171 ) - 173 स्थानाङ्गसूत्रम् (स्था. सूत्र सह घासी. कृत छाया, टीका (हिं., गु.) स्वोपज्ञ टीकानु.} भाग 1-5 (दे.ना., गु.) (136, 146, 148, 167, 168} 174 स्थानाङ्गसूत्रम् {स्था. सूत्र का घासी कृत (गु.) स्वोपज्ञ टीकानू । भाग 1-5 गु} {168 } आगम प्रकाशन परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि 3. स्थानांगसूत्र (163-200) धनपतसिंह बहादुर { आगमसंग्रह भाग 3 } स्थानकवासी जैन लायब्रेरी माणेकलाल चुनीलाल | शेठ, कांतिलाल चुनीलाल शेठ, (P) आगमोदय समिति, शारदा मुद्रणालय मुद्रा कच्छ आठकोटी स्थानकवासी जैन बृहदपक्षीय संघ | राजा बहादुर लालासुखदेव संशो, संपा. अमोलकऋषि (#) 1973 (अ.) 912 (P) सहायजी ज्वालाप्रसादजी जोहरी आगमोदय समिति | कैलास कंचन भावसागर श्रमण संघ सेवा ट्रस्ट आगमोद्धारक संग्रह 4) संशो. नानकचंदजी ऋषि | जैन पुस्तक प्रचारक संस्था { आगमोद्धारक संग्रह 4) संशो., संपा. सागरानंदसूरि (#) 1975 संपा. बल्लभविजयजी संशो. संपा. देवचंद्रजी उपाध्याय संपा. - कंचनविजयजी, क्षेमंकरसागरजी संशो., संपा. जीवराज घेलाभाई 1987 (1) 166 (B) दोशी डॉ. संपा. - कंचनविजयजी, क्षेमंकरसागरजी (#) | सूत्रागम प्रकाशक समिति संपा. - फूलचंद्रजी मुनि (पुष्प 4) (पुप्फभिक्खु) | रतनचंद शंकरलाल शाह अप्रदर्शित वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1937 (अ.) 602 (C) अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो. - कन्हैयालालजी मुनि | स्थानकवासी जैन शास्त्रोद्धार समिति | अखिल भारतीय श्वेतांवर नियो कन्हैयालालजी मुनि स्थानकवासी जैन शास्त्रोद्धार समिति 1976 (3T.) 530 (P) 1994 (2) 240+290= 2005 (1) 1999 (3T.) 332+228+ 241...=1019 (P) 2005 (3T.) 898 (E) 504 (P) 2020 2022 (1) 2007 54+79= 2008 (3T.) 133 (D) 20202022 (1) 107 |389 (D) 2008 (3T.) 636 (B) 704+812+ 628...=3640 (B) 293+328+ 266...=1503 (B) Page #155 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 108 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय 175 स्थानांग सूत्र (सानुवाद सपरिशिष्ट) {स्था. सूत्र सह कन्हैयालालजी मुनि कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना. ] [T, S] {136, 155) 176 स्थानाङ्गसूत्र दीपिका वृत्तिः | [ Sthanang Sutra Dipika] {स्था. सूत्र सह नगर्षि गणिजी कृत दीपिका टीका (श्रु. 1 अ. 4)) भाग 1 (दे.ना. } [T, S] {136, 138} 177 आगमसुधासिंधु (स्थानांग सूत्रम्) {स्था. सूत्र मूल} भाग 1/3 (दे.ना. } [S] {136} 178 स्थानाङ्ग सूत्र (स्था. सूत्र सह आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) शब्दार्थ, अनु., विवे. } भाग 1-2 [ दे. ना. } [T, S] {136, 145, 151} 179 ठाणं [THANAM] {स्था. सूत्र सह महाप्रज्ञजी कृत छाया (हिं.) अनु, टिप्पन) (दे.ना.) [T. S] {136, 147, 161} 180 स्थानांगसूत्र [THANANG] {स्था. सूत्र सह हीरालालजी शास्त्री कृत (हिं.) अनु, विवे.) (दे.ना.) [T, S] [136, 162 } 181 स्थानांग सूत्र (स्था. सूत्र सह राजुलबाई महासतीजी कृत (गु.) अन् {गु., दे.ना.} {136, 156 182 स्थानाङ्गसूत्रम् {स्था. सूत्र सह अभय | टीका} भाग 1-2 (दे.ना., गु.} [T, S] {136, 137} 45 आगमसुत्ताणि (ठाणं) (स्वा. सूत्र मूल) (दे.ना., गु.) [8] (136) 184 जैन आगमों का दार्शनिक एवं | सांस्कृतिक विवेचन (स्थानांगसूत्र के परिप्रेक्ष्य में) (स्था. सूत्र का पारसमणि खीचा डॉ. कृत (हिं.) शोधग्रंथ) {दे.ना.} [S] {174} 185 आगम ज्ञान गंगा (स्था. सूत्र के चतुर्थ | स्थान की चौभंगियों का नित्यानंदसूरिजी कृत (हिं.) विवे (श्रु. 1 अ. 4था)} (दे.ना.} {169 } 186 आगम सुत्ताणि (सटीकं) [स्थानाङ्गसूत्रम् ] {स्था. सूत्र सह अभय. टीका} भाग 3 (दे.ना., गु. } 3. स्थानांगसूत्र प्रकाशक (ग्रंथमाला} आगम अनुयोग प्रकाशन, सांडेराव | देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड ग्रंथांक 122 ) हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो. संपा. जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 66 } , जैन विश्व भारती आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (जिनागम ग्रंथमाला ग्रंथांक 7} प्रेम जिनागम प्रकाशन समिति प्रेम | जिना. प्रका. ग्रं. 12) जिनशासन आराधना ट्रस्ट, (P) आगमोदय समिति आगम श्रुत प्रकाशन आत्माराम जैन प्रकाशन संपा. - फूलचंद्रजी मुनि (श्रमण) 2032 (अ.) 1226+9= समिति |2118 (B) जन मंगल संस्थान संपादक, संशोधक आदि संपा. - कन्हैयालालजी मुनि | (कमल) अनेकांत फाउन्डेशन { पुष्प 12 } संशो., संपा. मित्रानंदसूरि आगम श्रुत प्रकाशन पूर्व संशो., पूर्व संपा. सागरानंदसूरि (#) संशो., संपा. दीपरत्नसागरजी वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1252 (D) 2028 (1) प्रधान संपा. - श्रीचंद रामपुरीया, 2033 (1) 1090 (B) संपा., विवे. महाप्रज्ञजी आचार्य | संपा. पारसमणि खिचा 2030 (3T.) 450 (P) संयो, प्रधान संपा. मिश्रीमलजी 2038 (1) मुनि, प्रबंध संपा, श्रीचंद सुराणा, संपा. - हीरालाल शास्त्री संपा. शोभाचंद्रजी भारिल्ल संपा. चिदानंदविजयजी, श्रीचंद सुराणा 2031 (3T.) 208 (B) संशो., संपा. -दीपरत्नसागरजी 2038 (1) 480 (B) 2051 (पु.मु.) 824 (B) 291+243= 534 (P) 2052 (3T.) 168 (C) 2056 (1) 2055 (1) 368 (C) 292 (C) 2056 (3T.) 592 (C) Page #156 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 109 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) [[s] {136, 137) 187 स्थानांगसूत्र (स्था.सूत्र सह वीरमतीबाई गुरुप्राण फाउन्डेशन, प्रधान संपा.-लीलमबाई 2056- 640+472%3D महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे.) महावीर सेवा ट्रस्ट, महासतीजी, 2058 (1) 1112 (B) भाग 1-2 {गु., दे.ना.) [S] {136, 163) राजकोट (आगमबत्रीसी सहसंपादिका-आरतीबाई आगम रत्न 13} महासतीजी डॉ., सुबोधिकाबाई साध्वी 188 स्थानाङ्गसूत्रम् (स्था.सूत्र सह अभय. हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2056 (1) 1462+4183 टीका} भाग 1-2 (दे.ना.} [T, S] {ग्रं. 364) 880 (P) {136,137) 189 अभ्युदय आगम सुत्ताणि (ठाणं) रत्नसागर प्रकाशन निधि संयो.-जितरत्नसागरसूरि, 2057 (1) 171 (E) {स्था.सूत्र मूल) भाग 3 (दे.ना., गु.) संशो.-दीपरत्नसागरजी, [S] {136} संपा.-चंद्ररत्नसागरसूरि 190 स्थानांग सूत्र (स्थान-5-10) | अखिल भारतीय सुधर्म संपा.-नेमिचंदजी बांठिया, 2058 (2) 384 (B) {स्था.सूत्र सह वीरपुत्रजी मुनि कृत जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया | (हिं.) शब्दार्थ, अनु., विवे. {रत्न 97} (श्रु.1→अ.5-10)} भाग 2 (दे.ना.) [T] {136, 152) 191 श्रुत समुद्र की मणियाँ (स्थानांग सूत्र अनेकांत फाउन्डेशन संपा.-चिदानंदविजयजी, श्रीचंद 2058 (1) 344 (C) की त्रिभंगियों पर 20 प्रवचन रंगीन |{पुष्प 27) सुराणा चित्रों सहित) {स्था.सूत्र के नित्यानंदसूरिजी कृत प्रव.20 (श्रु.1→अ.तीसरा)} {दे.ना.) [{173) स्थानाङ्गसूत्रम् (स्था.सूत्र सह महावीर जैन विद्यालय। संशो., संपा.-जंबूविजयजी |2059- 576+560+ अभय. टीका, सुमतिकल्लोल गणिजी सिद्धिभुवन मनोहर जैन (आगमप्रज्ञ) 576%3D1712 2060 (1) (B) और हर्षनंदन वादिन्द्र कृत ट्रस्ट, आत्मानंद जैन सभा, (श्रु.1→अ.3) का गाथा विव.} भावनगर (जैन आगम भाग 1-3 (दे.ना., गु., रो.} [T, s] | ग्रंथमाला ग्रं. 19→(1)} {136,137,139) 193 स्थानाङ्ग सूत्रम् (स्था.सूत्र सह भगवान महावीर संपा.-शिवमुनिजी आचार्य डॉ., 2061 (अ.) 1248+8843 आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) शब्दार्थ, मेडिटेशन एन्ड रिसर्च पूर्व संशो., पूर्व संपा.-फूलचंद्रजी | 2132 (B) अनु., विवे.} भाग 1-2 {दे.ना.} [T,S] मुनि (श्रमण) {136,145, 151) श्रमण शिव आगम प्रकाशन समिति 194 स्थानाङ्ग सूत्रं (ठाणांग सूत्रम्) जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2061 (1) 216 (P) {स्था.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [s] पूर्व संशो.-सागरानंदसूरि {136} स्थानांगसूत्र (सचित्र) {स्था.सूत्र पद्म प्रकाशन, दिल्ली प्रधान संपा.-अमरमुनिजी |2061 (1) |652+6043 (सचित्र) सह अमरमुनिजी उप. कृत {सचित्र आगममाला उपप्रवर्तक, सह संपा.-श्रीचंद 1256 (B) (हिं.) अनु., विवे. और उसका सुरेन्द्र पुष्प 15} सुराणा, चित्र.-त्रिलोक शर्मा डॉ. बोथरा कृत (अं.) भाषां.} भाग 1-2 (दे.ना.,रो.} {136, 164,165) 196 स्थानाङ्गसूत्रम् (स्था.सूत्र सह अभय, आगमोद्धारक श्रतसेवा संपा.-सागरानंदसरि 2063 293+2433 टीका) भाग 1-2 (दे.ना..गु.) [T,S] समिति, (P) आगमोदय |(पु.मु.) 536 (P) {136,137} समिति {श्रेणी} 192 195 Page #157 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 110 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय 197 स्थानांगसूत्र ( स्था. सूत्र सह देवचंद्रजी उपा. कृत (गु.) अनु., अभय. टीका का अनु.} भाग 1-2 (गु., दे. ना. } [T, S] {136, 153, 166} 198 स्थानाङ्गसूत्रम् (स्था. सूत्र सह अभय टीका} भाग 1-3 (दे. ना., गु., रो.) [T, S] {136, 137 } आगम सटीक अनुवाद (स्थान-1-3) {स्था. सूत्र का दीप. कृत (गु.) अनु. और अभय. टीका आधारित विवे. } भाग-5, 6, 7 (.) (159, 170} |200 स्थानाङ्गसूत्रम् {स्था. सूत्र सह अभय. | टीका} भाग 1-2 (दे.ना. } [T, S] {136, 137) 199 201 समवायाख्यं चतुर्यागसूत्रं {सम. सूत्र सह अभय. टीका, मेघराज उपा. कृत बा.बो.} (दे.ना.} {175, 176, 177} 202 समवायाङ्गसूत्र (सम. सूत्र सह अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.) {दे. ना. } [T] {175, 182 ) 203 समवायाङ्गसूत्रम् {सम. सूत्र सह अभय. टीका} (दे.ना. } [T] {175, 176} 204 समवायाङ्गसूत्रम् {सम. सूत्र सह | अभय. टीका} {दे.ना. } [T] {175, 176) 205 समवायाङ्गसूत्र (सम. सूत्र सह | जेठालाल हरिभाई शास्त्री कृत (गु.) अनु., अभय टीकानु.} (दे. ना. } [T] {175, 183, 194} 206 समवायाङ्गसूत्रम् {सम. सूत्र सह | अभय. टीका) (दे.ना. } [T] {175, 176} 207 सुत्तागमे तत्थ णं समवाए {सम. सूत्र मूल दे.ना.) (175) 208 समवायाङ्गसूत्रम् 3. स्थानांगसूत्र प्रकाशक (ग्रंथमाला) गुरु रामचंद्र प्रकाशन समिति, (P) मुंद्रा कच्छ आठकोटी स्थानकवासी जेन बृहदृपक्षीय संघ | जिनशासन आराधना ट्रस्ट प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 36 } श्रुत प्रकाशन निधि श्रीपालनगर जैन श्वे. मू.पू. देरासर ट्रस्ट (रामचंद्रसूरि | स्मृति ग्रंथमाला 31 } संपादक, संशोधक आदि संशो, संपा. जयानंदविजयजी | माणेकलाल चुनीलाल शेठ, कांतिलाल चुनीलाल शेठ, (P) आगमोदय समिति | जैन धर्म प्रसारक सभा संशो., संपा. - जंबूविजयजी (आगमप्रज्ञ) | मगनलाल लालजीभाई / | माणेकलाल चुनीलाल शेठ संपा. दीपरत्नसागरजी (N) 4. समवायांगसूत्र (201-229) धनपतसिंह बहादुर संपा. चंद्रगुप्तसूरि राजा बहादुर लालासुखदेव संपा. अमोलकऋषि (#) | सहायजी ज्वालाप्रसादजी जौहरी आगमोदय समिति संशो. - नानकचंदजी ऋषि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2063 (अ.) 480+515= 995 (B) संशो. कुंवरजी आणंदजी शाह (#) 2065 (पु.मु.) | सूत्रागम प्रकाशक समिति संपा. फूलचंद्रजी मुनि 1 पुष्प 6) (पुष्कभिक्खु) | अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो. - कन्हैयालालजी मुनि 538+558+ 502=1598 (B) 2066 (3T.) 240+224+ 224-688 (c) 2068 (1) 536+442= 978 (P) 1933 (अ.) 259 (P) संशो., संपा. सागरानंदसूरि (#) 1974 (अ.) 163 (P) 1973 (3T.) 346 (P) संपा. नगीनदास नेमचंद मास्तर 1994 (अ.) 152 (P) 1995 (3T.) 338 (P) संपा. -नगीनदास नेमचंद मास्तर 1995 (अ.) 149 (P) (#) 2008 (3T.) 68 (D) |2018 (1) 514 (B) Page #158 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 111 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) [SAMAVAYANGA SUTRAM] स्थानकवासी जैन {सम.सूत्र का घासी. कृत (गु.) शास्त्रोद्धार समिति स्वोपज्ञ टीकानु.} {गु., दे.ना.) {196} 209 समवायाङ्गसूत्रम् अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2018 (1) 1212 (B) (SAMAVAYANGASUTRAM) स्थानकवासी जैन (सम.सूत्र सह घासी. कृत टीका, (हिं., गु.) स्वोपज्ञ टीकानु.} {दे.ना., गु.) {175, 180, 195, 196} | 210 समवायाङ्ग (सानुवाद, सपरिशिष्ट) आगम अनुयोग प्रकाशन संक., संपा.-कन्हैयालालजी मुनि 2023 (1) 520 (E) {सम.सूत्र सह कन्हैयालालजी मुनि (कमल) कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T, S] {175, 184) समवायांग सूत्रम् (सम.सूत्र मूल} भाग हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2031 (अ.) 104 (c) | 1/4 {दे.ना.} [S] {175} {ग्रं. 67} 212 समवायांग सूत्र {सम.सूत्र सह प्रेम जिनागम प्रकाशन संपा.-शोभाचंद्रजी भारिल्ल |2035 (1) 238 (B) सुमनबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु.} | समिति (प्रेम {गु., दे.ना.) {175, 186) जिना.प्रका.ग्रं. 11) 213 समवाओ (सम.सूत्र सह कनकश्रीजी जैन विश्व भारती संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य |2040 (1) 467 (B) कृत छाया, महाप्रज्ञजी आदि कृत (हिं.) अनु., टिप्पन} {दे.ना.) [T, S] {175, 179, 191) समवायाङ्ग सूत्रम् {सम.सूत्र सह हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2045 (1) 338 (P) अभय.टीका) {दे.ना.) [T,S] {ग्रं. 191} {175, 176} 215 समवाय-सुत्तं (SAMAVAY-SUTTAM) प्राकृत भारती अकादमी, संपा.-चंद्रप्रभसागरजी 2046 (अ.) 322 (C) {सम.सूत्र सह चंद्रप्रभसागरजी महो. जैन श्वेतांबर नाकोडा महोपाध्याय कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} {175, 187} | पार्श्वनाथ तीर्थ, मेवानगर, जितयशाश्री फाउंडेशन {पुष्प 74} 216 समवायांग सूत्र (गुटका संस्करण) आगम अनुयोग ट्रस्ट, संयो.-विनयकुमारजी मुनि, 2048 (अ.) 380 (E) {सम.सूत्र मूल) (दे.ना.} {175} अमदावाद संपा.-कन्हैयालालजी मुनि (कमल) समवायागसूत्रम् (सम.सूत्र सह | जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व 2051 164 (P) अभय. टीका) (दे.ना., गु.) [T, S] ट्रस्ट, (P) आगमोदय संपा.-सागरानंदसूरि (#) {175, 176) समिति 21845 आगमसुत्ताणि [समवाओ) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) 80 (C) | {सम.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.) {175) 219 समवायाग सूत्र (सम.सूत्र सह अखिल भारतीय सुधर्म संपा. नेमिचंदजी बांठिया, 2054 (1) 424 (B) वीरपुत्रजी मुनि कृत (हिं.) शब्दार्थ, जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया | अनु., विवे.} {दे.ना.) [T] {रत्न 86} {175, 181} 220 समवायांग सूत्र (सम.सूत्र सह गुरुप्राण फाउन्डेशन प्रधान संपा.-लीलमबाई 2054 (1) 408 (B) 214 217 (प.म. Page #159 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 112 4. समवायांगसूत्र क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्र काशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) वनिताबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु., |{आगमबत्रीसी रत्न 3} महासतीजी, संपा.-तिलोक मुनि | विवे., सारांश) (गु., दे.ना.) {175, 193) 221 आगम सुत्ताणि (सटीकं) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2056 (अ.) |200 (C) [समवायाङ्गसूत्रम्] {सम.सूत्र सह अभय. टीका) भाग 4 {दे.ना., गु.) {175, 176} 222 समवायांगसूत्र आगम प्रकाशन समिति, संपा.-हीरालाल शास्त्री, पूर्व 2057 (3) 372 (B) (SAMAVAYANGASUTRA) ब्यावर (जिनागम संयो., पूर्व संपा.-मिश्रीमलजी {सम.सूत्र सह हीरालालजी शास्त्री ग्रंथमाला ग्रंथांक 8} मुनि कृत (हिं.) अनु., विवे.} {दे.ना.} [T] {175, 192} 223 अभ्युदय आगम सुत्ताणि (समवाओ) रत्नसागर प्रकाशन निधि |संयो.-जितरत्नसागरसूरि, 2057 (1) 83 (E) {सम.सूत्र मूल) भाग 4 {दे.ना.} [3] संशो.-दीपरत्नसागरजी, {175) संपा.-चंद्ररत्नसागरसूरि 224 समवायाङ्गसूत्रं (समवायांग सूत्रम्) जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व 2061 (1) 108 (P) {सम.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [] संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि {175) 225 समवायाङ्गसूत्रम् महावीर जैन विद्यालय संशो., संपा.-जंबूविजयजी |2061 (1) 547 (B) (SAMAVAYANGASUTRAM) (जैन आगम ग्रंथमाला (आगमप्रज्ञ), पूर्व {सम.सूत्र सह अभय. टीका) (दे.ना., ग्रं. 20) संशो.-पुण्यविजयजी गु., रो.} [T,S] {175, 176) . (आगमप्रभाकर) समवायाङ्गसूत्रम् सिद्धिभुवन मनोहर जैन संशो., संपा.-जंबूविजयजी 2061 (1) 542 (B) (SAMAVAYANGASUTRAM) ट्रस्ट, आत्मानंद जैन सभा, (आगमप्रज्ञ), पूर्व {सम.सूत्र सह अभय. टीका) भावनगर (ग्रंथांक 2} संशो.-पुण्यविजयजी {दे.ना., गु., रो.} [T, S] {175, 176} (आगमप्रभाकर) 227 समवायाङ्गसूत्रम् (सम.सूत्र सह जिनशासन आराधना संशो., संपा.-जंबूविजयजी 2064 (अ.) 360 (B) अभय.टीका} {दे.ना.} [T, S] ट्रस्ट, (P) सिद्धिभुवन (आगमप्रज्ञ), पूर्व {175,176} मनोहर जैन ट्रस्ट, संशो.-पुण्यविजयजी आत्मानंद जैन सभा, (आगमप्रभाकर) भावनगर (प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 26} | 228 आगम सटीक अनुवाद (समवाय) श्रुत प्रकाशन निधि संपा.-दीपरत्नसागरजी (2) 2066 (अ.) 224 (C) {सम.सूत्र का दीप. कृत (गु.) अनु. और अभय. टीका आधारित विवे.} भाग 8 {गु.} {190, 197} 229 समवायाङ्गसूत्रम् {सम.सूत्र सह | श्रीपालनगर जैन श्वे. मू.पू. संपा.-पुण्यकीर्तिविजय गणि 2068 (1) 298 (P) अभय. टीका} {दे.ना.} [T, S] देरासर ट्रस्ट {रामचंद्रसूरि {175, 176) स्मृति ग्रंथमाला 4} 226 5. भगवतीसूत्र (230-316) धनपतसिंह बहादुर संपा.-नानकचंदजी ऋषि (2) | 230 भगवतीसूत्र पंचमाङ्ग (भग.सूत्र सह 1938 (अ.) 1128+8613 Page #160 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 113 (P) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) अभय. टीका, रामचंद्र गणिजी कृत |{आगमसंग्रह भाग 571) 1989 (P) छाया, मेघराज उपा. कृत बा.बो.} भाग 1-2 {दे.ना.) {198, 200, | 204, 223} 231 | भगवतीसूत्रम् (भग.सूत्र सह अभय. आगमोदय समिति संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) |1974- | 329+332+ टीका) भाग 1-3 (दे.ना.} [T, S] | 1977 (अ.) 325=986 {198,200) 232 भगवती सूत्र {भग.सूत्र का पुरुषोत्तम जैन शासन कार्यालय संशो.-शांतिविजयजी 1974 (अ.) 240 (C) गीगाभाई शाह कृत (गु.) विवे. (श्रु.1→श.1)} भाग 1 {गु.) [T] {251) 233 भगवतीसूत्रम् (व्याख्याप्रज्ञप्तिः) जिनागम प्रकाशक सभा संशो.-बेचरदास जीवराज दोशी | 1974- |376+3623 | {भग.सूत्र सह अभय. टीका, बेचरदास पंडित | 1979 (अ.) 738 (A) जीवराज पं. कृत छाया, (गु.) अनु., टीकान. (0.1→श.6) भाग 1-2 (दे.ना.) [T,S] {198, 200,224, 231,252) 234 विवाहप्रज्ञप्ति (भगवती) सूत्र राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि (#) |1974- 1030+1181 {भग.सूत्र सह अमोलकऋषिजी कृत सहायजी ज्वालाप्रसादजी 1975 (अ.) +92233133 (P) (हिं.) अनु.) भाग 1-3 (दे.ना.) जौहरी [T, S] {198, 232) 235 जैनगुण माणिक्यमाला {भग.सूत्र की पुनमचंद करमचंद संपा.-माणिक्यसिंहसूरि (#) 1982 (1) 416 (D) वाचना का मेघविजयजी कृत (गु.) कोटावाळा वाचनावर्णन और विविध स्तवन, सज्झाय आदि} {दे.ना.} [T] {222) 236 भगवतीसूत्र (व्याख्याप्रज्ञप्ति) गूजरात विद्यापीठ संशो..भगवानदास हरखचंद |1985 (अ.) 418 (A) (शतक-7-15) {भग.सूत्र सह दोशी भगवानदास हर्षचंद्र पं. कृत (गु.) अनु. (श्रु.1→श.7-15)} खंड 3{दे.ना.) [T, S] {198, 231) भगवतीसूत्र (व्याख्याप्रज्ञप्ति) जैन साहित्य प्रकाशन संशो.-भगवानदास हरखचंद |1988 (अ.) |442 (A) (शतक-16-41) {भग.सूत्र सह समिति {रायचंद जिनागम दोशी भगवानदास हर्षचंद्र पं.कृत (गु.) अनु. संग्रह) (श्रु.1→श.16-41)} भाग 4 {दे.ना.) [T, S] {198, 231) 238 भगवतीसूत्रम् {भग.सूत्र की ऋषभदेव केशरीमलजी संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) 1992 (अ.) 300 (P) दानशेखरसूरिजी कृत टीका} {दे.ना.) |जैन श्वेतांबर संस्था [s] (202) व्याख्याप्रज्ञप्तिः (भग.सूत्र सह अभय. ऋषभदेव केशरीमलजी संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) |1993- 618+616+ टीका (श्रु.1→श.23) भाग 1-3 280%D1514 जैन श्वेतांबर संस्था 2003 (2) (दे.ना.) [S] {198, 200} 240 भगवतीसूत्रम् (भग.सूत्र सह हीरालाल हीरालाल हंसराज पंडित संपा.-हीरालाल हंसराज (#) 1993- 332+248+ हंसराज पं. (2) कृत (गु.) अनु.) 1996 (1) 264...31460 (P) भाग 1-6(दे.ना.) [T] {198, 234) 239 (P) Page #161 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 114 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय 241 भगवती सार (पंचम अंगनो छायानुवाद) (भग. सूत्र का गोपालदास जीवाभाई पटेल कृत (गु.) अनु.} {गु.} [T] {233} 242 जवाहिराचार्य के भगवतीसूत्र पर व्याख्यान {भग. सूत्र के जवाहिरलालजी कृत (हिं.) प्रव. (श्रु. 1 श. 13. 1)} भाग 1 [दे.ना.) [T] (259) 243 भगवतीसूत्रनी देशनाओ (आठमुं शतक) (भग. सूत्र के सागरानंदसूरिजी कृत (गु.) प्रव. 49 (श्रु. 1 श. 8वाँ) } {गु.} {262} 244 देशनानन्द- सुधासिन्धुः । भगः सूत्र के सागरानंद सूरिजी कृत (गु) प्रव. 105 (श्रु. 1. 1)} विभाग {गु.. [., दे. ना. } {260} 245 भगवतीजी सूत्रनां व्याख्यानो (जिनस्तुति) (भग. सूत्र के लब्धिसूरिजी कृत (गु.) प्रव. (श्रु. 1. 1. 1) (मंगला. जिनस्तुति)) भाग 1 {गु., दे.ना.} (263) 246 सुत्तागमे भग. सूत्र मूल} भाग 7, 8 (दे.ना.) (198) 248 भगवतीसूत्र के थोकडे (भग. सूत्र | आधारित वीरपुत्रजी मुनि कृत (हिं.) | थोकसंग्रह -208) भाग 1-9 (दे.ना. } |[T] {274} 5. भगवती सूत्र 249 आगमोद्धारक देशना समुच्चय { भग. सूत्र के सागरानंदसूरिजी कृत (गु.) प्रव.33 (श्रु.1.1.1 ) } भाग 1 गु.) [T] {261 } 250 भगवतीसूत्रम् (भग. सूत्र सह घासी. कृत छाया, टीका, (हिं., गु.) स्वोपज्ञ टीकानु. और (श्रु. 1श.8, श. 93. 31 ) का अनु.} भाग 1-17 दे. ना., गु.} {198,225,228,236 237, 254, 255} | प्रकाशक ( ग्रंथमाला } जैन साहित्य प्रकाशन समिति ( पंजाभाई जैन ग्रंथमाला 16 } संपादक, संशोधक आदि संपा. गोपालदास जीवाभाई पटेल जेन हितेच्छु श्रावक मंडल संपा. शोभाचंद्रजी भारिल्ल { व्याख्यान सारसंग्रह पुस्तकमाला 19} | सिद्धचक्र साहित्य प्रचारक संग्रा. हेमसागरसूरि समिति ऋषभदेवजी छगनीरामनी संशो., संपा. चंद्रसागरसूरि पेडी 247 भगवतीसूत्र (भग. सूत्र का मदनकुमार श्रुत प्रकाशन मंदिर महेता कृत (हिं.) अनु. ( श्रु. 1. 20) } दे.ना. रो. [T] (235) " लब्धिसूरि जैन ग्रंथमाला, संयो, संपा. चीमनलाल छाणी (क्र. 28) नाथालाल शाह सूत्रागम प्रकाशक समिति संपा. - फूलचंद्रजी मुनि (पुप्फभिक्खु) { पुष्प 7 } संपा. मदनकुमार महेता () अगरचंद भैरोंदान सेठिया संपा. वीरपुत्रजी महाराज | जैन पारमार्थिक संस्था { पुष्प 130 } | आनंद साहित्य ग्रंथमाला संपा. चंदनसागरजी गणि {ग्रं. 1} अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो. - कन्हैयालालजी मुनि स्थानकवासी जैन शास्त्रोद्धार समिति वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 804 (D) 1994 (1) 2002 (1) 2005 (1) 322 (D) 2007 (3T.) 524 (B) 256 (B) 2007 (1) 564 (D) 2008 (अ.) 434+124= 558 (D) 2012 2019 (1) 2011 (1) 730 (D) 20172028 (1) 120+135+ 126...=1134 (D) 2012 (1) 468 (D) 916+736+ 908...= 14600 (B) Page #162 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 115 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 251 भगवतीसूत्रम् {भग.सूत्र का घासी. कृत अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि |2017- 1308+228+ 2028 (1) 266...-4205 (गु.) स्वोपज्ञ टीकानु. और स्थानकवासी जैन (B) (श्रु.1→श.8, श.9→उ.31) का अनु.} शास्त्रोद्धार समिति भाग 1-17 {गु.} {237, 255} 252 | भगवतीजीसूत्रनां व्याख्यानो (शास्त्र लब्धिसूरि जैन ग्रंथमाला, संयो., संपा.-चीमनलाल |2017 (2) 584 (D) प्रस्तावना) {भग.सूत्र के लब्धिसूरिजी | छाणी {क्र. 35} नाथालाल शाह कृत (गु.) प्रव. (श्रु.1→श.1→उ.1) (शास्त्र प्रस्तावना)) भाग 2 (गु., दे.ना.} {263) 253 आगमोद्धारक भगवती देशना धनजीभाई देवचंदभाई संग्रा., संपा.-हेमसागरसूरि 2018 (1) 492 (D) समुच्चय {भग.सूत्र के झवेरी {आनंद हेम सागरानंदसूरिजी कृत (गु.) ग्रंथमाला 8} प्रव.34-83 (श्रु.1→श.1→उ.1)} भाग 2 {गु.} {261) 254 |studies In The Bhagawati Sutra |प्राकत, जैनशास्त्र अने प्रधान संपा.-Nathamalji Tatia |2020 (1) |684 (C) {भग.सूत्र का जोगेन्द्र चंद्र सिकदर डॉ. अहिंसा शोध संस्थान |Dr., संपा.-Jogendra कृत (अं.) शोधग्रंथ} {रो.} [T, S] {Prakrit Jaina Inst. Chandra Sikdar Dr. {279) | Res. Pub. Series 1} 255 शारदा सुधा {भग.सूत्र के शारदाबाई लीलावती जयंतिलाल शाह संपा.-Amritials. Gopani Dr. | 2020-... 370+4323 2021 (2) 802 (C) महासतीजी कृत (गु.) प्रव.113 (0.1→श.13→उ.6),) भाग 1-2 {गु.} {265} 256 शारदा संजीवनी (भगवतीसूत्र प्रवचन) अप्रदर्शित (#) अप्रदर्शित (#) 2022 (#) 542 (D) {भग.सूत्र और धन्य चरित्र के (अ.?) शारदाबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव.32 (श्रु.1→श.3-उ.1)} {गु.} {267) 257 | भगवतीसूत्र शतक पन्द्रहवाँ गोशालक प्राकृत ग्रंथ परिषद संपा.-रूपेन्द्रकुमार पगारिया (#) |2022 (अ.) 72 (D) {भग.सूत्र का बेचरदास पंडित के (गु.) अनु. का रूपेन्द्रकुमार पगारिया कृत (हिं.) भाषां. (श्रु.1→श.15वाँ)} {दे.ना.} {238} 258 शारदा माधुरी {भग.सूत्र के शारदाबाई मणीलाल सुंदरजी दोशी अप्रदर्शित 2023- 806+432+ महासतीजी कृत (गु.) प्रव.133 (श्रु.1→ 512%3D1750 2025 (1) (C) श.15वाँ)} भाग 1-3 {गु.} {266} भगवतीजीसूत्र {भग.सूत्र के लब्धिसूरीश्वरजी स्मारक संपा.-राजयशसूरि 2025 (2) 270 (D) लब्धिसूरिजी कृत (गु.) प्रव. संस्कृति केन्द्र, मुंबई (श्रु.1→श.1-उ.1) (अरिहंत पद विवे.)} भाग 3-1{दे.ना.) {263} 260 | भगवती उपक्रम {भग.सूत्र का जनक शामजी वेलजी वीराणी संयो., संपा.-जनक मुनि, 2025 (अ.) 820 (D) मुनिजी कृत (गु.) अनु. (थोकसंग्रह)} तथा कडवीबाई वीराणी जगदीशमुनि {गु.} [T, S] {239) स्मारक ट्रस्ट 261 | भगवतीजी सूत्र (व्याखान संग्रह) लब्धिसूरीश्वरजी स्मारक अप्रदर्शित 2027- 676+520+22 |2035 (1) 6...31942(D) Page #163 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 116 5. भगवतीसूत्र क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) (भग.सूत्र के लब्धिसूरिजी के प्रव. का संस्कृति केन्द्र, मुंबई जसराजजी सिंघी कृत (हिं.) भाषां. (शास्त्र प्रस्तावना, अरिहंतपद, सिद्धपद)} भाग 1-3 {दे.ना.) [T] {268) 262 अर्थागम (ARTHAGAMA) सूत्रागम प्रकाशक समिति संपा.-फूलचंद्रजी मुनि 2028 (1) 786 (B) (भगवतीसूत्र) {भग.सूत्र का वीरपुत्रजी (पुष्फभिक्खु) मुनि कृत (हिं.) अनु.) खंड 2 {दे.ना.) [[T] {229) 263 शाश्वती ओळीना तात्विक कैलास कंचन भावसागर अ.त.,संग्रा., 2030 (अ.) 714 (C) व्याख्यानो, प्रशमरति अने श्रमण संघ सेवा ट्रस्ट संपा.-हेमसागरसूरि संबंधकारिका, आगमोद्धारक भगवती {आनंद हेम ग्रंथमाला 8} देशना संग्रह {भग.सूत्र के |सागरानंदसूरिजी कृत (गु.) प्रव.34-83 (श्रु.1→श.1→उ.1), प्रशमरति और संबंधकारिका के प्रव.} भाग 2 {गु., दे.ना.} [T] {261) 264 भगवतीसूत्र अवचूरिः {भग.सूत्र की देवचंद लालभाई जैन संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (2) 2030 (1) 252 (P) अज्ञात कर्तृक अव., हर्षकुल गणिजी पुस्तकोद्धार फंड कृत टीका) {दे.ना.} [T, S] {ग्रंथांक 114} | (201, 203} 265 वियाहपण्णत्तिसुत्तं (भग.सूत्र) महावीर जैन विद्यालय संपा.-बेचरदास जीवराज दोशी | 2030-. 1544+676+ (भग.सूत्र मूल) भाग 1-3 {दे.ना., गु., {जैन आगम ग्रंथमाला पंडित 2038(1) 554-1774 (B) रो.} [T, S] {198} ग्रं.4-(1)} शारदा सरिता {भग.सूत्र आधारित सुधर्मा ज्ञानमंदिर संपादिका-कमळाबाई 2030 (2) 994 (B) जमालीकुमार के अधिकार और महासतीजी, संगीताबाई साध्वी गुणसेन-अग्निशर्मा चरित्र संबंधित शारदाबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव.118 (श्रु.1→श.9-→उ.33वाँ)) {गु.} {269) |भगवती सत्रना व्याख्यानो (सिद्धपद लब्धिसरीश्वरजी स्मारक संपा-राजयशसरि 2032 (अ.) 552 (D) विवेचन) {भग.सूत्र के लब्धिसूरिजी संस्कृति केन्द्र, मुंबई कृत (गु.) प्रव. (श्रु.1→श.1→3.1)) |भाग 3 (2) (गु., दे.ना.} [T] {263} 268 आगमसुधासिंधुः (भगवतीसूत्र) हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि । 2032- 460+416%3D {भग.सूत्र मूल) भाग 2,3 {दे.ना.} {ग्रं.64) 2033 (अ.) 876 (B) [[s] {198) 266 संशो., संपा.-हेमसागरसूरि 2035 (अ.) 747 (C) सीमंधरस्वामि जैन ज्ञानमंदिर 269 |आगमोद्धारक देशना समुच्चय तथा सिद्धचक्र माहात्म्य (भगवतीसूत्र उपरनां 33 व्याख्यानो) {भग.सूत्र के सागरानंदसूरिजी कृत (गु.) प्रव.33 (मंगलाचरण) (श्रु.1→श.1→उ.1) और नवपद प्रव.) भाग 1 Page #164 -------------------------------------------------------------------------- ________________ | प्रकाशन नाम एवं परिचय |{गु., दे.ना. } [T] {261 } 270 प्रवचन पुष्प (भग. सूत्र के शंख श्रावक के अधिकार के लीलावतीबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव. 85 (श्रु. 1श. 12 उ.1)} (गु.) {270} क्र. 271 आगमोद्धारक प्रवचन श्रेणि (भग. सूत्र के सागरानंदसूरिजी कृत (गु.) प्रव. 186-233 (श्रु. 1श. 8वाँ ) ) भाग 6 (गु.} {262 } 272 व्याख्याप्रज्ञप्तिः (भगवतीसूत्रम्) { भग. सूत्र सह अभय. टीका (श्रु.1 श. 7 ) } विभाग 1 (दे.ना. } [T, S] [198, 200 } 273 भगवतीसूत्र सारसंग्रह [भग सूत्र के पूर्णानंदविजयजी पं. कृत (हिं.) विवे (श्रु. 1श. 1220) } भाग 3 (दे.ना. } {257} 276 भगवतीसूत्र सारसंग्रह (शतक-21-41 ) भगसूत्र का पूर्णानंदविजयजी पं. कृत (हिं.) विवे. (श्रु. 1. 21-41 ) } भाग 4 [दे.ना.) (257) 277 नियंठा- संजया (निर्ग्रथ संयत) (सानुवाद) (भग. सूत्र सह | कन्हैयालालजी मुनि कृत (हिं.) अनु. (श्रु.1 श. 253.6-7)} (दे.ना. } [T, S] [198, 241 } आगम प्रकाशन परिचय 278 भगवतीसूत्र सारसंग्रह (भग. सूत्र का पूर्णानंदविजयजी पं. कृत (गु.) विवे और विद्याविजयजी कृत (.1.6) का सारांश भाग 1-4 (गु.) [T] {256, 277} | प्रकाशक ( ग्रंथमाला } 274 भगवतीसूत्रनां प्रवचनो (भगसूत्र के मुक्ति कमल मोहन जैन धर्मसूरिजी कृत (गु.) प्रव. 15 ज्ञान मंदिर (पुष्प 57 } ( श्रु. 1. 1.1)) (गु.} [T] (264) 279 व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्र ( भग. सूत्र सह अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु., स्थानकवासी जैन संघ, अमदावाद 275 भगवतीसूत्र ( भग. सूत्र सह वीरपुत्रजी अखिल भारतीय सुधर्म मुनि कृत (हिं.) शब्दार्थ, अनु, विवे. जैन संस्कृति रक्षक संघ | भाग 1-7 (दे.ना. } [T, S] {198, 229) (रत्न 12} आनंद हेम ग्रंथमाळा | महावीर जैन साहित्य प्रकाशन नेमुभाई बाही जैन उपाश्रय संघ, (P) आगमोदय समिति (8) { पुष्प 5} अप्रदर्शित (#) आगम अनुयोग ट्रस्ट, अमदावाद | विद्याविजयजी स्मारक ग्रंथमाला संपादक, संशोधक आदि आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (जिनागम संपादिका - लीलावतीबाई महासती (#) संपा. हेमसागरसरि, सह | संपा. राजरत्नसागरजी संपा. अरुणविजयजी पंन्यास संशो. संपा. यशोदेवसूरि संपा. वीरपुत्रजी महाराज | संपा. पूर्णानंदविजयजी पंन्यास 2039 (1) (#) | संपा. - कन्हैयालालजी मुनि (कमल) वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2036 (1) 2037 (2) संपा. - अमरमुनिजी उपप्रवर्तक, श्रीचंद सुराणा, प्रधान संपा., 2038 (पु.मु.) 2041 (4) 20422043 (2) 2043 (1) संपा. पूर्णानंदविजयजी पंन्यास 2035 2044 (3) जगजीवनदास कस्तुरचंद संपा. पूर्णानंदविजयजी पंन्यास 2042 (1) 60 (D) शाह (#) 707 (B) 20482051 (2) 360 (C) 337 (P) 566 (C) 640 (D) 117 550+560+ 506...=3978 (B) | 304 (E) 606+618+ 690...=2514 (D) 568+660+ 836...=2958 | (B) Page #165 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 118 | प्रकाशन नाम एवं परिचय | विवे., देवेन्द्र मुनि शास्त्री कृत भग. सूत्र | संबंधित शोधग्रंथ) भाग 14 { दे.ना. } [[T, S] [198,247, 280 } 280 भगवतीसूत्रम् (भगः सूत्र सह अभय. टीका, बेचरदास जीवराज पं. कृत छाया, (गु.) टीकानु (श्रु.1 श. 6), बेचरदास जीवराज पं. और भगवानदास हर्षचंद्र पं. कृत अनु.) भाग 1-4 { दे.ना. } [T, S] [198, 200, 224, 231, 252} क्र. [BHAGAWAI-VIAHAPANNATTI] { भग. सूत्र मूल} भाग 2 (दे. ना., रो. } [T, S] [198} 282 व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्रम् {भग. सूत्र सह अभय टीका} भाग 1-3 (दे.ना., गु. } [T, S] 198, 200} 281 अंगसुत्ताणि (भगवई-विआहपण्णत्ती) जैन विश्व भारती ANGA SUTTANI 283 भगवतीसूत्र एक परिशीलन ( भग. सूत्र का देवेन्द्र मुनिजी शास्त्री कृत (हिं.) परिशीलन) (दे.ना.) (280) 284 भगवतीसूत्र का सारांश (तत्त्वशास्त्र भाग-3) (भग. सूत्र का तिलोक मुनि कृत (हिं.) सारांश) (दे.ना.} {278} 285 भगवई विआहपण्णत्ती भग सूत्र सह { चूर्णि (श. 2), अभय. टीका, कनकप्रभा साध्वीजी और महाश्रमणजी कृत छाया, महाप्रज्ञजी कृत (हिं.) अनु., भाष्य (श्रु. 1श. 16 ) } भाग 1-4 {दे. ना. } [T, S] [198, 199, 200, 226, 227, 242} 286 जवाहिराचार्य के भगवती सूत्र पर व्याख्यान {भग. सूत्र के जवाहिरलालजी कृत (हिं.) प्रव. (श्रु.1 श. 13. 1) } भाग 1 {दे.ना. } [T] [259 } 287 A STUDY OF THE BHAGAVATI 5. भगवती सूत्र SUTRA A CHRONOLOGICAL | ANALYSIS { भग. सूत्र का | रचनाकाल एवं परिमाण के परिप्रेक्ष्य प्रकाशक (ग्रंथमाला} ग्रंथमाला ग्रंथांक 14 ) | दादर आराधना भवन जैन पौषधशाला ट्रस्ट, (P) जिनागम प्रकाशक सभा जिनशासन आराधना ट्रस्ट, (P) आगमोदय समिति (आगम प्रकाशन माला 29 } तारक गुरु जैन ग्रंथालय { पुष्प 300 } पुष्प 29-31} जेन विश्व भारती संपादक, संशोधक आदि पूर्व संयो. मिश्रीमलजी मुनि प्राकृत ग्रंथ परिषद {No. 28} संशो. बेचरदास जीवराज दोशी 2048 पंडित (पु.मु.) संपा. महाप्रज्ञजी आचार्य, सह संपा. दुलहराजजी मुनि पूर्व संशो. पूर्व संपा. सागरानंदसूरि (1) संपा. - देवेन्द्रमुनिजी शास्त्री वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संपा. महाप्रज्ञजी आचार्य जवाहर साहित्य समिति, संपा. शोभाचंद्रजी भारिल्ल (P) जैन हितेच्छु श्रावक मंडल (जवाहर किरणावली 44 ) 2049 (2) 2049 (पु.मु.) | आगम नवनीत प्रकाशन संयो. - विमलकुमारजी नवलखा 2050 (अ.) 336 (D) समिति, सिरोही { आगम नवनीत माला 376+364+ 444...=1605 (A) 1152 (B) 20502063 (1) 331+335+ 327-993 (P) 2049 (1) 264 (C) 454+592+ 510... 2152 (B) 2050 (2) 318 (D) | संपा. दलसुखभाई मालवणिया 2050 (1) 296 (A) पंडित, हरिवल्लभ चुनीलाल भायाणी डॉ. Page #166 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय में Suzuko Ohira कृत शोधपूर्ण (अं.) | अध्ययन} {रो. } [T, S] {281} 288 भगवतीसूत्र-विवेचन (भग. सूत्र के | भुवनभानुरिजी कृत (गु.) प्रव. 12 | (श्रु. 1 अ. 13.1)) भाग 1 (गु.) (271) 289 45 आगमसुत्ताणि (भगवई) (विवाह पन्नति) (भग.सूत्र मूल) दे.ना.. गु. (198) 290 भगवती सूत्रम् (व्याख्याप्रज्ञप्ति) |भग सूत्र की दानशेखरसूरिजी कृत | टीका दे. ना. गु.] [5] (202) |291 VIYAHAPANNATTI (BHAGAVAI) { भग. सूत्र का Jozef Deleu कृत (अं.) शोधग्रंथ) (रो.} {282) 292 आगम-दीप (भगवई) {भग. सूत्र का दीप. कृत (गु.) अनु.) विभाग 2 {गु., दे. ना.} (243) | 293 BHAGAVATISUTRA { भग. सूत्र सह के. सी. ललवानी प्रो. कृत (अं.) टिप्पणयुक्त अनु. (श्रु. 1. 11)} | Vol. 1-4 रो., दे.ना. } {198,240 } 294 भगवती सूत्रम् (भग. सूत्र सह अभय टीका और दानशेखरसूरिजी कृत | टीका} भाग 1-4 (दे.ना.} {198, 200, 202) 295 आगम सुत्ताणि (सटीकं) (भगवती अग सूत्रं-1-2) (भग. सूत्र सह अभय. टीका) भाग-5, 6 (दे.ना., गु.) {198, 200} 296 भगवतीसूत्र (भग. सूत्र सह आरतीबाई महासतीजी डॉ. कृत (गु.) अनु, विवे.) | भाग 1-5 (गु., दे. ना. } [S] [198,248) 297 अभ्युदय आगम सुत्ताणि (भग. सूत्र) { अभ्युदय आगम सुत्ताणि अंतर्गत भग. सूत्र मूल} भाग 5 / 1-3 (दे. ना. } (198) आगम प्रकाशन परिचय प्रकाशक ( ग्रंथमाला } दिव्यदर्शन ट्रस्ट आगम श्रुत प्रकाशन जिनशासन आराधना ट्रस्ट (P) अषभदेव | केशरीमलजी जैन श्वेतांबर संस्था मोतीलाल बनारसीदास पब्लशर्स प्रा. लि. { Lala Sundarlal Jain |Research Series 10} आगमदीप प्रकाशन जैन भवन आगम श्रुत प्रकाशन संपादक, संशोधक आदि गुरुप्राण फाउन्डेशन, महावीर सेवा ट्रस्ट, राजकोट अ.त. संपा. - पद्मसेनविजयजी पंन्यास संशो., संपा. -दीपरत्नसागरजी पूर्व संशो. पूर्व " | संपा. सागरानंदसूरि (#) प्रधान संपा. - SatyaRanjan Banerjee Dr. | संपा. दीपरत्नसागरजी (#) हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो, संपा. जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 353} संशो., संपा. -K. C. Lalwani संशो. संपा, दीपरत्नसागरजी प्रधान संपा. लीलमबाई महासतीजी, | सहसंपादिका - आरतीबाई { आगमबत्रीसी रत्न 12} महासतीजी डॉ., सुबोधिकाबाई साध्वी | | रत्नसागर प्रकाशन निधि संयो. -जितरत्नसागरसूरि, संशो. दीपरत्नसागरजी, संपा. चंद्ररत्नसागरसरि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2051 (3T.) 124 (C) 2052 (अ.) 512 (C) 2052 (पु.मु.) 2052 (1) 20362063 (2) | 2053 (अ.) 528 (C) 2055 (1) 303 (P) 20562059 (1) 372 (C) 2057 (1) 119 352+421+ 326...=1425 (c) 2056 (3T.) 560+528= 1088 (C) 396+398+ 380...=1656 (P) 592+512+ 872...=3416 (B) 175+175+ 187=537 (E) Page #167 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 120 5. भगवतीसूत्र संपादक, संशोधक आदि संपा.-प्रद्युम्नसूरि, सह संपा.-कांतिभाई बी.शाह डॉ. वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2057 (1) 176 (B) 298 प्रबंध संपा.-श्रीचंद रामपुरीया, 2042प्रधान संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य 2058 (2) संपादिका-कनकप्रभाजी साध्वी 456+576+ 485...33245 |(B) 2058 (1) |120 (B) संशो., संपा.-रूपेन्द्रकुमार पगारिया संपा.-दीपरत्नसागरजी (#) |2058 (अ.) 288 (C) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला} भगवतीसूत्र वंदना (भगवतीसूत्र का |श्रुतज्ञान प्रसारक सभा (गु.) परिचय एवं मानविजय आदि कृत सज्झायादि का संग्रह) {गु., दे.ना.) (205, 207, 209,210,211, 212, 213,214,215, 1569, 1570) 299 भगवती जोड {भग.सूत्र की। जैन विश्व भारती {जय जयाचार्यजी कृत (राज.) जोड वाङ्मय 14} (ढाल-501), भग.सूत्र के 25वें श.की जोड, भिक्षु आचार्य कृत गोसाला की चोपाइ ) भाग 1-7 {दे.ना.} [T,s] {218, 219, 220, 221} | 300 | भगवतीचर्णि: BHAGAVAICURNI] | लालभाई दलपतभाई {भग.सूत्र की चूर्णि} {दे.ना.} [s] भारतीय संस्कृति {199) विद्यामंदिर (ला. द. ग्रंथश्रेणि 130) 301 आगमसूत्र (हिन्दी अनुवाद) श्रुत प्रकाशन निधि (भगवतीसूत्र-1) (शतक-1-10) {भग.सूत्र का दीप.कृत (हिं.) अनु. (श्रु.1-श.10)} भाग 3 (दे.ना., गु.} {244} आगमसूत्र (हिन्दी अनुवाद) | श्रुत प्रकाशन निधि (भगवतीसूत्र-2) (शतक-11-29) {भग.सूत्र का दीप.कृत (हिं.) अनु. (श्रु.1→श.11-29)} भाग 4 {दे.ना., गु.} {244} 303 | भगवती सूत्रनां प्रवचनो {भग.सूत्र के धर्मकृपा ट्रस्ट धर्मसूरिजी कृत (गु.) प्रव.15 {युगदिवाकर जन्म (श्रु.1→श.1→उ.1)} {गु.} [T] शताब्दी ग्रंथमाला 1} (264) 304 BHAGAVAI VIHAPANNATTI जैन विश्व भारती (SATAKA-I-II) {भग.सूत्र सह महाप्रज्ञजी कृत अनु. और भाष्य का महेन्द्रकुमारजी मुनि और नथमलजी टाटिया डॉ. कृत (अं.) भाषां. (श्रु.1→श.2)} भाग 1 {रो.} [T, s] {198, 245, 253} 302 संपा.-दीपरत्नसागरजी (#) 2058 (अ.) 304 (C) संपा.-सूर्योदयसूरि 2059 (6) 368 (B) 2061 (1) 552 (B) संपा.-महेन्द्रकुमारजी मुनि (द्वितीय) | 305 |भगवती सूत्रं (भग.सूत्र मूल) भाग 1-3 |जैनानंद पुस्तकालय (दे.ना., गु.} [S] {198} 294+278+ 292%D864 (P). संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2061 (1) पूर्व संशो., पूर्व संपा.सागरानंदसूरि प्रधान संपा.-अमरमुनिजी 2061-. उपप्रवर्तक, सह संपा.-श्रीचंद | 12069 (1) सुराणा, चित्र.-त्रिलोक शर्मा डॉ. 620+612+ 600...-2408 (B) 306 |भगवती सूत्र {भग.सूत्र (सचित्र) सह पद्म प्रकाशन, दिल्ली अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु., विवे. | {सचित्र आगममाला और उसका सुरेन्द्र बोथरा कृत (अं.) पुष्प 18} भाषां. (श्रु.1→श.13)} भाग 14 (#) (दे.ना.,रो.} {198,249, 250) Page #168 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 121 क्र. वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि भगवती सूत्रम् {भग.सूत्र सह अभय. भारतवर्षीय जिनशासन पूर्व संशो., पूर्व टीका} भाग 1-3 {दे.ना., गु.) सेवा समिति, (P) संपा.-सागरानंदसूरि (#) [T, S] {198, 200} आगमोदय समिति 335+339+ 2061 (पु.मु.) 331%3D1005 (P) 2063 (पु.मु.) |335+339+ 330%D1004 (P) | 308 | भगवतीसूत्रम् {भग.सूत्र सह अभय. टीका) भाग 1-3 {दे.ना., गु.) [T, S] {198, 200) भगवतीसूत्रम् {भग.सूत्र की दानशेखरसूरिजी कृत टीका) {दे.ना., गु.} [S] {202} 307 (P) 2063 (पु.मु.) आगमोद्धारक श्रुतसेवा संपा.-सागरानंदसूरि समिति, (P) आगमोदय समिति {श्रेणी 15) आगमोद्धारक श्रुतसेवा संपा.-सागरानंदसूरि समिति, (P) ऋषभदेव केशरीमलजी जैन श्वेतांबर संस्था {श्रेणी 18} जैनागम नवनीत प्रकाशन संपा.-तिलोक मुनि समिति 310 2063 (अ.) सुत्तागमे (गु.) {भग.सूत्र मूल} भाग 2,3 {गु.} {198} 303+287%3D 590 (C) 311 शारदा सरिता {भग.सूत्र के शारदारत्न विविधलक्षी भाषां.-रमेशभाई शिवराजजी |2063 (1) 496+4963 जमालीकुमार के अधिकार और चेरिटेबल ट्रस्ट मेहता 992 (B) गुणसेन-अग्निशर्मा चरित्र संबंधित शारदाबाई महासतीजी कृत प्रव.118 का (हिं.) भाषां.} भाग 1-2 {दे.ना.} {273} 312 व्याख्याप्रज्ञप्तिसूत्रम् {भग.सूत्र सह जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व 2064 |343+345+ अभय. टीका) भाग 1-3 {दे.ना.) 336%D1024 ट्रस्ट, (P) आगमोदय संपा.-सागरानंदसूरि (#) (पु.मु.) |(P) [T,S] {198,200) समिति {प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्यमाला, पद्य 10} 313 पंचमांगश्री भगवतीसूत्रम् {भग.सूत्र के स्मृतिमंदिर प्रकाशन संपा.-श्रेयांसप्रभसूरि (2) |2064 (2) 80 (C) श्रेयांसप्रभसूरिजी कृत (गु.) प्रव. {मुक्ति किरण | (श्रु.1→श.1-→उ.1)} भाग 1 {गु.} ग्रंथमाला 6} {272) 314 आगम सटीक अनुवाद श्रुत प्रकाशन निधि संपा.-दीपरत्नसागरजी (#) | 2066 (अ.) 240+224+ 240...%3D1152 (भगवती-1-5) {भग.सूत्र का (C) दीप.कृत (गु.) अनु., अभय. टीकानुसारी विवे.} भाग-9, 10, 11, | 12, 13 {गु.} {246, 258 } भगवती सूत्र प्रश्नोत्तर माळा वर्धमान वैयावच्च केन्द्र संपा.-वनिताबाई महासतीजी |2065- 80+144{भग.सूत्र के वनिताबाई महासतीजी (विनय) 2067 (2) 224 (C) कृत (गु.) प्रश्नोत्तर} भाग 1-2 {गु.} {276) 316 व्याख्याप्रज्ञप्त्यङ्गसूत्रम् {भग.सूत्र सह श्रीपालनगर जैन श्वे. मू.पू. संपा.-दिव्यकीर्तिविजयजी गणि 2068 (1) 576+572+ अभय. टीका) भाग 1-3 (दे.ना.) देरासर ट्रस्ट {रामचंद्रसूरि 560%D1708 [T, S] {198, 200) स्मृति ग्रंथमाला 5→1} (P) Page #169 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 122 6. ज्ञाताधर्मकथासूत्र प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 320 322 6. ज्ञाताधर्मकथासूत्र (317-354) ज्ञाताधर्मकथांगसूत्र (ज्ञाता.सूत्र सह धनपतसिंह बहादुर संशो.-भगवानविजयजी 1933 (अ.) 1532 (P) अभय. टीका, अज्ञात कर्तृक बा.बो.} {आगमसंग्रह भाग 6} | {दे.ना.) {283, 284, 285) 318 | ज्ञाताधर्मकथाङ्गम् {ज्ञाता.सूत्र सह आगमोदय समिति संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) 1975 (अ.) /254 (P) अभय. टीका} {दे.ना.} {283, 284} 319 ज्ञाताधर्मकथांगसूत्र (ज्ञाता.सूत्र सह राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि (#) 1976 (अ.) 722 (P) | अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.} सहायजी ज्वालाप्रसादजी {दे.ना.} [T, S] {283, 295} जौहरी ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्र {ज्ञाता.सूत्र सह जैन धर्म प्रसारक सभा अप्रदर्शित 1985- 296+276%D जेठालाल हरिभाई शास्त्री कृत (गु.) 1986 (अ.) 572 (P) अनु.} भाग 1-2 {दे.ना.} [T] {283, 297) 321 नायाधम्मकहाओ N. V. Vaidya Pro., संशो.,संपा.-N.V.Vaidya 1996 (1) 252 (D) [NAYADHAMMAKAHAO] फर्गुशन कॉलेज, पूना |Prof. {ज्ञाता.सूत्र मूल} {दे.ना., रो.} [S] {283} / सुत्तागमे तत्थ णं णायाधम्मकहाओ सूत्रागम प्रकाशक समिति संपा.-फूलचंद्रजी मुनि 2008 (अ.) 186 (D) {ज्ञाता.सूत्र मूल} {दे.ना.} {283} | {पुष्प 9} (पुष्फभिक्खु) | 323 ज्ञाताधर्मकथाङ्गम् (ज्ञाता.सूत्र सह सिद्धचक्र साहित्य प्रचारक | सशा., सपा.-चद्रसागरसूा सिद्धचक्र साहित्य प्रचारक संशो., संपा.-चंद्रसागरसूरि, पूर्व 2008- 220+1423 2009 (2) अभय. टीका, चंदनसागरजी गणी कृत समिति {आनंदचन्द्र ग्रंथ संशो.-सागरानंदसूरि 362 (P) (गु.) सारांश) भाग 1-2 {दे.ना.) [T, S] रत्नाकर 16} {283, 284, 322} 324 ज्ञाताधर्मकथांग-सूत्रकृतांग सारांश सिद्धचक्र साहित्य प्रचारक संपा.-चंद्रसागरसूरि 2009 (अ.) 103 (B) {ज्ञाता.सूत्र का चंदनसागरजी गणि समिति {आनंदचंद्र कृत (गु.) सारांश, सू.कृ.सूत्र के ग्रंथाब्धि 19} (श्रु.1) का संक्षिप्त सार} {गु.) {322} 325 ज्ञाताधर्मकथागसूत्रम् (ज्ञाता.सूत्र का अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि । 2020 (1) 288+331+ 3713990 घासी. कृत (गु.) स्वोपज्ञ टीकान./ भाग स्थानकवासी जैन (B) 1-3 {गु., दे.ना.} {312} शास्त्रोद्धार समिति | 326 ज्ञाताधर्मकथांगसूत्र {ज्ञाता.सूत्र सह तिलोकरत्न स्था.जैन संपा.-शोभाचंद्रजी भारिल्ल 2020 (1) 632 (c) शोभाचंद्रजी भारिल्ल पं. कृत (हिं.) धार्मिक परीक्षा बोर्ड अनु.} {दे.ना.} [T] {283, 298} | 327 प्रवचन-पीयुष (ज्ञाता.सत्र के सौराष्ट्र स्थानकवासी जैन अप्रदर्शित 2020 (1) 504 (D) अपरकंकाध्ययन आधारित द्रौपदी संघ अधिकार संबंधित लीलावतीबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव.57} भाग 1 {गु.} {317} तेतली-पुत्र {ज्ञाता.सूत्र के 14वें अध्ययन वर्धमान स्थानकवासी जैन संपा.-रत्नकुमार (रत्नेश) 2025 (1) 740 (C) | आधारित तेतलीपुत्र अधिकार संबंधित श्रावक संघ, कांदावाडी लीलावतीबाई महासतीजी के 328 Page #170 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रव. 126 का रत्नकुमार कृत (हिं.) भाषां. (श्रु. 1 अ. 14)} (दे.ना. } (315) - 329 शारदा-सौरभ (ज्ञाता. सूत्र के 331 | शैलकाध्ययन आधारित थावच्चापुत्र अधिकार और महाबल - मलयासुंदरी चरित्र संबंधित शारदाबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव.67 (श्रु. 1 अ. 5वाँ ) } | भाग 1-3 (गु.} (316) 330 शारदा ज्योत (ज्ञाता. सूत्र के | अपरकंकाध्ययन के द्रौपदी अधिकार | और ऋषिदत्ता चरित्र संबंधित | शारदाबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव. 122 (श्रु. 1 अ. 16वाँ)} {गु.} (318) | ज्ञाता धर्मकथाङ्गम् { ज्ञाता. सूत्र सह | अभय. टीका} {दे.ना. } [s] {283, 284) 332 शारदा शिखर ( ज्ञाता. सूत्र के मल्ली अध्ययन आधारित मल्लिनाथजी | अधिकार और प्रद्युम्न चरित्र संबंधित | शारदाबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव. 109 (श्रु. 1 अ. 8वाँ)} {गु.} (319) 333 ज्ञाताधर्मकथा (ज्ञाता. सूत्र का प्यारचंद्रजी उपा. कृत (हिं.) अनु (श्रु. 1 अ. 9)} (दे.ना. } [T] [299 } 334 ज्ञाताधर्मकथाङ्ग सूत्र (ज्ञाता. सूत्र सह | वनिताबाई महासतीजी कृत (गु.) अन् {दे. ना., गु.} {283, 300 } 335 ज्ञाताधर्मकथाङ्गम् ज्ञाता. सूत्र सह अभय टीका, चंदनसागरजी गणी कृत (गु.) सारांश (श्रु. 1 अ. 8 ) } भाग 1 (दे. ना. } [T, S] [283, 284, 322} 336 ज्ञाताधर्मकथाङ्गम् ज्ञाता सूत्र सह | अभय. टीका} {दे.ना. } [s] {283, 284) 337 ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र [NAYA | DHAMMAKAHAO] { ज्ञाता. सूत्र सह शोभाचंद्रजी भारिल्ल पं. कृत (हिं.) अनु., विवे.) (दे. ना.) [T, S {283, 310} आगम प्रकाशन परिचय प्रकाशक ( ग्रंथमाला} संपादक, संशोधक आदि सौराष्ट्र स्थानकवासी जैन अप्रदर्शित संघ अज्ञात | हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो. संपा. जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 294 } | मणीबेन छगनलाल देसाई संपादिका कमळाबाई | महासतीजी, संगीताबाई साध्वी अप्रदर्शित (#) जैन दिवाकर दिव्य ज्योति अप्रदर्शित कार्यालय प्रेम जिनागम प्रकाशन समिति (प्रेम जिना. प्रका. ग्रं. 13} बाहु सुबाहु श्रमण वैयावच्च ट्रस्ट, (P) | सिद्धचक्र साहित्य प्रचारक समिति आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (जिनागम ग्रंथमाला ग्रंथांक 4 } संपा. -शोभाचंद्रजी भारिल्ल पूर्व संशो., पूर्व संपा. चंद्रसागरसूरि हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा. जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 166 ) संपा. -शोभाचंद्रजी भारिल्ल, पूर्व संयो, प्रधान संपा. मिश्रीमलजी मुनि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2029 (1) 2030 (अ.?) 2030 (#) (अ.?) 2037 (1) 2032 (अ.) 1000 (B) 2043 (पु.मु.) 566+566= | 1132 (D) 980 (B) 2033 (3) | 158 (D) 2043 (1) 320 (P) 554 (B) |218 (P) 123 558 (P) 2046 (2) 656 (B) Page #171 -------------------------------------------------------------------------- ________________ ग्रं.5) 2047 124 6. ज्ञाताधर्मकथासूत्र क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) | 338 णायाधम्मकहाओ महावीर जैन विद्यालय संपा.-जंबूविजयजी (आगमप्रज्ञ) 2046 (1) 783 (B) [ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्रम्] {जैन आगम ग्रंथमाला (NAYADHAMMAKAHAO] (JNATADHARMKATHANGA SUTRAM] {ज्ञाता.सूत्र सह बेचरदास जीवराज दोशी पं. कृत (गु.) टिप्पन) {दे.ना., गु., रो.} [T, S] {283, 309) ज्ञाताधर्मकथाइगसूत्रम् (ज्ञाता.सूत्र सह अखिल भारतीय श्वेतांबर | नियो.-कन्हैयालालजी मनि 2020- 754+838+ घासी. कृत टीका, (हिं., गु.) स्वोपज्ञ 85632448 स्थानकवासी जैन 2049(2) (B) टीकानु.} भाग 1-3 {दे.ना., गु.} {283, शास्त्रोद्धार समिति 293,311,312} 340 भगवान महावीरनी धर्मकथाओ गूजरात विद्यापीठ अप्रदर्शित 268 (D) (नायधम्मकहा) {ज्ञाता.सूत्र का {पूंजाभाई जैन (पु.मु.) बेचरदास जीवराज दोशी कृत (गु.) ग्रंथमाला 3) अनु. और टिप्पन} {गु.} [T, S] |{309) 341 45 आगमसुत्ताणि {ज्ञाता.सूत्र मूल} आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी 2052 (अ.) 180 (C) {दे.ना., गु.} {283} 342 ज्ञाताधर्मकथांगसूत्र (सचित्र) पद्म प्रकाशन, दिल्ली, प्रधान संपा.-अमरमुनिजी |2053 (1) 440+416%D | {ज्ञाता.सूत्र (सचित्र) सह अमरमुनिजी दिवाकर प्रकाशन (सचित्र उपप्रवर्तक, संपा.-श्रीचंद 856 (B) उप. कृत (हिं.) अनु. और उसका आगममाला पुष्प 4} सुराणा, चित्र.-पुरुषोत्तमसिंह सुरेन्द्र बोथरा कृत (अं.) भाषां.} सरदार भाग 1-2 {दे.ना., रो.} [s] {283,303, 304) 343 अभ्युदय आगम सत्ताणि रत्नसागर प्रकाशन निधि संयो.-जितरत्नसागरसूरि, 2057 (1) 183 (E) (नायधम्मकहा) {ज्ञाता.सूत्र मूल} संशो.-दीपरत्नसागरजी, भाग 6 {दे.ना.} {283} संपा.-चंद्ररत्नसागरसूरि 344 नायाधम्मकहाओ {ज्ञाता.सूत्र मूल} |जिनशासन आराधना पूर्व संपा.-N.V.Vaidya Prof. Brot2058260 (C) (दे.ना.,रो.) [S] (283) ट्रस्ट, (P)N.V. Vaidya (पु.मु.) Pro. 345 नायाधम्मकहाओ जैन विश्व भारती संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य 2059 (1) 475 (B) [NAYADHAMMAKAHAO] {ज्ञाता.सूत्र सह कनकश्रीजी कृत (हिं.) अनु., महाप्रज्ञजी कृत टिप्पन} {दे.ना.) [T, S] {283, 306, 313} | 346 ज्ञाताधर्मकथांग का साहित्यिक एवं पार्श्वनाथ विद्यापीठ प्रधान संपा.-सागरमल जैन डॉ., 2059 (1) |196 (C) सांस्कृतिक अध्ययन {ज्ञाता.सूत्र का {पार्श्व, विद्या. ग्रंथ. 141) संपा.-विजयकुमार डॉ. राजकुमारी कोठारी डॉ. कृत (हिं.) शोधग्रंथ} {दे.ना.} [T, S] {323} शारदा ज्योत {ज्ञाता.सूत्र के शारदा प्रवचन संग्रह अप्रदर्शित 2059 (अ.) 514+528%D अपरकंकाध्ययन के द्रौपदी अधिकार 1042 (B) और ऋषिदत्ता चरित्र संबंधित शारदाबाई महासतीजी कृत प्रव.122का नीरा कांतिलाल नाहटा Page #172 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय | डॉ. महेन्द्र रांभिया कृत (हिं.) भाषां. (श्रु. 1 अ. 16वाँ)} भाग 1-2 (दे.ना. } {320} 348 ज्ञाताधर्मकथासूत्र [[GNATADHARMAKATHA | SUTRA] [ज्ञाता. सूत्र सह सुमनबाई | महासतीजी कृत (गु.) अनु.} {गु., | दे. ना. } [S] [283, 307 } 349 शारदा शिखर (ज्ञाता. सूत्र के मल्ली अध्ययन आधारित मल्लिनाथजी | अधिकार और प्रद्युम्न चरित्र संबंधित | शारदाबाई महासतीजी कृत प्रव. 109का नेमिचंद्रजी मुनि कृत (हिं.) भाषां (श्रु. 1 अ. 8वाँ ) ] भाग 1-2 (दे.ना. } {321} 350 ज्ञाताधर्मकथाङ्गम् {ज्ञाता.सूत्र मूल) (दे. ना. गु.) (5) (283) 351 ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र { ज्ञाता. सूत्र सह छगनलाल शास्त्री और महेन्द्रकुमार | रांकावत डॉ. कृत (हिं.) शब्दार्थ, अनु.) भाग 1-2 (दे.ना. } [T] [283, 294) 352 तेतली - पुत्र ( ज्ञाता. सूत्र के 14वें अध्ययन आधारित तेतलीपुत्र | अधिकार संबंधित लीलावतीबाई | महासतीजी के प्रव. 126 का रत्नकुमार कृत (हिं.) भाषां. (श्रु. 1 अ. 14)} (दे. ना. } [T] (315) 354 353 ज्ञाताधर्मकथाङ्गम् (ज्ञाता. सूत्र सह अभय. टीका} (दे.ना.} (283,284 ) आगम सटीक अनुवाद (ज्ञाताधर्मकथा) (ज्ञाता. सूत्र का दीप.कृत (गु.) अनु., अभय. टीकानुसारी विवे.) भाग 14 (गु.) {308, 314) आगम प्रकाशन परिचय | प्रकाशक (ग्रंथमाला) गुरुप्राण फाउन्डेशन, महावीर सेवा ट्रस्ट, राजकोट आगमबत्रीसी रत्न 23 } शारदा प्रवचन संग्रह समिति जैनानंद पुस्तकालय अखिल भारतीय सुधर्म | जैन संस्कृति रक्षक संघ {रत्न 116 } अखिल भारतीय सुधर्म | जैन संस्कृति रक्षक संघ {रत्न 71) जिनशासन आराधना ट्रस्ट, (P) आगमोदय समिति प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 6 } श्रुत प्रकाशन निधि संपादक, संशोधक आदि प्रधान संपा, लीलमबाई महासतीजी, सहसंपादिका आरतीबाई महासतीजी डॉ. सुयोधिकाबाई साध्वी अप्रदर्शित संपा. पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व संशो. पूर्व संपा. सागरानंदसूरि संपा. नेमिचंदजी बांठिया, पारसमल चण्डालिया संपा. - रत्नकुमार (रत्नेश) पूर्व संशो. पूर्व संपा. सागरानंदसूरि (#) संपा, दीपरत्नसागरजी (8) 7. उपासकदशांगसूत्र (355-390) धनपतसिंह बहादुर 355 उपासकदशासूत्र (उ. द. सूत्र सह | अभय. टीका, अज्ञात कर्तृक बा.बो. } [आगमसंग्रह भाग 7 } {दे. ना.} {324, 325, 328 } संशो. भगवानविजयजी वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2060 (1) |568 (B) 2060 532+590= 2061 (अ.) 1122 (B) 2061 (1) 274 (P) 2062 (2) 2064 (11) 644 (B) 2064 (पु.मु.) 464+384= 848 (B) 125 266 (P) 2066 (3T) 272 (C) 1933 (3T.) 238 (P) Page #173 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 126 7. उपासकदशांगसूत्र 361 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 356 आनंद श्रावक नामनुं दोलतराय धारशी शाह अप्रदर्शित 1967 (1) 48 (C) उवासगदसाओमानुं 1 लुं अध्ययन {उ.द.सूत्र सह पोपटलाल शाह कृत (गु.) अनु. (श्रु.1→अ.1)} {गु.,दे.ना.) {324,343) 357 | उपासकदशांग सूत्र (उ.द.सूत्र सह राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि (#) 1974 (अ.) 172 (P) अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.) सहायजी ज्वालाप्रसादजी {दे.ना.} [T] {324, 345} जौहरी 358 | उपासकदशाङ्गम् (उ.द.सूत्र सह आगमोदय समिति संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) 1976 (अ.) 56 (P) अभय, टीका} {दे.ना.) [T, S] |{324, 325) 359 उपासकदशाश्रुतम् {उ.द.सूत्र सह आत्मानंद जैन सभा, अप्रदर्शित 1977 (अ.) 60 (P) अभय. टीका) (दे.ना.} [T] भावनगर {रत्न 65} {324, 325) 360 उपासकदशासूत्र (उ.द.सूत्र सह जीवराज घेलाभाई दोशी संपा.-जीवराज घेलाभाई दोशी |1978 (1) 214 (P) जीवराज घेलाभाई दोशी कृत (गु.) डॉ. शब्दार्थ, अनु.} {दे.ना.} [T, S] {324,339) UVASAGADASAO (उ.द.सत्र सह P.L. Vaidya संशो., संपा.-P. L. Vaidya Dr. 1986 (अ.) 264 (D) गोशालक/आजीवक मत संबंधित आगमिक (भग.सूत्र, सू.कृ.सूत्र के) एवं बौद्ध ग्रंथ का पाठ} {दे.ना.,रो.} [T, S] {324) 362 उपासकदशाङ्गसूत्रम् (उ.द.सूत्र सह करांची श्वेतांबर नियो.-मनोहरलालजी मुनि 1992 (1) 588 (B) घासी. कृत छाया, टीका (हिं., गु.) स्थानकवासी जैन संघ स्वोपज्ञ टीकानु.} {दे.ना., गु.} [T] {324, 337, 338, 363, 364} 363 उवासगदसाओ (उपासकदशाङ्ग) शारदा मुद्रणालय संपा.-भगवानदास हरखचंद 1992 (अ.) 196 (P) {उ.द.सूत्र सह भगवानदास हर्षचंद्र पं. दोशी (2) कृत (गु.) अनु.,टीकानु.) (दे.ना.) [T] |{324,347,3601 364 उपासकदशाङ्गम् (उ.द.सूत्र सह शारदा मुद्रणालय संशो..भगवानदास हरखचंद 1992 (अ.) 124 (P) अभय. टीका) (दे.ना.) [T,S] दोशी {324, 325) | 365 उपासकदशाङ्ग सूत्रम् (उ.द.सूत्र सह |हिंदी जैनागम प्रकाशक अप्रदर्शित 2003 (अ.) 264(P) अभय. टीका, विनयश्री साध्वी कृत सुमति कार्यालय (हिं.) अनु., टीकानु.} {दे.ना.} [T] |{324,325,348,361) 366 उपासकदशाङ्गसूत्रम् | अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2017 (3) |572 (B) [[UPASAKDASANGSUTRAM] स्थानकवासी जैन {उ.द.सूत्र सह घासी. कृत छाया, शास्त्रोद्धार समिति टीका, (हिं., गु.) स्वोपज्ञ टीकानु.) {दे.ना., गु.} [T] {324, 337, 338, 363, 364} Page #174 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 127 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) उपासकदशाङ्गसूत्रम् अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि । 2017 (3) 150 (B) [UPASAKDASANGSUTRAM] स्थानकवासी जैन {उ.द.सूत्र का घासी. कृत (गु.) शास्त्रोद्धार समिति स्वोपज्ञ टीकानु.} {गु., दे.ना.} {364) 368 उपासकदशांगसूत्रम् {उ.द.सूत्र सह आत्माराम जैन प्रकाशन संपा.-इन्द्रचंद्र शास्त्री डॉ. 2021 (1) 492 (A) आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) अन्व., समिति {शास्त्रमाला 7} अनु., विवे.} {दे.ना.} [T] 1324,336,340) 369 उवासगदसाओ (जैन आगम सप्तम प्राकृत ग्रंथ परिषद संपा.-बेचरदास जीवराज दोशी |2024 (अ.) |72 (D) अङ्ग) {उ.द.सूत्र मूल} {दे.ना.} (प्राकृत विद्या मंडल) पंडित {324} {ग्रंथांक 4} 370 उपासक दशांग सूत्र {उ.द.सूत्र सह लालजी लखमशी सावला संपा.-डुंगरशी मुनि 2027 (1) 154 (C) डुंगरशी मुनिजी कृत (गु.) अनु.) {गुलाबवीर ग्रंथमाला | {गु., दे.ना.} {324, 349) रत्न 64) 371 उपासकदशांगसूत्र {उ.द.सूत्र सह |प्रेम जिनागम प्रकाशन संशो.. संपा.-शोभाचंद्रजी। 2031 (1) 131 (B) उर्वशीबाई महासतीजी कृत (गु.) समिति {प्रेम भारिल्ल अनु.} {दे.ना., गु.} [s] जिना.प्रका.ग्रं. 3) {324, 350) 372 उपासकदशाङ्गम् {उ.द.सूत्र सह हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2031 (अ.) 106 (P) अभय. टीका} {दे.ना.) [T, S] {ग्रं.65) {324, 325) 373 उपासकदशांग सूत्र {उ.द.सूत्र सह | अखिल भारतीय सुधर्म संपा.-रतनलाल डोशी (2) 2034 (1) 152 (B) घीसुलालजी पितलीया कृत (हिं.) जैन संस्कृति रक्षक संघ अनु., विवे., खुशालविजयजी कृत सज्झाय} {दे.ना.} [T]{324, 332, {रत्न 56} |357) 374 उपासकदशागसूत्रम् (उ.द.सूत्र सह महावीर जैन साहित्य संपा.-अरुणविजयजी पंन्यास 2038 284 (P) अभय. टीका, भगवानदास हर्षचंद्र पं. प्रकाशन, (P) आत्मानंद (पु.मु.) कृत (गु.) अनु., टीकानु.} {गु., जैन सभा, भावनगर दे.ना.) [T, S] {324, 325, 347, {पुष्प 3} 360) 375 शारदा शिरोमणि (उ.द.सूत्र के आनंद वर्धमान स्थानकवासी जैन संपा.-संगीताबाई साध्वी, 2043 (2) 996 (B) श्रावक का अधिकार और पुण्यसार । श्रावक संघ साधनाबाई महासतीजी चरित्र के शारदाबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव.109 (श्रु.1→अ.1)} (गु.} |{366} 376 उपासकदशांग और उसका आगम अहिंसा समता एवं संपा.-सागरमल जैन डॉ. 2044 (1) 256 (C) श्रावकाचार (एक परिशीलन) प्राकृत संस्थान (आगम {उ.द.सूत्र का सुभाष कोठारी डॉ. संस्थान ग्रंथमाला 2] कृत (हिं.) शोधग्रंथ} {दे.ना.} [T, S] {368} 377 |UVASAGDASAO {उ.द.सूत्र और Asiatic Society, संशो.,संपा.-A.F. Rudolf 2045 280 (C) भग.सूत्र (श्रु.1→श.15वाँ) का A.F. Calcutta, Bibliotheca Hoernle (पु.मु.) Indica Rudolf Hoernle कृत (अं.) अनु.) भाग 2 (रो. [T, S] {230, 341} Page #175 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 128 7. उपासकदशांगसूत्र वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संपादक, संशोधक आदि संपा.-मुनिचंद्रसूरि 2045 (अ.) 96 (C) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) दस सावगचरियं DASA ॐकार साहित्य निधि SAVAGACHARIYM (उपा.दशा.सूत्र (विजयभद्र चेरिटेबल आधारित शुभवर्धन गणि कृत ट्रस्ट) दशश्रावकचरित्र मूल) (दे.ना., गु.} [T,S] {3261 379 | भगवान महावीरना दश उपासको गूजरात विद्यापीठ संपा.-बेचरदास जीवराज दोशी 2047 124 (D) (उवासगदसाओ) {उ.द.सूत्र का {पूंजाभाई जैन पंडित (2) (पु.मु.) बेचरदास जीवराज दोशी पं. कृत (गु.) ग्रंथमाला 4} अनु.} {गु.] [T] {346} 45-आगमसुत्ताणि (उवासग दसाओ) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) 72 (C) {उ.द.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.) {324) 381 उपासक दशांग सूत्र (उ.द.सूत्र सह गुरुप्राण फाउन्डेशन प्रधान संपा.-लीलमबाई 2054 (1) 288 (B) उर्वशीबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु., {आगमबत्रीसी रत्न1) महासतीजी, विवे.} {गु., दे.ना.} {324, 359) संपादिका-आरतीबाई महासतीजी डॉ. 382 उपासकदशा बालावबोध {उ.द.सूत्र का राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट संयो.-जयंतसेनसूरि 2054 (अ.) 138 (C) राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक कृत बा.बो. सह जयंतसेनसूरिजी कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} {329, 362) उपासकदशांग सूत्र आगम प्रकाशन समिति, संपा.-छगनलालजी शास्त्री डॉ., 2055 (3) 294 (B) | [UPASAKADSANGA SUTRA] ब्यावर {जिनागम पूर्व संयो., प्रधान {उ.द.सूत्र सह छगनलालजी शास्त्री ग्रंथमाला ग्रंथांक 3} संपा.-मिश्रीमलजी मुनि कृत (हिं.) अनु, विवे.} {दे.ना.} [T,s] {324,358} 383 384 उपासकदशांग सूत्रम् {उ.द.सूत्र सह आत्म ज्ञान श्रमण शिव संपा.-शिवमुनिजी आचार्य डॉ. 2059 (अ.) 400 (B) आत्मारामजी आचार्य कृत छाया, (हिं.) आगम प्रकाशन समिति, अन्व., अनु., विवे.} {दे.ना.} [T] भगवान महावीर {324,336, 340) मेडिटेशन एन्ड रिसर्च सेंटर ट्रस्ट 385 | उपासकदशाङ्ग (आगम युग का एस. आदिनाथ जैन संपादिका-स्मृति साध्वीजी डॉ. 2061 (1) 340 (C) श्रावकाचार) {उ.द.सूत्र का स्मृति इन्टरनेशनल ट्रस्ट, न्यू साध्वीजी कृत (हिं.) शोधग्रंथ} {दे.ना.} भारतीय बुक कोर्पोरेशन [T,S] {369} 386 उपासकदशांगं सूत्रं {उ.द.सूत्र मूल) जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2061 (1) |60 (P) {दे.ना., गु.) [S] {324} पूर्व संशो., पूर्व संपा. सागरानंदसूरि 387 वीरने कहा हृदय में रहा (उपासक राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट लेखक-जयंतसेनसूरि 2062 (अ.) 160 (C) दशांग सूत्र : एक अनुशीलन) {उ.द.सूत्र का (हिं.) शोधग्रंथ} {दे.ना.} [T] {370) Page #176 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 129 वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संपादक, संशोधक आदि पूर्व संशो.-भगवानदास हरखचंद दोशी |126 (P) 2064 (पु.मु.) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) 388 | उपासकदशाङ्गसूत्रम् जिनशासन आराधना (उवासगदसाओ) {उ.द.सूत्र सह अभय. ट्रस्ट, (P) शारदा टीका) {दे.ना.} [T, S] {324, 325) मुद्रणालय (#) {प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 7} 389 | अनुसंधान-48 (प्राकृत भाषा अने कलिकालसर्वज्ञ श्री जैन साहित्य-विषयक संपादन, हेमचंद्राचार्य नवम जन्म संशोधन, माहिती वगेरेनी पत्रिका) शताब्दी स्मृति संस्कार (उ.द.सूत्र का पूर्णभद्रसूरिजी कृत शिक्षण निधि (प्रा.) कथा-सारांश और उसकी स्वोपज्ञ (सं.) चूर्णि} {दे.ना.} [s] {327} उवासगदसाओ जैन विश्व भारती [UVASAGADASAO] {उ.द.सूत्र सह दुलहराजजी मुनि कृत (हिं.) अनु. और टिप्पन) {दे.ना.} [T, S] {324, 356} संशो.-अमृतभाई पटेल पंडित, 2065 (अ.) 88 (C) संपा.-शीलचंद्रसूरि, आद्य संपा.-हरिवल्लभ चुनीलाल भायाणी डॉ. प्रधान संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य, 2066 (1) 312 (B) संपा.-दुलहराजजी मुनि 391 | 1976 (अ.) 150 (P) | 1993 (अ.) 212 (P) 2007 (1) 294 (B) 2014 (2) 87 (B) 8. अन्तकृद्दशांगसूत्र (391-418) अंतगडदशांग सूत्र {अं.द.सूत्र सह राजा बहादुर लाला संपा.-अमोलकऋषि (#) अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.} सुखदेवसहायजी {दे.ना.} [T, S] {371, 382} ज्वालाप्रसादजी जौहरी 392 अंतगडदशांग (अंतकृद्दशांग) सूत्र हिंदी जैनागम प्रकाशक अप्रदर्शित | (अं.द.सूत्र सह अज्ञात कर्तृक (हिं.) सुमति कार्यालय अनु.} {दे.ना.} [T] {371, 385} 393 अन्तकृद्दशाङ्गसूत्रम् {अंद.सूत्र सह | अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-समीरमलजी, घासी. कृत टीका, (हिं., गु.) स्वोपज्ञ स्थानकवासी जैन कन्हैयालालजी मुनि टीकानु.} {दे.ना., गु.} {371, 378, शास्त्रोद्धार समिति 406, 407) 394 अन्तकृतदशाङ्गसूत्रम् अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि [ANTAKRITA DASHANGA स्थानकवासी जैन SUTRA] ( अं.द.सूत्र का घासी. कृत शास्त्रोद्धार समिति स्वोपज्ञ (गु.) टीकानु.} {गु., दे.ना.} 1407) 395 अंतकृत दशांग सूत्र (अंग आठमुं) जैन सिद्धांत सभा संपा.-भीखालाल गिरधरलाल | {अं.द.सूत्र सह भीखालाल | {ग्रंथमाला 33} शेठ गिरधरलाल शेठ कृत (गु.) अनु.} {गु.} [T] {371, 390) 396 अन्तगडदशा सूत्र (हिन्दी काव्य में) जैन ज्योति कार्यालय अप्रदर्शित {अं.द.सूत्र का जीतमलजी चोपडा कृत (हिं.) पद्यानु.} {दे.ना.} {405} |397 | अंतगडदशांगसूत्र {अं.द.सूत्र का चंपक पार्श्वनाथ एस्टेट संपा.-चंपक मुनि (#) मुनिजी कृत (गु.) अनु.} {गु.} {393} कोर्पोरेशन 2017 (1) |188 (D) 2023 (1) 86 (D) 2031 (1) 220 (D) Page #177 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 130 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय 398 अंतगडदसासूत्र ( अं. द. सूत्र सह वीरपुत्रजी मुनि कृत (हि.) अनु.) {दे. ना. } [T] [371, 395 } 399 शारदा दर्शन (अंतगडसूत्र प्रवचन) { अं. द. सूत्र आधारित गजसुकुमाल संबंधित शारदाबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव. 113 (श्रु. 1 वर्ग-तीसरा ) } भाग 1-2-3 (गु.} (410) → 400 अन्तकृदशा सूत्र ( अं. द. सूत्र सह अज्ञात कर्तृक (हि.) अनु.) (दे. ना.) (T) {371, 396} | 401 अन्तकृद्दशासूत्र [ANTAGADA DASAO] [अं.द. सूत्र | सह दिव्यप्रभाजी साध्वी कृत (हिं.) अनु. विवे. (दे. ना.) [T. S) {371, 401} - 402 अंतगडदसा सुन्त" के संदेश उठो बढो ! {अं. द. सूत्र के उमेश मुनिजी कृत | (हिं.) प्रव. 8} {दे.ना.} {411} 66 403 अंतगडदशासूत्र ( अं. द. सूत्र का जीतमलजी चोपडा कृत (हिं.) पद्यानु.) (दे.ना.) (405) 404 अन्तकृद्दशाङ्गसूत्रम् {अं.द.सूत्र सह अभय. टीका) (दे.ना., गु.) [s] {371, 372) 405 अन्तकृद्दशा - महिमा ( अं. द. सूत्र का (हिं.) शोधग्रंथ) दे.ना.) [T] (414) 406 अन्तगडदखाओ (अन्तकृदशांग सूत्र) [ANTAGAD-DASAO] (ANTAKRITDASANGA SUTRA) अं.द.सूत्र सह नानेशजी आचार्य और ज्ञानमुनिजी कृत (हिं.) अनु) (दे.ना.) [T] {371, 388} 407 45 आगमसुत्ताणि (अंतगडदसाओ) { अं. द. सूत्र मूल) (दे.ना., गु.) (371} 408 अंतगड सूत्र [ANTAGAD SUTRAJ {अं. द. सूत्र सह भारतीबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे.} {गु., दे. ना. } {371, 404} 409 अन्तकृद्दशा सूत्र (सचित्र) [[ANTAKRIDDASA SUTRA] | ( ILLUSTRATED) {अं.द.सूत्र (सचित्र) | सह अमरमुनिजी उप. कृत 8. अन्तकृदशांगसूत्र | प्रकाशक (ग्रंथमाला } अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ ( रत्न 4} | मनसुखलाल छगनलाल देसाई मरुधर केसरी साहित्य प्रकाशन समिति आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर {जिनागम | ग्रंथमाला ग्रंथांक 5} शांतिलालजी गौतमचंदजी, उत्तमचंदजी कांकरिया अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन संघ, बीकानेर आगम श्रुत प्रकाशन | संपादक, संशोधक आदि अप्रदर्शित नंदाचार्य साहित्य समिति संपा. उमेशमुनि (अणु) { आराधना पुस्तकमाला 3} | गुरुप्राण फाउन्डेशन, महावीर सेवा ट्रस्ट, | राजकोट आगमवत्रीसी रत्न 8 } | संपादिका - कमळाबाई महासतीजी संगीताबाई साध्वी पद्म प्रकाशन, दिल्ली {सचित्र आगम प्रकाशन माला 2} , संयो., संपा. रूपचंदजी मुनि हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा. जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 262 } पद्म प्रकाशन, दिल्ली अप्रदर्शित संयो, प्रधान संपा. -मिश्रीमलजी 2047 (2) मुनि, संपादिका दिव्यप्रभा साध्वी डॉ. लेखक- सुयशमुनि संपा. - ज्ञानमुनि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2032 (4) 190 (D) 2034 (3T) 924 (B) प्रधान संपा. - अमरमुनिजी उपप्रवर्तक संपा. - श्रीचंद सुराणा, राजकुमार जैन, चित्र. पुरुषोत्तमसिंह सरदार 2042 (अ.) 210 (P) 2049 (3) |314 (D) 240 (B) 2049 (3T.) 88 (D) 2049 (1) 2050 (1) 56 (P) 128 (C) 2052 (3T.) 382 (P) संशो., संपा. दीपरत्नसागरजी 2052 (अ.) 40 (C) प्रधान संपा. लीलमबाई महासतीजी 2055 (1) 280 (B) 2055 (2) | 508 (B) Page #178 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. | प्रकाशन नाम एवं परिचय , विवे. और उसका (हिं.) अनु., | राजकुमार जैन (#) कृत (अं) भाषां., अं. द. सूत्र का सुयश मुनिजी कृत (हिं.) शोधग्रंथ और उसका सुरेन्द्र बोचरा कृत (अं) भाषां.) (दे.ना., रो.) (371, 402, 403, 414, 415} 410 अन्तकृद्दशाङ्ग सूत्रम् {अं.द.सूत्र सह | आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) अन्व., अनु., विवे} {दे.ना. } [T, S] {371, 376, 380, 408} 411 अन्तकृद्दशांग सूत्रम् ( अं. द. सूत्र सह | आत्मारामजी कृत (हिं.) अन्व., अनु.} {दे.ना.} {371,380 } 412 अन्तकृद्दशाङ्गम् {अं. द. सूत्र मूल } {दे.ना., गु. } [S] {371} 413 सिरि अंतगडदसाओ (श्री अन्तकृदशांगसूत्रम्) (श्री अन्तकृद्दशासूत्र) ( अं. द. सूत्र सह | हस्तिमलजी आचार्य कृत छाया, (हिं.) अनु.) दे.ना. [T] {371, 377, 391} 414 अंतकृशाङ्गसूत्रम् अं. द. सूत्र सह सौभाग्य मुनिजी कृत (हिं.) अनु.) {दे.ना.} {371,399 } 415 अन्तकृतदशासूत्र {अं.द.सूत्र सह | पारसमल चण्डालिया (#) कृत (हिं.) शब्दार्थ, विवे., वीरपुत्रजी मुनि कृत अनु.} {दे. ना. } [T] {371, 379, 395} 416 अन्तकृरशांगसूत्रम् (पीयूषधारा टीका सहित) ( अं. द. सूत्र सह प्यारचंद्रजी उपा. कृत (हिं.) अनु. (पीयूषधारा टीका)। {दे. ना. } [T] [371, 389 } आगम प्रकाशन परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला} | आत्म ज्ञान श्रमण शिव | आगम प्रकाशन समिति, भगवान महावीर | मेडिटेशन एन्ड रिसर्च सेंटर ट्रस्ट भगवान महावीर मेडिटेशन एन्ड रिसर्च सेंटर ट्रस्ट | जैनानंद पुस्तकालय अंबा गुरु शोध संस्थान अखिल भारतीय सुधर्म | जैन संस्कृति रक्षक संघ {रत्न 127} | संपादक, संशोधक आदि | संपा. शिवमुनिजी आचार्य डॉ. पूर्व संशो. - फूलचंद्रजी मुनि (भ्रमण), पूर्व संपा. ज्ञानमुनि | सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ संपा. - गजसिंह राठोड ठाकुर, | चांदमल कर्णावट, प्रेमराज बोगावत 417 अंतगढ़ सूत्र प्रश्नोत्तर (पर्युषण पर्वमां | वर्धमान वैयावच्च केन्द्र वांचवा योग्य) ( अं.द.सूत्र के ज्योतिबाई | साध्वी (#) कृत (गु) प्रश्नोत्तर) (गु.) (412) संपा. पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व संशो. पूर्व " | संपा. सागरानंदसूरि संपा. - शिवमुनिजी आचार्य डॉ. 2060 (1) 248 (C) संपा. सौभाग्यमुनिजी संपा. नेमिचंदजी बांठिया, | पारसमल चण्डालिया आगम प्रकाशन समिति, संशो. सुप्रभाजी साध्वी डॉ., ब्यावर संपा.. प्यारचंद्रजी उपाध्याय | संपा. - ज्योतिबाई साध्वी 418 अंतगडदसा सुत्तं (अंतकृतदशा सूत्र) सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ अप्रदर्शित { अं. द. सूत्र सह हस्तिमलजी आचार्य कृत (हिं.) अनु.) दे.ना.) [T] {371, 391) वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2059 (पु.मु.) 2061 (1) 2061 (3) 2063 (1) 2064 (2) 2067 (2) | 496 (B) 2067 (2) 50 (C) 312 (B) 174 (P) 252 (B) 170 (P) 56 (C) 131 2068 (17) 272 (D) Page #179 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 132 9. अनुत्तरोपपातिकदशांगसूत्र 423 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि _ वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) । 9. अनुत्तरोपपातिकदशांगसूत्र (419-434) 419 |अणुत्तरोववाईय (अनु.द.सूत्र सह खेतशी जीवराज शास्त्री अप्रदर्शित 1950 (अ.) 52 (P) अज्ञात कर्तृक बा.बो.} {दे.ना.} (शाह) 1416,4181 420 अनुत्तरोववाई दशांग सूत्र {अनु.द.सूत्र राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि (#) 1976 (अ.) 42 (P) सह अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.} सहायजी ज्वालाप्रसादजी {दे.ना.} {416, 430} जौहरी 421 अनुत्तरोपपातिकदशा: सावचूरिक आत्मानंद जैन सभा, संशो.-दानरि 1977 (अ.) |12 (P) पुद्गलपरावर्तस्तोत्रञ्च {अनु.द.सूत्र भावनगर |सह अभय.टीका और पुद्गलपरावर्त स्तोत्र सह अवचूरि} {दे.ना.} [T, S] 1416, 417) 422 अनुत्तरोपपातिकदशा सूत्र (हिन्दी हिंदी जैनागम प्रकाशक संपा.-आनंदसागरजी (वीरपुत्र) |1992 (1) 72 (P) अनुवाद) {अनु.द.सूत्र सह सुमति कार्यालय आनंदसागरजी कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T] {416, 433} अनुत्तरोपपातिकदशासूत्रम् आत्माराम जैन प्रकाशन संपा.-आत्मारामजी आचार्य 1993 (1) 148 (B) {अनु.द.सूत्र सह आत्मारामजी कृत समिति छाया, (हिं.) अन्व., अनु., विवे.} {जैन शास्त्रमाला 2} {दे.ना.} [S] {416, 424, 428} 424 | अनुत्तरोपपातिकदशासूत्र {अनु.द.सूत्र वीरपुत्र आनंदसागर पूर्व संपा.-आनंदसागरजी |1993 (2) 72 (P) सह आनंदसागरजी मुनि वीरपुत्र' कृत ज्ञानभंडार, (P) हिंदी (वीरपुत्र) (#) | (हिं.) अनु.) (दे.ना.} [T] {416, 433) |जैनागम प्रकाशक सुमति कार्यालय 425 अनुत्तरोपपातिकसूत्रम् [Anuttaro- अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2015 (2) 62 (B) papatika Sutram] {अनु.द.सूत्र का स्थानकवासी जैन घासी. कृत (गु.) स्वोपज्ञ टीकानु.) शास्त्रोद्धार समिति {गु., दे.ना.} {448} 426 अनुत्तरोपपातिकसूत्रम् अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2015 (2) 210 (B) [Anuttaro-papatika Sutram] स्थानकवासी जैन {अनु.द.सूत्र सह घासी. कृत छाया, शास्त्रोद्धार समिति टीका, (हिं., गु.) स्वोपज्ञ टीकानु.) (दे.ना., ग.} {416, 425, 426, 447, 448} अनुत्तरोपपातिकदशासूत्र {अनु.द.सूत्र सन्मति ज्ञानपीठ {आगम संपा.-विजयमुनि 2017 (1) 134 (B) सह अभय. टीका, विजयमुनि शास्त्री साहित्य रत्नमाला 8} कृत (हिं.) अनु., टिप्पन) {दे.ना.} [T, S] {416,417,444) 428 अनुत्तरोपपातिकदशांग {अनु.द.सूत्र आगम प्रकाशन समिति, प्रधान संपा.-मिश्रीमलजी मुनि, 2047 (2) 134 (B) सह मुक्तिप्रभा साध्वीजी कृत (हिं.) ब्यावर {जिनागम प्रबंध संपा.-श्रीचंद सुराणा, अनु., विवे.} {दे.ना.} [T, S] ग्रंथमाला ग्रंथांक 6} संपादिका-मुक्तिप्रभा साध्वी डॉ. {416,445) | 45 आगमसुत्ताणि (अनुत्तरोववाईय । |आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) |16 (C) 427 429 Page #180 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 133 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) दसाओ) {अनु.द.सूत्र मूल) {दे.ना., गु.} [S] {416} 430 अनुत्तरौपपातिकदशा: {अनु.द.सूत्र हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2052 (1) 24 (P) सह अभय. टीका) {दे.ना.) {ग्रं. 318) {416, 417) 431 अनुत्तरोपपातिकसूत्र {अनु.द.सूत्र सह गुरुप्राण फाउन्डेशन प्रधान संपा.-लीलमबाई 2054 (1) 144 (B) |संमतिबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु., {आगमबत्रीसी रत्न 4} महासतीजी, विवे.} {गु., दे.ना.} {416, 446} संपादिका-आरतीबाई महासतीजी डॉ. 432 अनुत्तरोपपातिकदशासूत्रम् आत्म ज्ञान श्रमण शिव संपा.-शिवमुनिजी आचार्य डॉ., 2060 (2) |138 (B) {अनु.द.सूत्र सह आत्मारामजी कृत आगम प्रकाशन समिति, सह संपा.-रमेशमुनि, शिरीषमुनि छाया, (हिं.) अन्व., अनु, विवे.) भगवान महावीर {दे.ना.} {416, 424, 428} मेडिटेशन एन्ड रिसर्च सेंटर ट्रस्ट अनुत्तरोपपातिकदशाङ्गम् जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचद्रसागरजा गाण, पूव 2061 (10 |200) {अनु.द.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [3] संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि {416) अनुत्तरोपपातिक दशा सूत्र {अनु.द.सूत्र अखिल भारतीय सुधर्म संपा.-नेमिचंदजी बांठिया, 2063 (2) 84 (B) सह पारसमल चंडालिया (#) कृत (हिं.) जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया शब्दार्थ, अनु. और संक्षिप्त विवे.) {रत्न 123} {दे.ना.} {416, 427} 434 437 जौहरी 10. प्रश्नव्याकरणसूत्र (435-459) 435 प्रश्नव्याकरणसूत्र {प्रश्न.सूत्र सह । धनपतसिंह बहादुर संशो.-भगवानविजयजी 1933 (अ.) 546 (C) | अभय. टीका, अज्ञात कर्तृक बा.बो.) {आगमसंग्रह भाग 10) {दे.ना.} {451, 452, 454} 436 प्रश्नव्याकरणागम् {प्रश्न.सूत्र सह आगमोदय समिति संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) |1975 (अ.) 166 (P) अभय.टीका} {दे.ना. [3] {451, 452) |प्रश्नव्याकरण सूत्र {प्रश्न.सूत्र सह राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि (#) 1975 (अ.) 238 (P) अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.) सहायजी ज्वालाप्रसादजी {दे.ना.} [T, S] {451, 464} 438 प्रश्नव्याकरणसूत्रम् (प्रश्न.सूत्र सह मुक्तिविमलजी जैन संशो.-मफतलाल झवेरचंद गांधी 1993 की 1993- 101+116%3D ज्ञानविमलसूरिजी कृत टीका) ग्रंथमाळा {मुक्ति. जैन 1995 (अ.) 217 (P) भाग 1-2 (दे.ना.} [T, s] ग्रंथ.7} {451, 453) 439 प्रश्नव्याकरणम् {प्रश्न.सूत्र सह अज्ञात दयाविमलजी जैन अप्रदर्शित 1998 (1) 58 (P) कर्तृक (गु.) अनु., (श्रु.1→अ.5)} ग्रंथमाला {अंक 27} {दे.ना.} {451, 466} |440 प्रश्नव्याकरणम् (प्रश्न.सूत्र सह अज्ञात नेमचंद पोपटलाल वोरा |अप्रदर्शित 1999 (1) 56 (P) कर्तृक (गु.) अनु., (श्रु.1→अ.5)} {दे.ना.} {451, 466} Page #181 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 134 10. प्रश्नव्याकरणसूत्र 445 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) प्रश्नव्याकरणसूत्रम् {प्रश्न.सूत्र सह हस्तिमल्लजी सुराणा संशो.-शशिकांत झा, 2006 (अ.) 460 (B) हस्तिमलजी मुनि कृत छाया, (हिं.) संपा.-हस्तिमलजी आचार्य अन्व-भावार्थयुक्त} {दे.ना.} [T, S] {451, 458,462) 442 प्रश्नव्याकरणसूत्र {प्रश्न.सूत्र का लाधाजी स्वामी जैन संपा.-छोटालालजी मुनि (#) 2012 (3) 172 (D) छोटालालजी मुनि कृत (गु.) अनु.) पुस्तकालय {मणको 22} {गु.} {465) 443 |प्रश्नव्याकरणसूत्रम् अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2018 (1) 411 (B) [PRASHNAVYAKARANA स्थानकवासी जैन SUTRAM] {प्रश्न.सूत्र का घासी. कृत शास्त्रोद्धार समिति (गु.) स्वोपज्ञ टीकानु.} {गु., दे.ना.} {476) 444 प्रश्नव्याकरणसूत्रम् अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2018 (1) 1000 (B) [PRASHNAVYAKARANA स्थानकवासी जैन SUTRAM] {प्रश्न.सूत्र सह घासी. शास्त्रोद्धार समिति कृत टीका, (हिं., गु.) स्वोपज्ञ टीकानु.} {दे.ना., गु.} {451, 460, 475, 476) प्रश्नव्याकरण सूत्र (आश्रव और संवर सन्मति ज्ञानपीठ संपा.-अमरमुनिजी उपप्रवर्तक 2030 (अ.) 932 (C) का गंभीर विवेचन) {प्रश्न.सूत्र सह हेमचंद्रजी मुनि कृत छाया, (हिं.) शब्दार्थ, अनु., विवे.} {दे.ना.} [T, S] {451, 459,461} 446 प्रश्नव्याकरणसूत्र {प्रश्न.सूत्र सह अखिल भारतीय सुधर्म अप्रदर्शित 2031 (1) 444 (B) रतनलाल डोशी कृत (हिं.) अन्व., जैन संस्कृति रक्षक संघ अनु., विवे.} {दे.ना.} [T, S] {451, (रत्न 52} 463} 447 प्रश्नव्याकरणांगसूत्रम् {प्रश्न.सूत्र सह मणिलाल बुलाखीदास संशो.-सागरानंदसूरि, 2038 (अ.) 220 (P) अभय.टीका} {दे.ना.) [s] शाह, (P) आगमोदय । संपा.-हिमांशुसागर पंन्यास {451, 452} समिति 448 प्रश्नव्याकरण {प्रश्न.सूत्र का विद्याविजयजी स्मारक संपा.-पूर्णानंदविजयजी पंन्यास 2041 (अ.) 680 (D) पूर्णानंदविजयजी पं. कृत (गु.) विवे.) ग्रंथमाला {गु.} {477) 449 प्रश्नव्याकरण दशा सूत्रम् {प्रश्न.सूत्र हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2045 (1) 330 (P) सह अभय.टीका) (दे.ना.} | {ग्रं. 187} 1451,452) 450 प्रश्नव्याकरणसूत्रम् आगम प्रकाशन समिति, संशो., संपा.-शोभाचंद्रजी 2049 (2) 356 (B) [PRASHNAVYAKARANA SUTRA] | ब्यावर (जिनागम भारिल्ल, पूर्व संयो., प्रधान । (प्रश्न.सत्र सह प्रवीणऋषिजी कृत ग्रंथमाला ग्रंथांक 17 मंपामिश्रीमलजी मनि (हिं.) अनु., शोभाचंद्रजी भारिल्ल पं. कृत (हिं.) विवे.} {दे.ना.} [T, S] {451, 468, 478} 451 45 आगमसुत्ताणि (पण्हावागरणं) | आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) 40 (C) {प्रश्न.सूत्र मूल) (दे.ना., गु.} [s] {451} Page #182 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रकाशन नाम एवं परिचय 452 प्रश्नव्याकरण दशासूत्रम् (प्रश्न. सूत्र सह अभय, टीका, ज्ञानविमलसूरिजी कृत टीका) (दे. ना.) [TS] [451, 452, 453) क्र. 453 प्रश्नव्याकरण सूत्र [PRASHNAVYAKARAN | SUTRA) ( प्रश्न. सूत्र सह सुनीताबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे. } {गु., दे. ना., रो.} {451, 472} 454 प्रश्नव्याकरणदशाङ्गम् {प्रश्न. सूत्र मूल देना, गु.) [8] (451) 455 ताराना झबकारा { प्रश्न. सूत्र सह राजेन्द्रसूरिजी कृत (गु.) विवे ( श्रु. 1 अ. 5)) भाग 1-2 (गु., दे. ना. } {451, 480) 456 प्रश्नव्याकरणाङ्गम् {प्रश्न. सूत्र सह अभव, टीका) (दे.ना.) (5) {451, 452} 457 प्रश्नव्याकरण सूत्र (सचित्र) [[PRASNAVYAKARAN SUTRA] [[ILLUSTRATED] { प्रश्न. सूत्र (सचित्र) सह अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु., विवे, और उसका राजकुमार जैन कृत (अं.) भाषां. } (दे. ना., रो.} {451, 473, 474) 458 प्रश्नव्याकरण सूत्र ( प्रश्न. सूत्र सह हस्तिमलजी आचार्य कृत छाया, नेहा चोरडिया आदि कृत (हिं.) अन्व., विवे.) भाग 1-2 (दे.ना.) (451, 458,463a, } 459 प्रश्नव्याकरणम् (प्रश्न. सूत्र सह | ज्ञानविमलसूरिजी कृत टीका (श्रु. 1 अ. 5)} (दे.ना. } [T, S] {451, 453) 460 विपाकसूत्र | वि. सूत्र सह अभय टीका | अज्ञात कर्तृक बा.बो.} {दे.ना.} {481, 482, 483) आगम प्रकाशन परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि | हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा. -जिनेन्द्रसूरि ( ग्रं. 321 } | गुरुप्राण फाउन्डेशन, महावीर सेवा ट्रस्ट, राजकोट (आगमबत्रीसी रत्न 10} | जैनानंद पुस्तकालय श्रुतज्ञान संस्कार पीठ जिनशासन आराधना ट्रस्ट, (P) आगमोदय समिति (प्राचीन श्रुत | समुद्धार पद्ममाला, पद्म 2} | पद्म प्रकाशन, दिल्ली { आगम प्रकाशन माला 22 } प्रधान संपा. लीलमबाई महासतीजी, | सहसंपादिका - आरतीबाई महासतीजी डॉ. सुबोधकाबाई साध्वी संपा. पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व संशो. पूर्व | संपा. सागरानंदसूरि(1) संक., संपा. राजशेखरसूरि श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 51 } पूर्व संशो. पूर्व | संपा. सागरानंदसूरि (#) | प्रधान संपा. अमरमुनिजी उपप्रवर्तक सह संपा. वरुणमुनिजी, संजय | सुराणा, चित्र, त्रिलोक शर्मा डॉ. सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ अप्रदर्शित जिनशासन आराधना पूर्व संशो. मफतलाल झवेरचंद ट्रस्ट (P) मुक्तिविमलजी गांधी जैन ग्रंथमाळा (प्राचीन 11. विपाकसूत्र (460-482) धनपतसिंह बहादुर {आगमसंग्रह भाग 11 } संशो. भगवानविजयजी वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2052 (1) 520 (P) 2056 (1) 2061 (1) 74 (P) 2063 (1) 2064 (पु.मु.) 2064 (1) 2066 (2) 336 (B) 2067 (पु.मु.) 374+216= |590 (C) 346 (P) |516 (B) 135 376+256= 632 (B) 220 (P) 1933 (3T.) 282 (P) Page #183 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 136 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय 461 विपाक सूत्र (वि. सूत्र सह अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.) दे.ना.) (481, 491) 462 सुखविपाक मूलपाठः (वि.सूत्र मूल (श्रु.दूसरा)) (दे.ना. (481) 463 विपाकश्रुतम् (वि.सूत्र सह अभय. टीका, हरगोविंददास त्रिकमचंद पं. कृत छाया) (दे.ना. } [T, S] [481, 482, 485} 464 सुख विपाक सूत्रम् (हिन्दी भावार्थसहितम्) (वि. सूत्र सह भैरोंदानजी शेठिया (#) कृत (हिं.) अनु. ( श्रु. दूसरा)} (दे. ना. } [T] {481, 493) 465 विपाक सूत्रम् (वि. सूत्र सह जेठालाल | हरिभाई शास्त्री कृत मूल और टीका का संमिलित (गु.) अनु.) [दे.ना.) [T, S] {481, 505} 468 विपाकश्रुतम् (सूत्रम्) (वि. सूत्र सह अभय, टीका ओर हरगोवनदास त्रिकमचंद शेठ पं. (0) कृत छाया) {दे.ना.) [T, S] [481, 482, 485 469 सुख विपाक सूत्र (वि. सूत्र सह विनयचंद्र मुनि कृत (हिं.) अनु (श्रु.दूसरा)) (दे.ना.) (481, 494) 470 विपाक सूत्र हिन्दी अनुवाद (वि. सूत्र सह आनंदसागरजी कृत (हिं.) अनु और अभय. टीका का अनु.} {दे.ना. } [T] {481, 496, 509} 11. विपाकसूत्र 471 विपाकसूत्रम् {वि. सूत्र सह घासी कृत टीका (हिं. गु.) विवे, स्वोपज्ञ टीकानु) (दे. ना. गु. (481,487, 510, 511, 512, 513} प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि | राजा बहादुर लालासुखदेव संपा. अमोलकऋषि (#) सहायजी ज्वालाप्रसादजी जौहरी "י रत्नप्रभाकर ज्ञान पुष्पमाला ( रत्नप्रभा. पुष्प 31 } मोहनविजय जैन पुस्तकालय, पालीताणा { पुष्प 10} | 466 | VIVAGSUYA [The eleventh Anga P. L. Vaidya [of the jain canon] (विवागसूर्य) [वि.सूत्र मूल} {दे.ना. रो. [T, S] (481) 467 Vivagasuyam (निग्गंधपावयणेसु गुर्जर ग्रंथरत्न कार्यालय एगारसंग भूयं विवागसूयं) (वि. सूत्र सह अभय. टीका, V.J. Choksi और M. C. Modi कृत (अं.) अनु.) {दे. ना., रो. } [T, S] [481, 482, 495) | जैन धर्म प्रसारक सभा | भैरोंदान जेठमल सेठिया अप्रदर्शित (पुष्प 59 ) संपा. ज्ञानसुंदरजी मुनि (#) संशो संपा. हरगोविंददास | त्रिकमचंद शेठ पंडित वीरपुत्र आनंदसागर ज्ञानभंडार (# ) अप्रदर्शित संशो., संपा. वाडीलाल जीवाभाई चोक्सी प्रो. डॉ. | M.C. Modi मुक्ति कमल मोहन जैन संशो. प्रतापसूरि | ज्ञान मंदिर (पुष्प 38} चंदनमलजी रतनचन्द्रजी संशो. हर्षचंद्र जैन शेठ अप्रदर्शित वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1974 (3T.) 210 (P) संशो., संपा. - P. L. Vaidya Dr. 1991 (2) अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो. - कन्हैयालालजी मुनि | स्थानकवासी जैन शास्त्रोद्धार समिति 1975 (1) | 26 (C) 1976 (अ.) 125 (P) 1982 (1) 1987 (3T.) 166 (P) 138 (C) 196 (D) 1991 (1) 384 (D) 1992 (2) 106 (P) 1994 (#) (अ.) 1994 (1) 16 (P) 384 (P) | 2008 (1) 798 (B) Page #184 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 137 472 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) विपाकसूत्रम् (वि.सूत्र सह ज्ञानमुनिजी आत्माराम जैन प्रकाशन संशो.-हेमचंद्रजी मुनि, 2010 (1) 823 (P) कृत छाया, (हिं.) शब्दार्थ, अनु., विवे.) समिति संपा.-ज्ञानमुनि {दे.ना.} [T, S] {481, 486, 488} {जैन शास्त्रमाला 5} 473 विपाकसूत्र (वि.सूत्र सह उर्मिलाबाई प्रेम जिनागम प्रकाशन संपा.-शोभाचंद्रजी भारिल्ल |2031 (1) |140 (B) महासतीजी कृत (गु.) अनु.} समिति {प्रेम | {गु., दे.ना.} {481, 499) जिना.प्रका.पं.4} 474 विपाकसूत्रम् (वि.सूत्र सह अभय. महावीर जैन साहित्य संपा.-अरुणविजयजी पंन्यास |2038 (1) 292 (P) टीका, हरगोविंददास त्रिकमचंद शेठ प्रकाशन, (P) आगमोदय पंडित कृत छाया, जेठालाल हरिभाई समिति, (P) जैन धर्म शास्त्री कृत मूल एवं टीका का संमिलित प्रसारक सभा {पुष्प 2} (गु.) अनु.) {गु., दे.ना.} [T,s] {481,482,485, 505) 475 विपाकश्रुत [VIVAGA-SUYAMA] आगम प्रकाशन समिति, संयो., प्रधान संपा.-मिश्रीमलजी |2039 (अ.) 212 (B) {वि.सूत्र सह रोशनलालजी जैन पं. ब्यावर (जिनागम मुनि, रोशनलाल आर. जैन, कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T, S] | ग्रंथमाला ग्रंथांक 11) संपा.-श्रीचंद सुराणा, {481, 500} शोभाचंद्रजी भारिल्ल 476 सुखविपाकसूत्र (विपाकसूत्र) {वि.सूत्र | अखिल भारतीय सुधर्म अप्रदर्शित |2040(4) 40 (D) |सह अज्ञात कर्तृक (हिं.) अनु. जैन संस्कृति रक्षक संघ (श्रु.दूसरा)} {दे.ना.} {481, 498) 477 45-आगमसुत्ताणि (विवाग सुयं) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) |48 (C) {वि.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.}{481} | 478 विपाक सूत्र {वि.सूत्र सह उषाबाई गुरुप्राण फाउन्डेशन प्रधान संपा.-लीलमबाई 2054 (1) 272 (B) महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे.} {आगमबत्रीसी रत्न 5} महासतीजी | {गु., दे.ना.} {481, 506) 479 विपाकसूत्रम् (वि.सूत्र सह अभय. हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2055 (2) 56 (P) टीका, हरगोविददास कृत छाया) {ग्रं. 310} {दे.ना.} [S] {481, 482, 485} विपाकसूत्रम् {वि.सूत्र सह घासी. कृत अंबा गुरु शोध संस्थान संपा.-सौभाग्यमुनिजी | 2059 (1) 287 (B) टीका, सौभाग्य मुनिजी कृत (हिं.) {सौभाग्य गुरु दीक्षा स्वर्ण अनु.} {दे.ना.} {481, 487, 503} जयंती अभिनंदन ग्रंथमाला 2} विपाकसूत्रम् {वि.सूत्र सह ज्ञानमुनिजी आत्म ज्ञान श्रमण शिव संपा.-शिवमुनिजी आचार्य डॉ. 2061 (2) 1024 (B) कृत छाया, (हिं.) शब्दार्थ, अनु., विवे.) आगम प्रकाशन समिति, {दे.ना.} [T, S] {481, 486, 488} भगवान महावीर मेडिटेशन एन्ड रिसर्च सेंटर ट्रस्ट -482 विपाकदशाङ्गम् (वि.सूत्र मूल} जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2061 (1) 78 (P) {दे.ना., गु.} [S] {481} पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि 481 12. औपपातिकसूत्र (483-503) 483 उववाईसूत्र (प्रथम उपांग) {औप.सूत्र धनपतसिंह बहादुर अप्रदर्शित सह अभय. टीका और राजचंद्रसूरिजी {आगमसंग्रह भाग 12} 1936 (अ.) Page #185 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 138 12. औपपातिकसूत्र संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) कृत बा.बो.} {दे.ना.}{515, 516, 517} संपा.-Ernst Leumann 1937 (अ.) 174(C) 484 |Aupapatika Sutra {औप.सूत्र मूल) F.A. Brockhaus. | {रो.} [T, S] {515} 485 आगमोदय समिति संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (2) 1972 (1) 122 (P) औपपातिकसूत्रम् {औप.सूत्र सह अभय. टीका} {दे.ना.} [T, S] {515,516) 486 उववाईसूत्र {औप.सूत्र सह राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि 1974 (अ.) 232 (P) अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.) सहायजी ज्वालाप्रसादजी {दे.ना.} [T] {515, 520} जौहरी 487 औपपातिकसूत्रम् {औप.सूत्र मूल) N. G. Suru (#) संशो., संपा.-नरहर गोविंद सुरु |1987 101 (C) {दे.ना., रो.} [T, S] {515} (अ.?) 488 |उववाई सूत्तं (औप.सूत्र मूल) (दे.ना.} |जीवन कार्यालय अप्रदर्शित 1992 (1) 110 (B) {515) {पुष्प 16} 489 औपपातिकसूत्रम् {औप.सूत्र सह दयाविमलजी जैन संशो.-हेमसागरसूरि 1994 (2) 232 (P) अभय. टीका} {दे.ना.} [T,S] ग्रंथमाला {अंक 26} {515, 516} 490 औपपातिकसूत्रम् {औप.सूत्र सह भुरालाल कालीदास पं. संशो.-हेमसागरसूरि 1994 (2) 232 (P) अभय. टीका) {दे.ना.} [T, S]. {515, 516) 491 औपपातिकसूत्रम् {औप.सूत्र सह हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2041 (1) 131 (P) अभय. टीका} {दे.ना.} [T, S] {ग्रं. 141} {515, 516) 492 उववाइय सूत्तं (औपपातिक सूत्रम्) प्राकृत भारती अकादमी, संपा. गणेश ललवानी 2044 (1) 356 (C) [UVAVAIYA SUTTAM] {औप.सूत्र जैन श्वेतांबर नाकोडा । सह रमेश मुनिजी कृत (हिं.) अनु. पार्श्वनाथ तीर्थ, मेवानगर और के. सी. ललवानी कृत (अं.) {पुष्प 50} अनु.) {दे.ना., रो.} {515, 523, 524) 493 |औपपातिक-सूत्रम् [AUPAPATIKA | अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि |2046 (2) 744 (B) SUTRA] {औप.सूत्र सह घासी. कृत स्थानकवासी जैन टीका, (हिं., गु.) स्वोपज्ञ टीकानु.) शास्त्रोद्धार समिति {दे.ना., गु.} {515, 518, 532, 533) 494 औपपातिकसूत्र आगम प्रकाशन समिति, |संयो., आद्य संपा.-मिश्रीमलजी |2048 (2) |240 (B) [AUPAPATIKASUTRA] {औप.सूत्र ब्यावर {जिनागम मुनि, संपा.-छगनलालजी शास्त्री सह छगनलालजी शास्त्री कृत (हिं.) ग्रंथमाला ग्रंथांक 13} डॉ. अनु., विवे.} {दे.ना.} [T, S] {515, 528} 495 |औपपातिकोपांगसूत्रम् {ओप.सूत्र सह हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2049 (1) 200 (P) अभय.टीका} {दे.ना., गु.) [T] {ग्रं. 261) {515, 516) Page #186 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रकाशन नाम एवं परिचय 496 45 आगमसुत्ताणि ( उववाइयं) {औप. सूत्र मूल} {दे.ना., गु.) [S] (515) क्र. 497 औपपातिक सूत्र (सचित्र) | [AUPAPATIK SUTRA] ( औप. सूत्र (सचित्र) सह अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु.. विवे. और उसका सुरेन्द्र बोथरा कृत (अं) भाषां.) (दे.ना. रो.) (515, 529, 530} . 498 औपपातिक सूत्र [AUPAPATIKA | SUTRA] [ औप सूत्र सह कल्पनाबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे. } |{गु., दे.ना. } [S] {515, 531} 499 ओपपातिकमुषांग ओपसूत्र मूल) (दे.ना.. गु.) (S) (515) 500 औपपातिकसूत्रम् { औप. सूत्र सह अभय. टीका) (दे.ना., गु.) [T, S] {515, 516) 501 औपपातिकसूत्रम् औप सूत्र सह अभय. टीका} {दे.ना. } [T, S] {515, 516) 502 उववाइय सुत्त (औपपातिक सूत्र) {औप सूत्र सह पारसमलजी चंडालिया कृत (हिं.) शब्दार्थ, अनु., विवे. } {दे.ना.} {515,519 } 504 रायपसेणीजी सूत्र दूसरा उपांग {राज. सूत्र सह मलय. टीका, मेघराजजी उपा. कृत बा.बो.} {दे.ना. } [T] {535, 536, 537} आगम प्रकाशन परिचय 505 राजप्रश्नीय सूत्र (राज. सूत्र सह अमोलकऋषिजी कृत (हि.) अनु.) {दे.ना.} {535,545 } 506 राजप्रश्नीयसूत्रम् {राज. सूत्र सह प्रकाशक (ग्रंथमाला} आगम श्रुत प्रकाशन पद्म प्रकाशन, दिल्ली {सचित्र आगममाला पुष्प 13} गुरुप्राण फाउन्डेशन, महावीर सेवा ट्रस्ट, | राजकोट आगमबत्रीसी रत्न 25 } जैनानंद पुस्तकालय आगमोद्धारक श्रुतसेवा समिति (P) आगमोदय समिति (श्रेणी 11 ) जिनशासन आराधना ट्रस्ट, (P) भुरालाल कालीदास पं. प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 16 } 503 उववाइसुत्तं [Uvavai Suttam ] महावीर जैन विद्यालय | (AupapatikaSutram) ( औप सूत्र सह { जैन आगम ग्रंथमाला ग्रं. 7 (1) } अभय. टीका} {दे.ना. } [T, S] {515, 516) अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ ( रत्न 92) संपादक, संशोधक आदि संशो., संपा. दीपरत्नसागरजी | प्रधान संपा. अमरमुनिजी उपप्रवर्तक, सह संपा श्रीचंद सुराणा, चित्र. - त्रिलोक शर्मा डॉ. प्रधान संपा. लीलमबाई महासतीजी, सहसंपादिका आरतीचाई महासतीजी डॉ. | सुबोधकाबाई साध्वी संपा. - पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व संशो. पूर्व संपा. - सागरानंदसूर संपा. - सागरानंदसूरि अप्रदर्शित | संपा. नेमिचंदजी बांठिया (#) संशो, संपा. -मुनिचंद्रसूरि 13. राजप्रश्नीयसूत्र (504-524) धनपतसिंह बहादुर (आगमसंग्रह भाग 13 ) अप्रदर्शित | राजा बहादुर लालासुखदेव संपा. अमोलकऋषि | सहायजी ज्वालाप्रसादजी जोहरी आगमोदय समिति वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2052 (3T.) 48 (C) 2059 (1) 2060 (1) 2061 (1) 2063 (पु.मु.) 2064 (पु.मु.) 2068 (5) 408 (B) 240 (B) 76 (P) 128 (P) 244 (P) 220 (B) 2068 (1) 356 (B) 1936 (अ.) 298 (B) 1975 (3T.) 310 (P) 139 संशो., संपा. सागरानंदसूरि (#) 1981 (अ.) 151 (P) Page #187 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 140 13. राजप्रश्नीयसूत्र 510 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) मलय. टीका} {दे.ना.} [T,S] {535, 536) 507 पएसि-कहाणयं [PAESI A. T. Upadhye संशो., संपा.-A.T. Upadhye 1992 (1) 256 (B) | {Sanskrit & Prakrit |KAHANAYAM] {राज.सूत्र सह |Jain Lite. Series3} A. T. Upadhye कृत (अं.) अनु. (वि.दूसरा)} {रो., दे.ना.} [T,S] [{535, 546} 508 रायपसेणियसुत्त (राज.सूत्र सह Hiralal B. Gandhi संपा.-हीरालाल बी. गांधी 1994 (अ.) 315 (D) हीरालाल गांधी कृत (अं.) अनु. (वि.1→सूत्र 46)} Part 1{रो., अ.ना.} [T] {535, 547) 509 रायपसेणियं (राज.सूत्र मूल} {दे.ना., के. एल. मुणोत संशो.,संपा.-H. H. Shah, 1994 (अ.) |106 (A) रो.} [S] {535) K.L. Munot रायपसेणइय-सुत्तं {राज.सूत्र सह मलय. गूर्जर ग्रंथरत्न कार्यालय, संशो., संपा.-बेचरदास जीवराज 1994 (अ.) 570 (P) टीका, बेचरदास जीवराज दोशी पं. कृत शंभुलाल जगशी शाह । दोशी पंडित (गु.) अनु., टिप्पन} {दे.ना.} [T,S] {प्राकृत ग्रंथमाला 9) {535, 536, 553} 511 रायपसेणईय सुत्त {राज.सूत्र का लाधाजी स्वामी जैन अप्रदर्शित 2004 (2) 260 (D) बेचरदास जीवराज दोशी पं. कृत पुस्तकालय {मणको 24} (गु.) अनु., टिप्पन) {गु.} [s] {553} 512 | राजप्रश्नीयसूत्रम् (राज.सूत्र का घासी. अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो. कन्हैयालालजी मुनि 2022- 289+1813 कृत (गु.) अनु., स्वोपज्ञ टीकानु.) स्थानकवासी जैन 2046 (2) 470 (B) भाग 1-2 (गु., दे.ना.} {548, 559) शास्त्रोद्धार समिति अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि |2022- 710+490%3D कृत छाया, टीका (हिं., गु.) अनु., स्थानकवासी जैन 2046 (2) 1200 (B) स्वोपज्ञ टीकानु.} भाग 1-2 {दे.ना., शास्त्रोद्धार समिति गु.) {535, 542,543,548, 549, 558,559) 514 राजप्रश्नीयसूत्रम् (राज.सूत्र सह मलय. |जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व 2047 152 (P) टीका) (दे.ना.} [T, S] {535, 536) ट्रस्ट, (P) आगमोदय संपा.-सागरानंदसूरि (2) (पु.मु.) समिति (आगम प्रकाशन माला 15) 515 राजप्रश्नीयसूत्रम् आगम प्रकाशन समिति, प्रधान संपा.-मिश्रीमलजी मुनि, 2048 (2) 284 (B) (RAJAPRASHNIYA SUTRAM] ब्यावर (जिनागम संपा.-रतनमुनि, देवकुमार जैन {राज.सूत्र सह रतन मुनिजी और ग्रंथमाला ग्रंथांक 15} देवकुमार जैन कृत (हिं.) अनु., विवे.) {दे.ना.) [T, S] {535, 554} राजप्रश्नीयद्वितीयमुपाङ्गम् {राज.सूत्र हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2051 (1) 226 (P) सह मलय. टीका} {दे.ना.) [s] {ग्रं. 319) {535, 536) 517 45 आगमसुत्ताणि (रायपसेणियं) | आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी 2052 (अ.) 72 (C) {राज.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [S]{535} Page #188 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 141 क्र. प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2058 (1) 456 (B) पद्म प्रकाशन, दिल्ली {सचित्र आगम प्रकाशन माला 13) प्रकाशन नाम एवं परिचय 518 रायपसेणिय (राजप्रश्नीय) सूत्र (सचित्र) [RAI-PASENIYA (RAJ-PRASHNIYA) SUTRA] [[ILLUSTRATED] {राज.सूत्र (सचित्र) सह अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु., विवे. और उसका राजकुमार जैन कृत (अं.) भाषां.) दे.ना., रो.} [S] {535, 555, 556} प्रधान संपा.-अमरमुनिजी उपप्रवर्तक, सह संपा.-तरुणमुनिजी, श्रीचंद सुराणा, चित्र.-त्रिलोक शर्मा डॉ. 2060 (1) 240 (B) राजप्रश्नीय सूत्र RAJPRASHNIYA गुरुप्राण फाउन्डेशन, SUTRA {राज.सूत्र सह बिंदुबाई महावीर सेवा ट्रस्ट, महासतीजी और रुपलबाई राजकोट {आगमबत्रीसी महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे.) रत्न 24) {गु., दे.ना.} [S] {535, 557} प्रधान संपा.-लीलमबाई महासतीजी, सहसंपादिका-सुबोधिकाबाई साध्वी, आरतीबाई महासतीजी 520 राजप्रश्नीयोपांगम् (रायपसेणी सूत्रम्) |जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व 2061 (1) 116 (P) {राज.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [s] संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि {535) 521 राजप्रश्नीयसूत्र (राज.सूत्र सह अखिल भारतीय सुधर्म संपा.-नेमिचंदजी बांठिया, 2063 (2) 288 (B) छगनलालजी शास्त्री और महेन्द्रकुमार जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया रांकावत कृत (हिं.) शब्दार्थ, अनु., {रत्न 120} विवे. (दे.ना.} [T] {535,544} 522 राजप्रश्नीयम् (राज.सूत्र सह मलय, |जिनशासन आराधना पूर्व संपा.-बेचरदास जीवराज 2065 टीका) {दे.ना.} [T, S] {535, 536} ट्रस्ट, (P) शंभुलाल जगशी दोशी पंडित शाह {प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्यमाला, पद्म 17} 523 रायपसेणियसुत्तं (राज.सूत्र सह महावीर जैन विद्यालय संशो., संपा.-मुनिचंद्रसूरि |2070 (1) 428 (B) मलय. टीका} {दे.ना.) [T,S] {जैन आगम ग्रंथमाला {535, 536) ग्रं.7 (2) 524 रायपसेणियसुत्तं (राज.सूत्र सह ॐकारसूरि ज्ञानमंदिर संशो., संपा.-मुनिचंद्रसूरि |2070 (1) 428 (B) मलय. टीका) {दे.ना.) [T,S] {ग्रं. 88} {535, 536) 14. जीवानीवाभिगमसूत्र (525-542) 525 स्थानांगनाम्नस्तृतीयांगस्योपांग धनपतसिंह बहादुर | अप्रदर्शित 1939 (अ.) 1118 (P) जीवाभिगमनाम सूत्रम् {जीवा.सूत्र {आगमसंग्रह भाग 14} सह मलय. टीका, अज्ञात कर्तृक बा.बो.} {दे.ना.} {561, 562, 564} जीवाभिगमसूत्र {जीवा.सूत्र के नीमचंद नीमचंद हीराचंद कोठारी संपा.-नीमचंद हीराचंद कोठारी 1969 (1) 382 (B) हीराचंद कोठारी कृत (गु.) प्रश्नोत्तरात्मक अनुवाद} {गु.} {578} (%23) Page #189 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 142 14. जीवाजीवाभिगमसूत्र (B) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 527 जीवाजीवाभिगमोपाङ्ग (जीवा.सूत्र देवचंद लालभाई जैन संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (2) 1975 (1) 468 (P) सह मलय. टीका} {दे.ना.} [T, S] पुस्तकोद्धार फंड {561,562) {ग्रंथांक 50} 528 जीवाभिगम सूत्र {जीवा.सूत्र सह राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि 1975 (अ.) 782 (P) अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.) सहायजी ज्वालाप्रसादजी {दे.ना.} {561, 568} जौहरी जीवाभिगमसूत्रम् {जीवा.सूत्र सह अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2027- 676+910+ 2031(1) घासी. कृत छाया, टीका, (हिं..गु.) स्थानकवासी जैन |157233158 (B) स्वोपज्ञ टीकानु.) भाग 1-3 {दे.ना., शास्त्रोद्धार समिति गु.} {561, 565, 566, 575, 576} 530 जीवाजीवाभिगमसूत्रम् (जीवा.सूत्र अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2027- 204+278+ 1498%D980 की घासी. कृत टीका का (गु.) स्वोपज्ञ स्थानकवासी जैन 2031(1) अनु.} भाग 1-3 {गु., दे.ना.) शास्त्रोद्धार समिति {576) 531 जीवाजीवाभिगमसूत्र {जीवा.सूत्र सह आगम प्रकाशन समिति, मुख्य संपा.-शोभाचंद्रजी |2046- 1492+2383 राजेन्द्र मुनिजी शास्त्री डॉ. कृत (हिं.) ब्यावर (जिनागम |भारिल्ल, संपा.-राजेन्द्रमुनि 2048 (1) 730 (B) अनु., विवे.} भाग 1-2 (दे.ना.} [T,s] | ग्रंथमाला ग्रंथांक 30) शास्त्री डॉ., पूर्व संयो., प्रधान {561, 573} संपा.-मिश्रीमलजी मुनि 532 जीवाजीवाभिगमसूत्रम् (जीवा.सूत्र सह जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व 2047 225+246%3D मलय. टीका) भाग 1-2 (दे.ना., गु.) ट्रस्ट, (P) देवचंद लालभाई संपा.-सागरानंदसूरि (2) (पु.मु.) 471 (P) [[T, S] {561,562) जैन पुस्तकोद्धार फंड (आगम प्रकाशन माला 13} 53345-आगमसुत्ताणि (जीवाजीवाभिगम) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी 2052 (अ.) 160 (C) {जीवा.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.) {561} आगम सुत्ताणि (सटीकं) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2056 (अ.) 528 (C) [[जीवाजीवाभिगमउपाङ्गसूत्रम्] | (जीवा.सूत्र सह मलय. टीका भाग {दे.ना., गु.} [] {561, 562} 535 अभ्युदय आगम सुत्ताणि रत्नसागर प्रकाशन निधि |संयो.-जितरत्नसागरसूरि, 2057 (1) 163 (E) (जीवाजीवाभिगम) {जीवा.सूत्र मूल} संशो.-दीपरत्नसागरजी, भाग 14 {दे.ना.} {561) संपा.-चंद्ररत्नसागरसूरि 536 जीवाजीवाभिगम सूत्र गुरुप्राण फाउन्डेशन, प्रधान संपा.-लीलमबाई 2061 (1) 866 (B) [JIVAJIVABHIGAM SUTRA] महावीर सेवा ट्रस्ट, महासतीजी, {जीवा.सूत्र सह पुनिताबाई राजकोट (आगमबत्रीसी सहसंपादिका-आरतीबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे.} रत्न 28} महासतीजी डॉ., | (गु., दे.ना.} [S] {561, 574} सुबोधिकाबाई साध्वी 537 जीवाजीवाभिगमोपांगम् (जीवा.सूत्र जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2061 (1) 264(P) मूल} {दे.ना., गु.} [5] {561} पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि 538 जीवाजीवाभिगमसूत्रम् (जीवा.सूत्र सह हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला, संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि, पूर्व 2061 (1) 485 (P) मलय. टीका} {दे.ना.) [T, S] | (P) देवचंद लालभाई संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि Page #190 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 143 क्र. वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2062 (2) 712 (B) 2059|2063 (2) 368+420=3 788 (B) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि {561, 562) जैन पुस्तकोद्धार फंड {ग्रं. 426} 539 जीवाजीवाभिगम सूत्र (जीवा.सूत्र सह युनिवर्सिटी पब्लिकेशन संपा.-राजेन्द्रमुनि शास्त्री डॉ. राजेन्द्र मुनि शास्त्री डॉ. कृत (हिं.) अनु., विवे.} (दे.ना.} [T, S] {561, 573) 540 जीवाजीवाभिगम सूत्र {जीवा.सूत्र सह अखिल भारतीय सुधर्म संपा.-नेमिचंदजी बांठिया, पारसमलजी चंडालिया कृत (हिं.) जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया शब्दार्थ, अनु., विवे.} भाग 1-2 {रत्न 106) {दे.ना.} [T] {561, 567} 541 जीवाजीवाभिगमोपाङ्गम् {जीवा.सूत्र आगमोद्धारक श्रुतसेवा संपा.-सागरानंदसूरि सह मलय. टीका) {दे.ना., गु.) [T,S] समिति, (P) देवचंद {561, 562} लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड {श्रेणी 22} 542 जीवाजीवाभिगमसूत्रम् (जीवा.सूत्र सह जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व मलय. टीका) भाग 1-2 {दे.ना.) ट्रस्ट, (P) देवचंद संपा.-सागरानंदसूरि (#) [[T, S] {561, 562} लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड {प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 3) 475 (P) 2063 | (पु.मु.) 2064 (पु.मु.) 458+5043 1962 (P) 15. प्रज्ञापनासूत्र (543-572) 543 पंनवणा सूत्र {प्रज्ञा.सूत्र सह मलय. धनपतसिंह बहादुर संशो.-नानकचंदजी ऋषि 1940 (1) 894 (P) टीका, परमानंद ऋषिजी कृत बा.बो. {आगमसंग्रह भाग 15} और नानकचंदजी ऋषि कृत (पद-4-36की) छाया} {दे.ना.) {579,581,583,591) 544 अल्पबहुत्वगर्भितं श्रीमहावीरस्तवनम् आत्मानंद जैन सभा, संशो., संपा.-चतुरविजयजी 1970 (अ.) |14 (P) तथा सावचूरिकं भावनगर {रत्न 19} महादण्डकस्तोत्रापरपर्यायाल्पबहुत्व विचारस्तवनम् {महावीरस्वामिजी का समयसुंदरजी उपा. कृत (प्रा.) स्तवन सह स्वोपज्ञ अवचूरि और अज्ञात कर्तृक महादंडक स्तोत्र (प्रा.) सह अवचूरि} {दे.ना.} [T, S] {582, 585) 545 | प्रज्ञापनोपाङ्गम् {प्रज्ञा.सूत्र सह मलय. आगमोदय समिति संशो.,संपा.-सागरानंदसूरि (2) |1974- 374+2424 टीका) भाग 1-2 (दे.ना.} [T, S] 1975 (अ.) 616 (P) {579, 581) पन्नवणा सूत्रम् {प्रज्ञा.सूत्र सह राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि 1975 (अ.) 1376 (P) अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.) सहायजी ज्वालाप्रसादजी {दे.ना.} [T, S] {579, 596) जौहरी 547 प्रज्ञापनासूत्र {प्रज्ञा.सूत्र सह शारदा मुद्रणालय संशो.-भगवानदास हरखचंद 1991 (अ.) भगवानदास हर्षचंद्र दोशी पं. कृत 560%D1801 दोशी (P) 546 Page #191 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 144 15. प्रज्ञापनासूत्र प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) (गु.) अनु., मलय. टीकानु.} भाग 1-3 {दे.ना.} [T, S] {579, 597, 604) 548 प्रज्ञापनोपाङ्गम् {प्रज्ञा.सूत्र की ऋषभदेव केशरीमलजी संशो..संपा.-सागरानंदसरि (8) |2003- 85+75%3D160 हारि.टीका) भाग 1-2 {दे.ना.} [S] जैन श्वेतांबर संस्था, जैन 2006 (अ.) (P) {580} पुस्तक प्रचारक संस्था 549 |पण्णवणासुत्तं (प्रज्ञा.सूत्र सह प्रज्ञा.सूत्र महावीर जैन विद्यालय संपा.-पुण्यविजयजी 2025- 502+932%3D का पुण्यविजयजी मुनि आदि कृत (गु.) |{जैन आगम ग्रंथमाला (आगमप्रभाकर), दलसुखभाई 2027 (1) 1434 (B) शोधग्रंथ और उसका नगीनदास ग्रं.9→(1) मालवणिया पंडित, अमृतलाल जीवणलाल शाह डॉ. कृत (अं.) भाषां.) मोहनलाल भोजक पंडित भाग 1-2 {दे.ना., गु.,रो.) [T,S] {579,609,610) 550 . अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2030- | 1024+1170 कृत छाया, टीका, (हि., गु.) अनु., स्थानकवासी जैन 2037 (1) +948...%3D 5146 (B) स्वोपज्ञ टीकानु.} भाग 1-5 {दे.ना., शास्त्रोद्धार समिति गु.) {579,592,593, 594,595, 605, 606} 551 प्रज्ञापनासूत्रम् {प्रज्ञा.सूत्र का घासी. अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि । 2030- 341+349+ कृत (गु.) अनु., स्वोपज्ञ टीकानु.) भाग स्थानकवासी जैन 2037 (1) 305...%3 1800(#) (B)| 1-5 {गु., दे.ना.} {595, 606} शास्त्रोद्धार समिति 552 प्रज्ञापना उपक्रम (प्रज्ञा.सूत्र का | हिंमतलाल शामळभाई संयो.-जनक मुनि, 2031 (1) 256 (D) जनक मुनिजी और मनोहर मुनिजी शाह तथा रमणलाल मनोहरलालजी मुनि कृत (गु.) अनु. (थोकसंग्रह)} {गु.) जीवराजभाई शाह [[T] {5981 553 |आगम-सुधा-सिन्थुः {प्रज्ञा.सूत्र मूल) हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2032 (अ.)|406 (B) विभाग 6 {दे.ना.} [S] {579) {ग्रं. 73} 554 प्रज्ञापनोपाङ्गम् आदिनाथ जैन श्वे. संघ, संपा.-दिव्यरत्नविजयजी, 2044 (1) 456 (B) (PRAJNAAPANOPAANGAM] बेंगलोर, (P) आगमोदय अजितशेखरसूरि {प्रज्ञा.सूत्र सह मलय. टीका} {दे.ना., समिति रो.} [T, S] {579, 581} 555 अल्पबहुत्वगर्भित-स्तवनौ हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2047 (1) 34 (D) अवचूर्यलङ्कृतौ (महावीरस्वामिजी {ग्रं. 232} का समयसुंदरजी उपा. कृत (प्रा.) स्तवन सह स्वोपज्ञ अवचूरि और अज्ञात कर्तृक महादंडक स्तोत्र (प्रा.) सह अवचूरि} {दे.ना.} [T, S] {582, 585) 556 | प्रज्ञापनासूत्रम् {प्रज्ञा.सूत्र सह मलय, जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व 2048- |375+243%3D टीका) भाग 1-2 {दे.ना.) [T, S] ट्रस्ट, (P) आगमोदय संपा.-सागरानंदसूरि (2) 618 (P) {579,581) समिति {आगम प्रकाशन माला 27} 557 प्रज्ञापनासूत्र (प्रज्ञा.सूत्र सह आगम प्रकाशन समिति, पूर्व संयो., प्रधान |2050- 627+546+ ज्ञानमुनिजी कृत (हिं.) अनु., विवे.) ब्यावर {जिनागम संपा.-मिश्रीमलजी मुनि, |2051 (2) 134231515 (B) भाग 1-3 {दे.ना.) [T, S] {579, 602) | ग्रंथमाला ग्रंथांक 16} संपा.-ज्ञानमुनि, सह संपा.-श्रीचंद सुराणा Page #192 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. | प्रकाशन नाम एवं परिचय 558 45- आगमसुत्ताणि (पन्नवणा सुत्तं) {प्रज्ञा. सूत्र मूल} {दे.ना., गु. } [s] (579) आगम सुत्ताणि (सटीकं) (प्रज्ञापनाउपाङ्गसूत्रम् 1-2 ) ( प्रज्ञा. सूत्र | सह मलय. टीका) भाग 10, 11 (दे.ना.. गु.) (3) (579,581) 559 560 प्रज्ञापनासूत्रम् {प्रज्ञा. सूत्र सह मलय. | टीका} भाग 1-2 (दे.ना., गु.) [T, S] {579, 581) 561 अभ्युदय आगम सुत्ताणि (पन्नवणा सुत्तं) (प्रज्ञा. सूत्र मूल} भाग 15 (दे.ना. } {579} 562 प्रतापनोपाङ्गसूत्रम् (प्रज्ञा सूत्र सह मलय. टीका, हारि. टीका) भाग 1-2 (दे.ना.) [T, S] [579, 580, 581) 563 प्रज्ञापना सूत्र (प्रज्ञा. सूत्र सह सुधाबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे. } भाग 1-3 (गु दे. ना.) (S) (579, 603) 564 प्रज्ञापना सूत्रम् (प्रज्ञा. सूत्र सह मलय. | टीका} भाग 1-2 {दे.ना., गु. } [T, S] {579, 581} 565 पन्नवणा सूत्र (प्रज्ञा. सूत्र सह | भगवानदास हर्षचंद्र दोशी पं. कृत (गु.) अनु., मलय. टीकानु. } भाग 1-2 {गु., दे. ना. } [T, S] (579, 597, 604} 566 प्रज्ञापनोपांगम् (प्रज्ञापना सूत्रम्) (प्रशा. सूत्र मूल) (दे. ना. गु. (8) {579} 567 प्रज्ञापनोपाड़गम (पूर्वभाग उत्तरभागश्च) (प्रज्ञा. सूत्र की हारि टीका) (दे.ना.) [8] (580) 568 प्रज्ञापनासूत्रम् (प्रज्ञा. सूत्र सह मलय. टीका) भाग 1-2 (दे.ना. } [T, S] {579, 581) आगम प्रकाशन परिचय | प्रकाशक (ग्रंथमाला} आगम श्रुत प्रकाशन आगम श्रुत प्रकाशन आगमोद्धारक जैन ग्रंथमाला, (P) आगमोदय समिति गुरुप्राण फाउन्डेशन, | महावीर सेवा ट्रस्ट, राजकोट । आगमबत्रीसी रत्न 26 } रत्नसागर प्रकाशन निधि संयो. - जितरत्नसागरसूरि, संशो. दीपरत्नसागरजी. संपा. चंद्ररत्नसागरसूरि आनंद प्रकाशन, अमदावाद, (P) आगमोदय समिति | हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा. -जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 373} | गुरु रामचंद्र प्रकाशन | समिति, (P) शारदा मुद्रणालय | संपादक, संशोधक आदि संशो, संपा. दीपरत्नसागरजी | जैनानंद पुस्तकालय संशो. संपा. दीपरत्नसागरजी | संपा. अक्षयचंद्रसागरजी गणि पूर्व संपा. सागरानंदमूरि | प्रधान संपा. लीलमबाई महासतीजी, सहसंपादिका आरतीबाई महासतीजी डॉ. | सुवोधिकाबाई साध्वी जिनशासन आराधना | ट्रस्ट, (P) ऋषभदेव | केशरीमलजी जैन श्वेतांबर संस्था, (P) जैन पुस्तक प्रचारक संस्था जिनशासन आराधना | ट्रस्ट, (P) आगमोदय समिति (प्राचीन श्रुत | समुद्धार पद्ममाला पद्म 8 } | संपा. अक्षयचंद्रसागरजी गणि, पूर्व संपा. सागरानंदसूरि संशो - मुनिचंद्रसूरि, संशो.. | संपा. जयानंदविजयजी पूर्व संशो. पूर्व संपा. सागरानंदसूर (#) पूर्व संशो. पूर्व संपा. सागरानंदसूरि (#) वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2052 (3T.) 208 (C) 2056 (3T) 320+336= 656 (C) 2056 (पु.मु.) 2057 (1) 211 (E) 2057 (1) 2060 2061 (1) | संपा. पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व 2061 (1) संशो., पूर्व संपा. सागरानंदसूरि 2061 (पु.मु.) 2061 (पु.मु.) 2061 (पु.मु.) 2064 (पु.मु.) 145 397+238= 635 (P) 730+448= 1178 (P) 542+586+ 488=1616 (B) 387+238= 625 (P) 548+400= 948 (B) | 360 (P) | 206 (P) 764+488= 1252 (P) Page #193 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 146 15. प्रज्ञापनासूत्र वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2065 (पु.मु.) | 381+246%D 627 (P) 2065 (अ.) 290 (C) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि 569 प्रज्ञापनोपागम् (प्रज्ञा.सूत्र सह मलय. आगमोद्धारक श्रुतसेवा सपा.-सागरानदार टीका) भाग 1-2 (दे.ना., गु.) [T,s] समिति, (P) आगमोदय {579, 581) समिति {श्रेणी 31} 570 सुत्तागमे (गुजराती) [प्रज्ञापना सूत्र जैनागम नवनीत प्रकाशन संपा.-तिलोक मुनि संपूर्ण] {प्रज्ञा.सूत्र मूल) भाग 6 {गु.) समिति {579) 571 आगम सटीक अनुवाद श्रुत प्रकाशन निधि संपा.-दीपरत्नसागरजी (2) (प्रज्ञापना-1-3) (प्रज्ञा.सूत्र का दीप.कृत (गु.) अनु., टीकानुसारी विवे.) भाग-20, 21, 22 (गु.) {601,607} 572 प्रज्ञापनासूत्रम् {प्रज्ञा.सूत्र की हारि. जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व टीका) भाग 1-2 (दे.ना.} [S] {580) ट्रस्ट, (P) ऋषभदेव संपा.-सागरानंदसूरि (2) केशरीमलजी जैन श्वेतांबर संस्था {प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 45) 2066 (अ.)208+224+ 2243656 (C) 2067 106+96%3D 202 (P) 16. सूर्यप्रज्ञप्तिसूत्र (573-582) 573 सूर्यप्रज्ञप्त्युपाङ्गम् {सूर्य.सूत्र सह आगमोदय समिति संशो., संपा. सागरानंदसूरि (2) | 1975 (1) 302 (P) मलय. टीका) {दे.ना.) [T,S] {611, 612} 574 सूर्यप्रज्ञप्ति सूत्र (सूर्य.सूत्र सह राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि 1976 (अ.) 420 (P) | अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.) सहायजी ज्वालाप्रसादजी {दे.ना.} {611, 615) जौहरी 575 सूर्यप्रज्ञप्तिसूत्रम् {सूर्य.सूत्र सह घासी. अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2038 (1) 1068+1104 कृत छाया, टीका, (हिं., गु.) स्वोपज्ञ स्थानकवासी जैन 32172 (B) टीकानु.) भाग 1-2 {दे.ना., गु.) शास्त्रोद्धार समिति {611,613,614,620,621) 576 सूर्यप्रज्ञप्तिस्त्रम् (सूर्य.सूत्र की घासी. अखिल भारतीय श्वेतांबर | नियो.-कन्हेयालालजी मुनि 2038 (1) 410+409%D कृत टीका का (गु.) स्वोपज्ञ अनु.,} स्थानकवासी जैन 819 (B) भाग 1-2 {गु., दे.ना.} {621) शास्त्रोद्धार समिति सूर्यप्रज्ञप्त्याख्यमुपाङ्गम् (सूर्य.सूत्र सह जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व 2049 302 (P) मलय. टीका} {दे.ना., गु.} [T, S] ट्रस्ट, (P) आगमोदय संपा.-सागरानंदसूरि (#) (पु.मु.) |{611,612) समिति 578 45-आगमसुत्ताणि (सूर पन्नत्ती) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) 72 (C) {सूर्य.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [s] (611) 579 सूर्य प्रज्ञप्ति सूत्रम् (पञ्चमं उपाङ्गम्) हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2055 (1) 442 (P) (सूर्य.सूत्र सह मलय. टीका} {दे.ना.} {ग्रं. 349) | [S] {611,612} 580 सूर्यप्रज्ञप्त्युपाङ्गम् (सूर्य.सूत्र मूल} जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2061 (1) 126 (P) {दे.ना., गु.} [S] {611} पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि 577 Page #194 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 147 संपादक, संशोधक आदि संपा.-सागरानंदसूरि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2063 305 (P) (पु.मु.) 581 प्रकाशन नाम एवं परिचय सूर्यप्रज्ञप्त्युपाङ्गम् (सूर्य.सूत्र सह मलय. टीका} {दे.ना., गु.) [T, S] {611, 612} सूर्यप्रज्ञप्त्यपाङ्गम् (सूर्य.सूत्र सह मलय. टीका) (दे.ना.} [T, S] {611,612) प्रकाशक (ग्रंथमाला} आगमोद्धारक श्रुतसेवा समिति, (P) आगमोदय समिति {श्रेणी 15} जिनशासन आराधना ट्रस्ट, (P) आगमोदय समिति {प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्य 30} 582 पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि (#) 2065 (पु.मु.) 317 (P) 583 17. जंबूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र (583-599) | जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र प्रारंभः {जंबू.सूत्र | संशो.-अमोलखचंद्र ऋषि 1946 (1) |619 (B) सह शांतिचंद्रजी उपा. कृत टीका, {आगमसंग्रह भाग 16} रामचंद्र गणिजी कृत छाया, चंद्रभाणजी ऋषि कृत बा.बो.} {दे.ना.) {623, 625, 626, 627} 584 जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिः {जंबू.सूत्र सह देवचंद लालभाई जैन संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) |1976 (1) 383+166%3D शांतिचंद्रजी उपा. कृत टीका} भाग 1-2 | पुस्तकोद्धार फंड 549 (P) {दे.ना.} [T, S] {623, 625} {ग्रंथांक 52} 585 | जंबूद्दीवपण्णत्ती (जम्बूद्वीप-प्रज्ञप्तिः) आगमोद्धारक जैन संशो.-लाभसागरजी पंन्यास 2033 (अ.) 354 (B) {जंबू.सूत्र सह धर्मसागरजी उपा. कृत ग्रंथमाला {ग्रंथांक 57} टीका} {दे.ना.} [S] {623, 624} 586 | जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्रम् (जंबू.सूत्र सह | अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि |2034- |984+798+ 2036(1) |56032342 घासी. कृत छाया, टीका, (हिं., गु.) स्थानकवासी जैन | (B) स्वोपज्ञ टीकानु.} भाग 1-3 {दे.ना., शास्त्रोद्धार समिति गु.} {623, 628, 629, 638, 639) 587 जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्रम् (जंबू.सूत्र की अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2034- |302+238+ 2036 (1) 177%D717 घासी. कृत टीका का (गु.) स्वोपज्ञ स्थानकवासी जैन (B) अनु.) भाग 1-3 {गु.} {638} शास्त्रोद्धार समिति 588 जम्बूद्वीपप्रज्ञप्त्युपाङ्गम् {जंबू.सूत्र सह जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व 2047 384+166%D शांतिचंद्रजी उपा. कृत टीका} भाग 1-2 550 (P) ट्रस्ट, (P) देवचंद लालभाई संपा.-सागरानंदसूरि (2) (पु.मु.) | {दे.ना.} [T, S] {623, 625} जैन पुस्तकोद्धार फंड {आगम प्रकाशन माला 11} 589 जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र आगम प्रकाशन समिति, संपा.-छगनलालजी शास्त्री डॉ., 2051 (2) 478 (B) [[JAMBUDDIVAPANNATTISUTT ब्यावर (जिनागम पूर्व संयो., प्रधान |AM] (जंबू.सूत्र सह छगनलालजी ग्रंथमाला ग्रंथांक 26) संपा.-मिश्रीमलजी मुनि शास्त्री डॉ. कृत (हिं.) अनु.) (दे.ना.} [T, S] {623, 630} 590 | 45-आगमसुत्ताणि [जंबूढीव पन्नत्ती] आगम श्रुत प्रकाशन |संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी 2052 (अ.) 128 (C) {जंबू.सूत्र मूल} {दे.ना.}{623} 591 | जंबूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्रम् {जंबू.सूत्र सह हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि शांतिचंद्रजी उपा. कृत टीका) भाग 1-2 (ग्रं. 329} 20522054 (1) 572+1923 764 (P) Page #195 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 148 17. जंबूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्र प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 592 आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2056 (अ.) |560 (C) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय {दे.ना.} [T, S] {623, 625} आगम सुत्ताणि (सटीक) जिम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति-उपागसूत्रम्] {जंबू.सूत्र सह शांतिचंद्रजी उपा. कृत टीका) भाग 13 {दे.ना., गु.} [S] {623, 625) 593 जंबूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र (JAMBOODWEEP PRAGNAPTI SUTRA] {जंबू.सूत्र सह मुक्ताबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे.) {गु., दे.ना.} {623, 637} 594 |जंबूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्रं (जंबू.सूत्र मूल) {दे.ना., गु.) [S] {623} गुरुप्राण फाउन्डेशन, 2058 (1) 696 (B) {आगमबत्रीसी रत्न 17} प्रधान संपा.-लीलमबाई महासतीजी, सहसंपादिका-आरतीबाई महासतीजी डॉ., सुबोधिकाबाई साध्वी 595 जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति सूत्र {जंबू.सूत्र सह छगनलालजी शास्त्री और महेन्द्रकुमारजी रांकावत कृत (हिं.) । अनु.} {दे.ना.} [T] {623, 633} जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2061 (1) 222 (P) पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि अखिल भारतीय सुधर्म संपा.-नेमिचंदजी बांठिया, 2063 (2) 496 (B) जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया (रत्न 119) 2063 (1) 640 (B) प्रधान संपा.-अमरमुनिजी उपप्रवर्तक, सह संपा.-श्रीचंद सुराणा, चित्र.-त्रिलोक शर्मा डॉ. संपा.-सागरानंदसूरि 2065 (पु.मु.) 390 (P) 596 जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र (सचित्र) पद्म प्रकाशन, दिल्ली [ILLUSTRATED JAMBUDVEEP | {सचित्र आगममाला | PRAJNAPTI SUTRA] {जंबू.सूत्र पुष्प 20) (सचित्र) सह अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. और उसका राजकुमार जैन कृत (अं.) भाषां.} {दे.ना., रो.} {623, 634, 635) 597 जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिः (पूर्वभागः) {जंबू.सूत्र आगमोद्धारक श्रुतसेवा |सह शांतिचंद्रजी उपा. कृत टीका समिति, (P) देवचंद (वक्ष.4)} {दे.ना., गु.) [T,S] लालभाई जैन पुस्तकोद्धार {623, 625) फंड {श्रेणी 29) 598 जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिः {जंबू.सूत्र सह जिनशासन आराधना शांतिचंद्रजी उपा. कृत टीका) भाग 1-2 ट्रस्ट, (P) आगमोदय {दे.ना.} [T, S] {623, 625) समिति {प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 28) 599 आगम सटीक अनुवाद |श्रुत प्रकाशन निधि (जंबूद्वीपप्रज्ञप्ति-1-3) {जंबू.सूत्र का दीप.कृत (गु.) अनु., शांतिचंद्र उपा. कृत टीकानुसारी विवे.} भाग-25, 26, 27 {गु.} {636, 640) पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि (#) 2065 (प.म.) 400+182% 582(P) संपा.-दीपरत्नसागरजी (#) 2066 (अ.) | 208+208+ 208%3D624 (C) Page #196 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 149 प्रकाशन नाम एवं परिचय 600 चंद्रप्रज्ञप्ति सूत्र {चंद्र.सूत्र सह अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.) {दे.ना.) {641,645) 601 चंद्रप्रज्ञप्तिसूत्रम् {चंद्र.सूत्र सह घासी.कृत छाया, टीका} {दे.ना.} {641, 643, 644) 602 45-आगमसुत्ताणि (चंद पन्नत्ती) {चंद्र.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [3] {641} चन्द्र प्रज्ञप्तिसूत्रम् {चंद्र.सूत्र मूल} (दे.ना.} [S] {641) चंद्रप्रज्ञप्त्युपाङ्गम् {चंद्र.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.) [S] {641} प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 18. चन्द्रप्रज्ञप्तिसूत्र (600-605) राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि (#) 1975 (अ.) |422 (P) सहायजी ज्वालाप्रसादजी जौहरी अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2029 (1) |724 (B) स्थानकवासी जैन शास्त्रोद्धार समिति आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) 72 (C) 64 (P) हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2060 (1) {ग्रं. 416) जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व 2061 (1) संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि 604 106 (P) संशो., संपा.-रत्नबोधिविजयजी |2069 (1) 605 चंदपण्णत्तिसुत्तं चंद्रप्रज्ञप्तिसूत्रम् {चंद्र.सूत्र सह मलय.टीका} भाग 1-2 {दे.ना., गु., रो.} [T, S] {641, 642} महावीर जैन विद्यालय (जैन आगम ग्रंथमाला ग्रं. 11 (1)} 1488+336%D 824 (B) 19.निरयावलिकासूत्र (606-608) |606 निरयावलिका कल्पिकासूत्रम् {निर.सूत्र हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2050 (1) 32 (P) सह श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका} {दे.ना.} |{I. 280) [S] {647, 648} 607 |45 आगमसुत्ताणि (निरयावलियाणं) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी | 2052 (अ.) 20 (C) | (निर.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.) [s] {647) 608 निरयावलिका सूत्रं {निर.सूत्र मूल} जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, | 2061 (1) 32 (P) {दे.ना., गु.) [S] {647} पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि 20. कल्पावतंसिकासूत्र (609-611) |609 निरयावलिका -कल्पवडिंसका-सूत्रम् हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2050 (1) 8 (P) {कल्पाव.सूत्र सह श्रीचंद्रसूरिजी कृत {ग्रं. 281} टीका} {दे.ना.} [S] {672, 673} 610 45 आगमसुत्ताणि (कप्पवडिंसियाणं) संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) 12 (C) | {कल्पाव.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [s] | 1672) 611 कप्पवडिंसिया सूत्रं (कल्पाव.सूत्र मूल) |जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2061 (1) |12 (P) | {दे.ना., गु.) [S] {672} पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि 21. पुष्पिकासूत्र (612-614) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) |20 (C) 612 45-आगमसुत्ताणि (पुष्फियाणं) Page #197 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 150 21. पुष्पिकासूत्र प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय {पुष्पिकासूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [s] 1697} 613 निरयावलिका पुष्पिका-सूत्रम् {पुष्पिकासूत्र सह श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका} {दे.ना.} [S] {697, 698} 614 | पुष्फिया सूत्रं {पुष्पिकासूत्र मूल} (दे.ना., गु.} [S] {697) 2052 (1) 28 (P) हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि ग्रं. 282} जैनानंद पुस्तकालय 2061 (1) |32 (P) संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि 22. पुष्पचूलिकासूत्र (615-617) हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 283} 2050 (1) 10 (P) 615 निरयावलिका-पुष्पचूलिका-सूत्रम् {पुष्प.सूत्र सह श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका} {दे.ना.} [S] {722, 723} 616 | 45-आगमसुत्ताणि (पुष्फचूलियाणं) {पुष्प.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [s] {722} 617 पुष्फचूलिया सूत्रं {पुष्प.सूत्र मूल) {दे.ना.,गु.) [s] {722} आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) 12 (C) जैनानंद पुस्तकालय 2061 (1) 14 (P) संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि 23. वृष्णिदशासूत्र (618-620) हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 284) 2050 (1) 12 (P) 618 निरयावलिका-वह्निदशा-सूत्रम् (वृष्णि.सूत्र सह श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका} {दे.ना.} [S] {745, 746) 619 45-आगमसुत्ताणि (वण्हिदसाणं) | {वृष्णि.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [] 1745) 620 वण्हिदसाणं सूत्रं {वृष्णि.सूत्र मूल) {दे.ना., गु.} [s] {745) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) |12 (C) जैनानंद पुस्तकालय 16 (P) संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, |2061 (1) पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि 24. निशीथसूत्र (621-636) |621 निशीथसूत्र {निशीथसूत्र सह राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि (2) 1976 (अ.) 253 (P) अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.) सहायजी ज्वालाप्रसादजी {दे.ना.} [T] {768, 778} जौहरी 622 निशीथ सूत्रम् {निशीथसूत्र सह भाणजीभाई धरमशीभाई संशो.-प्रेमसूरि 1995- 204+245+ भाष्य, चूर्णि, 20वें उ. की 1996 (अ.) 1386 (A) श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका) भाग 1-6 (दे.ना.) [s] {768, 769, 770, 771} 623 | निशीथ: एक अध्ययन {निशीथसूत्र का सन्मति ज्ञानपीठ संपा.-दलसुखभाई मालवणिया 2015 (अ.) 88 (C) दलसुखभाई मालवणिया पं. कृत (हिं.) पंडित (2) शोधग्रंथ} {दे.ना.} [T] {784} Page #198 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. | प्रकाशन नाम एवं परिचय 624 निसीहझयणं (निशीथसूत्र मूल) {दे. ना. } [T, S] (768) 625 निशीथसूत्रम् (Nishith Sutram) निशीथसूत्र सह घासी, कृत छावा, (प्रा.) भाष्य, भाष्य छाया, (सं.) चूर्णि और अवचूरि) (दे.ना.) 768, 772, 773, 774, 775, 776} 626 A CULTURAL STUDY OF THE | NISITH CURNI ( निशीथसूत्र की चूर्णि का मधुसेन कृत (अं.) शोधग्रंथ) {रो.} [T, S] {785 } 627 निशीथ-सूत्रम् (निशीथसूत्र सह भाष्य, चूर्णि, 20वें उ. की श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका, दलसुखभाई मालवणिया पं. कृत (हिं.) शोधग्रंथ) भाग 1-4 (दे.ना., रो.} [T, S] [768, 769, 770, 771, 784 } 628 निसीहज्झयणं (निशीचाध्ययन | अपरनाम आचारप्रकल्प) (निशीथसूत्र मूल} {दे.ना.} [T] {768} 629 निशीथसूत्र [NISHITH SUTRA ] {निशीथसूत्र सह कन्हैयालालजी मुनि और तिलोक मुनिजी कृत (हिं.) अनु.. विवे} {दे.ना.} {768, 781} 630 45- आगमसुत्ताणि (निसीह) {निशीथसूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [s] {768) 631 आगम सुत्ताणि (सटीक) [ निशीथ छेदसूत्रम् 1-3 ) ( निशीथसूत्र | सह भाष्य, चूर्णि भाग 15, 16, 17 {दे.ना., गु.} [S] {768, 769, 770} 632 निसीहज्झयणं [निशीथाव्यचन (अपरनाम) आचारप्रकल्प] {निशीथसूत्र मूल} {दे.ना. } [T] {768) 633 निशीथ-सूत्रम् (निशीवसूत्र सह भाष्य, चूर्णि 20वें उ की श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका, दलसुखभाई मालवणिया पं. कृत (हिं.) शोधग्रंथ) भाग 1-4 { दे.ना., रो.) [T, S] (768, 769, 770, 771, 784} 634 निशीथसूत्रं निशीथसूत्र मूल) आगम प्रकाशन परिचय प्रकाशक ( ग्रंथमाला) जैन श्वेतांबर तेरापंथी | महासभा {आगम सुत्त ग्रंथमाला ग्रंथ 2 ) अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो. - कन्हैयालालजी मुनि स्थानकवासी जैन शास्त्रोद्धार समिति सोहनलाल जैन धर्म | प्रचारक समिति (पार्श्व. विद्या. ग्रंथ. 21} भारतीय विद्या प्रकाशन, | सन्मति ज्ञानपीठ ( आगम | साहित्य रत्नमाला 3 } आगम अनुयोग ट्रस्ट, अमदावाद | आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (जिनागम | ग्रंथमाला ग्रंथांक 32 (अ)) आगम श्रुत प्रकाशन आगम श्रुत प्रकाशन संपादक, संशोधक आदि अप्रदर्शित अमर पब्लिकेशन्स (P) | सन्मति ज्ञानपीठ जैनानंद पुस्तकालय | संपा. मोहनलाल मेहता डॉ., हरिहर सिंह डॉ. संपा. - अमरमुनिजी उपाध्याय, कन्हैयालालजी मुनि (कमल) संपा. कन्हेयालालजी मुनि (कमल) | संपा. कन्हैयालालजी मुनि (कमल), तिलोक मुनि, आद्य संपा. -मिश्रीमलजी मुनि संशो., संपा. - दीपरत्नसागरजी | सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ अप्रदर्शित संशो, संपा. दीपरत्नसागरजी | संपा. अमरमुनिजी उपाध्याय, कन्हैयालालजी मुनि (कमल) | संपा. पूर्णचंद्रसागरजी गणि, वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 370 (C) 2023 (#) (अ.) 2025 (1) 2031 (3T.) 426 (C) 2038 (2) 2039 (1) 544 (B) 2048 (1) 564 (B) 2059 (1) 310+494+ 640...=2045 (c) | 236 (E) 2052 (अ.) 88 (C) 2061 (3) 2056 (3T.) 480+408+ 472=1360 (c) 151 | 160 (D) 308+494+ 640...=2046 (c) 2061 (1) 50 (P) Page #199 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 152 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय {दे.ना., गु.} [S] (768} 635 निशीथ सूत्र [NISITH SUTRA ] {निशीथसूत्र सह लीलमबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे. } {गु., दे.ना.) 768, 782) 636 निशीथ सूत्र (निशीयसूत्र सह छगनलालजी शास्त्री डॉ. और | महेन्द्रकुमार रांकावत कृत (हिं.) शब्दार्थ, अनु, विवे.) [दे.ना.] [T] {768, 777} 637 Studien Zum Mahanisiha Kapitel 15 (महा. सूत्र सह Jozef | Deleu कृत (फ्रेंच) अनु. (अ. 3), Walther Schubring कृत (ज.) अनु. ( अ. 4-5 ) } { रो} [T, S] [786, 787, 788) 638 शल्योद्धार महा. सूत्र का | धर्मगुप्तविजयजी मुनि कृत (गुं.) सारांश | (अ.1)} {गु.} {791} 639 आगम-सुधा- सिंधु: ( महानिशीथ 640 महानिशीथसूत्र (महा.सूत्र मूल) {दे.ना.} {786} 641 शल्योद्धार (महा. सूत्र का धर्मगुप्तविजयजी कृत (गु.) सारांश (अ.1)} {गु.} {791 } |642 MAHANISIHA SUYAKHA-MDHAM [महानिसीह सुब-खंयं] [महा. सूत्र सह चंद्रभाल त्रिपाठी डॉ. कृत जर्मनी में | सर्वेक्षित (अं.) रिपोर्ट} {दे.ना. रो. } [T, S] [786, 792} 643 45-आगमसुत्ताणि (महानिसीहं) {महा.सूत्र मूल) (दे.ना.. गु.] [8] {786) 644 महानिशीथ सूत्रम् सूत्रात्मकः) (महा.सूत्र मूल} विभाग 10 (ग्रं. 77 } {दे.ना.} {786} | (विषमपदटीप्पणसमलङ्कृतम्) (महा. सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [T, S] (786} 24. निशीथसूत्र | प्रकाशक (ग्रंथमाला} | गुरुप्राण फाउन्डेशन { आगमबत्रीसी रत्न 35} अखिल भारतीय सुधर्म | जैन संस्कृति रक्षक संघ {रत्न 131} | प्रेम प्रकाशन मंदिर 25. महानिशीथसूत्र (637-648) Cram, De Gruyter & Co. | प्रेमसूरीश्वरजी जैन | साहित्य प्रकाशन ट्रस्ट संपादक, संशोधक आदि पूर्व संशो., पूर्व संपा. सागरानंदमूरि प्राकृत ग्रंथ परिषद {ग्रंथांक 29 } प्रधान संपा. लीलमबाई महासतीजी, | सहसंपादिका आरतीबाई महासतीजी डॉ. | सुबोधिकाबाई साध्वी हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा. जिनेन्द्रसूरि आगम श्रुत प्रकाशन | संपा. नेमिचंदजी बांठिया, | पारसमल चण्डालिया | कल्याणजी सोभागचंद जैन पेढी (पिंडवाडा जेन संघ) पद्म प्रकाशन, अमदावाद संपा. मित्रानंदसूरि (पद्मविजयजी गणिवर जैनग्रंथमाळा पुष्प 17 } संशो., संपा. -Jozef Deleu | संपा. धर्मगुप्तविजयजी (#) संपा. धर्मगुप्तविजयजी (#) संशो., संपा. - पुण्यविजयजी (आगमप्रभाकर), रूपेन्द्रकुमार पगारिया, प्रधान | संपा. दलसुखभाई मालवणिया | पंडित, हरिवल्लभ चुनीलाल भायाणी डॉ. संशो. संपा. दीपरत्नसागरजी " वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2062 (1) |392 (B) 2064 (2) 2019 (3T.) 250 (C) 464 (B) 2026 (1) 54 (C) 2037 (37.) 242 (B) 2039 (3T.) 212 (A) 2048 (3) 48 (D) 2050 (1) 2053 संशो. कुलचंद्रसूरि, संपा. पद्यसेनविजयजी पंन्यास (पु.मु.) | 284 (B) 2052 (अ.) 152 (C) 286 (C) Page #200 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 153 वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 645 |2057 (1) 163 (E) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि अभ्युदय आगम सुत्ताणि (महानिसीहं) रत्नसागर प्रकाशन निधि |संयो.-जितरत्नसागरसूरि, {महा.सूत्र मूल} भाग 39 {दे.ना.} संशो.-दीपरत्नसागरजी, [3] {786} संपा.-चंद्ररत्नसागरसूरि 646 | महानिशीथसूत्रम् (महा.सूत्र मूल) जैनानंद पुस्तकालय |संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2061 (1) 234 (P) {दे.ना., गु.} [s] {786} पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि 647 महानिशीथ सूत्रम् शिंपोली कस्तुर पार्क जैन संशो.-कुलचंद्रसूरि, 2061 284 (P) (विषमपदटीप्पणसमलङ्कृतम्) संघ संपा.-पद्मसेनविजयजी पंन्यास (पु.मु.) {महा.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [T, S] {786) आगम सटीक अनुवाद (महानिशीथ) श्रुत प्रकाशन निधि संपा.-दीपरत्नसागरजी (2) 2066 (अ.) 208 (C) | (महा.सूत्र का दीप.कृत (गु.) अनु.} भाग 30 {गु.} {789) 648 26. व्यवहारसूत्र (649-662) |649 चतुर्विंशतितम व्यवहार सूत्र-प्रथमछेद राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि (#) 1975 (अ.) 192 (P) {व्यव.सूत्र सह अमोलकऋषिजी कृत सहायजी ज्वालाप्रसादजी (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T] जौहरी | 1793,803) 650 ववहार सुत्तं (छेद सूत्र) vavahara जीवराज घेलाभाई दोशी संशो.-Walther schubring, |1982 (1) 197 (P) | suttam {व्यव.सूत्र सह जीवराज संपा.-जीवराज घेलाभाई दोशी घेलाभाई दोशी डॉ. कृत (गु.) शब्दार्थ, डॉ. (#) अनु.} {दे.ना.,रो.) [T, S] {793,804) 651 व्यवहारसूत्रम् (व्यव.सूत्र सह भाष्य, वकील केशवलाल प्रेमचंद, संशो.-माणेक मुनि 1982- 30+108+ मलय.टीका} भाग 1-12 {दे.ना.) त्रिकमलाल उगरचंद 1984 (1) 62...-981 (P) {793,795,796} वकील 652 व्यवहारसूत्र [छेदसूत्र] {व्यव.सूत्र का जगजीवन रतनशीभाई संपा.-ठाकरसीभाई करसनजी 2028 (अ.) 148 (D) ठाकरसीभाई शाह कृत (गु.) अनु.} बगडिया शाह (#) {गु.} {805} 65345-आगमसुत्ताणि (ववहार) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) 36 (C) {व्यव.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.) [s] {793) 654 व्यवहार भाष्य [VYAVAHAR जैन विश्व भारती प्रधान संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य, 2053 (1) 852 (B) BHASYA] {व्यव.सूत्र भाष्य सह संपादिका-कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ., दुलहराजजी मुनि और कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ. कृत (हिं.) पृथक्करणकार-दुलहराजजी शोधग्रंथ} {दे.ना., रो.} [T] {795, 816) 655 ववहार सुत्तं (व्यवहार सूत्र) (तृतीय आगम अनुयोग ट्रस्ट, |संयो.-विनयकुमारजी मुनि, 2056 (2) |160 (E) छेद सूत्र) {व्यव.सूत्र मूल} {दे.ना.} अमदावाद संपा.-कन्हैयालालजी मुनि {793) (कमल) कृति मुनि Page #201 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 154 26. व्यवहारसूत्र संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी 2056 (अ.) 480+560= 1040 (C) 154 (C) प्रधान संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य, 2056 (1) संपादिका-कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ. क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) 656 आगम सुत्ताणि (सटीक) (व्यवहार आगम श्रुत प्रकाशन छेदसूत्रम्) (व्यव.सूत्र सह भाष्य, मलय. टीका) भाग-21, 22 {दे.ना., गु.) [S] {793,795,796} 657 व्यवहार नियुक्ति [VYAVAHAR जैन विश्व भारती NIRYUKTI] {व्यव.सूत्र नियुक्ति मूल} (दे.ना. [T, S] {794} 658 सानुवाद व्यवहारभाष्य (हिन्दी भाषा में जैन विश्व भारती | अनूदित) [VYAVAHARA BHASYA] {व्यव.सूत्र भाष्य सह दुलहराजजी मुनि कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.) [T, S] {795,812} 659 व्यवहारसूत्रम् {व्यव.सूत्र मूल} जैनानंद पुस्तकालय (दे.ना.,गु.) [S] {793) प्रधान संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य, 2060 (1) 490 (B) संपा.-दुलहराजजी मुनि, सहयोगी-राजेन्द्रकुमारजी मुनि, जितेन्द्रकुमारजी मुनि 46 (P) संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2061 (1) पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि संपा.-Willem B. Bollee Prof. 2062 (1) 170 (A) 660 VYAVAHARA BHASHYA | PITHIKA {व्यव.सूत्र भाष्य सह Willem Bollee कृत (अं.) अनु., विवे. (गाथा-183)} {रो.} [T, S] {795,813} हिंदी ग्रंथ रत्नाकर कार्यालय (नाथुराम प्रेमी रिसर्च सीरिझ4} 2066 (1) | ॐकारसूरि ज्ञानमंदिर {ग्रं. 46/1} संपा.-मुनिचंद्रसूरि, सह संपा.-दिव्यरत्नविजयजी 432+168+ 300.... 1924 (P) 661 व्यवहारसूत्रम् (व्यव.सूत्र सह भाष्य, मलय. टीका) भाग 1-6 {दे.ना.) [[T, S] (793,795, 796) 662 व्यवहारसूत्रम् (व्यव.सूत्र सह भाष्य, मलय.टीका) भाग 1-6(दे.ना.,गु.) [[T,S] {793,795,796} ॐकारसूरि ज्ञानमंदिर {ग्रं. 46} संशो., संपा.-मुनिचंद्रसूरि, सह संपा.-दिव्यरत्नविजयजी 2066 (1) 140+420+ 292...-1946 (B) 27. दशाश्रुतस्कंधसूत्र (663-675) 663 दशाश्रुतस्कंध सूत्र {दशाश्रु.सूत्र सह राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि 1975 (अ.) 150 (P) अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.) सहायजी ज्वालाप्रसादजी {दे.ना.} [T] {817, 826} जौहरी 664 दशाश्रुतस्कन्धसूत्रम् (दशाश्रु.सूत्र सह आत्माराम जैन प्रकाशन संपा.-आत्मारामजी आचार्य (2) | 1993 (1) 597 (B) आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) अन्व., समिति अनु., विवे.} {दे.ना.} [T, S] {817, {जैन शास्त्रमाला 1} 820, 825) 665 दशाश्रुतस्कंध-मूलनियुक्तिचूर्णि: मणिविजयजी गणिवर संपा.-कुमुदसूरि 2011 (अ.) 113 (P) {दशाश्रु.सूत्र सह नियुक्ति, चूर्णि) ग्रंथमाला {ग्रं. 14} (दे.ना.} {817, 818, 819) 666 दशाश्रुत स्कन्ध सूत्रम् अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2016 (2) 496 (C) "DASHASHRUTSKANDH- स्थानकवासी जैन | SUTRAM" {दशाश्रु.सूत्र सह घासी. शास्त्रोद्धार समिति कृत छाया, टीका, (हिं., गु.) स्वोपज्ञ टीकानु.) {दे.ना., गु.} {817, 821, 823, 835, 836} Page #202 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 155 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) - संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 667 छेदसुत्ताणि (आयारदसा) [पढम छेद आगम अनुयोग प्रकाशन, संपा.-कन्हैयालालजी मुनि 2033 (1) 204 (C) सुत्तं] (दशाश्रु.सूत्र सह कन्हैयालालजी |सांडेराव {पुष्प 11} (कमल) मुनि “कमल" कृत (हिं.) अनु.) {दे.ना.) [T,S] (817, 827) 668 छेदसुत्ताणि (आयारदसा) (पढम छेद आगम अनुयोग प्रकाशन, संपा.-कन्हैयालालजी मुनि 2034 (1) 146 (B) सुत्तं) {दशाश्रु.सूत्र मूल) (दे.ना.} [T] |सांडेराव {पुष्प 12) (कमल) {817) 45-आगमसुत्ताणि [दसासुयक्खंध] आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) |32 (C) {दशाश्रु.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.) [3] {817} 670 दशाश्रुतस्कन्ध नियुक्ति : एक अध्ययन पार्श्वनाथ विद्यापीठ प्रधान संपा.-सागरमल जैन डॉ., |2054 (1) 230 (C) {दशाश्रु.सूत्र की नियुक्ति सह |{पार्श्व. विद्या. ग्रंथ. 101} संपा.-अशोककुमार सिंह डॉ. अशोककुमार सिंह कृत छाया, (हिं.) अनु., सागरमलजी जैन डॉ. कृत शोधग्रंथ) {दे.ना.} [T, S] {818, 822, 833, 839) 671 आयारदसा (दशाश्रुतस्कन्ध सूत्र) आगम अनुयोग ट्रस्ट, संयो.-विनयकुमारजी मुनि, 2057 (2) 216 (E) (प्रथम छेद सूत्र) {दशाश्रु.सूत्र सह | अमदावाद संपा.-कन्हैयालालजी मुनि मुक्तिप्रभा साध्वीजी कृत (हिं.) (कमल) सारांश} {दे.ना.} {817) दशाश्रुतस्कन्धसूत्रम् (दशाश्रु.सूत्र सह आत्माराम जैन धर्मार्थ संपा.-सुव्रतमुनि शास्त्री 2058 (2) 570 (B) आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) अन्व., समिति, पद्म प्रकाशन, अनु., विवे.} {दे.ना.} [T, S] दिल्ली {817, 820, 825) |673 दशाश्रुतस्कंधसूत्रं (दशाश्रु.सूत्र मूल) जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2061 (1) 50 (P) {दे.ना., गु.) [S] {817) पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि दशाश्रुतस्कन्धसूत्रम् (दशाश्रु.सूत्र सह भगवान महावीर संपा.-शिवमुनिजी आचार्य डॉ. |2061 (अ.) |496 (B) आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) अन्व., मेडिटेशन एन्ड रिसर्च अनु., विवे.} {दे.ना.} [T,s] सेंटर ट्रस्ट, आत्म ज्ञान {817, 820, 825} श्रमण शिव आगम प्रकाशन समिति 675 दशाश्रुतस्कंध-ग्रंथ: शेफाली जैन श्वे.मू.पू.संघ संशो.-कुलचंद्रसूरि, 2063 (अ.) 172 (C) (नियुक्ति-चूर्णिसहितः) {दशाश्रु.सूत्र संपा.-अभयचंद्रसूरि, सह नियुक्ति, चूर्णि} {दे.ना.} [T, S] पूर्व संशो.-कुमुदसूरि {817, 818, 819) 672 676 |Das Kalpasutra (Die alte Sammlung jinistischer Monchsvorschriften) (बृ.क.सूत्र मूल) (रो.} [T, S] {840) 28. बृहत्कल्पसूत्र (676-691) Otto Harrassowitz संशो., संपा.-Walther Schubring 1961 (अ.) 72 (D) 677 1968 (अ.) 58 (C) बृहत् कप्पसूत्तं KAPPASUTTAM जीवराज घेलाभाई दोशी संशो., संपा.-walther {बृ.क. सूत्र मूल}{दे.ना., रो.}[S]{840) Schubring Page #203 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 156 28. बृहत्कल्पसूत्र क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक ( ग्रंथमाला) | संपादक, संशोधक आदि 678 बृहत् कप्पसूत्तं (वेदकल्प) (बृ.क. सूत्र जीवराज घेलाभाई दोशी संपा. जीवराज घेलाभाई दोशी | सह जीवराज घेलाभाई दोशी डॉ. कृत (गु.) शब्दार्थ, अनु.) (दे. ना.) [T, S] {840, 851} डॉ. 679 बृहद्कल्प सूत्र (बृ. क. सूत्र सह अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.) {दे. ना. } [T, S] [840, 853} 680 बृहत्कल्पसूत्रम् (बृ.क. सूत्र सह नियंक्ति मिश्रित भाष्य, मलयगिरिसूरिजी और क्षेमकीर्तिसूरिजी कृत टीका भाग 1-6 {दे. ना. } [T, S] [840, 841, 843} 681 बृहत्कल्प सूत्रम् सटीकम् (बृ.क. सूत्र | सह अज्ञात कर्तृक टीका} {दे.ना. } [T, S] [840, 844} 682 ब्रहत्कल्प सूत्र (छेद सूत्र) (गुजराती भाषांतर) (बृ.क.सूत्र का ठाकरसीभाई करसनजी शाह कृत (गु.) अनु. गु.) (854) 683 छेदसुत्ताणि कप्पसुत्तं (बृहत्कल्पसूत्र) {बृ.क. सूत्र सह कन्हैयालालजी मुनि कृत (हिं.) अनु., विवे} {दे. ना. } [T, S] {840, 858) 684 45-आगमसुत्ताणि (बृहत् कप्पो) (बृ.क.सूत्र मूल) (दे.ना. गु.) ( 840) 685 कप्प सुत्तं (बृहतकल्प सूत्र) (द्वितीय छेद सूत्र) (बृ.क.सूत्र मूल} {दे.ना.} {840) 686 आगम सुत्ताणि (सटीकं) (बृहत्कल्पछेदसूत्रम्-1-3) (बृ. क. सूत्र सह भाष्य, मलयगिरिसूरिजी और क्षेमकीर्ति सूरिजी कृत टीका भाग 18, 19, 20 (दे. ना., गु.} [s] (840, 841, 843} 687 बृहत्कल्पसूत्रम् (बृहत् कल्पसूत्रम्) {बृ.क.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [S] (840) 688 बृहत्कल्पभाष्यम् (बृ.क. सूत्र सह भाष्य, दुलहराजजी मुनि कृत (हिं.) भाष्यानु.} भाग 1-2 (दे. ना. } [T, S] (840, 841, 862} राजा बहादुर लालासुखदेव संपा. अमोलकचषि सहायजी ज्वालाप्रसादजी जौहरी आत्मानंद जैन सभा, भावनगर ( रत्न 82 } | सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ संपा. हस्तिमलजी आचार्य जगजीवन रतनशीभाई बगडीया आगम श्रुत प्रकाशन आगम अनुयोग ट्रस्ट, अमदावाद आगम अनुयोग प्रकाशन, संपा. कन्हैयालालजी मुनि | सांडेराव (पुष्प 13} (कमल) आगम श्रुत प्रकाशन जैनानंद पुस्तकालय संशो. चतुरविजयजी, संपा. पुण्यविजयजी | (आगमप्रभाकर) जैन विश्व भारती 689 बृहत्कल्पसूत्रम् (पीठिका:) (बृ.क. सूत्र प्राकृत ग्रंथ परिषद निर्युक्ति मिश्रित भाष्य सह अज्ञात संपा. ठाकरसीभाई करसनजी शाह (#) संशो. संपा दीपरत्नसागरजी " संयो. विनयकुमारजी मुनि संपा. कन्हैयालालजी मुनि (कमल) संशो. संपा. दीपरत्नसागरजी वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1971 (1) 142 (P) 1976 (3T.) 100 (P) " संशो. संपा. शीलचंद्रसूरि, रूपेन्द्रकुमार पगारिया 1989 1998 (1) 2000 (#) (अ.) 2034 (1) 2027 (3T.) 66 (C) 2056 (2) | संपा. पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व 2061 (1) संशो. पूर्व संपा. सागरानंदसर " 304+400+ 360...= | 2250 (B) 2052 (3T.) 24 (C) प्रधान संपा. - महाप्रज्ञजी आचार्य, 2063 (1) संपा. दुलहराजजी मुनि 148 (C) 2064 (1) 218 (C) 2056 (3T.) 528+512+ 448=1488 | (c) 106 (E) 36 (P) 446+472= 918 (B) 248 (B) Page #204 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 157 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 690 संपा.-महेन्द्र प्रताप सिंह डॉ. (#) 2065 (1) 144 (c) कतक चणि (गाथा-808)} भाग 1 {दे.ना.} [T, S] {841,842) बृहत्कल्पसूत्रभाष्य : एक सांस्कृतिक पार्श्वनाथ विद्यापीठ अध्ययन (बृ.क.सूत्र का महेन्द्र प्रताप {पार्श्व, विद्या. ग्रंथ. 163} सिंह डॉ. कृत (हिं.) शोधग्रंथ} {दे.ना.) [T] {866} बृहत्कल्प सारोद्धार (बृ.क.सूत्र का अरिहंत आराधक ट्रस्ट राजशेखरसूरिजी कृत (गु.) विवे.} {गु.) [T] {864) 691 2067 (1) 394 (C) संक.-राजशेखरसूरि, संपा.-धर्मशेखरविजयजी 29. जीतकल्पसूत्र (692-697) 692 Jinabhadra's Jitakalpa, mit Leumann (#) संशो., संपा.-Ernst Leumann |1948 (अ.) 16 (B) Ausziigen aus Siddhasena's Curni {जीत.सूत्र मूल-आंशिक बृहच्चूर्णियुक्त} {रो.} [T, S] {867} 693 जैन साहित्य संशोधक (अंक 3-4) जैन साहित्य संशोधक संपा.-जिनविजयजी 1981 (अ.) 166 (B) {जीत.सूत्र मूल और शोधलेख आदि) कार्यालय खंड 2 {गु., दे.ना.} [T] {867) 694 जीतकल्प-सूत्र {जीत.सूत्र सह सिद्धसेन जैन साहित्य संशोधक संशो., संपा.-जिनविजयजी 1982 (अ.) 88 (B) गणिजी कृत चूर्णि, श्रीचंद्रसूरिजी कार्यालय, (P) Leumann कृत टिप्पन} {दे.ना.) [T, S] {ग्रंथांक 7} {867, 869, 870} जीतकल्पसूत्रम् {जीत.सूत्र सह बबलचंद्र केशवलाल मोदी संशो., संपा.-पुण्यविजयजी 1994 (1) 246 (C) स्वोपज्ञ भाष्य} {दे.ना.} [T, S] (आगमप्रभाकर) {867,868) 696 जीतकल्प सूत्रं (जीत.सूत्र मूल} जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2061 (1) |16 (P) | (दे.ना., गु.} [s] {867} पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि 697 | जीतकल्प सभाष्य {जीत.सत्र सह जैन विश्व भारती प्रधान संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य, 2066 (1) 896 (B) भाष्य, कुसुमप्रज्ञा डॉ. कृत (हिं.) संपा.-कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ. अनु., भाष्यानु., शोधग्रंथ} {दे.ना.} [[T,S] {867,868,873,874, 1875) 695 698 30. उत्तराध्ययनसूत्र (698-836) उत्तराध्ययनसूत्रम् (उत्त.सूत्र सह धनपतसिंह बहादुर संशो.-भगवानविजयजी 1936 (अ.) 1110 (P) लक्ष्मीवल्लभ उपा. कृत दीपिका टीका, |{आगमसंग्रह भाग 41} अज्ञात कर्तक बा.बो.} {दे.ना.} | {876,885,889) उत्तराध्ययन सूत्र मूल, भाषान्तर तथा मोहनलाल दामोदर महेता संपा.-नागरदास मूलजी ध्रुव (2) | 1965 (अ.) |350 (C) टीका. (उत्त.सूत्र सह नागरदास मूलजी ध्रुव कृत (गु.) अनु.} {दे.ना.} [T, S] {876, 947} 699 Page #205 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 158 30. उत्तराध्ययनसूत्र 701 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) उत्तराध्ययनटीका (मूलसहित) हीरालाल हंसराज पंडित संशो., संपा.-हीरालाल हंसराज |1966 (अ.) |1044 (P) {उत्त.सूत्र सह जयकीर्तिसूरिजी कृत दीपिका टीका} {दे.ना.) {876, 882} उत्तराध्ययन सूत्र (उत्त.सूत्र सह जीवराज घेलाभाई दोशी संपा.-जीवराज घेलाभाई दोशी |1967 (1) 514 (P) जीवराज घेलाभाई दोशी डॉ. कृत डॉ. (#) | (गु.) शब्दार्थ, अनु.} {दे.ना.} 18876,930) 702 | उत्तराध्ययन सूत्र. {उत्त.सूत्र मूल) वाडीलाल मोतीलाल शाह संपा.-वाडीलाल मोतीलाल शाह 1969 (1) 128 (P) {दे.ना.} {876) (2) 703 उत्तराध्ययनानि {उत्त.सूत्र सह देवचंद लालभाई जैन |संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (2) |1972- 230+286+ नियुक्ति, भाष्य, शांतिसूरिजी कृत |2043720 पुस्तकोद्धार फंड 1973 (1) (P) टीका} भाग 1-3 {दे.ना.) [T, S] | {ग्रंथांक 33} {876,877,878, 880) 704 उत्तराध्ययनसूत्रं {उत्त.सूत्र सह आत्मानंद जैन सभा, संशो.-वल्लभसूरि 1974(अ.) 346+326= भावविजयजी उपा. कृत टीका} भावनगर {रत्न 32} 672(P) भाग 1-2 {दे.ना.} [T, S] {876, 884) 705 उत्तराध्ययन सूत्र (हिन्दी भाषानुवाद राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि (#) 1976 (अ.) 664 (P) सहित) (उत्त.सूत्र सह अमोलकऋषिजी सहायजी ज्वालाप्रसादजी कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T, S] जौहरी {876, 949} 706 |उत्तराध्ययनसूत्रम् (उत्त.सूत्र सह विजयधर्मलक्ष्मी ज्ञानमंदिर संशो.-जयंतविजयजी |1980- 156+146+ कमलसंयम उपा. कृत टीका} 1989(अ.) 162...%3D606 (P) भाग 1-4 {दे.ना.) [T,s] {876, 883} उत्तराध्ययन सूत्र {उत्त.सूत्र सह जैन धर्म प्रसारक सभा अप्रदर्शित 1981- 333+385% जेठालाल हरिभाई शास्त्री कृत (गु.) 1982 (अ.) 718 (P) अनु., उदयविजयजी उपा. कृत सज्झाय} भाग 1-2 {दे.ना.} [T] {876, 900, 951} 708 | उत्तराध्ययन सूत्र. मूळ पाठ {उत्त.सूत्र । जीवराज घेलाभाई दोशी संशो.-Hermann Jacobi, | 1981 (2) 204 (C) मूल) (दे.ना.} [T, S] {876} जीवराज घेलाभाई दोशी डॉ. 709 नमिपव्वज्जा (उत्तराध्ययन का नवाँ भैरोंदान जेठमल सेठिया अप्रदर्शित | 1982 (1) 60 (C) अध्ययन) (उत्त.सूत्र के नमि-प्रव्रज्या (पुष्प 47) अध्ययन सह अज्ञात कर्तृक छाया, (हिं.) अन्व..विवे. (अ.9वाँ)} {दे.ना.) {876, 914, 942} |710 उत्तराध्ययनसूत्रम् (उत्त.सूत्र सह हीरालाल हंसराज पंडित संपा.-हीरालाल हंसराज (#) |1985 (2) |1302 (P) लक्ष्मीवल्लभ उपा. कृत दीपिका टीका) {दे.ना.} {876, 885} 711 उत्तराध्ययनानि (उत्तराध्ययनचूर्णिः) ऋषभदेव केशरीमलजी संपा.-सागरानंदसूरि (#) 1989 (अ.) 286 (P) {उत्त.सूत्र की चूर्णि} {दे.ना.} जैन श्वेतांबर संस्था {879) 707 Page #206 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 159 716 12] (B) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) उत्तराध्ययन सूत्रम् (उत्त.सूत्र मूल) छोटालाल नानचंद मास्तर अप्रदर्शित 1989 (अ.) 206 (P) (दे.ना.) [S] {876) 713 उत्तराध्ययनसूत्रम् (उत्त.सूत्र सह हीरालाल हंसराज पंडित अप्रदर्शित 1990- 292+288+ लक्ष्मीवल्लभ उपा. कृत दीपिका टीका, 1995 (अ.) 286.... 1364(P) हीरालाल हंसराज पं. कृत (गु.) अनु., टीकानु. (अ.23)} भाग 1-5 {दे.ना.) {876,885,952, 991) 714 उत्तराध्ययनजी सूत्र {उत्त.सूत्र सह मंगळजी हरजीवन संशो.-मंगलजी हरजीवन 11991- 204+256+ मंगलजी चितलीया कृत (गु.) शब्दार्थ, चितलीया पं. चितलीया 1994(अ.)268%D728 (C) अनु., संक्षिप्त विवे. (अ.27)) भाग 1-3 {गु.} {876, 931) 715 उत्तराध्ययनसूत्राणि (उत्त.सूत्र सह वीरसमाज अप्रदर्शित 1992 (अ.) 238 (P) बुद्धिविजयजी पं. (#) कृत छाया) {दे.ना.} {876, 916} उत्तराध्ययनानि {उत्त.सूत्र सह पुष्पचंद्र खीमचंद्र संशो., संपा.-उमंगसूरि | 1993 (अ.) 398 (P) नेमिचंद्रसूरिजी कृत टीका} {दे.ना.) {आत्मवल्लभ ग्रंथमाला [T,S] {876,881) 717 उत्तराध्ययनसूत्रम् (उत्त.सूत्र सह आत्माराम जैन प्रकाशन अप्रदर्शित | 1996- 1692+640+ आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) अन्व., । 1766%D2098 समिति {जैन शास्त्रमाला 1999 (1) अनु., विवे.) भाग 1-3 {दे.ना.) [T, S] 3} | {876,917,938} उत्तराध्यनानि (उत्त.सूत्र सह विनय भक्ति सुंदर चरण संशो., संपा.-हर्षविजयजी | 1997- 584+454%3D भावविजयजी उपा. कृत टीका) ग्रंथमाला, (P) आत्मानंद |1038 (P) (पु.मु.) भाग 1-4 {दे.ना.} [T, S] {876, 884) जैन सभा, भावनगर {ग्रं. 8-9) 719 उत्तराध्ययनानि (आदित ऋषभदेवजी छगनीरामनी संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) |2007 (अ.) 284 (P) अध्ययनत्रयात्मकः) {उत्त.सूत्र सह पेढी नियुक्ति, शांतिसूरिजी कृत टीका (अ.3)} विभाग 1 {दे.ना.} [T,S] {876, 877,880) 720 उत्तराध्ययनसूत्र (अध्ययन 1-18) गुजरात विद्यासभा (38) संपा.-भोगीलाल ज. सांडेसरा 2008 (1) 184 (B) (उत्त.सूत्र सह भोगीलाल सांडेसरा कृत (गु.) अनु. और टिप्पण (अ.18)} {गु., दे.ना.) [T,S] {876,974) 721 उत्तराध्ययन सूत्रम् {उत्त.सूत्र सह अगरचंद भैरोंदान सेठिया अप्रदर्शित 2010 (1) 666 (P) वीरपुत्रजी मुनि कृत (हिं.) अन्व., जैन पारमार्थिक संस्था विवे.} {दे.ना.} {876, 943) {पुष्प 124) 722 | उत्तराध्ययनसूत्रम् (अध्ययन-15) जैन प्राच्य विद्याभवन संशो.-मफतलाल झवेरचंद गांधी 2010 (अ.) 610 (P) {उत्त.सूत्र सह जेठालाल हरिभाई शास्त्री कृत छाया, (गु.) अनु. (अ.15)} विभाग 1 (दे.ना.) [T] {876, 917a, 951} 1723 उत्तराध्ययन-सूत्रम् {उत्त.सूत्र सह घासी. अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि |2015- 874+940+ कृत छाया, टीका, (हिं., गु.) अन्व., 1044.... स्थानकवासी जैन 2043 (1) 3835 (B) 2015 Page #207 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 160 30. उत्तराध्ययनसूत्र क. 724 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) स्वोपज्ञ टीकानु.} भाग 1-4 {दे.ना., शास्त्रोद्धार समिति गु.} {876, 918, 929, 935, 936, 993,994) | उत्तराध्ययन-सूत्रम् { उत्त.सूत्र का अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि |2015- |290+360+ घासी. कृत (गु.) अन्व., स्वोपज्ञ स्थानकवासी जैन 2017 (1) 309... 1331 (B) टीकानु.} भाग 1-4 {गु., दे.ना.} शास्त्रोद्धार समिति {936, 993) 725 उत्तराध्ययनसूत्रम् आर. डी. वाडेकर एन्ड संपा.-आर. डी. वाडेकर, 2015 (अ.) 152 (C) Uttaradhyayanasutram {उत्त.सूत्र एन. वी. वैद्य (#) | N.V.Vaidya Prof. मूल} {दे.ना., रो.} {876} 726 उत्तराध्यनानि {उत्त.सूत्र सह पूर्वाचार्य देवचंद लालभाई जैन संपा.-कंचनसागर गणि 2016- 212+276= कृत अवचूर्णि, अज्ञात कर्तृक अवचूरि पुस्तकोद्धार फंड 2023 (1) 488 (P) (अ.5, 32-36), नयविजयजी कृत ग्रंथांक 104) (सं.) बा.बो. (अ.1, अ.36→सूत्र-203-270) भाग 1-2 {दे.ना., गु.} {876,886, 887, 888} 727 उत्तराध्ययन सूत्रम् (वीर प्रभुनी फकीरचंद मगनलाल अप्रदर्शित 2017 (अ.) |194 (D) अंतिम देशना) {उत्त.सूत्र मूल} बदामी शा. (गु.} {876) 728 उत्तराध्ययन सूत्र (हिन्दी अनुवाद अखिल भारतीय सुधर्म संपा.-रतनलाल डोशी 2019 (3) 446 (D) सहित) {उत्त.सूत्र और वीरत्थुई सह जैन संस्कृति रक्षक संघ अज्ञात कर्तृक (हिं.) अनु.} {दे.मा.) {876, 955} 729 उत्तराध्ययनसूत्रम् (उत्त.सूत्र मूल} रतनलालजी पन्नालालजी संपा.-नारायणराम आचार्य 2019 (2) 262 (F) {दे.ना.} {876} अग्रवाल (कृष्णागम स्मृति 1} 730 मनोहर स्वाध्याय सौरभ (उत्तराध्ययन हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2019 (2) 258 (D) सूत्रमूळ) {उत्त.सूत्र मूल} {गु.} {ग्रं. 44} (अ.) {876) 731 उत्तराध्ययन सूत्र अथवा भगवान चंद्रकांत शांतिलाल संपा.-जीवणलाल छगनलाल 2021 (2) 380 (C) महावीरनी अंतिम देशना {उत्त.सूत्र सह कोठारी संघवी दयामुनिजी कृत (गु.) अनु.} {गु.) {876, 956} 732 उत्तराध्ययनसूत्र {उत्त.सूत्र सह लब्धिभुवन जैन साहित्य संपा.-भद्रंकरसूरि 2022- 296+4803 भद्रंकरसूरिजी कृत छाया, (गु.) अनु.) सदन 2024 (1) 776 (D) भाग 1-2 {गु., दे.ना.} {876, 919, 957) 733 उत्तरज्झयणाणि जैन श्वेतांबर तेरापंथी प्रधान संपा.-श्रीचंद रामपुरीया, 2023 (1) 660 (B) [UTTARAJJHAYANANI] {उत्त.सूत्र महासभा (आगम संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य सह महाप्रज्ञजी आदि कृत छाया, (हिं.) | अनुसंधान ग्रंथमाला 2} अनु., टिप्पण} भाग 1 {दे.ना.} [T,S] {876, 920, 975} 734 उत्तराध्ययन : एक समीक्षात्मक जैन श्वेतांबर तेरापंथी संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य 2024 (1) 602 (c) Page #208 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 161 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) अध्ययन [UTTARADHYAYAN: महासभा {आगम EK SAMIKSHATMAK | अनुशीलन ग्रंथमाला 2} ADHYAYAN] {उत्त.सूत्र का महाप्रज्ञजी कृत (हिं.) शोधग्रंथ) {दे.ना.} [T, S] {1017} 735 मोक्षमार्ग प्रवचन (उत्त.सूत्र सह शामजी वेलजी विराणी अप्रदर्शित 2025 (1) 580 (B) पारस मुनिजी कृत छाया, (गु.) स्था. जैन धार्मिक शिक्षण पद्यानु., अनु., विवे. संघ (अ.28वाँ-गाथा-14)} (ग..दे.ना.) {876, 921,979,982) 736 उत्तराध्ययनसूत्रम् {उत्त.सूत्र सह कर्मसिंहजीस्वामी संपा.-रत्नचंद्रस्वामी 2026 (अ.) 528+500%D रत्नचंद्रजी मुनि कृत छाया, ज्ञानभंडार समिति 1028 (P) सौभाग्यचंद्रजी मुनि कृत (गु.) अनु., विवे.} भाग 1-2 {दे.ना., गु.) {876,922,978) 737 उत्तराध्ययन-सूत्र : एक परिशीलन सोहनलाल जैन धर्म संपा.-सुदर्शनलालजी जैन (#) | 2026 (अ.) 552 (C) {उत्त.सूत्र का सुदर्शनलालजी जैन डॉ. प्रचारक समिति (पार्श्व. कृत (हिं.) शोधग्रंथ) {दे.ना.) [T,s] विद्या. ग्रंथ. 15) {1016) 738 आध्यात्मिक प्रवचनो (मोक्षमार्गनो जैन श्वे.स्थानकवासी संपा.-केवलदासजी मुनि 2027 (2) 540 (B) अधिकार) [उत्तराध्ययन सूत्र, मोटो संघ, ध्रांगध्रा अध्ययन 28मुं। {उत्त.सूत्र के केशव मुनिजी कृत (गु.) प्रव.118 (अ.28वाँ)} {गु.} {999) 739 शारदा-परिमल (उत्तराध्ययन जीवणलाल पदमशी संपादिका-कमळाबाई 2028 (अ.) 840 (B) सूत्र-अध्ययन 14मुं) (छ जीवनो संघवी महासतीजी अधिकार) (उत्त.सूत्र के शारदाबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव.114 (अ.14वाँ)} {गु.} {1003} 740 उत्तराध्ययन सूत्र अथवा भगवान केसरबेन शांतिलाल संपा.-जीवणलाल छगनलाल 2029 (3) |372 (D) महावीरनी अंतिम देशना (उत्त.सूत्र सह कोठारी पालनपुरवाळा संघवी दयामुनिजी कृत (गु.) अनु.} {गु.) {876, 956) 741 उत्तराध्ययन सूत्र (सचित्र) {उत्त.सूत्र श्रमणी विद्यापीठ। संपा.-दुर्लभजी केशवजी 2029 (अ.) 370 (B) सह चंदनाजी दर्शनाचार्या के अनु. का प्रभावती चुनीलाल खेताणी (#) दुर्लभजी खेताणी कृत (गु.) भाषां.) वेकरीवाळा {गु., दे.ना.} {876, 958} उत्तराध्ययन सूत्रका चरितानुवाद धर्मदास जैन मित्र मंडल संपा.-वसंतकुमारजी जैन 2030 (2) 72 (P) {उत्त.सूत्र सह विनयमुनिजी कृत (हिं.) (अ.) | अनु. (अ.19-23, 25वाँ)} {दे.ना.} {876,945) 743 | उत्तराध्ययन सूत्रम् (उत्त.सूत्र सह स्थानकवासी कमिटी जैन संपा.-डुंगरशी मुनि 2031 (1) 350 (B) डुंगरशी मुनिजी कृत टिप्पणयुक्त संघ, {गुलाबवीर ग्रंथमाला (गु.) अनु.} {गु., दे.ना.) रत्न 65) {876,959) Page #209 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 162 क्र. | प्रकाशन नाम एवं परिचय 744 शारदा सागर (उत्तराध्ययन सूत्र - अनाथी मुनिनो अधिकार) (उत्त. सूत्र के शारदाबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव. 109 (अ. 20वाँ), अंजनासती चरित्रयुक्त} भाग 1-2-3 (गु.) {1004} - 745 गिरि गर्जना (भेद्या पाषाण; खोल्यां द्वार) (उत्त. सूत्र के केशी-गोतमीय अध्ययन के गिरीशचंद्रजी मुनि कृत (गु.) प्रव. 110} {गु.} [T] {1005} 746 शारदा सुवास ( उत्त. सूत्र के शारदाबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव. 103 (अ. 22वाँ)} भाग 1-2-3 {गु.) (1007} 747 UTTARADHYAYANASUTRA {उत्त. सूत्र सह Jari Charpentier कृत (अं.) टिप्पन) दे.ना. रो. [TS) {876, 995} , 748 उत्तराध्ययन सूत्र (उत्त. सूत्र मूल } (दे.ना.) (876) 749 शारदा रत्न ( उत्त. सूत्र के शारदाबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव. 105 (अ. 9वाँ ), सागरदत्त चरित्रयुक्त) भाग 1-2-3 (गु.} (1008) 750 उत्तराध्ययनसूत्रम् {उत्त. सूत्र सह भावविजयजी उपा. कृत टीका) {दे. ना. } [T, S] [876, 884} 751 उत्तराध्ययन सूत्रम् (उत्त. सूत्र सह | नेमिचंद्रसूरिजी कृत टीका} {दे.ना. } [T] {876, 881} 752 उत्तराध्ययन सूत्र (उत्त. सूत्र सह भद्रंकरसूरिजी कृत छाया (गु.) अनु (अ. 19-36)) भाग 2 (गु., दे.ना. } {876, 919, 957} 753 उत्तरऽज्झयणाणि [ उत्तराध्ययन सूत्र ] (उत्त. सूत्र मूल) (दे.ना.} (876) 754 उत्तराध्ययन सूत्र (मूलपाठ) (उत्त. सूत्र मूल} {दे.ना.} {876} 755 उत्तराध्ययन सूत्र (मूळपाठ) (उत्त. सूत्र मूल} {गु.} {876 } 30. उत्तराध्ययनसूत्र प्रकाशक ( ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वर्धमान स्थानकवासी जैन संपादिका कमळाबाई श्रावक संघ | महासतीजी, संगीताबाई साध्वी | प्रवचन प्रकाशन समिति, संपा. रोशनलाल आर. जैन जेतपुर | नटवरलाल तलकचंद शाह संपादिका - कमळाबाई महासतीजी संगीताबाई साध्वी Ajay Book Service आगम अनुयोग प्रकाशन, संयो. विनयकुमारजी मुनि, सांडेराव संपा. कन्हेयालालजी मुनि (कमल) सौराष्ट्र स्थानकवासी जैन संपादिका संगीताबाई साध्वी, संघ | साधनाबाई महासतीजी दिव्यदर्शन ट्रस्ट, (P) आत्मानंद जैन सभा, भावनगर (#) दिव्यदर्शन ट्रस्ट (P) पुष्पचंद्र खोमचंद्र भुवनभईकर साहित्य प्रचार केन्द्र, मद्रास आगम अनुयोग ट्रस्ट, अमदावाद पुरुषादानीय पार्श्वनाथ श्वेतांबर मू.पू. जैन संघ खेडा जैन श्वे. मू. संघ संशो., संपा. -Jari Charpentier | 2036 (1) | 410 (C) वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2032 (#) 1002 (B) (अ.) 2033 (3T.) 704 (B) संयो. कन्हैयालालजी मुनि (कमल) अप्रदर्शित 2035 (अ.) 992 (B) | संपा. - नरदेवसागरसूरि 2037 (3T.) 252 (B) | संपा. पद्मसेनविजयजी पंन्यास 2039 (पु.मु.) 2038 (3T.) 968 (B) संयो. - पद्मसेनविजयजी पंन्यास, 2039 | पूर्व संपा. उमंगसूरि (पु.मु.) अप्रदर्शित 2039 (2) 2040 (1) | 420 (B) | 264 (A) 480 (C) 460 (E) 2040 (3T.) 192 (D) | 2041 (अ.) 256 (D) Page #210 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 163 वि.स.( स प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 756 उत्तराध्ययनसूत्रम् {उत्त.सूत्र सह शारदा प्रकाशन केन्द्र संशो., संपा.-भाग्येशविजयसूरि 2041 (1) |440+396%3D लक्ष्मीवल्लभ उपा. कृत टीका) |836 (B) भाग 1-2 (दे.ना., गु.) [T,S] {876, 885) 757 शान्ति-सोम स्वाध्याय (उत्तराध्ययन अर्धशताब्दी महोत्सव 2042 (अ.) 248 (D) सूत्र मूल) {उत्त.सूत्र मूल} {गु.} समिति शीलचंद्रविजयजी {876) 758 उत्तराध्ययन-सूत्रम् (उत्त.सूत्र मूल) हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2042 (2) 280 (E) {दे.ना.} {876} {ग्रं. 44} 759 भगवान महावीरनी अंतिम देशना विराट प्रकाशन मंदिर संक., संपा.-मीनाबेन 2043- 312+328% {उत्त.सूत्र के विशालसेनसूरिजीकृत {क्र. 24) अनिलभाई कापडिया 2046 (2) 640 (B) (गु.) प्रव.110} भाग 1-2 {गु., दे.ना.} 111006) उत्तराध्ययन सूत्र अथवा भगवान स्थानकवासी जैन अप्रदर्शित 2043 (अ.) 376 (C) महावीरनी अंतिम देशना (उत्त.सूत्र सह कार्यालय दयामुनिजी कृत (गु.) अनु.) {गु.} {876, 956} |761 उत्तराध्ययन सूत्र (उत्त.सूत्र सह खंभात स्थानकवासी जैन संग्रा.-कांतिऋषिजी आचार्य । |2045- 526+528+ कांतिऋषिजी (#) कृत (गु.) शब्दार्थ, संघ (छगनऋषिजी 2047 (अ.) 388%D1442 (D) विवे.) भाग 1-3 {गु.) {876, 934} ग्रंथमाला 6} |762 महावीरस्वामीनो अंतिम उपदेश गूजरात विद्यापीठ संपा.-गोपालदास जीवाभाई 2045 304 (D) (उत्तराध्ययनसूत्रनो छायानुवाद) {पूंजाभाई जैन पटेल (पु.मु.) {उत्त.सूत्र का गोपालदास जीवाभाई ग्रंथमाला 13} पटेल कृत (गु.) अनु.} {गु.} [T,S] {953) 763 आध्यात्मिक प्रवचनो (उत्तराध्ययन केवळ जिनदर्शन ट्रस्ट संशो.-धन्यमुनि कवि, 2046 (3) 470 (B) सूत्र अध्ययन 14 मुं) (छ जीवोनो {मणिगुरु पुष्प 29) संपा.-अंदरजी घेलाभाई पटेल, अधिकार) (उत्त.सूत्र सह केशव पूर्व संशो.-केवलमुनि मुनिजी कृत (गु.) अनु. प्रव.143 (अ.14→गाथा-19)} {गु.) {876, 1000) उत्तराध्ययनसूत्र आगम प्रकाशन समिति, प्रधान संपा.-मिश्रीमलजी मुनि, |2047 (2) 842 (B) [UTTARADHYAYANA SUTRA] ब्यावर {जिनागम संपा.-राजेन्द्रमुनि शास्त्री डॉ. {उत्त.सूत्र सह राजेन्द्र मुनिजी शास्त्री | ग्रंथमाला ग्रंथांक 19) डॉ. कृत (हिं.) अनु., विवे. और देवेन्द्र मुनिजी शास्त्री कृत बाह्य-अभ्यंतर विस्तृत परिचयपूर्वक का समीक्षात्मक अध्ययन (दे.ना. [T,S] {876,981) 765 उत्तराध्ययन सूत्र (गुजराती अनुवाद) महावीर साहित्य प्रकाशन अप्रदर्शित 2047 (4) 304 (C) {उत्त.सूत्र का सौभाग्यचंद्रजी मुनि कृत मंदिर (संतबाल (गु.) अनु., विवे.} {गु.} {978} ग्रंथावलि 2} 766 | उत्तराध्ययन सूत्र (उत्त.सूत्र सह अकलंक ग्रंथमाला संपा.-अकलंकविजयजी 2048- 170+168+ अकलंकविजयजी मुनि कृत (गु.) 2049(अ.) 152...%D710 {पुष्प 166} (C) Page #211 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 164 प्रकाशन नाम एवं परिचय अनु. } भाग 1-4 (गु., दे.ना. } {876, 948) 767 (सचित्र) उत्तराध्ययन सूत्र | (ILLUSTRATED) क्र. UTTARADHYAYANA SUTRA {उत्त. सूत्र (सचित्र) सह अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. और उसका व्रजमोहनजी जैन डॉ. कृत (अं.) भाषां.} {दे.ना., रो.} {876, 962, 963) 768 उत्तराध्ययन सूत्र चिंतनिका । उत्त सूत्र का वाचंयमाश्रीजी कृत अंशसंग्रह (गु.) विवे. युक्त} {गु.} {1014} 1769 On Rahanemi [Chapter Xll of the UTTARADHYAYANA |SUTRA] {उत्त. सूत्र सह बी. के. खाडाबाडी कृत (अं.) अनु., शशिकांत झा कृत (हिं.) पद्यानु, चंदनाजी दर्शनाचार्या कृत अनु. ( अ. 22वाँ ) } {दे. ना., रो.} {876, 964, 976,988 770 उत्तराध्ययन सूत्र (उत्त सूत्र सह भद्रंकरसूरिजी कृत छाया, (गु.) अनु. (अ. 18)} भाग 1 (गु., दे. ना.} {876, 919, 957) 771 उत्तराध्ययन सूत्रम् (उत्त. सूत्र सह निर्युक्ति, भाष्य, चूर्णि, भावविजयजी उपा., नेमिचंद्रसूरिजी, शांतिसूरिजी, लक्ष्मीवल्लभ उपा., कमलसंयम उपा. कृत टीकाएँ भाग 1-5 [ दे. ना.) [T. S] (876, 877, 878, 879, 880, 881, 883, 884, 885} 772 उत्तराध्ययन सूत्र ( उत्त. सूत्र मूल) [[दे.ना.] (876) 773 कमल दिव्य इन्दु स्वाध्याय सौरभ (उत्तराध्ययन सूत्र) (उत्त. सूत्र सह भद्रंकरसूरिजी (#) कृत छाया, (गु.) अनु. (अ. 18)} भाग 1 {गु., दे.ना. } {876, 919, 957} 774 पमाय द्वाणं प्रमादस्थानम् (उत्तराध्ययन सूत्रनुं 32 मुं अध्ययन) {उत्त. सूत्र सह रविन्द्र मुनिजी (#) कृत छाया, (गु.) अनु., पद्यानु., विवे., (अं.) अनु. (अ.32वाँ)} {गु., रो.} {876, 924, 960, 980, 986} 30. उत्तराध्ययनसूत्र प्रकाशक (ग्रंथमाला} आत्मज्ञानपीठ प्राकृत भारती अकादमी { पुष्प 87 } लब्धिविक्रमसूरीश्वरजी संपा. राजवशसूरि संस्कृति केन्द्र, अमदावाद भुवनभद्रंकर साहित्य प्रचार केन्द्र, मद्रास संपादक, संशोधक आदि अप्रदर्शित संपा, अमरमुनिजी उपप्रवर्तक, 2048 (अ.) 578 (B) सह संपा. श्रीचंद सुराणा, | चित्र. पुरुषोत्तमसिंह सरदार प्रधान संपा. -विनयसागरजी महोपाध्याय, | संपा. श्री. के. खडबडी डॉ. हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा. -जिनेन्द्रसूरि (ग्रं. 260) गढसिवाना तपागच्छ जैन संपा. जितेन्द्रसूरि संघ अतुल मोहनलाल जैन संपा. हेमप्रभसूरि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) | संपा. विक्रमसेनविजयजी गणि 2049 (3) अप्रदर्शित 2048 (2) 2049 (1) 20492051 (1) 2052 (1) 304 (D) 2052 (#) (अ.) 70 (D) 304 (C) 2050 (अ.) 332 (D) 834+630+ 576...= |3592 (P) 296 (D) 208 (D) Page #212 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 165 780 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 77545-आगमसुत्ताणि [उत्तरज्झयणाणि] आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी 2052 (अ.) 112 (c) {उत्त.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [s] {876) 776 उत्तराध्ययन सूत्रम् महाराष्ट्र भुवन जैन संपा.-चंद्रगुप्तसूरि 2052 (1) 224 (D) [Uttaradhyayanasutram] {उत्त.सूत्र धर्मशाळा, (P) मूल} {दे.ना.} {876} आर. डी. वाडेकर एन्ड एन. वी. वैद्य 777 महानिग्रंथीय (उत्तराध्ययन सूत्र : अप्रदर्शित अप्रदर्शित 2053 (अ.) 178 (D) अध्ययन 20मुं) {उत्त.सूत्र सह रविन्द्र मुनिजी(#) कृत छाया, (अं., गु.) पद्यानु., (गु.) विवे. (अ.20वाँ)}{गु., रो.) [T]{876, 923,984,985,996) 778 | कमल दिव्य इन्दु स्वाध्याय सौरभ शाह उर्मिलाबेन डॉ. संपा.-हेमप्रभसूरि 2053 (1) 480 (D) (उत्तराध्ययन सूत्र) {उत्त.सूत्र सह हस्तिमलजी तथा संघ भद्रंकरसूरिजी (2) कृत छाया, (गु.) अनु. (अ.19-36)} भाग 2 {गु., दे.ना.} {876,919,957} 779 उत्तरज्झयणाणि {उत्त.सूत्र मूल} जैन विश्व भारती | अप्रदर्शित 2053 (2) 378 (E) (दे.ना.) {876} उत्तराध्ययनसूत्र (भगवान् महावीर का | सन्मति ज्ञानपीठ संपा.-चंदना साध्वी. 2053 (2) 510 (B) अंतिम उपदेश) {उत्त.सूत्र सह चंदनाजी आचार्या कृत (हिं.) अनु, टिप्पन) (दे.ना.) [T] {876, 976) 781 मोक्षमार्ग (उत्त. अ. 28मुं) {उत्त.सूत्र के केवळ जिनदर्शन ट्रस्ट संशो.-धन्यमुनि कवि, 2054 (3) 525 (B) केशव मुनिजी कृत (गु.) प्रव.118 {मणिगुरु पुष्प 42} संपा.-केवलमुनि (चिद्विलास) | (अ.28वाँ)} {गु.} {999) 782 उत्तराध्ययन सूत्र {उत्त.सूत्र सह गुरुप्राण फाउन्डेशन प्रधान संपा.-लीलमबाई 2054- 1496+5343 अमिताबाई महासतीजी और सुमतिबाई {आगमबत्रीसी रत्न 2) महासतीजी 2060 (1) 1030 (B) महासतीजी कृत (गु.) शब्दार्थ, अनु., विवे.} भाग 1-2 {गु., दे.ना.} [s] {876, 932} उत्तराध्ययन-चयनिका {उत्त.सूत्र का प्राकृत भारती अकादमी, संपा.-कमलचंद सोगानी डॉ. 2054 (4) |136 (D) कमलचंद सोगानी डॉ. कृत अंशसंग्रह जैन श्वेतांबर नाकोडा (हिं.) अनु. युक्त} {दे.ना.} [T] पार्श्वनाथ तीर्थ, मेवानगर {1015) {पुष्प 51) 784 | उत्तराध्ययनसूत्रम् (अध्ययन 15) पार्श्व-पद्यावती जैन संक.-चंपकलाल सी.शाह, 2054 612 (P) (उत्त.सूत्र सह जेठालाल हरिभाई श्वे.मू.पू. तीर्थ, (P) जैन संपा.-विश्वचंद्रसूरि (पु.मु.) शास्त्री (2) कृत छाया, (गु.) अनु. प्राच्य विद्याभवन (#) (अ.15)} विभाग 1 {दे.ना.} [T] {876,917a, 951) 785 | उत्तराध्ययनसूत्र मूळ {उत्त.सूत्र मूल) आचार्यश्री विजय संपा.-सिंहसेनसूरि 2054 (अ.) 256 (D) {गु.) {876} मेरुप्रभसूरीश्वरजी स्मारक ट्रस्ट(नेमिउदयमेरुप्रभसूरि ग्रंथमाला 31} 183 Page #213 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 166 30. उत्तराध्ययनसूत्र 788 789 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 786 सम्यक् सोपान बनावे भगवान जैन दर्शन प्रकाशन संपादिका-उषाबाई महासती (#) 2055 (1) 584 (C) {उत्त.सूत्र सह वनिताबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव.114 (अ.29वाँ)} {गु., दे.ना.} {876, 1010) 787 उत्तराध्ययनसूत्रम् {उत्त.सूत्र सह | भद्रंकर प्रकाशन, (P) जैन संपा. वज्रसेनविजयजी पंन्यास |2055 (अ.) |352+432= जेठालाल हरिभाई शास्त्री (2) कृत धर्म प्रसारक सभा 784 (B) छाया, (गु.) अनु.) भाग 1-2 {गु., दे.ना.) [T] {876,917a,951} उत्तराध्ययन सूत्र (भगवान महावीर की युनिवर्सिटी पब्लिकेशन संपा.-अमित मुनि 2055 (1) 916 (B) अंतिम धर्म-देशना का हिन्दी अनुवाद) |(उत्त.सूत्र सह सुभद्रजी मनि कृत छाया, (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T, S] {876, 927,966) जिनवाणीनी झलक {उत्त.सूत्र सह वर्धमान स्थानकवासी जैन संपादिका-उज्ज्वलकुमारीजी 2055 (अ.) |370+448+ 372...-1586 उज्ज्वलकुमारी महासतीजी कत (ग.) श्रावक संघ साध्वी (2) (C) अनु., प्रव.120 (अ.29वाँ)} भाग 1-4 {गु., दे.ना.} {1009} 790 | उत्तराध्ययन सूत्र मूल (उत्त.सूत्र मूल) वाव जैन श्वे. म.पू. संघ, संपा.-चंद्रकीर्तिसागरजी (2) 2055 (2) 202 (D) {गु.} {876} (P) खेडा जैन श्वे. मू. (अ.) संघ 791 आतमज्ञानी श्रमण कहावे..... [पवित्र | ॐकारसूरि ज्ञानमंदिर संपा.-यशोविजयसूरि (#) 2055 (अ.) 96 (C) उत्तराध्ययन सूत्रना “सभिक्षु". {ग्रं.9} अध्ययन पर विवेचना] {उत्त.सूत्र का यशोविजयसूरिजी कृत (गु.) विवे. (अ.15वाँ)} {गु., दे.ना.} {997) 792 उत्तराध्ययनसूत्रम् (उत्त.सूत्र सह अनेकांत प्रकाशन जैन संपा.चंद्रगुप्तसूरि, पूर्व 2056- 444+386+ 426%3D1256 भावविजयजी उपा. कृत टीका) 2058 (1) रिलीजीयस ट्रस्ट, (P) संशो.-वल्लभसूरि (P) भाग 1-3 {दे.ना.} [T, S] {876, 884) आत्मानंद जैन सभा, भावनगर आगमसुत्ताणि (सटीक) {उत्त.सूत्र सह |आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी 2056 (अ.) 384+3123 नियुक्ति, भाष्य, शांतिसूरिजी कृत 696 (C) टीका} भाग-28, 29 {दे.ना., गु.} {876, 877,878, 880) 794 उत्तरज्झयणाणि Uttarajjhayanai जैन विश्व भारती संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य 2056 (3) 768 (A) {उत्त.सूत्र सह महाप्रज्ञजी आदि कृत छाया, (हिं.) अनु., टिप्पन) {दे.ना.) |[T, S] {876, 920,975) 795 उत्तराध्ययन सूत्र ( (हिन्दी भाषानुवाद अमोल जैन ज्ञानालय । संयो.-कल्याणऋषि 2057 (2) 382 (B) सहित) (उत्त.सूत्र सह अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T] {876,949) संयति राजाना आध्यात्मिक प्रवचनो केवळ जिनदर्शन ट्रस्ट संशो.-धन्यमुनि कवि, 2057- 372+3763 {उत्त.सूत्र के केशव मुनिजी कृत (गु.) (मणिगुरु पुष्प 47} संपा.-केवलमुनि (चिद्विलास) 2058 (2) 748 (B) प्रव.154 (अ.18वाँ)} भाग 1-2 {गु.} {1001) 793 796 Page #214 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 167 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संपादक, संशोधक आदि संपा.-कांतिलाल खेमचंद कापडिया डॉ. 2057- 196+232%3D 2058 (अ.) 428 (C) 797 | Uttaradhyayana Sutram (उत्त.सूत्र कांतिलाल खेमचंद सह कांतिलाल खेमचंद कापडिया डॉ. कापडिया डॉ. कृत (अं.) अनु.} Part 1-2 {रो., दे.ना.) {876,968) पार्श्वनाथ विद्यापीठ भाषां., संपा.-अरुण शांतिलाल |2057 (1) 524 (C) {पार्श्व, विद्या. ग्रंथ. 135} जोशी 799 भद्रंकर प्रकाशन, (P) शारदा प्रकाशन केन्द्र संपा.-वज्रसेनविजयजी पंन्यास, 2057पूर्व संशो., पूर्व 2058 (2) संपा.-भाग्येशविजयसूरि 1348+3243 1672 (B) | 2057 (1) 115 (E) 798 उत्तराध्ययन सूत्र : एक परिशीलन (हिन्दी ग्रंथनो अनुवाद) {उत्त.सूत्र के सुदर्शनलालजी जैन डॉ. के शोधग्रंथ का अरुण जोशी कृत (गु.) भाषां.} {गु., दे.ना.) [T,S] {1018) उत्तराध्ययनसूत्रम् {उत्त.सूत्र सह लक्ष्मीवल्लभ उपा. कृत टीका) भाग 1-2 {दे.ना., गु.} [T,S] [{876,885) अभ्युदय आगम सत्ताणि (उत्तरज्झयणाणि) {उत्त.सूत्र मूल) भाग 43 {दे.ना.} {876} 801 उत्तरज्झयणाणि (उत्त.सूत्र सह महाप्रज्ञजी कृत छाया, रमणिकलाल मनसुखलाल शाह डॉ. कत महाप्रज्ञजी के अनु. और टिप्पन का (गु.) भाषां.) |भाग 1-2 {गु., दे.ना.) [T, S] {876, 920, 977) 802 केशी और गौतम (उत्त.सूत्र के उमेशमुनिजी कृत (हिं.) प्रव.15 (अ.23→गाथा-4)} भाग 1 {दे.ना.) {1002) 803 उत्तराध्ययन सूत्रम् ( उत्त.सूत्र सह आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) अन्व., अनु., विवे.) भाग 1-3 (दे.ना.) [T, S] {876, 917, 938} रत्नसागर प्रकाशन निधि |संयो.-जितरत्नसागरसूरि, संशो.-दीपरत्नसागरजी, संपा.-चंद्ररत्नसागरसूरि जैन विश्व भारती संपा.-रमणीकलाल मनसुखलाल शाह डॉ., महाप्रज्ञजी आचार्य 2058 (1) 598+530=3 1128 (B) नंदाचार्य साहित्य समिति संपा.-उमेशमुनि (अणु) (#) । 2058 (1) 432 (D) आत्म ज्ञान श्रमण शिव संपा.-शिवमुनिजी आचार्य डॉ. 2059 (अ.) 480+462+ 49631438 आगम प्रकाशन समिति, (B) भगवान महावीर मेडिटेशन एन्ड रिसर्च सेंटर ट्रस्ट श्रुतनिधि संपा.-जितेन्द्र बी.शाह, 2059 (अ.) 404+323= सहसंपादिका-चंदनबालाश्रीजी, 727 (B) पूर्व संपा., पूर्व संशो.-उमंगसूरि आगमोद्धारक फाउन्डेशन संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि 2060 (अ.) 361 (P) 804 उत्तराध्ययनानि (उत्त.सूत्र सह नेमिचंद्रसूरिजी कृत टीका) भाग 1-2 {दे.ना., गु.} [T, S] {876, 881} 805 उत्तराध्ययन सूत्रं (सानुवाद) {उत्त.सूत्र सह चंदनाजी दर्शनाचार्या के (हिं.) अनु. का दुर्लभजी केशवजी खेताणी (2) कृत (गु.) भाषां.) (दे.ना., गु.) {876, 958} 806 | उत्तराध्ययन सूत्र मूळ {उत्त.सूत्र मूल) {दे.ना., गु.} {876) 807 उत्तराध्ययन सूत्र (उत्त.सूत्र सह ॐकार जैन तीर्थ कमिटी, संपा.-विक्रमसेनविजयजी गणि 2060 (अ.) 256 (E) पदमला ॐकार जैन तीर्थ संपा.-विक्रमसेनविजयजी गणि |2060 (4) 488 (C) Page #215 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 168 | प्रकाशन नाम एवं परिचय भद्रंकरसूरिजी कृत छाया, (गु.) अनु.) {गु., दे.ना.} {876, 919, 957 } 808 उत्तराध्ययन का शैली वैज्ञानिक अध्ययन (उत्त. सूत्र की शैली संबंधित | अमितजी साध्वी फूल (हिं.) | शोधग्रंथ) देना. [8] (1019) 809 उत्तराध्ययनसूत्रं (उत्तराध्ययन सूत्रम्) (उत्त.सूत्र मूल) (दे. ना. गु.) [S] (876) क्र. 810 उत्तराध्ययनसूत्रम् {उत्त. सूत्र सह | भावविजयजी उपा. कृत टीका} {दे.ना., गु.} [T] [876, 884) 811 JAIN SUTRAS | UTTARADHYAYANA {उत्त. सूत्र का हर्मन जेकोबी कृत (अं.) अनु.) {दे.ना. } [T] {946 } 812 उत्तरायणाणि ( उत्त सूत्र मूल) (दे.ना.} (876) 813 उत्तराध्ययन सूत्र ( उत्त. सूत्र सह. पारसमलजी चंडालिया कृत (हिं.) शब्दार्थ, अनु., विवे} भाग 1-2 {दे. ना. } [T] {876, 933} 814 केशी- गौतम बोध प्रबोध (उत्त. सूत्र के | केशी-गौतमीय अध्ययन के वनिताबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव. 110 (अ. 23वाँ), पार्श्वनाथ चरित्रयुक्त) {गु.} {1011} 815 उत्तराध्ययन सूत्र (उत्त. सूत्र सह अज्ञात कर्तृक छाया, (हिं.) अन्व., विवे., शशिकांत झा पं. कृत पद्यानु. } भाग 1-3 (दे.ना. } [T] {876, 928, 944, 988) 816 उत्तराध्ययन सूत्र (उत्त. सूत्र सह शांति मुनिजी कृत छाया (हिं.) अन्व., अनु.) (दे.ना.} {876, 925, 937} 817 उत्तराध्ययन सूत्र (उत्त. सूत्र सह वीरपुत्रजी मुनि कृत (हिं.) अन्व., विवे.) भाग 1-3 (दे. ना. } [T] {876, 943) 818 उत्तराध्ययन सूत्रम् (अ. 1 से 14) {उत्त. सूत्र सह घासी. कृत छाया, टीका, 30. उत्तराध्ययनसूत्र | प्रकाशक (ग्रंथमाला } कमिटी, पदमला जैन विश्व भारती जैनानंद पुस्तकालय सन्मार्ग प्रकाशन [ रामचंद्रसूरि स्मृति संस्कृत प्राकृत ग्रंथमाळा 11 } Shree Publishers & Distributors अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ (रत्न 76 } | अखिल भारतीय सुधर्म | जैन संस्कृति रक्षक संघ (रत्न 125 } वीतराग प्रकाशन | अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी शांत क्रांति जैन श्रावक संघ शांति संदेश 23} अखिल भारतीय | साधुमार्गी जैन संस्कृति रक्षक संघ (रत्न 51 } संपादक, संशोधक आदि अंबा गुरु शोध संस्थान सौभाग्य गुरु दीक्षा संपादिका अमितप्रज्ञा साध्वी (#) संपा. -Kanhaiyalal Chancharik, | Mahesh K. Jain Dr. संपा. पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व 2001 (1) संशो., पूर्व संपा. सागरानंदमूरि संशो., संपा. मतिरत्नविजयजी 2061 (1) संपा. पारसमल चण्डालिया | सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ अप्रदर्शित | संपा. नेमिचंदजी बांठिया, | पारसमल चण्डालिया | संक. हंसाबाई महासती संपा. -शांतिमुनि संपा. वीरपुत्रजी महाराज वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संपा. सौभाग्यमुनिजी 2061 (अ.) 272 (C) 2062 (1) 2062 (2) 2062 2063 (1) 20622068 (5) 2063 (2) 122 (P) 20512063 (9) 1272 (P) | 256 (C) 2062 (3T.) 592 (C) 316 (E) 428+448= 876 (B) 372+532+ 792=1696 | (B) |852 (B) 224+276+ 318-818 | (D) 2063 (1) 488 (B) Page #216 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. | प्रकाशन नाम एवं परिचय सौभाग्य मुनिजी कृत (हिं.) संक्षिप्त अनु. ( अ. 14) } भाग 1 (दे.ना.) (876, 918, 929, 970} 820 शारदा सुवास ( उत्त. सूत्र के शारदाबाई | महासतीजी के प्रव. 103 का नीराबेन नाहटा डॉ. कृत (हिं.) भाषां. | (अ. 22वाँ)] भाग 1-2 (दे.ना. } {1012} 819 उत्तराध्ययन सूत्र - सार्थ (उत्त. सूत्र सह अप्रदर्शित दयामुनिजी (8) कृत (गु.) अनु) भाग 1-2 {गु., दे.ना.} {876, 956) 821 उत्तराध्ययनसूत्र (पद्यानुवाद) {उत्त. सूत्र का हस्तिमलजी आचार्य कृत (हिं.) पद्यानु.) दे.ना.) [T] (987) 822 कलापूर्ण स्वाध्याय (उत्तराध्ययन सूत्रम् अर्थ सहित) ( उत्त. सूत्र सह भद्रंकरसूरिजी (1) कृत (गु.) अनु भाग-32, 33, 34, 35 {गु. } {876, 957) 823 उत्तराध्ययनसूत्रम् (उत्त. सूत्र सह भावविजयजी उपा. कृत टीका} 824 उत्तराध्ययनसूत्रम् {उत्त. सूत्र सह नियुक्ति, भाष्य, शांतिसूरिजी कृत टीका) भाग 1-3 (दे.ना.) [T, S] {876, 877, 878, 880} 825 उत्तराध्ययन सूत्र (मूळ) (दे.ना.) (876) 826 उत्तरायणाणि । उत्त सूत्र सह | कमलसंयम उपा. कृत टीका) भाग 1-2 [[वे. ना. गु.) [T, S] [876, 883) 828 827 उत्तराध्यायाः ( उत्त. सूत्र सह आगम प्रकाशन परिचय | जिनशासन आराधना ट्रस्ट, (P) आत्मानंद जैन | भाग 1-3 (दे.ना. } [T, S] { 876, 884 } सभा, भावनगर (प्राचीन प्रकाशक (ग्रंथमाला } | स्वर्ण जयंती अभिनंदन ग्रंथमाला 4} | जयकीर्तिसूरिजी कृत दीपिका टीका) भाग 1-2 (दे.ना., गु. } [T, S] {876, 882) आगम सटीक 'अनुवाद (उत्तराध्ययन-1-3) ( उत्त. सूत्र का शारदारत्न विविधलक्षी चेरिटेबल ट्रस्ट कलापूर्ण जैन आराधक मंडल | सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ संपा. -शशिकांत झा श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 13} | जिनशासन आराधना | ट्रस्ट, (P) देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 22 } रत्नोदय चेरीटेबल ट्रस्ट सरिराम स्मरणमाळा 39 } भद्रंकर प्रकाशन, (P) विजयधर्मलक्ष्मी ज्ञानमंदिर भद्रंकर प्रकाशन, (P) | हीरालाल हंसराज पंडित संपादक, संशोधक आदि श्रुत प्रकाशन निधि | संपा. देवचंद्रसागरसूरि | संपादिका नीरा कांतिलाल नाहटा डॉ. संपा. पूर्णचंद्रविजयजी गणि पूर्व संशो. सभसूरि पूर्व संशो., ' , पूर्व | संपा. सागरानंदसूरि (#) संपा. -रत्नचंद्रसूरि संपा. वज्रसेनविजयजी पंन्यास, सहसंपादिकाचंदनबाला श्रीजी, पूर्व संशो. जयंतविजयजी संपा. दीपरत्नसागरजी (0) वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) | 2063 (अ.) 224+234= 458 (E) 2063 (1) 528+452= 980 (B) 2063 (3) 172 (B) 2064 (1) 169 2064 (पु.मु.) 2064 (पु.म.) 224+216+ 232...=2884 (F) 396+428+4 |30=1254 (P) 244+300+ 214= 758 (P) 2064 (3T.) 256 (D) | 2065 (अ.) 496+512= 1008 (B) संपादिका - चंदनबालाश्रीजी, पूर्व 2066 (अ.) 348+368= संपा. -हीरालाल हंसराज |716 (B) 2066 (3T.) 224+224+ |224-672 (c) Page #217 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 170 30. उत्तराध्ययनसूत्र प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) दीप. कृत (गु.) अनु., पाईअ टीकानुसारी विवे.} भाग-37, 38, 39 {गु.} {971, 998} 829 उत्तराध्ययन सूत्र (सचित्र) (उत्त.सूत्र अनंतभाई दुर्लभजी अप्रदर्शित 2067 (अ.) 374 (B) सह साध्वी चंदनाजी के (हिं.) अनु. का खेताणी परिवार, हंसाबेन दुर्लभजी खेताणी कृत (गु.) भाषां.} मनमोहन तंबोली परिवार, {गु., दे.ना.} {876, 958} (P) प्रभावती चुनीलाल वेकरीवाळा वर्धमान वैयावच्च केन्द्र संपा.-धीरज मुनि 2067 (5) 288 (C) |अंतिम देशना) (गुजरातीमां मूळ पाठ (पी. एम. फाउन्डेशन) अने अर्थ) {उत्त.सूत्र सह धीरज मुनिजी (#) कृत (गु.) अनु.} {गु.) {876, 972) 831 |"उत्तराध्ययनसूत्र'नां प्रवचनो अनेकांत प्रकाशन जैन संपा.-चंद्रगुप्तसूरि (#) 2068 (1) 440 (C) | (उत्त.सूत्र के चंद्रगुप्तसूरिजी कृत (गु.) | रिलीजीयस ट्रस्ट प्रव. (अ.3)} (गु.) (1013) 832 कलापूर्ण स्वाध्याय (उत्त.सूत्र मूल) कलापूर्ण जैन आराधक संपा.-पूर्णचंद्रविजयजी गणि (#) 2068 (1) [185+167= 352 (E) भाग 43-44 {गु.} {876) मंडल 833 उत्तराध्ययन सूत्र (उत्त.सूत्र सह जिनप्रभसूरि जैन ग्रंथमाला संपा.-तत्त्वप्रभविजयजी गणि 2068 (अ.) |142+138+ भद्रंकरसूरिजी (2) कृत छाया} 142...:582 {ग्रं. 27} (E) भाग 1-4 (दे.ना., गु.) {876, 919) | उत्तराध्ययन सूत्र (भगवान महावीर की सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडल संपा.-हस्तिमलजी आचार्य 2068 (2) 552 (B) |अन्तिम देशना) {उत्त.सूत्र का अज्ञात कृत (हिं.) अनु. (कथायुक्त)) | {दे.ना.} {944) 835 उत्तराध्ययन सूत्र (उत्त.सूत्र सह । वर्धमान वैयावच्च संपादिका-पुष्पाबाई महासती, 2069- 392+408+ आत्मारामजी आचार्य के अन्व., अनु., केन्द्र {1} 528%3D1328 वनिताबाई महासतीजी 2070 (1) (B) विवे. का नयनाबेन सतीषभाई उपा. (विनय), तरलाबहन ए. दोशी कृत (गु.) भाषां.} भाग 1-3 {दे.ना., गु.} [T] {876, 940) 836 शास्त्राभ्यासनी कळानी कसोटी कमल प्रकाशन ट्रस्ट, संशो.-जयभूषणविजयजी, | 2070 (1) 338 (A) (उत्तराध्ययनसूत्रना प्रथम अध्ययननुं अमदावाद तत्त्वरुचिविजयजी, भाषांतर) {उत्त.सूत्र सह नियुक्ति, नयबोधिविजयजी शांतिसूरिजी कृत टीका और गुणहंसविजयजी कृत (गु.) अनु., टीकानु. (अ.1)} {दे.ना., गु.} [T, S] {876, 877, 880, 973, 990, 992) 834 ___ 31. दशवैकालिकसूत्र (837-955) 837 दशवकालीकशुत्रना 10 अध्ययनप्रारंभः |खेतशी जीवराज शास्त्री अप्रदर्शित {दश.सूत्र सह अज्ञात कर्तृक बा.बो. (शाह) |(अ.10)} {गु.) {1020, 1032) 292 (P) 1950 (2) (अ.) Page #218 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 171 क्र. 838 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) दशवैकालिक-सूत्र (दश.सूत्र सह भीमसिंह माणेक श्रावक संशो., संपा.-भीमसिंह माणेक |1957 (अ.) |728 (A) नियुक्ति, भाष्य, हारि. टीका, अवचूरि, | (आगमसंग्रह भाग 43) |(#) समयसुंदरजी उपा. कृत दीपिका, भीमसिंह माणेक कृत (गु.) अनु.} {दे.ना.) [T, S] {1020, 1021, 1023, | 1026, 1029, 1031, 1061} 839 दीक्षाकुमारी प्रवास (गुरु तत्त्वना शुद्ध जैन धर्म विद्या प्रसारक जैन धर्म विद्या प्रसारक संशो.-देवविजयजी उपाध्याय संशो.-देवविजयजी उपाध्याय |1965 (1) 332 (C) स्वरूपने दर्शावनारो अद्भुत कथा ग्रंथ) वर्ग {दश.सूत्र का अज्ञात कर्तृक रुपकात्मक | (गु.) विवे.} {गु.} {1104} 840 दशवकालिकसूत्रप्रारंभः {दश.सूत्र नानचंद भायचंद अप्रदर्शित 1966 (अ.) 84 (P) मूल) {दे.ना.} {1020} 841 दशवैकालिकसूत्र (दश.सूत्र सह फकीरचंद घेलाभाई झवेरी अप्रदर्शित 1967 (अ.) 166 (P) केशरसूरिजी कृत (गु.) शब्दार्थ, अनु., वृद्धिविजयजी कृत सज्झाय} {दे.ना.) {1020, 1035, 1048} 842 दशवकालिक सूत्र मूल पाठ जीवराज घेलाभाई दोशी संशो.-Walther Schubring, 1968 (2) 84 (C) DASAVAIKALIKASUTRA OF संपा.-Ernst Leumann SEJJAMBHAVA. {दश.सूत्र मूल) (दे.ना.} [T, S] {1020} दशवकालिक सूत्र अथवा दश सांझ वाडीलाल मोतीलाल शाह संपा.-वाडीलाल मोतीलाल शाह 1968 (2) 128 (P) सधी कहेवायेला साधकर्त्तव्यना संग्रह (सविचारमाला 6,14, रूप जैन शास्त्र {दश.सूत्र सह 15) वाडीलाल मोतीलाल शाह कृत (गु.) अनु., विवे. (अ.4, अ.5→उ.1, उ.2→गाथा-9)} {दे.ना.} [T] {1020, 1084} 844 दशवैकालिकसूत्रं (दश.सूत्र सह हीरालाल हंसराज पंडित संपा.-हीरालाल हंसराज (#) 1971 (अ.) |328 (P) समयसुंदरजी उपा. कृत दीपिका टीका } {दे.ना.) {1020, 1029} दशवकालिकसूत्रम् {दश.सूत्र सह जैन बंधु समाज संशो.- रमापतिमिश्र, हरिदत्त 1975 (अ.) 122 (P) समयसुंदरजी उपा. कृत दीपिका । |{जिनयशसूरिजी शर्मा, संपा.-ऋद्धिमुनि टीका} {दे.ना.} [T, S] ग्रंथरत्नमाला 1} {1020, 1029) 846 दशवकालिक सूत्र (दश.सूत्र सह राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि (#) 1976 (अ.) 150 (P) अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु. सहायजी ज्वालाप्रसादजी (अ.10)} {दे.ना.} [T,S] जौहरी {1020, 1063) 847 दशवकालिकसूत्र {दश.सूत्र सह जैन हठीसिंह सरस्वती अप्रदर्शित 1977 (अ.) 162 (C) केशरसूरिजी (2) कृत (गु.) शब्दार्थ, सभा, (P) फकीरचंद अनु.) (दे.ना.} {1020, 1048) घेलाभाई झवेरी (#) {भ्रातृचंद्रसूरि ग्रंथमाला 8} (1) 845 Page #219 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 172 31. दशवैकालिकसूत्र (D) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 848 दशवकालिक सूत्र {दश.सूत्र सह मोहनलालजी जैन संपा.-माणेक मुनि (2) 1977- 224+224+ नियुक्ति, भाष्य, हारि.टीका का श्वेतांबर ज्ञानभंडार, सुरत 1978 (1) 328%D776 माणेक मुनिजी कृत (गु.) अनु.) भाग 1-4 {गु., दे.ना.} {1020, 1021, 1023, 1099) 849 दशवकालिक सूत्र प्रारंभ: {दश.सूत्र जीवराज घेलाभाई दोशी संशो.-Walther Schubring, 1980 (4) 186 (P) सह जीवराज घेलाभाई दोशी डॉ. कृत संपा.-जीवराज घेलाभाई दोशी (गु.) शब्दार्थ, अनु. (अ.10)} {दे.ना.) [T, S] {1020, 1047} 850 दशवेकालिकसूत्रम् (दश.सूत्र सह वीरसमाज {रत्न4} अप्रदर्शित 1981 (अ.) 92 (P) वृद्धिविजयजी कृत (गु.) सज्झाय) {दे.ना.} {1020, 1035) 851 अध्ययन-चतुष्टय (दशवैकालिक सूत्र अभिधान राजेन्द्र प्रचारक संपा.-यतीन्द्रसूरि 1982 (1) 82 (D) के आदि के चार अध्ययन) (दश.सूत्र संस्था, रतलाम सह यतीन्द्रसूरिजी कृत (हिं.) अन्व., {राजेन्द्रसूरि जैन. अनु. (अ.4)} {दे.ना.} [T] ग्रंथमाला 21} {1020, 1054) |852 दशवैकालिकसूत्र {दश.सूत्र सह अमृतलाल एंड कुंवरजी अप्रदर्शित 1985 (2) 158 (P) केशरसूरिजी (#) कृत (गु.) शब्दार्थ, (अ.) अनु.} {दे.मा.} {1020, 1048} 853 दशवकालिक सूत्र मूल पाठ (दश.सूत्र उमेदचंद रायचंद मास्तर अप्रदर्शित 1986 (1) 82 (D) मूल (अ.10)} (दे.ना.} {1020) 854 दशवैकालिक सूत्र (प्रथम अध्ययन) छोटालाल नाथालाल शाह संपा.-माणेक मुनि 1987 (2) 192 (D) {दश.सूत्र सह नियुक्ति, भाष्य, हारि.टीका का माणेक मुनिजी कृत (गु.) अनु. (अ.1)} विभाग 1 {गु., दे.ना.} {1020, 1021, 1023, 1099} 855 दशवेकालिकसूत्र (दश.सूत्र सह पायधुनी जैन महिला अप्रदर्शित 1987 (2) 158 (P) केशरसूरिजी (#) कृत (गु.) शब्दार्थ, मंडल अनु.} {दे.ना.} {1020, 1048} दशवकालिकसूत्रम् Kashinath Vasudev |संशो.,संपा.-K.V. Abhyankar |1988 (1) 264 (D) DASAVEALIYA SUTTA Abhyankar |Prof. {दश.सूत्र सह नियुक्ति और काशीनाथ वासुदेव अभ्यंकर कृत (अं.) टिप्पणयुक्त अनु.} {दे.ना., रो.) [T, S] {1020, 1021, 1065} 857 प्रकरणरत्न. (जीवविचार, नवतत्त्व, ए. एम. एन्ड कंपनी। अप्रदर्शित 1988 (2) 226 (D) दंडक, कर्मग्रंथ, दशवकालिक मूळजीभाई झवेरचंद चूलिका विगेरे) (दश.सूत्र सह संघवी, नागरदास वृद्धिविजयजी कृत (गु.) सज्झाय, प्रागजीभाई महेता शत्रुजय लघुकल्प आदि} {दे.ना.) [[T] {1020, 1035) Page #220 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 173 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय 858 दसवेयालिय सुत्त DASAVEYALIYA SUTTA {दश.सूत्र सह Walther schubring कृत (अं.) अनु.} {रो., दे.ना.} [T, |] {1020, 1066) प्रकाशक {ग्रंथमाला) शेठ आणंदजी कल्याणजीनी पेढी संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संशो., संपा.-Ernst Leumann |1988 (अ.) 140 (C) संपा.एम.वी. पटवर्धन प्रो. 1989- 100+643 1992 (अ.) 164 (D) | THE DASAVAIKALIKASUTRA : | M. V. Patwardhan A STUDY {दश.सूत्र संबंधित एम. वी. पटवर्धन प्रो. कृत (अं.) शोधग्रंथ} भाग 1-2 {रो.} [T, S] {1114) 860 दशवैकालिकचूर्णिः {दश.सूत्र की ऋषभदेव केशरीमलजी संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (2) |1989 (अ.) |382 (P) चूर्णि } {दे.ना.} [S] {1025} जैन श्वेतांबर संस्था 861 दशवैकालिक सूत्र हिन्दी भावार्थ सहित कोटा-छबडा जैन श्वेतांबर अप्रदर्शित 1989 (अ.) 254 (P) {दश.सूत्र सह अज्ञात कर्तृक (हिं.) अनु. संघ और जयरंगविजयजी उपा. कृत (मा.गु.) सज्झाय} {दे.ना.} {1020, 1036, 1067) 862 साध प्रतिक्रमणसूत्र तथा कोरसीभाई तथा अप्रदर्शित 1989 (अ.) 132 (D) दशवैकालिकसूत्र {दश.सूत्र मूल देराजभाई शाह। आदि} {दे.ना.} {1020) मूळजीभाई झवेरचंद संघवी, नागरदास प्रागजीभाई महेता 863 दशवकालिक सूत्र (दश.सूत्र सह ज्वालाप्रसाद माणकचंद्र संशो., संपा.-अमरमुनिजी 1989 (अ.) |1100 (P) आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) अन्व., जैन जौहरी {ऋषि श्रावक उपाध्याय अनु. और विवे.} {दे.ना.} [T, S] समिति ग्रंथमाला 1} {1020, 1039, 1056} 864 दशवैकालिक सूत्र [गुजराती महावीर साहित्य प्रकाशन संपा.-सौभाग्यचंद्रजी मुनि 1991 (1) 200 (D) अनुवादन] {दश.सूत्र का मंदिर {ग्रंथ 2} सौभाग्यचंद्रजी मुनि कृत (गु.) अनु., विवे.} {गु.) [T] {1085} 865 दशवैकालिक सूत्र का हिन्दी अनुवाद | अखिल भारतीय श्वेतांबर अप्रदर्शित 1992 (1) 230 (D) {दश.सूत्र के सौभाग्यचंद्रजी मुनि के स्थानकवासी जैन अनु., विवे. का अज्ञात कर्तृक (हिं.) कोन्फरन्स {हंसराज भाषां.} {दे.ना.} [T] {1068} |जिनागम विद्या प्रचारक फंड समिति ग्रंथ 2} 866 दशवैकालिकसूत्र (दश.सूत्र सह जैन हठीसिंह सरस्वती संपा.-बालचंद्रजी 1996 (2) 180 (P) सौभाग्यचंद्रजी (#) मुनि कृत छाया, सभा {पुनमचंद्रजी केशरसूरिजी (2) कृत (गु.) शब्दार्थ, गणिवर स्मारक 5} मफतलाल गांधी पं. कृत अनु.] {दे.ना.} {1020, 1038, 1048, 1070} दशवैकालिकसूत्र (सावरि सच्छायम्) रायबहादुर मोतीलाल संपा.-अमोलकचंद्र सुरपुरिया 1996 (2) 548 (P) {दश.सूत्र सह अज्ञात कर्तृक अवचूरि, बालमुकुंद मूथा {चंदन हस्तिमलजी आचार्य कृत छाया, (हिं.) जैनागम ग्रंथमाला 1} (1) Page #221 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 174 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय विवे. (टीका)} {दे.ना. } [T, S] [1020, 1030, 1043, 1105} 868 दशवेकालिकसूत्रम् (दश सूत्र सह सौभाग्यचंद्रजी मुनि (18) कृत छाया केशरसूरिजी (#) कृत (गु.) शब्दार्थ, | मफतलाल गांधी पं. कृत अनु.) {दे.ना.) 1020, 1038, 1048, 1070} 869 दशवैकालिकसूत्रम् (पूर्वार्धः) {दश. सूत्र सह निर्युक्ति, भाष्य, हारि. टीका (अ. 3) (निर्युक्ति गाथा 1-215)} भाग 1 (दे.ना. } [T, S] {1020, 1021, 1023, 1026} 870 दशवैकालिकसूत्र अथवा श्रमणसार अने पुच्छिणं अथवा वीर स्तुति {दश. सूत्र और वीरत्थुई सह दयामुनिजी (#) कृत (गु.) अनु.) (गु.) {1020, 1071} 871 दशवैकालिकम् Das Vaikalik Sutra दश. सूत्र सह सुमतिसाधुजी कृत लघुटीका} {दे. ना. } [T, S] {1020, 1028) 872 दशवैकालिक सूत्र (दश सूत्र सह वीरपुत्रजी मुनि कृत (हिं.) अनु.) {दे.ना.} {1020, 1073} 873 दशवैकालिक सूत्रम् {दश. सूत्र सह | भद्रंकरसूरिजी कृत छाया, (गु.) शब्दार्थ, अनु.} {गु., दे.ना.) (1020, 1041, 1049} 874 दशवैकालिक सूत्र {दश. सूत्र सह भद्रंकरसूरिजी कृत (गु.) अन्य., विवे.} {गु., दे. ना. } [T] {1020, 1059} 875 दशवैकालिक सूत्र {दश. सूत्र सह भद्रंकरसूरिजी कृत (गु.) अन्व.. विवे. } {गु., दे. ना. } [T] {1020, 1059} 876 दशवैकालिकसूत्रम् (मूळ) {दश. सूत्र मूल} {दे.ना.} {1020} 31. दशवैकालिकसूत्र प्रकाशक (ग्रंथमाला } सस्तुं साहित्य संस्था, अमदावाद मनसुखलाल हीरालाल, (P) देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड हिंसा विरोधक संप | देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड {ग्रंथांक 103} भुवनतिलकसूरि जैन ग्रंथमाला | समरथबाई जैन श्वे. मू. ज्ञानोद्धार ट्रस्ट | संपादक, संशोधक आदि सुरचंद हीराचंद झवेरी अखिल भारतीय सुधर्म संपा. वीरपुत्रजी महाराज | जैन संस्कृति रक्षक संघ 877 दशवैकालिक : एक समीक्षात्मक जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा ( आगम अध्ययन ( दश. सूत्र का महाप्रज्ञजी आचार्य कृत (हिं.) शोधग्रंथ देना. अनुशीलन ग्रंथमाला 1) |[T, S] (1115) संपा. मफतलाल झवेरचंद गांधी 1996 (अ.) 172 (P) संपा. मनसुखलाल हीरालाल लालन, पूर्व संशो.. सागरानंदसूर संपा. दयामुनि संशो, संपा. कंचनविजयजी, क्षेमंकरसागरजी शशीकांत पोपटलाल ट्रस्ट संपा. - भद्रंकरसूरि संयो, संपा. - भद्रंकरसूरि संपा. - भद्रंकरसूरि | अप्रदर्शित वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संपा. महाप्रज्ञजी आचार्य, संयो. - श्रीचंद रामपुरीचा 1999 (3T.) 240 (P) 2009 (1) 2010 (1) 2014 (1) 2015 (2) 164 (D) 2015 (1) 274 (P) 2015 (अ.) 364 (D) 198 (C) | 488 (C) | 458 (C) 2015 (3T.) 66 (D) 2023 (3T.) 284 (C) Page #222 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 175 क्र. वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2023 (अ.) 388 (D) 878 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि धर्म-प्रज्ञप्ति (दशवकालिक : जैन श्वेतांबर तेरापंथी संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य वर्गीकृत) {दश.सूत्र के पाठों का महासभा {वर्गीकृत आगम विषयानुसार संकलन सह महाप्रज्ञजी ग्रंथमाला 1} आचार्य कृत (हिं.) अनु.) खंड 1 {दे.ना.} [T] {1020, 1083) मोतीलाल बनारसीदास पब्लीशर्स प्रा.लि. संपा.-K. C. Lalwani 2029 (1) 288 (C) 879 DASAVAIKALIKA SUTRA (Dasaveyalia Sutta) {दश.सूत्र सह के. सी. ललवानी कृत छाया, (अं.) अनु., विवे.} {दे.ना., रो.} {1020,1086,1043a) 2005|2031 (3) 472+3563 828 (B) 20172031 (3) 141+773 218 (B) 2031 (2) 628 (A) 2035 (2) 288 (E) (अ.) 880 दशवैकालिकसूत्रम् (दश.सूत्र सह अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि घासी. कृत छाया, टीका, (हिं., गु.) स्थानकवासी जैन स्वोपज्ञ टीकानु. (अ.10), (गु.) अन्व. शास्त्रोद्धार समिति (अ.5)} भाग 1-2 {दे.ना., गु.} [T] {1020, 1040,1046, 1053,1102, 1103} 881 दशवैकालिकसूत्रम् {दश.सूत्र की अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि घासी. कृत टीका का (गु.) स्वोपज्ञ अनु. स्थानकवासी जैन |(अ.10),} भाग 1-2 {गु., दे.ना.) शास्त्रोद्धार समिति {1103) 882 दसवेआलियं DASAVEALIYAM जैन विश्व भारती संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य (दश.सूत्र सह महाप्रज्ञजी आदि कृत छाया, (हिं.) अनु., (अर्वाचीन) टिप्पन) {दे.ना.) [T,S] {1020, |1042, 1083} 883 सुमति-समुह-दान-नेम-परिमल केशर कमल जय ग्रंथमाळा अप्रदर्शित {दश.सूत्र मूल और पंचसूत्र आदि) {गु.} {1020} दशवकालिकजी सूत्र (गुजराती प्रेम जिनागम प्रकाशन संपा.-शोभाचंद्रजी भारिल्ल अनुवाद सहित) {दश.सूत्र सह समिति (प्रेम लीलमबाई महासतीजी कृत (गु.) जिना.प्रका.ग्रं. 10) अन्व., अनु., वृद्धिविजयजी कृत सज्झाय} {गु., दे.ना.} {1020, | 1035, 1055) 885 दशवैकालिकसूत्र मूल (दश.सूत्र मूल) रामनगर श्वे.मू.पू.जैन अप्रदर्शित {दे.ना.} {1020} संघ-अमदावाद 886 दशवैकालिकसूत्रम् (दश.सूत्र सह भारतीय प्राच्य तत्त्व अप्रदर्शित नियुक्ति, भाष्य, हारि. टीका) प्रकाशन समिति (P) {दे.ना.) [T, S] {1020, 1021, देवचंद लालभाई जैन 1023, 1026) पुस्तकोद्धार फंड 887 दशवैकालिक सूत्र (दश.सूत्र सह रामनगर श्वे.मू.पू.जैन संपा.-भद्रंकरसूरि भद्रंकरसूरिजी कृत (गु.) अन्व., संघ, अमदावाद विवे.} {गु., दे.ना.} [T] [{1020, 1059) 884 2035 (1) 254 (B) 72 (D) 2035 (#) (अ.) 2037 (अ.) 192 (B) 2037 (2) (3) 502 (D) Page #223 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 176 31. दशवैकालिकसूत्र क्र. संघ प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 888 दशवकालिक सूत्र (दश.सूत्र सह शामजी वेलजी विराणी संपा.-ठाकरसीभाई करसनजी | 2038 (अ.) 338 (D) ठाकरसीभाई करसनजी शाह कृत (गु.) स्था. जैन धार्मिक शिक्षण शाह अन्व., अनु.} {गु., दे.ना.} {1020, 1060} 889 दीक्षाकुमारी का प्रवास {दश.सूत्र के सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ संपा.-प्रेम भंडारी 2038 (अ.) 320 (C) अज्ञात कर्तृक रुपकात्मक विवे. का लालचंद्रजी जैन कृत (हिं.) भाषां.} (दे.ना.} {1106) साधु पंच प्रतिक्रमणसूत्र एवं भूपेन्द्रसूरि जैन साहित्य अप्रदर्शित 2041 (3) 270 (E) दशवैकालिक के चार अध्ययन मूल समिति {दश.सूत्र मूल (अ.4), श्रमण क्रिया सूत्र आदि) (दे.ना.} [T] {1020} 891 दश वैकालिक सूत्र (मूळ, गाथा अने वर्धमान स्थानकवासी जैन पूर्व संपा.-दयामुनि 2041 (2) 160 (D) अर्थ साथे) {दश.सूत्र सह दयामुनिजी श्रावक संघ, (P) हिंसा कृत (गु.) अनु.} {गु.} विरोधक संघ {1020, 1071} |892 दशवकालिक सूत्र (मात्र मूळ पाठ) विश्वमंगल प्रकाशन मंदिर संपा.-पूर्णचंद्रसूरि, 2041 (2) 80 (D) {दश.सूत्र मूल} {गु.} {1020) दिव्यभूषणविजयजी 893 दशवैकालिक-चयनिका (दश.सूत्र का | प्राकृत भारती अकादमी, संपा.-कमलचंद सोगानी डॉ. 2043 (2) |106 (D) कमलचंद सोगानी डॉ. कृत अंशसंग्रह जैन श्वेतांबर नाकोडा (हिं.) अनु. और व्याकरण संदर्भयुक्त} | पार्श्वनाथ तीर्थ, मेवानगर {दे.ना.} {1113} {पुष्प 37} |894 दशवकालिक सूत्र {दश.सूत्र सह शांतिसोमचंद्रसूरि संपा.-भद्रंकरसूरि 2043 (4) 468 (D) भद्रंकरसूरिजी कृत (गु.) अन्व., विवे.} ज्ञानमंदिर ट्रस्ट {गु., दे.ना.} {1020, 1059 } |895 स्वाध्याय सरिता {शत्रुजय लघुकल्प, भेरुलाल कनैयालाल संपा.चंद्रयशसूरि | 2044 (2) 316 (D) दश.सूत्र मूल, प्रकरण, कर्मग्रंथ आदि) कोठारी रिलिजीयस ट्रस्ट {गु.} {1020} 896 दशवकालिक सूत्र {दश.सूत्र सह कमल प्रकाशन ट्रस्ट, संपा.-भद्रंकरसूरि | 2045 (अ.) 276 (D) भद्रंकरसूरिजी कृत (गु.) अन्व., विवे. अमदावाद (अ.5-10)} {गु., दे.ना.} {1020, 1059) दशवैकालिक सूत्र {दश.सूत्र सह भुवनभद्रंकर साहित्य संपा.-भद्रंकरसूरि 2045 (3) 370 (D) भद्रंकरसूरिजी कृत छाया, (गु.) शब्दार्थ, प्रचार केन्द्र, मद्रास अनु.} {गु., दे.ना.} {1020, 1041, {भुवनतिलकसूरीश्वर जैन 1049) ग्रंथमाला 53) 898 दशवकालिक सूत्रार्थ {दश.सूत्र सह अकलंक ग्रंथमाला संपा.-अकलंकविजयजी 2046 (2) 168 (D) अकलंकविजयजी कृत (गु.) अनु.) | {पुष्प 114} (अ.) {गु.} {1020, 1062} 899 दशवैकालिकसूत्रम् {दश.सूत्र सह जिनशासन आराधना पूर्व संशो.-ऋद्धिमुनि 2046 120 (P) (पु.मु.) समयसुंदरजी उपा. कृत दीपिका ट्रस्ट, (P) जैन बंधु टीका} {दे.ना., गु.) [T, S] समाज {आगम प्रकाशन {1020, 1029) माला 24} Page #224 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 177 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 900 दशवैकालिकसूत्रम् {दश.सूत्र सह जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व 2046 288 (P) नियुक्ति, भाष्य, हारि. टीका) ट्रस्ट, (P) देवचंद लालभाई संपा.-सागरानंदसूरि (2) (पु.मु.) (दे.ना.} [T, S] {1020, 1021, जैन पुस्तकोद्धार फंड | 1023, 1026) {आगम प्रकाशन माला 23) 901 दशवकालिक सूत्र {दश.सूत्र सह भीडभंजन पार्श्वनाथ जैन संपा.-भद्रंकरसूरि 2047 412 (C) भद्रंकरसूरिजी कृत (गु.) अन्व., पेढी, अमदावाद (पु.मु.) विवे.} (गु., दे.ना.) [T] {1020, 1059) 902 मुक्ति स्वाध्याय (श्रमणक्रिया सूत्रो- मुक्तिचंद्रसूरि ग्रंथमाळा संपा.-मुक्तिप्रभसूरि 2047 (2) 116 (D) दशवैकालिक सूत्र) {दश.सूत्र मूल (अ.) आदि} भाग 4 {गु.) [T] {1020} 903 | दशवकालिक सत्र (दश.सूत्र सह ॐकार साहित्यानाथ सपा.-भद्रकरसार 2047 (अ.) 410 (D) भद्रंकरसूरिजी कृत (गु.) अन्व., विवे.} {गु., दे.ना.} [T] {1020, 1059} 904 दशवैकालिक सूत्र चिंतनिका लब्धिविक्रमसूरीश्वरजी संपा.-राजयशसूरि 2048 (3) 248 (D) | (दश.सूत्र का वाचंयमाश्रीजी कृत संस्कृति केन्द्र, अमदावाद अंशसंग्रह (गु.) विवे. युक्त) (गु.} {1112} |905 दशवैकालिकसूत्र आगम प्रकाशन समिति, संपादिका-पुष्पवती महासती, 2049 (2) |532 (B) | [DASHAVAIKALIK SUTRA] ब्यावर {जिनागम पूर्व संयो., प्रधान (दश.सूत्र सह पुष्पवती महासतीजी ग्रंथमाला ग्रंथांक 23} संपा.-मिश्रीमलजी मुनि कृत (हिं.) अनु., विवे. और देवेन्द्र | मुनिजी शास्त्री कृत बाह्य-अभ्यंतर विस्तृत परिचयपूर्वक का समीक्षात्मक अध्ययन) {दे.ना.) [[T, S] {1020, 1087} 906 दिशादर्शक (प्रश्नोत्तरी) {दश.सत्र की गुरु रामचंद्र प्रकाशन संयो.-जयानंदविजयजी 2049 (अ.) 84 (C) जयानंदविजयजी कृत (हिं.) प्रश्नो.) समिति (दे.ना.} {1111) 907 | देवेन्द्र स्वाध्याय (श्रमणक्रिया आगमोद्धारक देवद्धि जैन संपा.-देवचंद्रसागरसूरि 2050 (2) 104 (D) सूत्रो-दशवैकालिक सूत्र) {दश.सूत्र | आगम मंदिर ट्रस्ट (अ.) मूल आदि) भाग 3 {दे.ना.} {1020) 908 45-आगमसुत्ताणि (दसवेआलियं) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) |44 (C) {दश.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.) [s] {1020) गुणरत्न - स्वाध्याय (दशवेकालिक आध्यात्मिक ज्ञान शिक्षण संपा.-वैराग्यरत्नविजयजी गणि 2053 (1) 112 (E) सूत्र] (10 अध्ययन) {दश.सूत्र मूल) केन्द्र भाग 4 {गु.} {1020) 910 दसवेआलियं (दश.सूत्र मूल} {दे.ना.) जैन विश्व भारती प्रबंध संपा.-श्रीचंद रामपुरीया |2053 (3) 108 (E) {1020) 911 दशवैकालिक सूत्र सचित्र पद्म प्रकाशन, दिल्ली प्रधान संपा.-अमरमुनिजी |2054 (1) 448 (B) 909 Page #225 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 178 31. दशवैकालिकसूत्र प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला} संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) ILLUSTRATED {सचित्र आगममाला उपप्रवर्तक, संपा.-श्रीचंद DASHAVAIKALIK SUTRA पुष्प 5) सुराणा, चित्र.-पुरुषोत्तमसिंह {दश.सूत्र (सचित्र) सह अमरमुनिजी सरदार, हरविंदरसिंह सरदार उप. कृत (हिं.) अनु., विवे. और उसका सुरेन्द्र बोथरा कृत (अं.) भाषां.) (दे.ना., रो.} {1020, 1088, 1089) दसवेयालियसुत्तं (दशवैकालिक सूत्र) जगमोहनदास कोरा नियो.-कांतिलाल खेमचंद 2055 (1) 142 (C) (दश.सूत्र सह कांतिलाल खेमचंद स्मारक पुस्तकमाला कापडिया डॉ. कापडिया कृत (गु.) अनु. (अ.10)} [{गु., दे.ना.} [S] {1020, 1076} 913 दशवकालिक सूत्र - सार्थ {दश.सूत्र सह धर्मनाथ पो.हे. जैननगर संपा.-हेमप्रभसूरि 2055 (2) |360 (D) भद्रंकरसूरिजी (#) कृत छाया, (गु.) श्वे.मू.पू. संघ शब्दार्थ, अनु.) {गु., दे.ना.} {1020, 1041, 1049} दशवैकालिकसूत्र {दश.सूत्र सह मुक्तिचंद्रश्रमण आराधना पूर्व संपा. केशरसूरि (2) 2055 (2) 208 (C) केशरसूरिजी कृत (गु.) शब्दार्थ, अनु., ट्रस्ट, (P) फकीरचंद वृद्धिविजयजी कृत सज्झाय} {गु.) घेलाभाई झवेरी {1020, 1036, 1048} दशवैकालिक सूत्र (दश.सूत्र मूल) आचार्यश्री विजय संपा.-सिंहसेनसूरि 2055 (अ.) 84 (D) | {गु.} {1020) मेरुप्रभसूरीश्वरजी स्मारक ट्रस्ट(नेमिउदयमेरुप्रभसूरि ग्रंथमाला 38} 916 दशवैकालिकसूत्रम् {दश.सूत्र सह अनेकांत प्रकाशन जैन संयो.-चंद्रगुप्तसूरि, पूर्व संशो., 2056 (1) |288 (P) नियुक्ति, भाष्य, हारि.टीका} {दे.ना.) रिलीजीयस ट्रस्ट, (P) पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि [T, S] {1020, 1021, 1023, 1026} देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड 917 आगम सुत्ताणि (सटीक) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2056 (अ.) 280 (C) (दशवैकालिक-मूलसूत्रं] {दश.सूत्र सह नियुक्ति, भाष्य, हारि. टीका भाग 27 {दे.ना., गु.) [S] {1020, 1021, 1023, 1026) 918 दशवेकालिकसूत्रम् {दश.सूत्र सह । हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2057 (1) 541+4583 नियुक्ति, भाष्य, चूर्णिद्वय, 999 (P) {ग्रं. 376} हारि.टीका, सुमतिसाधुसूरिजी कृत लघुटीका) भाग 1-2 {दे.ना.} [T, S] {1020, 1021, 1023, 1024,1025, 1026, 1028} 919 प्रभुनो प्यारो स्पर्श (परमपावन श्री ॐकारसूरि ज्ञानमंदिर संपा.-यशोविजयसूरि (#) 2057 (1) 168 (C) दशवकालिक सूत्र (1-4) परनी {ग्रं. 16} वाचनाओ) (दश.सूत्र सह यशोविजयसूरिजी कृत (गु.) अनु., विवे. (अ.4)} {गु., दे.ना.} {1020, 1090) 920 दशवकालिक सूत्र भाषान्तर {दश.सूत्र गुरु रामचंद्र प्रकाशन संशो.-मुनिचंद्रसूरि, 2058 (अ.) 400 (B) Page #226 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 179 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) सह नियुक्ति, भाष्य, माणेक मुनिजी समिति, (P) मोहनलालजी संपा.-जयानंदविजयजी कृत (गु.) हारि.टीकानु.} {गु., जैन श्वेतांबर ज्ञानभंडार, दे.ना.) [T, S] {1020, 1021, सुरत 1023, 1099} 921 दशवकालिक सूत्र DASVAIKALIKA गुरुप्राण फाउन्डेशन, प्रधान संपा.-लीलमबाई 2058 (1) 610 (B) SUTRA {दश.सूत्र सह गुलाबबाई महावीर सेवा ट्रस्ट, महासतीजी, महासतीजी कृत छाया, (गु.) शब्दार्थ, राजकोट {आगमबत्रीसी सहसंपादिका-आरतीबाई अनु., विवे.} {गु., दे.ना.} रत्न 161 महासतीजी डॉ., {1020,1044,1051) सुबोधिकाबाई साध्वी 922 दशवैकालिकसूत्रम् (दश.सूत्र सह रांदेर रोड श्वे. मू.पू. जैन संशो.-सोमचंद्रसूरि, सह 2058 (अ.) 568 (C) तिलकसूरिजी कृत टीका} {दे.ना., गु.} |संघ नेमि विज्ञान संशो.-जिनेशचंद्रविजयजी गणि [[T, S] {1020, 1027} कस्तुरसूरि ग्रंथश्रेणि 13} 923 स्वाध्याय कला (श्रमणक्रिया - सूत्रो वांकी तीर्थ ट्रस्ट संपा.-मुक्तिचंद्रविजयजी 2058 (अ.) 128 (D) तथा दशवकालिक सूत्र) {दश.सूत्र पंन्यास, मुनिचंद्रविजयजी मूल आदि} भाग 2 {गु., दे.ना.} पंन्यास {1020} 924 दशवकालिक सूत्रम् (चूलिका सहित) अखिल भारतवर्षीय । अप्रदर्शित 2059 (3) 208 (D) {दश.सूत्र सह अज्ञात कर्तृक (हिं.) साधुमार्गी जैन संघ, अन्वययुक्त अनु.} {दे.ना.} [T] बीकानेर {गणेश स्मृति {1020, 1079} ग्रंथमाला 19} 925 दशवकालिक वाचना (दश.सूत्र के आगमोद्धारक प्रतिष्ठान संपा.-मतिचंद्रसागरजी 2059 (1) 388 (C) अभयसागरजी पं. कृत (गु.) प्रव.59} {गु.} {1108} 926 कलापूर्ण स्वाध्याय (दशवैकालिक वासुपूज्यस्वामी जैन श्वे. संपा.-अमितयशविजयजी, 2060 (अ.) 128 (E) सूत्र सार्थ) (अध्ययन 1-4) {दश.सूत्र |मू, संघ, अमदावाद (#) आगमयशविजयजी सह भद्रंकरसूरिजी कृत (गु.) अन्व., विवे. (अ.4)} भाग 13{गु., दे.ना.} |[T] {1020, 1059) 927 | दसवेयालिय सुत्तं (दश.सूत्र मूल} | अखिल भारतीय सुधर्म संपा.-पारसमल चण्डालिया 2060 (3) |116 (E) (दे.ना.} {1020} जैन संस्कृति रक्षक संघ {रत्न 74} 928 कलापूर्ण स्वाध्याय (दश.सूत्र सह अंधेरी गुजराती जैन संघ संपा.-अमितयशविजयजी |2060 (अ.) |128+128= | भद्रंकरसूरिजी (#) कृत (गु.) अन्व., (#) |256 (E) विवे. (अ.5)} भाग 13-14 {गु., दे.ना.} [[T] {1020, 1059) दशवैकालिक सूत्रम् {दश.सूत्र सह आत्म ज्ञान श्रमण शिव संपा.-शिवमुनिजी आचार्य डॉ., 2060 (2) 552 (B) आत्मारामजी कृत छाया, (हि.) अन्व., आगम प्रकाशन समिति, सह संपा.-रमेशमुनि आदि अनु., विवे.} {दे.ना.} [T, S] {1020, भगवान महावीर 1039, 1056) मेडिटेशन एन्ड रिसर्च सेंटर ट्रस्ट 930 धर्म-सु-राम-अभयमंजुषा (श्रमण- आदेश्वर जिनालय संपा.-हितरत्नविजयजी 2060 (1) 120 (D) क्रियाना सूत्रो - दशवकालिक सूत्र) कैलासनगर श्वेतांबर {दश.सूत्र मूल अदि} भाग 2{गु.} [T] मूर्तिपूजक जैन संघ-सुरत {1020) Page #227 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 180 31. दशवैकालिकसूत्र वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) |2060 (1) 120 (D) 931 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) दशवकालिक चूलिका (बे चूलिकाओकमल प्रकाशन ट्रस्ट, विवेचन) {दश.सूत्र का अमदावाद {स्वस्तिक चंद्रशेखरविजयजी पं. कृत (गु.) विवे. ग्रंथमाला 39) (चू.2)} {गु.} {1107} संपादक, संशोधक आदि संपा.चंद्रशेखरविजयजी पंन्यास (2) 2060 (पु.मु.) 318 (B) 2061 (अ.) 208 (D) 934 2061 (अ.) |182 (C) 2061 (1) |50 (P) 2062 (2) 134 (D) दसकालियसुत्तं प्राकृत ग्रंथ परिषद संशो., संपा.-पुण्यविजयजी (DASAKALIYASUTTAM) {दश.सूत्र |{ग्रंथांक 17} (आगमप्रभाकर) सह नियुक्ति, अगस्त्यसिंहजी आचार्य कृत चूर्णि} {दे.ना.} [T, S] {1020, 1021, 1024) 933 दशवकालिक सार्थ (दश.सूत्र सह आलवाडा जैन संघ संयो., संपा.-पुण्यश्रमणप्रशमपूर्णविजयजी कृत (गु.) शब्दार्थ, विजयजी, प्रशमपूर्णविजयजी अनु.} {गु.} {1020, 1050} सार्थ दशवैकालिक सूत्रम् (संस्कृत गुरु रामचंद्र प्रकाशन संपा.-जयानंदविजयजी छाया सह) {दश.सूत्र सह समिति जयानंदविजयजी कृत छाया, (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T] {1020, 1045, 1074) 935 दसवैकालिक सूत्रं {दश.सूत्र मूल) जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, {दे.ना., गु.) [S] {1020} पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि 936 कैलास-पद्म स्वाध्याय सागर महावीर जैन आराधना संपा.-पद्मरत्नसागरजी (दशवैकालिकसूत्र, बृहत्संग्रहणी, केन्द्र लघुक्षेत्र समास) {दश.सूत्र मूल, बृहत्संग्रहणी, लघुक्षेत्र समास) भाग 4 {गु.} {1020} डहेलावाळा स्वाध्याय रत्नोदय चेरीटेबल ट्रस्ट संपा.-रत्नचंद्रसूरि (दशवैकालिकसूत्र-मूल-पाठः) {सूरिराम स्मरणमाळा 2} {दश.सूत्र मूल) भाग 2 {गु.} {1020} दशवैकालिक सूत्र {दश.सूत्र सह अनेकांत प्रकाशन जैन संपा.चंद्रगुप्तसूरि (#) चंद्रगुप्तसूरिजी कृत (गु.) अनु., प्रव. रिलीजीयस ट्रस्ट (अ.4) भाग 1-3 {गु., दे.ना.) {1020, 1091} 939 दशवकालिक सूत्र {दश.सूत्र सह | अखिल भारतीय सुधर्म संपा.-नेमिचंदजी बांठिया, पारसमलजी चंडालिया कृत (हिं.) जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया शब्दार्थ, अनु, विवे.} {दे.ना.} [T] | {रत्न 130) {1020, 1052) 940 कलापूर्ण स्वाध्याय (दशवैकालिकसूत्र कलापूर्ण जैन आराधक संपा.-अमितयशविजयजी सार्थ) {दश.सूत्र सह भद्रंकरसूरिजी कृत मंडल (गु.) अन्व., विवे. (अ.6-10, चू.2)} भाग 15-16 {गु.} {1020, 1059 } 937 2062 (अ.) 160 (E) 2063| 2067 (1) |160+180+ 1823522 (C) |2064 (2) 348 (B) 2064 (2) 219+220= 439 (E) (2) Page #228 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. | प्रकाशन नाम एवं परिचय 941 समीसांजनो उपदेश (दशवेकालिकसूत्र) {दश. सूत्र का गोपालदास जीवाभाई पटेल (#) कृत (गु.) अनु.} {गु.) [T] {1069) 942 दशवैकालिकसूत्रम् {दश. सूत्र सह निर्युक्ति, भाष्य, हारि. टीका) (दे.ना. } [T, S] {1020, 1021, 1023, 1026} 943 दशवैकालिकसूत्रम् {दश सूत्र सह नियुक्ति, भाष्य, हारि, टीका) (दे.ना.) [T, S] {1020, 1021, 1023, 1026} 944 दशवैकालिक सूत्र ( दश. सूत्र सह | शशिकांत झा पं. कृत (हिं.) पद्यानु., | हस्तिमलजी आचार्य (#) कृत अन्व., अनु., विवे.) (दे. ना. } [T] {1020, 1057, 1093} 945 दशवेकालिकसूत्रम् (दश. सूत्र सह नियुक्ति, भाष्य, हारि, टीका, गुणहंसविजयजी कृत (गु.) अनु., निर्युक्ति अनु., भाष्यानु., टीकानु.} भाग 1-4 (गु., दे. ना.} {1020, 1021, 1023, 1026, 1081, 1095, 1097, 1100) " आगम प्रकाशन परिचय 947 साधु वेशनो महिमा वाचना-1 दश. सूत्र के रामचंद्रसूरिजी कृत (गु) प्रव. (चू. 1)} {गु.} {1109} 948 दशवैकालिक सूत्र (हिन्दी भावार्थ) {दश. सूत्र का हस्तिमलजी आचार्य (#) कृत (हिं.) अन्व., अनु., | विवे. }{दे.ना.} {1057 } 949 कलापूर्ण स्वाध्याय (दशसूत्र मूल} भाग 37 गु.} {1020) 950 दशवैकालिक सूत्र (मूळपाठ - भावार्थ) ( दश. सूत्र सह धीरज मुनिजी (#) कृत (गु.) अनु.} {गु.) {1020, 1080} | प्रकाशक (ग्रंथमाला} गुजरात विद्यापीठ { पूंजाभाई जैन ग्रंथमाला 18 } 946 आगमसटीक अनुवाद (दशवैकालिक) श्रुत प्रकाशन निधि {दश. सूत्र का दीप. कृत (गु.) अनु., नियुक्ति अनु. भाष्यानु. | हारि. टीकानु.) भाग 36 गु.} {1082, 1096, 1098, 1101} कमल प्रकाशन ट्रस्ट, अमदावाद जिनशासन आराधना ट्रस्ट, (P) देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड (प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 1 } अनेकांत प्रकाशन जैन रिलीजीयस ट्रस्ट, (P) | देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड | सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ अप्रदर्शित संपादक, संशोधक आदि संपा -गोपालदास जीवाभाई पटेल पूर्व संशो., पूर्व संपा. सागरानंदसूरि | कलापूर्ण जैन आराधक मंडल | वर्धमान वैयावच्च केन्द्र संयो. चंद्रगुप्तसूरि, पूर्व संशो. पूर्व संपा. सागरानंदमूरि संपा. गुणहंसविजयजी, राजहंस विजयजी संपा. -दीपरत्नसागरजी (#) स्मृतिमंदिर प्रकाशन {व्याख्यान वाचस्पति ग्रंथमाळा 4 ) सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ अप्रदर्शित संपा. श्रेयांसप्रभसूर वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2064 150 (D) (पु.मु.) 2064 (पु.मु.) 302 (P) 2065 (2) 2065 (2) 288 (P) 2065 (7) 400 (C) 2066 (1) 364+324+ 292...=1232 (B) | 2066 (अ.) 240 (C) | 2066 (अ.) 108 (C) 2066 (1) 174 (C) संपा. पूर्णचंद्रविजयजी गणि(#) 2067 (अ.) 176 (E) संक.. धीरज मुनि 2067 (2) 181 120 (C) Page #229 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 182 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय 951 दशवैकालिकसूत्र (मूळ श्लोक सं. - छाया) (दश. सूत्र सह भद्रंकरसूरिजी कृत छाया} {दे.ना. } {1020, 1041} 952 दीक्षाकुमारी प्रवास अर्थात् साधु | जीवननी उपमिति (दश. सूत्र का अज्ञात कर्तृक रुपकात्मक (गु.) विवे.) भाग 1 {गु.} {1104} 953 दशवेकालिकसूत्रम् (दश सूत्र सह निर्युक्ति, भाष्य और हारि. टीका) {दे.ना. } [T, S] {1020, 1021, 1023, 1026} 954 दशवेकालिकसूत्रम् (दश सूत्र सह सुमतिसाधुसूरिजी कृत टीका) (दे.ना., |गु.} [T] {1020, 1028 } 955 दशवैकालिकसूत्रम् {दश. सूत्र सह | तिलकसूरिजी कृत टीका, समयसुंदरजी उपा. कृत दीपिका टीका ओर सुमतिसाधुसूरिजी कृत लघुटीका} {दे.ना. } [T, S] [1020, 1027, 1028, 1029} 956 विशेषावश्यकभाष्यम् (विशे. भा. सह | मलधारीय टीका, हरगोविंददास | त्रिकमचंद शेठ कृत छाया) (दे.ना.) [T, S] {1119, 1124, 1139} 957 विशेषावश्यकभाष्यम् | आ.नि. (गाथा-408) सह विशे. भा. मूल} दे.ना.) [T. S] [1117, 1119) 958 आवश्यकसूत्रम् {आव. सूत्र सह आ.नि., भाष्य, हारि. टीका) भाग 1-2 {दे. ना. } [T, S] [1116, 1117, 1118, 1123} 959 हारिभद्रीयावश्यकवृत्तिटीप्पणकम् {आ.नि. की हारि. टीका का मलधारीय टिप्पन) दे.ना.) [T] {1129} 960 आवश्यक सूत्र (हिन्दी भाषानुवाद सहित) (आव. सूत्र सह अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.) {दे. ना. } [T] [1116, 1145 } 961 आवश्यक सूत्रोना संक्षिप्त भावार्थ { षडावश्यक के उदयसागरसूरिजी कृत 31. दशवेकालिकसूत्र प्रकाशक ( ग्रंथमाला } | संपादक, संशोधक आदि जिनप्रभसूरि जैन ग्रंथमाला संपा तत्त्वप्रभविजयजी गणि (ग्रं. 35 } दिव्यदर्शन ट्रस्ट श्रीपालनगर जैन श्वे. मू. पू. संपा. पुण्यकीर्तिविजय गणि | देरासर ट्रस्ट (रामचंद्रसूरि स्मृति ग्रंथमाला 31 } दिव्यदर्शन ट्रस्ट जिनप्रभसूरि जैन ग्रंथमाला संशो. तत्त्वप्रभविजयजी गणि | यशोविजय जैन ग्रंथमाला, धर्माभ्युदय प्रेस आगमोदय समिति { सिद्धांत संग्रह 1 } संपा. हीरविजयजी | देवचंद लालभाई जजैन पुस्तकोद्धार फंड (ग्रंथांक 53 ) | राजा बहादुर लाला सुखदेव सहायजी ज्वालाप्रसादजी जोहरी संपा. अभयचंद्रसूरि | बालाभाई ककलभाई 32. आवश्यकसूत्र (956-1006) यशोविजय जैन ग्रंथमाला, संशो. हरगोविंददास त्रिकमचंद 1971 (अ.) 1362 (P) धर्माभ्युदय प्रेस क्र. 25. शेठ पंडित 27, 28, 31, 33, 35, 37, 39} वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2068 (1) 184 (E) संशो.कुमुदसूरि 2068 (पु.मु.) | संपा. अमोलकऋषि 2068 (1) अप्रदर्शित 344 (C) 464 (P) 2069 (अ.) 238 (C) संशो. हरगोविंददास त्रिकमचंद 1971 (अ.) 265 (P) शेठ पंडित 2071 (1) 414 (B) 240+254+ संशो., संपा. सागरानंदसूरि (#) 19721973 (37) 276...= 875 | (P) 1976 (3T.) 120 (P) 1976 (3T.) 56 (P) 1977 (3T.) 96 (E) Page #230 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 183 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) सज्झाय आदि} {गु.} {1130, 1138} 962 आवश्यक सूत्र (हरिभद्रसूरि कृत मोहनलालजी जैन संपा.-माणेक मुनि 1979 (1) 312 (D) टीका नियुक्ति मूळ साथे भाषांतर). श्वेतांबर ज्ञानभंडार, (आ.नि. सह माणेक मुनिजी कृत सुरत (लखमाजी हारि. टीका का (गु.) अनु. जीवणजी पुस्तकोद्धार (नि.गाथा-139)} विभाग 1 फंड ग्रंथांक 3} {गु., दे.ना.} {1117, 1158} 963 विशेषावश्यक भाषान्तर (विशे.भा. आगमोदय समिति अप्रदर्शित 1980- 636+552%3D सह चुनीलाल हकमचंद शाह कृत (गु.) 1983 (1) 1188 (B) अनु., मलधारीय टीका का अनु., भाग 1-2 {गु., दे.ना.} [T] {1119, 1154, 1159) 964 आवश्यकसूत्रम् {आव.सूत्र सह आगमोदय समिति, संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) 1984- 304+154+1 आ.नि., भाष्य, मलय.टीका (अ.2)} देवचंद लालभाई जैन | 1992 (अ.) 683626 (P) |भाग 1-3 (दे.ना.) [S] {1116, 1117, पुस्तकोद्धार फंड 1118, 1125) {ग्रंथोद्धार 56) आवश्यकसूत्रं {आ.नि.की चूर्णि ऋषभदेव केशरीमलजी संशो.-सागरानंदसूरि (2) 1984 620+3283 भाग 1-2 {दे.ना.} [9] {1120} जैन श्वेतांबर संस्था 1986 (अ.) 948 (P) 966 विशेषावश्यकसूत्रम् {विशे.भा. सह ऋषभदेव केशरीमलजी संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) |1993 (अ.) 504+496%D कोट्याचार्यजी कृत टीका) भाग 1-2 जैन श्वेतांबर संस्था |1000 (P) (दे.ना.) [T, S] {1119, 1122} 967 आवश्यकनियुक्तिदीपिका {आव.सूत्र दानसूरिजी जैन ग्रंथमाला संशो.-मानदेवसूरि, 1996- 7 230+205+ सह आ.नि., भाष्य, (रत्न 16} संपा.-हीरालाल रणछोडभाई 2005 (अ.) 53=488 (P) माणिक्यशेखरसूरिजी कृत दीपिका} मास्तर (#) भाग 1-3 (दे.ना.} [T, S] {1116, 1117, 1118, 1127} 968 | NIHNAVA-VADA [Shramana जैन ग्रंथ प्रकाशक सभा, संपा.-रत्नप्रभविजयजी 2003 (अ.) 404 (B) Bhagavan Mahavira] (विशे.भा. अमदावाद (निह्नववाद) सह मलधारीय टीका, धीरुभाई ठाकर डॉ. कृत छाया, (अं.) अनु., टीकानुसारी विवे. (गाथा2296-2620)} Volume iv {रो., दे.ना.) [T, S] {1119, 1124, 1140, 1146,1164) 969 आवश्यकसूत्रम् अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि | 2014 (2) 396 (B) [AVASHYAKASUTRAM) स्थानकवासी जैन {आव.सूत्र सह घासी. कृत छाया, शास्त्रोद्धार समिति टीका, (हिं., गु.) स्वोपज्ञ टीकानु.} (दे.ना., गु.) [T] {1116,1141, 1142, 1162, 1163} संपा.-राजेन्द्रसूरि समरथबाई जैन श्वे. मू. ज्ञानोद्धार ट्रस्ट 2019 (अ.) 793+399= 1192 (P) विशेषावश्यकभाष्यम् {विशे.भा., मलधारीय टीका सह हरगोविंददास शेठ कृत छाया) भाग 1-2 (दे.ना.) | [T, S] 11119, 1124,1139) Page #231 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 184 32. आवश्यकसूत्र प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2021 (अ.) 460+348= 808 (P) संशो., संपा.-मानदेवसूरि देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड {ग्रंथांक 108} क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय 971 आवश्यकसूत्रनिर्युक्तेरवचूर्णिः {आव.सूत्र सह आ.नि., भाष्य, ज्ञानसागरसूरिजी कृत अवचूरि एवं तिलकसूरि कृत टीका ((गाथा-16, गाथा-1608-1637)} भाग 1-2 {दे.ना., गु.) [T, S] {1116, 1117, 1118, 1126,1128} |972 विशेषावश्यकभाष्यम् (विशे.भा. सह कोट्याचार्यजी कृत टीका (गाथा-2080)} भाग 1 {दे.ना., रो.} [T, S] {1119, 1122) संपा.-Nathamalji Tatia Dr. 2028 (अ.) |440 (B) प्राकृत, जैनशास्त्र अने अहिंसा शोध संस्थान {सीरिझ वो. 6} 338+257%D 595 (A) 340+378%3D 718 (A) 668+6483 1316 (B) 123 (P) 973 आवश्यकनियुक्तिः {आव.सूत्र सह भेरुलाल कनैयालाल पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि 2038 आ.नि., भाष्य, हारि. टीका) भाग 1-2 कोठारी रिलिजीयस ट्रस्ट, (पु.म.) (दे.ना.} [T, S] {1116, 1117, 1118, (P) आगमोदय समिति 1123) 974 विशेषावश्यकभाष्य (विशे.भा. सह दिव्यदर्शन ट्रस्ट, (P) पूर्व संशो.-हरगोविंददास । 2039 मलधारीय टीका, हरगोविंददास यशोविजय जैन ग्रंथमाला |त्रिकमचंद शेठ पंडित (#) (पु.मु.) त्रिकमचंद शेठ पं. कृत छाया) भाग 1-2 {दे.ना.} [T] {1119, 1124,1139) 975 विशेषावश्यक भाष्य भाषांतर बाबु अमीचंद पनालाल संपा.-वज्रसेनविजयजी पंन्यास |2039-... {विशे.भा. सह चुनीलाल हकमचंद आदीश्वर जैन टेम्पल |2040(2) शाह कृत (गु.) अनु., मलधारीय चेरीटेबल ट्रस्ट, (P) टीकानु.} भाग 1-2 {गु., दे.ना.} [T] आगमोदय समिति {1119, 1154, 1159) 976 हारिभद्रीयावश्यकवृत्तिटीप्पणकम् जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व संपा.-कुमुदसूरि | 2045 {आ.नि. की हारि. टीका का ट्रस्ट, (P) देवचंद लालभाई (पु.मु.) मलधारीय टिप्पन} {दे.ना., गु.) जैन पुस्तकोद्धार फंड [T, S] {1129) आवश्यकसूत्रम् {आव.सूत्र सह जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व 2046 आ.नि., भाष्य, मलय.टीका (अ.2)} ट्रस्ट, (P) आगमोदय संपा.-सागरानंदसूरि (प.म.) भाग 1-3(दे.ना.) [S] {1116, 1117, |समिति (आगम प्रकाशन | 1118, 1125) माला 5} 978 | आवश्यकसूत्रम् {आव.सूत्र सह जिनशासन आराधना पूर्व संशो.. पूर्व 2047 नियुक्ति, भाष्य, हारि. टीका) भाग 1-4 ट्रस्ट, (P) आगमोदय संपा.-सागरानंदसूरि (#) (पु.मु.) {दे.ना.} [T, S] {1116, 1117, 1118, समिति (आगम प्रकाशन 1123} माला 16} आवश्यकनियुक्तिदीपिका {आव.सूत्र जिनशासन आराधना पूर्व संशो.-मानदेवसूरि 2046 2048 सह आ.नि., भाष्य, ट्रस्ट, (P) दानसूरिजी जैन (पु.मु.) माणिक्यशेखरसूरिजी कृत दीपिका) ग्रंथमाला {आगम भाग 1-3 (दे.ना., गु.} [T, S] {1116, प्रकाशन माला 22} 1117,1118,1127) 980 VISESAVASYAKABHASYA लालभाई दलपतभाई संपा.-दलसुखभाई मालवणिया 2024(विशेषावश्यकभाष्यं) (विशे.भा. सह भारतीय संस्कृति पंडित 2049(2) 977 308+152+1. 54-614 (P) |272+238+ 277...%D894 (P) 979 236+200+ 483484 (P) 1316+336+ 35431006 (B) Page #232 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 185 प्रकाशन नाम एवं परिचय संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण और कोट्टार्यवादि कृत टीका} भाग 1-3 {दे.ना., रो.} [T, S] {1119, 1121} प्रकाशक (ग्रंथमाला) विद्यामंदिर {ला. द. ग्रंथश्रेणि 10} 981 आवश्यकसूत्र (AVASHYAK आगम प्रकाशन समिति, प्रधान संपा., पूर्व 2051(2) 198 (B) SUTRA) {आव.सूत्र सह सुप्रभा ब्यावर {जिनागम संयो.-मिश्रीमलजी मुनि, साध्वीजी डॉ. कृत (हिं.) अनु., विवे. ग्रंथमाला ग्रंथांक 24} संपा.-सुप्रभाजी साध्वी डॉ. और देवेन्द्र मुनिजी शास्त्री कृत शोधग्रंथ) {दे.ना.) [T, S] {1116,1149, 1166) 98245-आगमसुत्ताणि (आवस्सयं) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) |20 (C) {आव.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.) {1116) 983 | विशेषावश्यक भाष्य भाषांतर भद्रंकर प्रकाशन, (P) संपा.-वज्रसेनविजयजी पंन्यास |2053 (3) 680+584= {विशे.भा. सह चुनीलाल हकमचंद 1264 (B) बाबु अमीचंद पनालाल शाह कृत (गु.) अनु., मलधारीय आदीश्वर जैन टेम्पल टीकानु.) भाग 1-2 {गु., दे.ना.} [T] चेरीटेबल ट्रस्ट {1119, 1154, 1159) 984 | आगम सुत्ताणि (सटीकं) (आव.सूत्र) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी 2056 (अ.) 448+3523 {आव.सूत्र सह नियुक्ति, भाष्य 800 (C) और हारि.टीका) भाग-24, 25 {दे.ना., गु.} {1116, 1117, 1118, 1123} 985 आवश्यक नियुक्ति [Avasyaka जैन विश्व भारती संपादिका-कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ. 2058 (1) 587 (B) |Niryukti] {आ.नि. सह दुलहराजजी मुनि कृत (हिं.) अनु. (गाथा-680)) भाग 1 {दे.ना.} [T, S] {1117,1152} 986 विशेषावश्यक सूत्रम् {विशे.भा. सह | जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व 2060 534 (P) कोट्याचार्यजी कृत टीका ट्रस्ट, (P) ऋषभदेव संपा.-सागरानंदसूरि (#) (पु.मु.) (गाथा-2084)} भाग 1{दे.ना., गु.) । केशरीमलजी जैन श्वेतांबर [T, S] {1119, 1122) संस्था 987 आवश्यक नियुक्ति दीपिका रंजनविजयजी जैन संपा.-रत्नज्योतविजयजी 2060 (1) 480 (B) (गुर्जरभावानुवाद) {आव.सूत्र, आ.नि., पुस्तकालय पंन्यास भाष्य सह रत्नशेखरसूरि कृत (गु.) नियु, अनु., भाष्यानु., दीपिकानुसारि विवे. (नि.गाथा-1109) भाग 1 {गु., दे.ना.} [T] {1116, 1117, 1118, 1151,1155,1165) 988 विशेषावश्यक भाष्यम् {आ.नि. हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2060 (1) 266 (P) (गाथा-408) सह विशे.भा.} {दे.ना.} {ग्रं. 409} [T, S] {1117, 1119} 989 विशेषावश्यक भाष्यम् (विशे.भा. सह हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2060 (1) 402+962%3D मलधारीय टीका, हरगोविंददास |1364(P) {ग्रं.413} त्रिकमचंद शेठ कृत छाया} भाग 1-2 {दे.ना.) [T, S] {1119, 1124,1139) Page #233 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 186 क्र. 990 प्रकाशन नाम एवं परिचय आवश्यक सूत्रं ( आव. सूत्र मूल } {दे.ना., गु.} [S] [1116} 991 आवश्यक निर्युक्ति दीपिका (आव. सूत्र सह आ.नि., माणिक्यशेखरसूरिजी कृत दीपिका} भाष्य, भाग 1-3 (दे.ना. } [T, S] {1116, 1117, 1118, 1127) 992 | आवश्यक सूत्र विवरणम् ( आ.नि. सह भाष्य, मलय. टीका (नि. गाथा-829) } भाग 1-2 (दे. ना. } [T, S] {1117, 1118, 1125) 993 आवश्यकचूर्णि आव. सूत्र और 994 आवश्यकसूत्रावचूर्णि: {आव. सूत्र सह आ.नि., भाष्य, ज्ञानसागरसूरिजी कृत अव.] भाग 1-2 (दे. ना. } [T, S] {1116, 1117, 1118, 1128} 995 आवश्यक सूत्र [AAVSHYAK | SUTRA] { आव. सूत्र सह रुपाबाई महासतीजी कृत (गु.) शब्दार्थ, अनु.. | विवे} {गु., दे.ना.} {1116, 1144} 996 आवश्यक सूत्र (आव. सूत्र सह | पारसमलजी चंडालिया कृत (हिं.) शब्दार्थ, अनु., विवे} {दे. ना. } [T] {1116, 1143) आ. नि. की चूर्णि} भाग 1-2 (दे. ना. } { ग्रं. 417 } {1120} 997 आवश्यकसूत्रम् ( आव. सूत्र सह आ.नि., भाष्य, मलय. टीका (अ.1, अ. 2 - गाथा - 4) } भाग 1-3 (दे.ना. } [S] {1116, 1117, 1118, 1125) 998 आवश्यकनिर्युक्तिः ( आ.नि. सह भाष्य, तिलकसूरिजी कृत टीका} भाग 1-2 (दे. ना. गु.) [T. S] [1117, 1118, 1126} 999 आवश्यकनिर्युक्तिः (आव. सूत्र सह निर्युक्ति, भाष्य, हारि. टीका} भाग 1-4 { दे. ना. } [T, S] {1116, 1117, 1118, 1123} 32. आवश्यक सूत्र | प्रकाशक (ग्रंथमाला} जैनानंद पुस्तकालय हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा. -जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 420 } हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा. जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 422 } हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो, संपा. जिनेन्द्रसूरि हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा. जिनेन्द्रसूरि ग्रं. 427 } | गुरुप्राण फाउन्डेशन आगमयत्रीसी रत्न 33) संपादक, संशोधक आदि संपा. पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व संशो. पूर्व | संपा. सागरानंदमूरि अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ {रत्न 130 } सन्मार्ग प्रकाशन {रामचंद्रसूरि आगमोद्धारक श्रुतसेवा संशो., संपा. सागरानंदसूरि समिति (P) आगमोदय समिति (श्रेणी 3) स्मृति संस्कृत-प्राकृत ग्रंथमाळा 19 } | जिनशासन आराधना ट्रस्ट, (P) आगमोदय समिति प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 18 } प्रधान संपा. - .- लीलमबाई महासतीजी, सहसंपादिका आरतीबाई महासतीजी डॉ., | सुबोधकाबाई साध्वी | संपा, नेमिचंदजी बांठिया, पारसमल चण्डालिया वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 28 (P) 2061 (1) पूर्व संशो. पूर्व संपा. सागरानंदसूरि (#) 2061 (1) 2061 (1) 2061 (1) 2061 (1) 2062 (1) 2063 (2) 2063 (पु.मु.) 392+414= 806 (P) 2064 (पु.मु.) 512+256= 768 (P) 544+288= 832 (P) 416+257= 673 (P) 320 (B) 304 (B) संशो., संपा. पुण्यकीर्तिविजय 2063 (अ.) 520+624= गणि 1144 (P) 306+169+1 70=645 (P) 268+254+ 286...=925 | (P) Page #234 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 187 (P) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) आवश्यकसूत्र (छाया सहित) नीतिसूरि जैन तत्त्वज्ञान संक., संशो.-प्रशमेशप्रभ- 2064 (अ.) 76 (D) {आव.सूत्र सह दीप. कृत (गु.) अनु.} पाठशाळा, सिद्धाचल विजयजी, हार्दिकरत्नविजयजी {गु., दे.ना.} {1116, 1147) शणगार ट्रस्ट, पालीताणा {1} 1001 आगम सटीक अनुवाद श्रुत प्रकाशन निधि संपा.-दीपरत्नसागरजी (2) 2066 (अ.) 224...%944 (आवश्यक-1-4) {आ.नि.-भाष्य और (C) हारि.टीका का दीप. कृत संमिलित (ग.) अनु. भाग-31, 32, 33, 34 {गु.) {1150, 1156, 1160} आवश्यकनियुक्तिदीपिका {आव.सूत्र जिनशासन आराधना संशो.-मानदेवसूरि 2067 480+418+ 12431022 सह आ.नि., भाष्य, ट्रस्ट, (P) दानसूरिजी जैन (पु.मु.) माणिक्यशेखरसूरिजी कृत दीपिका) ग्रंथमाला {प्राचीन श्रुत भाग 1-3 {दे.ना.} [T, S] {1116, समुद्धार पद्यमाला, 1117, 1118,1127} पद्म 47} 1003 आवश्यक नियुक्ति {आव.सूत्र सह प्रेमसूरीश्वरजी संस्कृत संपा.-आर्यरक्षितविजयजी (2) |2067- 388+412+ 2069 (1) 1408...-2830 आ.नि., भाष्य, हारि.टीका, पाठशाळा (B) आर्यरक्षितविजयजी कृत आ.नि. का (गु.) अनु., भाष्यानु., टीकानु., मलधारीय (सं.) टीप्पन} भाग 1-7 {गु., दे.ना.) [T] {1116, 1117, 1118, 1123, 1129, 1153, 1157, 1161) 1004 आवश्यकसूत्र (आव.सूत्र, आ.नि. सह जिनशासन आराधना संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) |2068 181+184%D भाष्य, मलय. टीका (नि.गाथा- ट्रस्ट, (P) आगमोदय (पु.मु.) 365 (P) 543-1099)} भाग-2-3 (दे.ना.) [s] समिति {प्राचीन श्रुत {1116, 1117, 1118, 1125} समुद्धार पद्यमाला, पद्म 66} 1005 हारिभद्रीयावश्यकवृत्तिटिप्पनकम् जिनशासन आराधना पूर्व संशो.-कुमुदसूरि 2068 148 (P) {आ.नि.की हारि. टीका का मलधारीय ट्रस्ट, (P) देवचंद (पु.मु.) टिप्पन} {दे.ना.} [T, S] {1129} लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड (प्राचीन श्रृत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 58} | 1006 आवश्यकसूत्रम् (आव.सूत्र सह श्रीपालनगर जैन श्वे. मू.पू. संपा.-पुण्यकीर्तिविजय गणि 2068 (1) 1496+402+ 506...-1600 नियुक्ति, भाष्य, हारि. टीका) भाग 14 | देरासर ट्रस्ट {रामचंद्रसूरि (P) {दे.ना.} [T, S] {1116, 1117, 1118, स्मृति ग्रंथमाला 29→1) 1123} 33.पिंडनियुक्तिसूत्र (1007-1018) 1007 पिण्डनियुक्तिः {पिंड.सूत्र सह भाष्य, देवचंद लालभाई जैन संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) 1974(1) 182 (C) मलय. टीका) (दे.ना.} [T, S] {1167, | पुस्तकोद्धार फंड 1168, 1171) | {ग्रंथांक 44) 1008| पिण्डनियुक्तिः {पिंड.सूत्र सह भाष्य, देवचंद लालभाई जैन संपा.-कंचनविजयजी 2014 (1) 197 (P) क्षमारत्न मुनि कृत अवचूरि, वीर पुस्तकोद्धार फंड गणिजी कृत (गाथा-28, 625-671 {ग्रंथांक 105} Page #235 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 188 33. पिंडनियुक्तिसूत्र क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) की) टीका और माणिक्यसुंदरसूरिजी कृत (गाथा-65, 586-671 की) दीपिका टीका} {दे.ना.} [T, S] {1167, 1168, 1170, 1172, 1173} 1009 | पिंडनियुक्ति ग्रंथरत्ननो टीकार्थयुत. शासनकंटकोद्धारकसूरि संपा.-हंससागरसूरि (#) 2018 (अ.) |418 (B) सुविशुद्ध अनुवाद (पिंड.सूत्र सह जी जैन ज्ञानमंदिर भाष्य, हंससागरसूरिजी कृत (गु.) {ग्रंथांक 9} अनु., भाष्यानु., मलय. टीकानु.) {गु., दे.ना.} [T] {1167, 1168, 1175, 1180, 1182) 1010 पिण्डनियुक्तिः (पिंड.सूत्र सह भाष्य, जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व 2047 182 (P) मलय. टीका} {दे.ना.} [T,S] {1167, ट्रस्ट, (P) देवचंद लालभाई संपा.-सागरानंदसूरि (2) (पु.मु.) 1168,1171) जैन पुस्तकोद्धार फंड {आगम प्रकाशन माला 25 1011 पिण्डनियुक्तिः {पिंड.सूत्र सह भाष्य, हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2049 (1) 590 (P) मलय. टीका, क्षमारत्न मुनि कृत {ग्रं. 256) |अवचूरि माणिक्यसुंदरसूरिजी कृत (गाथा-65, 586-671 की) दीपिका टीका और वीर गणिजी कृत (गाथा-28, 625-671 की) टीका) {दे.ना., गु.} [T, S] {1167, 1168, 1170, 1171, 1172, 1173) 1012| पिण्डनियुक्तिः (पिंड.सूत्र सह भाष्य, आनंद प्रकाशन, संपा.-अक्षयचंद्रसागरजी गणि, 2056 188 (P) मलय.टीका) {दे.ना., गु.) [T,s] अमदावाद, (P) देवचंद पूर्व संशो., पूर्व (पु.मु.) {1167, 1168, 1171} लालभाई जैन पुस्तकोद्धार संपा.-सागरानंदसूरि फंड (2) 1013 पिण्डनियुक्ति सूत्रं {पिंड.सूत्र सह जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2061 (1) 56 (P) भाष्य} {दे.ना., गु.} [s] पूर्व संशो., पूर्व |{1167, 1168} संपा.-सागरानंदसूरि 1014 पिण्डनियुक्ति [PINDANIRYUKTI] जैन विश्व भारती प्रधान संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य, 2064 (1) 520 (B) | {पिंड.सूत्र सह भाष्य, दुलहराजजी संपादिका-कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ. मुनि कृत (हिं.) अनु., भाष्यानु., कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ. कृत शोधग्रंथ} भाग 4 {दे.ना.) [T, S] {1167, |1168,1178,1181, 1185) 198 (P) पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि (#) 2064 (पु.मु.) 1015 पिण्डनियुक्तिः (पिंड.सूत्र सह भाष्य, जिनशासन आराधना मलय. टीका) {दे.ना.} [T, S] {1167, ट्रस्ट, (P) आगमोदय 1168,1171} समिति {प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 5) 1016 पिण्डनियुक्तिः (पिंड.सूत्र सह भाष्य, दिव्यदर्शन ट्रस्ट संशो., संपा.-करुणादृष्टि 2067 (अ.) 220 (B) Page #236 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 189 क्र. वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 438 (B) 2067 (2) (संवर्धित) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि हरिभद्रसूरिजी और वीराचार्यजी कृत विजयजी (#) टीका} {दे.ना.} [T, S] {1167, 1168, 1169) 1017 पिंडनियुक्ति ग्रंथनो अनुवाद दिव्यदर्शन ट्रस्ट, (P) संपा.-हीरविजयजी, पूर्व {पिंड.सूत्र सह भाष्य, हंससागरसूरिजी शासनकंटकोद्धारकसूरि संपा.-हंससागरसूरि कृत (गु.) अनु., भाष्यानु., मलय. जी जैन ज्ञानमंदिर टीकानु.} {गु., दे.ना.} [T, S] {1167, 1168, 1175, 1180, 1182} 1018| पिण्डनियुक्तिः (पिंड.सूत्र सह भाष्य, दिव्यदर्शन ट्रस्ट संशो., संपा.-करुणादृष्टि वीरगणिजी कृत टीका) (दे.ना.) [T, विजयजी (2) s] {1167, 1168, 1170) 2068 (अ.) 356 (B) 1954 (1) 252 (C) 1966 (अ.) 85 (D) 34. चतु:शरणप्रकीर्णकसूत्र (1019-1027) 1019 आत्महितोपदेश {चतुः.प्रकी.सूत्र सह बालाभाई खुशाल हाजी अप्रदर्शित बालाभाई खुशाल हाजी (#) कृत (गु.) अनु., अभय. कृत (प्रा.) आगम अष्टोत्तरी सह अज्ञात कर्तृक बा.बो. आदि) (दे.ना.} {845, 1186, 1198) 1020 चैत्यवंदन चोवीसी अर्थ सहित तथा भीमसिंह माणेक श्रावक संपा..भीमसिंह माणेक (2) अध्यात्मबावनी अने ज्ञानपचीसीना दोहा अने अर्थ साथे चउसरण पयन्नो {चतुः प्रकी.सूत्र सह बालाभाई खुशाल हाजी (#) कृत (गु.) अनु. एवं चैत्यवंदन चोवीसी सार्थ आदि} {दे.ना.} {1186, 1198} 1021 चउसरणपयन्ना मूलार्थसहितं हीरालाल हंसराज पंडित अप्रदर्शित {चतुः प्रकी.सूत्र सह अजितसागरसूरिजी (#) कृत (गु.) अनु.} {दे.ना.} {1186, 1200) 1022 THE ADYAR LIBRARY Adyar Library & संपा.-V.Raghavan Dr., BULLETIN (MAHAVIRA Research Centre Radha Burnier, JAYANTI VOLUME) K.Kunjunni Raja {चतुः प्रकी.सूत्र सह के. आर.नोर्मन कृत (अं.) अनु. और आगम आदि संबंधित विविध कर्तृक लेखसंग्रह) Volume xxxVIII (रो., दे.ना.) {1186, 1202} 1994 (अ.) 18 (P) 2030 (अ.) 258 (C) 1023 चतुःशरण-प्रकीर्णकम् {चतुः.प्रकी.सूत्र हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2041 (1) 54 (D) सह सोमसुंदरसूरिजी कृत अवचूर्णि) {ग्रं. 139) {दे.ना.} {1186, 1190) 1024 45 आगमसुत्ताणि [चउसरण पइण्णयं] आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) 12 (C) {चतुः प्रकी.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.) {1186} Page #237 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 190 34. चतुःशरणप्रकीर्णकसूत्र क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1025 चतुःशरणप्रकीर्णकम् {चतुः प्रकी.सूत्र हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि |2052 (1) 44 (P) सह सोमसुंदरसूरिजी कृत अवचूर्णि} {ग्रं. 320} {दे.ना.} [T, S] {1186, 1190} 1026 चतुःशरणं सूत्रं (चउःसरण सूत्रम्) जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व 2061 (1) 14 (P) {चतुः प्रकी.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि ITS] {11861 1027 चतुःशरणप्रकीर्णकम् {चतुः.प्रकी.सूत्र सन्मार्ग प्रकाशन संशो., संपा.-कीर्तियशसूरि 2064 (1) 340 (B) सह अज्ञात कर्तृक छाया, बृहद्विवरण, {रामचंद्रसूरि अवचूरि, सोमसुंदरसूरिजी कृत स्मृति-संस्कृत-प्राकृत अवचूरि, गुणरत्नसूरिजी कृत टीका, ग्रंथमाळा 22) टिप्पण, विनयविजयजी कृत बा.बो., कीर्तियशसूरिजी (#) कृत (गु.) अनु. और लघु चतुः प्रकी.सूत्र सह कीर्तियशसूरिजी कृत छाया, (गु.) अनु. आदि) {दे.ना., गु.) [T, S] {1186, 1187, 1188, 1189, 1190, | 1191,1192,1196, 1206, 1517, 1518, 1519, 1570) 35. आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णकसूत्र (1028-1030) | 1028|45-आगमसुत्ताणि [आउरपच्चक्खाण आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) |16 (C) पइण्णयं] {आ.प्र.प्रकी.सूत्र मूल) {दे.ना., गु.} {1209) 1029 आउरपच्चक्खाण सूत्रं जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व 2061 (1) 14 (P) {आ.प्र.प्रकी.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.) संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि [S] {1209) 1030 आतुरप्रत्याख्यानप्रकीर्णकम् सन्मार्ग प्रकाशन संशो., संपा.-कीर्तियशसूरि |2066 (1) 400 (B) (सिरि-आउरपच्चक्खाण-पइण्णयं) {रामचंद्रसूरि {आ.प्र.प्रकी.सूत्र सह स्मृति-संस्कृत-प्राकृत भुवनतुंगसूरिजी कृत टीका, ग्रंथमाळा 27) सोमसुंदरसूरिजी और गुणरत्नसूरिजी कृत अवचूरियाँ, अज्ञात कर्तृक छाया, बा.बो., (गु.) अनु. और (लघु) आ.प्र.प्रकी.सूत्र-1 एवं 2 मूल आदि) (दे.ना., गु.) [T,S] {1209, 1210, 1211, 1212, 1213, 1217, 1225, 1520, 1521, 1570) 36. भक्तपरिज्ञाप्रकीर्णकसूत्र (1031-1033) 1031 45-आगमसुत्ताणि (भत्तपरिन्ना आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी 2052 (अ.) 20 (C) पइण्णयं) {भक्त.प्रकी.सूत्र मूल) {दे.ना., गु.} {1228} 1032 भक्तपरिज्ञाप्रकीर्णकम् (भक्त.प्रकी.सूत्र हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2052 (1) 22 (P) मूल}{दे.ना.}{1228} {ग्रं. 283) Page #238 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 191 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) 1033 भक्तपरिज्ञा सूत्रं {भक्त.प्रकी.सूत्र मूल} जैनानंद पुस्तकालय (दे.ना., गु.} [S] {1228} संपादक, संशोधक आदि संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2061 (1) 20 (P) 37.संस्तारकप्रकीर्णकसूत्र (1034-1036) 1034 संथारगपइण्णयं (संस्तारक-प्रकीर्णक) आगम अहिंसा समता एवं संपा.-सागरमल जैन डॉ. 2051 (1) |100 (C) {संस्ता.प्रकी.सूत्र सह सुरेश सिसोदिया प्राकृत संस्थान {आगम डॉ. कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T, S] संस्थान ग्रंथमाला 13) {1235, 1239} 103545-आगमसुत्ताणि (संथारग पइण्णयं) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी 2052 (अ.) 16 (C) {संस्ता .सूत्र मूल} {दे.ना., गु.) {1235} 1036 संस्तारक सूत्रं (संथारग सूत्रम्) जैनानंद पुस्तकालय |संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व 2061 (1) |18 (P) {संस्ता.प्रकी.सूत्र मूल) (दे.ना., गु.] संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि [S] {1235) ___38. तंदुलवैचारिकप्रकीर्णकसूत्र (1037-1043) 1037 तंदुलवेयालियपयन्नं-अर्थसहितं हीरालाल हंसराज पंडित संपा.-हीरालाल हंसराज (2) 1967 (अ.) |122 (P) (तंदुल.प्रकी.सूत्र सह हीरालाल हंसराज |पं. कृत (गु.) अनु.} (दे.ना.) {1243, 1248} 1038 तन्दुल वैचारिक. प्रकीर्णकम् (तन्दुल श्वेतांबर साधुमार्गी जैन संशो., संपा.-वीरपुत्रजी महाराज 2006 (1) 98 (P) वेयालिय पइण्णं) {तंदुल.प्रकी.सूत्र हितकारिणी संस्था सह अंबिकादत्तजी ओझा कृत छाया, (हिं.) अनु.} {दे.ना.} {1243, 1247, 1249} 1039 तन्दुलवैचारिक-प्रकीर्णकम् हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि |2042 (1) 164 (D) {तंदुल.प्रकी.सूत्र सह विजयविमल {ग्रं. 146} गणिजी कृत टीका} {दे.ना.} [T, S] {1243, 1244) 1040 तंदुलवेयालियपइण्णयं । आगम अहिंसा समता एवं संपा.-सागरमल जैन डॉ. 2047 (1) |110 (C) (तंदुलवैचारिक-प्रकीर्णक) प्राकृत संस्थान (आगम (तंदुल.प्रकी.सूत्र सह सुभाष कोठारी संस्थान ग्रंथमाला 5) डॉ. कृत (हिं.) अनु., विस्तृत परिचय) {दे.ना.) [T, S] {1243, 1250) तन्दुलवैचारिक-प्रकीर्णकम् हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि | 2050 (1) 102 (P) {तंदुल.प्रकी.सूत्र सह विजयविमल {ग्रं. 307} गणिजी कृत टीका} {दे.ना.} [T, S] {1243, 1244) 1042 45-आगमसुत्ताणि (तंदुलवेयालिय आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) 24 (C) पइण्णयं) {तंदुल.प्रकी.सूत्र मूल {दे.ना., गु.} {1243) 1041 Page #239 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 192 38. तंदुलवैचारिकप्रकीर्णकसूत्र क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय | 1043 | तन्दुलवैचारिक सूत्रं (तंदुलवेयालिय सूत्रम्) {तंदुल.प्रकी.सूत्र मूल) {दे.ना.,गु.) [S] {1243) प्रकाशक {ग्रंथमाला) जैनानंद पुस्तकालय संपादक, संशोधक आदि संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2061 (1) 32 (P) 1997 (अ.) 15 (P) 2038(1) 150 (E) 2047 (1) 116(C) 39. चन्द्रावेध्यकप्रकीर्णकसूत्र (1044-1049) | 1044 चंदाविज्झय [चंदगविज्झंपइण्णय केशरबाई जैन ज्ञानमंदिर संपा.-क्षमाभद्रसूरि {चंद्रा.प्रकी.सूत्र सह चतुरविजयजी {कमलसूरीश्वरजी जैन कृत छाया} {दे.ना.} ग्रंथमाला 4} {1254, 1255} |चदा-वज्झय पइण्णय {चंद्रा.प्रकी.सूत्र महावीर तत्त्वज्ञान प्रचारक | अप्रदशित सह कलापूर्णसूरिजी कृत (गु.) अनु.} मंडल {गु., दे.ना.} {1254, 1256} | 1046| चंदावेज्झयं पइण्णय आगम अहिंसा समता एवं संपा.-सागरमल जैन डॉ. (चन्द्रवेध्यक-प्रकीर्णक) प्राकृत संस्थान {आगम (चंद्रा.प्रकी.सूत्र सह सुरेश सिसोदिया संस्थान ग्रंथमाला 6} डॉ. कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [[T, S] {1254, 1257) 1047 चन्द्रवेध्यक-प्रकीर्णकम् हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि | {चंद्रा.प्रकी.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} {I. 270) {1254} 1048| पूर्वाचार्य रचित 'सिरिचंदावेज्झय गुरु रामचंद्र प्रकाशन संपा.-जयानंदविजयजी (2) पइण्णयं' {चंद्रा.प्रकी.सूत्र सह समिति कलापूर्णसूरिजी के अनु. का जयानंदविजयजी कृत (हिं.) भाषां.} {दे.ना.} {1254, 1259) 1049 CANDAVEJJHAYAM आगम अहिंसा समता एवं संपा.-सागरमल जैन डॉ. PAINNAYAM (CHANDRA प्राकृत संस्थान {आगम VEDHYAKA PRAKIRNAKA) संस्थान ग्रंथमाला 20} {चंद्रा.प्रकी.सूत्र सह सुरेश सिसोदिया डॉ. के अनु. का कर्नल दलपतसिंघ बाया डॉ. कृत (अं.) भाषां.} {रो.} [T, S] {1254, 1261} 2049 (1) 20 (P) 2057 (अ.) |32 (C) 2058 (1) 146 (C) 40. देवेन्द्रस्तवप्रकीर्णकसूत्र (1050-1052) 1050 देवेन्द्रस्तव-प्रकीर्णकम् {देवे.प्रकी.सूत्र हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2049 (1) 24 (P) मूल) {दे.ना., गु.} {1262) {ग्रं. 253) | 1051 45-आगमसुत्ताणि देविंदत्थओ आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी 2052 (अ.) 28 (C) पइण्णयं] {देवे.प्रकी.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} {1262} 1052 देवेन्द्रस्तव सूत्रं (देविंदस्थ सूत्रम्) जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, |2061 (1) 28 (P) {देवे.प्रकी.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.) पूर्व संशो., पूर्व [s] {1262} संपा.-सागरानंदसूरि Page #240 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय 1053 गणिविज्जापट्टण्णर्य (गणिविद्या प्रकीर्णक) गणि प्रकी, सूत्र सह सुभाष कोठारी डॉ. कृत (हिं.) अनु.} {दे. ना. } [T, S] [1266, 1268} 1054 45- आगमसुत्ताणि (गणिविज्जा पइण्णयं) (गणि. प्रकी. सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} {1266) | 1056 महापच्चक्खाणपइण्णयं (महाप्रत्याख्यान प्रकीर्णक) | प्रकाशक (ग्रंथमाला } संपादक, संशोधक आदि 41. गणिविद्याप्रकीर्णकसूत्र (1053-1055) संपा. सागरमल जैन डॉ. 1055 गणिविज्झा सूत्रं (गणि. प्रकी. सूत्र मूल} जैनानंद पुस्तकालय दे.ना.. गु.] [8] (1266) {महाप्र. प्रकी. सूत्र सह सुरेश सिसोदिया डॉ. कृत (हिं.) अनु.) दे. ना.) [T, S) {1271, 1274) | 1058 महाप्रत्याख्यानप्रकीर्णकम् | 1057 45- आगमसुत्ताणि (महापच्चक्खाण पइण्णयं) (महाप्र. प्रकी. सूत्र मूल } {दे. ना., गु.} {1271} {महाप्र. प्रकी. सूत्र मूल} {दे.ना. } {1271} आगम प्रकाशन परिचय | YAM [MAHAPRATYAKHYANA | PRAKIRNKA] { महाप्र. प्रकी. सूत्र सह सुरेश सिसोदिया डॉ. के अनु का | कर्नल दलपतसिंघ बाया डॉ. कृत (अं.) भाषां.} (रो.} [T, S] {1271, 1277 } | 1061 वीरत्थओपणवं आगम अहिंसा समता एवं प्राकृत संस्थान आगम संस्थान ग्रंथमाला 10) 42. महाप्रत्याख्यानप्रकीर्णकसूत्र (1056-1060) आगम अहिंसा समता एवं संपा. सागरमल जैन डॉ. प्राकृत संस्थान आगम संस्थान ग्रंथमाला 7} आगम श्रुत प्रकाशन (वीरस्तव प्रकीर्णक) (वीर. प्रकी. सूत्र सह सुभाष कोठारी डॉ. कृत (हिं.) अनु.) (दे.ना. } [T, S] {1278, 1279) आगम श्रुत प्रकाशन संशो, संपा. दीपरत्नसागरजी | 1060 महापच्चक्खाण सूत्रं ( महाप्र. प्रकी. सूत्र जैनानंद पुस्तकालय मूल) (दे.ना.. गु.) (8) (1271) संपा. पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पर्व संशो. पूर्व " | संपा. सागरानंदसूर | 1059 | MAHAPACCAKKHANA-PAINNA आगम अहिंसा समता एवं संपा. -सागरमल जैन डॉ. प्राकृत संस्थान (आगम संस्थान ग्रंथमाला 24 } संशो., संपा. -दीपरत्नसागरजी | हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा. -जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 283} संपा. पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व संशो., पूर्व संपा. सागरानंदसूरि 43. वीरस्तवप्रकीर्णकसूत्र (1061-1062) आगम अहिंसा समता एवं संपा. सागरमल जैन डॉ. प्राकृत संस्थान आगम संस्थान ग्रंथमाला 12 } वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2050 (1) 84 (C) 2052 (अ.) 16 (C) 2061 (1) 16 (P) 2047 (1) 112 (C) 2052 (3T.) 20 (C) 2052 (1) 20 (P) 2059 (1) |168 (C) 2061 (1) 18 (P) 193 2051 (1) 56 (C) Page #241 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 194 43. वीरस्तवप्रकीर्णकसूत्र प्रकाशन नाम एवं परिचय वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2060 (1) 74 (C) 1062 VIRATTHAO-PAINNAYAM [VIRASTAVA-PRAKIRNAKA] (वीर.प्रकी.सूत्र सह सुभाष कोठारी डॉ. के अनु. का कर्नल दलपतसिंघ बाया डॉ. कृत (अं.) भाषां.} {रो.) [T, S] {1278, 1282) प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि आगम अहिंसा समता एवं संपा.-सागरमल जैन डॉ. प्राकृत संस्थान {आगम संस्थान ग्रंथमाला 30} 44. नंदीसूत्र (1063-1099) 1063 नन्दी जी सूत्र (नंदीसूत्र, ल.नं.सूत्र, धनपतसिंह बहादुर अप्रदर्शित 1936 (अ.) 522 (P) यो.नं.सूत्र सह मलय. टीका, अज्ञात (आगमसंग्रह भाग 45} कर्तृक बा.बो.} {दे.ना.) {1283, 1284, 1285, 1288, 1292, 1293, 1294} 1064 नन्दी सूत्र (हिन्दी भाषानुवाद सहित) राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि (2) 1976 (अ.) 222(P) | (नंदीसूत्र सह अमोलकऋषिजी कृत सहायजी ज्वालाप्रसादजी (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T] जौहरी {1283, 1306} 1065 नन्दीसूत्र मूल पाठः {नंदीसूत्र मूल} माणेकलाल अनुपचंद संशो.-ज्ञानसुंदरजी मुनि |1977 (1) |56 (D). {दे.ना.} {1283) शाह (रत्नप्रभा. पुष्प 40) 1066 नन्दीसूत्रस्य चूर्णिः हारिभद्रीया वृत्तिश्च, ऋषभदेव केशरीमलजी संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) 1984 (अ.) 238 (P) विशेषावश्यकसत्का अमुद्रितगाथा: जैन श्वेतांबर संस्था {नंदीसूत्र की चूर्णि, हारि. टीका और विशे.भा. की अमुद्रित गाथा} {दे.ना.) [S]{1119,1286,1287} 1067 नन्दीसूत्रम् (नंदीसूत्र सह चूर्णि, हारि. रूपचंद्रजी नवलमलजी संशो.-दानसूरि 1988 (अ.) 129 (P) टीका} {दे.ना.} [T, S] {1283, 1286, 1287} 1068 नन्दीसूत्रम् (नंदीसूत्र सह रायबहादुर मोतीलाल संशो.-हस्तिमलजी आचार्य 1998 (अ.) 273 (C) हस्तिमल्लजी आचार्य कृत छाया, बालमुकुंद मूथा {चंदन (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T, S] जैनागम ग्रंथमाला 2} {1283, 1297, 1308} 1069 नन्दीसूत्रम् (नंदीसूत्र की घासी. कृत अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2014 (1) |350 (B) टीका का (गु.) स्वोपज्ञ अनु.) स्थानकवासी जैन {गु., दे.ना.} {1327) शास्त्रोद्धार समिति 1070 नन्दीसूत्रम् (नंदीसूत्र सह आत्माराम जैन प्रकाशन संपा.-फूलचंद्रजी मुनि (श्रमण) |2022 (1) 508 (B) आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) अन्व., समिति अनु., विवे.} {दे.ना.} [T, S] (जैन शास्त्रमाला 8) {1283, 1298, 1305) 1071 नंदीसूत्रम् (नंदीसूत्र सह अज्ञात कर्तृक | देवचंद लालभाई जैन संशो.-विक्रमसूरि, 2025 (अ.) 259 (P) अवचूरि} {दे.ना.} [T, S] पुस्तकोद्धार फंड भास्करविजयजी पंन्यास {1283, 1289) {ग्रंथांक 107} 1072 नंदीसूत्रस्य दुर्गपदव्याख्या {नंदीसूत्र देवचंद लालभाई जैन संपा.-सुबोधचंद्र नानालाल शाह 2025 (1) 108 (B) Page #242 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 195 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) की हारि.टीका का श्रीचंद्रसूरिजी कृत पुस्तकोद्धार फंड (सं.) टीप्पन} {दे.ना., गु.} [s] {ग्रंथांक 113} {1290} 1073 नंदीसुत्तं (नंदीसूत्र मूल} {दे.ना.} [T] सन्मति ज्ञानपीठ {आगम संपा.-अमोलकचन्द्रजी 2031 (2) |100 (E) 1(1283) साहित्य रत्नमाला 7} 1074 नंदीसूत्रनां प्रवचनो (नंदीसूत्र की जैन प्रकाशन मंदिर संपा.-शीलचंद्रसूरि 2032 (अ.) 336 (D) पीठिका के नंदनसूरिजी कृत (गु.) (नेमिनंदन ग्रंथमाला 1) प्रव.17} {गु., दे.ना.} [T] {1328} | 1075 नंदीसूत्र (नंदीसूत्र मूल} {गु.} {1283} जंबूस्वामी जैन मुक्ताबाई संपा.नित्यानंदविजयजी पं. 2032 (1) 60 (D) आगममंदिर 1076 नन्दीसूत्रम् (नंदीसूत्र सह घासी. कृत अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2033 (2) 752 (B) छाया, टीका, (हिं., गु.) स्वोपज्ञ स्थानकवासी जैन टीकानु.} {दे.ना., गु.} {1283, 1299, शास्त्रोद्धार समिति 1302, 1326, 1327} 1077 नन्दीसूत्रम् (नंदीसूत्र सह मलय. टीका, जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व 2044 266 (P) ल.नं.सूत्र और यो.नं.सूत्र मूल} {दे.ना., ट्रस्ट, (P) आगमोदय संपा.-सागरानंदसूरि (#) (पु.मु.) गु.} [T, S] {1283, 1284, 1285, समिति (जिनागम 1288} प्रकाशनमाला 1) 1078 नन्दीसूत्रम् (नंदीसूत्र सह चूर्णि, हारि. जिनशासन आराधना पूर्व संशो.-दानसूरि 2045 141(C) टीका} {दे.ना., गु.} [T, S] {1283, ट्रस्ट, (P) हीरालाल (पु.मु.) 1286, 1287) रणछोडदास {जिनागम प्रकाशनमाला 2} | 1079 नन्दीसूत्र-मूल पाठः {नंदीसूत्र, विजयनेमिसूरि ज्ञानशाला संपा.-इंद्रसेनसूरि, सिंहसेनसूरि | 2047 (अ.) 76 (P) ल.नं.सूत्र, यो.नं.सूत्र मूल} {दे.ना.} {नेमिउदयमेरुप्रभसूरि {1283, 1284,1285) ग्रंथमाला 13} 1080 नन्दीसूत्र [NANDI SUTRA] आगम प्रकाशन समिति, संयो., प्रधान संपा.-मिश्रीमलजी |2048 (2) 247 (B) {नंदीसूत्र सह उमरावकुंवर महासतीजी ब्यावर {जिनागम मुनि, संपा.-कमला जैन कृत (हिं.) अनु., विवे.} {दे.ना.} [s] ग्रंथमाला ग्रंथांक 12} {1283, 1321} 1081 नन्दीसूत्रम् (नंदीसूत्र मूल जिनशासन आराधना ट्रस्ट संशो., संपा.-कल्याणबोधिसूरि |2048 (अ.) 52 (P) | (दे.ना., गु.} [T, S] {1283} {आगम प्रकाशन माला 37) 1082 नंदी-सूत्र (मूलमात्र-गुटका) (नंदीसूत्र । आगम अनुयोग ट्रस्ट, संयो.-विनयकुमारजी मुनि, 2052 (2) |120 (E) मूल} {दे.ना.} [9] {1283} अमदावाद संपा.-कन्हैयालालजी मुनि (कमल) 1083 45-आगमसुत्ताणि [नंदीसुत्तं] आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) 32 (C) {नंदीसूत्र, ल.नं.सूत्र, यो.नं.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} {1283, 1284, 1285) 1084 नन्दीसूत्रम् (नंदीसूत्र सह चूर्णि, हारि. हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2052 (1) 459 (P) टीका, मलय. टीका और अज्ञात कर्तृक |{ग्रं. 309) अवचूरि, ल.नं.सूत्र और यो.नं.सूत्र मूल {दे.ना.} [T, S] {1283, 1284, 1285, 1286, 1287,1288,1289} Page #243 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 196 44. नंदीसूत्र क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1085 नंदी [NANDI] {नंदीसूत्र सह जैन विश्व भारती संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य |2053 (1) 280 (B) महाप्रज्ञजी कृत छाया, (हिं.) अनु., टिप्पन, ल.नं.सूत्र और यो.नं.सूत्र सह महाप्रज्ञजी कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T, S] {1283, 1284, 1285, 1300, 1311, 1312, 1319} 1086 नन्दीसूत्रम् (नंदीसूत्र सह मलय. राजस्थान प्राच्यविद्या प्रधान संपा.-आनंदकुमार, 2053 (1) 550 (C) टीका, जिनचारित्रसूरिजी कृत छाया, प्रतिष्ठान (राज. पुरा. संपा.-विनयसागरजी टीका (अ.1→गाथा-54)} {दे.ना.} ग्रंथ. 184) महोपाध्याय [T, S] {1283, 1288, 1296, 1301) | 1087 नंदी सूत्र (नंदीसूत्र सह प्राणकुंवरबाई गुरुप्राण फाउन्डेशन प्रधान संपा.-लीलमबाई 2055 (1) 368 (B) महासतीजी कृत (गु.) शब्दार्थ, अनु., {आगमबत्रीसी रत्न6महासतीजी विवे.} {गु., दे.ना.} {1283, 1303} 1088 (सचित्र) नन्दीसूत्र [ILLUSTRATED पद्म प्रकाशन, दिल्ली प्रधान संपा.-अमरमुनिजी |2055 (1) |492 (B) NANDI SUTRA] {नंदीसूत्र (सचित्र) |{सचित्र आगममाला उपप्रवर्तक, संपा.-श्रीचंद सह अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु., पुष्प 7} सुराणा, चित्र.-पुरुषोत्तमसिंह विवे. और उसका सुरेन्द्र बोथरा कृत सरदार, हरविंदरसिंह सरदार (अं.) भाषां.} {दे.ना., रो.) {1283, 1322, 1323} नन्दीसूत्रम् (नंदीसूत्र सह मलय. टीका, आनंद प्रकाशन, संपा.-अक्षयचंद्रसागरजी गणि, 2056 264 (P) |ल.नं.सूत्र और यो.नं.सूत्र मूल} {दे.ना., अमदावाद, (P) पूर्व संशो., पूर्व (पु.मु.) गु.) [T, S] {1283, 1284, 1285, आगमोदय समिति संपा.-सागरानंदसूरि (संवर्धित) 1288) 1090 नन्दी सूत्रम् (नंदीसूत्र सह घासी. कृत अंबा गुरु शोध संस्थान संपा.-सौभाग्यमुनिजी 2059 (1) |314 (B) छाया, टीका, सौभाग्यमुनिजी कृत {सौभाग्य गुरु दीक्षा स्वर्ण (हिं.) अनु., ल.नं.सूत्र और यो.नं.सूत्र |जयंती अभिनंदन सह (हिं.) अनु.} {दे.ना.} {1283, ग्रंथमाला 1} 1284,1285,1299,1302, 1316, 1317,1318} 1091 नंदीसुत्तं [NANDISUTTAM] {नंदीसूत्र | प्राकृत ग्रंथ परिषद संशो., संपा.-पुण्यविजयजी 2060 136 (B) सह चूर्णि) (दे.ना.} [T, S] (1283, {ग्रंथांक 9) (आगमप्रभाकर) (पु.मु.) | 1286} 1092 नन्दी सूत्रम् (नंदीसूत्र सह भगवान महावीर संपा.-शिवमुनिजी आचार्य डॉ., 2060 1536 (B) आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) अन्व., | मेडिटेशन एन्ड रिसर्च पूर्व संपा.-फूलचंद्रजी मुनि (पु.मु.) अनु., विवे.} {दे.ना.} [T] {1283, सेंटर ट्रस्ट, आत्म ज्ञान (श्रमण) 1298, 1305) श्रमण शिव आगम प्रकाशन समिति, (P) आत्माराम जैन प्रकाशन समिति (#) | 1093 नन्दीसूत्रं (नंदी सूत्रम्) (नंदीसूत्र मूल) जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2061 (1) 44 (P) {दे.ना., गु.} [S] {1283, 1284, पूर्व संशो., पूर्व 1285} संपा.-सागरानंदसूरि Page #244 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रकाशन नाम एवं परिचय 1094 नंदी सूत्र { नंदीसूत्र सह पारसकुमार मुनिजी कृत (हिं.) अनु., विवे., ल.नं. सूत्र सह (हिं.) अनु., यो.नं. सूत्र मूल} (दे. ना. } [T] (1283, 1284, 1285, 1307, 1320} क्र. 1095 नन्दिसूत्रम् [NANDISUTRAM] { नंदीसूत्र, ल.नं. सूत्र और यो.नं. सूत्र | सह हारि. टीका एवं उसका श्रीचंद्रसूरिजी कृत (सं.) टिप्पन, | चंद्रकीर्तिसूरिजी कृत टिप्पन) (दे.ना.) [T, S] [1283, 1284, 1285, 1287, 1290, 1291} 1096 आगम सटीक अनुवाद (नंदीसूत्र) नंदीसूत्र का दीपकृत (गु.) अनु. विवे.) भाग 40 (गु.} {1324} 1098 नन्दिसूत्रम् (भुवनभानु' आंशिकगुर्जरानुवादयुतम्) ( नंदीसूत्र | सह मलय. टीका. ल. ने.सूत्र. यो.नं. सूत्र | अजितशेखरसूरिजी कृत मलय. टीका (गाथा-3) का (गु.) अनु.} {दे.ना., गु. } [T, S] {1283, 1284, 1285, 1288, 1325) |1097 नन्दीसूत्रम् नंदीसूत्र सह मलब. टीका, अहंम् परिवार ट्रस्ट ल.नं. सूत्र यो.नं. सूत्र | अजितशेखरसूरिजी कृत मलय टीका (गाथा-3) का (गु.) अनु.) (दे.ना., गु.) [T, S] {1283, 1284, 1285, 1288, 1325) 1100 अनुयोगद्वारजी सूत्र (अनु. सूत्र सह | मलधारीय टीका और मोहन कृत | बा.बो.} {दे.ना.} (1329, 1332, 1333) आगम प्रकाशन परिचय 1101 अनुयोगद्वारसूत्रम् (अनु, सूत्र सह | मलधारीय टीका} भाग 1-2 (दे.ना. } [T, S] [1329, 1332 } प्रकाशक ( ग्रंथमाला) अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ {रत्न 17 } |1102 अनुयोगद्वार सूत्र (संक्षिप्त सारांश) {अनु. सूत्र का देवविजयजी उपा. कृत (गु.) सारांश) (गु.) (1358} | प्राकृत ग्रंथ परिषद ( ग्रंथांक 10 } श्रुत प्रकाशन निधि जिनशासन आराधना ट्रस्ट (P) अहंम परिवार ट्रस्ट (प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 50 } | संपादक, संशोधक आदि | संपा. नेमिचंदजी बांठिया (#) 1099 नन्दीसूत्रम् { नंदीसूत्र सह हस्तिमलजी सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ अप्रदर्शित आचार्य कृत छाया, (हिं.) अनु., मंगला | चोरडिया और नेहा चोरडिया कृत | शब्दार्थ, विवे.} (दे.ना. } [T] [1283, 1297, 1304, 1308} धनपतसिंह बहादुर { आगमसंग्रह भाग 44 } संशो., संपा. पुण्यविजयजी (आगमप्रभाकर) | देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड (ग्रंथांक 31 } आत्मानंद जैन सभा, भावनगर संपा. दीपरत्नसागरजी 45. अनुयोगद्वारसूत्र ( 1100-1132) अप्रदर्शित वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2064 (9) 312 (B) 2064 (पु.मु.) संशो., संपा. - अजितशेखरसूरि 2067 (1) 392 (B) संशो, संपा. अजितशेखरसूरि 2067 (पु.मु.) संपा देवविजयजी उपाध्याय | 240 (B) 2066 (3T.) 224 (C) | 400 (B) 2068 (3) |396 (C) 1936 (3T.) 662 (P) 197 संशो., संपा. सागरानंदसूरि (#) 1972 (अ.) 152+123= 275 (P) 1973 (3T.) 64 (C) Page #245 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 198 45. अनुयोगद्वारसूत्र क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय 1103 अनुयोगद्वार सूत्र (संक्षिप्त सारांश) {अनु.सूत्र का देवविजयजी उपा. कृत (गु.) सारांश} {गु.} {1358} प्रकाशक {ग्रंथमाला) - संपादक, संशोधक आदि जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संपा.-देवविजयजी उपाध्याय संघ, (P) आत्मानंद जैन सभा, भावनगर वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) | 1973 68 (C) (पु.मु.) 1104 अनुयोगद्वार सूत्रम् (पूर्वार्द्धम्) झवेरचंद जादवजी संपा.-झवेरचंद जादवजी 1973 (अ.) 324 (B) (अनु.सूत्र सह आत्मारामजी कृत (हिं.) कामदार (2) कामदार अन्व., अनु. (द्वार-1→प्र.द्वार-2)) {दे.ना.) [T, S] {1329, 1343) 1105 अनुयोगद्वारसूत्रम् {अनु.सूत्र मूल} जिनदत्तसूरि ज्ञानभंडार, अप्रदर्शित | 1976 (अ.) 51 (P) {दे.ना.} {1329} सुरत {जिनदत्तसूरि प्राचीन पुस्तकोद्धार फंड 21} 1106 अनुयोगद्वार सूत्र (हिन्दी भाषानुवाद राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि (2) 1976 (अ.) |386 (P) सहित) {अनु.सूत्र सह अमोलकऋषिजी सहायजी ज्वालाप्रसादजी कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T] जौहरी {1329, 1344) 1107 अनुयोगद्वाराणि {अनु.सूत्र सह आगमोदय समिति संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) |1980 (अ.) 275 (P) मलधारीय टीका) {दे.ना.} [T,S] {1329, 1332) 1108 अनुयोगद्वाराणां चूर्णिः श्री ऋषभदेव केशरीमलजी संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) |1984 (अ.) 224 (P) हरिभद्राचार्यकृता वृत्तिश्च. {अनु.सूत्र जैन श्वेतांबर संस्था की चूर्णि और हारि. टीका} {दे.ना.} [s] {1330, 1331} 1109 अनुयोगद्वार सूत्र (उत्तरार्द्ध {अनु.सूत्र मुरारीलाल चरणदासजी संपा.-आत्मारामजी आचार्य (2) 1988 (1) 326 (B) सह आत्मारामजी कृत (हिं.) अन्व., जैन | अनु. (द्वार-1→प्र.द्वार-3-6, द्वार-2-4)} {दे.ना.} [T, S] {1329, 1343} 1110 अनुयोगद्वारसूत्रम् {अनु.सूत्र सह केशरबाई जैन ज्ञानमंदिर, संशो.-मानदेवसूरि | 1995 (अ.) 253 (P) मलधारीय टीका) {दे.ना.} [T, S] | (P) आगमोदय समिति {1329, 1332) {कमलसूरीश्वरजी जैन ग्रंथमाला 1) 1111 अनुयोगद्वारसूत्रम् {अनु.सूत्र सह अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2023- 858+9183 घासी. कृत छाया, टीका, (हिं., गु.) स्थानकवासी जैन 2050 (1) 1776 (B) स्वोपज्ञ टीकानु.} भाग 1-2 शास्त्रोद्धार समिति (दे.ना., गु.) {1329, 1336, 1339, 1354,1355) 1112 Anuogaddaraim {अनु.सूत्र का प्राकृत, जैनशास्त्र अने संपा.-Nathamalji Tatia Dr. 2026 (अ.) 310 (B) |Taiken Hanaki कृत (अं.) अनु.} अहिंसा शोध संस्थान {रो.) [T,S] {1345} {Prakrit Jaina Inst. Res. Pub. Series 5} 1113 अनुयोगद्वार सूत्र (मूल सूत्ताणि [4]) आगम अनुयोग प्रकाशन, संयो.-विनयकुमारजी मुनि, 2037 (अ.) 311 (B) {अनु.सूत्र मूल) (दे.ना.} [T] {1329) सांडेराव संपा.-कन्हैयालालजी मुनि (कमल) | 1114 अनुयोगद्वारसूत्र आगम प्रकाशन समिति, संयो., प्रधान संपा. 2044 (अ.) 550 (B) Page #246 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 199 2045 (पु.म.) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) [ANUYOGADVARASUTRA] ब्यावर {जिनागम मिश्रीमलजी मुनि, मुख्य {अनु.सूत्र सह केवल मुनिजी उपा. कृत ग्रंथमाला ग्रंथांक 28} संपा.-शोभाचंद्रजी भारिल्ल, (हिं.) अनु., विवे.} {दे.ना.} [T, S] संपा.-देवकुमार जैन {1329, 1350} 1115 अनुयोगद्वारसूत्रम् (अनु.सूत्र सह जिनशासन आराधना पूर्व संशो.-मानदेवसूरि |258 (P) मलधारीय टीका) {दे.ना., गु.) [T, S] ट्रस्ट, (P) केशरबाई जैन {1329, 1332) ज्ञानमंदिर (जिनागम प्रकाशनमाला 3} 1116 अनुयोगद्वार सूत्र. (सम्पूर्ण) {अनु.सूत्र जगजीवनदास कस्तुरचंद संपा.-वसंतलालभाई 2047 (1) 528 (D) का मलधारीय टीकानुसारी शाह पूर्णानंदविजयजी पं. कृत (गु.) विवे.} {गु., दे.ना.} {1357) 1117 अनुयोगद्वार सूत्र {अनु.सूत्र सह शालिग्राम जैन प्रकाशन प्रधान संपा.-ज्ञानमुनि, 2047 (1) 898+1008= | ज्ञानमुनिजी कृत छाया, (हिं.) अन्व.. समिति संपा.-नेमिचंद्र मुनि 1906 (B) अनु., विवे.) भाग 1-2 {दे.ना.} [T, S] {1329, 1337, 1342) 1118 45-आगमसुत्ताणि [अनुओगदाराई) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) |72 (C) {अनु.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.) [s] {1329) 1119 अणुओगदाराइं [ANUOGDARAIM] |जैन विश्व भारती संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य 2052 (1) 468 (A) {अनु.सूत्र सह महाश्रमणजी कृत छाया, कनकप्रभाश्रीजी कृत (हिं.) अनु., टिप्पण, जयाचार्यजी कृत (सूत्र-12की) (राज.) जोड (ढाल 2)} {दे.ना.} [T, S] {1329, 1335, 1338, 1349) 1120 अनुयोगद्वारसूत्रम् {अनु.सूत्र मूल) जिनशासन आराधना अप्रदर्शित 2052 54 (P) {दे.ना.} {1329) ट्रस्ट, (P) जिनदत्तसूरि (पु.मु.) ज्ञानभंडार, सुरत (2) 1121 अनुयोगद्वारसूत्रम् {अनु.सूत्र सह महावीर जैन विद्यालय प्रधान संपा.-पुण्यविजयजी 2055-.. 524+544%3D चूर्णि, मलधारीय हेमचंद्रसूरिजी कृत | (जैन आगम ग्रंथमाला (आगमप्रभाकर), 2056 (1) 1068 (B) टीका, हारि. टीका) भाग 1-2 ग्रं. 18-1) संपा.-जंबूविजयजी (आगमप्रज्ञ) {दे.ना., गु., रो.} [T, S] {1329, 1330, 1331, 1332) 1122 अनुयोगद्वार सूत्र [ANUYOGDVARA गुरुप्राण फाउन्डेशन, प्रधान संपा.-लीलमबाई 2056 (1) 640 (B) | | SUTRA] {अनु.सूत्र सह सुबोधिकाबाई | महावीर सेवा ट्रस्ट, महासतीजी, महासतीजी कृत (गु.) शब्दार्थ, अनु., | राजकोट {आगमबत्रीसी सहसंपादिका-आरतीबाई विवे.} {गु., दे.ना.} {1329, 1340} रत्न 11) महासतीजी डॉ., सुबोधिकाबाई साध्वी 1123 सचित्र अनुयोगद्वार सूत्र {अनु.सूत्र पद्म प्रकाशन, दिल्ली प्रधान संपा.-अमरमुनिजी 2057- 1472+5843 (सचित्र) सह अमर मुनिजी उप. कृत (सचित्र आगममाला उपप्रवर्तक, सह 2058 (1) 1056 (B) (हिं.) अनु., विवे. और उसका सुरेन्द्र पुष्प 11} संपा.-तरुणमुनिजी, बोथरा कृत (अं.) भाषां.} भाग 1-2 श्रीचंद सुराणा {दे.ना.,रो.) [S] {1329,1351, 1352} Page #247 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 200 45. अनुयोगद्वारसूत्र क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1124 अनुयोगद्वार सूत्र - चूर्णि: {अनु.सूत्र हर्षपुष्पामृत जैन संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2060 (1) 96 (P) की चूर्णि) (दे.ना., गु.) [S] {1330} ग्रंथमाला, (P) ऋषभदेव केशरीमलजी जैन श्वेतांबर संस्था {ग्रं. 415) 1125 अनुयोगद्वार सूत्र {अनु.सूत्र सह अखिल भारतीय सुधर्म संपा. नेमिचंदजी बांठिया, 2061 (1) 532 (B) छगनलालजी शास्त्री डॉ. और जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया महेन्द्रकुमार रांकावत कृत (हिं.) कठिन |{रत्न 124) शब्दार्थ, अनु., विवे.} {दे.ना.} [T, S] {1329, 1341) 1126 अनुयोगद्वारसूत्रं {अनु.सूत्र मूल} जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2061 (1) 118 (P) | {दे.ना., गु.) [S] {1329} पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि 1127 अनुयोगद्वार सूत्रम् (अनु.सूत्र सह हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला, संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि, पूर्व 2061 (1) 275 (P) मलधारीय टीका) (दे.ना.} [T,S] (P) देवचंद लालभाई जैन संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि |{1329, 1332} पुस्तकोद्धार फंड {I. 421} 1128 अनुयोगद्वार चूर्णी। {अनु.सूत्र सह | आगमोद्धारक श्रुतसेवा संपा.-सागरानंदसूरि 2063 279 (P) मलधारीय टीका) {दे.ना., गु.} [T, S] |समिति, (P) आगमोदय (पु.मु.) | (1329, 1332} समिति {श्रेणी 19) 1129 अनुयोगद्वारसूत्रम् {अनु.सूत्र सह दिव्यदर्शन ट्रस्ट संपा.-अभयशेखरसूरि 2063 (1) 368 (B) मलधारीय टीका एवं उसका अभयशेखरसूरिजी कृत (सं.) टिप्पण} {दे.ना., गु.} {1329, 1332, 1356) 1130 आगम सटीक अनुवाद (अनुयोगद्वार) श्रुत प्रकाशन निधि संपा.-दीपरत्नसागरजी 2066 (अ.) 272 (c) (अनु.सूत्र का दीप.कृत (गु.) अनु., विवे.} भाग 41 {गु.} {1353} 1131| अनुयोगद्वारसूत्रम् {अनु.सूत्र सह चूर्णि, |जिनशासन आराधना प्रधान संपा.-पुण्यविजयजी | 2067 (2) 380 (B) मलधारीय टीका, हारि. टीका ट्रस्ट, (P) महावीर जैन (आगमप्रभाकर), (पु.मु.) (द्वार-1-प्र.द्वार-2)) विभाग 1(दे.ना.) विद्यालय (प्राचीन संपा.-जंबूविजयजी (आगमप्रज्ञ) [T,S] {1329, 1330, 1331, 1332} श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 53) 1132 अनुयोगद्वारसूत्रम् {अनु.सूत्र सह श्रीपालनगर जैन श्वे. मू.पू. संपा.-दिव्यकीर्तिविजयजी गणि 2068 (1) 448 (P) मलधारीय टीका} {दे.ना.} [T,s] देरासर ट्रस्ट {रामचंद्रसूरि {1329, 1332) स्मृति ग्रंथमाला 34} 46. कल्प सूत्र (1133-1273) F. A. Brockhaus संशो., संपा.-Hermann Jacobi 1935 (अ.) 184 (C) 1133|Kalpasutra of Bhadrabahu {कल्पसूत्र मूल} {रो.} [T, S] {1359) 1134 कल्पसूत्रः {कल्पसूत्र मूल} {दे.ना.) {1359) अप्रदर्शित धनपतसिंह बहादुर {आगमसंग्रह भाग 36} | 1944 (अ.) 150 (P) Page #248 -------------------------------------------------------------------------- ________________ | प्रकाशन नाम एवं परिचय |1135 कल्पसूत्रस्य बालावबोध: (सचित्र) {कल्पसूत्र के राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक कृत बा.बो. (सचित्र) का भीमसिंह माणेक कृत (गु.) अनु.) (दे.ना.) {1421) क्र. 1136 कल्पसूत्र बालावबोध ( कल्पसूत्र का राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक कृत बा.बो. का भीमसिंह माणेक कृत (गु.) अनु (व्या. 8)} {गु.} {1421 } 1137 पर्युषणमाहात्म्य बालावबोध {कल्पसूत्र के ज्ञानविमलसूरिजी कृत (गु.) भास सह उदयसागरजी गणि कृत बा.यो.) दे. ना. {1373, 1374) 1138 सुखबोधिकानामकल्पसूत्रटीका (मूलसहिता) कल्पसूत्र सह सुयोधिका टीका) (दे.ना.) {1359, 1366) 1139 कल्पसूत्र वृत्तिः । सुवोधिकाभिधाना। { कल्पसूत्र सह सुबोधिका टीका} {दे.ना.) [S] [1359, 1366 } 1140 संदेहविषोषधीनामकल्पसूत्रव्याख्या कल्पसूत्र की जिनप्रभसूरिजी कृत | संदेहविषौषधी टीका} {दे.ना. } {1361) 1142 कल्पसूत्रम्, युगप्रधानकालिका|ऽऽचार्यकथासँयुक्तम् {कल्पसूत्र मूल और अज्ञात कर्तृक कालिकाचार्यजी की (सं.) कथा श्लोक - 65) (दे.ना., रो.} [[T, S] [1359 } आगम प्रकाशन परिचय 1143 कल्पसूत्र प्राकृत मूल सूत्रनो संस्कृत | शब्द अने गुजराती भाषांतर सहित { कल्पसूत्र सह हरिशंकर कालीदास शास्त्री कृत छाया, (गु.) अनु.} {दे. ना. } (1359, 1376, 1386) प्रकाशक (ग्रंथमाला} भीमसिंह माणेक श्रावक | खेतशी जीवराज शास्त्री (शाह) सुबाजी रखचंद जयचंद जैन विद्याशाळा ट्रस्ट 1141 पर्युषण महापर्वमाहात्म्य कल्पसूत्र के जैन श्रेयस्कर मंडळ ज्ञानविमलसूरिजी कृत (गु.) भास सह | उदयसागरजी गणि कृत बा.बो.} {गु.} [T] {1373, 1374} हीरालाल हंसराज पंडित अप्रदर्शित देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड {ग्रंथांक 18 ) संपादक, संशोधक आदि संपा. भीमसिंह माणेक | देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड ( ग्रंथांक 7} हीरालाल हंसराज पंडित अप्रदर्शित खेराज पुंजाभाई शेठ अप्रदर्शित | 1144 कल्पसूत्रम् {कल्पसूत्र सह सुबोधिका आत्मानंद जैन सभा, टीका दे.ना.) (3) भावनगर (रत्न 31 } {1359, 1366} अप्रदर्शित | संपा. सागरानंदसूरि संग्रा., संशो. कर्पूरविजयजी संशो, संपा. -सागरानंदसूर संपा. हरिशंकर कालीदास शास्त्री (0) संशो बल्लभसूरि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1944 (3T.) 272 (B) 1952 (3T.) 550 (B) 1954 (2) 1964 (3T.) 696 (P) 1967 (अ.) 612 (P) 1969 (#) (अ.) 222 (B) 1970 (1) 1970 (1) 168 (P) 472 (C) 73 (P) 1971 (अ.) 252 (P) 201 1972 (3T.) 310 (P) Page #249 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 202 46. कल्पसूत्र प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) |1145|कल्पसूत्र मूल और हिन्दी भाषान्तर. सोभागमल हरकावत संपा.-माणेक मुनि (8) 1973 (1) 240 (B) {कल्पसूत्र सह माणेक मुनिजी कृत {पुनमचंद वृद्धिचंद ढड्डा (हिं.) अनु.) (दे.ना.) [T] हिन्दी जैन ग्रंथमाला 1) {1359, 1387) |1146 कल्पसूत्रम् {कल्पसूत्र सह लक्ष्मीवल्लभ वेलजी शिवजी कंपनी संपा.-जिनमणिसागरसूरि 1975 (अ.) 288 (P) उपा. कृत टीका} {दे.ना.} [T] {1359, 1368) 1147 कल्पसूत्रं मूलहिन्धनुवादसहितम् वाडीलाल पानाचंद शेठ संपा.-जीतमुनि (8) 1975 (अ.) 266 (P) {कल्पसूत्र सह जीतमुनि कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} {1359, 1388} कल्पसूत्रम् {कल्पसूत्र की हीरालाल केशरीचंदजी संपा.-जिनकृपाचंद्रसूरि (#) 1975 (अ.) |232 (P) लक्ष्मीवल्लभ उपा. कृत टीका का झवेरी {अर्हम् ग्रं.7} |जिनकृपाचंद्रसूरिजी कृत (हिं.) अनु., कालिकाचार्य कथा (दे.ना.) {1413} |1149 कल्पसूत्रम् (कल्पसूत्र सह धर्मसागरजी आत्मानंद जैन सभा, संशो.-दानसूरि 1978 (अ.)/212 (P) उपा. कृत टीका} {दे.ना.) [T, S] भावनगर (रत्न71} {1359, 1362} 1150 सुबोधिका मामक कल्पसूत्रनी टीकार्नु भीमसिंह माणेक श्रावक संपा.-भीमसिंह माणेक (8) 154(P) गुजराती भाषांतर {कल्पसूत्र (सचित्र) की सुबोधिकाटीका का हीरालाल हंसराज पं. कृत (गु.) अनु.} {दे.ना.} [T] {1412} 1151 कल्पसूत्रम् देवचंद लालभाई जैन संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) |1979 (2) |206 (P) (दशाश्रुतस्कन्धाष्टमाध्ययनम्) पुस्तकोद्धार फंड सुबोधिकाख्यवृत्तियुतम् {कल्पसूत्र सह |{ग्रंथांक 61) सुबोधिका टीका) {दे.ना.) [T,S] {1359, 1366} 1152| कल्पसूत्र भाषांतर सहित {कल्पसूत्र अमृतलाल अमरचंद संपा.-अमृतलाल अमरचंद |1980- 232+1463 सह खीमशाही बा.बो. का अमृतलाल |सलोत सलोत 1981 (अ.) 378 (P) अमरचंद सलोत कृत (गु.) अनु.) भाग 1-2 {दे.ना.) [T] {1359,1422) 1153 कल्पसूत्र-सुखबोधिका (22 चित्रो साथे) मेघराज जैन पुस्तक भंडार संपा.-भीमजी हरजीवनदास 1981 (2) 480 (C) सचित्र {कल्पसूत्र (सचित्र) की परीख, चित्र.-चंदुलाल (अ.) सुबोधिकाटीका का भीमजी छगनलाल शाह हरजीवनदास (१) कृत (गु.) अनु.) {गु.) [T] {1414) 1154 कल्पसूत्र मूलपाठ (बारसो) {कल्पसूत्र भीमसिंह माणेक श्रावक संपा.-भीमसिंह माणेक (2) 1983 (2) 72 (P) मूल) {दे.ना.) [T, S] {1359) 1155 कल्पसूत्रबालावबोध {कल्पसूत्र रतनाजी भूताजी शाह संशो.-यतीन्द्रसूरि 1988 (2) 475 (B) (सचित्र) के राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक कृत (राजेन्द्र प्रव. कार्या. बा.बो. का भीमसिंह माणेक (१) कृत सीरिझ3) (गु.) अनु.} {दे.ना.} [T] {1421) 1156 कल्पसूत्रम् (बारसासूत्रम्) सचित्रम् देवचंद लालभाई जैन संशो.-मेघसूरि 1989 (अ.) 100 (P) Page #250 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 203 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) | [KALPASUTRA] {कल्पसूत्र (सचित्र) | पुस्तकोद्धार फंड मूल, जिनदेवसूरिजी और अज्ञात कर्तृक | {ग्रंथांक 82} कालिकाचार्य की (सं.) कथाएँ श्लोक-97+65} {दे.ना., गु., रो.) [[T,s] {1359) 1157 कल्पसूत्र सुखबोधिका टीका संक्षेपः बबलचंद्र केशवलाल मोदी संपा.-मफतलाल झवेरचंद गांधी 1990 (अ.) 177 (P) {कल्पसूत्र सह मुक्तिविमलजी पं. कृत (2) टीका (व्या.8)} {दे.ना.) {1359, 1379) 1158 कल्पसूत्रार्थप्रबोधिनी (कल्पसूत्र की राजेन्द्र प्रवचन कार्यालय संशो.-यतीन्द्रसूरि |1990 (1) 392 (B) राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक कृत टीका) {राजेन्द्र प्रव. कार्या. (दे.ना.} [T] {1369) सीरिझ8} 1159 कल्पसूत्र (हिंदीभावार्थ) {कल्पसूत्र की हिंदी जैनागम प्रकाशक अप्रदर्शित | 1990 (1) 425 (P) लक्ष्मीवल्लभ उपा. कृत टीका का सुमति कार्यालय जिनमणिसागरसूरिजी (#) कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T] {1415} 1160 कल्पसूत्रम् (कल्पसूत्र सह जयविजयजी यशोविजयजी जैन संशो.-मफतलाल झवेरचंद गांधी 1991 (अ.) |189 (P) पंडित कृत टीका} {दे.ना.} [T] पुस्तकालय {1359, 1364} कल्पसूत्रम् (कल्पसूत्र सह संघविजयजी वाडीलाल चकुभाई संशो.-मफतलाल झवेरचंद गांधी 1991 (अ.) 185 (P) गणि कृत टीका} {दे.ना.} [T,S] {मुक्ति .जैन ग्रंथ. 1} {1359, 1363) 1162 कल्पसूत्रम् {कल्पसूत्र सह ऋषभदेव केशरीमलजी संपा.-सागरानंदसूरि (#) 1992 (1) 246 (P) शांतिसागरजी उपा. कृत टीका) जैन श्वेतांबर संस्था {दे.ना.} [T] {1359, 1367} 1163 सुबोधिकाख्यवृत्तियुतं कल्पसूत्रम् मफतलाल झवेरचंद गांधी संशो.-मफतलाल झवेरचंद गांधी 1993 (अ.) |237 (P) {कल्पसूत्र सह सुबोधिका टीका) {दे.ना.} [T, S] {1359, 1366} कल्पसमर्थनम् ऋषभदेव केशरीमलजी संपा.-सागरानंदसूरि (#) 1994 (अ.) |54 (P) (कल्पसूत्रान्तरगताधिकारबोधक) जैन श्वेतांबर संस्था {कल्पसूत्र का अज्ञात कर्तृक (प्रा., सं.) अन्तर्वाच्य} {दे.ना.} {1371} 165 पर्युषण पर्व माहात्म्य याने कल्पसूत्रस्य | अमृतलाल ओधवजी संपा.-अमृतलाल ओधवजी शाह 1996 (2) |336 (D) बालावबोधः (कल्पसूत्र के शाह, (P) सुबाजी रवचंद | (R) ज्ञानविमलसूरिजी कृत (गु.) भास सह जयचंद जैन विद्याशाळा उदयसागरजी कृत बा.बो.) ट्रस्ट {गु., दे.ना.} {1373, 1374) जिनदत्तसूरि ज्ञानभंडार, संशो.-सुखसागरजी, नारायण |1996 (अ.) |312 (P) (कालिकाचार्यकथासमलङ्कृतम्) मुंबई (जिनदत्तसूरि शास्त्री, संपा.-मंगलसागरजी {कल्पसूत्र सह समयसुंदरजी उपा. कृत प्राचीन पुस्तकोद्धार टीका और कालिकाचार्य की (सं.) फंड 42} कथा} {दे.ना.,रो.} [T,S] {1359, 1365) 1167 कल्पसूत्र (हिन्दी अनुवाद) (कल्पसूत्र वीरपुत्र आनंदसागर अप्रदर्शित 1996 (1) 540 (P) 1166|कल्पासवर Page #251 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 204 46. कल्पसूत्र संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) सह लक्ष्मीवल्लभ उपा. कृत टीका का ज्ञानभंडार आनंदसागरजी 'वीरपुत्र' कृत (हिं.) अनु.) {दे.ना.} [T] {1359, 1416) 1168 कल्पसूत्रम् (बारसासूत्र) {कल्पसूत्र साराभाई मणीलाल नवाब संपा.-साराभाई मणीलाल नवाब 1997 (अ.) |101 (P) (सचित्र) मूल, अज्ञात कर्तृक {जैन प्राचीन साहित्योद्धार कालिकाचार्य की (सं.) कथा ग्रंथमाला 18} श्लोक-65) {दे.ना.} {1359) 1169 पर्युषणाकल्पसूत्रम् (कल्पसूत्र सह जिनदत्तसूरि ज्ञानभंडार, संपा.-बुद्धिसागर गणि 1999 (1) 216 (P) केशर मुनिजी कृत टीका और अज्ञात |मुंबई (मोहन यश: स्मारक कर्तृक कालिकाचार्यजी की (प्रा.) ग्रंथमाला 4) कथा) {दे.ना.} [T, S] {1359, 1381) 1170 कल्पसूत्रम् (कल्पसूत्र मूल) {दे.ना.) मफतलाल झवेरचंद गांधी अप्रदर्शित 1999 (अ.) 55 (P) [T] {1359) 1171 कल्पसूत्रस्य श्लोकबद्धा सुबोधिनी बुधालाल शकराभाई संपा.-भानुविजयजी (4) 2000 (1) 156 (P) {कल्पसूत्र की भानुविजयजी (8) कृत सुतरीया टीका) (दे.ना.} {1382} |1172| नोंध :-प्रकाशन की कटौती की गई होने के कारण इस क्रमांक का उपयोग नहीं किया है। 1173 हिन्दी जैन कल्पसूत्र {कल्पसूत्र की आत्मानंद जैन महासभा, संपा.-समुद्रसूरि | 2005 (1) 162 (P) सुबोधिका टीका का अज्ञात कर्तृक अंबाला {आत्मानंद जैन (हिं.) भाषां.} {दे.ना.} [T] {1417) स्वर्गवास अर्धशताब्दी संस्करण 2) कल्पसूत्र (कल्पसूत्र मूल, दशा.सूत्र साराभाई मणीलाल नवाब संपा.-पुण्यविजयजी 2008 (अ.) |251 (B) के (8वें कल्पसूत्र) अध्ययन की (जैन कलासाहित्य (आगमप्रभाकर) नियुक्ति और चूर्णि, पृथ्वीचंद्रसूरिजी संशोधक कार्यालय कृत (सं.) टिप्पन, बेचरदास जीवराज सीरिझ5) दोशी पं. कृत (गु.) अनु.) {दे.ना., गु.) [T, S] {818,819, 1359, 1370, 1389) 1175 कल्पसूत्र (कल्पसूत्र सह वसंतकुमार । युनिवर्सिटी ऑफ संपा.-वसंतकुमार चट्टोपाध्याय |2009 (अ.) |614 (C) चट्टोपाध्याय कृत (बं.) अनु.} {बं.} कलकत्ता {1359, 1390) 1176 अष्टालिका-कल्प-सुबोधिका (225 साराभाई मणीलाल नवाब संपा.-साराभाई मणीलाल नवाब 2009 (अ.) 629 (P) चित्रो सहित) (सचित्र) {कल्पसूत्र की (जैन कलासाहित्य सुबोधिका टीका (सचित्र) का संशोधन ग्रंथमाला 5) साराभाई मणीलाल नवाब (१) कृत (गु.) अनु. और लक्ष्मीसूरिजी कृत अष्टाहिनका व्याख्यान) {गु.) {1418) 1177 कल्पसूत्रम् - (बारसासूत्रम् - सचित्रम्) | कैलास कंचन भावसागर |अप्रदर्शित 2011 (2) 168 (P) (कल्पसूत्र मूल (सचित्र)} {दे.ना., गु.) |श्रमण संघ सेवा ट्रस्ट (अ.) {1359) Page #252 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 205 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) {आनंदचन्द्र ग्रंथ रत्नाकर 22} 1178 कल्पसूत्रम् (घासी. कृत (अर्वा.) अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि |2014- 188+166%3 कल्पसूत्र का कन्हैयालालजी मुनि स्थानकवासी जैन 2016 (1) |354(B) कृत (गु.) अनु., स्वोपज्ञ टीकानु.,} शास्त्रोद्धार समिति भाग 1-2 (गु., दे.ना.) 11391,14281 1179 कल्पसूत्रम् {घासी. कृत (अर्वा.) अखिल भारतीय श्वेतांबर संपा.-कन्हैयालालजी मुनि (#) |2014- 592+502= कल्पसूत्र सह कन्हैयालालजी मुनि कृत स्थानकवासी जैन 2016 (1) 1094(B) छाया, टीका, (हिं., गु.) अनु., स्वोपज्ञ शास्त्रोद्धार समिति टीकानु.} भाग 1-2 {दे.ना., गु.} {1377,1378,1383,1391,1392, 1427,1428) 1180 पवित्र श्रीकल्पसूत्रम् -खीमशाही जैन साहित्य वर्धक सभा, संपा.-अमृतसूरि (१) 2016 590 (P) [गूर्जरभाषाटीका (गुजराती (P) अमृतलाल अमरचंद (पु.मु.) बालावबोध) युक्तम्] {कल्पसूत्र सह ।। सलोत {वृद्धि नेमि अमृत खीमशाही बा.बो. का अमृतलाल ग्रंथमाळा 38} अमरचंद सलोत कृत (गु.) अनु.] {दे.ना., गु.) [T] {1359, 1422} 1181 पर्युषणा महापर्वनां गुजराती सिद्धि मेघ मनोहर धर्म संपा.-भद्रंकरसूरि . |2017 (अ.) 386 (P) व्याख्यानो {कल्पसूत्र के संग्रह साहित्य प्रकाशन ज्ञानविमलसूरिजी कृतं (गु.) भास सह समिति {पुष्प 2) भद्रंकरसूरिजी कृत (गु.) विवे.} {दे.ना.} [T] {1374, 1429) 1182 पर्युषणाकल्पसूत्र-कल्पार्थबोधिनी जिनदत्तसूरि ज्ञानभंडार, संपा.-बुद्धिसागर गणि 2018 (अ.) 270 (P) टीकार्नुभाषांतर {कल्पसूत्र की केसर मुंबई {मोहनयशरिद्धि मुनिजी कृत टीका का बुद्धिमुनिजी स्मारक ग्रंथमाला 29) कृत (गु.) अनु.) (दे.ना. [T] {1426) कल्पसूत्रम् (सचित्र) {कल्पसूत्र सिद्धचक्र साहित्य प्रचारक संपा.-चंद्रसागरसूरि 2019 |196 (P) (सचित्र) मूल, जिनदेवसूरिजी और समिति, (P) देवचंद (पु.मु.) अज्ञात कर्तृक कालिकाचार्य की (सं.) लालभाई जैन पुस्तकोद्धार कथाएँ श्लोक-97+65) (दे.ना.} [3] फंड (){आनंदचंद्र {1359) ग्रंथाब्धि 22} 1184 कल्पसूत्र [KALP-SUTRA] {कल्पसूत्र अमर जैन आगम शोध संपा.-देवेन्द्रमुनिजी शास्त्री |2024 (1) 468 (B) सह देवेन्द्रमुनिजी शास्त्री कृत (हिं.) संस्थान अनु., विवे.} {दे.ना.} [T, S] {1359,1410) | 1185 कल्पसूत्रम् (कल्पसूत्र सह मुक्तिविमलजी जैन संपा.-कनकविमलसूरि 2024 (अ.) 502 (P) मुक्तिविमलजी पं. कृत टीका) ग्रंथमाळा {मुक्ति. जैन (दे.ना., गु.) [T,S] ग्रंथ. 23) {1359, 1380) 1186 कल्पसूत्र (महावीर जीवनचरित्र, पार्श्वनाथ एस्टेट संपा.-मंगळाबाई साध्वी 2025 (अ.) 332 (D) श्रावकनी आलोयणा) कोर्पोरेशन (जीवराशी-स्तवनावळी) {कल्पसूत्र Page #253 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 206 प्रकाशन नाम एवं परिचय का मंगळाबाई महासतीजी कृत (गु.) विवे. (व्या. 6)} {गु.} {1430} 1187 कल्पसूत्रम् {घासी. कृत (अर्वा.) | कल्पसूत्र सह कनैयालालजी मुनि (F) कृत (हिं.) अनु.) भाग 1-2 (दे.ना. } {1378, 1392) क्र. | 1188 कल्पसूत्र [KALPA-SUTRAJ [कल्पसूत्र सह देवेन्द्रमुनिजी शास्त्री के अनु, विवे. का जगजीवन लालजी दोशी कृत (गु.) भाषां.} {गु., दे.ना. } [T, S] [1359, 1411 } 1189 Kalpsutra and Navatatva {कल्पसूत्र का जे. स्टीवेन्सन कृत (अं.) अनु. एवं नवतत्त्व प्रकरण का (अं.) अनु. रो.) [T] (1393) 1190 पर्युषणा महापर्वनां गुजराती व्याख्यानो कल्पसूत्र के ज्ञानविमलसूरिजी कृत (गु.) भास सह भद्रंकरसूरिजी कृत (गु.) बिवे.) {दे. ना. } [T] [1374, 1429 } खीमशाही बा.बो. का अमृतलाल | अमरचंद सलोत कृत (गु.) अनु.) {दे. ना. } [T] [1359, 1422 46. कल्पसूत्र 1194 परमपवित्रं श्रीकल्पसूत्रम् (कल्पसूत्र सह सुबोधिका टीका) (दे.ना.. गु.) |[T, S] [1359, 1366 } | प्रकाशक ( ग्रंथमाला } 1195 कल्पसूत्र सचित्रम् (कल्पसूत्र (सचित्र) का गुणसागरसूरिजी कृत (गु.) अनु.) {गु.} {1394} |1196| पवित्र कल्पसूत्र खीमशाही (गुजराती भाषांतर) ( कल्पसूत्र सह खीमशाही बा.बो. का अमृतलाल अमरचंद सलोत कृत (गु.) अनु.} {गु. } [T] {1359, 1422) अखिल भारतीय श्वेतांबर प्रदर्शित |स्थानकवासी जैन शास्त्रोद्धार समिति सुधर्मा ज्ञानमंदिर Bharat Bharati मोतीशा लालबाग जैन चेरीटीझ 1191 कल्पसूत्र भाषांतर (गुर्जर भाषा टीका कनैयालाल एफ. वलाणी संपा. - अशोकचंद्रसूरि बालावबोध) (कल्पसूत्र सह संपादक, संशोधक आदि 1192 कल्पसूत्र भाषांतर (गुर्जर भाषा टीका जैन प्रकाशन मंदिर अप्रदर्शित बालावबोध) कल्पसूत्र सह खीमशाही बा.बो. का अमृतलाल अमरचंद सलोत कृत (गु.) अनु.} (दे.ना. } [T] {1359, 1422) |1193 कल्पसूत्रम् कल्पसूत्र सह सुबोधिका कल्पसूत्र प्रकाशन समिति संपा. कनकरत्नसूरि टीका) दे.ना.) [T. S) {1359, 1366} माटुंगा जैन श्वे. मू.पू. तपागच्छ संघ संपा, देवेन्द्रमुनिजी शास्त्री मोरारजी नानजी गाला (रेतीवाळा) संपा. -J. Stevenson आत्मानंद जैन उपाश्रय, वडोदरा संपा. हेमेंद्रविजयजी संपा. कनकचंद्रसूरि संपा. कलाप्रभसागरसूरि संपा. रत्नप्रभसूरि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 20262029 (1) 576+908= 1484 (P) 2027 (1) 500 (B) 2028 (1) 176 (C) | 2028 (2) 422 (P) 2029 (3T.) 340 (P) 2029 (3T.) 332 (P) 2031 (3.) 680 (P) 2031 (1) 618 (P) | 2031 (1) 336 (B) 2032 (3T.) 574 (P) Page #254 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 207 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) (कल्पसूत्र) बारसासूत्र साराभाई मणीलाल नवाब संपा.-साराभाई मणीलाल नवाब |2032 (अ.) 268 (P) {(कल्पसूत्र) बारसासूत्र (सचित्र) का |{जैन कलासाहित्य बेचरदास जीवराज दोशी पं. (#) कृत संशोधक कार्यालय (गु.) अनु.} {गु.} {1389} सीरिझ 16} 2032 (अ.) 142 (P) |2035 (2) 572(P) 2035 (1) 238 (C) 2036 (अ.) 36 (C) 1198 आगमसुधासिन्धुः कल्पसूत्रम् हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि (बारसासूत्रम्) {कल्पसूत्र मूल} विभाग {I.73} 11 {दे.ना.} [S] {1359) 1199 पवित्र श्री कल्पसूत्र खेमशाही] नगीनदास मूलचंद शाह संपा.-रत्नप्रभसूरि गुजराती भाषांतर {कल्पसूत्र सह खीमशाही बा.बो. का अमृतलाल अमरचंद सलोत कृत (गु.) अनु.) {गु.} {1359,1422) 1200 Kalpasutra of मोतीलाल बनारसीदास संपा.-K.C. Lalwani Bhadrabahuswami पब्लीशर्स प्रा. लि. {कल्पसूत्र सह के. सी. ललवानी प्रो. कृत (अं.) अनु.} {दे.ना., रो.) [T] {1359, 1399) | 1201 कल्पसूत्र - बारसासूत्र सार [गुजराती कल्याणसागरसूरि ग्रंथ संपा.-गुणसागरसूरि पद्यमां] {कल्पसूत्र का प्रकाशन केन्द्र गुणसागरसूरिजी कृत (गु.) पद्य | {क्रमांक 31} सारांश} {गु.} {1436} | 1202 कल्पसूत्रम् (बारसासूत्रम्) युगप्रधान बारसासूत्र प्रकाशन संपा.-सूर्योदयसूरि श्रीकालिकाचार्यकथाद्वयसंयुक्तं समिति, (P) देवचंद सचित्रम् {कल्पसूत्र (सचित्र) मूल, लालभाई जैन पुस्तकोद्धार जिनदेवसूरिजी और अज्ञात कर्तृक फंड (नेमिनंदन कालिकाचार्य की (सं.) कथाएँ ग्रंथमाला) श्लोक-97+65} {दे.ना., गु.) [T, S] {1359) 1203 कल्प सूत्र का आदर्श हिन्दी अनुवाद सुरेन्द्रसूरीश्वरजी स्मारक संपा.-यतीन्द्रविजयजी (8) {कल्पसूत्र सह यतीन्द्रविजयजी कृत ज्ञानमंदिर ट्रस्ट (हिं.) अनु., सुबोधिका टीकानु.. (व्या.8)) (दे.ना.} {1359, 1400, 1419) 1204 सुवर्णाक्षरीय श्रीकल्पसूत्रम् सुरेन्द्रसूरिजी जैन संपा.-रामसूरि (बारसासूत्रम्) सचित्रम् (कल्पसूत्र तत्त्वज्ञानशाला (सचित्र) मूल} {दे.ना., गु.} {1359) {रामसूरीश्वरजी ग्रंथमाला 15} 1205|कल्पसूत्रबालावबोध (कल्पसूत्र राजेन्द्र प्रवचन कार्यालय | पूर्व संशो.-यतीन्द्रसूरि (सचित्र) का राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक {राजेन्द्र प्रव, कार्या. कृत बा.बो. का भीमसिंह माणेक कृत सीरिझ3} (गु.) अनु.} {दे.ना.} [T] {1421} 2036/ (पु.मु.) 103 (P) 2037 (अ.) |436 (P) 2038 (अ.) 197 (B) 2039 (3) 471 (B) 1206 कल्प सूत्र {कल्पसूत्र की सुबोधिका अवंती पार्श्वनाथ अप्रदर्शित 2040 (अ.) 342 (P) Page #255 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 208 46. कल्पसूत्र वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2041 (4) 464 (B) 2041 (2) 456 (B) 2043 (अ.)|430 (P) 2045 (2) |188 (B) |2045 (अ.) 172 (P) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि टीका का अज्ञात कर्तृक (हिं.) अनु.) तत्त्वज्ञान प्रचारक मंडळ {दे.ना.} [T] {1417} 1207 कल्पसूत्र {कल्पसूत्र सह देवेन्द्रमुनिजी | तारक गुरु जैन ग्रंथालय, संपा.-देवेन्द्रमुनिजी शास्त्री शास्त्री कृत (हिं.) अनु., विवे.} {दे.ना.} (P) अमर जैन आगम [[T, S] {1359, 1410} शोध संस्थान | 1208 कल्पसूत्र [KALPASUTRA] प्राकृत भारती अकादमी संपा.-विनयसागरजी {कल्पसूत्र (सचित्र) सह {पुष्प 1} महोपाध्याय विनयसागरजी महो. कृत (हिं.) अनु., मुकुंद लाठ डॉ. कृत (अं.) अनु.} (दे.ना.,रो.) [T, S] {1359, 1397, 1398) 1209 कल्पसूत्र भाषांतर {कल्पसूत्र के सुबोधभाई लालभाई अप्रदर्शित खीमशाही बा.बो. का अमृतलाल अमरचंद सलोत कृत (गु.) अनु.} {गु.) [[T] {1422} 1210 कल्पसूत्र कथासार (सचित्र) {कल्पसूत्र आनंद सुमंगल परिवार संक., संपा.-सुनंदाबेन वोहोरा (सचित्र) की सुबोधिकाटीका का सुनंदाबेन वोहोरा कृत (गु.) सारांश} {गु.} {1437} 1211 सचित्र कल्पसूत्र बारसासूत्र आर्य जयकल्याण केन्द्र संयो.-कलाप्रभसागरसूरि |{कल्पसूत्र (सचित्र) मूल} {दे.ना., ट्रस्ट {100) गु.} {1359) कल्पसूत्रम् (कल्पसूत्र सह सुबोधिका मांडवला जैन श्वे मू.पू. संशो.-अजितशेखरसूरि, टीका और कुलचंद्रसूरिजी कृत टिप्पण |संघ टिप्पण.-कुलचंद्रसूरि, स्वरूप अक्षरगमनिका} {दे.ना.} [T] संपा.-शोभाचंद्रजी भारिल्ल (1359, 1366} 1213 पवित्र श्री कल्पसूत्र खेमशाही] यशोभद्रसूरि (कच्छ संपा.-रत्नप्रभसूरि {कल्पसूत्र सह खीमशाही बा.बो. का सुथरीवाळा) ट्रस्ट | अमृतलाल अमरचंद सलोत कृत (गु.) अनु.} {गु.} [T] {1359, 1422} कल्प-सूत्रम् (कल्पसूत्र सह सुबोधिका | विलेपारला श्वे. मू.पू. जैन संशो.-अजितशेखरसूरि, टीका और कुलचंद्रसूरिजी कृत टिप्पण |संघ एंड चेरीटीझ संपा.-शोभाचंद्रजी भारिल्ल, स्वरूप अक्षरगमनिका) (दे.ना.} [T] टिप्पण. कुलचंद्रसूरि {1359, 1366) पर्युषणा महापर्वनां गुजराती सतीशभाई बाबुलाल शाह | संपा.-हेमेंद्रविजयजी व्याख्यानो {कल्पसूत्र के ज्ञानविमलसूरिजी कृत (गु.) भास सह भद्रंकरसूरिजी कृत (गु.) विवे.) {दे.ना.} [T] {1374, 1429) 1216|पर्युषणाकल्पमाहात्म्यम् (कल्पसूत्र सह | कैलास कंचन भावसागर |अप्रदर्शित मुक्तिविमलजी पं. कृत टीका (व्या.8)} | श्रमण संघ सेवा ट्रस्ट (दे.ना.} {1359, 1379} 1217 कल्पसूत्रम् {कल्पसूत्र सह सुरत तपगच्छ रत्नत्रयी संपा.-युगचंद्रसूरि, युगचंद्रसूरिजी और आराधक संघ ट्रस्ट पुण्यप्रभविजयजी |2045 (अ.) 530 (P) 2045 (3) 612 (P) 1214 2045 (2) 451 (P) 2045 (3) 422 (P) 2046 (2) |106 (P) 2046 (1) 561 (P) Page #256 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 209 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) पुण्यप्रभविजयजी कृत टीका) | {दे.ना.} {1359, 1384) 1218 कल्पसूत्रम् {घासी. कृत (अर्वा.) जुहारमल सरुपचंद अप्रदर्शित |2048 (2) 286 (C) कल्पसूत्र सह कन्हैयालालजी मुनि बोरदियाकी नानी सा. (अ.) (#) कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.) मेनाबाई |{1378, 1392} 1219 कल्पसूत्रम् (गुजराती भाषांतर) | 108 पार्श्वनाथ भक्ति संपा.-लब्धिसूरि 2049 (#) 484 (P) [खीमशाही] {कल्पसूत्र का खीमशाही विहार जैन ट्रस्ट (अ.) बा.बो. अनुसारी लब्धिसूरिजी (#) कृत (गु.) अनु.) (दे.ना.) [T] {1396) 1220 कल्पसूत्रम् (बारसा-सूत्रम्) (सचित्रम्) हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2049 (अ.) 128 (P) {कल्पसूत्र (सचित्र) मूल} {दे.ना.} {ग्रं.73} [S] {1359) 1221 कल्पसूत्रम् (बारसा) सूत्रम् (सचित्रम्) हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2049 (1) 130 (P) {कल्पसूत्र (सचित्र) मूल} {गु.) [3] |{ग्रं. 268) |{1359) 1222 कल्पसूत्र भाषांतर (पं. खीमाविजयजी आगमोद्धारक प्रतिष्ठान संपा.-अशोकसागरसूरि 2052 (2) 578 (P) गणिकृत बालावबोध) {कल्पसूत्र सह खीमशाही बा.बो. का अमृतलाल अमरचंद सलोत (2) कृत (गु.) अनु.) {दे.ना.) [T] {1359, 1422} 1223 कल्पसूत्र कथासार (सचित्र) {कल्पसूत्र |पनालाल उमाभाई शेठ संपा.-सुनंदाबेन वोहोरा 2052(4) 256 (B) (सचित्र) की सुबोधिका टीका का चेरिटेबल ट्रस्ट, (P) आनंद सुनंदाबेन वोहोरा कृत (गु.) सारांश) सुमंगल परिवार (#) | {गु.} {1437) 1224| चौद पूर्वधरश्री भद्रबाहुस्वामी रचित माटुंगा जैन संयो.-सौम्यप्रभाश्रीजी 2052 (अ.) 32 (P) श्री बारसासूत्रना अनुवादरूप श्वे.मू.पू.तपागच्छ संघ ज्ञानविमलसूरि कृत ढाल-16 {कल्पसूत्र | (देवी-कमल-सूर्य का ज्ञानविमलसूरिजी कृत (गु.) भास) ग्रंथमाला 4) {गु.} {1374} कल्पसूत्रम् {कल्पसूत्र सह जिनशासन आराधना पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि (#) |2053 244(P) शांतिसागरजी उपा. कृत टीका) ट्रस्ट, (P) ऋषभदेव (पु.मु.) {दे.ना.} {1359, 1367} केशरीमलजी जैन श्वेतांबर संस्था 1226|कल्पसूत्रम् (कल्पसूत्र सह संघविजयजी जिनशासन आराधना पूर्व संशो.-मफतलाल झवेरचंद |2053 180 (P) गणि कृत टीका} {दे.ना.) [T, S] ट्रस्ट, (P) वाडीलाल गांधी (पु.मु.) {1359, 1363) चकुभाई 1227 कल्पसूत्र भाषांतर (कल्पसूत्र सह आचार्यश्री विजय संपा.-सिंहसेनसूरि |2053 (अ.) 754 (P) खीमशाही बा.बो. का अमृतलाल मेरुप्रभसूरीश्वरजी स्मारक अमरचंद सलोत (#) कृत (गु.) अनु.) ट्रस्ट (दे.ना., गु.} [T] {1359, 1422) 1228 कल्पान्तर्वाच्यः {कल्पसूत्र (अन्तर्वाच्य शारदाबेनचीमनभाई संपा.-प्रद्युम्नसूरि । 2053 (1) 129 (B) स्पी) सह नगर्षि गणिजी कृत (प्रा.) एज्युकेशनल रिसर्च सेंटर Page #257 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 210 46. कल्पसूत्र संघ प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) अंतर्वाच्य, दशा.सूत्र के (8वें कल्पसूत्र) (श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन अध्ययन की नियुक्ति और चूर्णि} बोर्डिंग ग्रंथमाला 14) (दे.ना., गु.) [T,S] {818, 819, 1359,1372) कल्पसूत्र (हिन्दी भाषानुवादयुक्त) जिनेश्वरसूरि फाउन्डेशन संपा.-शशीप्रभाश्रीजी 2054 (2) 440 (P) {कल्पसूत्र सह सज्जनश्रीजी कृत लक्ष्मीवल्लभ उपा. कृत टीकानुसारी (हिं.) अनु.} {दे.ना.) [T, S] {1359, | 1395) 1230/बारसासूत्र गुजराती अनुवाद सह नित्य चंद्र दर्शन जैन संपा.-दिव्यानंदसागर गणि, 2054 (अ.) |228 (P) सचित्र प्रभुचरित्र {कल्पसूत्र (सचित्र) धर्मशाळा गुणचंद्रसागरजी का बेचरदास जीवराज दोशी पं. (#) कृत (गु.) अनु.} {गु.} {1389) 1231 कल्पसूत्र विवरण (कल्पसूत्र का मुलुंड श्वे.मू.पू. जैन संघ, संपा.-कलाप्रभसागरसूरि |2054 (2) |352 (B) गुणसागरसूरिजी कृत (गु.) अनु.) (P) मोरारजी नानजी {गु.} {1394} गाला (रेतीवाळा) 1232 कल्पसूत्र-खीमशाही (हिन्दी अनुवाद) मांडवला जैन श्वेमू.पू. संपा.-हेमप्रभसूरि 2054 (अ.) |600 (P) {कल्पसूत्र सह खीमशाही बा.बो. के। अमृतलाल अमरचंद सलोत कृत (गु.) अनु. का बी. टी. परमार कृत (हिं.) भाषां.) (दे.ना.) [T] {1359, 1423} कल्पसूत्रबालावबोध (कल्पसूत्र के राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट |संशो.-यतीन्द्रसूरि 2054 (3) 341 (B) राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक कृत बा.बो. का भीमसिंह माणेक (#) कृत (गु.) अनु.] {गु.) [T] {1421) 1234 कल्पसूत्र (खीमाशाही हिन्दी चंद्रप्रभुजैन नया मंदिर संपा.-रविशेखरविजयजी |2055 (1) |238 (P) भाषान्तर) {कल्पसूत्र का खीमशाही ट्रस्ट बा.बो. अनुसारी रविशेखरविजयजी | (#) कृत (हिं.) अनु.) (दे.ना.) {1425) 1235|कल्पसूत्रम् (बारसासूत्रम्) {कल्पसूत्र जैन पार्श्व पद्यावती ट्रस्ट, संपा.-यशोदेवसरि 2055 (अ.) 152 (P) मूल} {दे.ना.} {1359) जैन साहित्य मंदिर, पालीताणा 1236/ कल्पसूत्रना व्याख्यानो (कल्पसूत्र के पदार्थ दर्शन ट्रस्ट संपा.-नरवाहनसूरि 2055 (अ.) 584 (P) नरवाहनसूरिजी (#) कृत (गु.) प्रव., {पुस्तक 36} ज्ञानविमलसूरिजी कृत सज्झाय) {दे.ना.} {1374,1434) 1237 बारसा सूत्र (हिन्दी भाषांतर सचित्र) मुक्तिचंद्रश्रमण आराधना संपा.-उदयप्रभविजय गणि (#) 2055 (अ.) 200 (P) {कल्पसूत्र (सचित्र) का विनयसागरजी ट्रस्ट महो. (#) कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना. {1397) |1238 बारसासूत्र ढाळ-सचित्र {कल्पसूत्र आचार्यश्री विजय संपा.-सिंहसेनसूरि 2055 (अ.) 144 (P) (सचित्र) का ज्ञानविमलसूरिजी कृत मेरुप्रभसूरीश्वरजी स्मारक (गु.) भास (सज्झाय)} {गु.) ट्रस्टनेमिउदय113741 मेरुप्रभसूरि ग्रंथमाला 39} Page #258 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 211 प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट संपा.-जयंतसेनसूरि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2055 (अ.) 475 (B) प्रकाशन नाम एवं परिचय 1239 कल्पसूत्र - बालावबोध (हिन्दी) {कल्पसूत्र के राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक कृत बा.बो. के भीमसिंह माणेक कृत (गु.) अनु. का जयंतसेनसूरिजी कृत (हिं.) भाषां.} {दे.ना.} [T] {1424} 1240 पर्युषणाकल्पाख्यं बारसासूत्रम् सचित्रम् लब्धिभुवन जैन साहित्य संयो.-विक्रमसेनविजयजी गणि 2055 (अ.) 176 (P) {कल्पसूत्र (सचित्र) मूल} {दे.ना.) सदन {1359) 1241 कल्पसूत्र हिन्दी भाषांतर {कल्पसूत्र की शीतलनाथ जैन श्वेतांबर संपा.-उदयप्रभविजय गणि 2055 (अ.) 188 (P) सुबोधिका टीका का उदयप्रभविजयजी मंदिर ट्रस्ट । मुक्तिचंद्रगणि कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} श्रमण आराधना ट्रस्ट {1420) 1242 बारसासूत्र (सचित्र) {कल्पसूत्र का दीपक ज्योति जैन संघ अप्रदर्शित 2058 (अ.) 220 (P) अज्ञात कर्तृक (हिं.) अनु.) {दे.ना.) {1404) | 1243 पर्युषणना चोथाथी सातमा दिवसना बोरीवली जैन श्वेतांबर संपा.-अजितशेखरसूरि 2058 338 (P) व्याख्यानो {कल्पसूत्र सह मू.पू. तपगच्छ संघ (पु.मु.) अजितशेखरसूरिजी कृत (गु.) विवे.} {गु., दे.ना.} {1359, 1431) 1244 कल्पसूत्र-सुखबोधिका टीका संक्षेपः शंखेश्वर पार्श्वनाथ संयो.-मुक्तिप्रभसूरि 2058 175 (P) | {कल्पसूत्र सह मुक्तिविमलजी पं. कृत आराधक ट्रस्ट, अमदावाद, (पु.मु.) अर्वा. टीका (व्या.8)} {दे.ना.) | (P) चंदुलाल सोमचंद {1359, 1379) कल्पसूत्रम् (खीमशाही) {कल्पसूत्र के संयम सुवास संपा.-योगतिलकसूरि 2058 (1) 666 (P) खीमशाही बा.बो. का अमृतलाल अमरचंद सलोत कृत (गु.) अनु.) (दे.ना.} {1422} 1246 कल्पसूत्रम् सुबोधिकाख्यवृत्ति युक्तम् आगमोद्धारक प्रतिष्ठान, संपा.-नयचंद्रसागरजी गणि 2059 (3) |214 (P) (आगमोद्धारक टिप्पणि समलंकृतम्) (P) देवचंद लालभाई जैन {कल्पसूत्र सह सुबोधिका टीका) पुस्तकोद्धार फंड (दे.ना.) [T, S] {1359, 1366} 1247 कल्पसूत्र विवरण (हिन्दी में) {कल्पसूत्र आर्य जयकल्याण केन्द्र संयो., संपा.-कलाप्रभसागरसूरि 2059 (#) 304 (B) के गुणसागरसूरिजी कृत (गु.) अनु. का ट्रस्ट (अ.) राजमल सिंघी कृत (हिं.) भाषां.} {दे.ना.} {1405} कल्पसूत्रम् (कल्पसूत्र सह धर्मसागरजी प्रवचन प्रकाशन, (P) संपा.-वैराग्यरतिविजयजी, 2059 (2) 468 (P) उपा. कृत टीका} {दे.ना.) [T,s] आत्मानंद जैन सभा, प्रशमरतिविजयजी, पूर्व {1359, 1362} भावनगर (दान प्रेम संशो.-दानसूरि रामचंद्रसूरि ग्रंथमाला 1) 1249 कल्पसूत्रम् (बारसा सूत्रम्) (युगप्रधान स्थूलभद्रसूरि पुण्य संयो.-चंद्रयशसूरि, 2059 (1) 100 (P) श्री कालिकाचार्य कथाद्वय संयुक्त) प्रभावक ट्रस्ट केन्द्र, (P) संपा.-स्थूलभद्रसूरि सचित्रम् (कल्पसूत्र (सचित्र) मूल, बारसासूत्र प्रकाशन जिनदेवसूरिजी और अज्ञात कर्तृक समिति (2) {ग्रंथांक 1} Page #259 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 212 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय कालिकाचार्य की (सं.) कथाएँ श्लोक- 97+65) (दे.ना.) (1359) 1253 कल्पसूत्र सुवोधिका व्याख्यानुं भाषान्तर (भावानुवाद) ( कल्पसूत्र का कनकरत्नसूरिजी कृत (गु.) अनु | (व्या. 8)} {गु.} {1406} | 1250 कल्पसूत्र भाषांतर (पं. खीमाविजयजी सुबोध श्रेणी प्रकाशन गणि बालावबोधानुसार) (कल्पसूत्र सह खीमशाही बा.बो. का अमृतलाल अमरचंद सलोत कृत (गु.) अनु. } {गु., दे.ना. } [T] {1359, 1422 } 1251 बारसासूत्र गुजराती अनुवाद सह | सचित्र प्रभुचरित्र ( कल्पसूत्र (सचित्र) का मेयरदास जीवराज दोशी पं. कृत (गु.) अनु.) (गु) (1389) 1252 कल्पसूत्र (सचित्र) ( कल्पसूत्र की | सुयोधिका टीका (सचित्र) का साराभाई मणीलाल नवाब कृत (गु.) अनु. और लक्ष्मीसूरिजी कृत अष्टानिका व्याख्यान का अनु.} {गु.) (1418} 1254 कल्पसूत्रनी वाचनाओ (कल्पसूत्र के सुबोधिका टीकानुसारी चंद्रशेखरविजयजी पं. कृत (गु.) प्रव., | माणेकविजयजी कृत सज्झाय (गु.) {1375, 1433} 1256 कल्पसूत्रम् (बारसासूत्रम्) {कल्पसूत्र मूल) (दे.ना.) (1350 ) 1257 पर्युषणामहापर्वनां व्याख्यानो {कल्पसूत्र के ज्ञानविमलसूरिजी कृत (गु.) भास सह भद्रंकरसूरिजी कृत (गु.) विवे.) (दे. ना.) [T] {1374, 1429) 46. कल्पसूत्र 1258 पवित्र कल्पसूत्र ( कल्पसूत्र का | प्रकाशक (ग्रंथमाला} 1255 कल्पसूत्र के हिन्दी प्रवचन ( कल्पसूत्र दिव्य संदेश प्रकाशन (सचित्र) के ज्ञानविमलसूरिजी कृत (गु.) भास सह रत्नसेनविजयजी पं. कृत (हिं.) विवे. (ढाल 13)} (दे.ना. } {1374, 1432) | बेचरदास जीवराज दोशी पं. कृत (गु.) कोल्हापुर जैन श्वे. मू. पू. संघ देवकरण मूळजी / | ट्रस्ट, (P) साराभाई मणीलाल नवाब रत्नोदय चेरीटेबल ट्रस्ट वाडीलाल साराभाई देरासर ट्रस्ट कमल प्रकाशन ट्रस्ट, अमदावाद संयम सुवास अनेकांत प्रकाशन जैन रिलीजीयस ट्रस्ट | जशवंतभाई एन. शाह संपादक, संशोधक आदि | संपा. - राजकीर्तिसागरजी पंन्यास 2059 (अ.) 646 (P) संपा. विक्रमसेनविजयजी गणि, 2060 (2) 244 (P) पूर्व संपा. पुण्यविजयजी (आगमप्रभाकर) संपा. -रत्नचंद्रसूरि संपा. कनकरत्नसूरि (#) संपा. चंद्रशेखरविजयजी पंन्यास (#) संपा. रत्नसेनसूरि संपा. - योगतिलकसूरि संपा. चंद्रगुप्तसूरि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संपा. - पुण्यविजयजी (आगमप्रभाकर) अनु. (व्या. 8)} {गु.} {1389 } 1259 | कल्पसूत्रम् (बारसासूत्रम् - सचित्रम्) राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट संशो. जयंतसेनसूरि {कल्पसूत्र मूल} {दे. ना. } [S] {1359) 2060 (#) 612 (P) (1) 2060 (3T.) 348 (P) 2061 (10) 280 (P) | 2061 (1) 356 (C) 2061 (1) 266 (P) | 2062 (4) 422 (P) 2062 (1) 78 (B) | 2062 (1) 216 (D) Page #260 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रकाशन नाम एवं परिचय 1260 कल्पसूत्रम् ( कल्पसूत्र सह | सुबोधिका टीका) (दे.ना.) [T] {1359, 1366) क्र. 1261 परमपवित्रं श्रीकल्पसूत्रम् (कल्पसूत्र | सह सुवोधिका टीका) (दे.ना., गु.) [T, S] [1359, 1366 } 1263 कल्पसूत्रम् ( कल्पसूत्र सह सुबोधिका टीका (दे.ना.) (T, S) (1350 1366 1264 सचित्र कल्पसूत्र [ILLUSTRATED KALPASUTRA] [कल्पसूत्र (सचित्र) सह अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. और उसका सुरेन्द्र बोथरा कृत (अं.) भाषां.) (दे. ना., रो. } (1359, 1402, 1403) 1265 कल्पसूत्र (खीमशाही गुजराती भाषांतर) (कल्पसूत्र के खीमशाही बा.बो. का अमृतलाल अमरचंद सलोत कृत (गु.) अनु.} (गु.) [T] {1422) 1266 कल्पसूत्र {कल्पसूत्र सह प्यारचंद्रजी उपा. कृत (हिं.) अनु. (स्था. मत)} {दे. ना. } [T] [1359, 1407 } 1262 कल्पसूत्रं-सुबोधिकाटीकासमलङ्कृतम् जैन ग्रंथ प्रकाशन समिति, संपा. सूर्योदयसूरि (#) खंभात ( कल्पसूत्र सह सुबोधिका टीका) {दे. ना., गु.} [T, S] [1359, 1366} 1267 बारसासूत्र [BARSA SUTRA] (कल्पसूत्र का कनकरत्नसूरिजी कृत (गु.) अनु.} {गु.} {1408} 1268 आगम सटीक अनुवाद (कल्प [बारसा] सूत्र) {कल्पसूत्र का दीप.कृत (गु.) अनु.) भाग 42 {गु. } {1409) |1269 कल्पसूत्रसुबोधिका ( कल्पसूत्र सह | सुबोधिका टीका) (दे.ना.) [T] {1359, 1366) आगम प्रकाशन परिचय 1270 बारसासूत्रम् ( कल्पसूत्र मूल } [दे.ना. गु.) (1350) 1271 कल्पसूत्रम् (खीमशाही) गुजराती प्रकाशक (ग्रंथमाला } अनेकांत प्रकाशन जैन रिलीजीयस ट्रस्ट भारतवर्षीय जिनशासन संपा. विनयवर्धनविजयजी सेवा समिति | जिनशासन आराधना ट्रस्ट (P) माटुंगा जैन श्वे. मू. पू. तपागच्छ संघ {प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्ममाला, पद्म 34} पद्म प्रकाशन, दिल्ली, दिवाकर प्रकाशन, प्राकृत भारती अकादमी (सचित्र आगममाला पुष्प 3} संपादक, संशोधक आदि संपा. चंद्रगुप्तसूरि | भावनाबेन किशोरचंद शाह श्रुत प्रकाशन निधि आगम प्रकाशन समिति, संशो. सुप्रभाजी साध्वी डॉ., संपा. -प्यारचंद्रजी उपाध्याय ब्यावर संपा. कनकरत्नसूरि (#) सन्मार्ग प्रकाशन (गुणयशसूरि- स्मृति-संस्कृतप्राकृत प्रथमाला 2) पूर्व संपा. कनकचंद्रसूरि | सन्मार्ग प्रकाशन {गुणयशसूरि-स्मृति संस्कृतप्राकृत ग्रंथमाला 1} 108 पार्श्वनाथ भक्ति मुख्य संपा. अमरमुनिजी उपप्रवर्तक सह संपा. श्रीचंद सुराणा, वरुणमुनिजी चित्र. पुरुषोत्तमसिंह सरदार, | हरविंदरसिंह सरदार | लब्धिरि जैन ग्रंथमाला, संपा. विक्रमसेनविजयजी गणि 2065 (2) छाणी, लब्धिभुवन जैन साहित्य सदन संपा. दीपरत्नसागरजी (5) संपा. कीर्तियशसूरि संपा. - कीर्तियशसूरि संपा. रत्नशेखरसूरि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2063 (1) 660 (P) | 2063 (1) 614 (P) 2065 (3.) 532 (P) 2065 (पु.मु.) 2065 (2) 328 (B) 2066 (3) 622 (P) 301 (P) 268 (P) | 2066 (1) 185 (P) 2066 (3T.) 208 (C) 2067 (3T.) 2066 (1) 940 (P) |2066 (1) 221 (P) 213 144+298= 442 (B) Page #261 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 214 46. कल्पसूत्र संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संपा.-राजकीर्तिसागरजी पंन्यास 2067 (1) |272 (P) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) भाषान्तर (कल्पसूत्र (सचित्र) का विहार जैन ट्रस्ट लब्धिसूरिजी (2) कृत खीमशाही बा.बो. अनुसारी (गु.) अनु.) भाग 1-2 {गु.) {1396) कल्पसूत्रम् (बारसासूत्रम्) (सचित्र) सुबोध श्रेणी प्रकाशन (युगप्रधानश्री कालिकाचार्य कथाद्वय संयुक्तं सचित्रम्) (कल्पसूत्र (सचित्र) का बेचरदास जीवराज दोशी पं. कृत (गु.) अनु.} {गु.} {1389) 1273 कल्पसूत्रना व्याख्यान (कल्पसूत्र के अर्हद धर्म प्रभावक ट्रस्ट सुबोधिका टीकानुसारी हृदयरत्नविजयजी कृत (गु.) प्रव., माणेकविजयजी कृत सज्झाय} {गु.} {1375, 1435) 1273 सचित्र-बारसा (कल्प) सूत्रम् मोक्षपथ प्रकाशन (1) {कल्पसूत्र मूल} {दे.ना.} {1359) संपा.-हदयरत्नविजयजी 2069 (1) 238 (P) संपा.-रम्यदर्शनविजयजी |2070 (1) 283 (P) 47. यतिजीतकल्पसूत्र (1274-1276) 1274 जइ-जीय-कप्पो (यति-जीत-कल्पः) आगमोद्धारक जैन संशो.-लाभसागरजी पंन्यास 2028 (अ.) [178 (B) {यति.सूत्र सह साधुरत्नसूरिजीकृत ग्रंथमाला {ग्रंथांक 51) टीका) {दे.ना. [S] {1438, 1439) | 1275 जइ-जीय-कप्पो (यति-जीत-कल्पः) शांतिनाथ भगवान जेन पूर्व संशो.-लाभसागरजी पंन्यास 2063 (अ.) |172 (B) {यति.सूत्र सह साधुरत्नसूरिजीकृत देरासर ट्रस्ट, (P) टीका) (दे.ना.) [S] {1438, 1439) आगमोद्धारक जैन ग्रंथमाला 1276 जइजीयकप्पो (यतिजीतकल्प:) परम धर्म प्रकाशन संपा.-नयभद्रविजयजी 2069 (1) 224 (C) {यतिजीतकल्प सह साधुरत्नसूरिजी कृत टीका} {दे.ना., गु.) [T,S] {1438, 1439) 48. श्राद्धजीतकल्पसूत्र (1277-1278) 1277 सङ्क-जीयकप्पो (श्राद्धजीतकल्प:) |आगमोद्धारक जैन संशो.-लाभसागरजी पंन्यास |2027 (अ.) |100 (B) {श्रा.जीत.सूत्र सह सोमतिलकसूरिजी | ग्रंथमाला (ग्रंथांक 45) कृत टीका)(दे.ना.} [3]{1440, 1441)| 1278 सङ्क-जीयकप्पो (श्राद्धजीतकल्पः) जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक पूर्व संशो.-लाभसागरजी पंन्यास 2063 (अ.) 94 (B) | {श्रा.जीत.सूत्र सह सोमतिलकसूरिजी संघ, मढी., (P) कृत टीका} {दे.ना.)[3]{1440, 1441)| आगमोद्धारक जैन ग्रंथमाला 1278 सङ्ग-जीयकप्पो (श्राद्धजीतकल्पः) परम धर्म प्रकाशन संपा.-नयभद्रविजयजी 2069 (1) 120 (B) {श्राद्धजीतकल्प सह धर्मघोषसूरिजी कृत स्वोपज्ञ टीका} {दे.ना., गु.) [3] {1440, 1440a) 49. पंचकल्पभाष्य (1279-1282) आगमोद्धारक जैन संशो.-लाभसागरजी पंन्यास ग्रंथमाला {ग्रंथांक 52} 1279 पंचकप्पभासं (पञ्चकल्पभाष्यम्) {पञ्च.भाष्य मूल} {दे.ना.} [s] (1442) 2028 (अ.) 330 (C) Page #262 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 215 क्र. वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) |2051 (अ.) 191 (B) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला 1280| पंचकल्पभाष्य चूर्णि (पञ्च.भाष्य की जिनशासन आराधना संपा.-कुलचंद्रसूरि, सह संपा.. चूर्णि} {दे.ना., गु.) [T, S] {1443) टस्ट कल्याणबोधिसूरि 1281 पंच कल्प भाष्य चूर्णि {पञ्च.भाष्य की दादर आराधना भवन जैन संपा.-कुलचंद्रसूरि, सह चूर्णि} {दे.ना.} [T, S] {1443) पौषधशाला ट्रस्ट संपा.-कल्याणबोधिसूरि 2051 (अ.) 258 (P) |2060 (अ.)/406 (B) 1282 पञ्चकल्पभाष्यम् पंचकल्पभाष्यचूर्णि |अप्रदर्शित, (P) | {पञ्च.भाष्य सह चूर्णि} {दे.ना.) आगमोद्धारक जैन |[T,S] {1442,1443) ग्रंथमाला, (P) जिनशासन आराधना संक.-अभयचंद्रसूरि, पूर्व संशो.-लाभसागरजी पंन्यास, पूर्व संपा. कुलचंद्रसूरि, कल्याणबोधिसूरि ट्रस्ट 50. ओघनियुक्तिसूत्र (1283-1295) | 1283 ओघनियुक्तिः {ओ.नि.सूत्र सह भाष्य, आगमोदय समिति संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (2) 1975 (अ.) 229 (P) द्रोणाचार्यजी कृत टीका} {दे.ना.) [T, S] {1444, 1445, 1446} 1284 ओघनियुक्तिः {ओ.नि.सूत्र सह दानसूरिजी जैन ग्रंथमाला संशो.,संपा.-मानदेवसूरि 2014 (अ.) 553 (P) भाष्य, द्रोणाचार्यजी कृत टीका) {रत्न 56) (दे.ना.) [T, S] {1444,1445, 1446) 1285 ओघनियुक्ति पराग (ओ.नि.सूत्र का जंबूस्वामी जैन मुक्ताबाई संपा.-नित्यानंदविजयजी पं. 2018 (1) 242 (C) नित्यानंदविजयजी पं. कृत अंशसंग्रह आगममंदिर (गु.) विवे.युक्त} {गु.) [T] {1454) {आत्म-कमल-दान प्रेम-जंबूसूरि जैन ग्रंथमाला 44} 1286 ओघनियुक्तिः [OGHANIRYUKTI] देवचंद लालभाई जैन संशो., संपा.-सूर्योदयसागरसूरि |2030 (अ.) |494 (P) {ओ.नि.सूत्र, भाष्य सह पुस्तकोद्धार फंड ज्ञानसागरसूरिजी कृत अवचूरि) {ग्रंथांक 121) {दे.ना.} [T, S] {1444, 1445, 1447) 1287 ओघनियुक्तिः {ओ.नि.सूत्र सह भाष्य, जिनशासन आराधना पूर्व संपा., पूर्व 2046 (8) 524 (P) द्रोणाचार्यजी कृत टीका} {दे.ना., गु.) ट्रस्ट, (P) दानसूरिजी जैन संशो.-मानदेवसूरि (पु.मु.) |[T, S] {1444, 1445, 1446) ग्रंथमाला {आगम प्रकाशन माला 3} 1288 ओघनियुक्ति सूत्रम् {ओ.नि.सूत्र सह हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2055 (1) 282 (P) भाष्य, द्रोणाचार्यजी कृत टीका) {ग्रं. 357) {दे.ना.} [T, S] {1444, 1445, 1446} | 1289/ओघनियुक्ति-ग्रन्थः {ओ.नि.सूत्र सह आनंद प्रकाशन, संपा.-अक्षयचंद्रसागरजी गणि, |2056 (अ.) 242 (P) भाष्य, द्रोणाचार्यजी कृत टीका) अमदावाद पूर्व संशो., पूर्व (दे.ना.,गु.) [T, S] {1444,1445, संपा.-सागरानंदसूरि 1446 . 1290/ ओघनियुक्ति सूत्रं {ओ.नि.सूत्र सह जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व 2061 (1) 86 (P) भाष्य) {दे.ना., गु.} [9] {1444, 1445}| संशो., पूर्व संपा. -सागरानंदसूरि | Page #263 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 216 50. ओघनियुक्तिसूत्र प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि सन्मार्ग प्रकाशन, (P) संपा.-कीर्तियशसूरि, पूर्व जंबूस्वामी जैन मुक्ताबाई संपा.-नित्यानंदविजयजी पं. आगममंदिर वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2061 (2) 147 (C) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय 1291 ओघनियुक्ति पराग (ओ.नि.सूत्र का नित्यानंदविजयजी पं. कृत अंशसंग्रह | (गु.) विवे.युक्त} {गु.} [T] {1454} संशो.-भव्यसुंदरविजयजी 20632064(1) 864+8923 1756 (P) संपा.-गुणहंसविजयजी (#) 20642065 (1) 1388+452840(P) | 1292 ओघनियुक्तिः {ओ.नि.सूत्र सह कमल प्रकाशन ट्रस्ट, द्रोणाचार्यजी कृत टीका, अमदावाद गुणहंसविजयजी कृत (गु.) अनु., भाष्यानु,टीकानु.) भाग 1-2 {गु., दे.ना.} {1444,1445, 1446,1449, 1451, 1452} 1293 ओघनियुक्ति सारोद्धार कमल प्रकाशन ट्रस्ट, {ओघनियुक्ति सारोद्धार (ओ.नि.सूत्र | अमदावाद का गुणहंसविजयजी कृत अंशसंग्रह (गु.) विवे.युक्त)) भाग 1-2 {गु.} {1455) 1294 ओघनिर्यक्तिः (ओ.नि.सत्र सह भाष्य, जिनशासन आराधना द्रोणाचार्यजी कृत टीका} {दे.ना.} ट्रस्ट, (P) आगमोदय [T, S] {1444, 1445, 1446) समिति {प्राचीन श्रुत समुद्धारपद्यमाला, पद्य 31} 1295 सिद्धान्त रहस्य बिन्दुः {ओ.नि.सूत्र कमल प्रकाशन ट्रस्ट, और टीका का गुणहंसविजयजीकृत अमदावाद सटीक अंशसंग्रह ) (दे.ना.} {1456} पूर्व संपा., पूर्व संशो.-सागरानंदसूरि (#) 2065 (पु.मु.) 243 (P) संशो.-जयभूषणविजयजी2070 (1) 202 (B) 2002 (अ.) 22 (P) 2049 (1) |138 (C) 51. द्वीपसागरप्रज्ञप्तिसंग्रहणी गाथा (1296-1298) 1296 द्वीपसागरप्रज्ञप्तिसंग्रहणी चंदनसागर ज्ञानभंडार संशो..चंदनसागरजी गणि (सिरिदीवसागरपण्णत्तिसंघहणी) {द्वीप.संग्र.गाथा मूल} {दे.ना.} [3] 11457} 1297 दीवसागरपण्णत्तिपइण्णयं आगम अहिंसा समता एवं संपा.-सागरमल जैन डॉ. (2) (द्वीपसागरप्रज्ञप्ति-प्रकीर्णक) प्राकृत संस्थान {आगम {द्वीप.संग्र.गाथा सह सुरेश सिसोदिया संस्थान ग्रंथमाला 8) डॉ.कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T,S] {1457,1459) 1298 द्वीपसागर-प्रज्ञप्ति संग्रहणी हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि {द्वीप.संग्र.गाथा मूल} {दे.ना.} {ग्रं. 295} {1457) 2051 (1) 28 (D) 1983 (अ.) |46 (P) 52. ऋषिभाषितानिप्रकीर्णकसूत्र (1299-1307) 1299 प्रत्येकबुद्धर्भाषितानि ऋषभदेव केशरीमलजी संपा.-सागरानंदसूरि (*) श्रीऋषिभाषितसूत्राणि जैन श्वेतांबर संस्था {ऋ.भा.प्रकी.सूत्र सह अज्ञात कर्तृक (प्रा.) संग्रहणी द्वय} {दे.ना.} {1460, 1461, 1462} Page #264 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. | प्रकाशन नाम एवं परिचय 1300 इसि भासियाई सुत्ताई अर्थात् अर्हतचि प्रोक्त ऋषिभाषितानि सूत्राणि [[ISIBHASIYAIM] [ऋ. भा. प्रकी. सूत्र, संग्रहणी द्वय सह वाल्ड स्मीडट कृत छाया (टीका), मनोहरमुनिजी कृत (हिं. गु.) अनु, विवे. (वे. ना. गु.] " [T, S] (1460, 1461, 1462, 1463, 1465, 1468} 1301 इसिभासियाई [ISIBHASIYAIM ] {ऋ. भा. प्रकी. सूत्र (रोमन लिप्यंतरयुक्त) सह वाल्ड स्मीडट कृत छाया (टीका)) रो., दे. ना. [T. S] {1460, 1463} 1302 इसिभासियाई सुताई (ऋषिभाषित सूत्र) [ISIBHASIYAIM SUTTAIM] | (RISHIBHASHIT SUTRA) (ऋ. भा. प्रकी. सूत्र, (प्रा.) संग्रहणी द्वय सह विनयसागरजी महो. कृत (हिं.) अनु. और उसका कलानाथ शास्त्री एवं दिनेशचंद्र शर्मा डॉ. कृत (अं.) भाषां., सागरमलजी जैन डॉ. कृत (हिं.) शोधग्रंथ और उसका सुरेन्द्र योधरा कृत (अं) भाषां.) (दे.ना.. रो.} [T, S] [1460, 1461, 1462, 1466, 1467, 1469, 1470) 1303 ऋषिभाषित एक अध्ययन : {ऋ. भा. प्रकी. सूत्र का सागरमलजी जैन डॉ. कृत (हिं.) शोधग्रंथ) (दे.ना. } [T] {1469} 1304 | RISHIBHASHIT A STUDY ऋ. भा. प्रकी. सूत्र के सागरमलजी जैन | डॉ. कृत शोधग्रंथ का सुरेन्द्र बोथरा कृत (अं) भाषां.) (रो.) [T] (1470) 1305 इसिभासियाइं सूत्ताणि, | चतुर्विंशतिजिनस्तुतिसंग्रहः {ऋ. भा. प्रकी. सूत्र सह अज्ञात कर्तृक (प्रा.) संग्रहणी द्वय एवं चतुर्विंशतिजिनस्तुति संग्रहः) (दे.ना.) {1460, 1461, 1462) 1306 ऋषिभाषित का दार्शनिक अध्ययन आगम प्रकाशन परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला} सुधर्मा ज्ञानमंदिर लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर {ला. द. ग्रंथश्रेणि 45} प्राकृत भारती अकादमी, जैन श्वेतांबर नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ मेवानगर ( प्राकृत भारती पुष्प 46 } संपादक, संशोधक आदि संशो. नारायणराम आचार्य, संपा. मनोहरलालजी मुनि, टिप्पण - Walther Schubring प्राच्य विद्यापीठ, प्रबंध संपा. दलसुखभाई मालवणिया पंडित, पूर्व संपा. - Walther Schubring Dr. संपा. विनयसागरजी महोपाध्याय प्राकृत भारती अकादमी, संपा. विनयसागरजी जैन श्वेतांबर नाकोडा महोपाध्याय पार्श्वनाथ तीर्थ, मेवानगर, पार्श्वनाथ विद्यापीठ (प्राकृत भारती पुष्प 49 } प्राकृत भारती अकादमी, संपा. विनयसागरजी जैन श्वेतांबर नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ, महोपाध्याय मेवानगर, पार्श्वनाथ | विद्यापीठ (प्राकृत भारती पुष्प 54} | जिनशासन आराधना ट्रस्ट, (P) ऋषभदेव | केशरीमलजी जैन श्वेतांबर संस्था पूर्व संशो. पूर्व संपा. सागरानंदसूरि (8) संपा. सागरमल जैन डॉ. वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 351 (B) 2020 (1) 2030 (1) 2044 (1) 430 (B) 2044 (1) 2044 (1) 195 (B) 2050 (पु.मु.) 110 (C) 104 (C) 64 (P) 217 2065 (3T.) 188 (C) Page #265 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 218 52. ऋषिभाषितानिप्रकीर्णकसूत्र क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) {ऋ.भा.प्रकी.सूत्र का प्रमोदकुमारी पार्श्वनाथ विद्यापीठ महासतीजी कृत (हिं.) शोधग्रंथ) {दे.ना.} [T] {1471} ऋषिभाषितानि (ऋ.भा.प्रकी.सूत्र सह जिनशासन आराधना ट्रस्ट संशो., संपा.-कल्याणबोधिसूरि | 2066 (1) 281+262= कल्याणबोधिसूरिजी कृत टीका, अज्ञात | {भुवनभानुसूरि 543(C) कर्तृक (प्रा.) संग्रहणी द्वय) भाग 1-2 जन्मशताब्दी नवलुं {दे.ना., गु.) [T, S] {1460, 1461, नजराणुं 16} 1462, 1464} 53. अंगचूलिका (1308-1308) 1308 अङ्गचूलिका सूत्र {अंगचूलिकासूत्र । जिनशासन आराधना ट्रस्ट संशो., संपा.-कल्याणबोधिसूरि 2066 (1) सह कल्याणबोधिसूरिजी कृत टीका} {भुवनभानुसूरि भाग 1-2 {दे.ना., गु.) [T, S] जन्मशताब्दी नवलुं |{1472, 1473) नजराणुं54) 224+276%3D 500 (C) 54. वर्गचूलिका (1309-1310) 1309 जिनप्रतिमामहात्म्याष्टक और बाईस चुनीलाल कल्याणजी लेखक-खांतिविजयजी पंन्यास 1981 (अ.) 46 (B) गोठील पुरुषोका ब्यान और पंजाबका दोशी प्रश्नोत्तर (बर्गचूलिकासूत्र (सूत्र 1) सह (हिं.) सारांश आदि) (दे.ना.) {1474,1476) 1310 वर्गचूलिका (वर्गचूलिकासूत्र सह | जिनशासन आराधना ट्रस्ट संशो., संपा.-कल्याणबोधिसूरि |2066 (1) 108 (C) कल्याणबोधिसूरिजी कृत टीका) {भुवनभानुसूरि (दे.ना., गु.) [T, S] {1474, 1475} जन्मशताब्दी नवलुं नजराणुं 56} 1311 55. गच्छाचारप्रकीर्णकसूत्र (1311-1328) पूर्वाचार्यकृत-सटीकगच्छाचारप्रकीर्णक दयाविमलजी जैन संशो.-दानसूरि | 1979 (अ.) 24 (P) सूत्रम् पूर्वार्द्धम् (गच्छा.प्रकी.सूत्र सह ग्रंथमाला {अंक 25} दानसूरिजी (#) कृत छाया, (गु.) अनु.} भाग 1{दे.ना.) [S] {1477, 1481, 1483} 1312 गच्छाचारप्रकीर्णकम् (गच्छा.प्रकी.सूत्र आगमोदय समिति संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (#) |1980 (अ.) |44 (P) सह विजयविमल गणिजी कृत टीका) {दे.ना.} [S] {1477, 1478} 1313 पूर्वाचार्यकृत-सटीकगच्छाचार- दयाविमलजी जैन संशो.-दानसूरि 1980 (अ.) 160 (P) प्रकीर्णकसूत्रम् {गच्छा.प्रकी.सूत्र सह ग्रंथमाला {अंक 25} विजयविमल गणिजी कृत बृहट्टीका) {दे.ना.} [S] {1477, 1479) 1314 गच्छाचारपयन्ना मूल अनुवादयुक्त, जैन धर्म प्रसारक सभा अप्रदर्शित | 1981 (अ.) 70 (D) साध्वाचारनुं दिग्दर्शन, दशवैकालिकसूत्रनी 10 सज्झाय {गच्छा.प्रकी.सूत्र सह कर्पूरविजयजी कृत (गु.) अनु., दश.सूत्र की Page #266 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 219 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) वद्धिविजयजी कृत सज्झाय} {गु., दे.ना.} [T] {1035, 1477, 1484) 1315 गच्छाचारपयन्ना {गच्छा.प्रकी.सूत्र भूपेन्द्रसूरि जैन साहित्य संयो.-राजेन्द्रसूरि भट्टारक, |2002 (अ.) 392 (C) सह राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक कृत। समिति {ग्रंथांक 15} संशो.-गुलाबविजयजी उपाध्याय छाया, (गु.) अनु., बृहट्टीकानुसारी विवे.) {दे.ना.) [T,S] {1477,1480,1489) | 1316 नरेन्द्र-जीवननी-शीतल-परिमल लालजी घेलाभाई जेवत संग्रा.-विद्युत्प्रभाश्रीजी 2025 (अ.) 50 (D) (गच्छाचार पयन्ना सूत्र सार्थ) खोना (गच्छा.प्रकी.सूत्र सह कर्पूरविजयजी कृत (गु.) अनु.} {गु., दे.ना.} {1477, 1484} 1317 गच्छाचारप्रकीर्णकम् हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2043 (1) 360 (P) | {गच्छा.प्रकी.सूत्र सह विजयविमल {ग्रं. 172} गणिजी कृत बृहट्टीका) {दे.ना.} {1477,1479) 1318 गच्छाचारपयन्ना (गच्छा.प्रकी.सूत्र अमीचंदजी ताराजी दाणी संयो. राजेन्द्रसूरि भट्टारक, 2048 (2) 332 (C) सह राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक कृत छाया, संशो.-गुलाबविजयजी उपाध्याय | (गु.) अनु., बृहट्टीकानुसारी विवे.} {दे.ना.} [T, S] {1477, 1480, 1489) 1319 गच्छाचारप्रकीर्णकम् (संस्कृतछायायुतं) हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2049 (1) 28 (D) {गच्छा.प्रकी.सूत्र सह दानसूरिजी (#) | {ग्रं. 275} कृत छाया} {दे.ना.) {1477, 1481) 1320 गच्छाचार-प्रकीर्णकम् {गच्छा.प्रकी.सूत्र हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2049 (1) 356 (P) सह दानसूरिजी (#) कृत छाया, {ग्रं. 249} विजयविमल गणि कृत बृहट्टीका और लघुटीका} {दे.ना.} {1477, 1478, 1479, 1481} 1321 गच्छायारपइण्णयं आगम अहिंसा समता एवं संपा.-सागरमल जैन डॉ. (#) 2050 (1) 72 (C) (गच्छाचार-प्रकीर्णक) प्राकृत संस्थान {आगम {गच्छा.प्रकी.सूत्र सह सुरेश संस्थान ग्रंथमाला 11} सिसोदिया डॉ. कृत (हिं.) अनु.} (दे.ना.} [T, S] {1477, 1485) 1322 GACCHAYARA-PAINNAYAM | आगम अहिंसा समता एवं संपा.-सागरमल जैन डॉ. 2060 (1) 104 (C) [GACCHACARA-PRAKIRNAKA] | प्राकृत संस्थान {आगम {गच्छा.प्रकी.सूत्र सह सुरेश संस्थान ग्रंथमाला 29) सिसोदिया डॉ. के अनु. का कर्नल दलपतसिंघ बाया डॉ. कृत (अं.) भाषां.} {रो.} [T, s] {1477, 1488} | 1323 गच्छाचार सूत्रं (गच्छा.प्रकी.सूत्र मूल} | जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व 2061 (1) |18 (P) {दे.ना., गु.} [] {1477} संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि Page #267 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 220 55. गच्छाचारप्रकीर्णकसूत्र वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 48 (P) 2063 (पु.मु.) 2067 (अ.) 356 (C) 2067 (अ.) 144 (C) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि 1324 गच्छाचार प्रकीर्णकम् आगमोद्धारक श्रुतसेवा संपा.-सागरानंदसूरि {गच्छा.प्रकी.सूत्र सह विजयविमल समिति, (P) आगमोदय गणिजी कृत टीका} {दे.ना.} [s] समिति {1477, 1478} 1325 गच्छाचार-प्रकीर्णकम् (संस्कृत-छाया |जिनप्रभसूरि जैन ग्रंथमाला संपा.-तत्त्वप्रभविजयजी गणि सानुवाद साथे) {गच्छा.प्रकी.सूत्र सह | {ग्रं. 33} विजयविमल गणिजी कृत बृहट्टीका, दानसूरिजी (#) कृत छाया, (गु.) अनु.) {दे.ना., गु.) {1477, 1479, 1481, 1483} गच्छाचार-प्रकीर्णकम् (संस्कृत-छाया |जिनप्रभसूरि जैन ग्रंथमाला संपा.-तत्त्वप्रभविजयजी गणि सानवाद साथे) (गच्छा.प्रकी.सूत्र सह ग्रं. 32} विजयविमल गणिजी कृत टीका, दानसूरिजी (#) कृत छाया, (गु.) अनु.} {दे.ना., गु.} {1477, 1478, 1481, 1483} 1327 गच्छाचार पयन्ना (संस्कृत छाया + जिनप्रभसूरि जैन ग्रंथमाला संपा.-तत्त्वप्रभविजयजी गणि सानुवाद) {गच्छा.प्रकी.सूत्र सह {ग्रं. 25} दानसूरिजी (#) कृत छाया, (गु.) अनु.} {दे.ना., गु.} {1477, 1481, 1483) 1328 | गच्छाचार पयन्ना {गच्छा.प्रकी.सूत्र गुरु रामचंद्र प्रकाशन संशो.-गुलाबविजयजी सह राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक कृत समिति उपाध्याय, छाया, (गु.) अनु., बृहट्टीकानुसारी संपा.-जयानंदविजयजी विवे.} {दे.ना.} [T, S] {1477, 1480, 1489) 2067 (1) 64 (D) | 2069 (3) 414 (B) 2031 (1) 404 (C) 56. तीर्थोद्गालीकप्रकीर्णकसूत्र (1329-1329) 1329|तित्थोगाली-पइण्णय (तीर्थ ओगाली श्वेतांबर जैन संघ, झालोर संशो.-हस्तिमलजी आचार्य, प्रकीर्णक) {तिर्थो.सूत्र सह संशो., संपा.-कल्याणविजयजी कल्याणविजयजी एवं गजसिंह ठाकुर पंन्यास, गजसिंह राठोड ठाकुर कृत छाया, (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T,S] {1491,1492, 1493) 57. मरणसमाधिप्रकीर्णकसूत्र (1330-1333) 1330 मरणसमाधि-प्रकीर्णकम् हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2049 (1) 44 (P) {मरण.प्रकी.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.) {ग्रं. 269} {1494) 1331 |मरणसमाधि (मरणसमाधि पयन्नानुं महावीर जैन विद्यालय संपा.-अरुणा मुकुंदकुमार लट्ठा | 2056 (1) 256 (C) समीक्षात्मक अध्ययन) [MARAN-SAMADHI] {मरण.प्रकी.सूत्र का अरुणा मुकुंदकुमार लट्ठा कृत (गु.) शोधग्रंथ} Page #268 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 221 क्र. वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2061 (1) |52 (P) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि {गु., दे.ना., रो.) [T, S] {1497} 1332 मरणसमाधि सूत्रं {मरण.प्रकी.सूत्र जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, मूल} {दे.ना., गु.} [] {1494} पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि 1333 मरणसमाहि-पइण्णयं पद्म प्रकाशन, अमदावाद संपा.-भव्यदर्शनसूरि {मरण.प्रकी.सूत्र सह सागरानंदसूरिजी (#) कृत छाया, भव्यदर्शनसूरिजी कृत (गु.) अनु.} {दे.ना., गु.) |{1494,1495,1496} 2068 (अ.) 177 (B) 58. आराधनापताकाप्रकीर्णकसूत्र-वीरभद्राचार्य कृत (1334-1334) 1334 शास्त्रसंदेशमाला शास्त्रसंदेशमाला संक.-विनयरक्षितविजयजी 2061 (1) |328 (D) (अन्तिमाराधनाग्रन्थाः) {आराधनापताका प्रकी.सूत्र आदि अंतिमाराधना संबंधित ग्रंथ-13 मूल) भाग 14 {दे.ना., गु.} {1498) 59. ज्योतिष्करंडकसूत्र (1335-1337) 1335 वल्लभीयाचाीयं ज्योतिष्करण्डकं ऋषभदेव केशरीमलजी संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (2) |1984 (अ.) 274 (P) प्रकीर्णकं (ज्योति.सूत्र सह जैन श्वेतांबर संस्था मलय.टीका} {दे.ना.} [S] {1499, 1500} | 1336 जोइसकरंडगं महावीर जैन विद्यालय संशो., संपा.-पुण्यविजयजी |2045 (1) 162 (B) [JOISAKARANDAGAM] {जैन आगम ग्रंथमाला (आगमप्रभाकर) {ज्योति.सूत्र सह शिवनंदीजी वाचक कृत (प्रा.) टिप्पनक} {दे.ना., गु., रो.} |[T, S] {1499, 1501} 1337 ज्योतिष्करण्डकम् प्रकीर्णकम् ॐकारसूरि ज्ञानमंदिर संपा.-पार्श्वरत्नसागर 2069 (1) 464 (B) {ज्योति.सूत्र सह मलय.टीका, {ग्रं. 70} पार्श्वरत्नसागर कृत (गु.) अनु., मलय.टीकानु.} {दे.ना., गु.} [T, S] {1499, 1500, 1502, 1503) 2056 (2) |463 (B) 60. अइगविद्याप्रकीर्णकसूत्र (1338-1338) 1338 अंगविज्जा [ANGAVIJJA{अंगविद्या प्राकृत ग्रंथ परिषद संशो., संपा.-पुण्यविजयजी प्रकी.सूत्र मूल} {दे.ना.,रो.} [T, S] {ग्रंथांक 1} (आगमप्रभाकर), {1504} संपा.-दलसुखभाई मालवणिया पंडित, हरिवल्लभ चुनीलाल भायाणी डॉ. 1339 61. सारावलीप्रकीर्णकसूत्र (1339-1339) शत्रुजयकल्पः (सारावली प्रकी.सूत्र मूल वर्धमान जैन आगममंदिर संपा.-अमरेन्द्रसागरजी, और शत्रुजयकल्प सटीक} भाग 2 संस्था महाभद्रसागरजी {दे.ना.} {1505} 2051 (अ.)|444 (P) Page #269 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 222 62. सिद्धप्राभृत क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1977 (अ.) 32 (P) | 205854 (P) (पु.मु.) 62. सिद्धप्राभृत (1340-1343) 1340 सिद्धप्राभृतं सटीकम् | आत्मानंद जैन सभा, संशो., संपा.-चतुरविजयजी {सिद्ध.प्रकी.सूत्र सह अज्ञात भावनगर {रत्न 64} कर्तृक टीका) {दे.ना.) [T, S] {1506, 1507} 1341 | सिद्धप्राभृतं सटीकं (सिद्ध. प्रकी.सूत्र जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व सह अज्ञात कर्तृक टीका} {दे.ना., गु.) ट्रस्ट, (P) आत्मानंद जैन संपा.-चतुरविजयजी [[T, S] {1506, 1507} सभा, भावनगर 1342 शास्त्रसंदेशमाला शास्त्रसंदेशमाला संक.-विनयरक्षितविजयजी (प्रारम्भिकाणि-कर्मग्रन्थकाणि लोकप्रकाशीयानि च प्रकरणानि) {सिद्ध.प्रकी.सूत्र आदि 38 कृतियाँ भाग 13 {दे.ना., गु.} {1506} 1343 सिद्धप्राभृतं सटीकम् (ससंस्कृत ॐकारसूरि ज्ञानमंदिर संपा.-पार्श्वरत्नसागर, पूर्व छाया+गुर्जरानुवादः) {सिद्ध.प्रकी.सूत्र | {ग्रं. 76} संपा.-चतुरविजयजी सह अज्ञात कर्तृक टीका, पार्श्वरत्नसागर कृत छाया, (गु.) टीकानु. आदि} {दे.ना., गु.) [T, S] {1506, 1507, 1509, 1510) 2061 (1) 364 (D) 2069 (1) 208 (C) 67. संसक्तनियुक्ति (1344-1344) लब्धिसूरीश्वरजी स्मारक प्रधान संपा.-विक्रमसूरि, संस्कृति केन्द्र, मुंबई संपा.-ज्ञानचंद्र जैन 2022 (1) 1344 संसत्त-निज्जुत्ति (संसक्त नियुक्ति मूल} {दे.ना.} {1522) 16 (C) 1942 (अ.) 74(P) 68. आगम (एकाधिक मूलसूत्र) (1345-1414) 1345 दशपयन्ना मूल सूत्र प्रारंभ: धनपतसिंह बहादुर अप्रदर्शित {चतुः प्रकी.सूत्र आदि 10 प्रकी.सूत्र {आगमसंग्रह मूल} {दे.ना.} {1186, 1209, 1228, भाग 24-33} 1235, 1243, 1254, 1262, 1266, 1271, 1494} 1346 चउसरण, आउर पच्चक्खाण, जैन धर्म प्रसारक सभा अप्रदर्शित 1966 (अ.)/24 (P) भक्तपरिज्ञा, संथारग चार पयन्नानो संग्रह {चतुः प्रकी.सूत्र, आ.प्र.प्रकी.सूत्र, भक्त.प्रकी.सूत्र और संस्ता.प्रकी.सूत्र मूल) (दे.ना.) [T] {1186, 1209, 1228, 1235) 1347 जैन पाठमाला (वीरत्थुई, दश.सूत्र बालाभाई छगनलाल शाह, संशो.-बालाभाई छगनभाई शाह 1969 (3) 128 (D) (अ.10), उत्त.सूत्र (अ.9) मूल आदि) निर्मल प्रिन्टींग प्रेस {दे.ना.} {876, 1020) 1348 कल्प-व्यवहार-निशीथ सूत्राणि जैन साहित्य संशोधक पूर्व संशो.-Walther | 1979(अ.) 68 (B) {बृ.क.सूत्र, व्यव.सूत्र और कार्यालय Schubring निशीथसूत्र मूल} {दे.ना.} [3] |{768,793,840} Page #270 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 223 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1349| आचारांगसूत्रादि आगमसंग्रह अप्रदर्शित संशो.-सागरानंदसूरि 1980 (#) 502 (P) {आचा.सूत्र से उ.द.सूत्र (सात अंगसूत्र) (अ.) मूल} {दे.ना.} [S] {1,78, 136, 175, 198, 283, 324} 1350 आत्महितकर आध्यात्मिक वस्तु जैन श्रेयस्कर मंडळ अप्रदर्शित 1982 (1) 188 (C) संग्रह. {चतुः.प्रकी.सूत्र, {ग्रंथमाला 52} आ.प्र.प्रकी.सूत्र एवं समाधिशतक आदि आध्यात्मिक कृतियाँ) {दे.ना.) [T] {1186, 1209) 1351 जैन सिद्धांत पाठमाला (दश.सत्र, अजरामर जैन विद्याशाला संशो.-नानचंद्रजी मुनि 1984 (1) 270 (D) उत्त.सूत्र, वीरत्थुई मूल आदि} {दे.ना.} (संतशिष्य), हरगोविंददास {876,1020) त्रिकमचंद शेठ पंडित 1352 NIRAYAVALIYAO P. L. Vaidya संशो., संपा.-P.L.Vaidya Dr. 1988 (अ.) 208 (C) (निरयावलियाओ) (निर.सूत्र आदि 5 सूत्र, भग.सूत्र (श्रु.1→ श.11→ उ.11→सूत्र-21-58) मूल} {दे.ना.,रो.} [T,S] {198,647,672,697, 722, 745} 1353 नंदी सूत्र (नंदीसूत्र, वि.सूत्र जैनोदय पुस्तक प्रकाशक संपा.-छगनलालजी आचार्य (2) |1993 (1) 45 (P) (श्रु.दूसरा), वीरत्थुई, उत्त.सूत्र समिति |(अ.9वाँ), औप.सूत्र (अंतिम 22 {सरदार ग्रंथमाला 2} गाथाएँ) मूल} {दे.ना.) [T] {481, 515,876,1283} सिद्धांत स्वाध्यायमाला (उत्त.सूत्र, हीरालाल हंसराज पंडित संपा.-हीरालाल हंसराज (#) | | 1995 (अ.) 136 (B) दश.सूत्र, नंदीसूत्र, औप.सूत्र (अंतिम 22 गाथाएँ, वि.सूत्र (श्रु.दूसरा), वीरत्थुई और मोक्षमार्ग अध्ययन मूल) {दे.ना.} {481, 515, 876, 1020, 1283} | 1355| जैन शास्त्र स्वाध्यायमाला प्रबोधिका रामरत्न जैन मित्र मंडल संपादिका-अप्रदर्शित 1997 (अ.) 54 (D) {अनु.द.सूत्र, वि.सूत्र (श्रु.दूसरा), {रामरत्न ग्रंथमाला 15} वीरत्थुई, उत्त.सूत्र (अ.9वॉ) मूल) {दे.ना.} {416, 481, 876} 1356 जीवन-श्रेयस्कर-पाठमाला {दश.सूत्र, केशरबहिन अमृतलाल अप्रदर्शित 2005 (2) 366 (D) उत्त.सूत्र, नंदीसूत्र आदि आगमसूत्र और झवेरी, मणीबहेन चंदुलाल भक्तामर स्तोत्र आदि) {दे.ना.} [T] {416, 481,515,817,876, 1020, स्थानकवासी जैन 1186, 1283) श्रावक संघ 1357 स्वाध्याय सुधा [दशवकालिक जैन साहित्य समिति, संशो.-नारायणराम आचार्य । |2009 (अ.) 130 (E) सूत्र-सुखविपाक नयापुरा सूत्र-महावीरस्तुत्यात्मिका] {दश.सूत्र, वि.सूत्र (श्रु.दूसरा), वीरत्थुई मूल} {दे.ना.} {481, 1020} | 1358 सुत्तागमे (उवासगदसाओ जाव सूत्रागम प्रकाशक समिति संपा.-फूलचंद्रजी मुनि 2009 (अ.) 166 (D) Page #271 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 224 68. आगम (एकाधिक मूलसूत्र) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला} संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) विवागसुयं) {उ.द.सूत्र, अं.द.सूत्र, (पुष्प 10-14) (पुष्फभिक्खु) अनु.द.सूत्र, प्रश्न.सूत्र और वि.सूत्र मूल} {दे.ना.} {324, 371, 416, 1451,481) आचारांग सूत्रम् तथा दशवैकालिक ठाकरशी करसनजी शाह संपा.-ठाकरसीभाई करसनजी |2019 (अ.) 299 (C) सूत्रम् {आचा.सूत्र और दश.सूत्र | {गुलाबवीर ग्रंथमाला शाह (2) (अ.10) मूल} {दे.ना., गु.} रत्न 52} {1, 1020} 1360 नवस्मरणादिसंग्रह (नंदीसूत्र, सुशीलाबेन शाह संग्रा.-विचारश्रीजी, 2020 (अ.) 240 (D) चतुः.प्रकी.सूत्र, परमाणुखंड दमयंतीश्रीजी षट्त्रिंशिका, पुद्गल षट्त्रिंशिका मूल आदि) {दे.ना.} {585, 1186, 1209, | 1283, 1513) 1361 जैन धर्म प्रकरण रत्नाकर सुरेन्द्रसूरिजी जैन संपा.-रामसूरि 2022 (अ.) 598 (D) {चतुः प्रकी.सूत्र, आ.प्र.प्रकी.सूत्र, तत्त्वज्ञानशाला शत्रुजय लघुकल्प, पुन्य-प्रकाश स्तवन, दश.सूत्र मूल आदि} {गु.) [T] {1020, 1186, 1209,1513) 1362 दसवेआलियं तह उत्तरज्झयणाणि जैन श्वेतांबर तेरापंथी संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य 2023 (अ.) 828 (C) {दश.सूत्र और उत्त.सूत्र मूल} {दे.ना.) महासभा {आगम सुत्त [[T, S] {876, 1020} ग्रंथमाला ग्रंथ 1) 1363 आगम स्वाध्याय मणिमाला (वीरत्थुई वर्द्धमान जैन ज्ञानपीठ संपा.-भगवतीलालजी मुनि 2023 (अ.) 342 (D) एवं मोक्षमार्ग अध्ययन, दश.सूत्र, उत्त.सूत्र, नंदीसूत्र, वि.सूत्र (श्रु.दूसरा), औप.सूत्र (अंतिम 22 गाथाएँ), दशाश्रु.सूत्र (अ.5वाँ), चतुः.प्रकी. सूत्र मूल आदि} {दे.ना.} {416, 481, 515, 817, 876, 1020, 1186, | 1283) 1364 उत्तराध्ययनादि सूत्र संग्रह {उत्त.सूत्र, समरतबेन झवेरी संपा.-रामचंद डी.शाह मास्तर 2023 (1) 272 (D) दश.सूत्र, चतुः प्रकी.सूत्र, आ.प्र.प्रकी.सूत्र मूल} {गु.} {876, 1020, 1186, 1209) 1365 नंदिसुत्तं अणुओगद्दाराइंच महावीर जैन विद्यालय संशो., संपा.-पुण्यविजयजी 2024 (1) 762 (B) [NANDISUTTAM AND {जैन आगम ग्रंथमाला (आगमप्रभाकर), ANUOGADDARAIM] {नंदीसूत्र, ग्रं.1} संपा.-दलसुखभाई मालवणिया ल.नं.सूत्र, यो.नं.सूत्र और अनु.सूत्र पंडित, अमृतलाल मोहनलाल मूल) (दे.ना., गु., रो.} [T, S] भोजक पंडित {1283, 1284,1285,1329) | 1366 |जैनागम पाठमाला (दश.सूत्र, सन्मति ज्ञानपीठ संक.-अमोलकचन्द्रजी, 2030 (1) 378 (C) उत्त.सूत्र, नंदीसूत्र, वि.सूत्र (श्रु.दूसरा), {जैनागम ग्रंथमाला 7} संशो. नेमिचंद्र मुनि, श्रीचंद औप.सूत्र (अंतिम 22 गाथाएँ), दशाश्रु.सूत्र (अ.5वाँ), वीरत्थुई मूल आदि} {दे.ना.} {481, 515, 817, 876, 1020, 1283} Page #272 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 225 वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) । 2 031 (अ.) 216 (B) 2031 (1) 150 (B) 2032 (अ.) |152 (B) 1371 | 2032 (अ.) 512 (B) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि 1367 आगमसुधासिंधुः {आचा.सूत्र, हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि सू.कृ.सूत्र, स्था.सूत्र और सम.सूत्र मूल) |{ग्रं. 68) विभाग 1(दे.ना.} [S] (1,78, 136, 175) 368 आगमसुधासिन्धुः (दश.सूत्र, पिंड.सूत्र हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि सह भाष्य, उत्त.सूत्र मूल} विभाग 13 |{ग्रं.75) {दे.ना.) [] 1876, 1020, 1167, 1168} 1369 आगमसुधासिंधुः {चतु.प्रकी.सूत्र, हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि आ.प्र.प्रकी.सूत्र आदि 10+2 प्रकी.सूत्र | {I. 75} मूल) विभाग 8(दे.ना.) [S] {1186, 1209, 1228, 1235,1243, 1254, 1262, 1266, 1271, 1278, 1477, 1494) 1370 आगमसुधासिंधुः (नंदीसूत्र और हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि अनु.सूत्र मूल विभाग 14 {दे.ना.} [s] {I.76} {1283, 1329) आगम सुधा सिंधु {ज्ञाता.सूत्र, हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि उ.द.सूत्र, अं.द.सूत्र, अनु.द.सूत्र, {ग्रं. 66) प्रश्न.सूत्र और वि.सूत्र मूल} विभाग 4(दे.ना.) [S] {283, 324, | 371, 416, 451, 481) 1372 दसवेयालियसुत्तं उत्तरज्झयणाई महावीर जैन विद्यालय संपा.-पुण्यविजयजी आवस्सयसुत्तं च {जैन आगम ग्रंथमाला (आगमप्रभाकर), अमृतलाल DASAVEYALIYSUTTAM मोहनलाल भोजक पंडित UTTARAJHAYANAIM AND AVASSAYASUTTAM (दश.सूत्र, उत्त.सूत्र और आव.सूत्र मूल} {दे.ना., गु., रो.) [T, S] {876, 1020, 1116} 1373 आगमसुधासिंधु {औप.सूत्र, राज.सूत्र हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि और जीवा.सूत्र मूल) भाग 5 {दे.ना.} {I. 72} [[S] {515, 535, 561} 1374 आगम-सुधा-सिंधुः {निशीथसूत्र, हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि बृ.क.सूत्र, पञ्च.भाष्य, व्यव.सूत्र, {ग्रं.76) दशाश्रु.सूत्र और जीत.सूत्र मूल} विभाग9 (दे.ना.} {768,793,817, 840,867,1442} 1375 आगम-सुधा-सिन्धुः {जंबू.सूत्र, हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि चंद्र.सूत्र, सूर्य.सूत्र और निर.सूत्र {ग्रं.74} आदि 5 सूत्र मूल (कुल 8 सूत्र)} विभाग 7 {दे.ना.} [S] {611, 623, 641,647, 672, 697, 722,745) 1376 स्वाध्याय पुष्प सौरभ {दश.सूत्र, घेलाभाई करमचंद अप्रदर्शित चतुः प्रकी.सूत्र, नवस्मरण, प्रकरण, सेनेटोरियम् 2033 (1) |756 (B) ग्रं. 15) 2033 (अ.) 456 (B) |2034 (2) 290 (B) (अ.) 2034 (अ.) 530 (B) 2036 (2) 428 (D) Page #273 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 226 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय भाष्य कर्मग्रंथ आदि (गु.) [T] {1020, 1186, 1209, 1513} 1377 अंगपविट्ठ सुत्ताणि ( आचा. सूत्र आदि 11 अंगसूत्र मूल | दे.ना. (1,78, 136, 175, 198, 283, 324, 371, 416, 451, 481} 1378 अनंगपविट्ठ सुत्ताणि 12 (48) उपांगसूत्र, 4 छेदसूत्र, 4 मूलसूत्र, आव. सूत्र और कल्पसूत्र (कुल 22 सूत्र) मूल} भाग 1-2 (दे. ना.) {515, 535, 561, 579, 611, 623, 641, 647, 672, 697, 722, 745, 768, 793, 817, 840, 876, 1020, 1116, 1283, 1329, 1359) 1379 पण्णयसुत्ताई । चतुः प्रकी. सूत्र, ज्योति सूत्र, ऋ. भा. प्रकी. सूत्र आदि प्रकी. सूत्र) भाग 1-2 (दे.ना., गु.. रो} [T, S], [1186, 1209, 1228, 1235, 1243, 1254, 1262, 1266, 1271, 1278, 1457, 1460, 1461, 1462, 1477, 1491, 1494, 1498, 1499, 1505, 1517, 1520, 1521} 1380 ठाणंगसुतं समवायंगसुतं च (स्थानाङ्गसूत्रं समवायाङ्गसूत्रं च) [THANAMGSUTTAM AND SAMAVAYAMGASUTTAM] {स्था. सूत्र और समसूत्र मूल } [दे. ना. गु. रो.) [TS] {136, 175) ". 68. आगम (एकाधिक मूलसूत्र) [AYARO, SUYAGADO, THANAM, SAMAVAO] [आचा. सूत्र, सू. कृ. सूत्र, स्था. सूत्र और समसूत्र मूल) भाग 1 (दे.ना. रो.) [TS) (1,78, 136, 175) | प्रकाशक (ग्रंथमाला } 1383 अंगसुत्ताणि [ANGA SUTTANI] अखिल भारतीय सुधर्म | जैन संस्कृति रक्षक संघ {रत्न 64 } अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ | महावीर जैन विद्यालय { जैन आगम ग्रंथमाला . 17 (1)} 1381 उवंगसुत्ताणि {12 (3+9) उपांगसूत्र जैन विश्व भारती मूल} भाग 1-2 (दे. ना., रो.) [T, S] (515, 535, 561, 579, 611, 623, 641, 647, 672, 697, 722, 745} महावीर जैन विद्यालय {जैन आगम ग्रंथमाला ग्रं. 3} 1382 अंगसुत्ताणि (आयारो, सूयगडो, ठाणं, जैन विश्व भारती | समवाओ) ANGA SUTTANI जैन विश्व भारती संपादक, संशोधक आदि संपा. - रतनलाल डोशी, | पारसमल चण्डालिया संपा. - रतनलाल डोशी, | पारसमल चण्डालिया संशो., संपा. - पुण्यविजयजी (आगमप्रभाकर), अमृतलाल | मोहनलाल भोजक पंडित प्रबंध संपा. श्रीचंद रामपुरीचा. संपा. महाप्रज्ञजी आचार्य संपा. महाप्रज्ञजी आचार्य वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संपा. महाप्रज्ञजी आचार्य 2038 (1) 1474 (C) संपा. जंबूविजयजी (आगमप्रत) 2041 (1) 20402041 (1) 2040 2043 (1) 754+576= 1330 (D) 688+424= 1112 (B) | 882 (B) 2044 1175+852= 2045 (अ.) 2027 (B) 2049 (2) 1075 (B) 2049 (2) 918 (B) Page #274 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 227 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला} संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) | {ज्ञाता.सूत्र, उ.द.सूत्र, अं.द.सूत्र, अनु.द.सूत्र, प्रश्न.सूत्र और वि.सूत्र मूल} भाग 3 {दे.ना., रो.} [T] {283, | 324, 371, 416, 451, 481} 1384 गणिविद्या प्रकीर्णकम्।। वीरस्तव हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2049 (1) |16 (P) प्रकीर्णकञ्च {गणि.प्रकी.सूत्र और {ग्रं. 252} वीर.प्रकी.सूत्र मूल) (दे.ना., गु.} {1266, 1278} 1385 बुद्धि - कीर्ति - कैलास - सुबोध - बुद्धिसागरसूरि जैन अप्रदर्शित 2050 (2) |136 (D) मनोहर स्वाध्याय - सरिता समाधि मंदिर (अ.) {आ.प्र.प्रकी.सूत्र मूल, शत्रुजय लघुकल्प मूल, विनयविजयजी उपा. कृत पुण्य प्रकाश का (गु.) स्तवन आदि} {गु.} {1209, 1513} 1386 मुक्ति-किरण (प्रकरणरत्न संग्रह) मुक्तिचंद्रसूरि ग्रंथमाळा संपा.-श्रेयांसप्रभसूरि 2051 (अ.) 68 (D) {पंचसंयत प्रक.,द्वीप.संग्र. गाथा, जीवाभिगम संग्रहणी प्रक. मूल, लघु प्रवचन सारोद्धार आदि} भाग 2 {दे.ना., गु.} {563, 1457} 1387 निरयावलिकादि-सूत्र (कप्पवडिंसिया, आगम अनुयोग ट्रस्ट, संयो.-विनयकुमारजी मुनि, 2052 (1) 186 (E) पुष्फिया, पुष्फचूलिया, वण्हिदसा) (मूल अमदावाद संपा.-कन्हैयालालजी मुनि मात्र गुटका) {निर.सूत्र आदि 5 सूत्र (कमल), सह संपा.-रूपेन्द्रकुमार मूल) (दे.ना. [S] {647, 672, 697, पगारिया 722, 745} 1388 सूर्यप्रज्ञप्ति-चन्द्रप्रज्ञप्ति आगम प्रकाशन समिति, संयो., प्रधान संपा.-मिश्रीमलजी |2052 (2) 296 (B) [Suryaprajnapti - ब्यावर {जिनागम मुनि, मुख्य संपा.-शोभाचंद्रजी Chandraprajnapti] {सूर्य.सूत्र, ग्रंथमाला ग्रंथांक 29) भारिल्ल, संपा.-कन्हैयालालजी चंद्र.सूत्र मूल} {दे.ना.} [T, S] मुनि (कमल) {611,641) 1389 45-आगमसुत्ताणि (मरणसमाहि आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी 2052 (अ.) 52 (C) पइण्णयं) (वीरत्थओ-पइण्णयं) {मरण.प्रकी.सूत्र और वीर.प्रकी.सूत्र मूल) {दे.ना., गु.) [s] {1278, 1494) 1390/45-आगमसुत्ताणि आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) /28 (C) [गच्छायारपइण्णयं, चंदावेज्झयं पइण्णयं] {गच्छा.प्रकी.सूत्र और चंद्रा.प्रकी.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [s] {1254, 1477} 1391/45-आगमसुत्ताणि (जीयकप्प-सुत्तं, आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) |168 पंचकप्प-भास) { जीत.सूत्र, पंच.भाष्य मूल } {दे.ना., गु.} [3] {867, 1442} 1392 स्वाध्याय सागर (वीरत्थुई, वि.सूत्र एस. एस. जैन संघ संपादिका-सुदर्शनप्रभाजी साध्वी 2054 (1) |228 (E) Page #275 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 228 68. आगम (एकाधिक मूलसूत्र) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2055 (अ.) 1818 (B) 2057 (2) 1274 (B) (श्रु.दूसरा), दश.सूत्र (अ.4), उत्त.सूत्र मल आदि) {दे.ना.) {481,876, 1020} 1393 आगमगुणमञ्जूषा (सचित्र) | जिन गोयम गुण सर्वोदय संपा.-गुणसागरसूरि {आचा.सूत्र आदि 45 आगमसूत्र मूल, पिंड.सूत्र और ओ.नि.सूत्र का भाष्य} {दे.ना., गु., रो.} [] {1, 78, 136, 175, 198,283,324, 371,416,451,481,515, 535, 561,579,611,623,641,647, 672,697,722, 745,768, 786, 793,817,840,867,876, 1020, 1116, 1167, 1168, 1186, 1228, 1235, 1243, 1254, 1262, 1266, 1271, 1283, 1284, 1285,1329, 1359, 1442, 1444,1445, 1477, 1494, 1517, 1520, 1521) 1394 नवसुत्ताणि 5 [NAVA SUTTANIV] जैन विश्व भारती संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य | {आव.सूत्र, दश.सूत्र, उत्त.सूत्र, नंदीसूत्र, योगनंदी, अनुज्ञानंदी, कल्पसूत्र, अनु.सूत्र, दशाश्रु.सूत्र, बृ.क.सूत्र, व्यव.सूत्र और निशीथसूत्र मूल आदि 12) (दे.ना.,रो.) [T,S] {768, 793, 817,840, 876, 1020, 1116, 1283, 1284, 1285, 1329, 1359) 1395 अभ्युदय आगम सुत्ताणि {आव.सूत्र, रत्नसागर प्रकाशन निधि संयो.-जितरत्नसागरसूरि, ओ.नि.सूत्र सभाष्य, पिंड.सूत्र संशो.-दीपरत्नसागरजी, सभाष्य और दश.सूत्र मूल} संपा.-चंद्ररत्नसागरसूरि भाग 40-42 {दे.ना.}{1020, 1116, 1167, 1168,1444,1445} 1396 अभ्युदय आगम सुत्ताणि [नंदीसुत्तं, रत्नसागर प्रकाशन निधि संयो.-जितरत्नसागरसूरि, अनुओगदाराइं] {नंदीसूत्र, ल.नं.सूत्र, संशो.-दीपरत्नसागरजी, यो.नं.सूत्र और अनु.सूत्र मूल} भाग संपा.-चंद्ररत्नसागरसूरि 44-45 {दे.ना.}{1283, 1284, 1285, 1329) 1397 अभ्युदय आगम सुत्ताणि {सूर्य.सूत्र, रत्नसागर प्रकाशन निधि |संयो.-जितरत्नसागरसूरि, चंद्र.सूत्र मूल) भाग 16-17 {दे.ना.} संशो.-दीपरत्नसागरजी, 1611,641) संपा.-चंद्ररत्नसागरसूरि 1398 अभ्युदय आगम सुत्ताणि (जंबू.सूत्र, रत्नसागर प्रकाशन निधि संयो.-जितरत्नसागरसूरि, निर.सूत्र, कल्पाव.सूत्र और संशो.-दीपरत्नसागरजी, पुष्पिकासूत्र मूल) भाग 18-21 संपा.-चंद्ररत्नसागरसूरि {दे.ना.) {623,647, 672, 697) 1399 अभ्युदय आगम सुत्ताणि {पुष्प.सूत्र, रत्नसागर प्रकाशन निधि संयो.-जितरत्नसागरसूरि, वृष्णि.सूत्र और चतुः प्रकी.सूत्र आदि संशो.-दीपरत्नसागरजी, 2057 (1) 167 (E) 2057 (1) 99 (E) 2057 (1) 145 (E) 2057 (1) 159 (E) 2057 (1) 167 (E) Page #276 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 229 वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2057 (1) 159 (E) 2057 (1) 177 (E) | 2057 (1) 147 (E) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला} संपादक, संशोधक आदि 11 प्रकी.सूत्र मूल (कुल 13 सूत्र)} संपा.-चंद्ररत्नसागरसूरि भाग 22-33(दे.ना.) [s] (722, 745, 1186,1209, 1228, 1235, 1243,1254,1262,1266,1271, 1477, 1494) 1400 अभ्युदय आगम सुत्ताणि रत्नसागर प्रकाशन निधि |संयो..जितरत्नसागरसूरि, {निशीथसूत्र, बृ.क.सूत्र, व्यव.सूत्र संशो.-दीपरत्नसागरजी, और दशाश्रु.सूत्र मूल) भाग 34-37 संपा.-चंद्ररत्नसागरसूरि {दे.ना.} {768, 793,817, | 840) अभ्युदय आगम सुत्ताणि {जीत.सूत्र, रत्नसागर प्रकाशन निधि संयो.-जितरत्नसागरसूरि, पंच.भाष्य मूल) भाग 38 {दे.ना.} संशो.-दीपरत्नसागरजी, {867, 1442} संपा.-चंद्ररत्नसागरसूरि 1402 अभ्युदय आगम सुत्ताणि {उ.द.सूत्र, रत्नसागर प्रकाशन निधि संयो.-जितरत्नसागरसूरि, अं.द.सूत्र, अनु.द.सूत्र और प्रश्न.सूत्र संशो.-दीपरत्नसागरजी, मूल) भाग 7-10 {दे.ना.} {324, 371, संपा.-चंद्ररत्नसागरसूरि 416, 451} 1403 अभ्युदय आगम सुत्ताणि (वि.सूत्र, रत्नसागर प्रकाशन निधि संयो.-जितरत्नसागरसूरि, औप.सूत्र और राज.सूत्र मूल} संशो.-दीपरत्नसागरजी, भाग 11-13 (दे.ना.} {481, 515, संपा.-चंद्ररत्नसागरसूरि 535} | 1404|चउछेयसुत्ताई (व्यव.सूत्र, बृ.क.सूत्र, अखिल भारतीय सुधर्म | संपा.-रतनलाल डोशी, | निशीथसूत्र और दशाश्रु.सूत्र मूल} जैन संस्कृति रक्षक संघ जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया पारसमल {दे.ना.} [T] {768, 793, 817, {रत्न 105) 840) 1405 शास्त्रसंदेशमाला (आगमिकानि शास्त्रसंदेशमाला संक.-विनयरक्षितविजयजी प्रकीर्णकानि तथा प्रकरणानि) {द्वीप.संग्र.गाथा, चन्द्रा.प्रकी.सूत्र मूल आदि) भाग 15 {दे.ना., गु.} {563, 1254, 1278, 1457, 1491, 1499, 1505,1517, 1520, 1521) 2057 (1) 155 (E) 2059 (1) 208 (D) 2061 (1) 346 (D) 2062 (अ.) 256 (C) 2062 (अ.) 350 (c) 1406 सुत्तागमे (गुजराती) छेदसूत्र जैनागम नवनीत प्रकाशन संपा.-तिलोक मुनि {दशाश्रु.सूत्र, बृ.क.सूत्र, व्यव.सूत्र, समिति निशीथसूत्र और अनु.सूत्र मूल} भाग 8 {गु.} {768, 793, 817, 840, 1329} 1407 सुत्तागमे (ज्ञातादि अंगसूत्र) (गुजराती) जैनागम नवनीत प्रकाशन संपा.-तिलोक मुनि {ज्ञाता.सूत्र, उ.द.सूत्र, अंद.सूत्र, समिति प्रश्न.सूत्र और वि.सूत्र (श्रु.1) मूल) भाग4 {गु.} {283, 324, 371, 451, 481} 1408 सुत्तागमे (गुजराती) चार अंग सूत्र जैनागम नवनीत प्रकाशन | संपा.-तिलोक मुनि (आचारांग सूत्र, सूयगडांग सूत्र, ठाणांग समिति सूत्र अने समवायांग सूत्र) 2062 (अ.) 384 (C) Page #277 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 230 68. आगम (एकाधिक मूलसूत्र) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) {आचा.सूत्र, सू.कृ.सूत्र, स्था.सूत्र और सम.सूत्र मूल) भाग 1 (गु.} {1,78, 136, 175) 1409 सुत्तागमे (गुज.) (दश.सूत्र, उत्त.सूत्र, जैनागम नवनीत प्रकाशन संपा.-तिलोक मुनि 2062 (अ.) 256 (C) वीरत्थुई एवं मोक्षमार्ग अध्ययन, समिति औप.सूत्र (अंतिम 22 गाथाएँ), नंदीसूत्र, आव.सूत्र, अनु.द.सूत्र और वि.सूत्र (श्रु.दूसरा) मूल आदि) भाग 9 {गु.) {78,416,481,515, 876, 1020, 1116, 1283) 1410 कैलास-पद्म स्वाध्याय सागर महावीर जैन आराधना आद्य संपा.-त्रैलोक्यसागरजी, 2063 (2) | 128 (D) {चतुः प्रकी.सूत्र, आ.प्र.प्रकी.सूत्र एवं केन्द्र संपा.-पद्मरत्नसागरजी शांत सुधारस आदि 3 सूत्र मूल} भाग 6 {गु.} {1186, 1209) 1411 जैन स्वाध्यायमाला (वि.सूत्र अखिल भारतीय सुधर्म संपा. नेमिचंदजी बांठिया (2) |2064 (11) 396 (D) (श्रु.दूसरा), औप.सूत्र (अंतिम जैन संस्कृति रक्षक संघ 22गाथाएँ, वीरत्थुई, मोक्षमार्ग {रत्न7) अध्ययन, दश.सूत्र, उत्त.सूत्र, नंदीसूत्र, अनु.द.सूत्र, चतुः.प्रकी.सूत्र मूल आदि} {दे.ना.} {416, 481, 515, 876, 1020, 1186, 1283} 1412 चन्द्रप्रज्ञप्ति सूत्र सूर्यप्रज्ञप्ति सूत्र . अखिल भारतीय सुधर्म संपा. नेमिचंदजी बांठिया, 2064 (2) 96 (B) {चंद्र.सूत्र, सूर्य.सूत्र मूल} {दे.ना.} जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया 11611,641) {रत्न 133) 1413 सुत्तागमे (गुजराती) (त्रण उपांग सूत्र) जैनागम नवनीत प्रकाशन संपा.-तिलोक मुनि 2064 (अ.) 303 (C) (औपपातिक सूत्र, राजप्रश्नीय सूत्र, समिति जीवाजीवाभिगम सूत्र) {औप.सूत्र, राज.सूत्र और जीवा.सूत्र मूल) भाग 5 {गु.} {515, 535, 561} 1414 सुत्तागमे (गुजराती) (शेष उपांगसूत्र) जैनागम नवनीत प्रकाशन संपा.-तिलोक मुनि 2066 (अ.) 287 (C) (जंबू.सूत्र, सूर्य.सूत्र युक्त चंद्र.सूत्र और समिति निर.सूत्र आदि 5 सूत्र (कुल 7 सूत्र) मूल) भाग 7 {गु.} {623, 641,647, 1672,697,722,745) । 76 (D) 69. आगम सानुवाद (एकाधिक अनुवाद-छाया-सार्थ) (1415-1486) 1415 वीरभद्दकयं चउसरणपइन्नयं अप्रदर्शित अप्रदर्शित 1957 (2) {चतुः प्रकी.सूत्र और आ.प्र.प्रकी.सूत्र (अ.) सह अज्ञात कर्तृक (गु.) अनु.) {दे.ना., गु.} {1186, 1197, 1209, 1218} 1416 चउसरण तथा आउरपच्चक्खाण- जैन तत्त्व विवेचक सभा अप्रदर्शित 1957 (1) पयन्नानुं भाषांतर (चतुः.प्रकी.सूत्र, आ.प्र.प्रकी.सूत्र सह अज्ञात कर्तृक छाया, (गु.) शब्दार्थ, 102 (P) Page #278 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय अनु.} {दे.ना.} {1186, 1193, 1197, 1209, 1214, 1218) 1417 पयन्नासंग्रह (चतुः प्रकी. सूत्र, आ. प्र. प्रकी. सूत्र, भक्त. प्रकी. सूत्र, महाप्र. प्रकी. सूत्र, आरा. प्रक. और परमानंद पच्चीशी सह अज्ञात कर्तृक (गु.) अनु.) भाग 1 (दे. ना.} (1186, 1199, 1209, 1219, 1228, 1231, 1271, 1273, 1511, 1514) 1418 ANTAGADA-DASAO AND ANUTTAROVAVAIYA-DASAO { अनु. द. सूत्र सह L. D. Barnett Dr. कृत (अं.) अनु., अं. द. सूत्र का अनु.} {रो.} [T, S] { 381, 416, 429) 1419 जैन शास्त्रमाळा मणको 1लो {वि.सूत्र, उ. द. सूत्र और निर. सूत्र आदि सूत्रों का | मोतीलाल मनसुखराम शाह कृत (गु.) अनु.} (गु.} [T] (342, 489, 654, 679, 704, 729, 752} 1421 निरियावलिकादि पांच सूत्र (निर सूत्र आदि 5 सूत्र सह अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.) वे.ना.) (647, 656, 672, 681, 697, 706, 722, 731, 745, 754} 1422 उपदेश सागर (दशसूत्र मूल (अ. 10) आदि और आनंद श्रावक चरित्र (गु.) आदि) (गु दे. ना.) (876, 941, 950, 1020) आगम प्रकाशन परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) 1424 शीघ्रबोध (उ. द. सूत्र, अं. द. सूत्र, अनु. द. सूत्र, निर. सूत्र से वृष्णि. सूत्र, | बालाभाई ककलभाई | Asiatic Society, Calcutta { Ori. Trans. |Fund Series 17} संपादक, संशोधक आदि संशो.. कर्पूरविजयजी संपा. -L. D. Barnett Dr. | 1420 जैन शास्त्रमाळा (वि. सूत्र, उ. द. सूत्र जैन समाचार कार्यालय संपा. वाडीलाल मोतीलाल शाह 1968 (# ) | 200 (C) | (अ.) और निर सूत्र आदि सूत्रों का भारतवासी (अज्ञात) कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना. } [T] {344,490 655, 680, 705, 730, 753} राजा बहादुर लालासुखदेव संपा. अमोलकऋषि (8) सहावजी ज्वालाप्रसादजी जोहरी रत्नप्रभाकर ज्ञान पुष्पमाला (रत्नप्रभा. वाडीलाल मोतीलाल शाह संपा. वाडीलाल मोतीलाल शाह 1966 (अ.) 240 (D) { जैन शास्त्रमाला 1 } | महावीर विद्यालय, खंभात संग्रा. हेचरलाल भाईलाल, | भगवानदास लल्लुभाई पटेल 1423 प्रकरण सुखसिन्धु. ( चतुः प्रकी. सूत्र विट्ठलभाई जीवाभाई पटेल संग्रा. - अजितसागरसूरि और आ. प्र. प्रकी. सूत्र सह अजितसागरसूरिजी कृत छाया (गु.) अनु. एवं वैराग्य शतक आदि 4 सूत्र सह अज्ञात कर्तृक (गु.) अनु.) विभाग 1 (गु., दे. ना. } [T, S] [1186, 1194, 1200, 1209, 1215, 1220} वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1962 (3T.) 93 (P) संग्रा. - ज्ञानसुंदरजी मुनि 1963 (अ.) 168 (C) 1976 (अ.) 190 (P) 1977 (1) |248 (C) 1977 (3.) 380 (D) 231 1979 (1) 526 (D) Page #279 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 232 69. आगम सानुवाद (एकाधिक अनुवादाछाया/सार्थ) क्र प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) बृ.क.सूत्र, दशा.श्रु.सूत्र, व्यव.सूत्र और पुष्प 53, 61-64,66} निशीथसूत्र का ज्ञानसुंदरजी मुनि कृत | (हि.) सारांश) भाग 17-22 (दे.ना.} [T] {367,413,450,671,696, |721,744,767,783,815, 838, 865) 1425 Worte Mahaviras [Kritische |Vandenhoeck & Ubersetzungen aus dem Kanon Ruprecht der Jaina] {आचा.सूत्र (श्रु.1), सू.कृ.सूत्र (श्रु.1→अ.4, 12वाँ, श्रु.2→अ.2) का walther Schubring कृत (ज.) अनु.) {रो.} [T, S] {27, 107) संपा.-Walther Schubring | 1982 (अ.) 162 (B) 1426 चतुःशरणादिमरणसमाध्यन्तं आगमोदय समिति संपा., संशो.-सागरानंदसूरि (2) |1983 (अ.) |144 (P) प्रकीर्णक दशकं (छायायुतम्) {ग्रंथोद्धार 46} {चतुः प्रकी.सूत्र आदि 10 प्रकी.सूत्र सह सागरानंदसूरिजी (#) कृत छाया} {दे.ना.} [T, S] {1186, 1195, 1209, 1216, 1228, 1230, 1235, 1237, 1243, 1246, 1262, 1263, 1266, 1267, 1271, 1272, 1477, 1482, 1494, 1495} 1427 कर्मनिर्जरा श्रेणी (चतुः.प्रकी.सूत्र लक्ष्मीचंद वेलशी भावसार अप्रदर्शित | 1983 (अ.) 192 (D) और आ.प्र.प्रकी.सूत्र का अजितसागरसूरिजी कृत (गु.) अनु. एवं स्तवन आदि} {गु.} |{1200,1220) 1428 जैन सिद्धांत पाठमाला {दश.सूत्र और अजरामर जैन विद्याशाला अप्रदर्शित 1989 (1) 468 (C) उत्त.सूत्र सह सौभाग्यचंद्रजी मुनि कृत {पुस्तक 21} छाया, वीरत्थुई मूल आदि} {दे.ना.} [T] {876,915, 1020, 1038} 1429 NIRAYAVALIYAO गूर्जर ग्रंथरत्न कार्यालय संपा.-Amritials. Gopani Dr., 1990 (1) 310 (D) (निरयावलियाओ) {निर.सूत्र आदि 5 वाडीलाल जीवाभाई चोक्सी प्रो. सूत्र सह वी. जे. चोक्सी और ए. एस. गोपाणी कृत (अं.) अनु.,} {दे.ना., रो.} [T, S] {647, 658, 672, 682, 697, 708, 722,732,745,756) डॉ. अप्रदर्शित 1990 (अ.) 160 (E) 430 आराधना संग्रह (चतुः.प्रकी.सूत्र सार्थ बावचंद वेलचंद शाह (गु.) आदि और उत्त.सूत्र के केशी-गौतमीय अध्ययन की रूपविजयजी पं. कृत सज्झाय आदि) {गु., दे.ना.} [T] {903, 1186, | 1200, 1209, 1220, 1514) Page #280 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 233 वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) |1993 (अ.) 364 (B) 1994 (अ.) 160 (D) 1996 (1) 216 (D) 1997 (अ.) 178 (D) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि 1431 ANTAGADA-DASAO खडायता बुक डीपो संपा.-N.V.Vaidya Prof. ANUTTAROVAVAI-DASAO & BAMBHADATTA {अं.द.सूत्र और अनु.द.सूत्र सह N.V. VaidyaProf. कृत (अं.) अनु. और उत्त.सूत्र (अ.13वाँ) मूल) (दे.ना.,रो.) {371, 386, 416, 434, 876} 1432 नवस्मरण-स्तोत्रादि संग्रह मुक्ति कमल मोहन जैन संपा.-धर्मसूरि {चतुः प्रकी.सूत्र और आ.प्र.प्रकी.सूत्र ज्ञान मंदिर {पुष्प 44} सह अजितसागरसूरिजी कृत (गु.) अनु., आरा.प्रक. का अज्ञात कर्तृक अनु., शत्रुजय लधुकल्प आदि} {गु., दे.ना.) [T] {1186, 1200, 1209, 1220, 1515) 1433 पाप, पुण्य अने संयम {अं.द.सूत्र, जैन साहित्य प्रकाशन संपा.-गोपालदास जीवाभाई अनु.द.सूत्र और वि.सूत्र का समिति (पूंजाभाई जैन पटेल गोपालदास जीवाभाई पटेल कृत ग्रंथमाला 10} (गु.) अनु.} {गु.) [T] {387, 435, 497} 1434 प्रकरण रत्न संग्रह (पंचसंयत प्रक., जैन धर्म प्रसारक सभा अप्रदर्शित द्वीप.संग्र.गाथा, जीवा.संग्र., पुद्गल परावर्त, सम्यक्त्व स्तव सह कुंवरजी आणंदजी शाह (2) कृत (गु.) अनु.) विभाग 2 {दे.ना., गु.} [T, S] {563, 569,1457, 1458} आराधनासार (चतुः प्रकी.सूत्र, .. दानसूरिजी जैन ग्रंथमाला संपा.-कनकचंद्रसूरि आ.प्र.प्रकी.सूत्र, भक्त.प्रकी.सूत्र और {रत्न 27) संस्ता.प्रकी.सूत्र सह कनकचंद्रसूरिजी कृत (गु.) अनु.} {गु., दे.ना.} [T, S] {1186, 1201, 1209, 1221, 1228, 1232, 1235, 1238) |1436 आराधना सार (चतुः प्रकी.सूत्र, सिद्धिसूरि ग्रंथमाला संपा.-कनकचंद्रसूरि आ.प्र.प्रकी.सूत्र, भक्त.प्रकी.सूत्र और {ग्रं. 3) संस्ता.प्रकी.सूत्र सह कनकचंद्रसूरिजी कृत (गु.) अनु.} {गु., दे.ना.} [T,S] {1186, 1201, 1209, 1221, 1228, 1232, 1235, 1238) 1437 पयन्नासंग्रह सार्थ (चतुः.प्रकी.सूत्र, झवेरचंद रामाजी शेठ अप्रदर्शित आ.प्र.प्रकी.सूत्र, भक्त.प्रकी.सूत्र, महाप्र.प्रकी.सूत्र, आरा.प्रक. और परमानंद पच्चीशी सह अज्ञात कर्तृक (गु.) अनु.} {गु., दे.ना.} {1186, 1199, 1209, 1219, 1228, 1231, 1271, 1273, 1511, 1514) 4435 1997 (1) 184 (D) 1997 (अ.) |168 (D) 2005 (अ.) 140 (C) Page #281 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 234 69. आगम सानुवाद (एकाधिक अनुवाद/छाया/सार्थ) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संपा.-दलसुखभाई मालवणिया |2011 (1) |1018 (C) पंडित संशो.-चंदनसागरजी गणि |2014 (अ.) 64 (D) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) 1438| स्थानांग समवायांग (स्था.सत्र और गजरात विद्यापीठ सम.सूत्र का दलसुखभाई मालवणिया |{पूंजाभाई जैन पं. कृत (गु.) तुलनात्मक अनु.} {गु.} ग्रंथमाला 23) [[T, S] {160} 1439 नित्य आराधना (चतुः प्रकी.सूत्र, चंदनसागर ज्ञानभंडार आ.प्र.प्रकी.सूत्र सह अजितसागरसूरिजी कृत (गु.) अनु., क्षमापना कुलक आदि) {गु., दे.ना.} {1186, 1200, 1209, 1220) 1440 अंत नो साथी (अंत समये करवी जैन सोसायटी जैन संघ जोइती आराधनानो संग्रह) {चतुः.प्रकी.सूत्र, आ.प्र. प्रकी.सूत्र सह चंद्रोदयसागरजी कृत (#) (गु.) विवे., भक्त.प्रकी.सूत्र सह अज्ञात कर्तृक अनु. एवं आरा.प्रक.का अनु. आदि} {गु., दे.ना.} {1186, 1207, 1209, 1226, 1228, 1231, 1513, 1514} संपा.-कंचनविजयजी, चीमनलाल दलसुखभाई गांधी 2019 (अ.) 188 (D) पूर्व संपा.-F.Max muller 2024 | (पु.मु.) 400 (C) 1441 | Jaina Sutras {आचा.सूत्र और कल्पसूत्र का हर्मन जेकोबी कृत (अं.) अनु.) भाग 1 {रो.) [T] {24,1385) Dover Publications, (P) Oxford University Press {Sacred Books of the east Vol 22} पूर्व संपा.-F.Max muller 512 (C) 1442 Jain Sutras (Uttaradhyayana Sutra, Sutrakrutanga Sutra) {उत्त.सूत्र और सू.कृ.सूत्र का हर्मन जेकोबी डॉ. कृत (अं.) अनु.} भाग 2 {रो.} [T] {105,946) Dover Publications, (P) Oxford University Press {Sacred Books of the east Vol 45} 2024 (पु.मु.) सूत्रागम प्रकाशक समिति संपा.-फूलचंद्रजी मुनि (पुष्फभिक्ख 2028 (1) 540 (B) 1443| अर्थागम [ARTHAGAMA] (ज्ञाताधर्मकथा-उपासकदशांगअन्तगड-अनुत्तरोपपातिक-प्रश्नव्याकरण-विपाकसूत्र) (ज्ञाता.सूत्र का शोभाचंद्रजी भारिल्ल पं. (2) कृत (हिं.) अनु., उ.द.सूत्र और वि.सूत्र का भारतवासी (अज्ञात) कृत अनु., अं.द.सूत्र, अनु. द.सूत्र, प्रश्न.सूत्र का फूलचंद्रजी मुनि (2) कृत अनु.) खंड 3 (दे.ना.) [T,S] {298,344,392, 436, 467, 490) अर्थागम (एकादशांग) [ARTHAGAMA] {आचा.सूत्र का सौभाग्यचंद्रजी मुनि (#) कृत (हिं.) अनु. (श्रु.1), आत्मारामजी (2) कृत अनु. (श्रु.दूसरा), सू.कृ.सूत्र का राहुल सांकृत्यायन (#) कृत अनु., स्था.सूत्र और सम.सूत्र का फूलचंद्रजी मुनि (#) कृत अनु.) खंड 1 2028 (1) 554 (B) सूत्रागम प्रकाशक समिति संपा.-फूलचंद्रजी मुनि (पुष्फभिक्खु) Page #282 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 235 क्र. वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद)। 2032 (अ.) 232 (C) |2032 (1) 242 (B) 2033 (1) |406 (B) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि (दे.ना.,रो.) [T] {21, 43, 110, 154,185) 1445 दशवैकालिक-उत्तराध्ययन हिन्दी जैन विश्व भारती संपा.-मांगीलालजी मुनि (#) पद्यानुवाद {दश.सूत्र और उत्त.सूत्र का मांगीलालजी मुनि कृत (हिं.) पद्यानु.} {दे.ना.} [T] {983, 1092} 1446 अनुत्तरौपपातिकदशांगसूत्र |प्रेम जिनागम प्रकाशन संपा.-शोभाचंद्रजी भारिल्ल अन्तकृद्दशांगसूत्र औपपातिकसूत्र समिति {प्रेम {अनु.द.सूत्र, अं.द.सूत्र, औप.सूत्र सह |जिना.प्रका.पं. 5-6-7} उषाबाई महासतीजी, किरणबाई महासतीजी, हसुमतीबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु.} {दे.ना., गु.} {371, 394, 416, 437, 515, 522} 1447 नन्दीसूत्र अने अनुयोगद्वार सूत्र प्रेम जिनागम प्रकाशन संपा.-शोभाचंद्रजी भारिल्ल [गुजराती अनुवाद सहित] {नंदीसूत्र समिति (प्रेम जिना. और अनु.सूत्र सह सुबोधिकाबाई प्रका.पं. 8, 9) महासतीजी कृत (गु.) अनु.} {गु., दे.ना.) {1283, 1309, 1329, 1346) 1448 मंगलमय आराधना संग्रह {शत्रुजय बाबुभाई सी. जरीवाळा अप्रदर्शित लघुकल्प सह कंचनसागरसूरिजी कृत (गु.) अनु., आराधना प्रकरण का | अज्ञात कर्तृक अनु.,पुण्यप्रकाश का स्तवन) {गु.} {1513, 1514) | 1449 हंस आराधना संग्रह {चतुः:प्रकी.सूत्र, शासनकंटकोद्धारकसूरि संपा.-नरेन्द्रसागरसूरि आ.प्र.प्रकी.सत्र सह नरेन्द्रसागरजी जी जैन ज्ञानमंदिर (2) कृत (गु.) अनु., सोमसूरिजी कृत |{ग्रंथांक 40} आरा.प्रकरण मूळ आदि) {गु., दे.ना.} {1186, 1203, 1209, 1222,1511} स्याद्वादामृत प्रकाशन संपा.-धर्मध्वजविजयजी गणि आ.प्र.प्रकी.सूत्र, भक्त.प्रकी.सूत्र, मंदिर न्यास महाप्र.प्रकी.सूत्र, आरा.प्रक. और परमानंद पच्चीशी सह अज्ञात कर्तृक | (गु.) अनु.} {गु., दे.ना.} {1186, 1199, 1209, 1219, 1228, 1231, 1271, 1273, 1511, 1514) 2035 (2) |104 (D) (अ.) 2039 (अ.) 282 (C) 2042 (अ.) |176 (C) 1451 2043 (1) 164 (D) हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संपा.-जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 157) पयन्ना संग्रह (भाषांतर साथे) (चतुः प्रकी.सूत्र, आ.प्र.प्रकी.सूत्र, भक्त.प्रकी.सूत्र, महाप्र.प्रकी.सूत्र, आरा.प्रक. और परमानंद पच्चीशी सह अज्ञात कर्तृक (गु.) अनु.} {गु., दे.ना.} {1186, 1199, 1209, 1219, 1228, 1231, 1271, 1273, 1511,1514} Page #283 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 236 69. आगम सानुवाद (एकाधिक अनुवादाछायासार्थ) वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2044 (6) 406 (D) 2045 (2) |382 (C) 2045 (#) 500 (C) (5) 2050 (1) 852 (E) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि 1452 जैन स्तुति {दश.सूत्र, उत्त.सूत्र, भानुभाई केशवलाल अप्रदर्शित वीरत्थुई सह अज्ञात कर्तृक (गु.) भणसाळी अनु., पद्यानु. और विविध स्तोत्र, स्तुति आदि} {गु.} {481, 876, 1020) 1453|SACRED BOOKS OF THE EAST मोतीलाल बनारसीदास पर्व संपा.-F.Max muller (2) (GAINA SUTRAS) {आचा.सूत्र पब्लीशर्स प्रा. लि., (P) और कल्पसूत्र का हर्मन जेकोबी कृत Oxford University (अं.) अनु.) भाग 1 {रो.} [T] |Press {Sacred {24,1385) Books of the east Vol 22) 1454|Sacred Books of The East मोतीलाल बनारसीदास पूर्व संपा.-F. Max muller (Gaina Sutras) {उत्त.सूत्र और पब्लीशर्स प्रा. लि., (P) स.क.सत्र का हर्मन जेकोबी डॉ. कृत |oxford University (अं.) अनु.) भाग 2 {रो.} [T] Press (#){Vol 45} {105, 946} सूरिय चन्द पण्णत्ति सुत्तं (सूर्य चन्द्र आगम अनुयोग ट्रस्ट, संपा.-कन्हैयालालजी मुनि प्रज्ञप्ति सूत्र) (सानुवाद) {सूर्य.सूत्र सह |अमदावाद (कमल) कन्हैयालालजी मुनि (#) कृत (हिं.) अनु. और चंद्र.सूत्र मूल} {दे.ना.} {611, |616,641) 1456 निरयावलिकासूत्र [कप्पिया, आगम प्रकाशन समिति, प्रबंध संपा.-श्रीचंद सुराणा, कप्पवडिंसिया, पुफिया, ब्यावर {जिनागम संयो., प्रधान संपा.-मिश्रीमलजी पुष्फचूलिया, वण्हिदसा] ग्रंथमाला ग्रंथांक 21} मुनि, मुख्य संपा.-शोभाचंद्रजी NIRAYAVALIKA SUTRA भारिल्ल, संपा.-देवकुमार जैन [Kappia, Kappavadansia, Pupphia, Pupphachulia, Vanhidasa] (निर.सूत्र आदि 5 सूत्र सह देवकुमारजी जैन कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T, s] {647,662, 672,684,697,709, 722, 734,745, 757} 1457 अणुत्तरोववाइय दसा [वैराग्यकुलक, अखिल भारतीय सुधर्म संपा.-नेमिचंदजी बांठिया, वीरस्तुति सहित] {अनु.द.सूत्र सह जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया (#), रतनलाल डोशी (#) कृत (हिं.) अनु., (रत्न 54} पूर्व संपा.-रतनलाल डोशी वीरत्थुई सह अज्ञात कर्तृक अनु.) {दे.ना.} {416, 438} आगमदीप (जीवाजीवाभिगम आगमदीप प्रकाशन संपा.-दीपरत्नसागरजी (#) पन्नवणासुत्त) {जीवा.सूत्र और प्रज्ञा.सूत्र का दीप.कृत (गु.) अनु.} विभाग 4 {गु.} {570, 599} 1459 आगमदीप {चंद्र.सूत्र युक्त सूर्य.सूत्र, आगमदीप प्रकाशन संपा.-दीपरत्नसागरजी (2) जंबू.सूत्र और निर.सूत्र आदि 7 सूत्रों 2050 (2) |176 (B) 2051 (2) 68 (D) 2053 (अ.) 416 (C) 2053 (अ.) 312 (C) Page #284 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 237 2053 (अ.) 392 (C) 2053 (अ.) 464 (C) 2053 (अ.) |430 (C) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि का दीप.कृत (गु.) अनु.} विभाग 5 (गु.} {617, 631, 659,685,710, 735,758) आगमदीप (चार मूळसूत्र - नंदी. आगमदीप प्रकाशन संपा.-दीपरत्नसागरजी (#) अनुयोग) {आव.सूत्र, ओ.नि.सूत्र, पिंड.सूत्र, दश.सूत्र, उत्त.सूत्र, नंदीसूत्र और अनु.सूत्र का दीप.कृत (गु.) अनु.} विभाग 7 {गु.} {965, 1075, 1147, 1176, 1310, 1347,1450} 1461 आगमदीप (आयारो- सूयगडो- ठाणं. आगमदीप प्रकाशन संपा.-दीपरत्नसागरजी (#) समवाओ) {आचा.सूत्र, सू.कृ.सूत्र, स्था.सूत्र, सम.सूत्र का दीप. कृत (गु.) अनु.) विभाग 1 {गु.) {34,114, 157, 188} 1462 आगमदीप {ज्ञाता.सूत्र, उ.द.सूत्र, आगमदीप प्रकाशन संपा.-दीपरत्नसागरजी (2) अं.द.सूत्र, अनु.द.सूत्र, प्रश्न.सूत्र, वि.सूत्र, औप.सूत्र, राज.सूत्र का दीप.कृत (ग.) अनु.} विभाग 3 (गु.) {302,351,397,439,469,501, 525,550) 163 आगमदीप (दश पयन्ना - छ छेद सूत्र) आगमदीप प्रकाशन संपा.-दीपरत्नसागरजी (#) (चतुः.प्रकी.सूत्र आदि 11 प्रकी.सूत्र और निशीथसूत्र आदि 6 छेदसूत्रो का दीप.कृत (गु.) अनु.} विभाग 6 {गु.} {779,789,807,828,856,871, 1204,1223,1233,1240,1251, 1258, 1264, 1269, 1275, 1280, 1486} . 1464 जैन स्तुति {वीरत्थुई, दश.सूत्र (अ.4), जैन दर्शन चेरीटेबल ट्रस्ट अप्रदर्शित उत्त.सूत्र (अ.3-4) सह अज्ञात कर्तृक (गु.) अनु. और विविध स्तोत्र, स्तुति आदि} {गु.} {876, 967, 1020, | 1077} सुबोध-लब्धि-संचय (वैराग्य सरिता) लब्धिनिधान चेरीटेबल अप्रदर्शित {चतुः.प्रकी.सूत्र, आ.प्र.प्रकी.सूत्र सह ट्रस्ट अजितसागरसूरिजी (#) कृत छाया, (गु.) अनु. एवं वैराग्य शतक आदि 3 सुत्र सह अज्ञात कर्तृक छाया, (गु.) अनु.} {गु., दे.ना.) [T] {1186, 1194, 1200, 1209, 1215, 1220} उपासकदशा एवं पद्म प्रकाशन, दिल्ली प्रधान संपा.-अमरमुनिजी अनुत्तरोपपातिकदशासूत्र (सचित्र) (सचित्र आगममाला उपप्रवर्तक, सह [UPASAK-DASHA पुष्प 10} संपा.-तरुणमुनिजी, श्रीचंद सुराणा, 2053 (अ.) |392 (C) 148 (D) |2056 (2) (अ.) 2056 (1) 256 (C) 2057 (1) 440 (B) Page #285 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 238 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय ANUTTARAUPAPATIK-DASHA SUTRA-ILLUSTRATED] {उ. द.. सूत्र और 'अनु. द. सूत्र (सचित्र) सह अमरमुनिजी उप कृत (हिं.) अनु. और उसका राजकुमार जैन कृत (अं.) भाषां. दे.ना. रो. [324,352. 353, 416, 440, 441} 1467 आगमसूत्र (हिन्दी अनुवाद) [आचार, सूत्रकृत] {आचा. सूत्र, सू. कृ. सूत्र का दीप. कृत (हिं.) अनु.) भाग 1 (दे.ना., |गु.) (37, 115 ) 1468 आगमसूत्र (हिन्दी अनुवाद) (स्थान, समवाय) (स्था. सूत्र, समसूत्र का दीप कृत (हिं.) अनु] भाग 2 (दे. ना. T}{158, 189) 1469 आगमसूत्र (हिन्दी अनुवाद) (भगवती शतक 30-41, ज्ञाताधर्मकथा, उपासकदशा) 69. आगम सानुवाद (एकाधिक अनुवाद/ छाया/सार्थ) | प्रकाशक ( ग्रंथमाला } ( भग. सूत्र (श्रु. 1 श. 30-41), ज्ञाता. सूत्र, उ. द. सूत्र का दीप. कृत (हिं.) अनु.) भाग 5 (दे. ना., गु. } {244, 305, 354} 1470 आगमसूत्र (हिन्दी अनुवाद) { अं. द. सूत्र, अनु. द. सूत्र, प्रश्न. सूत्र, वि. . सूत्र, औप. सूत्र, राज. सूत्र का दीप. कृत (हिं.) अनु.} भाग 6 {दे. ना., गु.} (398, 442, 470, 502, 526, 551} 1471 आगमसूत्र (हिन्दी अनुवाद) |[जीवाजीवाभिगम, प्रज्ञापना (पद 1 से 5) ] ( जीवा. सूत्र, प्रज्ञा. सूत्र (पद-5) का दीप. कृत (हिं.) अन् भाग 7 | दे. ना., T}{571, 600} 1473 आगमसूत्र (हिन्दी अनुवाद) श्रुत प्रकाशन निधि जंब, सूत्र, निर सूत्र आदि 5 सूत्र और चतुः. प्र . . प्रकी. सूत्र आदि 5 प्रकी. सूत्रों का दीप. कृत (हिं.) अनु.) भाग 9 (दे.ना., गु.} {632, 660, 686, 711, 736, 759, 1205, 1224, 1234, 1252, 1276} श्रुत प्रकाशन निधि श्रुत प्रकाशन निधि श्रुत प्रकाशन निधि 1472 आगमसूत्र (हिन्दी अनुवाद) (प्रज्ञा. सूत्र श्रुत प्रकाशन निधि | (पद-6-36), सूर्य सूत्र का दीप. कृत (हिं.) अनु., चंद्र. सूत्र का (तफावत दर्शक) अनु.) भाग 8 (दे.ना., गु.) {600, 618} श्रुत प्रकाशन निधि श्रुत प्रकाशन निधि संपादक, संशोधक आदि चित्र. - त्रिलोक शर्मा डॉ. संपा. दीपरत्नसागरजी (#) संपा. दीपरत्नसागरजी (#) संपा, दीपरत्नसागरजी (#) संपा. दीपरत्नसागरजी (N) संपा. दीपरत्नसागरजी (#) संपा. दीपरत्नसागरजी (8) संपा. दीपरत्नसागरजी (#) वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2058 (3T.) 256 (C) 2058 (3T.) 272 (C) 2058 (3T.) 272 (C) 2058 (3T.) 272 (C) 2058 (3T.) 240 (C) 2058 (3T.) 240 (C) | 2058 (अ.) 224 (C) Page #286 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. | प्रकाशन नाम एवं परिचय 1474 आगमसूत्र (हिन्दी अनुवाद) { संस्ता. प्रकी. सूत्र आदि 6 प्रकी. सूत्र, निशीथसूत्रादि 5 छेदसूत्र एवं महा. सूत्र (अ.3) का दीप. कृत (हिं.) अनु.) भाग 10 दे.ना., गु.) (780, 790, 808, 829, 857, 872, 1241, 1260, 1265, 1270, 1281, 1487} अनु.) भाग 11 दे.ना., गु. } {790, 1148, 1177, 1448) 1475 आगमसूत्र (हिन्दी अनुवाद) (महा. सूत्र श्रुत प्रकाशन निधि (अ. 4-6, चू. 2), आव. सूत्र, ओ.नि. सूत्र ओर पिंड सूत्र का दीप. कृत (हिं.) 1476 आगमसूत्र (हिन्दी अनुवाद) (दशवेकालिक, उत्तराध्ययन, नंदी, अनुयोगद्वार) (दश सूत्र, उत्त. सूत्र नंदीसूत्र, ल.नं. सूत्र, यो.नं. सूत्र और अनु. सूत्र का दीप कृत (हिं.) अनु.) भाग 12 {दे.ना., गु.} {969, 1078, 1313, 1314, 1315, 1348} - | 1477 | Mahavira's Words by Walther | Schubring आचा. सूत्र (श्रु.1), सू. कृ. सूत्र (श्रु. 1 अ. 4, 12वाँ, श्रु.2 अ. 2) सह वॉल्टर शुब्रींग के अनु. का W. Bollee और J. Soni कृत (अं.) भाषां.) (रो.) [T, S] {1, 38, 117} 1478 छेद सूत्र (सचित्र) (दशाश्रुतस्कंध, बृहत्कल्प, व्यवहार) ILLUSTRATED CHHED SUTRA | [Dashsashrut Skandh, Brihat Kalp, Vyavahar] दशाश्रु. सूत्र, बृ.क. सूत्र, व्यव. सूत्र सह अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु., विवे. और | उसका राजकुमार जैन कृत (अं.) भाषां. }{दे.ना. रो. }{793, 809, " 810, 817, 830, 831, 840, 859, 860) | 1479 JAINA SUTRAS ACHARANGA | AND KALPA SUTRA ( आचा. सूत्र | और कल्पसूत्र का हर्मन जेकोबी कृत (अं.) अनु.) (से.) [T] {24, 1385) आगम प्रकाशन परिचय 1480 चतुःशरणादिमरणसमाध्यन्तं प्रकीर्णक- दशकं (छायायुतम्) चतुः प्रकी, सूत्र आदि 10 प्रकी. सूत्र | प्रकाशक ( ग्रंथमाला } श्रुत प्रकाशन निधि श्रुत प्रकाशन निधि | लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर {ला. द. ग्रंथ श्रेणि 139 } | पद्म प्रकाशन, दिल्ली { आगम प्रकाशन माला 17} Shree Publishers & Distributors, (P) Oxford University Press आगमोद्धारक श्रुतसेवा समिति, (P) आगमोदय | समिति (श्रेणी 46 } संपादक, संशोधक आदि संपा, दीपरत्नसागरजी (0) संपा. दीपरत्नसागरजी (#) संपा. दीपरत्नसागरजी (1) | संपा. -जितेन्द्र बी. शाह प्रधान संपा. अमरमुनिजी | उपप्रवर्तक, सह संपा. श्रीचंद | सुराणा, चित्र, त्रिलोक शर्मा डॉ. | संपा. - Kanhaiyalal Chancharik, Mahesh K. Jain Dr., पूर्व संपा. -F. Max muller संपा. सागरानंदरि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2058 (3T.) 240 (C) 2058 (3T.) 240 (C) 2058 (3T.) 240 (C) | 2060 (1) 312 (B) 2061 (1) 616 (B) 2062 (1) 344 (C) 2063 (पु.मु.) 239 288 (P) Page #287 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 240 69. आगम सानुवाद (एकाधिक अनुवादाछाया/सार्थ) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) सह सागरानंदसूरिजी कृत छाया) (दे.ना.) [T, S] {1186, 1195, 1209, 1216, 1228, 1230, 1235, 1237, 1243, 1246, 1262, 1263, 1266, 1267, 1271, 1272, 1477, 1482, 1494,1495} 481 SACRED BOOKS OF THE EAST Low Price (GAINA SUTRAS) (JAINA Publications, (P) SUTRAS) {आचा.सूत्र और Oxford University कल्पसूत्र का हर्मन जेकोबी कृत (अं.) | Press (2) {Sacred Books of the east अनु.) भाग 1 {रो.} [T] Vo122) {24, 1385) पूर्व संपा.-F. Max muller 2064 (पु.मु.) 3 76 (C) संक., संशो.-प्रशमेशप्रभ- |2064 (अ.) 60 (D) विजयजी, हार्दिकरत्नविजयजी संक., संशो.-प्रशमेशप्रभविजयजी, हार्दिकरत्नविजयजी 2064 (अ.) 112 (D) पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि (2) 2065 (पु.मु.) 151 (P) 1482 पयन्ना सूत्र (पढमंचउसरण नीतिसूरि जैन तत्त्वज्ञान पइण्णयम्, बीअं आउरपच्चक्खाण पाठशाळा, सिद्धाचल पइण्णयम्) {चतु.प्रकी.सूत्र और शणगार ट्रस्ट, पालीताणा आ.प्र.प्रकी.सूत्र सह {नीतिसूरि आगम अजितसागरसूरिजी कृत (गु.) अनु.) श्रेणी 2, 1} भाग 1 (गु., दे.ना.} {1186, 1200, 1209, 1220) 1483|पयन्ना सूत्र (तइयं महापच्चक्खाण नीतिसूरि जैन तत्त्वज्ञान पइण्णयम्, चउत्थ भत्तपरिन्ना पाठशाळा, सिद्धाचल पइण्णयम्) {महाप्र.प्रकी.सूत्र और शणगार ट्रस्ट, पालीताणा भक्त.प्रकी.सूत्र सह अज्ञात कर्तृक (गु.) |{नीतिसूरि आगम अनु.} भाग 2 {गु., दे.ना.} श्रेणी 3, 1} {1228,1231, 1271, 1273} प्रकीर्णकसूत्राणि (दश आगमसूत्राणि) जिनशासन आराधना {चतुः.प्रकी.सूत्र आदि 10 प्रकी.सूत्र ट्रस्ट, (P) आगमोदय सह सागरानंदसूरिजी कृत छाया) समिति (प्राचीन श्रुत {दे.ना.) [T, S] {1186, 1195, समुद्धार पद्यमाला, 1209, 1216, 1228, 1230, 1235, पद्म 33) 1237, 1243, 1246, 1262, 1263, 1266, 1267, 1271, 1272, 1477, 1482, 1494, 1495} 1485 आगमसटीक अनुवाद {सूर्य.सूत्र का श्रुत प्रकाशन निधि दीप.कृत (गु.) अनु., मलय. टीकानुसारी विवे., चंद्र.सूत्र का (तफावत दर्शक) अनु.} भाग-23, 24 {गु.} {619, 622} 1486 आगमसटीक अनुवाद (निशीथ, श्रुत प्रकाशन निधि बृहत्कल्प, व्यवहार, दशाश्रुतस्कंध, जीतकल्प) {निशीथसूत्र, बृ.क.सूत्र, व्यव.सूत्र, दशाश्रु.सूत्र, जीत.सूत्र का दीप.कृत (गु.) अनु.} भाग 29 {गु.) {779,807,828,856,871) संपा.-दीपरत्नसागरजी (2) |2066 (अ.) 206+2083 414(C) संपा.-दीपरत्नसागरजी (2) |2066 (अ.) 208 (C) Page #288 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 241 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) । 70. आगम व्याख्या (एकाधिक भाष्य, टीका आदि। सभाष्य, सटीका आदि) (1487-1541) 1487 अंतगडदसाणं-अणुत्तरोववाईयदसाणं धनपतसिंह बहादुर अप्रदर्शित 1931 (1) |102 (C) {अं.द.सूत्र और अनु.सूत्र सह अभय. (आगमसंग्रह भाग 8,9) टीका, अज्ञात कर्तक बा.बो.} {दे.ना.} {371, 372, 373, 416, 417,419) 1488 निरयावलिया सूत्र प्रारम्भः {निर.सूत्र धनपतसिंह बहादुर संशो.-विश्वनाथजी पंडित 1941 (अ.) 88 (P) | आदि 5 सूत्र सह श्रीचंद्रसूरिजी कृत |{आगमसंग्रह टीका, जीवन मुनिजी कृत बा.बो.} भाग 19-23) {दे.ना.} {647,648,649,672,673, 674,697,698,699,722,723, 724, 745, 746, 7471 1489 विविधपयन्नावचूरिटीका हीरालाल हंसराज पंडित अप्रदर्शित 1969 (अ.) 76 (P) | (चतुः प्रकी.सूत्र और संस्ता.प्रकी.सूत्र की गुणरत्नसूरिजी कृत टीका, आ.प्र.प्रकी.सूत्र की भुवनतुंगसूरिजी कृत टीका, भक्त.प्रकी.सूत्र की अज्ञात कर्तृक अवचूरि} {दे.ना.} {1188, 1210, 1229,1236) 1490 अंतकृद्दशानुत्तरोपपातिकदशा- आगमोदय समिति संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (2) |1976 (1) |105 (P) विपाकश्रुतानि (अं.द.सूत्र, अनु.द.सूत्र और वि.सूत्र सह अभय. टीका) {दे.ना.) [s] {371, 372, 416, 417, 481, 482} 1491 निर्यावलिकासूत्रम् (निर.सूत्र आदि 5 आगमोदय समिति संशो.-दानसूरि 1978 (अ.) 43 (P) सूत्र सह श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका) {दे.ना.) [T, S] {647, 648, 672, |673, 697,698, 722, 723, 745, 746) 1492 तन्दुलवैचारिकं, चतुःशरणं देवचंद लालभाई जैन संपा.-सागरानंदसूरि (#) | 1978 (अ.) 79 (P) {तंदुल.प्रकी.सूत्र सह विजयविमल पुस्तकोद्धार फंड गणिजी कृत टीका और {ग्रंथांक 59) चतुः प्रकी.सूत्र सह सोमसुंदरसूरिजी कृत अवचूर्णि} {दे.ना.} [T, S] | {1186,1190, 1243,1244} 1493 निर्यावलिकासूत्रम् {निर.सूत्र आदि 5 वीरसमाज (रत्न 2} संशो.-दानसूरि 1978 (अ.) 43 (P) सूत्र सह श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका) {दे.ना.} [T, S] {647, 648, 672, 673, 697, 698, 722, 723, 745, 746} 1494 ANTAGADA-DASAO AND | गुर्जर ग्रंथरत्न कार्यालय संपा.-M.C. Modi 1988 (1) 350 (C) ANUTTAROVAVAIA DASAO {अं.द.सूत्र, अनु.द.सूत्र सह अभय, टीका, M. C. Modi कृत Page #289 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 242 क्र. 70. आगम व्याख्या (एकाधिक भाष्य, टीका आदि/सभाष्य, सटीका आदि) | प्रकाशक (ग्रंथमाला } संपादक, संशोधक आदि | प्रकाशन नाम एवं परिचय (अं.) अनु.) दे. ना. रो.) [T. S) {371, 372, 383, 416, 417, 431} 1495 अंतकृत्दशांग अने अनुत्तरोपपातिक जैन धर्म प्रसारक सभा |दशांगसूत्र (आठमुं ने नवमं अंग) { अं. द. सूत्र, अनु. द. सूत्र सह जेठालाल | हरिभाई शास्त्री कृत मूल एवं टीका का सम्मिलित (गु.) अनु (दे.ना.] [T] {371, 384, 416, 432) 1496 निरयावलिका सूत्र ( निर. सूत्र आदि 5 जैन धर्म प्रसारक सभा सूत्र सह जेठालाल हरिभाई शास्त्री कृत (गु.) अनु. और निर. सूत्र, कल्पाव. सूत्र, पुष्पिकासूत्र का टीका (दे.ना.) [T] (647, 657, 667, 672, 683, 692, 697, 707, 717, 722, 733, 745, 755} 1497 आराधनासूत्र पयन्नो अवचूरि| अनुवादयुक्त पुन्यप्रकाशनुं स्तवन | तथा प्रमादपरिहारकुलक गुजराती अर्थ साथे आरा. प्रक. सह अज्ञात { कर्तृक अवचूरि, कुंवरजी आणंदजी शाह कृत (गु.) अनु., विनयविजयजी उपा. कृत पुण्य प्रकाश स्तवन और उत्त. सूत्र की श्रीकरण उपा. कृत सज्झाय} {दे.ना., गु.} {892, 1511, 1512, 1513, 1516} 1498 निरयावलिका सूत्रे (निर सूत्र आदि 5 सूत्र सह श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका) (दे.ना. } [T] [647, 648, 672, 673, 697, 698, 722, 723, 745, 746} | 1499 अन्तकृदशानुत्तरोपपातिकदशे { अं. द. सूत्र और अनु. द. सूत्र सह अभय. टीका} {दे.ना.} {371, 372, 416, 417} | कुंवरजी आनंदजी शाह { बुद्धि वृद्धि कर्पूर ग्रंथमाळा 30 } 1501 आराधनादिसारसंग्रह ( आरा. प्रक. सह अवचूरि, कुंवरजी आनंदजी शाह कृत (गु.) अनु., विनयविजयजी उपा. कृत | पुण्य प्रकाश स्तवन और उत्त सूत्र की नीतिसूरिजी जैन पुस्तकालय ट्रस्ट, | अमदावाद दयालजी जैन | ग्रंथमाला ( अंक 28 } |1500 निरयावलिकासूत्रम् (निर. सूत्र आदि 5 अखिल भारतीय श्वेतांबर सूत्र का घासी. कृत (गु.) स्वोपज्ञ टीकानु.} {गु., दे.ना.} {669,694, 719, 743, 766} स्थानकवासी जैन | शास्त्रोद्धार समिति भट्टीबाई स्याद्वाद संस्कृत प्राकृत पाठशाळा अप्रदर्शित अप्रदर्शित | अप्रदर्शित अप्रदर्शित अप्रदर्शित नियो. - समीर मुनि, कन्हैयालालजी मुनि संपा. छबीलदास केशरीचंद संघवी वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1990 (3T.) 121 (P) 1990 (3T.) 130 (P) 1994 (3T.) 72 (D) 1994 (3T.) 44 (P) 2001 (2) 40 (P) 2004 (1) 151 (B) | 2004 (अ.) 224 (D) Page #290 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 243 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) श्रीकरण उपा. कृत सज्झाय, वैराग्यशतक आदि} {गु., दे.ना.) [T] {892, 1511, 1512, 1513, 1516) |2016 (2) 428 (B) अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि स्थानकवासी जैन शास्त्रोद्धार समिति 1502 निरयावलिकासूत्रम् [NIRIYAVALIKASUTRAM] {निर.सूत्र आदि 5 सूत्र सह घासी. कृत छाया, टीका, (हि., गु.) स्वोपज्ञ टीकानु.} {दे.ना., गु.} {647,651, 652,668,669,672,676, 677, 693,694,697, 701, 702,718, 719,722, 726,727,742,743, 745, 749, 750, 765, 766) 2025 (1) 528 (B) 1503 व्यवहारसूत्रम् एवम् बृहत्कल्पसूत्रम् अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि [Vyavhar Sutram Bruhatkalpa |स्थानकवासी जैन Sutram] {व्यव.सूत्र सह घासी. कृत शास्त्रोद्धार समिति छाया, (सं.) भाष्य; बृ.क.सूत्र सह घासी. कृत (सं.) चूर्णि, छाया, (प्रा.) भाष्य, भाष्य-छाया, अवचूरी) {दे.ना.} {793, 800, 801,840, 846, 847, 848,849,850) 504 2031 (अ.) 84 (P) अन्तकृद्दशाङ्गं अनुत्तरोपपातिक. हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि दशाङ्गञ्च {अं.द.सूत्र और अनु.द.सूत्र {ग्रं. 62} सह अभय. टीका} {दे.ना.) {371, 372, 416, 417} 1505 आगमसुधासिंधुः {आव.सूत्र सह हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि मूलभाष्य, आ.नि. और ओ.नि.सूत्र {I.79) सह भाष्य) विभाग 12 {दे.ना.) {1116, 1117, 1118, 1444, 1445} 2032 (अ.) 224 (B) |2034 (1) |762 (B) 1506 आचाराङ्गसूत्रं सूत्रकृताङ्गसूत्रं च मोतीलाल बनारसीदास संशो., संपा.-जंबूविजयजी [ACARANGASUTRAM AND पब्लीशर्स प्रा. लि., (P) (आगमप्रज्ञ), पूर्व संशो., पूर्व SUTRAKRTANGASUTRAM] आगमोदय समिति संपा.-सागरानंदसूरि {आचा.सूत्र और सू.कृ.सूत्र सह {लाला सुंदरलाल जैन नियुक्ति, शीलांकी टीका} {दे.ना., आगम ग्रंथमाला भाग 1) रो.} [T, S] {1, 2, 4, 78, 79, 81} | 1507 सवासो गाथा विवरण (दश.सूत्र (अ.4) मुक्तागौरी रसिकलाल शेठ लेखक, संपा.-रसिकलाल और उत्त.सूत्र (अ.3-4) सह रसिकलाल {डाहीबाई ग्रंथमाला 7) छगनलाल शेठ शेठ कृत (गु.) अन्व., अनु., विवे., वृद्धिविजयजी कृत सज्झाय (ढाळ-4)} {गु.} {876, 939, 1020, 1035, 1058} 2039(1) 192 (D) Page #291 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 244 70. आगम व्याख्या (एकाधिक भाष्य, टीका आदि/सभाष्य, सटीका आदि) | प्रकाशक (ग्रंथमाला } संपादक, संशोधक आदि | संपा. अरुणविजयजी पंन्यास | महावीर जैन साहित्य प्रकाशन, (P) जैन धर्म क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय 1508 अन्तकृद्दशाङ्गं अनुत्तरोपपातिक दशाङ्गञ्च { अं. द. सूत्र और अनु. द. सूत्र सह अभय. टीका, जेठालाल हरिभाई शास्त्री कृत मूल एवं पुष्प 9-10) प्रसारक सभा टीका का संमिलित (गु.) अनु. गु.. | दे. ना. } [T] [371, 372, 384, 416, 417, 432} 1509 निरियावलिका सूत्र सटीकम् { निर. सूत्र आदि 5 सूत्र सह श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका} {दे.ना. } [S] {647, 648, 672, 673, 697, 698, 722, 723, 745, 746} 1510 आगम रत्न मंजूषा (45 आगम, निर्युक्ति, भाष्य मूल} {दे.ना. } [s] {1, 2, 78, 79, 136, 175, 198, 283, 324, 371, 416, 451, 481, 515, 535, 561, 579, 611, 623, 641, 647, 672, 697, 722, 745, 768, 786, 793, 817, 818, 840, 867, 868, 876, 877, 1020, 1021, 1023, 1116, 1117, 1118, 1167, 1168, 1186, 1209, 1228, 1235, 1243, 1262, 1266, 1271, 1283, 1284, 1285, 1329, 1359, 1442, 1444, 1445, 1477, 1494, 1506} 1511 स्थानाङ्गसूत्रे समवायाङ्गसूत्रं च [STHANANGA SUTRAM AND SAMVAYANGA SUTRAM] {स्था. सूत्र और सम. सूत्र सह अभय. टीका} {दे.ना. } [T, S] {136, 137, 175, 176) 1512 निर्युक्ति-सङ्ग्रहः { भद्रबाहुस्वामीजी कृत निर्युक्तियाँ} {दे.ना.) [S] (2, 79, 818, 877, 1021, 1117, 1167, 1444) 1513 निरयावलिका सूत्रम् [कप्पिया-2 कप्पवडिसिया 10 पुष्किया- 11, पुष्फधुलिया 12 वहिदशा { निर. सूत्र आदि 5 सूत्र सह श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका, जेठालाल हरिभाई शास्त्री (#) कृत (गु.) अनु.; निर. सूत्र, कल्पाव. सूत्र, पुष्पिकासूत्र का टीकानु.} {दे.ना., गु.} [T] [647, 648, 657, 667, 672, 673, 683, 692, 697, 698, 707, 717, 722, 723, 733, 745, 746, 755} हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा. जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 130} जैन आगम ट्रस्ट मोतीलाल बनारसीदास पब्लशर्स प्रा. लि., (P) आगमोदय समिति संशो. नरदेवसागरसूरि संपा. दोलतसागरसूरि, देवचंद्रसागरसूरि, पूर्व संशो.. सागरानंदसूर संशो. जंबूविजयजी (आगमप्रज्ञ), पूर्व संशो., पूर्व संपा. सागरानंदमूरि हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा. - जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 189) | महावीर जैन साहित्य संयो., संपा. - अरुणविजयजी | प्रकाशन, महावीर विद्यार्थी पंन्यास कल्याण केन्द्र, (P) जैन धर्म प्रसारक सभा, (P) नीतिसूरिजी जैन पुस्तकालय ट्रस्ट, अमदावाद (पुष्प 14} वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) | 190 (P) 2040 (1) 2040 (3T.) 104 (P) 2041 (पु.मु.) 1380 (P) 2041 (1) 604 (A) 2045 (1) 620 (C) 2047 (1) 420 (P) Page #292 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 245 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1514 त्रीणि छेदसूत्राणि [दशाश्रुतस्कन्ध, आगम प्रकाशन समिति, संयो., आद्य संपा.-मिश्रीमलजी |2048 (1) 548 (B) बृहत्कल्प, व्यवहारसूत्र] TREENI ब्यावर {जिनागम मुनि, संपा.-कन्हैयालालजी मुनि CHHEDSUTRANI ग्रंथमाला ग्रंथांक 32 आ} (कमल), तिलोक मुनि [Dashashrutskandha, Brihatkalpa, Vyavhar Sutras] (दशाश्रु.सूत्र, बृ.क.सूत्र, व्यव.सूत्र सह कन्हैयालालजी मुनि कृत (हिं.) अनु., तिलोक मुनिजी कृत विवे.} {दे.ना.} [T, S] {793, 806, 814, 817, 827, |837, 840, 855, 863} 1517 1515 45-आगमसुत्ताणि [ओहनिज्जुत्ति- आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी 2052 (अ.) 116 (C) पिंडनिज्जुत्ति] {ओ.नि.सूत्र और पिंड.सूत्र सह भाष्य} {दे.ना., गु.) {1167,1168,1444,1445) 1516 पर्यंत आराधना सूत्र (अवचूरि. |जिनशासन आराधना अप्रदर्शित 2052 76 (D) अनुवाद साथे) तथा पुण्यप्रकाशन ट्रस्ट, (P) कुंवरजी (पु.मु.) स्तवन प्रमाद परिहार कुलक आणंदजी शाह (सानुवाद) {आरा.प्रक. सह अवचूरि, कुंवरजी आणंदजी शाह कृत (गु.) अनु., विनयविजयजी उपा. कृत पुण्य-प्रकाश का स्तवन और उत्त.सूत्र की श्रीकरण उपा. कृत सज्झाय) {दे.ना., गु.} {892, 1511, 1512, | 1513, 1516) मंजिल के पड़ाव [स्थानांग एवं जैन विश्व भारती प्रधान संपा.-दुलहराजजी मुनि, 2054 (2) |216 (C) दशवैकालिक सूत्र पर आधारित {प्रज्ञापर्व प्रवचनमाला 8} |संपा.-धनंजयजी मुनि प्रवचन) {स्था.सूत्र और दश.सूत्र के महाप्रज्ञजी कृत (हिं.) प्रव.32+10} {दे.ना.} [T] {172, 1110) 1518 आगम सुत्ताणि (सटीक) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2056 (अ.) |496 (C) [नन्दी-चूलिकासूत्रं, अनुयोगद्वार-चूलिकासूत्र] {नंदीसूत्र सह मलय. टीका, ल.नं.सूत्र और यो.नं.सूत्र मूल, अनु.सूत्र सह मलधारीय टीका) भाग 30 {दे.ना., गु.} {1283, 1284, 1285, 1288, 1329,1332) आगम सुत्ताणि (सटीक) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2056 (अ.) |288 (C) (दशाश्रुतस्कन्ध-छेदसूत्रम्, जीतकल्प-छेदसूत्रम्, महानिशीथ-छेदसूत्रम्) {दशाश्रु.सूत्र सह नियुक्ति, चूर्णि; जीत.सूत्र सह सिद्धसेन गणिजी कृत चूर्णि और Page #293 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 246 क्र. 70. आगम व्याख्या (एकाधिक भाष्य, टीका आदि/सभाष्य, सटीका आदि) | प्रकाशक ( ग्रंथमाला } संपादक, संशोधक आदि | प्रकाशन नाम एवं परिचय | महा. सूत्र मूल} भाग 23 (दे. ना., गु. } {786, 817, 818, 819, 867, 869} 1520 आगम सुत्ताणि (सटीकं) (ओघनियुक्तिः, पिण्डनिर्युक्तिः) (ओ.नि. सूत्र सह भाष्य, द्रोणाचार्यजी कृत टीका; पिंड सूत्र सह भाष्य, मलय. | टीका} भाग 26 (दे. ना., गु.} {1167, 1168, 1171, 1444, 1445, 1446) 1521 आगम सुत्ताणि (सटीकं) {वि. सूत्र और आगम श्रुत प्रकाशन औप सूत्र सह अभय. टीका, राज. सूत्र | सह मलय. टीका} भाग 8 (दे.ना., गु. } {481, 482, 515, 516, 535, 536) 1522 आगम सुत्ताणि (सटीकं) {सूर्य सूत्र, चंद्र. सूत्र सह मलय. टीका) भाग 12 {दे. ना., गु.} {611, 612,641, 642) 1523 आगम सुत्ताणि (सटीकं) (निर. सूत्र आदि 5 सूत्र सह श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका, चतुः प्रकी. सूत्र आदि 10 सूत्र | सह सोमसुंदरसूरिजी आदि कृत | टीका / सागरानंदसूरिजी कृत छाया) भाग 14 ( दे. ना., गु.} {647, 648, 672, 673, 697, 698, 722, 723, 745, 746, 1186, 1190, 1209, 1212, 1228, 1230, 1235, 1236, 1243, 1244, 1262, 1263, 1266, 1267, 1271, 1272, 1477, 1478, 1494, 1495) 1524 आगम सुत्ताणि (सटीकं) (ज्ञाता. सूत्र, उ. द. सूत्र, अं. द. सूत्र, अनु. द. सूत्र, प्रश्न. सूत्र सह अभय टीका} भाग 7 {दे. ना., गु.} {283, 284,324, 325, 371, 372, 416, 417, 451, 452) | 1525 निर्युक्तिपंचक [NIRYUKTI | आगम श्रुत प्रकाशन | PAMCAKA] {आचा. सूत्र, दश. सूत्र, उत्त. सूत्र, सू. कृ. सूत्र, दशाश्रु. सूत्र की | निर्युक्ति सह दुलहराजजी मुनि कृत (हिं.) अनु., दश. सूत्र की लघु निर्यु., भाष्य और उत्त. सूत्र का भाष्य } भाग 3 [ दे.ना. } [T, S] [2, 50, 79, 124, 818, 834, 877, 878, 989, 1021, 1022, 1023, 1094} आगम श्रुत प्रकाशन आगम श्रुत प्रकाशन आगम श्रुत प्रकाशन जैन विश्व भारती संशो., संपा. - दीपरत्नसागरजी संशो., संपा. - दीपरत्नसागरजी संशो., संपा. - दीपरत्नसागरजी संशो., संपा. - दीपरत्नसागरजी संशो. संपा. दीपरत्नसागरजी प्रधान संपा. - महाप्रज्ञजी आचार्य | संपादिका कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ. वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) | 2056 (अ.) 432 (C) 2056 (3T) 368 (C) 2056 (अ.) 336 (C) 2056 (3T.) 400 (C) 2056 (3T.) 544 (C) 2056 (1) 854 (B) Page #294 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 247 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2057 (1) 224 (B) संपादक, संशोधक आदि प्रधान संपा.-लीलमबाई महासतीजी, सहसंपादिका-आरतीबाई महासतीजी डॉ., सुबोधिकाबाई साध्वी उपांग सूत्र निरयावलिका गुरुप्राण फाउन्डेशन, कल्पावतंसिका, पुष्पिका, महावीर सेवा ट्रस्ट, पुष्पचूलिका, वृष्णिदशा [UPANG राजकोट SUTRA NIRAYAVALIKA {आगमबत्रीसी रत्न 14} | VARGAPANCHAK] {निर.सूत्र आदि 5 सूत्र सह किरणबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे.} {गु., दे.ना.} [S] {647, 663, 672, 688,697,713,722,739,745, 762} | 1527 निरयावलिका तथा विपाक सूत्र पद्य प्रकाशन, दिल्ली (सचित्र) [NIRAYAVALIKA & {सचित्र आगममाला VIPAAK SUTRA | पुष्प 14) [ILLUSTRATED] {निर.सूत्र आदि 5 सूत्र और वि.सूत्र (सचित्र) सह अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु., विवे, और उनका सुरेन्द्र बोथरा कृत (अं.) भाषां.) (दे.ना., रो.} {481, 507, 508, 647, 664,665, 672, 689, 690, 697,714,715, 722, 740,741,745,763,764} 504 (B) प्रधान संपा.-अमरमुनिजी |2059 (1) उपप्रवर्तक, सह संपा.-श्रीचंद सुराणा, चित्र.-त्रिलोक शर्मा डॉ. 1528 निरयावलिका सूत्रम् भगवान महावीर संपा.-शिवमुनिजी आचार्य डॉ. 2060 (अ.) 440 (B) [कप्पिया-कप्पवडिंसिया-पुष्फिया- मेडिटेशन एन्ड रिसर्च पुष्फचूलिया-वण्हिदसा] {निर.सूत्र सेंटर ट्रस्ट, आत्म ज्ञान आदि 5 सूत्र सह आत्मारामजी कृत श्रमण शिव आगम छाया, (हिं.) अन्व., अनु., विवे., प्रकाशन समिति श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका} {दे.ना.} [T] {647,648, 650, 653,672, 673,675,678,697,698,700, 703,722, 723, 725,728, 745, 746, 748,751) 1529 त्रीणि छेदसूत्राणि (दशाश्रुतस्कन्ध अखिल भारतीय सुधर्म संपा. नेमिचंदजी बांठिया, 2062 (1) 536 (B) सूत्र, बृहत्कल्प सूत्र, व्यवहार सूत्र) जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया {दशाश्रु.सूत्र, बृ.क.सूत्र, व्यव.सूत्र सह (रत्न 129) छगनलालजी शास्त्री डॉ. और महेन्द्रकुमार रांकावत डॉ. कृत (हिं.) शब्दार्थ, अनु., विवे.} {दे.ना.) [[T,S] {793,802,817,824, 840,852) 1530/ चंद्र प्रज्ञप्ति सूत्र तथा सूर्य प्रज्ञप्ति सूत्र गुरुप्राण फाउन्डेशन प्रधान संपा.-लीलमबाई 2062 (1) 526 (B) (ज्योतिष गणराज प्रज्ञप्ति सूत्र) {आगमबत्रीसी रत्न 32} महासतीजी, [[Chandra Pragnapti Sutra - सहसंपादिका-आरतीबाई Surya Pragnapti Sutra) महासतीजी {सूर्य.सूत्र, चंद्र.सूत्र डॉ., सुबोधिकाबाई साध्वी Page #295 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 248 70. आगम व्याख्या (एकाधिक भाष्य, टीका आदि/सभाष्य, सटीका आदि) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) सह राजीमतीबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे.} {गु., दे.ना.} [] {611, 641,646} 1531 दशाश्रुतस्कंध सूत्र, बृहत्कल्प सूत्र गुरुप्राण फाउन्डेशन प्रधान संपा.-लीलमबाई 2062 (1) 464(B) व्यवहार सूत्र {आगमबत्रीसी रत्न 34} महासतीजी, [DASASRUTSKANDH, सहसंपादिका-आरतीबाई BRUHATKALP & VYAVHAR महासतीजी डॉ., सुबोधिकाबाई साध्वी SUTRA] {दशाश्रु.सूत्र, बृ.क.सूत्र, व्यव.सूत्र सह डोलरबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे.} {गु., दे.ना.} {793,811, 817, 832, 840, 861} 1532 जीतकल्प-सूत्रम् स्मृतिमंदिर प्रकाशन, (P) संशो., संपा.-जिनविजयजी 2062 159 (B) कल्प-व्यवहार-निशीथ-सूत्राणि च जैन साहित्य संशोधक (पु.मु.) {जीत.सूत्र सह सिद्धसेनगणिजी कृत कार्यालय {सूरिमंत्र चूर्णि, श्रीचंद्रसूरिजी कृत (सं.) टिप्पन, पंचप्रस्थान समाराधक बृ.क.सूत्र, व्यव.सूत्र, निशीथसूत्र मूल) ग्रंथश्रेणी 5} {दे.ना.} [T, S] {768, 793, 840, 867, 869,870} 1533 निरयावलिका सूत्र (कल्पिका, | अखिल भारतीय सुधर्म संपा.-नेमिचंदजी बांठिया, | 2063 (2) 172 (B) कल्पावतंसिका, पुष्पिका, पुष्पचूलिका जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया और वृष्णिदशा) {निर.सूत्र आदि 5 (रत्न 112) सूत्र सह पारसमलजी चंडालिया कृत (हिं.) अनु. और निर.सूत्र, कल्पाव.सूत्र, पुष्पिकासूत्र का विवे.) {दे.ना.} {647, 666, 672,691, 1697, 716, 722, 737, 745, 760) 1534 अन्तकृद्दशानुत्तरोपपातिकदशा- जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व 2063 215 (P) विपाकश्रुतानि {अं.द.सूत्र, ट्रस्ट, (P) आगमोदय संपा.-सागरानंदसूरि (2) (पु.मु.) अनु.द.सूत्र, वि.सूत्र सह अभय, समिति टीका} {दे.ना., गु.} [T, S] {371, 372,416,417,481,482) | 1535 अन्तकृद्दशा-अनुत्तरोपपातिकदशा- जिनशासन आराधना अप्रदर्शित 2064 155 (P) विपाकश्रुतानि {अं.द.सूत्र, ट्रस्ट, (P) दयाविमलजी (पु.मु.) अनु.द.सूत्र और वि.सूत्र सह अभय. जैन ग्रंथमाला, (P) मुक्ति टीका और वि.सूत्र की हरगोविंददास कमल मोहन जैन ज्ञान त्रिकमचंद शेठ पं. (2) कृत छाया} मंदिर {प्राचीन श्रुत {दे.ना.) [T, S] {371, 372, 416, समुद्धार पद्ममाला, 417, 481, 482, 485} पद्म 27} 1536 निरयावलिकासूत्रम् (निर.सूत्र आदि जिनशासन आराधना संशो.-दानसूरि 2065 51 (P) (पु.मु.) 5 सूत्र सह श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका) ट्रस्ट, (P) आगमोदय {दे.ना.} [T, S] {647, 648, 672, समिति {प्राचीन श्रुत 673, 697, 698, 722, 723, 745, समुद्धार पद्यमाला, 746} पद्म 32} Page #296 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय . 249 प्रकाशक {ग्रंथमाला) वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संपादक, संशोधक आदि संपा.-दीपरत्नसागरजी (2) श्रुत प्रकाशन निधि 2066 (अ.) 256 (C) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय 1537 आगम सटीक अनुवाद (निरयावलिकापंचक. पयन्नाओ-10+1) {निर.सूत्र आदि 5 उपांगसूत्र और 10+1 प्रकी.सूत्रों का दीप. कृत (गु.) अनु., टीकानुसारी विवे.} भाग 28 {गु.} {661, 670, 687, 695,712, 720, 738, 761, 1204, 1208, 1223, 1227, 1233, 1240,1242,1251,1253, 1258, 1264,1269, 1275, 1280, 1486, 1490) संपा.-दीपरत्नसागरजी (#) 2066 (अ.) 272 (C) संपा.-दीपरत्नसागरजी (#) 2066 (अ.) 208 (C) आगमसटीक अनुवाद (उपासकदशा, श्रुत प्रकाशन निधि अंतकृत्दशा, अनुत्तरोपपातिकदशा, प्रश्नव्याकरण) {उ.द.सूत्र, अं.द.सूत्र, अनु.द.सूत्र, प्रश्न.सूत्र का दीप.कृत (गु.) अनु., अभय. टीकानुसारी विवे.) भाग 15 {गु.} {355, 365, 400, 409, 443, 449,471,479) आगमसटीक अनुवाद (विपाकश्रुत, श्रुत प्रकाशन निधि औपपातिक) (वि.सूत्र और औप.सूत्र का दीप.कृत (गु.) अनु., अभय. टीकानुसारी विवे.} भाग 16 {गु.} {504, 514, 527, 534} 1540 आगमसटीक अनुवाद (राज.सूत्र, श्रुत प्रकाशन निधि जीवा.सूत्र) {राज.सूत्र, जीवा.सूत्र का । दीप.कृत (गु.) अनु, मलय. टीकानुसारी विवे.) भाग 17, 18, 19 {गु.) |{552,560, 572,577) आगमसटीक अनुवाद (पिंडनियुक्ति- श्रुत प्रकाशन निधि ओघनियुक्ति) {ओ.नि.सूत्र का दीप.कृत (गु.) सारांश, पिंड.सूत्र का अनु., मलय. टीकानुसारी विवे.) भाग 35 {गु.} {1179, 1183, 1453} संपा.-दीपरत्नसागरजी (2) 2066 (अ.) 208+224+ 2083640 (C) संपा.-दीपरत्नसागरजी (2) 2066 (अ.) 256 (C) 71. आगम अध्ययन (1542-1551) | 1542 जिनागमकथासंग्रह {प्राकृत साहित्य जैन साहित्य प्रकाशन संपा.-बेचरदास जीवराज दोशी |1996 (2) 264 (D) के गुज.युनि. के अभ्यासक्रम गत समिति {पूंजाभाई जैन पंडित आगम आदि के अध्ययन/अध्ययनांश | ग्रंथमाला 7) (कथाओं) का संकलन और प्राकृत व्याकरण की रुपरेखा} {दे.ना.) [T] {2} 1543 जिन जन्माभिषेक (श्री तीर्थंकर श्वेतांबर साधुमार्गी जैन संपा.-वीरपुत्रजी महाराज (#) | 2007 (1) 118 (C) भगवान के जन्म कल्याणक का हितकारिणी संस्था विस्तृत वर्णन) {जंबू.सूत्र के 5वें वक्षस्कार गत Page #297 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 250 क्र. | प्रकाशन नाम एवं परिचय | जिन जन्माभिषेक वर्णन सह वीरपुत्रजी मुनि कृत (हिं.) अन्व., अनु.) (दे.ना.} {#] 1544 भगवतीसूत्रम् (पञ्चदशं गोशालकाख्यं शतकम्) (भग. सूत्र सह अभय. टीका | (गोशालकाय श. 15वाँ एवं | परिशिष्टगत गोशाला संबंधी सू. कृ. सूत्रगत (श्रु.2 अ. 6 गा. 25) मूलपाठ और दीघनिकायस्थसामञ्ञ| फलसूत्रगत सटीक पाठ (बोम्बे युनि. | M. A. अभ्यासक्रम की अर्धमागधी रीडर)} {दे.ना. रो.} {78, 198, 200 } 1545 पाइय- गज्ज-संगहो [Selection in | Prakrit Prose] (प्राकृत-गद्य-संग्रह) { मागध विश्वविद्यालय के B.A. Part-1 | के अभ्यासक्रम का उ. द. सूत्र (श्रु. 1 अ. 67), ज्ञाता. सूत्र (श्रु. 1 अ. तीसरा, उत्त. सूत्र (अ. 3-4, 6ट्ठा, 24वाँ मूल आदि प्राचीन प्राकृत कृतियों के गद्यांश संकलन स्वरूप पाठ्यपुस्तक} भाग 2 (दे.ना. } {283, 324, 876} 1546 PRAKRTA-GADYA-PADYABANDHA [ प्राकृत गद्य-पद्य-बंध] { आगम आदि प्राकृत ग्रंथों के अध्ययन युक्त बिहार सरकार मान्य प्राकृत भाषा और जैनोलॉजी का पाठ्यपुस्तक } Part 1 (दे.ना., [T] {# } . रो. } | 1547 गणधरवादादि विषयत्रयी कल्पसूत्र के खीमशाही बा.बो. आधारित प्रथम गणधर के बाद का यशोदेवसूरिजी कृत (गु., सं.) अनु., महावीर जन्मवांचन विवरण- मूलपाठयुक्त, कायोत्सर्ग के दोषो का वर्णन) (गु., दे. ना. } [T] {#} 71. आगम अध्ययन अभ्यासक्रम का आचा. सूत्र, दश. सूत्र | आदि के अध्ययन / उद्देशगत पाठों एवं उस के (अं.) अनु. युक्त संकलन स्वरूप पाठ्यपुस्तक} { रो., दे. ना. } [T, S] {1, 24, 78, 105, 283, 296, 451, 481, 492, 515, 521, 876, 946, 1020, 1064} 1549 चित्त-समाधि जैन योग (जैन विश्व : | प्रकाशक ( ग्रंथमाला } गोडीजी पार्श्वनाथ जैन टेम्पल ट्रस्ट (विजयदेवसूर संघ श्रेणी 9) राजीव पब्लिकेशन्स प्राकृत, जैनशास्त्र अने अहिंसा शोध संस्थान {Prakrit Jaina Inst. Res. Pub. Series 7} | 1548 Ardha Magadhi Reader {पंजाब Satguru Publications | विश्वविद्यालय के अर्धमागधी के संपादक, संशोधक आदि जैन विश्व भारती संपा. - N. V. Vaidya Prof. संक., संपा. -राजाराम जैन डॉ. मुक्ति कमल मोहन जैन संग्रा., संपा. यशोदेवसूरि ज्ञान मंदिर (पुष्प 71} संपा. Banarsidas Jain (# ) वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संक., संपा. -Nathamalji Tatia 2028 (अ.) 262 (B) Dr., रामप्रकाश पोद्दार डॉ., प्रधान संपा. -Nathamalji Tatia Dr. संक-कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ.. 2010 (3T.) 86 (D) 2018 (1) | 162 (D) 2036 (3T.) 74 (P) 2038 (2) 244 (C) 2042 (3T.) 286 (B) Page #298 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 251 आदि प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) भारती युनि. के जैन योग के निरंजना जैन, स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम गत आगम संपा.-Nathamalji Tatia Dr. आदि 12 ग्रंथों से अध्ययन/अध्ययनांश का संकलन (हिं.) टीप्पणयुक्त और हठयोग प्रदीपिका, मोक्ख पाहुड, समयसार (अधि.1), मनोनुशासनम् मूल} {दे.ना.} {#} प्राकृत भारती {प्राकृत भाषा के आगम अहिंसा समता एवं प्रधान संपा.-सागरमल जैन डॉ., |2047 (1) 266 (C) स्नातकोत्तर अभ्यासक्रम गत प्राकृत प्राकृत संस्थान {आगम संपा.-प्रेमसुमन जैन डॉ., भाषा और साहित्य का परिचय, संस्थान ग्रंथमाला 4} सुभाष कोठारी डॉ. ज्ञाता.सूत्र (श्रु.1→अ.4था, भट्ठा) और उत्त.सूत्र (अ.1, 22वाँ) सह हुकमचंदजी जैन डॉ. कृत (हिं.) अनु., लीलावई कहा, आरामसोहा कथा आदि प्राकृत साहित्य के अध्ययन/अध्ययनांश अनु.युक्त) {दे.ना.} {283, 301, 876, 961) 1551 वर्धमान महावीर अने इन्द्रभूति गौतम | श्रुतरत्नाकर संपा.-जितेन्द्र बी.शाह 2063 (1) 216 (C) {गौतमस्वामि परिचय, स्तोत्र, |गौतमपृच्छा के प्रश्नोत्तर एवं उत्त.सूत्र (अ.तीसरा, 10वाँ, 23वाँ, 29वाँ) सह जेठाभाई हरिभाई शास्त्री कृत (गु.) अनु.} {गु., दे.ना.} {876, 951} |2008 (1) 276 (D) 72. आगम विषयकोश (1552-1574) 1552 जैनागमों में स्याद्-वाद (सू.कृ.सूत्र, आत्माराम जैन प्रकाशन संक., संग्रा.-आत्मारामजी भग.सूत्र, प्रज्ञा.सूत्र आदि आगमगत समिति आचार्य स्याद्-वाद और अनेकांत संदर्भित पाठों {जैन शास्त्रमाला 5) का सटीक संग्रह स्थाननिर्देशयुक्त) {दे.ना.} {2} 1553 लेश्या-कोश [CYCLOPAEDIA OF मोहनलाल बांठिया संपा.-मोहनलाल बांठिया, |LESYA] {32 आगम एवं तत्त्वार्थसूत्र श्रीचंद चोरडिया के मुख्य आधारपूर्वक 9 मुख्यद्वार एवं अनेक पेटा द्वारों से लेश्या के वर्णन स्वरूप कोश-साक्षीपाठ सह (हिं.) अनु.और स्थाननिर्देशयुक्त} {दे.ना. रो.) [T, S] {2} 2022 (1) 335 (B) |2025 (1) 424 (B) 1554 क्रिया-कोश [CYCLOPAEDIA OF जैन दर्शन समिति {जैन संपा.-मोहनलाल बांठिया, KRIYA] {32 आगम एवं तत्त्वार्थसूत्र | आगम विषय कोश श्रीचंद चोरडिया के मुख्य आधारपूर्वक 10 मुख्यद्वार ग्रंथमाला 2) एवं अनेक पेटा द्वारों से क्रिया के वर्णन स्वरूप कोश-साक्षीपाठ सह (हिं.) अनु. और स्थाननिर्देशयुक्त} {दे.ना.} {2} Page #299 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 252 72. आगम विषयकोश (पु.मु.) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1555 आगमोद्धृत विविध विषय समुच्चयः आनंद माणिक्य प्रकाशन संक., संशो., 2034 60 (B) {45 आगमगत निक्षेप और छंद संपा.-पुण्योदयसागरसूरिजी, विषयक पाठों का सागरानंदसूरिजी पूर्व संक.-सागरानंदसूरि कृत संकलन} भाग 1 {दे.ना.} [T] {2} 1556 धम्मकहाणुओगो आगम अनुयोग ट्रस्ट, संक.-कन्हैयालालजी मुनि |2039 (1) 660 (A) (धर्मकथानुयोग) (मूलमात्र) अमदावाद (जैनागम (कमल), दलसुखभाई [DHAMMAKAHANUOGO] {32 अनुयोग ग्रंथमाला 1) मालवणिया पंडित, आगमों में से धर्मकथानुयोग संदर्भित संशो.-अमृतलाल मोहनलाल आगमपाठों का संकलन-उत्तम पुरुष भोजक पंडित कथानक, श्रमण कथानक, श्रमणी कथानक, श्रमणोपासक कथानक, |निह्नव कथानक, प्रकीर्णक कथानक (6 स्कंध (विषय)→114 कथानक→प्राय: 2500 सूत्रों (आगमपाठों) का संकलन स्थाननिर्देशयुक्त)} {दे.ना., रो.} [[T, S] {2} 1557 धम्मकहाणुओगो {32 आगमगत आगम अनुयोग ट्रस्ट, संक.-कन्हैयालालजी मुनि 2040- 810+8043 धर्मकथानुयोग के 6 स्कंध अमदावाद (फतेह प्रताप (कमल), दलसुखभाई 2041 (1) 1614 (A) (विषय) उत्तम पुरुष, श्रमण, श्रमणी, स्मृति पुष्प आगम अनुयोग मालवणिया पंडित, श्रमणोपासक, निह्नव और प्रकीर्णक ग्रंथमाला 1) अनु.-देवकुमार जैन के कथानक-114 के 2500 सूत्रों (आगमपाठों) के संकलन सह (हिं.) अनु. स्थाननिर्देशयुक्त (स्कंध-6 →सूत्र-669+665+284+346+117+35 9-2500)) भाग 1-2 (दे.ना.) [T, S] {#} | 1558| अभिधान राजेन्द्र कोष {अर्धमागधी अभिधान राजेन्द्र कोष कोशकर्ता-राजेन्द्रसूरि भट्टारक, 2043 (2) 1054+1238 प्राकृत शब्दकोश (अर्ध.मा./ +1380.... संशो.-दीपविजयजी, यतीन्द्रसूरि प्रकाशन संस्था, 9526 (A) प्रा.शब्द)→सं., प्रा.रूपांतर--संज्ञा अमदावाद (लिंग/जाति/समास/धातु/देशी)→ व्युत्पत्तिाशब्दार्थ/विशेष स्पष्टीकरण/कथा स्वरूप अनेक सटीक साक्षीपाठ, स्थाननिर्देशपूर्वक (शब्द-60000) (अ.., आ.., ए.., ज.., प.., म.., श..)} भाग 1-7 {दे.ना.) [T] {2} 1559 गणितानुयोग [GANITANUYOGA] आगम अनुयोग ट्रस्ट, संपा.-कन्हैयालालजी मुनि 2043 (2) 972 (A) (भूगोल-खगोल एवं अन्तरिक्ष संबंधित अमदावाद (कमल), सह संपा.-दलसुखभाई द्रव्यलोक, क्षेत्रलोक आदि विषय. मालवणिया पंडित, पेटाविषयों के माध्यम से 32 आगम में अनु,-मोहनलाल मेहता डॉ. वर्णित गणितानुयोग विषयक पाठों का विषयानुसार संकलन सह (हिं.) अनु. स्थाननिर्देशपूर्वक (सूत्र-1128+78+62+9+10)} (दे.ना.} [T,S] {2} Page #300 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 253 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1560 धर्मकथानुयोग (गु.) {32 आगमगत आगम अनुयोग ट्रस्ट, संक.-कन्हैयालालजी मुनि 2043- 588+525%3D धर्मकथानुयोग संदर्भित पाठों के अमदावाद {फतेह प्रताप (कमल), दलसुखभाई 2047 (1) 1113 (A) संकलन अंतर्गत 6 स्कंध स्मृति पुष्प आगम मालवणिया पंडित, (विषय), उत्तम पुरुष, श्रमण, अनुयोग (गुज.) |भाषां.-रमणीकलाल श्रमणी, श्रमणो- पासक, निह्नव, ग्रंथमाला 1} मनसुखलाल शाह डॉ. प्रकीर्णक के कुल 114 कथानक के प्राय: 2500 सूत्रों (आगम- पाठों) के संकलन का देवकुमार जैन कृत (हिं.) अनु. का (गु.) भाषां. स्थाननिर्देशयुक्त (स्कंध-6)} भाग 1-2 {गु.} [T, S] {2} 1561 चरणानुयोग {आचारधर्म विषयक आगम अनुयोग ट्रस्ट, संयो.-विनयकुमारजी मुनि, 2046 (1) 788+580%3D सामग्री संकलन अंतर्गत पंचाचार के अमदावाद {फतेह प्रताप प्रधान संपा.-कन्हैयालालजी 1368 (B) ज्ञानाचार, दर्शनाचार आदि स्मृति पुष्प आगम मुनि (कमल), विषय-पेटाविषयों के माध्यम से 32 अनुयोग ग्रंथमाला 5} संपादिका-मुक्तिप्रभा साध्वी आगम में वर्णित चरणानुयोग डॉ., दिव्यप्रभा साध्वी डॉ., विषयक पाठों का विषयानुसार सहसंपादिका-अनुपमाजी संकलन (हिं.) अनु.युक्त, साध्वी डॉ. आदि स्थाननिर्देशपूर्वक (पंचाचार के वि.5→सू.2123+ अवशिष्ट सूत्र)} भाग 1-2 {दे.ना.} [T, S] {#} 1562 गाथा (अनेकांत दृष्टि और समता के जैन विश्व भारती संक.-महाप्रज्ञजी आचार्य, अनु., 2049 (1) |500 (B) संदर्भ में समत्व, सम्यक् संपादिका-कनकप्रभाजी साध्वी, |दर्शन-ज्ञान-चारित्र, ज्ञान-क्रिया समन्वय सहसंपादिका-जिनप्रभाश्रीजी और महावीरस्वामिजी के जीवनवृत्त साध्वी, निर्वाणश्रीजी साध्वी आदि विविध विषय-उपविषयों के माध्यम से आगमपाठों का संकलन (हिं.) अनु.यक्त (खंड-2 → अध्याय-18+4)} {दे.ना.) [T] {#} 1563 द्रव्यानुयोग {षडद्रव्यादि संबंधित द्रव्य, आगम अनुयोग ट्रस्ट, प्रधान संपा.-कन्हैयालालजी 12051- |892+794+ अस्तिकाय आदि 46 अध्ययनों अंतर्गत अमदावाद {फतेह प्रताप 60232288 मुनि (कमल), सह 2052 (अ.) 2200 (1000+812+388) पेटाविषयों के स्मृति पुष्प आगम संपा.-देवकुमार जैन, श्रीचंद माध्यम से 32 आगम में वर्णित अनुयोग ग्रंथमाला 6} द्रव्यानुयोग विषयक पाठों का विषयानुसार संकलन (हिं.) अनु.युक्त, स्थाननिर्देशपूर्वक (अ.46)} भाग 1-3 {दे.ना.) [T, S] {#} 1564 भिक्षु आगम विषय कोश जैन विश्व भारती प्रधान संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य, 2052 (1) 800 (B) [Cyclopedia of Jain Canonical संग्रा., संपादिका-विमलप्रज्ञा Texts] {आव.सूत्र, दश.सूत्र, साध्वी, सिद्धप्रज्ञाश्रीजी उत्त.सूत्र, नंदीसूत्र, अनु.सूत्र-5 सटीक | आगम आधारित एवं तत्त्व, आचार आदि संबंधित 178 (अकारादि) विषयों का (हिं.) व्याख्या एवं पेटाविषयों के विवरण स्वरूप Page #301 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 254 72. आगम विषयकोश क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला} संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) | विषयकोश-(हिं.) अनु.युक्त साक्षीपाठ एवं स्थाननिर्देशपूर्वक) भाग 1 {दे.ना.} [S] {#} | 1565| जैन आगम : वनस्पति कोश {आगम जैन विश्व भारती प्रधान संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य, 2052 (1) |373 (B) में निर्देशित 450 वनस्पतियों का कोशकर्ता, संपा.-श्रीचंद्रजी मुनि (प्रा.→सं., हिं. अं. आदि) कोश (कमल) पर्यायवाची (सं., हिं.) नाम, प्रांतीयभाषाओं के नाम, (हिं.) विवरण, (पाठ/स्थाननिर्देशयुक्त), सचित्र {दे.ना.} [S] {#} 1566 चरणानुयोग (गु.) {आचारधर्म विषयक आगम अनुयोग ट्रस्ट, प्रधान संपा.-कन्हैयालालजी 2053 813+6163 सामग्री संकलन अंतर्गत पंचाचार के अमदावाद {फतेह प्रताप मुनि (कमल) संयो.. 2054(2) |1429 (A) ज्ञानाचार, दर्शनाचार आदि स्मृति पुष्प आगम विनयकुमारजी मुनि, विषय-पेटाविषयों के माध्यम से 32 अनुयोग ग्रंथमाला 4} भाषां.-मक्तिप्रभा साध्वी डॉ.. | आगम में वर्णित चरणानुयोग विषयक संशो., संपा.-रमणीकलाल पाठों का विषयानुसार संकलन और मनसुखलाल शाह डॉ., उनके (हिं.) अनु. का (गु.) भाषां., स्थाननिर्देशपूर्वक (पंचाचार के वि.5→सू.2414)} भाग 1-2 | {गु., दे.ना.) [T, S] {#} 1567 जैन आगम प्राणी कोश (आगम में जैन विश्व भारती प्रधान संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य, 2055 (1) |132 (B) निर्देशित 570 प्राणियों का (प्रा. सं., कोशकर्ता, संपा.-वीरेन्द्रकुमार अं., हिं.) कोश, (हिं.) विवरण मुनि (स्थाननिर्देशयुक्त), क्वचित प्रांतीयभाषाओं के नामयुक्त-सचित्र) | {दे.ना.रो.} [s] {2} 1568 पुदगल-कोश [CYCLOPAEDIA OF जैन दर्शन समिति जैन संपण.मोहनलाल बांतिया 2056 (1) 784 (B) | PUDGALA] {32 आगम एवं आगम विषय कोश श्रीचंद चोरडिया तत्त्वार्थसूत्र के मुख्य आधारपूर्वक ग्रंथमाला 8} मुख्यद्वार एवं अनेक पेटा द्वारों से पुद्गल का (हिं.) वर्णन स्वरूप कोशसाक्षीपाठ सह (हिं.) अनु. और स्थाननिर्देशयुक्त) खंड 1 {दे.ना.} [T] {#} 1569 गणितानुयोग (गु.) {भूगोल-खगोल आगम अनुयोग ट्रस्ट, संयो., सह संपा.-विनयकुमारजी 2057- 582+586%D एवं अन्तरिक्ष संबंधित द्रव्यलोक, अमदावाद {फतेह प्रताप मुनि, अनु.-मोहनलाल मेहता मेटता 2058 (1) 205 1168 (B) |क्षेत्रलोक आदि विषय - पेटाविषयों के स्मृति पुष्प आगम डॉ., भाषां. कनुभाई व्रजलाल माध्यम से 32 आगम में वर्णित अनुयोग (गुज.) शेठ डॉ, प्रधान गणितानुयोग विषयक पाठों का ग्रंथमाला 5) संपा.-कन्हैयालालजी मुनि विषयानुसार संकलन और उसके (कमल) (हिं.) अनु. का (गु.) भाषां. स्थाननिर्देशपूर्वक (सूत्र-1410)} भाग 1-2 {दे.ना., गु.) [T, S] {#} | 1570 द्रव्यानुयोग (गु.) {षडद्रव्यादि संबंधित आगम अनुयोग ट्रस्ट, संयो., संपा.-विनयकुमारजी। |2058- 750+814+ द्रव्य, अस्तिकाय आदि 46 अध्ययनों । अमदावाद (फतेह प्रताप मुनि, भाषां.-मुक्तिप्रभा साध्वी |2060 (1) 827...-3181 (A) अंतर्गत 2200# पेटाविषयों के स्मृति पुष्प आगम डॉ., दिव्यप्रभा साध्वी डॉ., Page #302 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 255 वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संपादक, संशोधक आदि प्रधान संपा.-कन्हैयालालजी मुनि (कमल) कोशकर्ता, संपा.-वीरेन्द्रकुमार |2060 (1) 64 (B) मुनि, जयकुमार मुनि, प्रधान संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य संक., अनु.-दीपरत्नसागरजी 2060 (अ.) 384+368+ 432...32160 (C) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) माध्यम से 32 आगम में वर्णित अनुयोग (गुज.) द्रव्यानुयोग विषयक पाठों का ग्रंथमाला 7} विषयानुसार संकलन और उसके (हिं.) अनु. का (गु.) भाषां. स्थाननिर्देशपूर्वक (अ.46)) भाग 1-4(दे.ना., गु.) [[T,S] {2} 1571 जैन आगम वाद्य कोश {आगम में जैन विश्व भारती निर्देशित 108 वाद्यों का (प्रा.→सं., हिं.) कोश, (हिं.) विमर्श, विवरण (स्थाननिर्देशयुक्त), क्वचित प्रांतीयभाषाओ के नामयुक्त-सचित्र) {दे.ना.} [s] {#} 1572 आगम कथानुयोग {आगम साहित्य श्रृत प्रकाशन निधि वर्णित तीर्थंकर, कुलकर, श्रमण-श्रमणी, देव-देवी, प्राणी, अन्यतीर्थिक, दुःखविपाकी आदि की कथा/कथांश, दृष्टांत-उपनय का अनु., मतांतर निर्देशयुक्तस्थाननिर्देशयुक्त (कथा-852+दृष्टांत-187 प्रायः)} भाग 1-6 {गु.} {#} | 1573 |भिक्षु आगम विषय कोश [BHIKSU जैन विश्व भारती AGAMA VISAYA KOSH] {आचा.सूत्र, निशीथसूत्र, दशाश्रु.सूत्र, बृ.क.सूत्र, व्यव.सूत्र (कुल-5) सटीक आगम आधारित 124 (अकारादि) विषयों का (हिं.) व्याख्या एवं पेटाविषयों के विवरण स्वरूप विषयकोश-(हिं.) अनु.युक्त साक्षीपाठ एवं स्थाननिर्देशपूर्वक) भाग 2 {दे.ना. रो.} [S] {#} 1574| आत्मा का दर्शन (जैन धर्म : तत्त्व जैन विश्व भारती और आचार) PHILOSOPHY OF SOUL (JAINISAM : METAPHYSICS AND ETHICS) {जैनधर्म (तत्त्व और आचार संदर्भित) सृष्टिवाद, कालचक्र, अनेकांतवाद, तत्त्वदर्शन आदि विविध विषय-उपविषयों के माध्यम से आगम आदि के पाठों का संकलन (हिं.) सार्थ (खंड-5→अध्याय-4+4+ 16+15+4)} {दे.ना.) [T] {2} प्रधान संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य, 2061 (1) |727 (B) संपा.-विमलप्रज्ञा साध्वी, सिद्धप्रज्ञाश्रीजी अप्रदर्शित 2064 (3) 780 (B) 73. आगम शब्दकोश (1575-1587) 1575 जैनागम शब्दसंग्रह गुलाबचंद जसराज संघवी संक., संपा.-रत्नचंद्रजी मुनि |1983 (1) |846 (B) Page #303 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 256 73. आगम शब्दकोश संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 20102035 (1) संक. सागरानंदसूरि, संग्रा.-गुणसागरजी, संपा.-कंचनविजयजी, क्षेमकरसागरजी 286+240+ |324...3 1442 (B) 20262028 (1) 500+532%3D 1032 (B) संक.-मोहनलाल मेहता डॉ., के. आर. चंद्र डॉ., संपा.-दलसुखभाई मालवणिया पंडित प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला} (अर्द्धमागधी-गुजराती कोष) {गुलाबवीर ग्रंथमाला {अर्धमागधी (अ.मा.लि./जाति)→सं., रत्न 4) गु.) गुजराती शब्दकोश (शब्द 25-30हजार)} {दे.ना., गु.} {2} | 1576 अल्पपरिचितसैद्धान्तिक शब्दकोष देवचंद लालभाई जैन {आगम मूलाटीकागत अल्पपरिचित पुस्तकोद्धार फंड |सैद्धांतिक (प्रा./सं.) शब्द-विविध {ग्रंथांक 101) टीका/चूर्णि गत (प्रा./सं.) शब्दार्थात्मक साक्षीपाठ, स्थाननिर्देशयुक्त (अ.., क..,ट.., फ..,श..) एवं परि.गत देशीनाममाला का (देशीशब्द-सं.) शब्दकोश) भाग 1-5(दे.ना.) [T] {2} 1577 AGAMIC INDEX (PRAKRIT लालभाई दलपतभाई PROPER NAMES) आगमिक भारतीय संस्कृति नामकोश { आगमिक प्राकृत । विद्यामंदिर नामकोश (रो.Trasnl.प्रा.→अं.) | {ला. द. ग्रंथश्रेणि 28} स्थाननिर्देशपूर्वक के विविध स्पष्टीकरणयुक्त अ (A) - ह (H)) शब्द 8000#} भाग 1-2 {रो.} {#} 1578 आगम शब्दकोश (अंगसुत्ताणि जैन विश्व भारती शब्दसूची) [AGAMA SABDAKOSA] {11 अंग का (प्रा.→सं.) स्थाननिर्देशयुक्त शब्दकोश) भाग 1 {दे.ना.} [T] {#} | 1579| एकार्थक कोश (समानार्थक कोश) जैन विश्व भारती [EKARTHAKA KOSA) (A Dictionary of Synonyms) {आगमिक एकार्थक (समानार्थक) (सं., प्रा.→हिं.) कोश पाठास्थानयुक्त शब्द 17002} {दे.ना.} [T, S] {2} ILLUSTRATED अमर पब्लिकेशन्स ARDHA-MAGADHI DICTIONARY (सचित्र अर्ध-मागधी कोष) {सचित्र अर्ध-मागधी (अर्ध.(लिंग/जाति)→सं.) कोश-गु., हिं., अं. अनेकविध शब्दार्थ, स्थाननिर्देशयुक्तमहाराष्ट्री प्राकृत का (महाराष्ट्री प्रा.→(लिंग/जाति)→सं., हिं., अं.) शब्दकोश और देशी प्राकृत शब्दों का (देशी प्रा.→(लिंग/जाति)-हिं., अं.) कोश स्थाननिर्देशयुक्त) भाग 1-5 {दे.ना., गु., रो.} [T] {#} । संक., संपा.-श्रीचंद्रजी मुनि (कमल), संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य प्रधान संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य, 2040 (1) 440 (C) संपा. कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ. संक., संपा.-रत्नचंद्रजी मुनि, 2044 अनुवादक (अं.) Pritamlal N. (पु. (पु.मु.) | Kachhi (प्रीतमलाल एन. कच्छी) |600+1006+ 705...34235 (B) Page #304 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 257 संपादक, संशोधक आदि संक., संपा.-रत्नचंद्रजी मुनि, | अनुवादक (अं.) Pritamlal N. Kachhi (प्रीतमलाल एन. कच्छी ) वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2044 591+1010+ (पु.मु.) |706...-4231 (B) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) 1581 | ILLUSTRATED ARDHA-MAGADHI मोतीलाल बनारसीदास DICTIONARY (सचित्र अर्ध-मागधी पब्लीशर्स प्रा. लि. कोष) (सचित्र अर्ध-मागधी (अर्थ. (लिंगाजाति)→सं.) कोश-गु., हिं., अं. अनेकविध शब्दार्थ, स्थाननिर्देशयुक्तमहाराष्ट्री प्राकृत का (महाराष्ट्री प्रा.→(लिंगाजाति)→सं., हिं., अं.) शब्दकोश और देशी प्राकृत शब्दों का (देशी प्रा.-(लिंग/जाति),हिं., अं.) कोश स्थाननिर्देशयुक्त) भाग 1-5 {दे.ना., गु., रो.) [T] {#} 1582 देशी शब्दकोश [DESI जैन विश्व भारती प्रधान संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य, 2045 (अ.) |638 (C) SABDAKOSA] {आगमिक संपा.-दुलहराजजी मुनि, (देशीशब्द-हिं.) देशीशब्दकोश सहसंपादिका-सिद्धप्रज्ञाश्रीजी, स्थान/पाठयुक्त और परिशिष्ट के रूप कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ. में अनागमिक देशीशब्दकोश (देशी-हिं.) एवं स्थान/पाठयुक्त देशीधातुकोश (देशीधातु→ सं.धातुरूप,हिं.)} {दे.ना.) [S] {#} 1583 COMPLETE WORD-INDEX OF प्राकृत ग्रंथ परिषद प्रधान संपा.-दलसुखभाई 2054 (अ.) 144 (C) |ISIBHASIYAIM (इसिभासियाइ का (ग्रंथांक 33} मालवणिया पंडित, हरिवल्लभ प्राकृत-संस्कृत शब्द-कोश) चुनीलाल भायाणी डॉ., {ऋ.भा.प्रकी.सूत्र का (प्रा.→सं.) संपा.-के. आर. चंद्र डॉ. शब्दकोश स्थाननिर्देशयुक्त) {दे.ना. रो.} {2} 1584 आगम-सह-कोसो (सुत्तकं आगम श्रुत प्रकाशन कोशकर्ता-दीपरत्नसागरजी 2057 (अ.) 544+560+ 544.... सहिओ){आगम का (प्रा.→सं., गु.) 2176 (C) स्थाननिर्देशयुक्त शब्दकोष (46000 शब्द, 375000 संदर्भ स्थान) (अ.., क.., न.., र..)) भाग 1-4 {दे.ना., गु.} {#} | 1585 आगम-कहा-कोसो एवं श्रुत प्रकाशन निधि कोशकर्ता-दीपरत्नसागरजी 2058 (अ.) |206 (C) आगम-नाम-कोसो {पंचांगीगत कथाएँ (425), व्यक्तिवाचक नाम (2700) और आगमगत दृष्टांत (125) का (प्रा.→सं.) कोश (गु.) संक्षिप्त परिचय और स्थाननिर्देशयुक्त) {गु., दे.ना.} {#} 1586 जैन आगमोमां आवतां प्राकृत जैन तीर्थदर्शन भवन ट्रस्ट संक.-मोहनलाल मेहता डॉ., के. 2064 (1) 1484+5483 विशेषनामोनो परिचयात्मक कोश (नेमि विज्ञान कस्तुरसूरि आर. चंद्र डॉ., अनु., 1032 (C) {"Prakrit Proper Names' नामक ग्रंथश्रेणि 26) सा.संपा.-Nagindas Jivanlal (अं.) कोश का (प्रा.नाम→(गु.) Shah Dr., संक्षिप्त परिचयात्मक प्राकृत कोश. सा.संपा.-रमणीकलाल स्थाननिदेशयुक्त (अ-ह)) भाग 1-2 मनसुखलाल शाह डॉ. {गु.) {2} Page #305 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 258 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय | 1587 | अल्पपरिचितसैद्धान्तिक शब्दकोष {आगम मूल/टीकागत अल्पपरिचित सैद्धांतिक (प्रा.सं.) शब्द विविध टीका/ चूर्णि गत (प्रा.सं.) | शब्दार्थात्मक साक्षीपाठ, | स्थाननिर्देशयुक्त, देशीनाममाला का (देशीशब्दसं.) शब्दकोश (अ... क.., ट.., फ.., श..)} भाग 1-5 {दे.ना., गु. } [T, S] {#} 1588 शिघ्रबोध अथवा थोकडा प्रबंध { भग. सूत्र, प्रज्ञा. सूत्र आदि आधारित 35 बोल, लघु दंडक, महादंडक, उपयोग, छ आरा आदि विविध विषयक (हिं.) थोकसंग्रह-14) भाग 1 (दे.ना.) [T] {#} 1589 शीघ्रबोध अथवा थोकडा प्रबन्ध {उत्त. सूत्र, भग. सूत्र आदि आधारित 5 समिति 3 गुप्ति, 36 बोल, नियंठा, साधु | समाचारी आदि विविध विषयक (हिं.) थोकसंग्रह स्थाननिर्देशयुक्त) भाग 4 |{दे.ना. } [T] {#} | 1590 शीघ्रबोध अथवा थोकडा प्रबंध | { नंदीसूत्र, प्रज्ञा. सूत्र आधारित 5 | ज्ञानाधिकार, अवधि पद, 5 ज्ञान की लब्धि विषयक (हिं.) थोकसंग्रह-3) भाग 6 (दे.ना. } [T] {# } 1591 शीघ्रबोध या थोकडा प्रबन्ध (भग. सूत्र आधारित योग, संस्थान, षड्द्रव्य, परमाणु जुम्मा, पुद्गल आदि विविध विषयक (हिं.) थोकसंग्रह - 28 } भाग 8 {दे.ना.} [T] {#} 1592 शीघ्रबोध ( भग. सूत्र आधारित 74. आगम थोकसंग्रह (1588-1614) | फत्तेचंद हजारीमल {रत्नप्रभा. पुष्प 26 } गमाधिकार, वनस्पति, श्रेणीशतक, | आहाराधिकार, आयुष्य कर्म आदि विविध विषयक (हिं.) थोकसंग्रह-2+19+13} भाग 23-24-25 (दे.ना.) (T) (0) 1593 शीघ्रबोध (भग. सूत्र, प्रज्ञा. सूत्र आदि आधारित मार्गानुसारी के 35 बोल, नय-निक्षेपादि 31 द्वार, अष्टप्रवचनाधिकार, पंचनिग्रंथ-पंचसंयत के 36 द्वार, 73. आगम शब्दकोश | प्रकाशक (ग्रंथमाला) आनंद प्रकाशन, अमदावाद, (P) देवचंद | लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड नथमलजी मुलचंदजी सादडीवाला { रत्नप्रभा. पुष्प 29 } सीरदासमलजी | हरखचंदजी बाफना {रत्नप्रभा. पुष्प 32 } संपादक, संशोधक आदि संक.. सागरानंदसूरि, 2069 | संपा. अक्षयचंद्रसागरजी गणि (पु.मु.) पूर्व संपा. कंचनविजयजी, क्षेमंकरसागरजी | मेघराजजी मुणोत शाह, जैन विजय प्रेस {रत्नप्रभा. पुष्प 67-68-69} | सुखसागर ज्ञान प्रचारक सभा (रत्नप्रभा. पुष्प 26-30} संग्रा. - ज्ञानसुंदरजी मुनि संप्रा. ज्ञानसुंदरजी मुनि अगरचंदजी जोगराजजी संग्रा. - ज्ञानसुंदरजी मुनि लोढा, फलोची {रत्नप्रभा पुष्प 38 ) संग्रा. - ज्ञानसुंदरजी मुनि संग्रा.- ज्ञानसुंदरजी मुनि संग्रा. - ज्ञानसुंदरजी मुनि (#) वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 300+516+ 566=1382 | (B) 1974 (1) | 80 (D) 1975 (1) 90 (B) 1975 (1) 40 (D) 1977 (1) 92 (D) 1979 (1) 208 (D) 1980 (3T.) 416 (E) Page #306 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 259 वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2011 (2) 408 (D) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि कर्मप्रकृति के बंध-सत्ता-वेदन, समवसरण आदि. विविध विषयक (हिं.) थोकसंग्रह-63 स्थाननिर्देशयुक्त) भाग 1-2-3-4-5 {दे.ना.} [T] {#} 94|जैन ज्ञान सागर {छ काय, नवतत्त्व, शामजी वेलजीवीराणी अप्रदर्शित लघुदंडक, जंबूद्वीप आदि विविध तथा कडवीबाई वीराणी विषयक (गु.) थोकसंग्रह; दश.सूत्र स्मारक ट्रस्ट (अ.3), उत्त.सूत्र (अ.3-4,9वाँ, 19वाँ), सू.कृ.सूत्र (वीरत्थुई) सानुवाद, कल्याणमंदिर पद्यानु. आदि} {गु.} [T] {876,954, 1020, 1072} 1595 शीघ्रबोध (नंदीसूत्र, भग.सूत्र आदि रत्नप्रभाकर ज्ञान लेखक-देवगुप्तसूरि, आधारित ज्ञानाधिकार, योग, संस्थान, पुष्पमाला {रत्नप्रभा. पुष्प संपा.-ज्ञानसुंदरजी मुनि (#) लोक में जीव-चरम-परिमाणादि, 32, 34, 38, 39, 42} गुणस्थानक, सिद्धाल्पबहुत्व, संयमद्वार, हेतुद्वार आदि विविध विषयक (हिं.) थोकसंग्रह-64-132} भाग 6-7-8-9-10 {दे.ना.) [T] {2} |2013 (3) 266 (D) 2015 (3) 426 (C) 2026 (2) |600 (D) 1596| बृहद् थोक संग्रह (भग.सूत्र, प्रज्ञा.सूत्र शामजी वेलजी वीराणी संग्रा.-धीरजलाल केशवलाल आदि आधारित नवतत्त्व, गुणस्थान तथा कडवीबाई वीराणी तुरखीया द्वार,खंडाजोयण, अल्प-बहुत्व,4 स्मारक ट्रस्ट ध्यान, नारकी, देव, 10 पच्चक्खाण आदि विविध विषयक (गु.) थोकसंग्रह-92} {गु.} {#} 1597 जैनागम स्तोक संग्रह (भग.सूत्र, जैन दिवाकर दिव्य ज्योति संग्रा.-मगनलालजी महाराज प्रज्ञा.सूत्र आदि आधारित नवतत्त्व, 24 कार्यालय दंडक, जीवों की मार्गणा के 563 बोल, योग-बल का अल्पबहुत्व, प्रमाणनय, जीव-अजीव परिणाम आदि विविध विषयक (हिं.) थोकसंग्रह-99 स्थाननिर्देशयुक्त} {दे.ना.} [T] {#} 1598 बृहद् जैन थोक संग्रह (भग.सूत्र, दरियापुरी समिति अप्रदर्शित प्रज्ञा.सूत्र आदि आधारित नवतत्त्व, गुणस्थान द्वार, गर्भ विचार, खंडाजोयण, 4 ध्यान, नारकी, देव, भाषा पद, 10 पच्चक्खाण आदि विविध विषयक (गु.) थोकसंग्रह-102 स्थाननिर्देशयुक्त} {गु.) [T] {2} थोकज्ञान संग्रह (जैन तत्त्वज्ञानना 28 रमणीक एम. देढीया अप्रदर्शित थोकडाओनुसंग्रह) {भग.सूत्र, प्रज्ञा.सूत्र आदि आधारित छ काय, |गतागति, कर्म प्रकृति, गुणस्थानक, 668 (D) 2030(2) (अ.) 2031 (3) 232 (D) Page #307 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 260 74. आगम थोकसंग्रह वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2048 (अ.) 216 (C) 2051 (अ.) 172+180= 352 (D) 2059 (1) 280 (C) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि लघुदंडक, गौचरी के 96 दोष आदि विविध विषयक (गु.) थोकसंग्रह-28+2 स्थाननिर्देशयुक्त (कच्छ आम्नाय अनुसार)) भाग 1 {गु.) [T] {2} 1600 थोक ज्ञान संग्रह (पूर्वार्ध) (जैन युवा जैन आराधक मंच अप्रदर्शित तत्त्वज्ञानना 29 थोकडाओनुं संग्रह) {भग.सूत्र, प्रज्ञा.सूत्र, उत्त.सूत्र आदि आधारित छ काय, गतागति, गुणस्थानक, लघुदंडक, गौचरी के दोष, छ भाव, त्रण मनोरथ आदि विविध विषयक थोकसंग्रह-29) {गु.} [T] {#} 1601 आगम दोहन {भग.सूत्र आदि भुज छ कोटी स्थानकवासी संशो.-कल्याणीकुमारी आधारित 35 बोल, साधु की 84 जैन संघ साध्वीजी उपमा, संजया, नियंठा, भाषा पद, समुद्धात आदि विविध विषयक (गु.) थोकसंग्रह स्थाननिर्देशयुक्त} भाग-2-3 {गु.} {2} | 1602 फूल-आम्र स्तोकालय (भगवती सूत्र । गुरुप्राण फाउन्डेशन, प्रधान संपा.-लीलमबाई आधारित थोकडाओ) (भग.सूत्र महावीर सेवा ट्रस्ट, महासतीजी, आधारित आत्मारंभी-परारंभी, राजकोट सहसंपादिका-आरतीबाई कृष्णराजी, उन्माद, गम्मा अधिकार, महासतीजी डॉ., गांगेय अणगार के भंग आदि विविध सुबोधिकाबाई साध्वी विषयक (गु.) थोकसंग्रह-65+3 स्थाननिर्देशयुक्त} {गु.} {275} 1603 जैन सिद्धान्त थोक संग्रह (भग.सूत्र, अखिल भारतीय सुधर्म संग्रा.-प्रेमचंदजी कोठारी प्रज्ञा.सूत्र आधारित ज्ञानलब्धि, गमा, जैन संस्कृति रक्षक संघ नियंठा, संजया, जीव-अजीव पर्याय, {रत्न 98} भाषा पद आदि विविध विषयक (हिं.) थोकसंग्रह-16} भाग 3 {दे.ना.} [T] {2} 604 फूल-आम्र स्तोकालय (प्रज्ञापना अने गुरुप्राण फाउन्डेशन प्रधान संपा.-लीलमबाई जीवाजीवाभिगम सूत्र आधारित महासतीजी, थोकडाओ) {प्रज्ञा.सूत्र और सहसंपादिका-आरतीबाई जीवा.सूत्र आधारित आर्य-अनार्य, महासतीजी डॉ., गति प्रपात, पश्यता, लवण समुद्र, सुबोधिकाबाई साध्वी निगोद स्वरूप आदि विविध विषयक | (26+6) थोकडों (101 थोकडों के संग्रह में अनुपलब्ध) का आरतीबाई महासतीजी संकलित (गु.) संग्रह सचित्र) (गु.} {2} | 1605 बृहद् जैन थोक संग्रह (जैन सूत्रोना सुधर्म प्रचार मंडळ संग्रा., संपा.-कांतिलाल साररूप 101 थोकडानो संग्रह) जगजीवनदास गांधी, {भग.सूत्र, प्रज्ञा.सूत्र आदि आधारित जशवंतलाल शांतिलाल शाह नवतत्त्व, गुणस्थान द्वार, गर्भ 2060 (4) 200 (D) भाई 2061 (1) 256 (C) 2061 (5) 668 (D) Page #308 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 261 वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2062(1) 232 (D) 20622066(5) 400+384+ 420...-3080 (C) 20502065 (3) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि विचार, खंडाजोयण, 4 ध्यान, नारकी, देव, भाषा पद, 10 पच्चक्खाण आदि विविध विषयक (गु.) थोकसंग्रह-101 स्थाननिर्देशयुक्त} {गु.} [T] {#} 1606 जैन सिद्धान्त थोक संग्रह (भग.सूत्र, अखिल भारतीय सुधर्मसंग्रा.-प्रेमचंदजी कोठारी प्रज्ञा.सूत्र और कर्मग्रंथ आदि जैन संस्कृति रक्षक संघ आधारित 47 बोल की बंधी, {रत्न 128} समवसरण, कर्मप्रकृति के अबाधाकाल, कर्मबंधादि के 800 बोल, सत्ताधिकार 62 मार्गणा आदि विविध विषयक (हिं.) थोकसंग्रह-20} भाग 4 {दे.ना.} [T] {2} 1607 जैन सिद्धांत बोल संग्रह {सम.सूत्र जैसी अगरचंद भैरोंदान सेठिया संग्रा.-भैरोंदानजी सेठिया संख्यात्मक वर्गीकरणशैली से 1012 जैन पारमार्थिक संस्था मुख्य विषयों का रोशनलाल जैन, {पुष्प 94} इन्द्रचंद्र शास्त्री डॉ. आदि कृत (हिं.) थोकसंग्रह स्थाननिर्देशयुक्त (बोल-57→थोकडा-1012)} भाग 1-8 {दे.ना.} {1523) 1608| पन्नवणा सूत्र स्तोक मंजूषा (प्रज्ञा.सूत्र | अगरचंद भेरोदान सठिया | अप्रदाशत का रोशनलालजी चपलोत पं. कृत (हिं.) जैन पारमार्थिक संस्था थोकसंग्रह) भाग 1-3 {दे.ना.} [T] {पुष्प 121) {608} 1609 जैन सिद्धान्त थोकसंग्रह (भगवतीसूत्र) अखिल भारतीय सुधर्म संपा.-नेमिचंदजी बांठिया (#) (भग.सूत्र आधारित वीरपुत्रजी मुनि जैन संस्कृति रक्षक संघ कृत (हिं.) थोकसंग्रह) भाग-5, 6,7 {रत्न 134) {दे.ना.} [T] {274} 1610 जैन सिद्धान्त थोक संग्रह अखिल भारतीय सुधर्म संग्रा.-धींगडमलजी गिडीया (संयुक्तावृत्ति) {प्रज्ञा.सूत्र, भग.सूत्र, जैन संस्कृति रक्षक संघ उत्त.सूत्र आदि आधारित सिद्ध के 8 | {रत्न 42) गुण, योनि, 25 क्रिया, लघुदंडक, गति-आगति आदि विविध विषयक (हिं.) थोकसंग्रह 60+9) भाग 1-2 {दे.ना.} [T] {#} 1611 जैन स्तोक मंजूषा {जैन स्तोक मंजूषा अखिल भारतवर्षीय अप्रदर्शित अंतर्गत भग.सूत्र, प्रज्ञा.सूत्र आदि साधुमार्गी जैन संघ, आधारित (हिं.) थोकडाओं का संग्रह) बीकानेर भाग 1-10 {दे.ना.} [T] {#) 1612 आगम स्तोक मंजूषा (पन्नवणा पद 21 अखिल भारतवर्षीय अप्रदर्शित से 36 तक) {प्रज्ञा.सूत्र आधारित साधुमार्गी जैन संघ, रोशनलालजी चपलोत पं. कृत (हिं.) बीकानेर थोकसंग्रह) भाग 3 {दे.ना.} [T] {608) 1613 आगम स्तोक मंजूषा (भगवतीसूत्र अखिल भारत वर्षीय अप्रदर्शित |186+152+ 176-514 (D) 2064 (1) 392+436+ 408%3D1236 (D) 2064 (10) 412 (D) 20522065 (2) 294+104+ 200...-1444 (D) |2066 (अ.) 124 (D) | 2066 (अ.) |223 (D) | Page #309 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 262 74. आगम थोकसंग्रह वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2066 (4) 184 (C) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि थोकडे 1 से 69 तक) {भग.सूत्र साधुमार्गी जैन संघ, आधारित (हिं.) थोकसंग्रह-69} भाग 4 बीकानेर {दे.ना.} [T] {#) 1614 जैनागम के स्तोक रत्न (भग.सूत्र, सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ |संक.-केवलमल लोढा, उत्त.सूत्र आदि आधारित 25 बोल, संपा.-धर्मचंद जैन डॉ. व्यवहार समकित के 67 बोल, 5 समिति-3 गुप्ति, गति-आगति, अल्पबहुत्व आदि विविध विषयक बहुप्रचलित (हिं.) थोकसंग्रह-15) {दे.ना.} [T] {#} 75. आगम विषयानुक्रम-गाथानुक्रम -सूत्रानुक्रम (1615-1621) 1615 विशेषावश्यकगाथानामकारादिः क्रमः आगमोदय समिति अप्रदर्शित 1979 (अ.) 67 (P) (विशे.भा. का गाथानुक्रम) {दे.ना.} {#} 1616 नन्द्यादिगाथाद्यकारादियुतो आगमोदय समिति संयो.-सागरानंदसूरि | 1984 (अ.) 185 (P) विषयानुक्रमः [AN {ग्रंथांक 55} ALPHABETICAL INDEX ...] {नंदीसूत्र, अनु. सूत्र, आव.सूत्र, उत्त.सूत्र आदि सूत्रों के सूत्रानुक्रम, गाथानुक्रम एवं (सं.) विषयानुक्रम (स्थाननिर्देशयुक्त) और सूत्रांक-गाथांक शुद्धिपत्रक} {दे.ना.} {#} 1617 पञ्चाशक-पञ्चवस्तुधर्मसंग्रहणी. ऋषभदेव केशरीमलजी संपा.-सागरानंदसूरि (2) | 1986 (अ.) 168 (P) कर्मप्रकृति-पञ्चसंग्रह-जीवसमास- जैन श्वेतांबर संस्था ज्योतिष्करण्डक-उपदेशपद उपदेशमाला-प्रवचनसारोद्धाराणाम् अकारादिक्रमः {ज्योति.सूत्र आदि का पद्यानुक्रम} {दे.ना.} {#} 1618 अंगाकारादि ऋषभदेव केशरीमलजी संपा.-सागरानंदसूरि 1993 (अ.) 352 (P) (आचारांगाघेकादशांग्याः। जैन श्वेतांबर संस्था 1 सूत्राद्यकारादि, 2 सूत्राद्यंकसूचा, 3 लघुबृहद्विषयानुक्रमौ।) {11 अंगसूत्र एवं आचा.सूत्र और सू.कृ.सूत्र की नियुक्ति के सूत्रानुक्रम-गाथानुक्रम (अकारादि), सूत्रांकसूचि-गाथांकसूचि (शुद्धिपत्रकयुक्त), (सं.) लघु-बृहद् विषयानुक्रम (स्थाननिर्देशयुक्त)) {दे.ना.} {2} 1619 जैनागम-निर्देशिका (पेंतालीस जैनागमों आगम अनुयोग प्रकाशन संपा.-कन्हैयालालजी मुनि |2023 (2) 994 (D) का विषय-निर्देशिका] {आचा.सूत्र (कमल) आदि 45 आगम की (हिं.) विषयसूचि सूत्रांकयुक्त (प्रत्येक सूत्रागाथा का विषयनिर्देश)} {दे.ना.} [T] {2} (1) Page #310 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 263 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि संपा.-दीपरत्नसागरजी (#) वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) | 2056 (अ.) 382 (C) आगम श्रुत प्रकाशन संग | 1620 आगम-विषयदर्शन (45-आगमोना मूळ क्रमांक अनुसार विषयनिर्देश) {45 आगम की सूत्रांकयुक्त (गु.) विषयसूचि} {गु.} {#} 1621 आगमपद्यानाम् अकारादिक्रमेण अनुक्रमणिका-1 (आगमग्रंथ-44 + संवेगरंगशाला) {37 आगम, 6 नियुक्ति, विशे.भा. आदि एवं संवेगरंगशाला का गाथानुक्रम स्थाननिर्देशयुक्त} {दे.ना.} {#} शास्त्रसंदेशमाला संपा.-विनयरक्षितविजयजी 2065 (1) 256 (B) 76. आगम सूचि (1622-1625) जैन श्वेतांबर कोन्फरन्स संक.-मोहनलाल दलीचंद देसाई 1965 (अ.) 505 (B) 2000(अ.)|482 (A) Bhandarkar oriental |संपा.-हरिदामोदर वेलणकर Research Institute {Govt. Ori.I Series . c-4) 1622|| जैन ग्रंथावली {जैन साहित्य की अप्रकाशित-प्रकाशित कृतियों की आगम, न्याय आदि विषय/विभाग अनुसार कर्तानाम-काल, गुरु और हस्तप्रत उपलब्ध स्थान आदि की माहिती युक्त अकारादि सूचि (संलग्न व्याख्याकृति के जोडाण पूर्वक की) और कृति एवं कृतिकर्ता का नामानुक्रम} {दे.ना.} [T] {#} | 1623 जिनरत्नकोशः (जैनग्रन्थग्रन्थकृत्सूच्यात्मकः) (ग्रन्थविभागः प्रथमः) JINARATNAKOSA (AN ALPHABETICAL REGISTER OF JAIN WORKS AND AUTHORS) | {जैन साहित्य की अप्रकाशित-प्रकाशित कृतियों की कर्तानाम-काल, गुरु और हस्तप्रत (क्रमांकयुक्त) उपलब्ध स्थान/प्रकाशक आदि की माहिती एवं प्रकाशित/अप्रकाशित की माहिती युक्त अकारादि सूचि (संलग्न व्याख्याकृति के निर्देशयुक्त)) {रो., दे.ना.} {#} 1624 आगमिक साहित्य संचय (अंग साहित्य पर्यंत) {मुद्रित-अमुद्रित अंग साहित्य का (गु., अं.) परिचय - हस्तप्रत परिचय युक्त} विभाग 1 {गु., रो.} {#} जैन साहित्य फंड संग्रा.-केशरीचंद हीराचंद झवेरी | 2023 (अ.) 68 (B) 1625 "SVETAMBARA CANON" Royce Wiles (#) संक.-Royce Wiles Prof. 2054 (अ.) 265 (B) Page #311 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 264 क्र. | प्रकाशन नाम एवं परिचय [A DESCRIPTIVE LISTING OF TEXT EDITIONS, COMMENTARIES, STUDIES | AND INDEXES] [ आगमिक साहित्य और उनके प्रकाशनों का (अं.) परिचय) से (#) 1626 आर्हत आगमोनुं अवलोकन याने तत्वरसिक चंद्रिका (द्वादशांगी का उद्भव, उच्छेद एवं अंगबाह्य श्रुत की मीमांसा संबंधी (गु.) शोधग्रंथ [ प्रक. 7]} भाग 1 (गु.) [T] {# } 1627 | A HISTORY OF THE 77. आगम परिचय (विस्तृत) (1626-1646) हीरालाल रसिकदास कापडिया | लेखक, संपा. हीरालाल रसिकदास कापडिया CANONICAL LITERATURE OF | THE JAINAS {45 आगम पंचांगी, | प्रकीर्णक आगम और अनुपब्ध आगमों का (अं.) परिचय [ प्रक. 7]} {रो. } [T] {# } 1628 सूत्रार्थमुक्तावलिः [सटीका (अनु. सूत्र, आचा. सूत्र से समसूत्र का लब्धिसूरिजी कृत (सं.) सटीक सारांश) (दे.ना.) [T] {1524) 1629 आगमोनुं दिग्दर्शन (45 आगम पंचांगी, प्रकीर्णक (अवशिष्ट) आगम और अनुपब्ध आगमों का (गु.) परिचय प्रकाशनसूचियुक्त (गु.) [T, S] {# } | 1630 जैन प्रवचन किरणावली (पीस्तालीस आगमरहस्य) (45 आगम परिचायक पद्मसूरिजी कृत (प्रा.) सार सह स्वोपज्ञ (गु.) स्पष्टार्थ (गु. दे.ना.) |[T] {1525} " 1631 जैन साहित्य का बृहद् इतिहास (आगामिक व्याख्याएँ) (45 आगमों के नियुक्ति से लेकर बालावबोध तक के | व्याख्या साहित्य का मोहनलाल महेता डॉ. लिखित (हिं.) परिचय (ग्रंथ, | ग्रंथकार और विषय विवरणयुक्त)} | भाग 3 (दे.ना. } [T] {#} 76. आगम सूचि प्रकाशक (ग्रंथमाला) | संपादक, संशोधक आदि 1632 जैन आगम साहित्य मनन और मीमांसा (आगम साहित्य की | महत्ता परिभाषा वर्गीकरण- श्रुतपुरुष. | हीरालाल रसिकदास कापडिया लब्धिसूरि जैन ग्रंथमाला, संपा. सब्धिसूरि (4) छाणी (क्र. 16) | लेखक, संपा. हीरालाल रसिकदास कापडिया | विनयचंद गुलाबचंद शाह लेखक, संपा. -हीरालाल रसिकदास कापडिया जैन ग्रंथ प्रकाशक सभा, अमदावाद ( नेमिपद्य ग्रंथमाला 144 } | पार्श्वनाथ विद्यापीठ पार्श्व विद्या. ग्रंथ. 11) संपा. पद्मसूरि (#) वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) तारक गुरु जैन ग्रंथालय लेखक - देवेन्द्रमुनिजी शास्त्री { पुष्प 71 ) 1995 (3T.) 90 (B) 1997 (1) 284 (B) 2003 (3T.) 336 (B) 2004 (3T.) 248 (A) 2007 (#) (अ.) |724 (B) संपा. दलसुखभाई मालवणिया 2023 (1) 556 (C) पंडित, मोहनलाल मेहता डॉ. 2034 (1) 800 (C) Page #312 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 265 संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संपा.-दलसुखभाई मालवणिया |2045 (2) 386 (C) पंडित, मोहनलाल मेहता डॉ., सागरमल जैन डॉ. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) 84/45/32 आगमनामसूचिआगमभाषा-परंपरा-आगम विच्छेद क्रम आदि, श्वेतांबरी 45 आगम, दिगंबरी आगम सहित्य और दृष्टिवाद के परिमाण-विषय, आगम व्याख्यासाहित्य-प्राचीन टीकाकार आदि का (हिं.) परिचय, जैन-बौद्धवैदिक साहित्य का तुलनात्मक अध्ययन आदि विषयक विवरण और आगमिक साहित्यगत 356 सूक्तों की अनु. एवं स्थाननिर्देशयुक्त सूचि} {दे.ना., रो.} [T] {#} 633 जैन साहित्य का बृहद् इतिहास पार्श्वनाथ विद्यापीठ (अङ्गबाह्य आगम) (उपांग आदि 34 | {पार्श्व. विद्या. ग्रंथ. 7} | आगमों का कर्ता-विषय-तत्कालिन संस्कृति दर्शन आदि युक्त जगदीशचंद्र जैन डॉ. और मोहनलाल महेता डॉ. लिखित (हिं.) संशोधनात्मक परिचय} भाग 2 | {दे.ना.} [T] {#} 4जैन साहित्य का बृहद् इतिहास (अङ्ग पार्श्वनाथ विद्यापीठ आगम) {श्रुत के भेद-प्रभेद, 11 अंगो {पार्श्व विद्या. ग्रंथ.6} का सान्वर्थनाम-परिमाण-शैली-विषय विवरण आदि, परमतो के उल्लेख-तुलना आदि युक्त विस्तृत (हिं.) परिचय} भाग 1 {दे.ना.} [T] {2} 1635 आगमसार {32 आगमों का नटवरलाल छगनलाल परिमाण-नाम और प्रत्येक विभाग। शेठ, वीरवाणी प्रतिविभागगत विषय विवरण, आगम प्रकाशन केंद्र वर्गीकरण, भाषा आदि का (गु.) {डाहीबाई ग्रंथमाला 12} परिचय (सारांश)} {गु.} {#} 1636 | जैन प्रवचन किरणावली (पीस्तालीस जैन धर्म प्रसारक सभा, आगमरहस्य) {45 आगम परिचायक |(P) जैन ग्रंथ प्रकाशक पद्मसूरिजी कृत (प्रा.) सार सह स्वोपज्ञ सभा, अमदावाद (गु.) स्पष्टार्थ} {गु., दे.ना.} [T] {1525} |शब्दों की गागर में आगम का सागर तारक गुरु जैन ग्रंथालय (आचारांग, स्थानांग एवं समवायांग |{पुष्प 303} सूत्र पर शोध प्रधान चिन्तन) {आचा.सूत्र, स्था.सूत्र, सम.सूत्र का विस्तृत (हिं.) परिचय} {दे.ना.} [T, S] {#} | 1638 छेदसूत्रः एक परिशीलन (चार छेदसूत्रों तारक गुरु जैन ग्रंथालय का तुलनात्मक पर्यवेक्षण) {पुष्प 312} लेखक-बेचरदास जीवराज दोशी 2045 (2) 346 (c) पंडित, संपा.-दलसुखभाई मालवणिया पंडित, मोहनलाल मेहता डॉ. 2046 (1) 432 (C) लेखक, संपा.-रसिकलाल छगनलाल शेठ संपा.-शीलचंद्रसूरि 746 (B) 2047 (2) (2) लेखक, संपा.-देवेन्द्रमुनिजी शास्त्री |2049 (अ.) 232 (C) लेखक-देवेन्द्रमुनिजी शास्त्री |2050 (1) 144 (C) Page #313 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 266 77. आगम परिचय (विस्तृत) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) (दशाश्रु.सूत्र, बृ.क.सूत्र, व्यव.सूत्र और निशीथसूत्र का पंचांगी के (हिं.) परिचय और तुलनात्मक पर्यवेक्षण} {दे.ना.) [T, S] {2} 1639|Sacred Literature of the Jains (An account of the jain Agamas] {45 आगम का परिचय} {रो.) [T] {2} जैन भवन 2055 (अ.) 250 (B) लेखक-Albercht weber, संपा.-गणेश ललवानी, Satyaranjan Banerjee Dr. . A History of The Canonical शारदाबेन चीमनभाई लेखक-हीरालाल रसिकदास 2056 264 (B) Literature of the Jainas एज्युकेशनल रिसर्च सेंटर कापडिया, संपा.-जितेन्द्र बी. (पु.मु.) 145 आगम पंचांगी, प्रकीर्णक आगम श्वेताम्बर मर्तिपूजक जैन शाह और अनुपब्ध आगमों का (अ.) परिचय बोर्डिंग ग्रंथमाला 17} [प्रक.7]} {रो.} [T] {#} मूलसूत्र : एक परिशीलन (चार मूलसूत्रों तारक गुरु जैन ग्रंथालय संपा.-नेमिचंद्र मुनि, पुष्पवती 2057 (1) 384 (C) की तुलनात्मक सार समीक्षा) {पुष्प 368} महासती {दश.सूत्र, उत्त.सूत्र, अनु.सूत्र और नंदीसूत्र का देवेन्द्र मुनिजी शास्त्री कृत बाह्य-अभ्यंतर विस्तृत परिचयपूर्वक का समीक्षात्मक अध्ययन} {दे.ना.) [[T,S] 12 1642 जिनवाणी (जैनागम-साहित्य- सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ संपा.-धर्मचंद जैन डॉ. 2058 (अ.) 548 (B) विशेषाङ्क) वर्ष-59 अंक 1-4 {32 | आगमों का विविध कर्तृक विस्तृत (हिं.) परिचय, 10 प्रकीर्णक सूत्रों एवं दिगंबर मान्य आगमों का परिचय) (दे.ना.) {#} 1643 JAIN AGAMAS: AN Shree Publishers & लेखक, संपा.-Kanhaiyalal 2060 (अ.) 360 (C) INTRODUCTION TO Distributors Chancharik, CANONICAL LITERATURE Mahesh K. Jain Dr. {आगम विभागीकरण, आगमों का परिमाण-विषय आदि का (अं.) परिचय, तत्त्वार्थसूत्र एवं आगम-व्याख्याकृतियों का परिचय {रो.} [T] {#} 1644 जैन साहित्यनो बृहद् इतिहास (अंग जैन तीर्थदर्शन भवन ट्रस्ट भाषां., संपा.-रमणीकलाल 2060 (1) 372 (C) आगम) {श्रुत के भेद-प्रभेद, 11 अंगो (नेमि विज्ञान कस्तुरसूरि मनसुखलाल शाह डॉ., का सान्वर्थ नाम-परिमाण. ग्रंथश्रेणि 17) संपा.-Nagindas Jivanlal शैली-विषय विवरण आदि, परमतो Shah Dr. के उल्लेख-तुलना आदि युक्त बेचरदास दोशी कृत विस्तृत (हिं.) परिचय का (गु.) भाषां.) भाग 1 {गु.) [T, S] {#} | 1645 जैन साहित्यनो बृहद् इतिहास (अंगबाह्य जैन तीर्थदर्शन भवन ट्रस्ट भाषां., संपा.-रमणीकलाल 2060 (1) 408 (C) आगमो) {उपांग आदि 34 (नेमि विज्ञान कस्तुरसूरि मनसुखलाल शाह डॉ., Page #314 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 267 वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि आगमों का कर्ता-विषय-तत्कालिन ग्रंथश्रेणि 18} संपा.-Nagindas Jivanlal संस्कृति दर्शन आदि युक्त | Shah Dr. जगदीशचंद्र जैन डॉ. और मोहनलाल महेता डॉ. कृत (हिं.) संशोधनात्मक परिचय का (गु.) भाषां.} भाग 2 | (गु.) [T, S] {2} 1646 जैन साहित्यनो बृहद् इतिहास |जैन तीर्थदर्शन भवन ट्रस्ट | लेखक-मोहनलाल मेहता डॉ., (आगमिक व्याख्याओ) {45 आगमों (नेमि विज्ञान कस्तुरसूरि भाषां., संपा.-रमणीकलाल के नियुक्ति से बालावबोध तक के ग्रंथश्रेणि 19} मनसुखलाल शाह डॉ., व्याख्या साहित्य का मोहनलाल महेता संपा.-Nagindas Jivanlal डॉ. लिखित (हिं.) परिचय का (गु.) भाषां. (ग्रंथ, ग्रंथकार और विषय विवरणयुक्त)} भाग 3 {गु., दे.ना.} [T,s] {#} 2063 (1) 536 (C) 1647 ___78. आगम परिचय (संक्षिप्त) (1647-1701) पू.गुरुदेव कविवर्य पं.नानचन्द्रजी वर्धमान स्थानकवासी जैन संपा.-चुनीलालजी मुनि, 2033 (1) 830 (B) महाराज जन्मशताब्दि स्मृतिग्रंथ | श्रावक संघ भाषां.-जगजीवन लालजी दोशी, {पं.नानचन्द्रजी महाराज जन्मशताब्दि सौभाग्यचंद्र गोरधनदास स्मृतिग्रंथ एवं तद् अंतर्गत देवेन्द्र मुनि तुरखीया शास्त्री कृत लेख जैन आगम साहित्य एक अनुशीलन' का (गु.) भाषांतर) {गु., दे.ना.} [T] {#} | 1648 जैन साहित्य संशोधक अंक-3 जैन साहित्य संशोधक संपा.-बेचरदास जीवराज दोशी | 1983 (अ.) |83 (B) | {महा.सूत्र का दीपविजयजी कृत कार्यालय पंडित (2) (मा.गु.) परिचय आदि) खंड 3 {दे.ना.} {#} 1649 SOME JAINA CANONICAL |Asiatic Society of लेखक. संपा.-बिमलाचरण लो |2005 (1) 230 (B) SUTRAS {आगम उद्भव, Bombay {2} ST. (Bimala Charan Law दिगंबर-श्वेतांबरोत्पत्ति, आगम | Dr.) विभागीकरण, 11 अंग, 10 उपांग आदि 29 आगम के परिमाण-विषय आदि का संक्षिप्त चर्चायुक्त (अं.) परिचय एवं तत्त्वार्थसूत्र का परिचय) | {रो. [T] {#} 1650 पिस्तालीस आगमो [संक्षिप्त रूपरेखा] | देसाई पोळ जैन पेढी लेखक-हीरालाल रसिकदास 2010 (1) 75 (D) (सचित्र) (45 आगमों के विभाग, कापडिया, संपा.-चंद्रोदयसूरि विषय, परिमाण, व्याख्यासाहित्य आदि की संक्षिप्त (गु.) रूपरेखा} {गु.} [T] {#} 1651 आगम पुरुषर्नु रहस्य | शिवतिलक ज्ञान संपा.-अभयसागरजी पंन्यास 2010 (अ.) 150 (D) {आगम पुरुष के रहस्य का चित्रमंदिर {शिवतिलक | अभयसागरजी पं. कृत (गु.) परिचय, हेम तीर्थरंजन ग्रंथमाला सागरानंदसूरिजी कृत (सं.) अंगपुरुष |19) पच्चीसी सह अज्ञात कर्तृक (गु.) संवत् के क्रमानुसार प्रकाशन क्रमांक 1647 का वास्तविक स्थान 1654 के पश्चात् समझे। Page #315 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 268 78. आगम परिचय (संक्षिप्त) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) अनु., विवे., रामविजयजी पं. कृत आगम पुरुष गीत-5} {गु., दे.ना.} [T] {2} 1652 आगम और उसके परिवार की सन्मति ज्ञानपीठ लेखक-विजयमुनि 2016 (2) 28 (B) परिचय-रेखा {आगम और उसके (अ.) परिवार की (हिं.) परिचय-रेखा) {दे.ना.} {#} 1653 आगम और व्याख्या साहित्य सन्मति ज्ञानपीठ {आगम लेखक-विजयमुनि, समदर्शीजी |2020 (1) 101 (B) {दृष्टिवाद, आगम वाचना परंपरा एवं साहित्य रत्नमाला9) मुनि विच्छेद क्रम, वर्गीकरण, अनुयोग व्यवस्था, 45 आगम और उनके व्याख्यासाहित्य का (हिं.) परिचय) {दे.ना.} [T] {2} 1654 आगमनां अजवाळा (सचित्र) चाणस्मा जैन मंडळ लेखक, संपा.-अभयसागरजी 2029 (1) 44 (D) {वीरनिर्वाण से 1000 साल में हुई 6 पंन्यास आगमवाचना और सागरानंदरिजी के आगमोद्धार आदि कार्यो का (गु.) परिचय} {गु.} {2} 1655 जैन आगम : एक परिचय {आगमिक हजारीमल स्मृति प्रकाशन लेखक, संपा.-मिश्रीमलजी मुनि 2036 (अ.) 83 (D) साहित्य का (हिं.) परिचय) {दे.ना.} {2} | 1656|जैनागम दिग्दर्शन (आगम उद्भव, प्राकृत भारती अकादमी लेखक-नगराजजी मुनि, 2037 (1) 208 (C) दृष्टिवाद, वाचना परंपरा, 45 आगमों {पुष्प 6) संपा.-महेन्द्रकुमारमुनि उपा. के विषय, परिमाण, भाषा, व्याख्यासाहित्य आदि का (हिं.) परिचय) (दे.ना.} [T] {2} 1657 जैन आगम साहित्य {आगम साहित्य अखिल भारतीय जैन लेखक-देवेन्द्रमुनिजी शास्त्री, 2044 (1) 44 (E) की महत्ता, परिभाषा, विभागीकरण, विद्वत् परिषद्, सम्यग्ज्ञान संयो., संपा.-नरेन्द्र भानावत डॉ. वाचना, आगम विच्छेद का क्रम, लेखन प्रचारक मंडळ {ज्ञानप्रसार परंपरा आदि का (हिं.) परिचय) पुस्तकमाला 44} {दे.ना.} {2} 1658 मनमंदिर आगम दीवो {45 आगम का पद्म प्रकाशन, अमदावाद लेखक-मित्रानंदसूरि, संक., |2044 (1) 72(D) (गु.) परिचय} {गु.} {2} {पद्मविजयजी गणिवर संपा.-भव्यदर्शनसूरि जैनग्रंथमाळा 28} 165945 आगमों का परिचय {45 आगमों गुरु देवेन्द्र साहित्य लेखक-नरेन्द्रविजय मुनि |2045 (#) 48 (E) का (हिं.) परिचय} {दे.ना.} {2} प्रकाशन समिति (नवल), संयो., (अ.) संपा.-जिनेन्द्रविजयजी (जलज) 1660 उवासगदसांग (उ.द.सूत्र का अकलंक- अकलंक ग्रंथमाला संक.-कुमुदचंद्र गोकळदास शाह 2047 (अ.) 112 (D) विजयजी मुनि कृत (गु.) सारांश, 45 |{पुष्प 119) प्रो., संपा.-अकलंकविजयजी आगम की अज्ञात कर्तृक स्तुति, आगम परिचय आदि}{गु.} {#} 1661 उत्तराध्ययन-सूत्र सार (सरल हिन्दी आगम नवनीत प्रकाशन लेखक-तिलोक मुनि, 2047 (अ.) 56 (D) भाषा में) {उत्त.सूत्र का (हिं.) सारांश) समिति, सिरोही {आगम संपा.-भंवरलाल बाफना {दे.ना.} {#} नवनीत माला पुष्प 1} Page #316 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 269 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1662 आचारांग-सूत्र सारांश (एवं सम्यक् आगम नवनीत प्रकाशन | लेखक-तिलोक मुनि, |2047 (अ.) 56 (D) पराक्रम अध्ययन) [सरल हिन्दी भाषा समिति, सिरोही {आगम संपा.-भंवरलाल बाफना में] {आचा.सूत्र, उत्त.सूत्र [अ.29वाँ] का नवनीत माला पुष्प 2} (हिं.) सारांश} {दे.ना.} {2} 1663 दशवकालिक सूत्र सारांश {दश.सूत्र आगम नवनीत प्रकाशन | लेखक-तिलोक मुनि 2047 (अ.) 56 (D) का (हिं.) सारांश आदि} {दे.ना.} {#} |समिति, सिरोही {आगम नवनीत माला पुष्प 3} 1664 सूत्रकृतांग सूत्र सारांश [एक चर्या एवं आगम नवनीत प्रकाशन | लेखक, संपा.-तिलोक मुनि, 2047 (अ.) 50 (D) स्वतन्त्र गोचरी] {सू.कृ.सूत्र का (हिं.) समिति, सिरोही {आगम संयो.-विमलकुमारजी नवलखा, सारांश} {दे.ना.} {#} नवनीत माला पुष्प 4} सह संपा.-देवदत्त शर्मा पंडित | 1665 ठाणांगसूत्र सारांश {स्था.सूत्र का (हिं.) आगम नवनीत प्रकाशन लेखक, संपा.-तिलोक मुनि, 2047 (अ.) 100 (D) संक्षिप्त सार आदि} {दे.ना.} {#} समिति, सिरोही {आगम संयो.-विमलकुमारजी नवलखा, नवनीत माला पुष्प 5) - सह संपा.-देवदत्त शर्मा पंडित 1666 बृहत्कल्प सूत्र सारांश (परिशिष्ट युक्त) आगम नवनीत प्रकाशन | लेखक-तिलोक मुनि 2047 (अ.) 50 (D) {बृ.क.सूत्र का (हिं.) सारांश) समिति, सिरोही {आगम {दे.ना.} {#} नवनीत माला पुष्प 9} व्यवहार सूत्र सारांश (परिशिष्ट युक्त) | आगम नवनीत प्रकाशन लेखक-तिलोक मुनि |2047 (अ.) 50 (D) {व्यव.सूत्र का (हिं.) सारांश) समिति, सिरोही {आगम {दे.ना.} {#} नवनीत माला पुष्प 10} 1668 निशीथ सूत्र सारांश परिचय एवं आगम नवनीत प्रकाशन | लेखक-तिलोक मुनि । 2047 (अ.) 66 (D) परिशिष्ट युक्त {छेदसूत्रों का (हिं.) समिति, सिरोही {आगम परिचय और निशीथसूत्र का सारांश) नवनीत माला पुष्प 7) (दे.ना.} {2} 1669 दशाश्रुतस्कन्धसूत्र का सारांश आगम नवनीत प्रकाशन | लेखक, संपा.-तिलोक मुनि, 2047 (अ.) 52 (D) परिशिष्टयुक्त {दशाश्रु.सूत्र का (हिं.) | समिति, सिरोही {आगम संयो.-विमलकुमारजी नवलखा, सारांश (विषय परिचय) आदि} नवनीत माला पुष्प 8} सहयोगी-देवदत्त शर्मा पंडित {दे.ना.} {2} 1670 उपासकदशासूत्र सारांश (उ.द.सूत्र का आगम नवनीत प्रकाशन | लेखक-तिलोक मुनि, 2048 (अ.) 118 (D) (हिं.) सारांश} {दे.ना.} {#} समिति, सिरोही {आगम संयो.-विमलकुमारजी नवलखा नवनीत माला पुष्प 15} 1671 उत्तराध्ययन सूत्र एवं आचारांग सूत्र आगम नवनीत प्रकाशन लेखक-तिलोक मुनि, 2048 (2) |111 (D) का सारांश {आचा.सूत्र और उत्त.सूत्र समिति, सिरोही संयो.-विमलकुमारजी नवलखा का (हिं.) सारांश) (दे.ना.) {#} {आगम नवनीत माला पुष्प 1,2} 1672 उपांगसूत्र का सारांश (निरयावलिका आगम नवनीत प्रकाशन लेखक-तिलोक मुनि, 2048 (अ.) 70 (C) पंचक) [कथाशास्त्र] {निर.सूत्र आदि समिति, सिरोही (आगम संयो.-विमलकुमारजी नवलखा 5 उपांगसूत्रों का (हिं.) सारांश) नवनीत माला पुष्प 13} {दे.ना.} {#} 1673 ज्ञाताधर्मकथासूत्र का सारांश (कथा आगम नवनीत प्रकाशन लेखक-तिलोक मुनि, 2048 (अ.) 122 (D) शास्त्र) {ज्ञाता.सूत्र का (हिं.) सारांश समिति, सिरोही {आगम संयो.-विमलकुमारजी नवलखा आदि} {दे.ना.} {2} नवनीत माला पुष्प 14} | 1674 अणुत्तरोपपातिकसूत्र का सारांश | आगम नवनीत प्रकाशन | लेखक-तिलोक मुनि, 2048(2) 72 (D) (कथाशास्त्र) (णियंठा-स्वरूप) समिति, सिरोही (आगम संयो.-विमलकुमारजी नवलखा |(अ.) शुद्धाचार - शिथिलाचार नवनीत माला पुष्प 17} Page #317 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 270 78. आगम परिचय (संक्षिप्त) क्र. वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2049 (2) 54 (D) 2050 (2) 352 (D) 2050 (अ.) 88 (D) 2050 (अ.) 72 (D) 2050 (अ.) 96 (D) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला संपादक, संशोधक आदि {अनु.द.सूत्र का (हिं.) सारांश एवं परिशिष्टगत (णियंठा-स्वरूप), शुद्धाचार-शिथिलाचार आदि) {दे.ना.} {#} 1675| समवायांगसूत्र सारांश (सम.सूत्र का आगम नवनीत प्रकाशन लेखक-तिलोक मुनि, (हिं.) संक्षिप्त सार आदि) समिति, सिरोही (आगम संयो.-विमलकुमारजी नवलखा {दे.ना.} {2} नवनीत माला पुष्य 6} 1676 जैनागम नवनीत (अन्तगड, आगम नवनीत प्रकाशन लेखक-तिलोक मुनि, उपासकदशा)(उपदेश शास्त्र) समिति, सिरोही संयो.-विमलकुमारजी नवलखा {अं.द.सूत्र और उ.द.सूत्र का (हिं.) {आगम नवनीत माला सारांश आदि) खंड 4 {दे.ना.} {#} पुष्प 16,15) 1677 प्रश्नव्याकरणसूत्र का सारांश आगम नवनीत प्रकाशन लेखक-तिलोक मुनि, {प्रश्न.सूत्र का (हिं.) सारांश आदि} समिति, सिरोही (आगम संयो.-विमलकुमारजी नवलखा (दे.ना.} {2} नवनीत माला पुष्य 18} | 1678| विपाकसूत्र का सारांश (कथाशास्त्र) आगम नवनीत प्रकाशन लेखक-तिलोक मुनि, | (वि.सूत्र का (हिं.) सारांश आदि} समिति, सिरोही (आगम संयो.-विमलकुमारजी नवलखा {दे.ना.} {#} नवनीत माला पुष्प 19} 1679 राजप्रश्नीयसूत्र का सारांश एवं नंदीसूत्र आगम नवनीत प्रकाशन लेखक-तिलोक मुनि, की कथाएँ (राज.सूत्र का (हिं.) सारांश समिति, सिरोही संयो.-विमलकुमारजी नवलखा और नंदीसूत्र आधारित कथानक-61} {आगम नवनीत माला | {दे.ना.} {#} पुष्प 20} 1680 जैनागम नवनीत (तत्त्वशास्त्र) आगम नवनीत प्रकाशन | लेखक-तिलोक मुनि, {नंदी.सूत्र, अनु.सूत्र, औप.सूत्र, समिति, सिरोही संयो.-विमलकुमारजी नवलखा जंबू.सूत्र, सूर्य.सूत्र और चंद्र.सूत्र का {आगम नवनीत माला (हिं.) सारांश) भाग 5 {दे.ना.} पुष्प 23, 27, 28} [T] {#} 1681 जीवाभिगमसूत्र का सारांश [गुणस्थान आगम नवनीत प्रकाशन लेखक-तिलोक मुनि, स्वरूप एवं दूसरा तीसरा कर्म ग्रंथ] समिति, सिरोही {आगम संयो.-विमलकुमारजी नवलखा {जीवा.सूत्र का (हिं.) सारांश} नवनीत माला पुष्प 24} {दे.ना.} {#} 1682 प्रज्ञापना सूत्र का सारांश {प्रज्ञा.सूत्र का आगम नवनीत प्रकाशन लेखक-तिलोक मुनि, (हिं.) सारांश) भाग 1-2 {दे.ना.} {2} समिति, सिरोही {आगम संयो.-विमलकुमारजी नवलखा नवनीत माला पुष्प 25} 1683 जैनागम नवनीत (छेद शास्त्र) आगम नवनीत प्रकाशन लेखक, संपा.-तिलोक मुनि, {निशीथसूत्र, दशाश्रु.सूत्र, बृ.क.सूत्र, समिति, सिरोही {आगम संयो.-विमलकुमारजी नवलखा व्यव.सूत्र का (हिं.) सारांश} खंड 2 नवनीत माला पुष्प 7-12} {दे.ना.} {#} | 1684 ज्योतिष गण राज प्रज्ञप्ति सूत्र का आगम नवनीत प्रकाशन लेखक-तिलोक मुनि, सारांश [सूर्य प्रज्ञप्ति - चंद्र प्रज्ञप्ति सूत्र समिति, सिरोही {आगम संयो.-विमलकुमारजी नवलखा {सूर्य सूत्र, चंद्र.सूत्र का (हिं.) सारांश) नवनीत माला पुष्प 28} {दे.ना.} {#} 1685 जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र का सारांश आगम नवनीत प्रकाशन लेखक-तिलोक मुनि, [वैज्ञानिक परिशिष्ट युक्त] {जंबू.सूत्र समिति, सिरोही {आगम संयो.-विमलकुमारजी नवलखा का (हिं.) सारांश} {दे.ना.} {#} नवनीत माला पुष्प 27} 2050 (अ.) 384 (D) 2050 (अ.) 88 (D) 2050 (अ.) 96+96%D192 (D) 2050 (अ.) 294 (D) 2050 (अ.) 120 (D) 2050 (अ.) 88 (D) Page #318 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय | 1686 अन्तगड दशा सूत्र का सारांश { अं. द. सूत्र का (हिं.) सारांश } (दे.ना.) (0) 1687 जैनागम नवनीत (आचारशास्त्र) {आव.सूत्र मूल एवं आव. सूत्र, आचा. सूत्र, सू. कृ. सूत्र, स्था. सूत्र, सम. सूत्र, दश. सूत्र, उत्त. सूत्र और प्रश्न. सूत्र का (हिं.) सारांश) खंड 1 (दे.ना.} [T] (1116 } 1688 जैनागम नवनीत (तत्त्वशास्त्र भाग 2 ) {जीवा. सूत्र और प्रज्ञा. सूत्र का (हिं.) | सारांश) खंड 6 ( दे. ना. (0) 1689 जैन आगम साहित्य एक अनुशीलन आगम वर्गीकरण, वाचनापरंपरा, आगमों का आंतर-बाह्य स्वरूप, | आगमिक व्याख्या साहित्य और तत्कालिन सामाजिक आर्थिक व्यवस्था आदि का (हिं.) अनुशीलन) (दे.ना.) [T, S] {# } 1690 उत्तराध्ययन सार (उत्त. सूत्र का त्र्यंबकलाल उ. महेता कृत (गु.) | सारांश) (गु. दे. ना.) (0) 1691 आगम दीवो आगम मंदिरे ("प्रवचन | किरणावली" के आधार से 45 आगम का (गु.) परिचय} {गु.} {#} | परिचय स्वरूप ( गु.) प्रव. का सार, आगम वाचना का परिचय} {गु., दे.ना.} {#} | आगम के विषय परिमाण आदि, | वाचना और 11 गणधरों का परिचय (सचित्र)} (गु (2) आगम प्रकाशन परिचय 1695 आगम दर्शन (32 आगम के | प्रकाशक (ग्रंथमाला} आगम नवनीत प्रकाशन समिति, सिरोही आगम नवनीत माला पुष्प 16 } | आगम नवनीत प्रकाशन समिति, सिरोही {आगम नवनीत माला पुष्प 32, 1-6, 18} कथाप्रवाह दार्शनिक सिद्धांत अनुयोग, वाचना परंपरा, भाषा-शैली का परिचय विषयों का संक्षिप्त (गु.) परिचय (गु.) (0) आगम नवनीत प्रकाशन समिति, सिरोही { आगम नवनीत माला 1696 जैन आगम : एक परिचय (32 आगम और प्रकीर्णको के 1693 प्रभु वीर का अंतिम संदेश ( उत्त. सूत्र का दिव्यदर्शन ट्रस्ट (हिं.) सारांश) (दे.ना.) (#) उमेदचंदभाई एन्ड कबाबेन चेरीटेबल ट्रस्ट | 1692 | जिनागम शरणं मम | कलापूर्णसूरिजी आगमोद्धारक प्रतिष्ठान संपा. हेमचंद्रसागरसूरि (0) आदि द्वारा दिये गये विविध आगम के संपादक, संशोधक आदि लेखक, संक., संपा. -तिलोक मुनि, संयो. - विमलकुमारजी नवलखा पुष्प 24, 25, 26 } राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट लेखक, संपा जयंतसेनरि लेखक-तिलोक मुनि, संयो, विमलकुमारजी नवलखा लेखक-तिलोक मुनि, संयो.. विमलकुमारजी नवलखा 1694 पीस्तालीश आगम परिचय वाचना (45 रत्नसागर प्रकाशन निधि वाचना. - जितरत्नसागरसूरि, संक. कुसुमभाई सोमचंद झवेरी, संपा. चंद्ररत्नसागरसूरि सौराष्ट्र केसरी प्राणगुरु जेन फिलोसोफिकल एन्ड लिटररी रीसर्च सेंटर अप्रदर्शित | लेखक, संपा. यशोविजयजी, संपा. प्रीतम एस. सिंघवी डॉ. वर्धमान जैन आगममंदिर लेखक- पुण्योदयसागरसूरिजी 2055 (2) 68 (D) संस्था संग्रा., संपा. - महाभद्रसागरजी लेखक, संपा. गुणवंत बरवालिया, संशो, रसिकलाल महेता वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2050 (3T.) 256 (D) 2050 (अ.) 424 (D) 2050 (3T.) 290 (D) 2051 (3T.) 308 (C) 2055 (1) 120 (C) 2057 (1) 236 (C) 2058 (1) 64 (C) 2058 (3T.) 267 (B) 2059 (3T.) 112 (C) 271 आगम प्रकाशन समिति, लेखक, संपा. मिश्रीमलजी मुनि 2063 (अ.) 104 (D) ब्यावर Page #319 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 272 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय विषय. परिमाण कर्ता आदि और | उनके व्याख्या साहित्य का परिचय) (दे.ना.) (0) 1697 त्ति बेमि (आचा. सूत्र की कल्पतरुविजयजी पं. की (गु.) वाचना का सार} {गु.} {#} 1698 आगमनी सरगम (सचित्र) (आगम की 6 वाचना और 45 आगम का संक्षिप्त (गु.) परिचय, | पाक्षिकसूत्र- नंदीसूत्र- आगम पूजा आदि के आधार से आगमो की संख्या एवं विभागों का वर्गीकरण (सचित्र)} {गु.} {# } 1699 कल्प संहिता कल्पसूत्र का (हिं.) | सारांश विभागीकरणयुक्त) (दे.ना.) (0) 78. आगम परिचय (संक्षिप्त) प्रकाशक ( ग्रंथमाला} 1702 जैनागम सूक्ति-सुधा (उत्त सूत्र, दश. सूत्र, आव. सूत्र, सू. कृ. सूत्र आदि आगमों से संग्रहित विविध विषयक सूक्तसंग्रह (हिं.) अनु-विवे. युक्त, स्थाननिर्देशयुक्त (सूक्त-925) ] भाग 1 दे.ना.) (0) सामखीवाळी जैन संघ, शांतिजिन आराधक मंडळ 1704 पिंडनियुक्ति पराग (पिंड सूत्र और | पिंडविशुद्धि का नित्यानंदविजयजी पं. कृत अंशसंग्रह (गु) विवे. युक्त, दशसूत्र की वृद्धिविजयजी कृत सज्झाय (ढाळ - 5वीं)} {गु., दे.ना. } [T] {1035, 1184} संपादक, संशोधक आदि आगमोद्धारक प्रतिष्ठान परिचयकर्ता कंचनसागरसूरि सूर्योदयसागरसूरि आदि संपा. हेमचंद्रसागरसरि, धनंजय जे. जैन 1700 आगमोपनिषद् (11 अंग, 9 उपांग एवं जिनशासन आराधना ट्रस्ट सारांश, संपा. - 7 प्रकी. सूत्रों का (सं.) सारांश) पुस्तक- 1-17/24 (दे.ना.) (8) कल्याणबोधिसूरि वाचना. कल्पतरुविजयजी गणि, संपा. मुक्तिचंद्रविजयजी पंन्यास, मुनिचंद्रविजयजी पंन्यास | मैत्री चेरीटेबल फाउन्डेशन लेखक-निधि साध्वी, | कृपा साध्वी 1701 जाग सके तो जाग : आचारांग संहिता मैत्री चेरीटेबल फाउन्डेशन लेखक-निधि साध्वी, ( आचारांग सूत्र की मार्गदर्शिका) कृपा साध्वी { आचा. सूत्र का (हिं.) सारांश सूत्रसंदर्भ एवं विभागीकरणयुक्त) {दे.ना.} {#} 79. आगम सूक्तसंग्रह (1702-1725) अमोल जैन ज्ञानालय (#) ब्यावर 1703 जागरण (आचाराङ्ग-सूत्र के प्रथम, गुरुकुल प्रिन्टींग प्रेस, द्वितीय और तृतीय अध्ययन के सूक्तवाक्यों का संकलन) ( आचा. सूत्र का मिश्रीमलजी मुनि कृत सूक्तसंग्रह (हिं.) अनु. युक्त [ श्रु. 1 अ.3]} दे.ना.) [T] (#) {आत्म-कमल-दान-प्रेमजंबूसूरि जैन कल्याण | ग्रंथमाळा 51 } संग्रा. कल्याणऋषि, अनु., विवे., संपा. रतनलाल संघवी पंडित, संपा. मिश्रीमलजी मुनि जंबूस्वामी जैन मुक्ताबाई संपा. नित्यानंदविजयजी पं. आगममंदिर वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2063 (#) (अ.) 2064 (1) 2067 (1) 20682069 (1) 2006 (1) 240 (C) |96 (C) 2022 (1) 344 (B) | 2069 (1) 390 (B) 96+136+ 120...=1656 (F) 515 (C) 2006 (1) 97 (D) 360 (D) Page #320 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 273 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) डॉ. 1705 प्रवचन प्रभावना (प्रथमा मंगल श्रेणी लींबडी जिनागम संशो.-रत्नचंद्रजी मुनि, 2024 (अ.) 168 (P) गाथा 537) {आचा.सूत्र आदि आगमों ज्ञानभंडार अनु.-भोगीलाल पटेल पं., का सूक्तसंग्रह -छाया और (गु.) संपा.-शामजी मुनि अनु.युक्त, स्थाननिर्देश सहित) {दे.ना.} [T] {#} 1706 पिंडनियुक्ति पराग {पिंड.सूत्र अंबालाल रतनचंद जैन संपा.-नित्यानंदविजयजी पं. 2035 (2) |336 (D) | पिंडविशुद्धि का नित्यानंदविजयजी पं. धार्मिक ट्रस्ट कृत अंशसंग्रह (गु.) विवे.युक्त आदि) {गु.} [T] {1035, 1184} 1707 आगम तीर्थ (आगम-साहित्य के प्राकृत भारती अकादमी |संक., पद्य.वाद.-हरिराम आचार्य 2036 (1) |172 (D) विशिष्ट पद्यों का हिन्दी काव्यानुवाद) |{पुष्प 4} {आगम साहित्य के विशिष्ट पद्यों (सूक्तो) -232 सह (हिं.) पद्यानु. विषयनिर्देशयुक्त} {दे.ना.} {#} 1708| आगम वाणी (आचारांग सूत्रना प्रथम साराभाई मोहनलाल शाह |संक.-अभयसागरजी पंन्यास |2039 (1) अने चतुर्थ अध्ययनना सुभाषितोनो सुंदर संग्रह) {आचा.सूत्र आधारित (गु.) सूक्तसंग्रह (अ.1, 4था)) {गु.} {#} 1709 | महावीर वाणी {आगम आदि के नगीनभाई मंछुभाई जैन संक.-श्रीचंद रामपुरीया |2040 (1) 368 (C) आधार से विविध विषयक उपदेशी साहित्योद्धार फंड (गु.) सूक्तसंग्रह) {गु.) [T] {2} 1710 भगवान महावीरे शंकडं? {उत्त.सूत्र, राजेन्द्रसूरि जैन ज्ञानमंदिर, संक., विवे.-जयंतसेनसूरि, 2044 (2) 286 (D) सू.कृ.सूत्र आदि 11 आगम का अमदावाद संपा.-नेमिचंद्र जैन डॉ. सूक्तसंग्रह (गु.) अनु., विवे.युक्त स्थाननिर्देशयुक्त} {गु.} {#} 1711 अध्यात्म-शांति-सागर अने आगम-प्रभा शांतिलाल केशवलाल पं. संग्रा.-शांतिलाल केशवलाल |2046 (1) 348 (B) | {आचा.सूत्र, सू.कृ.सूत्र और उत्त.सूत्र (सिद्धांत पाक्षिक) पंडित का अंशसंग्रह (गु.) अनु.युक्त आदि) | {गु., दे.ना.} {#} | 1712 आचार प्रबोधिनी {आचा.सूत्र का प्राण परिमल प्रकाशन | अप्रदर्शित 2048 (1) 84 (E) वाचंयमाश्रीजी कृत अंशसंग्रह ट्रस्ट {पुष्प 4} आधारित किरणबाई साध्वीजी कृत पद्यमय (गु.) अंशसंग्रह) {गु.} {#} 1713 JINA-VACHANA (जिन-वचन) मुंबई जैन युवक संघ संक., अनु.-रमणलाल ची. शाह 2051 208 (B) {दश.सूत्र, उत्त.सूत्र, सू.कृ.सूत्र, (पु.मु.) आचा.सूत्र और प्रश्न.सूत्र से उद्धृत सूक्तों का संग्रह (गु., हिं., अं.) अनु.युक्त ) {दे.ना.,गु.,रो.} {2} | 1714| आचाराग के सूक्त (आचा.सूत्र का |जैन विश्व भारती, (P) जैन विश्व भारती, (P) सक., अनु.-श्राचद रामपुरा संक., अनु.-श्रीचंद रामपुरीया |2053 (2) |212 (D) अंशसंग्रह (हिं.) अनु.युक्त [श्रु.1]} जैन श्वेतांबर तेरापंथी {दे.ना.} [T] {#} सभा, सुरत 1715 आगम मोती (भग.सूत्र आदि आगम । गौतम प्रकाशन लेखक-नम्रमुनि 2054 (अ.) 128 (C) आधारित पदार्थबोधात्मक (गु.) Page #321 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 274 79. आगम सूक्तसंग्रह क्र. संक., प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) सूक्त-108} {गु.) (2) 1716 आचारांग-चयनिका {आचा.सूत्र का प्राकृत भारती अकादमी संपा.-कमलचंद सोगानी डॉ. 2054 (4) 200 (D) कमलचंद सोगानी डॉ. कृत अंशसंग्रह {पुष्प 23} (हिं.) अनु. युक्त) (दे.ना.} [T] {2} अभिधान राजेन्द्र कोष में, मदनराजजी जैन लेखक, संपा.-प्रियदर्शनाश्रीजी. 2055 (1) |192+188+ 196...%3D1586 सुदर्शनाश्रीजी सूक्ति-सुधारस {अभिधान राजेन्द्र (D) कोषगत सूक्तसंग्रह (हिं.) सार्थ विषयनिर्देश और स्थाननिर्देशयुक्त) |भाग 1-7 {दे.ना.} [T] {2} 1718 जैनागमसूक्तिप्रकाशः [आगम सुशील साहित्य प्रकाशन पद्य.वाद.-सुशीलसूरि, 2055 (1) 132 (D) सूक्तियों का हिन्दी पद्यानुवाद] {आगम समिति (नेमि लावण्य दक्ष संपा.-जिनोत्तमसूरि के सूक्त सह (हिं.) पद्यानु, सुशील ग्रंथमाला 112} स्थाननिर्देशयुक्त} {दे.ना.} {#} 1719 आचारांगनुं अमृत {आचा.सूत्र का सन्मार्ग प्रकाशन 2057 (अ.) 64(E), कीर्तियशसूरिजी कृत अंशसंग्रह (गु.) संपा.-निर्मलदर्शनविजयजी, अनु.युक्त [श्रु.1]} {गु., दे.ना.} {#} रत्नयशविजयजी, मंगलयशविजयजी आगमीयसुक्तावल्यादि (1. जिनशासन आराधना पूर्व संपा.-कंचनविजयजी, 2058 98 (P) आगामीयसुक्तावलि 2. सुभाषित 3. ट्रस्ट, (P) जैन पुस्तक क्षेमंकरसागरजी (2) (पु.मु.) संग्रहश्लोक 4. लोकोक्तयः) । प्रचारक संस्था {आगमगत सूक्तसंग्रह, सुभाषित, लोकोक्ति आदि स्थाननिर्देशयुक्त {दे.ना.} {#} 1721 आचारांग पंचामृत {आचा.सूत्र का श्रुत ज्ञान प्रसारण निधि संपा.-देवरत्नसागरजी (#) 2058 (अ.) |72 (C) देवरत्नसागरजी कृत (गु.) सारांश प्रकाशन [श्रु.1→अ.4]} {गु.) {#} 1722 जैन शास्त्रोना चूंटेला श्लोको (अर्थ कमल प्रकाशन ट्रस्ट, संक.चंद्रशेखरविजयजी 2059(1) 1192+176%3D सहित) {उत्त.सूत्र, दश.सूत्र, षोडशक अमदावाद पंन्यास, संग्रा.-गुणहंसविजयजी 368 (D) आदिगत वैराग्यवर्धक सूक्तसंग्रह (गु.) अनु.युक्त भाग 1-2} भाग 1-2 {गु., दे.ना.} {2} 1723 पिंडनियुक्ति पराग {पिंड.सूत्र एवं सन्मार्ग प्रकाशन संपा.-कीर्तियशसूरि, पूर्व । |2061(2) 238 (C) पिंडविशुद्धि का नित्यानंदविजयजी पं. संपा.-नित्यानंदविजयजी पं. कृत अंशसंग्रह (गु.) विवे.युक्त) {गु., दे.ना.} [T] {1184} 1724 चन्द्रयश स्वाध्याय (उत्त.सूत्र का कांदीवली मुनिसुव्रतस्वामी संक.-भव्यगुणाश्रीजी (रम्यरेणु) 2062 (अ.) 180 (D) भव्यगुणाश्रीजी कृत सूक्तसंग्रह (गु.) श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन अनु.युक्त (सूक्त-350)} भाग 4 संघ {गु.} {#} 1725 चंद्रयश स्वाध्याय {आचा.सूत्र (श्रु.1) शाहीबाग गीरधरनगर जैन संक.-भव्यगुणाश्रीजी (रम्यरेणु 2062 (अ.) 72 (D) का अंशसंग्रह (गु.) अनु.युक्त} भाग 5 श्वे. मू.पू. संघ {गु.) {2} Page #322 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 275 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 80. गणधरवाद (विशे.भा.गाथा 1549-2024)/(कल्पसूत्र व्या.6→सूत्र 122वा) (1726-1746) 1726 गणधरवादः {कल्पसूत्र आधारित दयाविमलजी जैन अप्रदर्शित 1976 (1) 19 (P) मुक्तिविमलजी पं. कृत (सं.) ग्रंथमाला {अंक 20} गणधरवाद (व्या.6→सूत्र-122वाँ)} {दे.ना.} {1526) 1727 GANADHARA-VADA [Sramana | जैन ग्रंथ प्रकाशक सभा, संपा.-रत्नप्रभविजयजी 2006 (अ.) |618 (B) Bhagavan Mahavira] {विशे.भा. अमदावाद (गणधरवाद) सह मलधारीय टीका, धीरुभाई ठाकर डॉ. कृत छाया, (अं.) अनु., टीकानुसारी विवे. (गाथा 1549-2024)} Volumn III {रो., दे.ना.) [T] {1119, 1124,1527, 1530, 1542} 1728 गणधरवाद {कल्पसूत्र के गणधरवाद सिद्धि मेघ मनोहर धर्म संपा.-भद्रंकरसूरि 2017 (अ.) 28 (P) का भद्रंकरसूरिजी कृत (गु.) विवे. संग्रह साहित्य प्रकाशन (व्या.6→सूत्र-122वाँ)} {दे.ना.} समिति {पुष्प 6} 11544} 1729/GANADHARAVADA (विशे.भा. गुजरात विद्यासभा संपादिका-Esther A. 2022 (1) 394 (B) (गणधरवाद) सह एस्तेर सोलोमन डॉ. Solomon Dr. (#) कृत (अं.) अनु., मल. टीकानुसारी विवे. (गाथा-1549-2024)} {रो., दे.ना.) [T, S] {1119, 1531, 1543} गणधरवाद (आत्मा-कर्म-बन्ध- जैन साहित्य प्रकाशन लेखक-भुवनभानुसूरि 2026 (अ.) 124 (D) पंचभूत- स्वर्ग:मोक्षादि तत्त्व-चर्चा) समिति {11 {विशे.भा. आदि के आधार से गणधरवाद के भुवनभानुसूरिजी कृत (हिं.) विवे.} {दे.ना.} {1546} 1731 गणधर वाद (भावानुवाद) {कल्पसूत्र सुमतिलाल जमनादास संपा.-चिदानंदसूरि, 2027 (अ.) 52 (P) के गणधरवाद का चिदानंदसूरिजी कृत शाह कीर्तिसेनविजयजी (गु.) अनु. (व्या.6+सूत्र-122वाँ)} {गु.) [T] {1532) गणधर वाद {कल्पसूत्र के सुमतिलाल जमनादास संपा.-चिदानंदसूरि 2027 (अ.) 102 (D) गणधरवाद का चिदानंदसूरिजी कृत शाह (गु.) अनु. (व्या.6→सूत्र-122वाँ)। {गु.} {1532} 1733 गणधरवाद का गुजराती से हिन्दी प्राकृत भारती अकादमी, संशो., संपा.-विनयसागरजी 2038 (1) 450 (B) अनुवाद {विशे.भा. (गणधरवाद) सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ महोपाध्याय, (गाथा-1549-2024) सह दलसुख {पुष्प 10} सह संपा.-ओंकारलाल मेनारिया मालवणिया पं. के शोधग्रंथ और मलधारीय टीकानुसारी अनु. का पृथ्वीराजजी जैन कृत (हिं.) भाषां.) {दे.ना.} [T, S] {1119, 1533, 1553) Page #323 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 276 80. गणधरवाद (विशे.भा. गाथा 1549-2024)/(कल्पसूत्र व्या.6→सूत्र 122वाँ) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1734 गणधरवाद सचित्र {विशे.भा. वीशा श्रीमाळी तपगच्छ संपा.-अरुणविजयजी पंन्यास 2040 (1) 1568+600%3D (गणधरवाद) (गाथा 1549- 2024) श्री संघ, मोहनविजय जैन 1168 (D) सह अरुणविजयजी पं. कृत पाठशाळा (पुष्प मलधारीय टीकानुसारी (गु.) प्रव.16 } भाग 1-2 {गु., दे.ना.}{1119,1549) 1735 गणधरवादनां संवादात्मक अनुवाद, B.J. Institute of संपा.-दलसुखभाई मालवणिया |2041 (2) 424 (B) टिप्पण अने तुलनात्मक प्रस्तावना Learning & Reaserch पंडित {पुनमचंद करमचंद {विशे.भा. (गणधरवाद) (गाथा कोटावाळा ग्रंथमाला 40} 1549-2024) सह दलसुख मालवणिया पं. कृत (गु.) शोधग्रंथ, मलधारीय टीकानुसारी अनु.} {गु., दे.ना.) [T, S] {1119, 1529, 1552) 1736|संशय सब दूर भये (गणधरवाद) अरुणोदय फाउन्डेशन संपा.-परमार्थाचार्य पंडित 2043 (1) 100 (D) (गणधरवाद के पद्मसागरसरिजी कृत ट्रस्ट (हिं.) प्रव.12} {दे.ना.} {1550) गणधरवादकाव्यम् {सुबोधिका टीका सुशीलसूरि जैन ज्ञानमंदिर संपा.-जिनोत्तमसूरि 2043 (1) 424 (D) आधारित सुशीलसूरिजी कृत (नेमि लावण्य दक्ष सुशील गणधरवादकाव्य सह स्वोपज्ञ (सं., ग्रंथमाला 73-75) हिं.) अनु.) (दे.ना.} {1534,1535, 11540) 1738 आतम पाम्यो अजवाळ {गणधरवाद अरुणोदय फाउन्डेशन संपा.-धनंजय जे. जैन 2044 (1) 96 (C) के पद्मसागरसूरिजी कृत प्रव.12 का ट्रस्ट अशोक शाह कृत (गु.) अनु.} {गु.} {1551) 1739 |GANADHARAVADA {विशे.भा. मोतीलाल बनारसीदास संपा.-के. रामप्पा (#) 2045 (1) 170 (C) आदि के आधार से गणधरवाद के पब्लीशर्स प्रा. लि. भुवनभानुसूरिजी के विवे. का {Lala Sundarlal Jain के.रामप्पा कृत (अं) भाषां.} {रो.) Research Series 4} {1547) | 1740 महावीर - देशना (गणधरवाद) गुरु देवेन्द्र साहित्य |संयो., संपा. नरेन्द्रविजय मुनि 2047 (1) 288 (C) {राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक कृत (सं.) प्रकाशन समिति (नवल) गणधरवाद सह देवेन्द्रविजयजी कृत (हिं.) अनु., विवे.} {दे.ना.} [T] {1539, 1539a} 1741 गणधरवाद {विशे.भा. आदि के दिव्यदर्शन ट्रस्ट संपा.-भुवनसुंदरविजयजी 2047 (अ.) 94 (C) आधार से गणधरवाद का पंन्यास भुवनभानुसूरिजी कृत (गु.) विवे.} {गु.} {1545} 1742 गणधरवाद (विशे.भा. (गणधरवाद) महावीर विद्यार्थी कल्याण संपा.-अरुणविजयजी पंन्यास 2053 (2) 331+320= (गाथा 1549-2024) सह केन्द्र 651 (C) अरुणविजयजी पं. कृत मलधारीय टीकानुसारी (गु.) प्रव.16} भाग 1-2 {गु., दे.ना.} {1119, 1549} 1743 गणधरवाद (कल्पसूत्र के गणधरवाद पद्मावती प्रकाशन मंदिर संपा.-चिदानंदसूरि 2056 (2) |116 (D) Page #324 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 277 वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2056 (अ.) 366 (C) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि का चिदानंदसूरिजी कृत (गु.) अनु. (व्या.6→सूत्र-122वाँ)) (गु.) {1532) 1744 मिला प्रकाशः खिला बसंत राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट संपा.-जयंतसेनसूरि (#) [गणधरवाद पर विशिष्ट ग्रन्थ] {विशे.भा. (गणधरवाद) सह जयंतसेनसूरिजी कृत (हिं.) अनु., मलधारीय टीकानुसारी विवे. (गाथा-1549-2024)} {दे.ना.) [T] {1119, 1536, 1548) | 1745 गणधरवाद (कल्पसूत्र के गणधरवाद नेमचंद मेलापचंद झवेरी संपा.-कनकरत्नसूरि का कनकरत्नसूरिजी कृत (गु.) अनु. वाडी जैन उपाश्रय ट्रस्ट (व्या.6→सूत्र-122वाँ)} {गु.} {1537} 1746 गणधरवाद {विशे.भा. (गणधरवाद) जैन धर्म प्रसारण ट्रस्ट संशो.-कल्याणबोधिसूरि, सह धीरजलाल महेता कृत छाया, (गु.) संपा.-धीरजलाल डाह्यालाल अनु, मलधारीय टीकानु. महेता (2) (गाथा-1549-2024)} {गु., दे.ना.) {1119, 1528, 1538, 1541} 2057 (1) 54 (P) 2065 (1) 648 (B) 81. आगम सन्झाय आदि (1747-1795) 1747 रत्नसार [ सझाय आदि) भाग 3 (गु.) लखमशी शिवजी नेणशी संपा. विसनजी चतुर्भुज 1928 (अ.) 132 (D) |{209, 1035} 1748 सज्झाय, पद अने स्तवन संग्रह वीरचंदभाई दीपचंदभाई अप्रदर्शित 1957 (अ.) 856 (C) (दे.ना.} {211, 1375, 1559, 1561, शेठ 1564) 1749 जैन सज्झाय-संग्रह. (कठिण शब्दार्थ जैन ज्ञान प्रसारक मंडळ. |अप्रदर्शित 1962 (1) 544 (B) सह) आगमिक आदि सज्झाय संग्रह मुंबई, ग्रंथोदय प्रिन्टींग प्रेस भाग 1{गु.)[T]{890,904,907,1558) 1750 जैन सज्झायमाळा भाग 3 {गु.} {211, मगनलाल हठीसींग शाह अप्रदर्शित 1967 (3) 232 (C) | 1564) | 1751 जैन सज्जायमाला {आचा.सूत्र आदि बालाभाई छगनलाल शाह अप्रदर्शित 1968 (3) 232 (C) विविध विषयक सज्झाय) भाग 3 (गु.) | (211, 1564) 1752 गहूंली संग्रह. {गु.} [T] केशवलाल सवाईभाई शाह अप्रदर्शित | 1969 (1) 190 (D) 1215,216, 335) 1753 पार्श्वचंद्र प्रकरणमाळा कोडाय सदागम प्रवृत्ति अप्रदर्शित 1969 (1) 272 (B) (पार्श्वचंद्रसूरिजी कृत आगम छत्रीशी, खातां ट्रस्ट उत्त.सूत्र छत्रीशी आदि कृतियाँ) भाग 1 {दे.ना.} [T] {909, 1567} 1754 षट् द्रव्य नय विचारादि प्रकरण जैन हठीसिंह सरस्वती संपा.-मंगलदास मनसुखराम |1969 (1) 267 (P) संग्रहः {विविध सज्झाय, स्तवन सभा शाह (2) आदि) {दे.ना.} {286, 895, 1133, 1134} Page #325 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 278 81. आगम सज्झाय आदि क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1755 बृहत् स्तवनावलि. {दे.ना.} {1036, जैन प्राचीन पुस्तकोद्धार |अप्रदर्शित 1976 (अ.) 342 (B) 1556, 1565) फंड, निर्णयसागर प्रेस {ग्रंथांक 18} 1756 सज्झाय संग्रह. {उत्त.सूत्र की ब्रह्ममुनि जैन हठीसिंह सरस्वती संशो.-सागरचंद्रसूरि | 1978 (1) 260 (D) कृत सज्झाय, ज्ञाता.सूत्र की मेघराज । सभा {भ्रातृचंद्रसूरि उपा. कृत सज्झाय आदि} भाग 1 ग्रंथमाला 14} (दे.ना.} {85, 286, 539, 895} 1757 जैन प्राचीन स्तवनादि संग्रह (आगम उमेदचंद रायचंद मास्तर संपा.-उमेदचंद रायचंद (2) 1979 (4) 440 (D) आदि के स्तवनो, सज्झाय, थोय, चैत्यवंदन संग्रह} {गु., दे.ना.} {8, 9, 484,1035,1135,1375} 1758 पिस्तालीस आगम पूजा {45 आगम की गोरधनदास त्रिभोवनदास संशो.-धर्मविजयजी 1979 (अ.) 56 (D) रूपविजयजी पं. कृत पूजा} {गु.} दोशी [T, S] {1570) 1759 | प्राचीनस्तवनादिरत्नसंग्रह भाग 2 {गु.} |जमनाभाई भगुभाई संग्रा.-मुक्तिविमलजी पं. | 1980 (1) 456 (C) {178, 209, 589,798, 899, 1034, {अंक 5} 1563) 1760 विधिपक्षगच्छीय अणगारस्य सार्थानि सोमचंद धारशी अप्रदर्शित 1981 (अ.) 716 (B). विधिसहितानि पंच प्रतिक्रमण सूत्राणि तथा श्रावकस्य सार्थानि पंच प्रतिक्रमण सूत्राणि {आगम आदि की सज्झाय, अचलगच्छीय प्रतिक्रमणसूत्र-विधि, स्तवनादि संग्रह) {दे.ना.} {891, 1033, 1035, 1132, 1283, 1295, 1513} | 1761 सज्झाय संग्रह. (दे.ना.} [T] ए. एम. एन्ड कंपनी अप्रदर्शित 1982 (अ.) 64 (D) {1036, 1565) 1762 गहुंली संग्रह भाग 1 {गु.} [T] अध्यात्म ज्ञान प्रसारक संपा.-मोहनलाल हिमचंद |1984 (4) 112 (C) {215, 335} मंडल {बुद्धिसागरसूरि वकील (2) ग्रंथमाळा 18} | 1763 श्रीमद् देवचंद्र (देवचंद्रजी उपा. कृत अध्यात्म ज्ञान प्रसारक संशो.-बुद्धिसागरसूरि 1985 (2) 660 (C) स्था.सूत्र की (मा.गु.) सज्झाय, अन्य मंडल {बुद्धिसागरसूरि स्तवन आदि भाग2 (दे.ना.) ग्रंथमाळा 53} |{141,845) | 1764 प्रकरणादि विचार गर्भित स्तवन माधवजी डुंगरशी शा. अप्रदर्शित 1989 (अ.) |334 (D) सज्झाय संग्रह. {दे.ना.} [T] | {845, 1036, 1130, 1565) 1765 पीस्ताळीश आगमनी पूजा अर्थ जैन धर्म प्रसारक सभा संपा.-कुंवरजी आणंदजी शाह |1992 (1) 80 (D) विवेचन. (कथाओ युक्त) {45 आगम की वीरविजयजी पं.कृत (गु.) पूजा सह कुंवरजी आणंदजी शाह कृत अनु.} {गु.) [T] {1569, 1571) 1766 गूर्जर साहित्य संग्रह (यशोविजयजी बावचंद गोपालजी शास्त्री संशो.-भद्रंकरविजयजी पंन्यास, 1992 (1) 653 (D) महो. कृत (गु.,सं.) स्तवन-सज्झाय मोहनलाल दलीचंद देसाई Page #326 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 279 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला} संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) आदि कृतियों का संग्रह) विभाग 1 {गु.) [T] {1560, 1564) 1767 प्राचीन स्तवनादि संग्रह {गु.} [T] कुंवरजी आणंदजी शाह संग्रा.-उत्तमश्रीजी साध्वी 1993 (अ.) 286 (D) {538) 1768 अध्यात्म रत्नमाळा (जीवविचार, कोरशी विजपाल जैन अप्रदर्शित 1993 (4) 820 (D) नवतत्त्व विगेरे साथे) {पुन्यप्रकाश का स्तवन, दश.सूत्र की वृद्धिविजयजी कृत सज्झाय आदि} {दे.ना., गु.) {178, 290, 907, 1035, 1513, 1558) 11769 प्राचीन-स्तवनादि संग्रह {गु.) [T] मोहनलाल रुगनाथ संग्रा.-तिलकविजयजी पंन्यास |1993 (1) 430 (D) {211,538,900,903,907, 1035, 1130) 1770 सज्झायमाळा {गु.} [T] {86,333, मफतलाल झवेरचंद गांधी संपा.-मफतलाल झवेरचंद गांधी 1995 (2) 248 (D) 890,900, 1035, 1564} 1771 जैन सज्झाय संग्रह [सचित्र] {गु.} [T] साराभाई मणीलाल नवाब संशो., संपा.-साराभाई 1996 (1) 512 (D) {207, 422, 900) मणीलाल नवाब 1772 आठ दृष्टिनी सज्झाय अर्थ युक्त तथा जैन धर्म प्रसारक सभा । अप्रदर्शित 1997 (अ.) 100 (D) समकितना 67 बोलनी सज्झाय सार्थ {शेठ माणेकलाल विगेरे. (यशोविजयजी महो. आदि कृत चुनीलाल ग्रंथमाला 5} सज्झाय आदि} {गु., दे.ना.} [T] (1560,1564} 1773 आवश्यक मुक्तावली (विविध स्तवन, लब्धिसूरि जैन ग्रंथमाला, संपा.-महिमाविजयजी 2011 (2) 670 (D) सज्झाय आदि} {गु., दे.ना.} [T] छाणी {क्र. 27} {1020, 1035,1513} 1774 समयसुन्दर-कृति-कुसुमाञ्जलि नाहटा ब्रधर्स {15} |संग्रा., संपा.-भंवरलाल नाहटा, 2013 (1) |790 (D) (कविवर की 563 लघु रचनाओं का अगरचंद नाहटा, संग्रह) समयसुंदरजी उपा.कृत संशो.-विनयसागरजी आगमिक सज्झायादि संग्रह (दे.ना.} [T] {87,143, 144,206,217,423, 540, 584,585,896,897,898, 910, 911,912,913, 1174} 1775 धर्मवर्द्धन ग्रन्थावली {धर्मवर्द्धनजी कृत सादूल राजस्थानी रिसर्च संपा.-अगरचंद नाहटा 2017 (1) 466 (D) 45 आगम का (मा.गु.) स्तवन आदि इन्स्टीट्यूट विविध कृतियाँ) (दे.ना.} [T] {330, 586, 1131, 1555} 1776 सज्जन सन्मित्र याने एकादश पोपटलाल केशवजी दोशी संग्रा.-पोपटलाल केशवलाल | 2021 (3) 1228 (B) महानिधी {गु.} {375, 484, 890, दोशी 903, 1020, 1035,1130, 1135, 1136, 1186, 1295, 1508, 1513, 1569} 1777 45 आगमनी पूजा तथा विधि {45 आत्म कमल अप्रदर्शित 2031 (#) 48 (D) आगम की रूपविजयजी पं. कृत पूजा) |लब्धिसूरीश्वरजी जैन (अ.) {गु.) {1570) ज्ञानमंदिर 1778 शासनप्रभावक आचार्य जिनप्रभ और अभय जैन ग्रंथमाला{30) लेखक-विनयसागरजी 2032 (अ.) 254 (D) Page #327 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 280 81. आगम सज्झाय आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) | 2041 (2) 222 (B) 2042 (अ.) 116 (D) 2043 (1) 1000 (C) |2044(2) 178 (D) 2047 (3) 68 (C) प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि उनका साहित्य (जिनप्रभसूरिजी कृत महोपाध्याय 45 आगम का (प्रा.) स्तवन आदि) {दे.ना.} [T, S] {1554} 1779| देवचंद्र पद्य पीयूष {देवचंद्रजी कृत जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ |संपा.-सोहनलाल भंसाली आगम आदि आधारित संघ, दिल्ली, जैन श्वेतांबर स्तवन-सज्झायादि कृतिसंग्रह) खरतरगच्छ संघ-ब्यावर {दे.ना.} [T] {141, 212, 845} | 1780 पिस्तालीस आगमनी मोटी पूजा अमृत पुण्योदय ज्ञानशाळा संयो.-दानसूरि (संक्षिप्त विवेचन सह) {45 आगम की रूपविजयजी पं. कृत (गु.) पूजा} {गु.) [T] {1570} 1781 जिन गुण मंजरी {प्राचीन चैत्यवंदनो, स्वयं चेरीटेबल ट्रस्ट संग्रा.-स्वयंप्रभाश्रीजी, स्तुति, स्तवन, ढाळिया, सज्झायोनो संपा.-स्वयंप्रभाश्रीजी संग्रह) {गु.} {8, 375, 420, 422, 484, 900, 902, 903, 1035, 1130, 1135, 1513, 1557, 1558) 1782 सज्झाय श्रेणी भाग 3 {गु.} {331, |अंजार तपगच्छ जैन संघ अप्रदर्शित 538, 900, 903, 908, 1135, 1508, आदि 1560) 1783 पिस्तालीस आगमनी मोटी पूजा. तथा श्रुतज्ञान प्रसारक सभा अप्रदर्शित पिस्तालीस आगमनो संक्षिप्त परिचय. {विजय देवसुर संघ {45 आगम की रूपविजयजी पं. कृत ग्रंथमाला 3} | (गु.) पूजा} {गु.} [T] {1570} | 1784 सज्झायादि संग्रह {आगमिक आदि सुशीलाबेन शाह संग्रा.,संपा.-नगीनदास सज्झायों का संग्रह) भाग 1-4 {गु.) केवलदास शाह {8,9,86,142,207, 208, 209, 211, 212, 213, 214,286, 287, 288, 289, 290, 291, 292, 331, 334,374,375,420,421,422, 423,455,456,457,484,538, 541,587,588,590,797,798, 799,892,893,894,897,898, 901,902, 903, 904, 905, 906, 907,908, 1034,1035,1036, 1037,1136,1137,1245,1295, 1334,1374,1375, 1508, 1557, 1558,1560,1561,1563,1565, 15661 1785| सुशील-यशो गुंजन (यशोविजयजी सुशील दिव्य किरण संयो.-दिव्यप्रभाश्रीजी, महो. आदि विरचित स्तवन-सज्झाय ज्ञानमंदिर तथा आराधना | किरणोदयाश्रीजी आदि-सार्थ (गु.)} {गु.} [T] (1560, 1564} 1786 सिद्ध स्तुति और नंदी स्तुति {दे.ना.} अखिल भारतीय सुधर्म जैन संग्रा.-रतनलाल डोशी संस्कृति रक्षक संघ (रत्न [T] {1295} 14) 2047 (1) 1532+682+ 724...%2594 (C) 2049 (1) 320 (D) भुवन 2054 (5) 92 (D) Page #328 -------------------------------------------------------------------------- ________________ आगम प्रकाशन परिचय 281 1789 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1787 45 आगम महापूजन विधि {45 आगम श्रुत प्रकाशन संयो.-दीपरत्नसागरजी 2054 (अ.) |64 (C) आगम की रूपविजयजी कृत (गु.) पूजा-विधियुक्त} {गु.) {1570) 1788| तीर्थयात्रा-शान्तिकं महापूजन विधि आदिनाथ मरुदेवा संशो.-वीरशेखरसूरि, 2054 (अ.) 380 (P) | आदि {45 आगम की रूपविजयजी विरामाता जैन पेढी संक.-जेठालाल भारमल शाह पं. और वीरविजयजी कृत (गु.) पूजा आदि} {गु., दे.ना.} {1569, 1570) अनुसंधान -15 {45 आगम की कलिकालसर्वज्ञ श्री संपा.-शीलचंद्रसूरि, हरिवल्लभ |2055 (अ.) 116 (C) उत्तमविजयजी कृत पूजा आदि} हेमचंद्राचार्य नवम जन्म चुनीलाल भायाणी डॉ. {दे.ना.} [T, S] {1568} शताब्दी स्मृति संस्कार शिक्षण निधि | 1790 अमृतागमम् {45 आगम की पंच दशा ओसवाल संपा.-विक्रमसेनविजयजी गणि 2056 (#) 82 (C) रूपविजयजी कृत (गु.) पूजा सह 45 सिरोहीया साथ (अ.) आगम का (हिं.) परिचय} {दे.ना.} गोटीवाला धडा ट्रस्ट {1570) 1791 जिनागम-परिचय {45 आगम का (हिं.) सुशील साहित्य प्रकाशन संपा.-जिनोत्तमसूरि 2057 (1) 178 (D) परिचय और रूपविजयजी कृत (गु.) | समिति (नेमि लावण्य पूजा) (दे.ना.} {1570} दक्ष सुशील ग्रंथमाला 115} 1792 ज्ञानविमल सज्झायसंग्रह ज्ञानविमल भक्तिप्रकाश संपा.-कीर्तिदार. जोशी, अभय |2059 (1) । 276 (C) {ज्ञानविमलसूरिजी कृत सज्झायों का प्रकाशन समिति दोशी प्रो., सह संपा.-विनोदचंद्र संग्रह) (ग.,दे.ना.) {178, 209, रमणलाल शाह 589,798, 899, 1034, 1137,1374, 1561, 1562, 1563} संपा.-राजहंससूरिजी |2060 (अ.) 112 (C) पिस्तालीस आगमनी पूजा (अनुवाद श्रुतज्ञान प्रसारक सभा साथे) {45 आगम की रूपविजयजी पं. कृत (गु.) पूजा सह प्रद्युम्नसूरिजी कृत अनु.} {गु.} [T] {1570, 1572} 1794 गूर्जर साहित्य संग्रह (यशोवाणी) श्रुतज्ञान प्रसारक सभा {आगमिक सज्झाय आदि) {गु., दे.ना.} [T, S] {1559, 1560, 1564} 1795 45 आगम आराधना विधि {45 आगम अरिहंत आराधक ट्रस्ट की रूपविजयजी पं. कृत (गु.) पूजा विधियुक्त} {गु.} {1570) संपा., संवर्धक-प्रद्युम्नसूरि, पूर्व 2061 (3) 674 (C) संपा.-भद्रंकरविजयजी पंन्यास, मोहनलाल दलीचंद देसाई संपा.-धर्मशेखरविजयजी |2063 (अ.) 104 (D) 2018 (अ.) 76 (P) 82. आगम चित्रसंपूट (1796-1799) | 1796 उत्तराध्ययनसूत्र चित्रावली (उत्त.सूत्र देवचंद लालभाई जैन परिचयकर्ता-साराभाई की चित्रावली सह (गु.) परिचय पुस्तकोद्धार फंड मणीलाल नवाब {गु., दे.ना.} {#} {ग्रंथांक 114) 1797 UTTARAJJHAYA-SUTTA: अप्रदर्शित (2) संपा.-Collette caillat (2) 2039 (अ.) 38 (A) Page #329 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 282 82. आगम चित्रसंपूट क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) ILLUSTRATIONS WITH A NARRATIVE SUBJECT AND ILLUSTRATIONS WITH EDIFYING CONNOTATION {उत्त.सूत्र की हस्तप्रत क्र.4385 के चित्र सह (अं.) परिचय} {रो.) [T] {#} 1798 कल्पसूत्र (बारसासूत्र) चित्रावली हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संयो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2045 (1) 48 (P) {कल्पसूत्र संबंधित चित्रसंग्रह}{गु.}{2} {ग्रं. 206} कल्पसूत्र चित्रसंपूट {कल्पसूत्र |ॐकार जैन तीर्थ कमिटी, संक.-विक्रमसेनविजयजी गणि, 2060 (अ.) 140 (C) संबंधित चित्रसंग्रह} {गु., दे.ना., पदमला चित्र.-विजयभाई श्रीमाली रो.{#) Page #330 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट 1 - कर्ता- संपादक अनुक्रमणिका (अकारादि सूची) क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) | K (कृति क्रमांक) P(प्रकाशन क्रमांक) 1 K(230, 341)P (377) |A.F. Rudolf Hoernle (A. F.R. Hoernle Dr.) [प्रका.सं. ई.1885] A.T.Upadhye (ए.टी. उपाध्ये) (प्रका.सं.ई.1936] | Albercht Weber (अल्वर्ट वेबर, ए. वेबर, अल्ब्रेख वेबर) [प्रका.सं.ई.1858] K(546)P(507) P(1639) K (658, 682, 708,732,7565) P(255,1429) K(296, 492,521, 1064) P(1548) P(1797) P(484,692,842,858) K (1531, 1543)P(1729) P(1441, 1442, 1453, 1454, 1479, 148136) | Amritials. Gopani Dr. (अमृतलाल सवचंद गोपाणी डॉ., A. S. Gopani Dr.) {जैन} [प्रका.सं. ई. 1934] Banarsidas Jain (बनारसीदास जैन, B. D. Jain) {जैन} [प्रका.सं. ई.1982] Collette caillat (कोलेट केलट) (प्रका.सं. ई.1983] | Ernst Leumann [प्रका.सं. ई.1883] Esther A. Solomon Dr. (एस्तेर सोलोमन डॉ.) [प्रका.सं.ई.1966] E. Max muller (फ्रेडरिच मेक्स मूलर, Friedrich Max Muller) [[प्रका.सं. ई.1879] H. H. Shah [प्रका.सं. ई.1938] Hermann Jacobi (हर्मन जेकोबी) [प्रका.सं. ई.1884] | 12 J. Soni Dr. (Jayendra Soni Dr.) [प्रका.सं. ई.2004] 13_|J. Stevenson (जे.स्टीवेन्सन) [प्रका.सं. ई.1848] | Jari Charpentier (जार्ल चापेन्टीयर) [प्रका.सं. ई.1980] 15 Jogendra Chandra Sikdar Dr. (J. C. Sikdar Dr.) [प्रका.सं. ई.1974] 16Jozef Deleu [प्रका.सं. ई.1963] 17 K. L. Munot [प्रका.सं.ई.1938] P(509) K (24,105, 946, 1385)P (708, 1133) K (38, 117) K (1393)P(1189) K (995)P (747) K (279)P(254) K (282,787)P (637) P(509) 18 |K.C. Lalwani (Kastur Chand Lalwani) [प्रका.सं. ई.1973] K (240, 524,1043a, 1086, 1399) P(293,879, 1200) P(1022) K (1202) | 19 |K. Kunjunni Raja [प्रका.सं. ई.1974] | 20 |K.R. Norman (के. आर. नोर्मन) (प्रका.सं. ई.1974] K.V. Abhyankar Prof. (काशीनाथ वासुदेव अभ्यंकर) [प्रका.सं. ई.1932] | Kanhaiyalal Chancharik (K.L.Chancharik) [प्रका.सं. ई.2004] K (1065) P(856) P (145, 811, 1479, 1643) K (381, 429)P (1418) K (383,431,495) P(467, 1494) | L. D. Barnett Dr. (Lionel D. Barnett Dr.) [प्रका.सं. ई.1907] | M.C. Modi (Madhusudan c. Modi, मधुसूदन चिमनलाल मोदी) [प्रका.सं.ई.1932] 25 | Madhu Sen (मधु सेन) [प्रका.सं.ई.1975] | Mahesh K. Jain Dr. (M. K. Jain Dr.) [प्रका.सं. ई.2004] K (785) P(145,811, 1479,1643) Page #331 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कर्ता - संपादक अनुक्रमणिका | क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) K (कृति क्रमांक) P(प्रकाशन क्रमांक) | N |N.V. Vaidya Prof. [प्रका.सं. ई.1940] | 28 | Nagindas Jivanlal Shah Dr. (नगीन जे. शाह, नगीनदास जीवणलाल |शाह डॉ.) {जैन तपा. [प्रका.सं.वि.2027] | Nathamalji Tatia Dr. (नथमलजी टाटिया डॉ.) [प्रका.सं. ई.1964] K (386,434) P(321,344,725, 1431,154435) K(610) P(1586, 1644,1645, 1646) K(35,55,245,253) P(70, 254,972,1112, 1546, 1549-6) P(104, 361,466, 1352) | P.L. Vaidya Dr. (परशुराम लक्ष्मण वैद्य डॉ.) [प्रका.सं. वि.1984] 31 Pritamlal N. Kachhi (प्रीतमलाल एन. कच्छी ) [प्रका.सं. ई.1988] 32 | Radha Burnier [प्रका.सं. ई.1974] P(1580, 1581) P(1022) | Royce wiles Prof. [प्रका.सं.ई.1998] P(1625) P(291, 1639) 34 Satyaranjan Banerjee Dr. (S.R. Banerjee Dr., सत्यरंजन बेनर्जी डॉ.) [प्रका.सं.ई.1981] | Suzuko Ohira [प्रका.सं. ई.1994] Taiken Hanaki (टाईकन हानाकी) [प्रका.सं. ई.1970] |v. Raghavan Dr. (वी. राघवन डॉ.) [प्रका.सं.ई.1974] wald smidt (वाल्ड स्मीड्ट) [प्रका.सं. वि.2020] 39 | walther Schubring Dr. (वोल्टर शुब्रींग डॉ.) [प्रका.सं. ई.1905] K(281) K (1345) P(1022) K (1463) K(27,107,788, 1066) P(4,8,650,676, 677, 842,849, 1300, 1301, 1348, 1425%D11) K (38, 117,813)P (660) | 40 |Willem B. Bollee Prof. (W. Bollee) [प्रका.सं.ई.2004] |41 || | अंदरजी घेलाभाई पटेल [प्रका.सं.वि.2046] P(763) | अंबिकादत्तजी ओझा - व्याकरणाचार्य [प्रका.सं.वि.1993) K (88, 100, 126, 1247, 124935) P(106,108) K (948, 1062)P (766,898, 1660) P (139, 560, 564, 1012, 1089, 1289, 1587%D7) P(1774, 1775) K(1024) | अकलंकविजयजी - गुरु-भुवनभानुसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2046] अक्षयचंद्रसागरजी गणि - गुरु-हेमचंद्रसागरसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं.वि.2056] अगरचंद नाहटा [प्रका.सं.वि.2013] 46 | अगस्त्यसिंह स्थविराचार्य (कलशभवमृगेंद्र) - गुरु-ऋषिगुप्तश्रमाश्रमण {वज्रशाखा} [# सदी 2-3 *] अजितदेवसूरि - गुरु-महेश्वरसूरिजी (पल्लीवालगच्छ) [र.सं. वि.1629#] | अजितशेखरसूरि - गुरु-अभयशेखरसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. ई.1988] | 49 | अजितसागरसूरि - गुरु-बुद्धिसागरसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं.वि.1977] | अज्ञात K(6) K (1325,1431,1455) P (554,1097, 1098, 1212, 1214,124336) K(1194,1200,1215, 1220) P(1423) K (30, 109, 203, 285,328,344,373,385, 396, 418, 419, 454,466, 483, 490, 498, 563, 655, 680, 705, 730, 753, 842, 844, 876, 878, 888, 889, 890, 891, 914, 928, 941, 942, 944, 950, 954,955, 967, 1022, 1023,1030, 1032, 1067, 1068, 1072, 1077, Page #332 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट 1 क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) अनंतयशविजयजी (जयानंदि) गुरु-यशोविजयजी पंन्यास (तपा.) [प्रका. सं. वि. 2067] - 52 अनुपमाजी साध्वी डॉ. गुरु मुक्तिप्रभाजी साध्वी डॉ. {स्था. } [प्रका. सं. ई. 2003] 53 अप्रदर्शित 54 अभय दोशी प्रो. [ प्रका. सं. ई. 2003] 55 अभयचंद्रसूरि गुरु-जगच्चंद्रसूरि (तपा.) [प्रका. सं. वि. 2060] 56 अभयदेवसूरि नवांगी टीकाकार {चंद्रगच्छ} [र. सं. वि. 1120] 58 - - 57 अभयशेखरसूरि गुरु-जयशेखरसूरिजी (तपा.} [ प्रका. सं. वि. 2058] अभयसागरजी पंन्यास. गुरु-धर्मसागरजी उपा. (तपा.) [प्रका. सं. वि. 2010] - 59 अमरमुनिजी उपप्रवर्तक गुरु पद्मचंद्रजी मुनि भंडारी ( स्था.) [प्रका. सं. वि. 2048] 60 अमरमुनिजी उपाध्याय गुरु- पृथ्वीचंद्रजी (स्था) [प्रका. सं. वि. 1989] - K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) 1079, 1104, 1118, 1189, 1193, 1196, 1197, 1199, 1213, 1214, 1217, 1218, 1219, 1225, 1229, 1231, 1273, 1289, 1292, 1293, 1294, 1362, 1404, 1417, 1461, 1462, 1506, 1507, 1512, 1514, 1515, 1517, 1522=80) P (95, 96) P (1561) 3 P (1, 10, 14, 19, 24, 27, 28, 78, 107, 114, 117, 148, 172, 256, 258, 261, 320, 327, 329, 330, 333, 340, 347, 349, 356, 359, 365, 392, 396, 398, 403, 418, 419, 439, 440, 446, 458, 464, 465, 470, 476, 483, 488, 501, 504, 511, 525, 624, 632, 707, 709, 712, 713, 715, 717, 721, 727, 735, 752, 754, 760, 765, 774, 777, 779, 815, 829, 837, 840, 841, 847, 850, 852, 853, 855, 857, 861, 862, 865, 876, 883, 885, 886, 890, 924, 944, 948, 961, 963, 1019, 1021, 1045, 1063, 1099, 1100, 1105, 1120, 1134, 1136, 1137, 1138, 1140, 1159, 1167, 1170, 1177, 1187, 1192, 1206, 1209, 1216, 1218, 1242, 1314, 1345, 1346, 1350, 1355, 1356, 1376, 1385, 1415, 1416, 1427, 1428, 1430, 1434, 1437, 1448, 1452, 1464, 1465, 1487, 1489, 1495, 1496, 1497, 1498, 1499, 1516, 1535, 1574, 1594, 1598, 1599, 1600, 1608, 1611, 1612, 1613, 1615, 1690, 1712, 1726, 1748, 1749, 1750, 1751, 1752, 1753, 1755, 1760, 1761, 1764, 1768, 1772, 1777, 1782, 1783=169) P (1792) P (675, 954, 1282) K (137, 176, 200, 284, 325, 372, 417, 452, 482, 516=10) K (1325, 1356, 1431) P (1129) K (1108) P (1651, 1654, 1708) K (46, 164, 247, 249, 303, 352, 402, 440, 473, 507, 529, 555, 634, 664, 689, 714, 740, 763, 809, 830, 859, 962, 1088, 1322, 1351, 1402=26) P (68, 123, 195, 279, 306, 342, 409, 445, 457, 497, 518, 596, 767, 911, 1088, 1123, 1264, 1466, 1478, 1527=20) P (627, 633, 863) Page #333 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कर्ता - संपादक अनुक्रमणिका क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) |61 अमरेन्द्रसागरजी- गुरु-हेमसागरसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2030] P(1339) 62 | अमित मुनि - प्रगुरु-रामजीलालजी {स्था.} [प्रका.सं. ई.1999] P(788) 63 | अमितप्रज्ञा साध्वी (तेरा.) [प्रका.सं. ई.2005] |K (1019)P(808) 64 | अमितयशविजयजी - गुरु-कलापूर्णसूरिजी {तपा.) [प्रका.सं. वि.2059] P(926, 928,940) 65 अमिताबाई महासतीजी-गुरु-सुमतिबाई महासतीजी (स्था.} [प्रका.सं. ई.2009] |K (932) 66 | अमृतभाई पटेल पंडित {जैन श्वेतांबर) [प्रका.सं. वि.2062] K (69)P(85, 389) | अमृतलाल अमरचंद सलोत [प्रका.सं. वि.1980] K (1422)P (1152) | अमृतलाल ओधवजी शाह [प्रका.सं. वि.1996] P(1165) | अमृतलाल मोहनलाल भोजक पंडित [प्रका.सं. वि.2024] K(609) P(89,95,549, 1365,1372, 1379, 15567) |70 | अमृतसूरि - गुरु-नेमिसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2016] P(1180) 71 | अमोलकऋषि - गुरु-चेनाऋषिजी {स्था.} [प्रका. सं. वि.1972] K (26, 95, 149, 182,232,295,345,382, 430, 464, 491, 520, 545, 568, 596, 615, 645, 656, 681, 706, 731, 754,778, 803, 826, 853, 949, 1063, 1145, 1306, 1344331) P (5, 100, 164, 202, 234, 319, 357, 391, 420, 437, 461, 486, 505,528, 546, 574, 600, 621, 649, 663, 679, 705, 846,960, 1064,1106,1421327) 72 | अमोलकचंद्र सुरपुरिया [प्रका.सं. ई.19402] P(867) 73 | अमोलकचन्द्रजी (अखिलेशमुनि) - गुरु-पृथ्वीचंद्रजी (स्था.} P(1073, 1366) [प्रका.सं. ई.1974] 74 | अमोलखचंद्र ऋषि - गुरु-जिनामृतचंद्रसूरिजी {लोंकागच्छ) [प्रका.सं. वि.1946] | P (583) 75 | अरुण शांतिलाल जोशी [प्रका.सं. ई.2001] K(1018)P (798) 76 | अरुणविजयजी पंन्यास - गुरु-सुबोधसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2038] K (1549) P (272, 374, 474, 1508, 1513, 1734, 174237) 77 | अरुणा मुकुंदकुमार लट्ठा (प्रका.सं. ई.2000] K(1497)P(1331) 78 | अशोककुमार सिंह डॉ. (ए. के. सिंह डॉ.) [प्रका.सं. ई.1998] K (822,833)P (670) 79 अशोक शाह [प्रका.सं. वि.2044] K (1551) 80 अशोकचंद्रसूरि (अशोकविजयजी - मुनि अव.) - गुरु-धर्मविजयजी पंन्यास | P(1191) {तपा.) [प्रका.सं.वि.2029] | अशोकसागरसूरि - गुरु-अभयसागरजी पं. {तपा.) [प्रका.सं. वि.2054] P(1222) आगमयशविजयजी - कलापूर्णसूरि समुदाय {तपा.} [प्रका.सं. वि.2059] P(926) 83 | आत्मारामजी आचार्य - गुरु-शालीग्रामजी मुनि (स्था.} [प्रका.सं. वि.1988] K (11, 21, 145, 151, 336, 340, 376, 380, 408, 424, 428, 650, 653, 675,678, 700, 703, 725, 728, 748, 751, 820,825,917, 938, 1039, 1056, 1298, 1305, 1343330) P(423,664,1109,1552) Page #334 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट1 |K (कृति क्रमांक) P(प्रकाशन क्रमांक) K (99) P(1086) क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) 84 | आनंद स्वाध्यायी (जैन स्था.} [प्रका.सं. वि.2042] | आनंदकुमार [प्रका.सं. ई.1997] 86 | आनंदसागरजी (वीरपुत्र) - गुरु-त्रैलोक्यसागरजी {ख.) [प्रका.सं. वि.1993] 87 आर. डी. वाडेकर [प्रका.सं. ई.1959] | आरतीबाई महासतीजी डॉ. - गुरु-लीलमबाई महासतीजी {स्था.} [प्रका.सं. वि.2009] | K(433,496,509, 1416)P (422, 424) P(725) K (66,248,275) P(135, 187,296,348,381,431,453,498, 519, 536,563,593, 635,921,995, 1122, 1526, 1530, 1531,1602,1604321) K (1153, 1157, 1161)P (1003) K (1329) P(1079) K (1523)P (368) K (1009)P (789) K (908) K (1568) P(1767) P(45) K (1420)P(1237, 1241) K (900) 89 | आर्यरक्षितविजयजी - गुरु-जितरक्षितविजय (तपा.} [प्रका.सं. वि.2067] 90 | आर्यरक्षितसूरि - गुरु-तोसलिपुत्राचार्यजी [र. सं. वि.114#] 91 | इंद्रसेनसूरि - गुरु-मेरुप्रभसूरिजी (तपा.) (प्रका.सं. वि.2044] 92 इन्द्रचंद्र शास्त्री डॉ. [प्रका.सं. वि.2021] 93 उज्ज्वलकुमारीजी साध्वी - गुरु-माणिक्यबाई साध्वी (अजरामर संप्रदाय) [प्रका.सं.वि.2017] 94 | उत्तमविजयजी - गुरु-खुशालविजयजी {तपा.} [र.सं. वि.1881] 95 उत्तमविजयजी गणि - गुरु-सुमतिविजयजी (तपा.[र.सं. वि.1834] 96 | उत्तमश्रीजी साध्वी प्रगुरु-लाभश्रीजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.1993] उदयचन्द जैन डॉ. प्रका.सं. ई.1989] | उदयप्रभविजय गणि - गुरु-हेमप्रभसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2055] | उदयविजयजी उपाध्याय - गुरु-सिंहसूरिजी (तपा.} [र.सं. वि.1714] 100 उदयसागरसूरि (ज्ञानसागरजी उपाध्याय) - गुरु-विद्यासागरसूरि {अचलगच्छ) [[र.सं. वि.1778] 101 उमंगसूरि - गुरु-विवेकविजयजी (तपा.) (प्रका.सं. वि.1993] 102 | उमरावकुंवर महासतीजी (अर्चना) - गुरु-सरदारकुंवर महासतीजी {स्था.) [प्रका.सं. वि.2048] 103 उमेदचंद रायचंद [प्रका.सं. वि.1979] 104 उमेशमुनि (अणु) - गुरु-सूर्यमुनि {स्था.} [प्रका.सं. वि.2049] | 105 | उर्मिलाबाई महासतीजी - गुरु-मुक्ताबाई महासती (स्था.} [प्रका.सं. वि.2031] 106 | उर्वशीबाई महासतीजी - गुरु-उषाबाई महासतीजी {स्था.} [प्रका.सं. वि.2031] 107 | उषाबाई महासती - गुरु-मुक्ताबाई महासती (स्था. [प्रका.सं. ई.1998] 108 | ऋद्धिमुनि - गुरु-जिनयशसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.1975] | 109 ऋषिपालित स्थविर (इसिवालिय थेर) 110 एम. वी. पटवर्धन प्रो. (M.V. Patwardhan, माधव वासुदेव पटवर्धन) K (1138, 1334, 1373) P(716,751,804) | K (1321) P(1757) K (411, 1002)P(402,802) K (96,499) K(350,359) K(112, 394,437, 506, 52235)P (786) P(845,899) K (1262) K (1114)P (859) Page #335 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कर्ता - संपादक अनुक्रमणिका क्र. | कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) P(1733) P(17, 110, 169, 170,726,871, 1008, 1440, 1576,1587,1698, 1720%D12) [प्रका.सं. ई.1933] 111 | ओंकारलाल मेनारिया [प्रका.सं. ई.1982] | 112 | कंचनसागरसूरि (कंचनविजयजी, कंचनसागर गणि) - उपसंपदा सागरानंदसूरिजी [प्रका.सं.वि.2023] 113 कनकचंद्रसूरि (कनकविजयजी मुनि, कनकविजयजी गणि) गुरु-रामचंद्रसूरिजी (तपा.} [प्रका. सं. वि.1997] | कनकप्रभाजी साध्वी (तेरा.} [प्रका.सं. ई.1993] 115 | कनकरत्नसूरि (कनकविजयजी) - गुरु-धर्मसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2057] K (1201, 1221, 1232, 1238) P(1194,1263,1435,1436) K (226,242, 1349)P (299, 1562) K (1406,1408,1537) P(1193, 1253, 1267, 1745) P(1185) K (179, 306) | 116 | कनकविमलसूरि - गुरु-रंगविमलसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं.वि.2024] 117 | कनकश्रीजी साध्वी {तेरा.} [प्रका.सं. ई.2003] | 118 | कनुभाई व्रजलाल शेठ डॉ. [प्रका.सं. वि.2057] 119 कन्हैयालालजी मुनि - गुरु-घासीलालजी मुनि {स्था.} [प्रका.सं. वि.2004] P(1569) K (1377, 1383, 1391, 1392, 1427, 142806) P (21, 23, 118,119, 173,174,208, 209, 250, 251, 325, 339, 366, 367, 393, 394, 425, 426, 443, 444, 471, 493, 512,513, 529,530,550, 551,575,576,586, 587, 601,625, 666, 723, 724,880,881, 969, 1069, 1076, 1111, 1178, 1179, 1500, 1502, 1503-48) K (155, 184,241,616, 781, 806, 827, 855, 858-9)P (37, 46, 124, 175, 210, 216, 277, 627, 628,629, 633,655,667, 668, 671, 683, 685, 748, 753, 1082, 1113, 1387, 1388, 1455, 1514,1556, 1557, 1559, 1560, 1561,1563, 1566,1569, 1570,1619335) | 120 कन्हैयालालजी मुनि (कमल) - गुरु-प्रतापमलजी {स्था.} [प्रका.सं. वि. 2023] K (1015, 1113)P(783,893, 1716) K (883) P(1080) P (266, 332, 399,739,744,746=6) 121 | कमलचंद सोगानी डॉ. प्रका.सं. ई.1998] | 122 | कमलसंयम उपाध्याय - गुरु-जिनभद्रसूरिजी (ख.) [र.सं.वि.1544] 123 कमला जैन [प्रका.सं. वि.2048] 124 कमळाबाई महासतीजी - गुरु-शारदाबाई महासतीजी (स्था.) [प्रका.सं. वि.2028] 125 | करुणाहष्टि विजयजी-गुरु-जयसुंदरसूरि (तपा.} [प्रका.सं. वि.2067] | 126 कर्नल दलपतसिंघ बाया (डी. एस. बाया डॉ., D. S. Baya Dr.) - श्रेयस [प्रका.सं. ई.2004] | 127 कर्पूरविजयजी (सद्गुणानुरागी, सन्मित्र) - गुरु-वृद्धिचंद्रजी (तपा.) [प्रका. सं. वि.1981] 128 | कलानाथ शास्त्री [प्रका.सं. ई.1988] | 129 | कलापूर्णसूरि - गुरु-कंचनविजयजी {तपा.} (प्रका.सं. वि.2038] P(1016, 1018) K (1261,1277, 1282,1488) K (1484)P(1141,1417) K (1467) K (1256) 130 कलाप्रभसागरसूरि - गुरु-गुणसागरसूरिजी {अचलगच्छ) [प्रका.सं. वि.2031] | P(1195, 1211, 1231, 1247) Page #336 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट 1 क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) K (कृति क्रमांक) P(प्रकाशन क्रमांक) 131 कल्पतरुविजयजी गणि - गुरु-कलापूर्णसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2063] P(1697) 132 कल्पनाबाई महासतीजी - गुरु-उषाबाई महासतीजी {स्था.} [प्रका.सं. ई.2004] |K (531) 133 कल्याणऋषि - गुरु-अमोलकऋषिजी (स्था.} [प्रका.सं. वि.2006] P(138,795, 1702) 134 कल्याणबोधिसूरि - गुरु-हेमचंद्रसूरिजी (तपा.} प्रका.सं. वि.2048] K (94,1464,1473, 1475, 154135) P (128, 154, 1081, 1280, 1281, 1282, 1307, 1308, 1310, 1700, 1746%3D11) 135 कल्याणविजयजी उपाध्याय - गुरु-हीरविजयसूरिजी (तपा.} K (624) [र.सं. वि.1639] | 136 | कल्याणविजयजी पंन्यास - गुरु-केसरसूरिजी (तपा.} K (1492, 1493)P (1329) [प्रका. सं. वि.2036] 137 कल्याणीकुमारी साध्वीजी - गुरु-रूक्ष्मणी साध्वीजी {अजरामर संप्रदाय} P (1601) [प्रका.सं. ई.1995] 138 कांतिऋषिजी आचार्य - गुरु-छगनऋषिजी {स्था.} [प्रका.सं. वि.2045] | K (934)P (761) 139 कांतिभाई बी. शाह डॉ. {जैन तपा.} [प्रका.सं. ई.1988] P(298) 140 कांतिलाल खेमचंद कापडिया डॉ. (Kantilal Kapadia) {जैन श्वेतांबर) K (116, 118,968, 1076) [प्रका.सं. ई.1999] P(141, 142,797,912) 141 कांतिलाल जगजीवनदास गांधी {जैन स्था.) [प्रका.सं. वि.2061] P(1605) 142 | कांतिविजयजी - गुरु-कीर्तिविजयजी {तपा.) [गु.भ्रा.सं. वि.17232] K (8) 143 | किरणबाई महासती - गुरु-उषाबाई महासतीजी (स्था.) [प्रका.सं. वि.2032] K (394, 437, 522, 663, 688, 713, 739, 76238) 144 | किरणोदयाश्रीजी - गुरु-चंद्राश्रीजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2049] P(1785) 145 | कीर्तिदार. जोशी (कीर्तिदा शाह) [प्रका.सं. ई.2003] P(1792) 146 | कीर्तियशसूरि - गुरु-गुणयशसूरि (तपा.} [प्रका.सं. वि.2057] K (134, 1206, 1518, 1519) P (73, 1027, 1030, 1269, 1270, 1291, 172337) | 147 | कीर्तिसेनविजयजी - गुरु-चिदानंदसूरिजी (तपा.) (प्रका.सं. वि.2027] P (1731) 148 | कुंवरजी आणंदजी शाह {जैन श्वेतांबर) [प्रका.सं. वि.1992] K (183, 194,569,657,667,683,692, 707, 717, 733,755,1458, 1516, 1571314) P(205. 1765) 149 कुमुदचंद्र गोकळदास शाह प्रो.(प्रो.के.जी.शाह) - जननयन [प्रका.सं.ई.2047] | P (1660) 150 कुमुदसूरि (कुमुदचंद्रसूरि) - गुरु-मणिविजयजी पं. (तपा.} P(16,48, 92,665,675,959,976, 100538) [प्रका.सं. वि.1976] 151 कुलचंद्रसूरि - गुरु-प्रेमसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2045] K (18, 93) P (74,644, 647, 675, 1212, 1214,1280,1281,128239) 152 कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ. (समणी) {तेरा.) [प्रका.सं. ई.1984] K (816,873,874,875,1185-5) P (654, 657, 697, 985, 1014, 1525, 1549, 1579.1582%3D9) 153 | कुसुमभाई सोमचंद झवेरी [प्रका.सं. वि.2058] P(1694) 154 कृपा साध्वी - गुरु-विमलाश्रीजी (स्था.} [प्रका.सं. ई.2011] P (1699, 1701) Page #337 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कर्ता- संपादक अनुक्रमणिका K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) K (1547)P (1739) P(56,1577, 1583,1586) P(738) P(1614) P(763,781,796) K (1350) K (1381) K (1048)P(914) P(1624) K(999, 1000, 1001) K (1121) K (1122) K (1556) क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) 155 | के. रामप्पा (K. Ramappa) [प्रका.सं. ई.1989] 156 | के. आर. चंद्र डॉ. [प्रका.सं. ई.1970] 157 केवलदासजी मुनि - गुरु-केशवलालजी (स्था.} [प्रका.सं. वि.2027] 158 केवलमल लोढा [प्रका.सं. ई.2010] 159 | केवलमुनि (चिद्विलास) {स्था.} [प्रका.सं. वि.2046] 160 | केवलमुनि उपाध्याय {स्था.} [प्रका.सं. वि.2044] 161 | केशरमुनि - गुरु-यशोमुनिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.1999] 162 केशरसूरि - गुरु-कमलसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.1967] 163 केशरीचंद हीराचंद झवेरी [प्रका.सं. वि.2023] | 164 | केशवमुनि (केशव गुरुदेव) - अध्यात्म योगी {स्था.} [प्रका.सं. वि.2027] 165 | कोट्टार्यवादिगणिमहत्तर (कोट्यार्य) (निर्वृतिकुल) | 166 कोट्याचार्य (सदी 8वीं#] | 167 क्षमाकल्याणजी उपाध्याय - गुरु-अमृतधर्म उपा. (ख.} [र.सं. वि.1827] | क्षमाभद्रसूरि (क्षमाविजयजी उपाध्याय) - गुरु-अमीविजयजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.1997] 169 | क्षमारत्नमुनि - गुरु-जयकीर्तिसूरिजी {अचलगच्छ} [र.सं. वि.1450#] 170 | क्षेमकरसागरजी - गुरु-सागरानंदसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2003] 171 | क्षेमकीर्तिसूरि - गुरु-विजयचंद्रसूरिजी (तपा.} [र.सं. वि.1332] | 172 | क्षेमराज उपाध्याय (खेमराज गणि) - गुरु-सोमध्वजजी {ख.} [र.सं. वि.1546] 173 |खांतिविजयजी पंन्यास (क्षांतिविजयजी पंन्यास) - गुरु-उमेदविजयजी (तपा.} [प्रका.सं.वि.1981] 174 खुशालचंद्र [र.सं. वि.1886] | 175 | खोडाजीऋषि (खोडाजी स्वामी,खोडीदास स्वामी, पंगु) - गुरु-डोसाजी स्वामी (वृद्ध) {स्था.} [दी.सं. वि.1908] 176 गंभीरविजयजी पंडित - गुरु-वृद्धिचंद्रजी (तपा.} [र.सं. वि.1952#] 177 गजसिंह राठोड ठाकुर [प्रका.सं. ई.1974] 178 | गणेश ललवानी (Ganesh Lalwani) [प्रका.सं. ई.1988] | 179 | गिरीशचंद्रजी महाराज - गुरु-जयंतीलालजी महाराज (स्था.} [प्रका.सं. वि.2033] गुणचंद्रसागरजी- गुरु-चंद्राननसागरसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2054] P(1044) K (1173) P (17, 110, 169, 170, 871, 1576, 1587, 1720%D8) K (843) K(893) K (1476) P (1309) K (332) | K(292) K (10) K (1492, 1493)P(413, 1329) P(492, 1639) K (1005) 180 P(1230) Page #338 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट 1 क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) K (कृति क्रमांक) P(प्रकाशन क्रमांक) 181 गुणरत्नसूरि - गुरु-देवसुंदरसूरिजी [जी.काळ सं. ई.1363-1439#] K (1188, 1191, 1212, 1236) 182 | गुणवंत बरवाळिया - गुंजन {जैन स्था.} [प्रका.सं. ई.2003] P(1695) 183 | गुणविजयजी गणि - गुरु-कनकविजयजी गणि {तपा.} [र.सं. वि.1668] K(1508) 184 | गुणसागरजी - गुरु-सागरानंदसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2020] P(1576) 185 | गुणसागरसूरि - गुरु-गौतमसागरसूरिजी {अचलगच्छ) [प्रका.सं. वि.2036] K (1394, 1436)P (1201, 1393) 186 गुणहंसविजयजी- गुरु-चंद्रशेखरविजयजी पंन्यास (तपा.} [प्रका.सं. वि.2059] |K (973, 990, 992, 1081, 1095, 1097, 1100, 1449,1451,1452,1455,1456%D12) P(945, 1293,1722) 187 गुलाबबाई साध्वी(महासती) - गुरु-उजमबाई महासतीजी {स्था.} K (1044,1051) [प्रका.सं.वि.2058] 188 गुलाबविजयजी उपाध्याय - गुरु-राजेंद्रसूरिजी {त्रिस्तु.} [प्रका.सं. वि.2002] P(1315, 1318, 1328) 189 गोपालदास जीवाभाई पटेल [प्रका.सं. ई.1938] K (29, 108, 233, 387, 435, 497, 953, 1069%D8) P(42,151,241,762,941,143336) 190 | घासीलालजी महाराज - गुरु-जवाहरलालजी मुनि (स्था.} [प्रका.सं. वि.1992] K (13, 17,56,57,89,92,98, 101,102, 128, 129, 146, 148, 167, 168, 180, 195, 196, 225, 228, 236, 237,254, 255,293, 311, 312, 337, 338, 363, 364, 378, 406,407, 425, 426, 447, 448, 460, 475, 476, 487, 510, 511, 512, 513, 518, 532, 533, 542, 543, 548, 549, 558, 559, 565, 566, 575, 576,592, 593, 594, 595, 605, 606, 613, 614,620, 621, 628,629, 638,639,643, 644, 651, 652,668,669, 676,677,693, 694,701, 702, 718, 719, 726, 727, 742, 743, 749, 750, 765, 766, 772, 773, 774, 775, 776, 800, 801, 821, 823, 835, 836, 846, 847, 848,849,850, 918, 929, 935, 936, 993, 994, 1040, 1046, 1053, 1102, 1103,1141,1142,1162,1163,1299, 1302, 1326, 1327, 1336, 1339, 1354, 1355, 1378%3D135) 191 घीसूलालजी सा. पितलिया [प्रका.सं. ई.1978] K(357) 192 | चंदनबालाश्रीजी - गुरु-रोहिताश्रीजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2059] P(804,826,827) 193 | चंदनसागरजी गणि - गुरु-विजयसागरजी पं. (तपा.) K(322) [प्रका.सं. वि.2008] P (249, 1296,1439) 194 | चंदना साध्वी - दर्शनाचार्या (स्था.} [प्रका.सं. वि.2028] K (976)P (780) 195 | चंदुलाल छगनलाल शाह [प्रका.सं. वि.1981] P(1153) 196 | चंद्रकांत एम. शेठ {जैन स्था.} [प्रका.सं. ई.1999] P(66) 197 | चंद्रकीर्तिसागरजी - गुरु-नरदेवसागरसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2055] P(790) K (1291) 198 | चंद्रकीर्तिसूरि - गुरु-विमलसूरिजी (तपा.} [र.सं. वि.1216] 199 | चंद्रगुप्तसूरि - गुरु-अमरगुप्तसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2063] K (1013, 1091)P (54, 200, 776, 792, 831, Page #339 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कर्ता - संपादक अनुक्रमणिका क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) K (कृति क्रमांक) P(प्रकाशन क्रमांक) 916,938,943, 1257, 1260%D10) K (33, 187) P(45,126,215) K (626) |200 | चंद्रप्रभसागरजी महोपाध्याय - गुरु-जिनकांतिसागरसूरिजी {ख.} [प्रका.सं. ई.1989] | 201 | चंद्रभाणजी ऋषि [प्रका.सं. वि.1946] |202 | चंद्रभाल त्रिपाठी डॉ. [प्रका.सं. ई.1994] 203 | चंद्रयशसूरि - गुरु-स्थूलभद्रसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2044] | 204 | चंद्ररत्नसागरसूरि - गुरु-जिनरत्नसागरसूरि (तपा.} [प्रका.सं. वि.2057] K (792) P(895, 1249) P (72, 137, 189, 223, 297, 343, 535, 561, 645, 800, 1395, 1396, 1397, 1398, 1399, 1400, 1401,1402,1403,1694%3D20) K (1107, 1433) P(931, 1254, 1722) P(111, 244, 323, 324, 335, 118336) K (1207, 1226) 205 चंद्रशेखरविजयजी पंन्यास - गुरु-प्रेमसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2060] | 206 | चंद्रसागरसूरि - गुरु-सागरानंदसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2006] 207 |चंद्रोदयसागरजी - गुरु-सागरानंदसूरि (तपा.} | [प्रका.सं. वि.2019] 208 | चंद्रोदयसूरि - गुरु-कस्तूरसूरि (तपा.} [प्रका.सं. वि.2010] | 209 | चंपक मुनि (स्था.) [प्रका.सं. वि.2023] |210 | चंपकलाल सी. शाह (जैन श्वेतांबर) [प्रका.सं. वि.2054] | 211 | चतुरविजयजी गुरु-कांतिविजयजी प्रवर्तक (तपा.) [प्रका.सं. वि.1970] P (1650) K (31, 393)P (31, 397) P(784) K (1255)P (544,680, 1340, 1341, 134335) P(413) P (185, 191) K (1532)P (1731, 1732, 1743) P(1440) | P(245,252) 212 | चांदमल कर्णावट (प्रका.सं. ई.2005] |213 चिदानंदविजयजी (तपा.} [प्रका.सं.वि.2056] | 214 | चिदानंदसूरि - गुरु-निपुणप्रभसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2027] 215 | चीमनलाल दलसुखभाई गांधी (जैन) [प्रका.सं.वि.2019] |216 | चीमनलाल नाथालाल शाह - श्रीकान्त {जैन श्वेतांबर} [प्रका.सं. वि.2007] 217 चुनीलाल हकमचंद शाह [प्रका.सं. ई.1980] 218 | चुनीलालजी मुनि (चित्तमुनि) - गुरु-नानचंद्रजी मुनि {अजरामर संप्रदाय) [प्रका.सं.वि.1933] छगनलालजी आचार्य - गुरु-चौथमलजी मुनि {स्था.} [प्रका.सं.वि.1993] 220 | छगनलालजी शास्त्री डॉ. (Chhaganlal Shastri) [प्रका.सं. ई.1990] K (1154, 1159) P(1647) 219 P(1353) K (294, 358,528, 544, 630, 633, 777, 802,824,852,1341%D11) P(383,494,589) P(1501) 221 | छबीलदास केशरीचंद संघवी - पंडित (जैन तपा.) (प्रका.सं.वि.2004] K(465)P (442) 222 | छोटालालजी मुनि - गुरु-लाधाजीस्वामीजी {स्था.) [प्रका.सं. वि.2012] 223 | जंबूविजयजी (आगमप्रज्ञ) - गुरु-भुवनविजयजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2033] P (35, 89, 95, 122, 192, 198, 225, 226, 227, 338, 1121, 1131, 1380, 1506, 1511315) Page #340 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट 1 |K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) K (1411)P (1647) K (239)P (260) K (239, 598)P (260, 552) K (68)P (40) क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) | 224 | जगजीवन लालजी दोशी {जैन स्था.) [प्रका.सं. ई.1971] 225 | जगदीशमुनि - गुरु-प्राणलालजी (स्था.} [प्रका.सं. वि.2025] 226 जनक मुनि (जनकरायजी) - गुरु-प्राणलालजी मुनि (स्था.} | [प्रका.सं. वि.2025] 227 जनकचंद्रसूरि - गुरु-वल्लभसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. ई.1987] 228 जयंतविजयजी - गुरु-धर्मसूरि (काशीवाळा) {तपा.} [प्रका.सं. वि.1980] 229 जयंतसेनसूरि (जयंतविजयजी) - मधुकर, गुरु-यतीन्द्रसूरि (त्रिस्तु.) [प्रका.सं. वि.2044] 230 जयकीर्तिसूरि - गुरु मेरुतुंगसूरिजी {अचलगच्छ) [जी.काळ सं. वि.1433-1500] 231 जयकुमार मुनि (तेरा.} [प्रका.सं. ई.2004] 232 जयप्रभविजयजी - श्रमण {त्रिस्तु.} [प्रका.सं. वि.2058] 233 | जयभूषणविजयजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2070] 234 जयरंगविजयजी उपाध्याय (जेतसीजी, जयंतसिंहजी) गुरु-पुण्यकलशजी उपाध्याय (ख.} [र.सं. वि.1707] 235 जयविजयजी पंडित - गुरु-विमलहर्षजी उपाध्याय (तपा.) [र.सं. वि.1677] 236 जयाचार्य (जय) - गुरु-भारमल आचार्यजी (तेरा.) [जी.काळ सं. वि.1860-1938] 237 | जयानंदविजयजी (त्रिस्तु.) [प्रका.सं. वी.2527] P(706,826) K (362,370, 1424,1536, 1548-5) P (382, 387, 1239, 1259, 1689, 1710, 1744%D7) K (882) P(1571) K (15,36,53) P (836, 1295) K (1036) K (1364) K(218, 219, 220, 1335) , K (1045, 1074, 1111, 1259) P (162, 197, 565, 906, 920,934,1048, 132878) K (259) P(1605) 238 जवाहिरलालजी आचार्य (जवाहरलालजी आचार्य) {स्था.} [प्रका.सं. वि.2002] 239 | जशवंतलाल शांतिलाल शाह {जैन स्था.} [प्रका.सं. वि.2061] | 240 | जसराजजी सिंघी (जैन श्वेतांबर) [प्रका.सं. वि.2027] 241 | जसविजयजी- गुरु-खीमाविजयजी (तपा.} [र.सं.वि.1784] 242 | जितरत्नसागरसूरि (राजहंस) {तपा.} [प्रका.सं. वी.2527] K(268) | K(9) P (72, 137, 189, 223, 297, 343, 535, 561, 645, 800, 1395, 1396, 1397, 1398, 1399, 1400, 1401, 1402, 1403, 1694%320) P (804,1477, 1551, 1640) 243 जितेन्द्र बी. शाह (Jitendra B. Shah, जे. बी. शाह, J.B. Shah) (जैन श्वेतांबर) [प्रका.सं. ई.2000] 244 | जितेन्द्रकुमारजी मुनि (तेरा.) [प्रका.सं.ई.2004] | 245 | जितेन्द्रसूरि - गुरु-भुवनभानुसूरि (तपा.} [प्रका.सं. वि.2050] P(658) P(772) 246 | जिनकृपाचंद्रसूरि - गुरु-युक्तिअमृतजी उपा. {ख.} (प्रका.सं. वि.1975] K (1413)P (1148) |K (1296, 1301) 247 जिनचारित्रसूरि - गुरु-जिनकीर्तिसूरिजी (ख.} [प्रका.सं. ई.1997] | 248 | जिनदत्तसूरि (सोमचंद्र मुनि - मुनि अव.) - गुरु-धर्मदेवउपाध्याय (ख.) K (1170) Page #341 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 121 क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) [जी.काळ सं. वि. 1132-1211] 249 जिनदासगणिजी महत्तर गुरु गोपालगणि महत्तर (वज्रशाखा } (र.सं. वि.7330) कर्ता संपादक अनुक्रमणिका 250 जिनप्रभसूरि (शुभतिलक उपाध्याय उपा. अब.) गुरु जिनसिंहसूरिजी {लघु ख.) [दी.सं. वि. 1326#] 251 जिनप्रभाश्रीजी साध्वी {तेरा. } [प्रका. सं. ई. 1993 ] 252 जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण - पूर्वधर (निर्वृतिकुल} [शक सं. 531#] 253 जिनमणिसागरसूरि (मणिसागर) - गुरु-सुमतिसागरजी उपा. {ख.} [प्रका. सं. वि. 1975 ] 254 जिनविजयजी (जिनविजयजी मुनि अब पुरातत्त्वाचार्य जेन तपा.) [प्रका. सं. वि. 1981) 255 जिनविजयजी गणि गुरु क्षमाविजयजी तपा.] [दी.सं. वि. 1770#) - 256 जिनहंससूरि (धर्मरंगजी मुनि अव . ) - गुरु-जिनसमुद्रसूरिजी (ख.} [सं. वि. 1573] 257 जिनहर्षसूरि (जसराज) गुरु- शांतिहर्ष (ख.) [र.सं. वि. 1729) 258 जिनेन्द्रविजयजी (जलज) - गुरु नरेन्द्रविजयजी (त्रिस्तु } [प्रका. सं. ई. 1993 ] 250 जिनेन्द्रसूरि गुरु-अमृतसूरिजी तपा.) प्रका. सं. वि. 2022] 280 जिनेशचंद्रविजयजी गणि गुरु-निर्मलचंद्रविजयजी गणि (तपा.) [प्रका. सं. वि. 2058] 261 जिनोत्तमसूरि गुरु-सुशीलसूरिजी तपा.) [प्रका, सं. वि. 2055] 262 जीतमलजी चोपडा (प्रका. सं. वि. 2023] 263 जीतमुनि अध्यात्मजीत [प्रका. सं. वि. 1975 ] 264 जीतविजयजी गुरु पद्यविजयजी तपा.) 265 जीवणलाल छगनलाल संघवी (जैन स्था. } [प्रका. सं. वि. 2029] 266 जीवन मुनि स्था.) [प्रका. सं. वि. 1941 ] 267 जीवराज बेलाभाई दोशी डॉ. जैन स्था.) प्रका. सं. वि. 1967) 268 जेठमलजी मुनि (रूपविजयजी)-गुरु-विनयविजयजी (स्था.) विद्यमान सं. ई. 1823) K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) K (3, 80, 199, 770, 819, 879, 1025, 1120, 1286, 1330, 1443=11) K (1361, 1554) P (1562) K (867, 868, 1119, 1121) K (1415) P (1146) P (693, 694, 1532) K (213,457) K (5) K (331, 901, 1037) P (1659) P (29, 34, 41, 90, 121, 127, 177, 188, 211, 214, 268, 294, 331, 336, 372, 404, 430, 449, 452, 479, 491, 495, 516, 538, 553, 555, 562, 579, 591, 603, 606, 609, 613, 615, 618, 639, 730, 758, 771, 918, 988, 989, 991, 992, 993, 994, 1011, 1023, 1025, 1032, 1039, 1041, 1047, 1050, 1058, 1084, 1124, 1127, 1198, 1220, 1221, 1288, 1298, 1317, 1319, 1320, 1330, 1367, 1368, 1369, 1370, 1371, 1373, 1374, 1375, 1384, 1451, 1504, 1505, 1509, 1512, 1798=82) P (922) P (88, 1718, 1737, 1791) K (405) K (1388) P (1147) K (538) P ( 731, 740) K (649, 674, 699, 724, 747-5) K (150, 339, 804, 851, 930, 1047=6) P (166, 360, 650, 678, 701, 708, 849=7) K (907) Page #342 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट 1 274 क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) K (कृति क्रमांक) P(प्रकाशन क्रमांक) 269 | जेठालाल भारमल शाह [प्रका.सं. वि.2054] P(1788) | 270 जेठालाल हरिभाई शास्त्री [प्रका.सं. वि.1981] K (183, 194, 297, 384,432, 505, 657, 667,683,692, 707,717, 733,755,917a, 951%D16) | 271 ज्ञानचंद्र जैन [प्रका.सं.वि.2022] P(1344) | 272 | ज्ञानमुनि - पंजाब केसरी {स्था.} [प्रका.सं. वि.2010] K (388,486,488,602,1337,134236) P(406,410,472,557,111735) |273 | ज्ञानविमलसूरि (नयविमल गणि, नयविमलजी - मुनि अव.) K (178, 209, 453, 589, 798, 899, 1034, गुरु-धीरविमल गणि {तपा.) [र.सं. वि.1770] 1137,1374,1561,1562,1563%3D12) | ज्ञानसागरजी - गुरु-माणेकसागर {अचलगच्छ} [र.सं. वि.1724] K(422) ज्ञानसागरसूरि भट्टारक - गुरु-देवसुंदरसूरिजी (तपा.} [र.सं. वि.1440] K (1128, 1447) 276 | ज्ञानसुंदरजी मुनि (ज्ञानसुंदरजी, देवगुप्तसूरि) - गयवरचंदजी (उपकेशगच्छ) K (367, 413,450,671,696, 721, 744,767,1 [र.सं. वि.1972] 783, 815, 838, 865%3D12) P (462, 1065, 1424,1588, 1589, 1590, 1591, 1592, 1593, 1595-10) 277 ज्योतिबाई साध्वी(महासती) - गुरु-हीराबाई महासती (स्था.} [प्रका.सं. ई.2003] | K (412) P (417) | 278 झवेरचंद जादवजी कामदार {जैन स्था.} [प्रका.सं. वि.1973] P(1104) |279 | ठाकरसीभाई करसनजी शाह {जैन स्था.) [प्रका.सं. वि.2020] K(44,104,805,854,1060%35) P(116,652,682, 888, 135935) |280 | डुंगरशी मुनि - गुरु-रत्नचंद्रजी स्वामी {स्था.} [प्रका.सं. वि.1986] K(28,112a, 349,959)P(9, 121a, 370,743) 281 | डोलरबाई महासतीजी - गुरु-लीलमबाई महासतीजी {स्था.} K (811,832,861) [प्रका.सं. ई.2006] 282 | तत्त्वदर्शनविजयजी - गुरु-रामचंद्रसूरिजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.2055] P(62) 283 | तत्त्वप्रभविजयजी गणि - गुरु-जिनप्रभसूरिजी (तपा.) P (833,951, 955, 1325, 1326, 132736) [प्रका.सं. वि.2068] 284 | तत्त्वरुचिविजयजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2070] P(836) | 285 | तपोरत्नसूरि - गुरु-बोधिरत्नसूरिजी (तपा.} [कृति संशो.सं. वि.2046] K (1384) 286 | तरलाबहेन ए. दोशी {जैन स्था.} [प्रका.सं. वि.2069] P(835) 287 | तरुणमुनिजी - गुरु-अमरमुनिजी {स्था.} [प्रका.सं. वि.2057] P(518, 1123, 1466) 288 तिलकविजयजी [प्रका.सं. वि.1980] P(8) 289 तिलकविजयजी पंन्यास - गुरु-बुद्धिविजयजी (तपा.) P(1769) [प्रका.सं.वि.1993] 290 तिलकसूरि (तिलकप्रभसूरि, तिलकाचार्य) - गुरु-शिवप्रभसूरिजी {चंद्रगच्छ} |K (1027, 1126) [र.सं. वि.1304] 291 | तिलोक मुनि (त्रिलोक मुनि, त्रिलोकचंद्र) - आगम मनीषी {स्था.) K(65,278,781,814,837,86336) [प्रका.सं. वि.2048] P (46, 220, 310, 570, 629, 1406, 1407, 1408, 1409,1413, 1414,1514,1661, 1662, 1663,1664,1665,1666,1667,1668,1669, 1670, 1671,1672,1673, 1674,1675, 1676, 1677, 1678, 1679, 1680, 1681, 1682, 1683, 1684,1685,1686,1687,1688%D40) Page #343 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कर्ता - संपादक अनुक्रमणिका क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) K(कृति क्रमांक) P(प्रकाशन क्रमांक) 292 | त्रिभोवनदास रुगनाथदास [प्रका.सं.वि.1978] 293 त्रिलोक शर्मा डॉ. प्रका.सं.वि.2057] K (106)P (102) P (195, 306, 457, 497, 518, 596, 1466, 1478,152739) 294 | त्रैलोक्यसागरजी - बुद्धिसागरसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2063] P(1410) P(1360) 295 | दमयंतीश्रीजी - गुरु-वसंतश्रीजी (तपा.} [प्रका.सं.वि.2020] | 296 | दयामुनि (बुधाभाई महासुखराम शाह - संसारी अव.) (स्था.} [प्रका.सं. वि.2009] | 297 | दलसुखभाई मालवणिया पंडित [प्रका.सं.वि.2011] K (956,1071) P(870, 891) K (160, 609, 784, 1529, 15525) P (287, 549,623, 642, 980, 1301, 1338, 1365, 1438, 1556, 1557, 1559, 1560, 1577, 1583, 1631,1633, 1634,1735-19) K(202) 298 | दानशेखरसूरि - गुरु-अनंतहंस गणि (तपा.} [र.सं. वि.1597] 299 | दानसूरि - सकलागम रहस्यवेदी, गुरु-वीरविजयजी उपाध्याय (तपा.) [प्रका.सं. वि.1979] K (1481,1483) P (421, 1067, 1078, 1149, 1248, 1311, 1313,1491,1493,1536%D10) P(1780) K (1467) P(316, 1132) P(75) K(401)P (46, 401, 1561, 1570) | 300 | दानसूरि-गुरु-अमृतसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2042] 301 | दिनेशचंद्र शर्मा डॉ. [प्रका.सं. ई.1988] 302 | दिव्यकीर्तिविजयजी गणि - गुरु-दर्शनभूषणविजयजी (तपा.} [ज.सं.वि.2068] 303 | दिव्यचंद्रविजयजी - सुमन (त्रिस्तु.} [प्रका.सं. वि.2058] | 304 | दिव्यप्रभा साध्वी(महासती) डॉ. - गुरु-उज्ज्वलकुमारी महासती {स्था.} | [प्रका.सं. वि.2046] 305 | दिव्यप्रभाश्रीजी [प्रका.सं. वि.2049] | 306 | दिव्यभूषणविजयजी - गुरु-हेमभूषणसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2041] 307 | दिव्यरत्नविजयजी - गुरु-कलाप्रभसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2044] | 308 | दिव्यरत्नविजयजी - गुरु-मुनिचंद्रसूरि (तपा.} [प्रका.सं. वि.2066] 309 | दिव्यानंदसागर गणि - गुरु-नित्योदयसागरसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2054] | 310 | दीपरत्नसागरजी -गुरु-सुधर्मसागरजी (तपा.} [प्रका.सं.वि.2053] P(1785) P(892) P (554) P(661,662) P(1230) K(34,37,61, 114,115,119, 130, 157, 158, 159, 170, 188, 189, 190, 197, 243, 244, 246,258, 302, 305,308,314, 351, 354, 355,365,397, 398, 400, 409, 439, 442, 443, 449, 469, 470, 471, 479, 501, 502, 504, 514, 525, 526, 527, 534, 550, 551, 552, 560, 570, 571, 572, 577, 599, 600, 601, 607, 617, 618, 619,622, 631, 632, 636, 640, 659, 660, 661, 670, 685, 686, 687, 695, 710, 711, 712, 720, 735,736, 738, 758, 759, 761, 779, 780, 789, 790, 807,808,828, 829,856,857, 871,872, 965, 969, 971, 998, 1075, 1078, 1082,| Page #344 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट 1 क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) K(कृति क्रमांक) P(प्रकाशन क्रमांक) 1096, 1098, 1101, 1147, 1148, 1150, 1156, 1160, 1176, 1177, 1179, 1183, 1204, 1205, 1208, 1223, 1224,1227, 1233, 1234,1240, 1241,1242, 1251, 1252, 1253, 1258, 1260, 1264,1265, 1269, 1270, 1275, 1276, 1280, 1281, 1310, 1313, 1314, 1315, 1324, 1347, 1348, 1353, 1409, 1448, 1450, 1453,1486, 1487, 1490%D155) P (53, 67, 72, 93, 129, 134, 137, 156, 183, 186, 189, 199, 218, 221, 223, 228, 289, 292, 295, 297, 301, 302, 314, 341, 343, 354, 380, 407, 429, 451,477,496,517, 533,534,535,558, 559, 561, 571, 578, 590, 592, 599, 602, 607, 610, 612, 616, 619, 630,631, 643, 645, 648, 653,656, 669, 684, 686, 775, 793, 800, 828,908, 917, 946,982, 984, 1001, 1024,1028, 1031, 1035, 1042, 1051, 1054, 1057, 1083, 1096, 1118, 1130, 1268, 1389, 1390, 1391, 1395, 1396, 1397, 1398, 1399,1400,1401, 1402, 1403,1458,1459, 1460, 1461,1462, 1463, 1467, 1468, 1469, 1470, 1471,1472, 1473, 1474, 1475, 1476, 1485, 1486,1515, 1518, 1519, 1520, 1521, 1522, 1523,1524, 1537, 1538, 1539, 1540, 1541,1572, 1584,1585,1620, 1787%3D131) K(215, 335) P(1558) | 311 | दीपविजयजी - कविराज, कविबहादुर {तपा.) [र.सं. वि.1877] | 312 दीपविजयजी - गुरु-राजेन्द्रसूरिजी {त्रिस्तु.} [प्रका.सं. वि.2043] | 313 दुर्लभजी केशवजी खेताणी {जैन स्था.} [प्रका.सं. ई.1973] | 314 | दुलहराजजी मुनि (Dulaharajji Muni) - गुरु-तुलसीजी आचार्य (तेरा.} [प्रका.सं. वि.2023] K (958)P (741) 6 (35, 50, 54, 55, 124, 191, 356, 812, 816, 834, 862, 975, 989, 1094, 1152, 1178, 1181%D17) P(70,281,390, 654,658, 688, 1517, 1582%8) K (554,662,684,709,734,757%D6) P(515, 1114, 1456, 1557, 156335) | 315 | देवकुमार जैन (देवकुमार शास्त्री) {जैन स्था.} [प्रका.सं. वि.2048] P(1595) K (153,166)P (168) K (141,212, 845) 316 | देवगुप्तसूरि - गुरु-रत्नविजयजी {उपकेशगच्छ) [प्रका.सं. वि.2013] | 317 | देवचंद्रजी उपाध्याय - गुरु-कानजीस्वामी (कर्णजितस्वामी) [प्रका.सं.वि.1999] 318 | देवचंद्रजी उपाध्याय (राजविमलजी - मुनि अव.) - गुरु-दीपचंद्रजी उपाध्याय (राजहंसजी) आध्यात्मिक कवि (ख.) | [र.सं. वि.1767#] 319 देवचंद्रसागरसूरि - गुरु-देवेन्द्रसागरसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2041] 320 | देवदत्त शर्मा पंडित [प्रका.सं. वि.2047] P(819,907, 1510) P (1664, 1665, 1669) 321 देवरत्नसागरजी - गुरु-महोदयसागरजी {अचलगच्छ) [प्रका.सं. वि.2058] P (1721) 322 | देवद्धिगणि क्षमाश्रमण (देववाचकजी, भहियाचार्य) - गुरु-दुषगणि K(1283, 1284, 1285, 1295) Page #345 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कर्ता - संपादक अनुक्रमणिका K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) K (1358)P(839,1102,1103) K (280, 1166, 1410) P (283, 1184, 1188, 1207, 1632, 1637, 1638, 1657%D8) K (1539) P(1510) K (137, 200, 284, 452, 516, 1446=6) P(1698,1738) P(1517) K (1363) P(125,763,781,796) K (791)P (638, 641) K (1440, 1440a) P(1614,1642) क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) (दुष्यगणि), त्रण पूर्वधर [वीरसदी 10वीं] | 323 | देवविजयजी उपाध्याय - गुरु-कमलसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.1973] | 324 | देवेन्द्रमुनिजी शास्त्री (आचार्य देवेन्द्रमुनि) - गुरु-पुष्करमुनिजी {स्था.) [प्रका.सं. ई.1968] 325 | देवेन्द्रविजयजी (साहित्यप्रेमी) -गुरु-यतीन्द्रसूरिजी (त्रिस्तु.} [प्रका.सं. वि.2015] 326 | दोलतसागरसूरि (तपा.} [प्रका.सं. वी.2511] द्रोणाचार्य (निर्वृतिकुल} [र.सं. वि.1149] | 328 | धनंजय जे. जैन - प्रेमकेतु (जैन तपा.) [प्रका.सं. वि.2044] 329 | धनंजयजी मुनि (धनंजयकुमारजी) - गुरु-नथमलजी (तेरा.} [प्रका.सं. वि.2054] 330 धनविजयजी उपाध्याय - गुरु-कल्याणविजयजी उपाध्याय (तपा.) [[र.सं. वि.1699] 331 | धन्यमुनि कवि (विद्यानंद) {स्था.} [प्रका.सं. वि.2043] 332 | धर्मगुप्तविजयजी - गुरु-भुवनभानुसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2026] 333 | धर्मघोषसूरि (धर्मकीर्ति) - गुरु-देवेंद्रसूरिजी (तपा.} [र.सं. वि.1328#] 334 | धर्मचंद जैन डॉ. [प्रका.सं. ई.2002] 335 | धर्मदास मुनि 336 | धर्मध्वजविजयजी गणि - गुरु-धर्मधुरंधरसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2042] 337 धर्मवर्द्धनजी (धर्मसिंह, धर्मचंद्र) - गुरु-विजयहर्षजी (ख.} [र.सं. वि.1736] | 338 | धर्मविजयजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.1979] 339 | धर्मशेखरविजयजी - गुरु-राजशेखरसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2063] 340|धर्मसागरजी उपाध्याय - गुरु-दानसूरिजी (तपा.) | [र.सं. वि.1617] 341 धर्मसिंह मुनि [र.सं. ई.1643] 342 | धर्मसूरि - युगदिवाकर, गुरु-प्रतापसूरि (तपा.) [प्रका.सं. वि.2005] 343 धींगडमलजी गिडीया (जैन स्था.} [प्रका.सं. वि.2064] | 344 धीरज मुनि (गोंडल संप्रदाय) [प्रका.सं. वि.2061] 345 | धीरजलाल केशवलाल तुरखीया (जैन स्था.) [प्रका.सं. वि.2015] 346 | धीरजलाल डाह्यालाल महेता - पंडित (जैन तपा.) (प्रका.सं. वि.2065] 347 धीरुभाई प्रेमशंकर ठाकर डॉ. (Dhirubhai p. Thaker) [प्रका.सं. वि.2003] | 348 | नंदनसूरि - गुरु-उदयसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि. 2032] चिमदासमुनि K (587) P(1450) K (330, 586, 1131,1555) P(1758) P(691, 1795) K (624, 1362) K (1136) K(264)P (1432) P(1610) K (64,972, 1080)P (82, 830,950) P(1596) K (1528,1538,1541)P(1746) K (1140,1146, 1164,1527, 1530, 154236) K (1328) Page #346 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट 1 क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) P(1656) K (138, 1372) K(48)P (36, 1784) P(204, 206) P(1715) P(1246) K (940) P(836) P(1276, 1278a) K (886) P (755, 1510) K (67, 1434)P (60, 84, 1236) 349 | नगराजजी मुनि (तेरा.} [प्रका.सं. वि.2037] 350 नगर्षिगणि (नगागणि) {तपा.) [र.सं. वि.1657] 351 | नगीनदास केवलदास शाह (जैन तपा.} [प्रका.सं. वि.2035] 352 | नगीनदास नेमचंद मास्तर {जैन तपा.) [प्रका.सं. वि.1994] 353 नम्रमुनि {स्था.} [प्रका.सं. ई.1998] 354 | नयचंद्रसागरजी गणि - गुरु-हेमचंद्रसागरसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2059] 355 नयनाबेन सतीषभाई उपाध्याय [प्रका.सं. ई.2013] 356 नयबोधिविजयजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2070] 357 नयभद्रविजयजी - समुदाय-रामचंद्रसूरि {तपा.} [प्रका.सं.वि.2069] 358 | नयविजयजी - गुरु-ज्ञानविजयजी (तपा.} [र.सं. वि.1745] 359 | नरदेवसागरसूरि - गुरु-देवेन्द्रसागरसूरि {तपा.} [प्रका.सं. वि.2041] 360 | नरवाहनसूरि - गुरु-रामचंद्रसूरिजी {तपा.} [प्रका. सं. वि.2055] 361 नरहर गोविंद सुरु (N. G. S., N.G. Suru) [प्रका.सं. ई.1931] 362 | नरेन्द्र भानावत डॉ. [प्रका.सं. ई.1988] 363 | नरेन्द्रविजय मुनि (नवल) - गुरु-देवेंद्रविजयजी {त्रिस्तु.) [प्रका.सं.वि.2045] 364 नरेन्द्रसागरसूरि - गुरु-हंससागरसूरि.शासनकंटकोद्धारक (तपा.} [प्रका.सं. वि.2039] 365 नरेशचंद्रजी मुनि {स्था.} [प्रका.सं. ई.1999] 366 नागरदास मूलजी ध्रुव (जैन स्था.} [प्रका.सं. वी.2435] | 367 नानकचंदजी ऋषि - गुरु-रामचंद्रगणिजी [प्रका.सं. वि.1940] 368 | नानचंद्रजी मुनि (संतशिष्य) - गुरु-देवचंद्रजी मुनि (अजरामर संप्रदाय) [प्रका.सं. वि.1984] 369 नारायण शास्त्री [प्रका.सं. वि.1996] 370 | नारायणराम आचार्य - गुरु-इंदिराकांततीर्थ (अजैन} [प्रका.सं. वि.2009] 371 नित्यविजयजी - गुरु-लावण्यविजयजी उपा. (तपा.} [र.सं. वि.1734] 372 नित्यानंदविजयजी पं. - गुरु-जंबूसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2018] P(487) P (1657) P (1659, 1740) K(1203, 1222) P(1449) K(66) K(947)P(699) K (591)P (163, 201, 230, 543) P(1351) P(1166) P(729,1300, 1357) K (210) K (1184,1454) P (1075, 1285, 1291, 1704, 1706, 1723=6) K (169, 173) | 373 नित्यानंदसूरि - गुरु-अनेकांतविजयजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.2073] 374 | निधि साध्वी - गुरु-विमलश्रीजी {स्था.} [प्रका.सं. वि.2067] 375 | निरंजना जैन (निर्मला चोरडिया) {जैन तेरा.} [प्रका.सं. वि.2042] P (1699, 1701) P(1549) Page #347 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 18 क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) 376 निर्मलदर्शनविजयजी गुरु जगतदर्शनविजयजी तपा.) [प्रका. सं. वि. 2057] 377 निर्वाणश्रीजी साध्वी तेरा.) [प्रका. सं. ई. 1993) 378 नीमचंद हीराचंद कोठारी (जैन स्था.) [प्रका. सं. वि. 1969] 379 नीरा कांतिलाल नाहटा डॉ. [ प्रका. सं. ई. 2007] 380 नीलांजना साध्वी डॉ. - गुरु विद्युत्प्रभाश्रीजी (ख.) [प्रका. सं. वि. 2061 ] 381 नेमिचंदजी बांठिया (जैन स्था. } [ प्रका. सं. वि. 2061] 382 नेमिचंद्र जैन डॉ. [ प्रका. सं. वि. 1944] 383 नेमिचंद्र मुनि (स्था. [प्रका. सं. ई. 1974) 384 नेमिचंद्रसूरि (प्रथम) (देवेन्द्रसाधु) - गुरु- आनंददेवसूरि {बृहद् तपा. } [र.सं. वि. 1129) 385 नेहा चोरडिया जैन स्था. प्रका. सं. ई. 2012) |386 न्यायरत्नविजयजी गुरु-राजरत्नविजयजी (तपा.} [प्रका. सं. वि. 2063 ] 387 पद्मरत्नसागरजी गुरु पद्मसागरसूरिजी (तपा.) [प्रका. सं. वि. 2062] - 388 पद्मसागरसूरि गुरु-कल्याणसागरसूरिजी (तपा.} [ प्रका. सं. ई. 1987 ] 389 पन्द्यसूरि गुरु-मिसूरिजी तपा.) प्रका. सं. वि. 2007] |390 पद्मसेनविजयजी पंन्यास समुदाय भुवनभानुसूरि {तपा. } [प्रका. सं. वि. 2039] 391 परमानंदऋषि गुरु. आनंदचंद्रजी [र.सं. वि. 1876) 392 परमार्थाचार्य पंडित प्रका. सं. वि. 2043] 393 परमेष्ठीदासजी जैन पंडित [ प्रका. सं. वि. 2031] - - - कर्ता - संपादक अनुक्रमणिका - - - 394 पादलिप्तसूरि (पालित्तसूरि) - गुरु नागहस्तिसूरिजी {विद्याधर . } वीर सदी 5 395 पानाचंदजी गुरु-खुशालजी [र.सं. वि. 1893] 396 पारस मुनि {स्था. ) [ प्रका. सं. वि. 2051] 397 पारसकुमारजी मुनि - गुरुलालचंद्रजी {स्था. } [प्रका. सं. वि. 2038] 398 पारसमणि खिचा [ प्रका. सं. ई. 1999] 399 पारसमल चण्डालिया (जैन स्था. } [ प्रका. सं. वि. 2042 ] 400 पाश्वंचंद्रसूरि गुरु साधुरत्नसूरिजी ( पाश्र्चंद्र.) [र.सं. वि. 18544] - K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) P (1719) P (1562) K (578) P (526) K (320, 1012) P (820) K (135)P (144) K (97, 1143) P (80, 146, 190, 219, 351, 415, 434, 502, 521, 540, 595, 636, 813, 939, 996, 1094, 1125, 1411, 1412, 1457, 1529, 1533, 1609=23) P (1710) K (321) P (123, 1117, 1366, 1641) K (881, 1170) K (463a, 1304) P (149) P (936, 1410) K (1550) K (1525) P (1630) P (55, 59, 288, 644, 647, 750, 751=7) K (583) P (1736) K (74) K (1499) K (484) K (921, 979, 982) K (1307, 1320) K (174) P (184) K (20, 379, 427, 519, 567, 666, 691, 716, 737, 760, 933, 1052, 1143=13) P (57, 80, 131, 146, 190, 219, 351, 415, 434, 521, 540, 595, 636, 812, 813, 927, 939, 996, 1125, 1377, 1378, 1404, 1412, 1457, 1529, 1533=26) K (7, 84, 539, 909, 1567=5) Page #348 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट 1 K (कृति क्रमांक) P(प्रकाशन क्रमांक) K (1502, 1503, 1509, 1510) P(1337, 1343) P (97, 159, 229, 953, 998, 1006=6) क्र. | कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) | 401 पार्श्वरत्नसागर . गुरु-वैराग्यरत्नसागरजी गणि (तपा.) [प्रका.सं. वि.2069] 402 पुण्यकीर्तिविजय गणि - गुरु-दिव्यकीर्तिविजय गणि (तपा.) [प्रका.सं. वि.2063] 403 पुण्यधनविजयजी - गुरु-भद्रानंदविजयजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2055] 404 | पुण्यप्रभविजयजी- गुरु-मुक्तिप्रभसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2046] 405 | पुण्यरत्नसूरिजी - गुरु-गुणरत्नसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2052] 406 | पुण्यविजयजी (आगमप्रभाकर) - गुरु-चतुरविजयजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.1989] P(63) K (1384)P (1217) P(96) K (609) P (150, 225, 226, 227,549,642,680, 695, 932, 1091, 1095, 1121, 1131, 1174, 1251, 1258,1336,1338,1365,1372,1379%321) P(933) P(1555,1691) K(574) K(251) 407 पुण्यश्रमणविजयजी - गुरु-युगचंद्रसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2061] 408 पुण्योदयसागरसूरिजी - गुरु-माणिक्यसागरसूरिजी (तपा.} | [प्रका.सं. वि.2034] 409 | पुनिताबाई साध्वी(महासती) {स्था.} [प्रका.सं. वि.2061] 410 | पुरुषोत्तम गीगाभाई शाह (जैन श्वेतांबर) [प्रका.सं. वि.1974] |411 | पुरुषोत्तमसिंह सरदार - चित्रकार [प्रका.सं. वि.2048] 412 | पुष्पवती महासती {स्था.} [प्रका.सं. वि.2042] 413 पुष्पाबाई महासती - गुरु-लीलमबाई महासती (स्था.} [प्रका.सं. वि.2062] 414 पूर्णचंद्रविजयजी गणि - गुरु-कलापूर्णसूरिजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.2044] 415 पूर्णचंद्रसागरजी गणि-गुरु-हेमचंद्रसागरसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2060] P(342, 409,767,911, 1088, 1264-6) K (1087)P (905, 1641) | K(19)P (835) P(822, 832,949) P (81, 143, 194, 224, 305, 350, 386, 412, 433,454,482, 499,520, 537,566, 580, 594, 604,608, 611,614, 617, 620, 634,646,659, 673, 687, 696, 805, 809, 935, 990, 1013, 1026, 1029, 1033, 1036, 1043, 1052, 1055, 1060, 1093, 1126, 1290, 1323,1332347) P (892) K (327) 416 | पूर्णचंद्रसूरि - गुरु-जयकुंजरसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2041] 417 पूर्णभद्रसूरि - गुरु-जिनपतिसूरिजी (ख.) [र.सं. वि.1275] 418 पूर्णानंदविजयजी पंन्यास - कुमारश्रमण, गुरु-विद्याविजयजी पंन्यास (तपा.) [प्रका.सं. वि.2035] 419 पूर्वधर महर्षि 420 पूर्वाचार्य K (256, 257, 477, 1357) P(273,276, 278,448) K (768) K (515, 535,561, 564, 611, 623, 641,647, 672, 697, 722, 745, 795, 887, 1168, 1187, 1235, 1243, 1254, 1266, 1271, 1278, 1371, 1445, 1457, 1460, 1477, 1491, 1494, 1504, 1505, 1520, 1521=33) Page #349 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कर्ता - संपादक अनुक्रमणिका K (कृति क्रमांक) P(प्रकाशन क्रमांक) K (1370) K (1533, 1553) K(343) P(1776) K(299,389,1407) P(416, 1266) P(468) K (1572)P(298, 1228, 1794) K (1471) K(468) K (1050)P (933) P(1248) क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) | 421 पृथ्वीचंद्रसूरि - गुरु-देवसेनगणिजी (गुरु.सं. वि.12152] 422 पृथ्वीराज जैन [प्रका.सं. वि.2012] | 423 | पोपटलाल केवळचंद शाह (जैन) (प्रका.सं. वि.1967] | 424 | पोपटलाल केशवलाल दोशी (मास्तर) (प्रका.सं. वि.1997] 425 प्यारचंद्रजी उपाध्याय - गुरु-चौथमलजी मुनि {स्था.} [प्रका.सं. वि.2017] 426 | प्रतापसूरि - गुरु-मोहनसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.1992] | 427 प्रद्युम्नसूरि - गुरु-हेमचंद्रसूरिजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.2032] 428 | प्रमोदकुमारी साध्वी(महासती) {स्था.} [प्रका.सं. ई.2009] 429 | प्रवीणऋषिजी {स्था.} [प्रका.सं. वि.2040] 430 प्रशमपूर्णविजयजी - गुरु-पूर्णचंद्रसूरि (तपा.} [प्रका.सं. वि.2061] 431 प्रशमरतिविजयजी - गुरु-रामचंद्रसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2059] |432 | प्रशमेशप्रभविजयजी - गुरु-हेमप्रभसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2064] 433 | प्राणकुंवरबाई साध्वी(महासती) - गुरु-मोतीबाई महासती {स्था.} [प्रका.सं. वि.2031] | 434 | प्रियदर्शनाश्रीजी {त्रिस्तु.} [प्रका.सं. वि.2047] 435 | प्रीतम एस. सिंघवी डॉ. [प्रका.सं. वि.2058] 436 | प्रीतिविजयजी (प्रीतविजयजी) - गुरु-हर्षविजयजी (तपा.} [र.सं. वि.1721] 437 प्रेम भंडारी [प्रका.सं. वि.2038] 438 | प्रेमचंदजी कोठारी (जैन स्था.} [प्रका.सं. वि.2060] 439 | प्रेमराज बोगावत [प्रका.सं. ई.2005] 440 | प्रेमसुमन जैन डॉ. [प्रका.सं. ई.1991] 441 | प्रेमसूरि - गुरु-दानसूरिजी {तपा.} [प्रका.सं.वि.1995] 442 फूलचंद्रजी मुनि (श्रमण) - गुरु-खजानचंद्र मुनि {स्था.} [प्रका.सं.ई.1966] 443 | फूलचंद्रजी मुनि (पुष्फभिक्खु) - गुरु-फकीरचंद्र मुनि (स्था.} [प्रका .सं.ई.1950] | | P(1000, 1482, 1483) K (112, 133, 1303) | K (75)P (1717) P(1693) K(287) P(889) P(1603, 1606) P(413) P(1550) P(622) P(178, 193,410, 1070, 109235) K (154, 185,392, 436, 467%D5) P (20, 112, 171, 207, 246,262, 322, 1358, 1443. 1444%3D10) K(42)P(18,38) 444 | बसंतीलालजी नलवाया (वसंतीलाल नलवाया) - न्यायतीर्थ (जैन स्था.) [प्रका.सं.वि.2025] 445 बहेचरलाल भाईलाल [प्रका.सं.वि.1977] 446 | बालचंद्रजी (बालेंदु) - गुरु-पूनमचंद्रजी गणि (पार्श्वचंद्र.) [प्रका.सं. वि.1988] 447 बालाभाईखशाल हाजी प्रका.सं.वि.19541 P(1422) P(866) K (1198) Page #350 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट 1 क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) 448 | बालाभाई छगनभाई शाह [प्रका.सं.वि.1969] P(1347) 449 | बिंदुबाई साध्वी(महासती) - गुरु-भारतीबाई महासती (स्था.) K (557) [प्रका.सं. ई.2004] 450 | बिमलाचरण लो डॉ. (Bimala Charan Law Dr.)(बी. सी. लो डॉ.) P(1649) [प्रका.सं.ई.1949] 451 | बी. के. खडबडी डॉ. [प्रका.सं. ई.1993] K(964)P(769) | 452 | बी. टी. परमार [प्रका.सं. वि.2050] K (1423) 453 बुद्धमल मुनि (तेरा.} [प्रका.सं. वि.2016] K (1092) | 454 | बुद्धिविजयजी पंन्यास - गुरु-मुक्तिविजयजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.1992] K (916) |455 बुद्धिसागर गणि (बुद्धि मुनि) - गुरु-केसरमुनिजी (तपा.} K (1426) [प्रका.सं.वि.1999] P(113, 158, 1169, 1182) |456 | बुद्धिसागरजी - गुरु-शांतिसागरजी उपाध्याय (तपा.) [सदी 17वीं) K(590) 457 बुद्धिसागरसूरि - योगनिष्ठ, गुरु-सुखसागरजी {तपा.} P(1763) [प्रका.सं. वि.1974] 458 | बृजमोहन जैन डॉ. {जैन स्था.} [प्रका.सं.ई.1992] K (963) 459 बेचरदास जीवराज दोशी पंडित {जैन तपा.} [प्रका.सं. वि.1974] K (224,231,252, 309,346,553, 138997) P(233,265,280,369,379,510,522,1542, | 1634, 1648=10) 460 | ब्रह्ममुनि (विनयदेवसूरि, ब्रह्मर्षि) - गुरु-देवसूरिजी [र.सं. वि.1599] K (895) 461 | भंवरलाल नाहटा (जैन) [प्रका.सं. वि.2013] P(1774) 462 भंवरलाल बाफना (जैन स्था.} [प्रका.सं. वि.2047] P(1661, 1662) | 463 | भक्तिलाभ उपाध्याय [कृति संशो.सं. वि.1573] K(5) 464 भगवतीलालजी मुनि (निर्मल) - गुरु-मंगलचंदजी {स्था.) P(1363) [प्रका.सं.ई.1967] 465 | भगवानदास लल्लुभाई पटेल [प्रका.सं. वि.1977] P(1422) | 466 | भगवानदास हरखचंद दोशी (भगवानदास हर्षचंद्र दोशी) -पंडित (जैन तपा.) K(231, 347, 360,597,6045) [प्रका.सं.वि.1974] P(236, 237, 363, 364, 388,547%3D6) |467 | भगवानविजयजी - गुरु-हेमविजयजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.1933] P(317, 355,435,460, 69835) | 468 | भद्रंकरविजयजी पंन्यास - गुरु-रामचंद्रसूरिजी (तपा.} P(1766,1794) [प्रका.सं.वि.1992] | 469 | भद्रंकरसूरि - गुरु-भुवनतिलकसूरिजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.2015] K(919,957, 1041, 1049) | P(732,873,897) | 470 | भद्रंकरसूरि - गुरु-मनोहरसूरिजी (तपा.} [जी.काळ सं. वि.1958-2057] K (1059, 1429, 1544) P (874,875,887, 894,896, 901,903, 1181, 172839) | भद्रबाहुस्वामी - चौद पूर्वधर, गुरु-यशोभद्रसूरि {निर्ग्रथगच्छ} K (2,79,793,794,817, 818,840, [वीर सदी दूसरी] 877, 1021, 1117, 1132, 1167, 1359, 1444%3D14) | 472 भव्यगुणाश्रीजी (रम्यरेणु) - गुरु-रम्यगुणाश्रीजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.2062] |P (1724, 1725) 471 Page #351 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 22 कर्ता- संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) · 473 भव्यदर्शनसूरि गुरुमित्रानंदसूरिजी तपा. [प्रका. सं. वि.2044) 474 भव्यसुंदरविजयजी गुरु रत्नसुंदरसूरिजी तपा.) (प्रका. सं. वि. 2003] 475 भाग्येशविजयसूरि गुरु चंद्रयशविजयजी (तपा.} [ प्रका. सं. वि. 2041] 476 भानुविजयजी गुरु-रूपविजयजी पं. { तपा.) [ प्रका. सं. वि. 2000] 477 भारतीबाई साच्ची ( महासती ) गुरु लीलमचाई महासती (स्था.) प्रका. सं. ई. 19991 · 478 भावविजयजी उपाध्याय गुरु-मुनिविमलसूरिजी तपा.) [र.सं. वि. 1689] K (884, 1364,136 479 भास्करविजयजी पंन्यास - गुरु- लब्धिसूरिजी (तपा.) प्रका. सं. वि. 2025 ] P (1071) K (221) 480 भिक्षु आचार्य (संत भीखणजी, भीखमजी, भीख) (तेरा. } [र.सं. वि. 1846] 481 भीखालाल गिरधरलाल शेठ [प्रका. सं. ई. 1961] कर्ता संपादक अनुक्रमणिका 482 भीमजी हरजीवनदास परीख - सुशील [ प्रका. सं. वि. 1981] 483 भीमसिंह माणेक (भीमशी माणेक) (जैन अचलगच्छ प्रका. सं. वि. 1936) 484 भुवनचंद्रजी उपाध्याय (चिन्मय) गुरु- प्रीतिचंद्रजी (पावंचंद्र.) [प्रका. सं. वि. 2062] 485 भुवनतुंगसूरि गुरु-महेन्द्रसूरिजी (अचलगच्छ} [र.सं. वि. 1380#] - 486 भुवनभानुसूरि (भानुविजयजी) - गुरु- प्रेमसूरिजी ( तपा. } [प्रका. सं. वि. 2026] 487 भुवनसुंदरविजयजी पंन्यास- गुरु-भुवनभानुसूरिजी {तपा. } [प्रका. सं. ई. 1991] 488 भैरोंदानजी सेठिया जैन स्था. ) [ प्रका. सं. वि. 1982 ] 489 भोगीलाल ज. सांडेसरा (भोगीलाल जयचंदभाई सांडेसरा) [प्रका.सं.ई.1948) 490 भोगीलाल पटेल पंडित [ प्रका. सं. वि. 2024) 491 मंगलजी हरजीवन चितलीया (जैन स्था. } [ प्रका. सं. वि. 1991] 492 मंगलदास मनसुखराम शाह जैन श्वेतांबर} [प्रका. सं. वि. 1969] 493 मंगलयशविजयजी गुरु- कीर्तियशसूरिजी (तपा.) [प्रका. सं. ई. 2001] 494 मंगलसागरजी गुरु-सुखसागरजी (ख) [प्रका. सं. वि. 1996] - 495 मंगला चोरडिया (जैन स्था.} [प्रका. सं. ई. 2012] 496 मंगळाबाई साध्वी (महासती) - गुरु-झवेरबाई महासती {स्था. } | [ प्रका. सं. वि. 2025] 497 मगनलालजी महाराज- गुरु- चौथमलजी मुनि {स्था. } जी.काळ सं. वि. 1965-2022] 498 मतिचंद्रसागरजी - गुरु-अशोकसागरसूरिजी (तपा.} [ प्रका. सं. वि. 2059] - K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) K (1496) P (1333, 1658) K (1081, 1153, 1157, 1161) P (1292) P (756,799) K (1382) P (1171) K (404) K (111, 127, 390) P (115, 395) K (1414) P (1153) K (1061, 1421 ) P (99, 838, 1020, 1135, 1150, 1154=6) K (69) P (85) K (1210) K (271, 1545, 1546) P (1730) P (1741) K (493) P (1607) K (974) P (720) P (1705) K (931) P (714) P (1754) P (1719) P (1166) K (463a, 1304) K (1430) P (1186) P (1597) P (925) Page #352 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट 1 K (कृति क्रमांक) P(प्रकाशन क्रमांक) P(810) K(235)P (247) क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) 499 | मतिरत्नविजयजी - गुरु-रामचंद्रसूरिजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.2061] 500 | मदनकुमार महेता - न्यायतीर्थ प्रका.सं.वि.2011] | 501 | मनसुखलाल हीरालाल लालन (जैन) [प्रका.सं. वि.1999] | 502 | मनोहरमुनि - गुरु-प्राणलालजी मुनि {स्था.} [प्रका.सं. वि.2031] 503 | मनोहरलालजी मुनि (स्था.} [प्रका.सं. वि.2020] | 504 | मफतलाल झवेरचंद गांधी {जैन श्वेतांबर) [प्रका.सं. वि.1993] P(869) K(598) K (1465, 1468)P (362, 552, 1300) | 505 | मलयगिरिसूरि (मलयचंद्र) - आगमिक टीकाकार [र.सं. वि.1150#] 506 | महाप्रज्ञजी आचार्य (Mahapragnaji Acharya, नथमल मुनि - मुनि अव.) विद्यागुरु-तुलसी आचार्यजी (तेरा.} [प्रका.सं. वि.2023] K (1070) P (438, 459, 722,868, 1157, | 1160, 1161,1163,1226,1770%D10) K(536,562,581,612, 642, 796,843, 1125, 1171,1288,1500311) K (16, 40, 91, 120, 147, 161, 172, 191, 227, 242, 313,920, 975, 1017, 1042, 1083, 1110, 1115, 1300, 1311, 1312, 1319D22)P (30, 32, 50, 140, 147, 179, 213,281,285,299,345, 390,654,657, 658,688,697,733,734,794,801, 877, 878, 882, 1014, 1085, 1119, 1362, 1381, 1382, 1383, 1394, 1525, 1562, 1564, 1565, 1567, 1571, 1573, 1578, 1579,1582342) P(49) | P(1339,1691) K(226, 1338) P(70) | P(1773) K (866)P (690) 507 | महाबोधिविजयजी पंन्यास - गुरु-अक्षयबोधिविजयजी पंन्यास (तपा.} [प्रका.सं. वि.2049] 508 | | महाभद्रसागरजी - गुरु-हेमसागरसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2051] | 509 | महाश्रमणजी आचार्य (Mahashramanji Acharya, मुदितकुमारजी- मुनि | अव.)-गुरु-तुलसीजी आचार्य (तेरा. [प्रका.सं. वि.20501 510 | महिमाविजयजी - गुरु-प्रविणविजयजी पंन्यास (तपा.} [दी.सं. वि.1986] | 511 | महेन्द्र प्रताप सिंह डॉ. [प्रका.सं. ई.2009] 512 महेन्द्रकुमार रांकावत डॉ. [प्रका.सं. वि.2061] | 513 महेन्द्रकुमारजी मुनि (द्वितीय) (Mahendrakumarji Muni) - गुरु-तुलसीजी आचार्य (तेरा.} [प्रका.सं. ई.2005] 514 | महेन्द्रकुमारमुनि उपा. (प्रथम) {तेरा.} [प्रका.सं. वि.2037] 515 | महेन्द्रभाई रांभिया (जैन स्था.} [प्रका.सं. ई.2003] 516 | मांगीलालजी मुनि - मुकुल (तेरा.} [र.सं. वि.2016] | 517 | माणिकविजयजी (माणेकविजयजी, माणिक्यविजयजी) | गुरु-क्षमाविजयजी पंन्यास (तपा.) [र.सं. वि.1742] 518 | माणिक्यशेखरसूरि - गुरु-मेरुतुंगसूरि {अचलगच्छ) [र.सं. वि.1471] 519 | माणिक्यसिंहसूरि - गुरु-प्रतापविजयजी पंन्यास (तपा.} [ज.सं. वि.1924] 520 माणेक मुनि (माणेकविजय) - गुरु-हर्षमुनिजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.1969] K (294, 544, 633, 777, 802, 824, 852, 1341%D8) K (35,55,245,253) P(70,304) P(1656) K(320) | K (983,1092)P (1445) K (1375) | K(1127,1172) P(235) K (51, 125, 1099, 1158, 138735)P (7, 103, | 105,651,848,854,962,1145%D8) P (967, 971, 979, 1002, 1110, 1115, 1284, 1287%D8) 521 मानदेवसूरि (मानविजयजी - मुनि अव.)- गुरु-रामचंद्रसूरिजी (तपा.} दी.सं. वि.1983] Page #353 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 24 क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) 522 मानविजयजी उपाध्याय गुरु- शांतिविजयजी उपा. (तपा. } [र.सं. वि. 17310] 523 मित्रानंदसूरि गुरु- पद्मविजयजी पं. (तपा.} [ज.सं. वि. 1984] - 524 मिश्रीमलजी मुनि (मधुकर) - मधुकर (स्था.} [जी.काळ सं. वि. 1970-2040] 530 मुक्तिचंद्रविजयजी पंन्यास - गुरु- कलाप्रभसूरिजी (तपा. } [प्रका. सं. वि. 2051] 525 मीठालालजी मुनि तेरा. प्रका. सं. वि. 2020] K (1083) 526 मीनाबेन अनिलभाई कापडिया (जैन श्वेतांबर} [ प्रका. सं. वि. 2043] P (759) 527 मुकुंद मोनाणी - गुरु-राजविजयजी [र.सं. वि. 1840] K (905) 528 मुकुंद लाठ डॉ. [प्रका. सं. ई. 1999] K (1398) 529 मुक्ताबाई साध्वी ( महासती ) गुरु आम्रवाई महासती (स्था) [प्रका. सं. ई. 2002] K (637) P (923,1697) 531 मुक्तिप्रभसूरि गुरु-जयकुंजरसूरिजी (तपा.} [ज.सं. वि. 2004] 532 मुक्तिप्रभा साध्वी डॉ. - गुरु- उज्ज्वलकुमारी साध्वी {स्था. } प्रका. सं. वि. 2038] - 533 मुक्तिविमलजी पं. गुरु- सौभाग्यविमलजी (विमलशाखा) जी.काळ सं. वि. 1949-1974] कर्ता संपादक अनुक्रमणिका - 534 मुनिचंद्रविजयजी पंन्यास गुरु कलाप्रभसूरिजी (तपा.) [प्रका. सं. वि.2050] 535 मुनिचंद्रसूरि गुरु- जिनचंद्रविजयजी (तपा.} [ प्रका. सं. वि. 2054] - - 536 मूलचंदजी ऋषि - गुरु- धर्मदासजी (#) [र.सं. वि. 1885 ] 537 मेघराज उपाध्याय गुरु-श्रवणऋषिजी (पावंचंद्र.) [र.सं. वि. 16554] 538 मेघविजयजी गुरु-माणिक्यसिंहसूरि (तपा.) [र.सं. वि. 1966] . - 539 मेघसूरि गुरु- सिद्धिसूरिजी (तपा. } [ज.सं. वि. 1932 ] 540 मेरुविजयजी गुरु-लालविजयजी [र.सं. वि. 17250] - 541 मेरुविजयजी गुरु-जयविजयजी तपा. } [र.सं. वि. 1725] 542 मेरुविजयजी गुरु-जिनविजयजी पंन्यास 543 मोतीलाल मनसुखराम शाह [ प्रका. सं. वि. 1954] 544 मोहन (माल्ह) - गुरु - शोभर्षि 545 मोहनलाल दलीचंद देसाई एडवोकेट जैन तपा.) जी.काळ सं. ई. 1885-1945] - 546 मोहनलाल बांठिया चंचल जैन स्था. } [ प्रका. सं. वी. 2493] K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) K (207, 208) K (18) P (176, 640, 1658) P (47, 133, 180, 222, 279, 337, 383, 401, 428, 450, 475, 494, 515, 531, 557, 589, 629, 764, 905, 981, 1080, 1114, 1388, 1456, 1514, 1655, 1696, 1703=28) P (902, 1244) K (71, 445) P (51, 428, 1561, 1566, 1570=5) K (1379, 1380, 1526) P (1759) P (923, 1697) P (378, 503, 523, 524, 565, 661, 662, 920=8) K (142) K (140, 177, 204, 286, 537=5) K (222) P (1156) K (86) K (374, 541) K (420) K (342, 489, 654, 679, 704, 729, 752=7) K (1333) P (1622, 1766, 1794) P (1553, 1554, 1568) Page #354 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट 1 26 K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) 547 | मोहनलाल मेहता डॉ. (Mohanlal Mehta Dr.) [प्रका.सं. ई.1959] P (626, 1559, 1569, 1577, 1586, 1631, 1633, 1634,164649) P(1762) 548 मोहनलाल हिमचंद वकील (जैन) [प्रका.सं. वि.1984] 549 | यतीन्द्रविजयजी - गुरु-जयदेवसूरिजी (तपा.} [र.सं. वि.2037] 550 | यतीन्द्रसूरि - गुरु-भूपेंद्रसूरिजी {त्रिस्तु.} [ज.सं. वि.1940] K (1400, 1419)P (1203) K (1054)P (851, 1155, 1158, 1205, 1233, 155836) P(274,1235,1547) 552 K (1474) P(1693) K (1135,1559, 1560, 1564) 551 | यशोदेवसूरि (यशोविजयजी) - साहित्यरत्न, गुरु-धर्मसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2036] | यशोभद्रसूरि - गुरु-शय्यंभवसूरि (निर्ग्रथगच्छ) [वीर सदी पहली-दूसरी] 553 | यशोविजयजी - गुरु-विश्वकल्याणविजयजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.2047] 554 | यशोविजयजी महोपाध्याय (जसविजयजी) - गुरु नयविजयजी {तपा.) [दी.सं. वि.1688] 555 | यशोविजयसूरि - गुरु-ॐकारसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2064] 556 | युगचंद्रसूरि - गुरु-पूर्णचंद्रसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2046] 557 योगतिलकसूरि - गुरु-संयमरत्नसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2057] 558 रतनमुनि - गुरु-मंगलचंदजी {स्था.} (प्रका.सं. वि.2048] 559 | रतनलाल डोशी (जैन स्था.) (प्रका.सं. ई.1976] 6 (73,997, 1090)P (83,791,919) K (1384)P (1217) P(1245, 1256) | K(554)P(515) K (438,463)P (57, 131,373, 728, 1377, 1378, 1404,1457, 178629) P(1702) K (315)P(328,352) P(1575, 1580, 1581, 1705) P(149) P (825, 937, 1252) K (922)P (736) K (39, 52)P (87, 987) 560 | रतनलाल संघवी पंडित (जैन स्था.} [प्रका.सं. ई.1950] 561 रत्नकुमार (रत्नेश) [प्रका.सं. ई.1969] 562 रत्नचंद्रजी मुनि - गुरु-गुलाबचंद्रजी स्वामी {अजरामर संप्रदाय [ज.सं. वि.1936] 563 रत्नचंद्रविजयजी - गुरु-कुलचंद्रसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2063] 564 | रत्नचंद्रसूरि - गुरु-अभयदेवसूरिजी {तपा. [प्रका.सं. वि.2053] 565 रत्नचंद्रस्वामी - गुरु-नागचंद्रजीस्वामीजी {स्था.} [प्रका.सं.वि.2026] 566 रत्नज्योतविजयजी पंन्यास - गुरु-रत्नाकरसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं.वि.2056] 567 रत्नप्रभविजयजी - गुरु नेमिसूरि (तपा.) [प्रका.सं. वि.1997] 568 | रत्नप्रभसूरि - गुरु-यशोभद्रसूरि (तपा.} [चातु.सं. वि.2039] 569 | रत्नबोधिविजयजी - गुरु-हेमचंद्रसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2065] | 570 रत्नयशविजयजी - गुरु-कीर्तियशसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. ई.2001] | 571 | रत्नशेखरसूरि - गुरु-तिलकविजयजी (तपा.} (प्रका.सं. वी.2035] | 572 रत्नशेखरसूरि - गुरु-प्रेमसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2067] 573 रत्नसागरजी P(968, 1727) P(1196, 1199, 1213) P(160, 161,605) P(1719) K (1151, 1155, 1165) P(1271) K (1558) Page #355 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कर्ता - संपादक अनुक्रमणिका क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) 574 | रत्नसेनसूरि - गुरु-भद्रंकरविजयजी पंन्यास {तपा.} [प्रका.सं. वि.2038] 575 रमणलाल ची. शाह डॉ. (Ramanlal C. Shah Dr.) {जैन श्वेतांबर) | [प्रका.सं. ई.1995] |576 | रमणीकलाल मनसुखलाल शाह डॉ. (R. M. Shah Dr.) [प्रका.सं. ई.1993) K (1432)P (1255) P(1713) |K (977) P (801, 1560, 1566, 1586, 1644, 1645,1646%D7) P(845) P(75) K(273)P(311) 577 रमापतिमिश्र [प्रका.सं.वि.1975] 578 | रमेशभाई लीलाधर हरिया - पंडित (जैन) [प्रका.सं. वि.2058] 579 | रमेशभाई शिवराजजी मेहता [प्रका.सं. ई.2007] 580 | रमेशमुनि - गुरु-पुष्करमुनिजी (स्था.} [प्रका.सं. ई.1998] 581 रम्यदर्शनविजयजी - गुरु-रामचंद्रसूरि (तपा.) [दी.सं. वि.2044] 582 | रवजीभाई देवराज-गुरु-गौतमसागरसूरिजी {जैन अचलगच्छ) [प्रका.सं. वि.1951] | 583 | रविन्द्रमुनि (स्था.} [चातु.सं. वि.2039] K(523)P(432,929) P(1273a) K(25) P(2,3) K (923, 924, 960, 980, 984, 985, 986, 996%D8) K(1425)P (1234) K(121) K (939, 1058)P (1507, 1635) 584 रविशेखरविजयजी- गुरु-रत्नाकरविजयजी पं. {तपा.) [प्रका.सं.वि.2055] 585 | रश्मिभाई जेठालाल झवेरी डॉ. [प्रका.सं.ई.2013] 586 रसिकलाल छगनलाल शेठ [प्रका.सं. ई.1981] | 587 | रसिकलाल महेता (जैन स्था.} [प्रका.सं. ई.2003] 588 | राजकीर्तिसागरजी पंन्यास - गुरु-सुबोधसागरसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2059] 589 | राजकुमार जैन {जैन स्था.} [प्रका.सं. वि.2063] P(1695) P(1250, 1272) K (353, 403, 441, 474, 556, 635,810, 831, 86039)P (409) K(323) K(517) K(1405) P(44,259,267,768,90435) K(289) P(271) |590 | राजकुमारी कोठारी डॉ. {जैन स्था.} [प्रका.सं. ई.2003] 591 राजचंद्रसूरि (रायचंद्रसूरि) - गुरु-समरचंद्रसूरिजी {पार्श्वचंद्र.) [विद्यमान सं.वि.1606-1669] 592 | राजमल सिंघी [प्रका.सं.वि.2059] | 593 | राजयशसूरि - गुरु-विक्रमसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. ई.1976] 594 राजरत्न उपाध्याय [र.सं.वि.1729#] 595 | राजरत्नसागरजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.2037] | 596 राजशील उपाध्याय (ख.} [र.सं. वि.1563#] 597 राजशेखरसूरि - गुरु-राजेंद्रसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. ई.1999] 598 राजशेखरसूरि - गुरु-ललितशेखरसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2034] 599 | राजश्री साध्वीजी(महासती) डॉ. - गुरु-चारित्रप्रभाजी महासती (स्था.) [दी.सं. ई.1984] 600 | राजहंसविजयजी - गुरु-विमलहंसविजयजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2066] 601 | राजहंससूरिजी - गुरु-प्रद्युम्नसूरिजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.2060] K(894) P(132,455) K (864)P (691) K (76) P(71) P(945) P(1793) Page #356 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट 1 क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) K (कृति क्रमांक) P(प्रकाशन क्रमांक) राजाराम जैन डॉ. (Raja Ram Jain Dr.) [प्रका.सं. ई.1962] P(1545) |603 | राजेमतिबाई साध्वी(महासती) - गुरु-लीलमबाई महासतीजी {स्था.} K(646) [चातु.सं. वि.2053] 604 | राजुल साध्वी(महासती) {स्था.} [प्रका.सं.वि.2038] K(156) 605 | राजेन्द्रकुमारजी मुनि {तेरा.} [प्रका.सं. ई.1982] K (14)P (658) 606 | राजेन्द्रमुनि शास्त्री डॉ. - गुरु-देवेन्द्र मुनिजी {स्था.} [प्र.सं. वि.2046] K (573, 981)P (531, 539,764) 607 | राजेन्द्रसूरि - कलिकुंड तीर्थोद्धारक, गुरु-सोमचंद्रसूरि (तपा.) K (123, 480) | [प्रका.सं. वि.2034] 608 | राजेन्द्रसूरि - गुरु-भुवनभानुसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2019] P(970) 609 | राजेन्द्रसूरि भट्टारक (रत्नविजयजी - मुनि अव.) {त्रिस्तु.} K(329,1369,1480,1489,1539a) र.सं. वि.1950#] P(1315.1318. 1558) 610 | रामचंद डी. शाह मास्तर {जैन स्था.} [प्रका.सं. वि.2023] P(1364) 611 | रामचंद्र गणि - गुरु-लक्ष्मीचंद्रजी {लोंकागच्छ) [र.सं. वि.1860] K(223,627) | रामचंद्रसूरि - व्याख्यान वाचस्पति, गुरु-प्रेमसूरि (तपा.) [प्रका.सं.वि.1986] |K (62, 1109) | 613 रामप्रकाश पोद्दार डॉ. [प्रका.सं. ई.1972] । P(1546) 614 रामविजयजी - गुरु-विमलविजयजी (तपा.} [र.सं. वि.1766] | K(288) | रामविजयजी उपाध्याय - गुरु-सुमतिविजयजी (तपा.) [र.सं. वि.1770#] K (902) |616 | रामविजयजी उपाध्याय (रूपचंद्रगणि) - गुरु-दयासिंह गणिजी {क्षेमशाखा) | K(375) [र.सं.वि.1770#] |617 | रामसूरि - डहेलावाळा, गुरु-सुरेन्द्रसूरिजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.2022] P (1204, 1361) |618 | रायचंद मुनि (रामचंदजी) - गुरु-जयमलजी {स्था.} [र.सं. वि.1836#] K(291, 799, 904, 906) | 619 | रायचंदजी - गुरु-गोवर्धनजी [र.सं. वि.1797] K(290) 620 राहुल सांकृत्यायन - त्रिपिटकाचार्य (बौद्ध) [प्रका.सं. ई.1953] K(110) 621 रूपचंदजी मुनि (रजत मुनि) - गुरु- मोतीलालजी मुनि (स्था.} P(400) [प्रका.सं.वि.2042] 622 | रूपलबाई साध्वी(महासती) - गुरु-भारतीबाई महासती (स्था.}[प्रका.सं.ई.2004] | K (557) 623 | रूपविजयजी - गुरु-विनयविजयजी (तपा.) [सदी 18वीं) | K(903) 624 रूपविजयजी पंन्यास - गुरु-पद्मविजयजी पंन्यास {तपा.) K (1570) [र.सं. वि.1885] 625 रूपाबाई साध्वी - गुरु-राजुलबाई साध्वी (स्था.} [प्रका.सं. ई.2006] K (1144) 626 | रूपेन्द्रकुमार पगारिया [प्रका.सं. ई.1989] K(238)P(257, 300,642,689, 138735) 627 | रोशनलाल आर. जैन - पंडित {जैन स्था.} [प्रका.सं. ई.1982] K (500, 1523)P (475,745) 615 628 | रोशनलाल चपलोत {जैन स्था.) [प्रका.सं.वि.2050] K (608) Page #357 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कर्ता - संपादक अनुक्रमणिका क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) K(कृति क्रमांक) P(प्रकाशन क्रमांक) K (885, 1368) K (1557) K (214) K (1381) K (263, 1524)P (1628) K (1396)P (1219) 629 | लक्ष्मीवल्लभ उपाध्याय (राज, हेमराज)-गुरु-लक्ष्मीकीर्ति उपाध्याय [र.सं. वि.1725#] 630 लक्ष्मीविजयजी -गुरु-रूपविजयजी (तपा.) 631 | लक्ष्मीसूरि (विजयलक्ष्मीसूरि, सुविधिविजय - मुनि अव.) सौभाग्यलक्ष्मी (तपा.} [ज.सं.वि.1797 चैत्र सुद 5 गुरुवार |632 लब्धिविजयजी उपाध्याय - गुरु-राजविजयजी {ख.} [दी.सं. वि.1958] 633 | लब्धिसूरि - कविकुलकिरीट, गुरु-कमलसूरि (तपा.} [दी.सं. वि.1957] 634 | लब्धिसूरि - गुरु-सुबोधसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2031] 635 | ललितचंद्र मणिलाल शेठ {जैन स्था.) (प्रका.सं. ई.1998] 636 | ललितप्रभसागरजी उपाध्याय - गुरु-जिनकांतिसागरसूरिजी (ख.) प्रका .सं.ई.1990] 637 लाभसागरजी पंन्यास - शतावधानी, गुरु-माणिक्यसागरसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं.वि.2018] 638 लालचंद्र जैन [प्रका.सं. ई.1982] 639 | लालचंद्रजी जैन - विशारद {जैन स्था.} [प्रका.सं. ई.1998] 640 | लीलमबाई महासतीजी - भावयोगिनी (स्था.) [दी.सं. ई.1953] P(58) K (113)P(126) P (585, 1274, 1275, 1277, 1278, 1279, 128237) K (1106) P(58) K (32,275, 782, 1055) P (61, 135, 187, 220, 296, 348, 381, 408, 431, 453, 478, 498,519, 536,563, 593,635, 782,921, 995, 1087, 1122, 1526, 1530, 1531, 1602, 1604327) | K(270, 317)P (270) P(787, 799, 826,975, 98335) K (193,276, 300, 1010, 101135) P(315, 835) P(457, 1264) | P (167) P(704,792,823,1144) |641 | लीलावतीबाई महासती - गुरु-दिवाळीबाई महासती (स्था.} [ज.सं.वि.1975] 642 | वज्रसेनविजयजी पंन्यास - गुरु-कुंदकुंदसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं.वि.2039] 643 वनिताबाई महासतीजी (विनय) - गुरु-रंभाबाई महासती (स्था.) [प्रका.सं. वि.2037] 644 | वरुणमुनिजी - गुरु-अमरमुनि (स्था.) [प्रका.सं. वि.2065] 645 | वल्लभविजयजी - गुरु-विज्ञानसूरिजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.1994] 646 | वल्लभसूरि - युगवीर, गुरु-हर्षविजयजी (तपा.} [आचार्य.प.सं. वि.1981] |647 वसंतकुमार चट्टोपाध्याय (B. K. Chattopadhyay) [प्रका.सं. ई.1952] |648 | वसंतकुमारजी जैन (जैन) [प्रका.सं. वि.20302] 649 | वसंतलालभाई (जैन) [प्रका.सं. वि.2047] 650 | वाचंयमाश्रीजी - गुरु-सुव्रताश्रीजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2044] 651 | वाडीलाल जीवाभाई चोक्सी प्रो. डॉ. (Vadilal J.Choksi, V. J. Chokshi) [[प्रका.सं.ई.1932] 652 वाडीलाल मोतीलाल शाह (V. M. Shan) {जैन स्था.) [जी.काळ सं.ई.1878-1931] 653 विक्रमसूरि-गुरु-लब्धिसूरिजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.2022] K (1390)P(1175) P(742) P(1116) K (70, 1014,1112) K(495, 658,682, 708,732, 75696) P(467, 1429) K(1084) P(702, 843, 1419, 1420) P(1071, 1344) Page #358 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट 1 K(कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) 654 | विक्रमसेनविजयजी गणि- गुरु-पुण्यानंदसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2049] K(23, 58,59,60) P (64,65, 77, 98, 770, 806, 807, 1240, 1251.1265.1790. 1799%D12) P(1360) P(346) P(1799) K(444)P(427, 1652, 1653) K (1244, 1478, 1479) K(421) K(277) P(1316) K (945) 655 | विचारश्रीजी- गुरु-वसंतश्रीजी (तपा.} [गुरु.सं. वि.2019] 656 विजयकुमार डॉ. [ज.सं. ई.1965] 657 | विजयभाई श्रीमाली -चित्रकार [प्रका.सं. वि.2060] 658 विजयमुनि - गुरु-अमरचंद्रजी {स्था.} [चातु.सं. ई.1967] 659 विजयविमल गणि (वानरर्षि, वीपाऋषि) - गुरु-आनंदविमलसूरिजी {विमलशाखा} [र.सं.वि.1634] 660 विद्याकीर्तिजी - गुरु-पुण्यतिलक उपाध्याय {ख.) र.काळ सं.वि.1669-1675] 661 विद्याविजयजी - गुरु-धर्मसूरि (काशीवाळा) {तपा.} [प्रका.सं. वि.1973] 662 | विद्युत्प्रभाश्रीजी - गुरु-नरेन्द्र श्रीजी {अचलगच्छ} [ज.सं. वि.1980] 663 विनय मुनि (स्था.) 664 विनयकुमारजी मुनि वागीश, गुरु-कनैयालालजी (कमल) {स्था.} [चातु.सं. ई.1980] |665 | विनयचंद्र मुनि (स्था.} [दी.सं.वि.1986] 666 | विनयचंद्रजी - गुरु-ज्ञानतिलकजी {ख.) [र.सं. वि.1755] 667 विनयमेरु गणि - गुरु-हेमधर्मगणिजी (ख.} [र.सं. वि.1692] 668 विनयरक्षितविजयजी - गुरु-बोधिरत्नसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2061] 669 | विनयवर्धनविजयजी - गुरु-नयवर्धनसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2063] 670 | विनयविजयजी उपाध्याय - गुरु-कीर्तिविजयजी उपाध्याय (तपा.) [र.सं. वि.1696] 671 विनयश्रीजी {ख.} [प्रका.सं. वि.2003] 672 | विनयसागरजी महोपाध्याय (पूर्व साधु अव. - गुरु-जिनमणिसागरसूरिजी) {जैन ख.) [ज.सं. ई.1929] P (37, 46,216, 655, 671, 685, 748, 1082, 1113, 1387, 1561, 1566, 1569, 1570%D14) K(494) K(1565) K (588) P(1334,1342, 1405, 1621) P(1261) 6 (211,456, 1130, 1192, 1366,151336) K (348, 361) K (1397,1466) P (71, 769, 1086, 1208, 1302, 1303, 1304.1733. 1774.1778%D10) P(1792) 673 | विनोदचंद्र रमणलाल शाह (जैन) [प्रका.सं. ई.1998] 674 विबुधप्रभसूरि {तपा.} [र.स. वि.1300#] |675 विमलकुमारजी नवलखा (जैन स्था.} [प्रका.सं. वि.2050] K(205) P (284, 1664, 1665, 1669, 1670, 1671, 1672, 1673, 1674, 1675, 1676, 1677, 1678, 1679, 1680, 1681, 1682, 1683, 1684, 1685, 1686,1687,1688%D23) P(1564,1573) K(138) |676 | विमलप्रज्ञा साध्वी (तेरा.} [प्रका.सं. ई.1996] |677 विमलहर्ष उपाध्याय - गुरु-नगर्षिगणिजी (तपा.} [उपा. सं. वि.1628] 678 | विरलबाई साध्वी(महासती) - गुरु-प्राणकुंवरबाई महासती {स्था.} [प्रका.सं.ई.2000] P(136) Page #359 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कर्ता-संपादक अनुक्रमणिका क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) |679 | विशालसेनसूरि (विशालविजयजी) - विराट {तपा.) [प्रका.सं. वि.2027] K (1006) 680 विश्वचंद्रसूरि (तपा.) [प्रका.सं. वि.2054] P(784) 681 विश्वनाथजी पंडित [प्रका.सं. वि.1941] P(1488) 682 विसनजी चतुर्भुज [प्रका.सं. वि.1928] P(1747) 683 | वीरगणि (समुद्रघोषसूरि) - गुरु-ईश्वरगणिजी (चंद्रगच्छ) [र.सं. वि.1160] K (1170) |684 वीरपुत्रजी महाराज (घेवरचंद बांठिया - संसारी अव.) {स्था.} K (22, 152, 181, 229, 274,395, 943, 1073, [प्रका.सं. वि.2012] 1523=9) P(22,248, 275,817,872, 1038, 154337) 685 | वीरभद्रगणि (वीरभद्राचार्य) - वीरप्रभुना हस्ते दीक्षित [वीर सं. पूर्व K (1186, 1209, 1228) 686 | वीरभद्राचार्य (वीराचार्य, वीरसूरि) - कृति-आराधनापताका K(1498) [र.सं. वि.1078] |687 वीरमतीबाई महासती - गुरु-लीलमबाई महासती {स्था.} K(163) [प्रका.सं. ई.2000] |688 | वीरविजयजी पंन्यास (शुभवीर) - गुरु-शुभविजयजी (तपा.} K(216,333,334,1569) [जी.काळ सं. वि.1829-1908] |689 | वीरशेखरसूरि - गुरु-राजशेखरसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2022] P(1788) |690 | वीराचार्य (वीरसूरि) - गुरु-विजयसिंहसूरिजी [र.सं. वि.1160#] K(1169) | 691 वीरेन्द्रकुमार मुनि (तेरा.) (प्रका.सं. ई.1998] P(1567, 1571) | 692 | वृद्धिविजयजी - गुरु-लाभविजयजी (तपा.) [र.सं. वि.1706#] K (1035) 693 | वैराग्यरतिविजयजी - गुरु-रामचंद्रसूरिजी (तपा.) [ज.सं. वि.2025] P(1248) 694 | वैराग्यरत्नविजयजी गणि - गुरु-रविरत्नसूरिजी (तपा.) P(909) [प्रका.सं. ई.1999] 695 शय्यंभवसूरि (शय्यंभव भट्ठ) (निर्ग्रथगच्छ) K (1020,1033) [जी.काळ सं. वी.36-98] 696 शशिकांत झा - शास्त्री प्रका.सं. ई.1950] K (988, 1093)P(441, 821) 697 शशीप्रभाश्रीजी {ख.} [प्रका.सं. वि.2051] P(1229) 698 | शांतिचंद्रजी उपाध्याय - गुरु-सकलचंद्रजी उपा {तपा.} [र.सं. वि.1660] K(625) 699 शांतिमुनि (महास्थविर शांतिमुनीजी म.सा.) - गुरु-नानेश आचार्यजी (स्था.} K (925, 937) P (816) [प्रका.सं. ई.2007] 700 शांतिलाल केशवलाल पंडित-सिद्धांतपाक्षिक (जैन श्वेतांबर) P(1711) [जी.काळ सं. वि.1971-2060] 701 | शांतिविजयजी - गुरु-विजयानंदसूरि {तपा.} [प्रका.सं. वि.1943] P(232) 702 शांतिसागरजी उपाध्याय - गुरु-श्रुतसागरजी उपाध्याय (तपा.} K(1367) [र.सं. वि.1707] 703 | शांतिसूरि (वादिवेताल, शांतिभद्रसूरि) - गुरु-विजयसिंहसूरिजी {थारापद्रगच्छ) | K (880) [स्व.सं. वि.1096#] Page #360 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट 1 क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) K(कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) | 704 | शामजी मुनि (श्यामजीस्वामी) - गुरु-मंगलजीस्वामी (मंगळजीस्वामी) (स्था.) |P (1705) [प्रका.सं. वि.1924] | 705 | शारदाबाई महासतीजी - गुरु-पार्वतीबाई महासतीजी (स्था.) K (265, 266, 267, 269,316,318, 319, 366, [जी.काळ सं. वि.1981-2042] 410, 1003, 1004,1007, 1008313) 706 | शिरीषमुनि - कर्मठयोगी (स्था.} [प्रका.सं. ई.2003] P(76, 432) |707 शिवनंदि वाचक (स्थविर भगवंत) K (1501) |708 | शिवमुनिजी आचार्य डॉ. (शिवकुमार मुनि डॉ.)- गुरु-ज्ञानमुनिजी (स्था.} K (72)P (76, 193, 384,410,411,432,481, [ज.सं. ई.1942] 674,803, 929, 1092, 1528312) 709 | शीलचंद्रविजयजी - गुरु-सोमचंद्रसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2042] P(757) 710 | शीलचंद्रसूरि - गुरु-सूर्योदयसूरिजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.2045] P(389,689,1074,1636,178935) 711 शीलांकाचार्य (शीलाचार्य, तत्त्वादित्य, विमलमति, शीलांक) - K(4,81) गुरु-मानदेवसूरिजी (निर्वृतिकुल) [र.सं. वि.925#] 712 शुभवर्धनगणि - गुरु-साधुविजयजी {तपा.) [र.सं. वि.1546] K (326) 713 शुभविजयजी K (797) | 714 | शुभ्रयशा साध्वीजी डॉ. {तेरा.) [प्रका.सं. ई.2001] K (77)P (69) 715 | शोभाचंद्रजी भारिल्ल - पंडित [प्रका.सं. वि.1998] K(298,310, 401,478) P(33,39,47,120, 138, 181, 212, 242, 286, 326, 334, 337, 371, 450, 473, 475, 531, 884, 1114, 1212, 1214,1388, 1446,1447, 1456325) 716 | श्यामाचार्य (प्रथम कालकाचार्य) - गुरु-आर्य स्वातिसूरिजी । गुणाकरसूरि K(579) {निर्ग्रथगच्छ) [जी.काळ सं. वी.280-376] 717 श्रीकरण उपाध्याय {पार्श्वचंद्र.) K (892) 718 | श्रीचंद चोरडिया (जैन) [प्रका.सं. वि.2021] P(1553, 1554,1568) 719 श्रीचंद रामपुरीया {जैन} [प्रका.सं. ई.1960] P (140, 179, 299, 733, 877, 910, 1381, 1709, 171439) | 720 | श्रीचंद सुराणा - सरस (जैन स्था.} [प्रका.सं. वि.2041] K (45, 122, 247) P (37, 47, 68, 124, 133, 180, 185, 191, 195, 279, 306, 342, 409, 428, 475, 497, 518, 557,596, 767, 911, 1088,1123,1264,1366,1456,1466, 1478, 1527, 1563330) 721 श्रीचंद्रजी मुनि (कमल) {तेरा.) [प्रका.सं. ई.1991] K (14, 191)P (1565, 1578) 722 | श्रीचंद्रसूरि (पार्श्वदेवगणि, पार्श्वचंद्रजी, चंद्रसूरि, चंद्रप्रभसूरि) - K (648, 673, 698, 723, 746, 771, 870, गुरु-धनेश्वरसूरिजी {चंद्रगच्छ) [र.सं. वि.1174] 1290%D8) 723 | श्रीपालचंद्रसूरि - गुरु-तिलकसूरि {चंद्रगच्छ) [कृति संशो.सं. वि.1304] K (1027) 724 श्रीसार उपाध्याय - गुरु-रत्नहर्षजी उपाध्याय (क्षेमशाखा) K (1245) [र.काळ सं. वि.1684-1689] 725 | श्रेयांसप्रभसूरि - गुरु-मुक्तिप्रभसूरिजी (तपा.} [ज.सं.वि.2009] K(272)P (313, 947, 1386) 726 | संगीताबाई साध्वी(महासती) - गुरु-शारदाबाई महासती (स्था.} P(266, 332, 375, 399, 744,746, 74997) [गुरु.सं. वि.2042] Page #361 -------------------------------------------------------------------------- ________________ कर्ता - संपादक अनुक्रमणिका P(457) क्र. | कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) K (कृति क्रमांक) P(प्रकाशन क्रमांक) |727 | संघदासगणि क्षमाश्रमण (वाचक) - त्रण पूर्वधर [सदी 5वीं-6ठी] K (769,841, 1442) 728 | संघविजयजी गणि - गुरु-सेनसूरिजी (तपा.) [र.सं. वि.1674] K (1363) 729 संजय सुराणा [प्रका.सं. वि.2060] 730 संमतिबाई साध्वी(महासती) - गुरु-लीलमबाई महासती (स्था.} [प्रका.सं. ई.1998] | K(446) 731 | संयमबोधिविजयजी - गुरु-हेमचंद्रसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं.वि.2049] P(128, 154) | 732 | सज्जनश्रीजी प्रवर्तिनी - गुरु-ज्ञानश्रीजी (ख.) [दी.सं. वि.1998] K (1395) 733 | समदर्शीजी मुनि (प्रभाकर) - प्रभाकरजी मुनि (स्था.} [प्रका.सं. वि.2019] | P(26,76, 1653) 734 | समयसुंदरजी उपाध्याय -गुरु-सकलचंद्रजी उपा. {ख.} [उपा.सं. वि.1649] K (87, 143, 144, 206, 217, 423, 540, 582, 584, 585, 896, 897, 898, 910, 911, 912, 913,1029,1174,1365%D20) |735 | समरचंद्रसूरि (समरसिंघ) - गुरु-पार्श्वचंद्रसूरिजी {पार्श्वचंद्र.) K (85,455,1133,1134) | [जी.काळ सं. वि.1560-1626] 736 | समीर मुनि (समीरमलजी पं.) - गुरु-घासीलालजी मुनि (स्था.) P(393, 1500) [प्रका.सं. वि.2004] 737 | समुद्रसूरि - गुरु-सोहनविजयजी उपाध्याय (तपा.) [प्रका.सं. वि.2022] P(1173) 738 | सागरचंद्रसूरि - गुरु-भातृचंद्रसूरिजी {पार्श्वचंद्र.} [दी.सं. वि.1958] P(1756) 739 | सागरमल जैन डॉ. (Sagarmal Jain Dr.) [ज.सं. ई.1932] K (839, 1469) P(43, 52, 346, 376, 670, 1034,1040, 1046, 1049, 1053, 1056,1059, 1061,1062,1297, 1306,1321,1322,1550, 1633%20) | 740 सागरानंदसूरि (आनंदसागरसूरि, आनंदमुनि - मुनि अव.) - आगमोद्धारक K (63, 131, 132, 171, 260, 261, 262, {तपा.} [दी.सं. वि.1947] 1195, 1216, 1230, 1237, 1246, 1263, 1267, 1272, 1482, 1495%3D17) P(6, 12, 13, 15,81,86,91,94,101, 109, 130, 139, 143, 152, 153, 157, 165, 182, 194, 196, 203, 217, 224, 231, 238, 239, 264, 282, 290, 305, 307, 308, 309, 312, 318, 323, 350, 353, 358, 386, 412, 433, 436, 447, 454,456,482, 485, 499, 500, 506, 514,520, 527, 532, 537, 538, 541, 542, 545, 548, 556, 560, 564, 566, 567, 568, 569, 572,573,577,580, 581, 582, 584, 588, 594, 597, 598, 604, 608, 611, 614, 617, 620, 634, 646, 659, 673, 687, 696, 703,711,719, 809,824, 860, 869, 900, 916,935, 942, 943,958, 964, 965, 966, 973, 977, 978, 986, 990, 997, 999, 1004, 1007, 1010, 1012, 1013, 1015, 1026, 1029, 1033, 1036, 1043, 1052, 1055, 1060, 1066, 1077, 1089, 1093, 1101, 1107, 1108, 1126, 1127, 1128, 1139, 1142, 1151, 1162, 1164, 1225, 1283, 1289, 1290, 1294, 1299, 1305, 1312, 1323, 1324, 1332, 1335, 1349, 1426, 1480, 1484, 1490, 1492, 1506, 1510, 1511, 1534, 1555, 1576, 1587, 1616, 1617, 16183171) Page #362 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट 1 क्र. | कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) | K(कति क्रमांक) P(प्रकाशन क्रमांक) 741 | साधनाबाई महासतीजी - गुरु-शारदाबाई महासतीजी {स्था.} P(375, 749) [प्रका.सं. वि.2038] 742 | साधुरंगगणि उपाध्याय - गुरु-भुवनसोम उपाध्याय (ख.} [र.सं. वि.1599] | K(83) 743 | साधुरत्नसूरि - गुरु-देवसुंदरसूरि (तपा.} [र.सं.वि.1456] K (1439) 744 | साराभाई मणीलाल नवाब {जैन तपा.) [प्रका.सं. वि.1996] K (1418) P(1168, 1176,1197, 1771, 17965) 745 | सिंहसेनसूरि - गुरु-मेरुप्रभसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2047] P(785,915, 1079, 1227, 1238-5) 746 | सिद्धप्रज्ञाश्रीजी (तेरा.} [प्रका.सं.ई.1996] P(1564, 1573, 1582) 747 सिद्धसेन गणि [विद्यमान सं. सदी bट्ठी] K (869) 748 | सिद्धसेनविजयजी - गुरु-सोमचंद्रसूरिजी {तपा.} [प्रका.सं.वि.2042] P(757) 749 | सुखसागरजी - गुरु-जिनकृपाचंद्रसूरिजी {ख.) [प्रका.सं. वि.1975] P(1166) 750 सुदर्शनप्रभाजी साध्वी(महासती) - गुरु-कौशल्याजी महासती (स्था.} P(1392) | [प्रका.सं.वि.2054] 751 सुदर्शनलालजी जैन [प्रका.सं. ई.1970] K(1016)P (737) 752 सुदर्शनाश्रीजी - गुरु-महाप्रभाश्रीजी {त्रिस्तु.} [प्रका.सं. ई.1998] P(1717) 753 | सुधर्मास्वामीजी - पंचम गणधर भगवंत (निर्ग्रथगच्छ। K(1,78,136,175,198, 283,324,371,416, [दी.सं. वी. पूर्वे त्रीश वर्ष वैशाख सुद 11] 451,481,1116,1472%3D13) 754 सुधाबाई साध्वी(महासती) - गुरु-भारतीबाई महासती (स्था.}[प्रका.सं.वि.2054] | K (603) 755 | सुनंदाबेन वोहोरा [प्रका.सं. ई.1986] K(1437)P (1210, 1223) 756 | सुनिताबाई साध्वी(महासती) - गुरु-संमतिबाई महासती {स्था.} K (472) [प्रका.सं. वि.2053] 757 | | सुप्रभाजी साध्वी(महासती) डॉ. {स्था.} [प्रका.सं. वि.2067] K(389, 1149)P (416, 981, 1266) 758 सुबोधचंद्र नानालाल शाह {जैन श्वेतांबर} [प्रका.सं. वि.2025] P(1072) 759 | सुबोधिकाबाई साध्वी(महासती) - गुरु-वीरमती महासती (स्था.) 6 (66, 1309, 1340, 1346) [प्रका.सं.वि.2053] P (135, 187, 296, 348, 453, 498, 519, 536, 563, 593, 635, 921, 995, 1122, 1526, 1530, 1531, 1602, 1604319) 760 | सुभद्रजी मुनि - गुरु-रामकृष्णजी {स्था.} [प्रका.सं. ई.1999] K (927,966) | 761 सुभाष कोठारी डॉ. {जैन स्था.} [प्रका.सं. ई.1995] K (368, 1250, 1268, 1279)P (1550) | 762 | सुमतिकल्लोलगणि - गुरु-जिनचंद्रसूरिजी {ख.} [र.सं. वि.1647] K (139) 763 | सुमतिबाई महासती (सदानंदी) - गुरु-लीलमबाई महासती (स्था.) K(932) [प्रका.सं.ई.2004] | 764 | सुमतिसाधुसूरि (सुमतिसूरि) {ख.) [र.सं. वि.1550#] K (1028) 765 | सुमनबाई महासतीजी - गुरु-लीलमबाई महासती (स्था.} K (186, 307) [प्रका.सं. ई.2004] 766 | सुमेरमलमुनि - गुरु-तुलसी आचार्यजी (तेरा.} [ज.सं. वि.1989] K (1042) Page #363 -------------------------------------------------------------------------- ________________ K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) कर्ता - संपादक अनुक्रमणिका क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) 767 सुयशमुनि - गुरु अमरमुनि उपप्रवर्तक {स्था.} (प्रका.सं. वि.2050] 768 | सुरेन्द्र बोथरा (Surendra Bothara) {जैन स्था.) [प्रका.सं. ई.1987] K (414)P (405) K (47, 165, 250, 304,415, 508, 530, 665, 690, 715, 741, 764,810, 831, 860, 1089, 1323, 1352, 1403, 1470320) K (1239, 1257, 1274,1459, 1485-5) K (822) P(672) K(49, 1534, 1535, 1540)P (1718) P (1286, 1698) P(303) P (1202, 1262) P(922) K(1441) | K (1438) K (1190, 1211) K (1511) 769 | सुरेश सिसोदिया डॉ. [प्रका.सं. ई.1991] 770 सुरेशचंद्र पांडे प्रो. [प्रका.सं. ई.1996] 771 | सुव्रतमुनि शास्त्री (स्था.} [प्रका.सं.वि.2058] 772 सुशीलसूरि - गुरु-दक्षसूरिजी (तपा.} [ज.सं. वि.1973] 773 | सूर्योदयसागरसूरि - गुरु-सागरानंदसूरि (तपा.} [प्रका.सं. वि.2030] 774 | सूर्योदयसूरि -गुरु-धर्मसूरिजी (तपा.) [प्रका.सं. वि.2059] 775 | सूर्योदयसूरि - गुरु-शुभंकरसूरिजी (तपा.) [स्व.सं. ई.2011] 776 | सोमचंद्रसूरि - गुरु-अशोकचंद्रसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2047] 777 सोमतिलकसूरि - गुरु-सोमप्रभसूरिजी (तपा.) |[जी.काळ सं. वि.1355-1424] 778 | सोमप्रभसूरि - गुरु-धर्मघोषसूरिजी {तपा.} [जी.काळ सं. वि.1310-1373] 779 | सोमसुंदरसूरि - गुरु-देवसुंदरसूरिजी (तपा.} | [जी.काळ सं. वि. 1430-1499] : 780 सोमसूरि - कृति-आराधनासूत्र | 781 | सोहनलाल भंसाली [प्रका.सं. वी.2511] 782 सौभाग्यचंद्र गोरधनदास तुरखीया [प्रका.सं. ई.1933] | 783 | सौभाग्यचंद्रजी मुनि (संतबाल) - गुरु-नानचंद्रजी (स्था.} [ज.सं. वि.1903] 784 सौभाग्यमलजी मुनि - मालवकेसरी (स्था.) [प्रका.सं. वि.2007] | 785 | सौभाग्यमुनिजी - कुमुद (स्था.) [प्रका.सं.ई.2003] 786 | सौम्यप्रभाश्रीजी - गुरु-सूर्यप्रभाश्रीजी (तपा.} [प्रका.सं. वी.2522] | 787 स्थूलभद्रसूरि - गुरु-विक्रमसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2059] |788 स्मृति साध्वीजी(महासती) डॉ. {स्था.} [ज.सं. ई.1969] 789 स्वयंप्रभाश्रीजी - गुरु-निर्मलाश्रीजी (तपा.) [प्रका.सं.वि.2043] 790 | हंससागरसूरि - शासनकंटकोद्धारक, गुरु-चंद्रसागरसूरिजी (तपा.) [जी.काळ सं. वि. 1954-2029] 791 | हंसाबाई महासती - गुरु-वनिताबाई महासती (स्था.) [प्रका.सं. ई.2002] 792 | हरखसागरजी - गुरु-लक्ष्मीसागरसूरि [र.सं. वि.1798] P(1779) P(1647) K(41, 43,915, 978, 1038, 108536) P(25,79,864) K (12,42) | K (399,503,970, 1316, 1317, 1318%D6) P(414,480, 818, 1090) P(1224) P(1249) K (369)P (385) P(1781) K (1175,1180,1182) P(1009, 1017) P (814) K (1566) Page #364 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट 1 कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) 793 हरगोविंददास त्रिकमचंद शेठ पंडित (हरगोविंददास टी. शेठ, Pandit | Hargovind Das Sheth, हरगोविंददास त्रिकमचंद शास्त्री पंडित). गुरु धर्मसूरिजी जैन तपा. [जी.काळ सं. वि. 1945-1997] 794 हरविंदरसिंह सरदार चित्रकार [प्रका. सं. वि. 2053] 795 हरिदत्त शर्मा प्रका. सं. वि. 1975] 796 हरिदामोदर वेलणकर (H. D. Velankar ) जी.काळ सं. ई. 1893-1967] - 797 हरिभद्रसूरि (भवविरहसूरि) याकिनी महत्तरासून विद्याथर.) [विद्यमान सं. वि. 8330] 798 हरिराम आचार्य डॉ. (प्रका. सं. वि. 2036) 799 हरिवल्लभ चुनीलाल भायाणी डॉ. (H. C. Bhayani Dr.) {जैन स्था.} (ज.सं. ई. 1917) 800 हरिशंकर कालीदास शास्त्री प्रका. सं. वि. 1971] 801 हरिहर सिंह डॉ. (Harihar Singh Dr.) [ प्रका. सं. ई. 1975 ] 802 हर्षकुल गणि गुरुकुलचरणगणिजी (तपा.) [र.सं. वि. 1583] 803 हर्षचंद्र जैन ( जैन स्था. } [प्रका. सं. वि. 1994 ] - - 804 हर्षनंदन गणि गुरु- समयसुंदरजी उपाध्याय (ख.} [र.सं. वि. 1705] 805 हर्षविजयजी गुरु चरणविजय पंन्यास [ प्रका. सं. वि. 1996] - 806 हसुमतीबाई महासती विद्याभूषण स्था. [प्रका. सं. ई. 1978] 807 हस्तीमलजी आचार्य गजेन्द्र (स्था. } [प्रका. सं. वि. 2026] 808 हार्दिकरत्नविजयजी गुरु अरिहंतसिद्धसूरिजी [तपा.] [प्रका. सं. वि. 2058] 809 हितरत्नविजयजी गुरु-रत्नचंद्रसूरिजी ( तपा.} [प्रका. सं. वि. 2061] 810 हितेशचंद्रविजयजी श्रेयस (त्रिस्तु } [प्रका. सं. वि. 2058] 811 हिमांशुसागर पंन्यास गुरु हीरसागरजी पंन्यास (तपा.) [[प्रका. सं. वि. 2038] - 812 हीरविजयजी गुरु- अभयचंद्रसूरिजी (तपा. } [प्रका. सं. वि. 2068 ] 813 हीरालाल बी. गांधी (Hiralal B. Gandhi, H. B. Gandhi) [प्रका. सं. ई. 1938] 814 हीरालाल रणछोड़भाई मास्तर [ प्रका. सं. वि. 1995] 815 हीरालाल रसिकदास कापडिया (Hiralal R. Kapadia) (जैन तपा.) [ जी. काळ सं. ई. 1894 - 1979] 816 हीरालाल शास्त्री पंडित [ प्रका. सं. वि. 2038] 817 हीरालाल हंसराज (हीरालाल हंसराज लालन) - पंडित (जैन तपा. } K (कृति क्रमांक) P (प्रकाशन क्रमांक) K (485, 1139) P (463, 956, 957, 974, 1351=5) P (911, 1088, 1264) P (845) P (1623) K (580, 786, 1026, 1031, 1123, 1169, 1287, 1331=8) P (1707) P (287, 389, 642, 1338, 1583, 1789=6) K (1376, 1386) P (1143) P (626) K (82, 201) P (469) * K (139,1365) P (718) K (19, 32, 394, 437, 522=5) K (377, 391, 458, 462, 987, 1043, 1057, 1105, 1297, 1308=10) P (441, 681, 834, 1068, 1329=5) P (1000, 1482, 1483) P (930) P (75) P (447) P (952,1017) K (547) P (508) 35 P (967) P (1626, 1627, 1629, 1640, 1650=5) K (162, 192) P (180, 222) K (234, 952, 991, 1248, 1412=5) Page #365 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. K (कृति क्रमांक) P(प्रकाशन क्रमांक) P(11,240, 700,710,827,844, 1037, 135498) K (301,961) K (1435)P (1273) K (90, 103, 459, 461)P (472) कर्ता - संपादक अनुक्रमणिका कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) [प्रका.सं.वि.1966] 818 | हुकमचंद जैन डॉ. [प्रका.सं. ई.1991] 819 | हृदयरत्नविजयजी - गुरु-हेमरत्नसूरिजी (तपा.) [ज.सं. वि.2010] 820 हेमचंद्रजी मुनि - गुरु-आत्मारामजी महाराज {स्था.) [प्रका.सं. वि.2036] | 821 | हेमचंद्रसागरसूरि - बंधु-बेलडी, गुरु-अशोकसागरसूरि (तपा.} [प्रका.सं. वि.2055] |822 | हेमचंद्रसूरि (मलधारी) - गुरु-अभयदेवसूरिजी {मलधारी) [र.सं. वि.1175] |823 हेमप्रभविजयजी - गुरु-कुंदकुंदसूरिजी {तपा.} [दी.सं. वि.2037] 824 हेमप्रभविजयजी - गुरु-रश्मिराजविजयजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2066] 825 | हेमप्रभसूरि - गुरु-महेंद्रसूरिजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2042] 826 | हेमसागरसूरि - गुरु-सागरानंदसूरिजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.1994] 827 | हेमेंद्रविजयजी - गुरु-मनोहरसूरिजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.2028] P(1692, 1698) K (1124,1129,1332) P(149) P(155) P(773, 778, 913, 1232) P (243, 253, 263, 269, 271,489, 49037) P(1190, 1215) Page #366 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 37 परिशिष्ट 2 - प्रकाशक अनुक्रमणिका (अकारादि सूची) प्रकाशन क्रमांक प्रकाशक | ॐकार जैन तीर्थ कमिटी (ॐकार जैन तीर्थ), पदमला 98, 806, 807, 1799 | ॐकार साहित्य निधि (ॐकार साहित्य निधि ट्रस्ट, विजयभद्र चेरिटेबल ट्रस्ट), | 378, 903 भीलडियाजी (गुज.) ॐकारसूरि ज्ञानमंदिर (ॐकारसूरि आराधना भवन, Omkarsuri Aradhna | 83, 524, 661, 662, 791, 919, 1337, 1343=8 Bhavan), सुरत (सूर्यपूर) | 108 पार्श्वनाथ भक्ति विहार जैन ट्रस्ट, शंखेश्वर (गुज.) 1219, 1271 A. T. Upadhye 507 |Adyar Library &Research Centre, चेन्नई (तामिलनाडु) 1022 Ajay Book Service, New Delhi Asiatic Society of Bombay (Bombay Branch of the Royal Asiatic 1649 Society-BBRAS), मुंबई 747 - Asiatic Society (Asiatic Society of Bengal, Royal Asiatic | 377,1418 | Society of Bengal, रायल एसियाटाक सासायटी), Kolkata (W.Bengal) B.J. Institute of Learning &Research (भोलाभाई जेसिंगभाई अध्ययन |1735 संशोधन विद्याभवन), Ahmedabad Bhandarkar oriental Research Institute (भांडारकर प्राच्यविद्या 1623 संशोधन मंदिर, Bhandarkar Institute Press), पूना Bharat Bharati | 1189 - 12 Bibliotheca Indica, Kolkatta 377 Cram, De Gruyter & Co. 637 1441,1442 16 Dover Publications F.A. Brockhaus (एफ. ए. ब्रोकहस) Hiralal B. Gandhi (हीरालाल बी. गांधी) 4,484,1133 508 Kashinath Vasudev Abhyankar 856 Leumann 692,694 Low Price Publications, Delhi 1481 21 | M.V. Patwardhan 859 487 | N.G. Suru (एन. जी. सुरु, N.G. S.) N. V. Vaidya Pro. 321,344 Otto Harrassowitz 676 25 Oxford University Press (Clarendon Press), London (U.K.) 1441, 1442, 1453,1454, 1479, 148136 P. L. Vaidya 361,466, 1352 27 Royce Wiles 1625 Page #367 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रकाशक अनुक्रमणिका क्र. प्रकाशक प्रकाशन क्रमांक Satguru Publications 1548 Shree Publishers & Distributors 145,811,1479, 1643 Vandenhoeck & Ruprecht 1425 34 | अंजार तपगच्छ जैन संघ 1782 32 | अंधेरी गुजराती जैन संघ (श्रेयस्कर अंधेरी गुजराती जैन संघ), मुंबई 928 33 | अंबा गुरु शोध संस्थान, उदयपुर (राज.) 414, 480, 818, 1090 | अंबालाल रतनचंद जैन धार्मिक ट्रस्ट (मूळीबेन अंबालाल रतनचंद खंभातवाळा | 1706 ट्रस्ट, बी. ए. शाह एंड ब्रधर्स, बी. ए. शाह, अंबालाल रतनचंद) अकलंक ग्रंथमाला, सुरत (सूर्यपूर) 766,898, 1660 | अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन संघ, बीकानेर (राज.) 406,924,1611,1612,1613%35 अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी शांत क्रांति जैन श्रावक संघ, 816 उदयपुर (राज.) अखिल भारतीय जैन विद्वत् परिषद्, जयपुर 1657 | अखिल भारतीय श्वेतांबर स्थानकवासी जैन कोन्फरन्स (All India s. S. Jain | 14,107, 865 Conference, श्वेतांबर स्थानकवासी जैन कोन्फरन्स), मुंबई, दिल्ली 40 अखिल भारतीय श्वेतांबर स्थानकवासी जैन शास्त्रोद्धार समिति 21, 23, 118,119, 173, 174,208, 209, 250, (Akhil Bharat s.s. Jain Shastroddhar Samiti), राजकोट, 251, 325,339, 366, 367, 393,394, 425, 426, 443, 444,471, 493, 512, 513,529, अमदावाद (गुज.) 530, 550, 551, 575, 576, 586, 587, 601, 625, 666, 723, 724, 880, 881, 969, 1069, 1076, 1111, 1178, 1179, 1187, 1500, 1502, 1503349 अखिल भारतीय सुधर्म जैन संस्कृति रक्षक संघ 57, 80, 131,146, 190, 219, 275, 351, 352, (अखिल भारतीय साधुमार्गी जैन संस्कृति रक्षक संघ), ब्यावर (राज.) 373,398, 415, 434, 446, 476, 502, 521, 540, 595, 636, 728, 812, 813, 817, 872, 927, 939, 996, 1094, 1125, 1377, 1378, 1404,1411, 1412, 1457, 1529, 1533, 1603, 1606, 1609, 1610, 1786343 42 | अगरचंद भैरोंदान सेठिया जैन पारमार्थिक संस्था 22, 248, 721, 1607, 160835 (सेठिया जैन पारमार्थिक संस्था, अगरचंद भैरोंदान सेठिया जैन ग्रंथालय (शास्त्रभंडार), बीकानेर (राज.) | अगरचंदजी जोगराजजी लोढा, फलोधी 1591 | अजरामर जैन विद्याशाला, लींबडी (गुज.) 1351, 1428 45 | अज्ञात 46 | अतुल मोहनलाल जैन 773 41 43 330 अध्यात्म ज्ञान प्रसारक मंडल, मंबई 1762, 1763 48 | अनंतभाई दुर्लभजी खेताणी परिवार 829 49 | अनिलकांत बटुकभाई भरवाडा, मुंबई 121a 50 अनेकांत प्रकाशन जैन रिलीजीयस ट्रस्ट (अनेकांत प्रकाशन), अमदावाद (गुज.) 792, 831, 916, 938, 943, 1257, 1260=7 Page #368 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. 51 अनेकांत फाउन्डेशन 52 अप्रदर्शित 53 अप्रदर्शित (#) 54 अभय जैन ग्रंथमाला, बीकानेर (राज.) 55 अभिधान राजेन्द्र कोष प्रकाशन संस्था, अमदावाद 56 57 58 59 अमीचंदजी ताराजी दाणी 60 अमृत पुण्योदय ज्ञानशाळा, पालीताणा (गुज.) 61 अमृतलाल अमरचंद सलोत प्रकाशक 71 62 अमृतलाल एंड कुंवरजी 63 64 65 अरिहंत आराधक ट्रस्ट (Arihant Aradhak Trust), भिवंडी थाना | अरुणोदय फाउन्डेशन ट्रस्ट, कोबा, गांधीनगर (गुज.) 67 अर्धशताब्दी महोत्सव समिति 68 अर्हद् धर्म प्रभावक ट्रस्ट (Arhad Dharm Prabhavak Trust), अमदावाद, सुरत (गुज.) 69 अर्हम् परिवार ट्रस्ट (अर्हम् परिवार, अर्ह प्रकाशन), धाणे (W) 121 72 अभिधान राजेन्द्र प्रचारक संस्था, रतलाम (अभिधान राजेन्द्र कार्यालय, जैन प्रभाकर यंत्रालय) अमर जैन आगम शोध संस्थान, बाडमेर (राज.) अमर पब्लिकेशन्स, वाराणसी (उ.प्र.) 70 | अवंती पार्श्वनाथ तत्त्वज्ञान प्रचारक मंडळ, उज्जैन (म.प्र.) आगम अनुयोग ट्रस्ट, अमदावाद 74 75 अमृतलाल ओधवजी अमोल जैन ज्ञानालय, धुलिया (महा.) परिशिष्ट 2 आगम अनुयोग प्रकाशन, सांडेराव, दिल्ली 73 आगम अहिंसा समता एवं प्राकृत संस्थान (Agam Ahimsa Samta Avam Prakrit Sanstan), उदयपुर (राज.) आगम नवनीत प्रकाशन समिति, सिरोही (राज.) - आगम प्रकाशन समिति, (Agam Prakashan Samiti), ब्यावर (राज.) प्रकाशन क्रमांक 185, 191 774, 777, 819, 1282, 1349, 1415-6 256, 273, 1797 1778 1558 851 1184, 1207 633, 1580 1318 1780 1152, 1180 852 1165 138, 795, 1702 691, 1795 1736, 1738 757 1273 1097, 1098 1206 46, 216, 277, 628, 655, 671, 685, 753, 1082, 1387, 1455, 1556, 1557, 1559, 1560, 1561, 1563, 1566, 1569, 1570=20 124, 175, 210, 667, 668, 683, 748, 1113,1619=9 376, 1034, 1040, 1046, 1049, 1053, 1056, 1059, 1061, 1062, 1297, 1321, 1322, 1550=14 284, 1661, 1662, 1663, 1664, 1665, 1666, 1667, 1668, 1669, 1670, 1671, 1672, 1673, 1674, 1675, 1676, 1677, 1678, 1679, 1680, 1681, 1682, 1683, 1684, 1685, 1686, 1687, 1688=29 47, 133, 180, 222, 279, 337, 383, 401, 416, 428, 450, 475, 494, 515, 531, 557, 589, Page #369 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रकाशक अनुक्रमणिका क्र. प्रकाशक प्रकाशन क्रमांक 76 | आगम श्रुत प्रकाशन, अमदावाद 77 | आगमदीप प्रकाशन, थानगढ, अमदावाद 629,764, 905, 981, 1080, 1114, 1266, 1388,1456,1514,1696328 53, 67, 129,134,183, 186, 218, 221, 289, 295, 341, 380, 407, 429, 451, 477, 496, 517, 533, 534, 558, 559,578, 590, 592, 602, 607, 610, 612,616, 619, 630, 631, 643,653,656, 669,684, 686, 775, 793, 908, 917, 982, 984, 1024, 1028, 1031, 1035, 1042,1051, 1054, 1057, 1083,1118, 1389, 1390, 1391, 1515, 1518, 1519, 1520, 1521, 1522, 1523, 1524, 1584, 1620, 1787%3D69 292, 1458, 1459, 1460, 1461, 1462, 1463%D7 6, 62,91, 101, 130, 139, 152, 157, 165, 167, 182, 196,203, 204, 217, 231,272, 282, 307, 308, 312, 318, 353, 358, 436, 447, 456, 474,485, 500, 506, 514, 545, 554, 556, 560, 564, 568, 569, 573,577, 581, 582, 598, 958, 963, 964, 973, 975, 977, 978, 997, 999, 1004, 1015, 1077, 1089, 1107, 1110, 1128, 1283, 1294, 1312, 1324,1426,1480, 1484,1490, 1491,1506, 1511,1534,1536,1615, 1616375 78 | आगमोदय समिति, महेसाणा, मुंबई 79 | आगमोद्धारक जैन ग्रंथमाला (आगमोद्धारक ग्रंथमाला), कपडवंज (गुज.) 117,560, 585, 1274,1275, 1277, 1278, 1279,128239 907 925, 1222, 1246, 1692, 169835 आगमोद्धारक देवद्धि जैन आगम मंदिर ट्रस्ट 81 आगमोद्धारक प्रतिष्ठान 82 | आगमोद्धारक फाउन्डेशन, सुरत (गुज.) 83 | आगमोद्धारक श्रुतसेवा समिति (जैन शासन सेवा ट्रस्ट), अमदावाद 805 86,91, 152, 153,196, 308, 309, 500, 541,569,581,597,997, 1128, 1324,1480%D16 1777 84 | | आत्म कमल लब्धिसूरीश्वरजी जैन ज्ञानमंदिर (लब्धिसूरीश्वरजी जैन ज्ञान मंदिर, Atma Kamal Labdhi Surishwarji Jain Gyana Mandir), मुंबई 85 | आत्म ज्ञान श्रमण शिव आगम प्रकाशन समिति, लुधियाना (पंजाब) 76, 193, 384,410, 432, 481, 674,803, 929, 1092,1528%D11 123,767 1196 86 आत्मज्ञानपीठ (Atma Gyanpith), मानसा (पंजाब) 87 | आत्मानंद जैन उपाश्रय, वडोदरा | आत्मानंद जैन महासभा, अंबाला 89 | आत्मानंद जैन सभा (जैन आत्मानंद सभा, आत्मारामजी जैन ज्ञानशाळा अने पुस्तकालयनी कार्यदक्ष सभा, Jaina Atmanand Sabha), भावनगर 1173 89, 192, 226, 227, 359, 374,421, 544, 680, 704,718,750,792,823,1102, 1103,1144, 1149,1248, 1340, 1341321 672 आत्माराम जैन धर्मार्थ समिति आत्माराम जैन प्रकाशन समिति (जैन शास्त्रमाला कार्यालय, 26, 178,368, 423,472, 664,717, 1070, Page #370 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट2 क्र. प्रकाशक प्रकाशन क्रमांक 1092, 1552%D10 108 554 1788 930 जैन शास्त्रोद्धार ग्रंथमाला) 92 | आदर्श प्रेस 93 | आदिनाथ जैन श्वे. संघ, बेंगलोर (आदिनाथ जैन श्वे. मंदिर ट्रस्ट) 94 आदिनाथ मरुदेवा विरामाता जैन पेढी 95 | आदेश्वर जिनालय कैलासनगर श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ-सुरत 96 | आध्यात्मिक ज्ञान शिक्षण केन्द्र (आध्यात्मिक शिक्षण केन्द्र, | Aadhyatmik Shikshan Kendra), मुंबई 97 आनंद प्रकाशन, अमदावाद 98 | आनंद माणिक्य प्रकाशन, लुणावाडा 99 | आनंद साहित्य ग्रंथमाला, अमदावाद 909 139,564, 1012, 1089, 1289, 1587D6 1555 249 100 आनंद सुमंगल परिवार, अमदावाद 1210,1223 101 आनंद हेम ग्रंथमाळा, मुंबई 271 725,776 1211,1247 933 51 102 | आर. डी. वाडेकर एन्ड एन. वी. वैद्य 103 | आर्य जयकल्याण केन्द्र ट्रस्ट (आर्य जनकल्याण केन्द्र ट्रस्ट), मुंबई 104 आलवाडा जैन संघ 105 उमरावमल चोरडिया 106 उमेदचंद रायचंद मास्तर (जैन ज्ञानवर्धक शाळा) | 107 उमेदचंदभाई एन्ड कसुंबाबेन चेरीटेबल ट्रस्ट | 108 ऋषभदेव केशरीमलजी जैन श्वेतांबर संस्था | (ऋषभदेव केशरीमलजी जैन श्वेतांबर पेढी, रतलाम 853,1757 1690 12, 15, 86, 94, 109, 110, 153, 238, 239, 290, 309, 548, 567, 572, 711, 860, 965, 966, 986, 1066, 1108, 1124, 1162, 1164, 1225,1299, 1305,1335,1617,1618-30 244,719 857, 1761 385 109 ऋषभदेवजी छगनीरामनी पेढी 110 ए. एम. एन्ड कंपनी | 111 एस. आदिनाथ जैन इन्टरनेशनल ट्रस्ट 112 एस. एस. जैन संघ (S. S. Jain Sangh) | 113 कनैयालाल एफ. वलाणी (कनैयालाल फकीरचंद वलाणी) 114 | कमल प्रकाशन ट्रस्ट, (कमल प्रकाशन), अमदावाद (गुज.) 1392 1191 836, 896, 931, 945, 1254, 1292, 1293, | 1295,172239 115 कमाणी ट्रस्ट 116 | करांची श्वेतांबर स्थानकवासी जैन संघ 117 कर्मसिंहजीस्वामी ज्ञानभंडार समिति 362 736 Page #371 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 42 क्र. प्रकाशक प्रकाशक अनुक्रमणिका 118 कलापूर्ण जैन आराधक मंडल, चेन्नई 119 कलिकालसर्वज्ञ श्री हेमचंद्राचार्य नवम जन्म शताब्दी स्मृति संस्कार शिक्षण निधि, अमदावाद (गुज.) 120 कल्पसूत्र प्रकाशन समिति (मुलुंड जैन संघ कल्पसूत्र प्रकाशन समिति) 121 कल्याणजी सोभाग्यचंद जैन पेडी (पिंडवाडा जैन संघ), पिंडवाडा-सिरोही 122 कल्याणसागरसूरि ग्रंथ प्रकाशन केन्द्र (दादाश्री कल्याणसागरसूरि ग्रंथ प्रकाशन केन्द्र), मुंबई (महा.) 123 कांतिलाल खेमचंद कापडिया डॉ. 124 कांतिलाल चुनीलाल शेठ 125 कांदीवली मुनिसुव्रतस्वामी श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ 126 कुंवरजी आनंदजी शाह 127 के. एल. मुणोत 128 केवळ जिनदर्शन ट्रस्ट, सुरेन्द्रनगर 129 केशर कमल जय ग्रंथमाळा 130 केशरबहिन अमृतलाल झवेरी 131 केशरबाई जैन ज्ञानमंदिर (केशरबाई ज्ञानभंडार), पाटण (गुज.) 132 केशवलाल सवाईभाई शाह 133 केसरवेन शांतिलाल कोठारी पालनपुरवाळा 134 कैलास कंचन भावसागर श्रमण संघ सेवा ट्रस्ट, मुंबई 135 कोटा-बड़ा जैन श्वेतांबर संघ 136 कोडाय सदागम प्रवृत्ति खातां ट्रस्ट 137 कोरशी विजपाल जैन 138 कोरसीभाई तथा देराजभाई शाह 139 कोल्हापुर जैन श्वे. मू. पू. संघ, कोल्हापुर 140 खंभात स्थानकवासी जैन संघ 141 खडायता बुक डीपो (Khadayata Book Depot), अमदावाद 142 खेडा जैन श्वे. मू. संघ, खेडा (गुज.) 143 खेतशी जीवराज शास्त्री (शाह) 144 खेराज पुंजाभाई शेठ 145 गढसिवाना तपागच्छ जैन संघ 146 गूजरात • विद्यापीठ (गुजरात 'विद्यापीठ प्रकाशन मंदिर, पंजाभाई जैन ग्रंथमाला), अमदावाद प्रकाशन क्रमांक 822, 832, 940, 949 389, 1789 1193 55, 644 1201 141, 142, 797 167, 204 1724 1497, 1516, 1767 509 763, 781, 796 883 1356 1044, 1110, 1115 1752 740 169, 263, 1177, 1216 861 1753 1768 862 1251 761 1431 755, 790 419, 837, 1136 1143 772 42, 151, 236, 340, 379, 762, 941, 1438=8 Page #372 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट2 क्र. प्रकाशक प्रकाशन क्रमांक 1749. 147 गुजरात विद्यासभा (गुजरात वर्नाक्युलर सोसायटी, Gujarat vidhya Sabha) | | 720, 1729 148 | गुरु देवेन्द्र साहित्य प्रकाशन समिति 1659, 1740 149 गुरु रामचंद्र प्रकाशन समिति, भीनमाल 162, 197, 565, 906, 920, 934, 1048, 1328%D8 | 150 | गुरुकुल प्रिन्टींग प्रेस, ब्यावर, जोधपुर 1703 151 गुरुप्राण फाउन्डेशन (गुरुप्राण जन्म शताब्दी प्रकाशन समिति), 61,135, 187,220, 296,348,381,408,431, राजकोट (गुज.) 453, 478, 498, 519, 536, 563, 593, 635, 782, 921, 995, 1087, 1122, 1526, 1530, 1531,1602,1604-27 152 गुलाबचंद जसराज संघवी 1575 | 153 | गूर्जर ग्रंथरत्न कार्यालय (एस. जे. शाह), अमदावाद (गुज.) 467,510, 1429, 1494 154 गोडीजी पार्श्वनाथ जैन टेम्पल ट्रस्ट (Godiji jain temple and charities), | 111, 1544 | मुंबई (महा.) 155 | गोरधनदास त्रिभोवनदास दोशी 1758 156 गौतम प्रकाशन 1715 157 ग्रंथोदय प्रिन्टींग प्रेस 158 घेलाभाई करमचंद सेनेटोरियम् 1376 159 चंदनमलजी रतनचन्द्रजी शेठ 469 160 चंदनसागर ज्ञानभंडार 1296, 1439 161 चंदुलाल सोमचंद 1244 162 | चंद्रकांत शांतिलाल कोठारी 731 163 चंद्रप्रभुजैन नया मंदिर ट्रस्ट 1234 164 चाणस्मा जैन मंडळ 1654 165 चुनीलाल कल्याणजी दोशी 1309 166 छोटालाल नाथालाल शाह 854 167 छोटालाल नानचंद मास्तर 712 168 | जंबूस्वामी जैन मुक्ताबाई आगममंदिर (मुक्ताबाई ज्ञानमंदिर), डभोई 1075,1285, 1291,1704 169 जगजीवन रतनशीभाई बगडीया 652,682 | 170 जगजीवनदास कस्तुरचंद शाह 276,1116 171 | जगमोहनदास कोरा स्मारक पुस्तकमाला (रसिकलाल डाह्याभाई कोरा, 912 अशोक कांतिलाल कोरा) | 172 | जन मंगल संस्थान | 184 173 जमनाभाई भगुभाई 1759 जवाहर साहित्य समिति 286 174 Page #373 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रकाशक अनुक्रमणिका प्रकाशक प्रकाशन क्रमांक 1258 45, 126,215 1393 144 175 जशवंतभाई एन. शाह 176 | जितयशाश्री फाउंडेशन, कलकत्ता 177 | जिन गोयम गुण सर्वोदय ट्रस्ट, मुंबई 178 | जिनकांतिसागरसूरि स्मारक ट्रस्ट, जालोर (राज.) 179 जिनदत्तसूरि ज्ञानभंडार, मुंबई 180 जिनदत्तसूरि ज्ञानभंडार, सुरत 181 जिनप्रभसूरि जैन ग्रंथमाला, अमदावाद 182 जिनशासन आराधना ट्रस्ट, पाटण (गुज.), मुंबई 1166, 1169,1182 | 1105,1120 833,951,955, 1325, 1326, 1327%D6 48, 49, 92, 94, 128, 130, 154, 157, 158, 160, 161, 182, 198, 217, 227, 282, 290, 312, 344, 353, 388, 456,459, 501, 514, 522, 532, 542, 556,567, 568, 572, 577, 582, 588, 598, 823, 824, 899, 900, 942, 976, 977, 978, 979, 986, 999, 1002, 1004, 1005, 1010, 1015, 1077, 1078, 1081, 1098, 1115,1120, 1131,1225, 1226,1263, 1280, 1282, 1287, 1294, 1305,1307,1308, 1310, 1341, 1484,1516, 1534,1535, 1536, 1700, 1720378 233,280 1229 739 183 जिनागम प्रकाशक सभा, मुंबई 184 जिनेश्वरसूरि फाउन्डेशन 185 जीवणलाल पदमशी संघवी 186 जीवन कार्यालय 187 | जीवराज घेलाभाई दोशी 188 | जुहारमल सरुपचंद बोरदियाकी नानी सा. मेनाबाई 488 360, 650, 677,678,701,708, 842, 84938 1218 189 जैन आगम ट्रस्ट 1510 968, 1630, 1636, 1727 190 जैन ग्रंथ प्रकाशक सभा (Jain Granth Prakashak Sabha, Jaina Siddhanta Society), अमदावाद 1262 1749 191 जैन ग्रंथ प्रकाशन समिति, खंभात | 192 | जैन ज्ञान प्रसारक मंडळ (ज्ञान प्रसारक मंडळ, ज्ञानप्रसारक मंडल व पुस्तकालय) मुंबई 193 | जैन ज्योति कार्यालय, अजमेर (राज.) | 194 | जैन तत्त्व विवेचक सभा (तत्त्व विवेचक समिति), अमदावाद 195 | जैन तीर्थदर्शन भवन ट्रस्ट (108 जैन तीर्थदर्शन भवन ट्रस्ट), पालीताणा, सुरत (सूर्यपूर), अमदावाद 396 1416 1586, 1644, 1645, 1646 | 196 | जैन दर्शन चेरीटेबल ट्रस्ट, अमदावाद 1464 Page #374 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट2 क्र. प्रकाशक प्रकाशन क्रमांक 786 1554, 1568 197 जैन दर्शन प्रकाशन, राजकोट 198 जैन दर्शन समिति, कलकत्ता 199 | जैन दिवाकर दिव्य ज्योति कार्यालय, ब्यावर (राज.) | 200 जैन धर्म प्रसारक सभा, भावनगर 333, 1597 205, 320, 465, 474, 707, 787, 1314, 1346, 1434, 1495, 1496, 1508, 1513, 1636, 1765, 1772%D16 1746 839 1235 17, 170,548, 567, 172035 1074, 1192 1755 201 जैन धर्म प्रसारण ट्रस्ट, सुरत 202 जैन धर्म विद्या प्रसारक वर्ग 203 | जैन पार्श्व पद्मावती ट्रस्ट 204 जैन पुस्तक प्रचारक संस्था, सुरत (सूर्यपूर) 205 जैन प्रकाशन मंदिर, अमदावाद 206 | जैन प्राचीन पुस्तकोद्धार फंड 207 जैन प्राच्य विद्याभवन (चारित्रविजयजी ज्ञानभंडार), अमदावाद 208 | जैन प्रिन्टींग प्रेस (Jain Printing Press, जेठालाल दलसुखभाई), अमदावाद | 209 | जैन बंधु समाज | 210 | जैन भवन (Jain Bhawan), कलकत्ता | 211 | जैन विजय प्रेस (मोहनलाल वि. अमरशी शेठ), मुंबई 212 | जैन विश्व भारती (जे. वी. बी. युनिवर्सिटी, जैन विश्व भारती प्रकाशन, | Jain Vishva Bharati), लाडनूं (राज.) 722,784 845,899 293, 1639 1592 32, 50, 69, 70, 140, 147, 179, 213, 281, 285, 299, 304,345, 390, 654, 657, 658, 688,697,779, 794, 801, 808,882, 910, 985, 1014, 1085, 1119, 1381, 1382, 1383, 1394,1445,1517, 1525,1549, 1562, 1564, 1565, 1567, 1571, 1573, 1574, 1578, 1579, 1582,1714348 232 1141,1350 738 1622 1779 213 | जैन शासन कार्यालय 214 जैन श्रेयस्कर मंडळ, महेसाणा 215 जैन श्वे.स्थानकवासी मोटो संघ, ध्रांगध्रा | 216 | जैन श्वेतांबर कोन्फरन्स (Jain Swetamber Conference), मुंबई 217 | जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ संघ, दिल्ली 218 | जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ संघ-ब्यावर जैन श्वेतांबर तेरापंथी महासभा (Jain Swetambar Terapanthi Mahasabha), कलकत्ता, अमदावाद 220 | जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा, सुरत 221 | जैन श्वेतांबर नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ (नाकोडा पार्श्वनाथ तीर्थ), मेवानगर (राज.) 1779 30, 624,733,734,877,878, 136237 1714 45, 126, 215, 492, 783, 893, 1302, 1303, 13049 Page #375 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 46 प्रकाशक अनुक्रमणिका प्रकाशन क्रमांक क्र. प्रकाशक 222 | जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ, मढी. 223 जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ 149,1278 1103 224 | जैन समाचार कार्यालय 1420 237,241, 1433, 1542, 1730-35 1624 1235 1180 8,693,694,1348,1532,164836 225 | जैन साहित्य प्रकाशन समिति (जैन साहित्य प्रकाशन मंडल, जैन साहित्य प्रकाशन ट्रस्ट), अमदावाद 226 जैन साहित्य फंड 227 जैन साहित्य मंदिर, पालीताणा 228 | जैन साहित्य वर्धक सभा (साहित्यवर्थक सभा) 229 | जैन साहित्य संशोधक कार्यालय (जैन साहित्य संशोधक समिति, | Jain Sahitya Samsodhaka Pratistan), अमदावाद 230 जैन साहित्य समिति, नयापुरा 231 जैन सिद्धांत सभा 232 जैन सोसायटी जैन संघ 233 | जैन हठीसिंह सरस्वती सभा (जैन सरस्वती सभा) | 234 | जैन हितेच्छु श्रावक मंडल (हितेच्छु श्रावक मंडल) | 235 | जैनागम नवनीत प्रकाशन समिति, राजकोट 18,1357 115,395 1440 847,866,1754,1756 242,286 | 236 | जैनानंद पुस्तकालय (जैन आनंद पुस्तकालय), सुरत (गुज.) 58,310, 570, 1406, 1407, 1408, 1409, 1413,14149 81, 143, 194, 224, 305, 350, 386, 412, 433, 454, 482, 499, 520, 537, 566, 580, 594, 604,608, 611, 614,617, 620, 634,646, 659, 673,687, 696,809,935, 990, 1013, 1026, 1029, 1033, 1036, 1043, 1052, 1055, 1060, 1093, 1126,1290, 1323, 1332346 1353 1792 237 | जैनोदय पुस्तक प्रकाशक समिति (जैनोदय प्रिन्टींग प्रेस) | 238 | ज्ञानविमल भक्तिप्रकाश प्रकाशन समिति 239 ज्वालाप्रसाद माणकचंद्र जैन जौहरी 240 झवेरचंद जादवजी कामदार 863 1104 241 झवेरचंद रामाजी शेठ (झवेरचंद्र रामचंद झवेरी), नवसारी 1437 242 | ठाकरशी करसनजी शाह 27, 1359 243 | तारक गुरु जैन ग्रंथालय (Tarak GuruJain Granthalaya), उदयपुर (राज.) । | 283, 1207, 1632, 1637,1638, 16416 | 244 | तिलोकरत्न स्था.जैन धार्मिक परीक्षा बोर्ड 326 | 245 | त्रिकमलाल उगरचंद वकील 105,651 | 246 त्रिभोवनदास रुगनाथदास शाह 102 | 247 दयाविमलजी जैन ग्रंथमाला (माणेकलाल नहालचंद, चंदुलाल सोमाभाई, 439, 489, 1311, 1313, 1499, 1535, 172637 Page #376 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट2 क्र. प्रकाशक प्रकाशन क्रमांक भोगीलाल बबलदास, बाबुभाई मोहनलाल), अमदावाद 248 | दरियापुरी समिति 1598 249 | दादर आराधना भवन जैन पौषधशाला ट्रस्ट, मुंबई 280, 1281 250 दानसूरिजी जैन ग्रंथमाला, सुरत (सूर्यपूर), अमदावाद 967,979, 1002, 1284, 1287, 1435=6 251 | दिवाकर प्रकाशन (Divakar Prakashan), Agra 342, 1264 252 | दिव्य संदेश प्रकाशन (Divya Sandesh Prakashan), मुंबई (महा.) 1255 253 | दिव्यदर्शन ट्रस्ट (दिव्यदर्शन कार्यालय, दिव्यदर्शन साहित्य प्रकाशन समिति, । 95, 96, 155, 288, 750, 751,952,954, | दिव्यदर्शन प्रकाशन ट्रस्ट), अमदावाद, धोळका (गुज.) 974,1016,1017,1018, 1129,1693, 1741%3D15 254 | दीपक ज्योति जैन संघ, मुंबई 1242 255 दुर्लभजी खेताणी 33 256 | देवकरण मूळजी ट्रस्ट (देवकरण मूलजी जैन देरासर पेढी), मुंबई 1251 257 देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड (नगीनभाई घेलाभाई झवेरी), मुंबई | 113, 158, 176, 264, 527, 532, 538, 541, 542, 584, 588, 597, 703, 726, 824,869, 871, 886, 900, 916,942, 943,959,964, 971,976, 1005, 1007, 1008, 1010, 1012, 1071, 1072, 1101,1127, 1139, 1142, 1151, 1156, 1183, 1202, 1246, 1286, 1492, 1576, 1587, 1796%D47 258 देसाई पोळ जैन पेढी 1650 259 दोलतराय धारशी शाह 356 260 धनजीभाई देवचंदभाई झवेरी 253 261 | धनपतसिंह बहादुर (धनपतसिंह बहादुर आगम संग्रह), मकसुदाबाद, 1, 163, 201, 230, 317, 355, 435, 460, 483, अजीमगंज . 504, 525, 543, 583, 698, 1063, 1100, 1134, 1345,1487,1488320 | 262 | धर्मकृपा ट्रस्ट, डभोई 303 | 263 | धर्मदास जैन मित्र मंडल 38,742 264 | धर्मनाथ पो.हे. जैननगर श्वे.मू.पू. संघ, अमदावाद 913 265 | धर्माभ्युदय प्रेस (धर्माभ्युदय यंत्रालय) 956, 957 266 | नंदाचार्य साहित्य समिति 402, 802 267 नगीनदास मूलचंद शाह 1199 | 268 नगीनभाई मंछुभाई जैन साहित्योद्धार फंड 1709 | 269 नटवरलाल छगनलाल शेठ 1635 270 | नटवरलाल तलकचंद शाह 746 1589 | 271 नथमलजी मुलचंदजी सादडीवाला 272 नवकार फ्लेट जैन श्वे. मू.पू. संघ, अमदावाद 59 Page #377 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रकाशक अनुक्रमणिका क्र. प्रकाशक प्रकाशन क्रमांक 273 | नागरदास प्रागजीभाई महेता 857, 862 274 | नानचंद भायचंद 840 275 | नाहटा ब्रधर्स (अगरचंद नाहटा, भंवरलाल नाहटा), कलकत्ता 1774 276 | नित्य चंद्र दर्शन जैन धर्मशाळा, पालीताणा 1230 277 निर्णयसागर प्रेस (सत्यभामाबाई पांडुरंग, पांडुरंग जावजी, तुकाराम जावजी, 1755 N. S. Press, निर्णयसागर प्रकाशन, निर्णयसागर मुद्रणालय, लक्ष्मीबाई नारायण चौधरी), मुंबई 278 निर्मल प्रिन्टींग प्रेस 1347 279 नीतिसूरि जैन तत्त्वज्ञान पाठशाळा, पाटण (गुज.) 1000, 1482, 1483 280 | नीतिसूरिजी जैन पुस्तकालय ट्रस्ट, (नीतिसूरि जैन लाइब्रेरी, नीतिसूरिजी जैन |1498, 1513 | पुस्तकालय) अमदावाद 281 नीमचंद हीराचंद कोठारी 526 282 | नूतन संस्कृत यंत्र (New Sanskrit Press) 283 नेमचंद पोपटलाल वोरा 440 284 | नेमचंद मेलापचंद झवेरी वाडी जैन उपाश्रय ट्रस्ट, सुरत (सूर्यपूर) 1745 285 | नेमुभाई वाडी जैन उपाश्रय संघ, सुरत (सूर्यपूर) 272 286 | न्यू भारतीय बुक कोर्पोरेशन (New Bharatiya Book Corporation), Delhi 287 पंच दशा ओसवाल सिरोहीया साथ गोटीवाला धडा ट्रस्ट 1790 288 पदार्थ दर्शन ट्रस्ट, अमदावाद 60, 84,1236 289 पद्य प्रकाशन (पद्मविजयजी गणिवर जैन ग्रंथमाला ट्रस्ट, पद्म प्रकाशन पब्लिक | 640, 1333, 1658 ट्रस्ट), अमदावाद 290 पद्म प्रकाशन, दिल्ली 68, 195, 306, 342, 405, 409,457, 497,518, | 596, 672,911, 1088, 1123, 1264, 1466, 1478, 1527%D18 291 पद्मावती प्रकाशन मंदिर, सुरत (सूर्यपूर) 1743 292 | पनालाल उमाभाई शेठ चेरिटेबल ट्रस्ट 1223 293 | परम धर्म प्रकाशन, अमदावाद 1276, 1278a 294 परमपद प्रकाशन, मुंबई 62 295 | पायधुनी जैन महिला मंडल 855 385 85 296 | पार्श्वचंद्रसूरि साहित्य प्रकाशन समिति, मुंबई (महा.) 297 | पार्श्वनाथ एस्टेट कोर्पोरेशन (पार्श्वनाथ एस्टेट कोर्पोरेशन सोसायटी | ओर्गोनाइजर्स) 397,1186 298 | पार्श्वनाथ विद्यापीठ (पार्श्वनाथ शोधपीठ, P.V.Research Institute, 43, 52, 346,670,690,798, 1303, 1304, Page #378 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट 2 प्रकाशक प्रकाशन क्रमांक 1306, 1631, 1633, 1634312 784 235 754 71 पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, सोहनलाल स्मारक पार्श्वनाथ शोधपीठ, Parshwanath Vidyapeeth), वाराणसी (उ.प्र.) 299 पार्श्व-पद्मावती जैन श्वे.मू.पू. तीर्थ 300 पुनमचंद करमचंद कोटावाळा 301 पुरुषादानीय पार्श्वनाथ श्वेतांबर मू.पू. जैन संघ, अमदावाद | पुष्कर गुरु साधना केन्द्र प्रकाशन (गुरु पुष्कर साधना केन्द्र), उदयपुर (राज.) 303 | पुष्पचंद्र खीमचंद्र (फूलचंद्र खेमचंद्र, पुष्पचंद्र क्षेमचंद्र, आत्मवल्लभ जैन ग्रंथ सिरीझ, आत्मवल्लभ ग्रंथमाला) 304 पेसुआ जैन संघ 305 पोपटलाल केशवजी दोशी 306 पोरवाड जैन आराधना भवन संघ, भिवंडी (थाणा) 307 | प्रभावती चुनीलाल वेकरीवाळा | 716,751 39 1776 74 741,829 308 | प्रवचन प्रकाशन, पूना 1248 309 प्रवचन प्रकाशन समिति, जेतपुर । 745 310 प्राकृत ग्रंथ परिषद (Prakrit Text society, प्राकृत विद्या मंडल, 150, 257, 287, 369, 642, 689, 932, 1091, प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी), अमदावाद 1095, 1338,1583311 311 प्राकृत जैन विद्या विकास फंड, अमदावाद 56 |प्राकत भारती अकादमी (Society for Scientific Ethical Living, 45, 51, 71, 126, 215, 492, 769, 783, 893, | प्राकृत भारती संस्थान, Rajasthan Prakrit Bharati Academy), 1208, 1264, 1302, 1303, 1304, 1656, 1707, जयपुर (राज.) 1716, 1733%3D18 13 | प्राकत, जैनशास्त्र अने अहिंसा शोध संस्थान (Vaishali Research Institute, | 254,972, 1112, 1546 Research Institute of Prakrit, Jainology & Ahimsa), वैशाली (बिहार) 314 प्राच्य विद्यापीठ, शाजापुर-म.प्र. 1306 315 | प्राण परिमल प्रकाशन ट्रस्ट 1712 316 | प्रेम जिनागम प्रकाशन समिति (प्रेम जिनागम समिति), मुंबई 120, 181, 212, 334, 371, 473, 884, 1446, 1447%D9 317 प्रेम प्रकाशन मंदिर, मुंबई 638 318 | प्रेमसूरीश्वरजी जैन साहित्य प्रकाशन ट्रस्ट 641 319 | प्रेमसूरीश्वरजी संस्कृत पाठशाळा, अमीयापुर, गांधीनगर (गुज.) 320 | फकीरचंद घेलाभाई झवेरी 841,847,914 321 फकीरचंद मगनलाल बदामी शा. 727 322 | फत्तेचंद हजारीमल 1588 323 | फर्गुशन कॉलेज, पूना 321 324 बबलचंद्र केशवलाल मोदी 695, 1157 1003 Page #379 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रकाशक अनुक्रमणिका प्रकाशक प्रकाशन क्रमांक 975,983 1448 1202,1249 961, 1417 1019 1347, 1751 1766 1430 335 1385 1171 1243 325 | बाबु अमीचंद पनालाल आदीश्वर जैन टेम्पल चेरीटेबल ट्रस्ट, मुंबई 326 | बाबुभाई सी. जरीवाळा 327 बारसासूत्र प्रकाशन समिति 328 बालाभाई ककलभाई 329 बालाभाई खुशाल हाजी 330 बालाभाई छगनलाल शाह 331 बावचंद गोपालजी शास्त्री 332 बावचंद वेलचंद शाह 333 बाहु सुबाहु श्रमण वैयावच्च ट्रस्ट | 334 बुद्धिसागरसूरि जैन समाधि मंदिर, विजापुर (गुज.) 335 | बुधालाल शकराभाई सुतरीया 336 बोरीवली जैन श्वेतांबर मू.पू. तपगच्छ संघ 337 | भगवान महावीर मेडिटेशन एन्ड रिसर्च सेंटर ट्रस्ट, नई दिल्ली 338 | भट्टीबाई स्याद्वाद संस्कृत प्राकृत पाठशाळा (स्याद्वाद संस्कृत पाठशाला), खंभात (त्रंबावती) | 339 | भद्रंकर प्रकाशन, अमदावाद (गुज.) | 340 | भद्र आनंद ग्रंथमाला | 341 भाईजी प्रकाशन, जालोर (राज.) 342 भाईलाल जादवजी शेठ 343 भाणजीभाई धरमशीभाई 344 | भानुभाई केशवलाल भणसाळी 345 भारतवर्षीय जिनशासन सेवा समिति, अमदावाद 346 | भारतीय प्राच्य तत्त्व प्रकाशन समिति 347 | भारतीय विद्या प्रकाशन (Bharatiya Vidya Prakashan) 348 | भावनाबेन किशोरचंद शाह (धर्मेश के. शाह) 349 | भीडभंजन पार्श्वनाथ जैन पेढी, अमदावाद 350 | भीमसिंह माणेक श्रावक 76, 193,384,410, 411, 432, 481,674, 803, 929, 1092, 1528312 1501 787,799,826,827,98335 63 144 31 622 1452 307, 1261 886 627 1267 901 99, 838, 1020, 1135, 1150, 115496 351 भुज छ कोटी स्थानकवासी जैन संघ 1601 भुरालाल कालीदास पं. 490,501 353 | भुवनतिलकसूरि जैन ग्रंथमाला 873 Page #380 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट2 क्र. प्रकाशक प्रकाशन क्रमांक 64,65, 77,752,770, 89736 890, 1315 | 895,973 464,709 714 206 1750 447 16, 48, 92,665 1356 354 भुवनभद्रंकर साहित्य प्रचार केन्द्र, मद्रास 355 | भूपेन्द्रसूरि जैन साहित्य समिति, आहोर (राज.) 356 | भेरुलाल कनैयालाल कोठारी रिलिजीयस ट्रस्ट (बी. के. कोठारी रिलिजीयस ट्रस्ट, भेरुलाल कनैयालाल कोठारी धार्मिक ट्रस्ट, भेरुमलजी कनैयालालजी चंदनबाला जैन रिलिजीयस ट्रस्ट) 357 भैरोंदान जेठमल सेठिया 358 मंगळजी हरजीवन चितलीया पं. 359 मगनलाल लालजीभाई 360 मगनलाल हठीसींग शाह 361 मणिलाल बुलाखीदास शाह 362 मणिविजयजी गणिवर ग्रंथमाला, लींच, (उ.गु.) 363 मणीबहेन चंदुलाल महेता 364 मणीबेन छगनलाल देसाई 365 मणीलाल सुंदरजी दोशी 366 मदनराजजी जैन | 367 मनसुखलाल छगनलाल देसाई 368 मनसुखलाल हीरालाल 369 मफतलाल झवेरचंद गांधी (नयन प्रिंन्टींग प्रेस), अमदावाद 370 | मरुधर केसरी साहित्य प्रकाशन समिति, जोधपुर (राज.) 371 महाराष्ट्र भुवन जैन धर्मशाळा, पालीताणा (गुज.) 372 महावीर जैन आराधना केन्द्र (कैलाससागरसूरि ज्ञानमंदिर), कोबा-गांधीनगर, अमदावाद (गुज.) 373 | महावीर जैन ज्ञानोदय सोसायटी, राजकोट 374 महावीर जैन विद्यालय, अमदावाद 332 258 1717 399 869 1163,1170, 1770 400 54,776 936, 1410 106 35,122,192,225,265,338,503,523,549, 605, 1121, 1131, 1331, 1336, 1365, 1372, 1379, 1380%3D18 272, 374,474, 1508, 1513-5 | 1045 375 महावीर जैन साहित्य प्रकाशन, मुंबई | 376 | महावीर तत्त्वज्ञान प्रचारक मंडल (महावीर तत्त्वज्ञान प्रचारक केन्द्र), अंजार (कच्छ) 377 महावीर विद्यार्थी कल्याण केन्द्र, मुंबई 378 महावीर विद्यालय, खंभात 379 | महावीर साहित्य प्रकाशन मंदिर, अमदावाद 380 महावीर सेवा ट्रस्ट, राजकोट 1513, 1742 1422 25, 40,79,765,86435 66, 135, 136, 187, 296, 348, 408, 453, 498, 519, 536, 563, 593, 921, 1122, 1526, 1602%3D17 Page #381 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 52 प्रकाशक अनुक्रमणिका क्र. प्रकाशक प्रकाशन क्रमांक 1212,1232 1194,1224,1263 1065 167, 204, 206 385 1764 168,197 1713 1507 274,468, 1432, 1535, 154735 914, 1237, 1241 902, 1386 438,459, 1185 1109 1231 381 मांडवला जैन श्वे मू.पू. संघ 382 | माटुंगा जैन श्वे.मू.पू.तपागच्छ संघ 383 माणेकलाल अनुपचंद शाह 384 माणेकलाल चुनीलाल शेठ माधवजी डुंगरशी शा. 386 | मुंद्रा कच्छ आठकोटी स्थानकवासी जैन बृहदपक्षीय संघ | (मुद्रा कच्छ आठकोटी स्थानकवासी जैन मोटापक्षीय संघ, | मुंद्रा कच्छ अष्टकोटी बृहद्पक्षीय संघ), मुंद्रा बंदर 387 मुंबई जैन युवक संघ, मुंबई 388 मुक्तागौरी रसिकलाल शेठ 389 | मुक्ति कमल मोहन जैन ज्ञान मंदिर (मुक्ति कमल जैन मोहनमाळा) 390 मुक्तिचंद्रश्रमण आराधना ट्रस्ट (Muktichandra Shraman Aradhana | Trust), पालीताणा | 391 | मुक्तिचंद्रसूरि ग्रंथमाळा (मुक्तिचंद्रसूरि स्मृति ग्रंथमाळा), अमदावाद 392 मुक्तिविमलजी जैन ग्रंथमाळा, अमदावाद 393 | मुरारीलाल चरणदासजी जैन 394 मुलुंड श्वे.मू.पू. जैन संघ 395 मूळजीभाई झवेरचंद संघवी 396 | मेघराज जैन पुस्तक भंडार (मेघजी हीरजी जैन बुकसेलर), मुंबई 397 मेघराजजी मुणोत शाह | 398 | आचार्यश्री विजय मेरुप्रभसूरीश्वरजी स्मारक ट्रस्ट, अमीयापुर (गुज.) 399 मैत्री चेरीटेबल फाउन्डेशन (Maitri Charitable Foundation), नई दिल्ली । 400 मोक्षपथ प्रकाशन, अमदावाद 401 मोतीलाल बनारसीदास पब्लीशर्स प्रा. लि. (Motilal Banarasidas Publishers Pvt. Ltd.), faceft मोतीलाल लाधाजी, पूना 403 मोतीशा लालबाग जैन चेरीटीझ (मोतीशा लालबाग जैन ट्रस्ट, मोतीशा लालबाग जैन संघ), मुंबई 404 मोरारजी नानजी गाला (रेतीवाळा) 405 मोहनलाल दामोदर महेता 406 मोहनलाल बांठिया 407 मोहनलाल रुगनाथ (मोहनलाल रुगनाथ जैन बुक सेलर) | 408 | मोहनलालजी जैन श्वेतांबर ज्ञानभंडार (मोहनलालजी जैन लाईब्रेरी, मोहनलालजी जैन ज्ञानभंडार), सुरत 857,862 1153 1592 785,915, 1227, 1238 | 1699, 1701 1273a 291, 879, 1200, 1453, 1454, 1506, 1511, 1581,1739%D9 104 1190 1195,1231 699 1553 1769 7,103,848,920,96235 Page #382 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट 2 क्र. प्रकाशक 409 मोहनविजय जैन पाठशाळा 410 मोहनविजय जैन पुस्तकालय, पालीताणा 411 यशोभद्रसूरि (कच्छ सुधरीवाळा) ट्रस्ट 412 यशोविजय जैन ग्रंथमाला (यशोविजय प्रथमाळा, धर्माभ्युदय प्रेस, हरखचंद भुराभाई), भावनगर 413 यशोविजयजी जैन पुस्तकालय | 414 युनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता (कलकत्ता विश्वविद्यालय, कलकत्ता युनिवर्सिटी | प्रेस, कलकत्ता बुनिवर्सिटी पब्लीकेशन) 415 युनिवर्सिटी पब्लिकेशन 416 युवा जैन आराधक मंच 417 रंजनविजयजी जैन पुस्तकालय (पारसगंगा ज्ञान मंदिर), मालवाडा-जालोर, अहमदाबाद 418 रतनचंद शंकरलाल शाह, पूना (महा.) 419 रतनलालजी पन्नालालजी अग्रवाल 420 रतनाजी भूताजी शाह 421 रत्नप्रभाकर ज्ञान पुष्पमाला, फलौदी (राज.) 422 रत्नसागर प्रकाशन निधि, धार (म.प्र.), मुंबई 423 रत्नोदय चेरीटेबल ट्रस्ट, अमदावाद 424 रमणीक एम. देढीया 425 रवजी देवराज 426 रांदेर रोड श्वे. मू.पू. जैन संघ ( रांदेर जैन देरासरनी पेढी), सुरत (सूर्यपूर) 427 राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट (Raj Rajendra Publication Trust, राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट, राज राजेन्द्र साहित्य प्रकाशन ट्रस्ट), अमदावाद |428 राजकोट प्रिन्टींग प्रेस (मोहनलाल दामोदर महेता) 429 राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान (Rajasthan Oriental Research Institute, | राजस्थान पुरातत्त्वान्वेषण मंदिर), जोधपुर (राज.) 430 राजा बहादुर लाला सुखदेवसहायजी ज्वालाप्रसादजी जोहरी, हैदराबाद 431 राजीव पब्लिकेशन्स (Rajeeva Publications) 432 राजेन्द्र प्रवचन कार्यालय, मोहनखेडा (म.प्र.) 433 राजेन्द्र यतीन्द्र जैनागम हिंदी प्रकाशन प्रकाशन क्रमांक 1734 463 1213 956, 957, 974 1160 1175 539, 788 1600 87,987 19, 172 729 1155 462, 1424, 1595 72, 137, 189, 223, 297, 343, 535, 561, 645, 800, 1395, 1396, 1397, 1398, 1399, 1400, 1401, 1402, 1403, 1694-20 825, 937, 1252 1599 2,3 922 52, 382, 387, 1233, 1239, 1259, 1689, 1744=8 3 1086 53 5, 100, 164, 202, 234, 319, 357, 391, 420, 437, 461, 486, 505, 528, 546, 574, 600, 621, 649, 663, 679, 705, 846, 960, 1064, 1106, 1421=27 1545 1158, 1205 75 Page #383 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रकाशक अनुक्रमणिका प्रकाशक प्रकाशन क्रमांक 1710 885,887 1355 867, 1068 1067 1427 1747 1465 732,1240,1265 434 | राजेन्द्रसूरि जैन ज्ञानमंदिर, अमदावाद 435 | रामनगर श्वे.मू.पू.जैन संघ, अमदावाद 436 | रामरत्न जैन मित्र मंडल, उज्जैन (म.प्र.) 437 रायबहादुर मोतीलाल बालमुकुंद मूथा 438 रूपचंद्रजी नवलमलजी 439 लक्ष्मीचंद वेलशी भावसार 440 लखमशी शिवजी नेणशी 441 लब्धिनिधान चेरीटेबल ट्रस्ट (लब्धिनिधान ट्रस्ट), अमदावाद 442 लब्धिभुवन जैन साहित्य सदन, छाणी 443 | लब्धिविक्रमसूरीश्वरजी संस्कृति केन्द्र, अमदावाद 444 | लब्धिसूरि जैन ग्रंथमाला (कांतिलाल रायचंद महेता, चंदुलाल जमनादास), छाणी - वडोदरा | 445 | लब्धिसूरीश्वरजी स्मारक संस्कृति केन्द्र (लब्धिसूरीश्वरजी मेमोरीयल कल्चरल सेन्टर), मुंबई 446 | लाधाजी स्वामी जैन पुस्तकालय, लींबडी, वढवाण 447 लालजी घेलाभाई जेवत खोना 448 लालजी लखमशी सावला . 449 लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर (L. D. Institute of Indology), अमदावाद 44,768,904 245, 252, 1265, 1628, 1773-5 259,261,267, 1344 442,511 1316 370 300, 980, 1301, 1477, 1577-5 450 लींबडी जिनागम ज्ञानभंडार 1705 451 लीलावती जयंतिलाल शाह 255 452 वकील केशवलाल प्रेमचंद 651 453 | वर्द्धमान जैन ज्ञानपीठ 1363 454 | वर्धमान जैन आगममंदिर संस्था (वर्धमान जैन आगममंदिर पेढी), पालीताणा | 1339, 1691 82, 315,417, 830, 835, 95036 375, 744,789,891, 1356, 164736 328 455 | वर्धमान वैयावच्च केन्द्र (पी. एम. फाउन्डेशन), राजकोट | 456 वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ 457 वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ, कांदावाडी 458 वांकी तीर्थ ट्रस्ट 459 वाडीलाल चकुभाई 460 वाडीलाल पानाचंद शेठ 461 वाडीलाल मोतीलाल शाह 923 1161,1226 1147 702, 843, 1419 Page #384 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट2 55 क्र. प्रकाशक प्रकाशन क्रमांक 125 462 वाडीलाल मोहनलाल शाह 463 वाडीलाल साराभाई देरासर ट्रस्ट 1253 790 926 706, 826 1079 1423 278,448 718 1629 759 1214 892 . 464 वाव जैन श्वे. मू.पू. संघ | 465 | वासुपूज्यस्वामी जैन श्वे. मू. संघ, अमदावाद 466 | विजयधर्मलक्ष्मी ज्ञानमंदिर (लक्ष्मीचंद्र जैन लाइब्रेरी, Vijaya Lakshmi Jnana Mandir) 467 विजयनेमिसूरि ज्ञानशाला, अमदावाद 468 विट्ठलभाई जीवाभाई पटेल | 469 | विद्याविजयजी स्मारक ग्रंथमाला (विद्याविजयजी ग्रंथमाळा) | 470 विनय भक्ति सुंदर चरण ग्रंथमाला, बेणप | 471 विनयचंद गुलाबचंद शाह | 472 विराट प्रकाशन मंदिर, पालीताणा (गुज.) | 473 | विलेपारला श्वे. मू.पू. जैन संघ एंड चेरीटीझ |474 | विश्वमंगल प्रकाशन मंदिर, पाटण (उ.गु.) 475 वीतराग प्रकाशन, मुंबई 476 वीरचंदभाई दीपचंदभाई शेठ |477 वीरपुत्र आनंदसागर ज्ञानभंडार, कोटा (राज.), सैलाना (म.प्र.) 478 | वीरवाणी प्रकाशन केंद्र (वीरवाणी प्रकाशन संस्था) 479 | वीरशासन कार्यालय, अमदावाद 480 वीरसमाज, अमदावाद 481 वीशा श्रीमाळी तपगच्छ श्री संघ | 482 वेलजी शिवजी कंपनी 483 | शंखेश्वर पार्श्वनाथ आराधक ट्रस्ट, अमदावाद 484 शंभुलाल जगशी शाह 485 शंभूमल गंगाराम मूथा 486 शशीकांत पोपटलाल ट्रस्ट 814 1748 424,470, 1167 1635 10 715,850, 1493 1734 1146 1244 510,522 106, 108 874 1697 487 | शांतिजिन आराधक मंडळ (शांति जिन मंडळ) 488 शांतिनाथ भगवान जैन देरासर ट्रस्ट 1275 1711 489 शांतिलाल केशवलाल पं. (सिद्धांत पाक्षिक) 490 | शांतिलालजी गौतमचंदजी, उत्तमचंदजी कांकरिया 403 Page #385 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 56 प्रकाशक अनुक्रमणिका क्र. प्रकाशक प्रकाशन क्रमांक 491 894 735,888 28,116, 260, 1594, 159635 756,799 347,349 167, 363, 364, 388, 547, 56536 1228, 1640 311,820 1117 | 1009, 1017, 1449 |शांतिसोमचंद्रसूरि ज्ञानमंदिर ट्रस्ट (शांतिचंद्रसूरि जैन ज्ञानमंदिर), अमदावाद (गुज.) 492 | शामजी वेलजी विराणी स्था. जैन धार्मिक शिक्षण संघ, राजकोट 493 | शामजी वेलजी वीराणी तथा कडवीबाई वीराणी स्मारक ट्रस्ट, राजकोट |494 | शारदा प्रकाशन केन्द्र, झींझुवाडा (गुज.) 495 शारदा प्रवचन संग्रह समिति, सुरत (सूर्यपूर) 496 | शारदा मुद्रणालय (भगवानदास हरखचंद दोशी) 497 | शारदाबेन चीमनभाई एज्युकेशनल रिसर्च सेंटर, अमदावाद 498 | शारदारत्न विविधलक्षी चेरिटेबल ट्रस्ट (Sharda Ratna Vividh Lakshi Charitable Trust), 31HGIGI 499 | शालिग्राम जैन प्रकाशन समिति, पटियाला 500 | शासनकंटकोद्धारकसूरिजी जैन ज्ञानमंदिर (शासनकंटकोद्धारकसूरिजी जैन ज्ञानमंदिर अने पौषधशाळा), ठळीया (सौराष्ट्र) 501 शास्त्रसंदेशमाला, अमदावाद, सुरत (गुज.) 502 शाह उर्मिलाबेन डॉ. हस्तीमलजी तथा संघ | 503 | शाहीबाग गीरधरनगर जैन श्वे. .पू. संघ (शाहीबाग गीरधरनगर जैन ज्ञानभंडार) 504 | शिंपोली कस्तुर पार्क जैन संघ 505 | शिवतिलक ज्ञान चित्रमंदिर (शिवतिलक ज्ञानमंदिर), रामपुरा-भंकोडा शीतलनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर ट्रस्ट 507 शेठ आणंदजी कल्याणजीनी पेढी (शेठ आणंदजी कल्याणजी) 508 शेफाली जैन श्वे. मू.पू. संघ 509 श्रमणी विद्यापीठ, मुंबई |510 | श्रीपालनगर जैन श्वे. मू.पू. देरासर ट्रस्ट, मुंबई 1334, 1342, 1405, 1621 778 1725 647 1651 1241 858 675 741 97, 159, 200,229, 316,953, 1006, 113238 1721 511| | श्रुत ज्ञान प्रसारण निधि प्रकाशन (श्रुत प्रसारण निधि प्रकाशन), मुंबई 512 श्रुत प्रकाशन निधि, अमदावाद 93, 156, 199, 228, 301, 302, 314, 354, 571, 599, 648, 828, 946, 1001, 1096, 1130, 1268, 1467, 1468, 1469, 1470,1471,1472, 1473, 1474,1475, 1476, 1485, 1486, 1537, 1538,1539, 1540, 1541, 1572,1585336 247 298, 1783, 1793,1794 513 श्रुत प्रकाशन मंदिर, कोलकाता 514 श्रुतज्ञान प्रसारक सभा, अमदावाद 515 | श्रुतज्ञान संस्कार पीठ, अमदावाद |516 | श्रुतनिधि, अमदावाद 132,455 804 Page #386 -------------------------------------------------------------------------- ________________ परिशिष्ट2 क्र. | प्रकाशक प्रकाशन क्रमांक 1551 1329 1038, 1543 37 517 श्रुतरत्नाकर, अमदावाद 518 श्वेतांबर जैन संघ, झालोर 519 श्वेतांबर साधुमार्गी जैन हितकारिणी संस्था (जैन श्वेतांबर स्थानकवासी हितकारिणी सभा, बीकानेर (राज.)) 520 संजय साहित्य संगम, आगरा (उ.प्र.) 521 | संतबालजी जन्मशताब्दी महोत्सव समिति 522 | संभवनाथ जैन श्वे.मू.पू.संघ 523 संयम सुवास, भाभर (गुज.) 524 | सतीशभाई बाबुलाल शाह 525 सन्मति ज्ञानपीठ (वीरायतन प्रकाशन), आग्रा 79 83 1245,1256 1215 526 सन्मार्ग प्रकाशन, अमदावाद 427,445, 623,627, 633,780, 1073, 1366, 1652,1653%3D10 73, 148, 810, 998, 1027, 1030, 1269, 1270, 1291,1719, 1723%D11 1364 527 समरतन झवेरी 528 | समरथबाई जैन श्वे. मू. ज्ञानोद्धार ट्रस्ट, अमदावाद 529 | सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ, जयपुर 875,970 78,413,418,458,632,681,815,821,834, 889, 944, 948, 1099, 1614, 1642, 1657, 1733%D17 868 1775 1697 1708 1168,1174,1176,1197,1251,177136 13, 243, 323, 324, 335, 118336 1000, 1482, 1483 530 | सस्तुं साहित्य संस्था, अमदावाद 531 सादूल राजस्थानी रिसर्च इन्स्टीट्यूट, बीकानेर (विक्रमपुर) 532 | सामखीयाळी जैन संघ 533 साराभाई मोहनलाल शाह 534 | साराभाई मणीलाल नवाब (जैन प्राचीन साहित्योद्धार), अमदावाद 535 | सिद्धचक्र साहित्य प्रचारक समिति, सुरत (सूर्यपूर) 536 | सिद्धाचल शणगार ट्रस्ट, पालीताणा 537 | सिद्धि मेघ मनोहर धर्म संग्रह साहित्य प्रकाशन समिति | (सिद्धि मेघ मनोहर भद्रंकरसूरि ज्ञानभंडार) 538 | सिद्धिभुवन मनोहर जैन ट्रस्ट, अमदावाद 539 | सिद्धिसूरि ग्रंथमाला, बिलीमोरा (गुज.) 540 सीमंधरस्वामि जैन ज्ञानमंदिर, महेसाणा 541 सीरदासमलजी हरखचंदजी बाफना 542 सुखसागर ज्ञान प्रचारक सभा 1181, 1728 89,95, 192, 226, 22735 1436 269 1590 1593 1605 543 सुधर्म प्रचार मंडळ 544 सुधर्मा ज्ञानमंदिर 266, 1188, 1300 Page #387 -------------------------------------------------------------------------- ________________ प्रकाशक अनुक्रमणिका क्र. प्रकाशक प्रकाशन क्रमांक 545 सुबाजी रवचंद जयचंद जैन विद्याशाळा ट्रस्ट (जैन विद्याशाळा, सुबाजी रवचंद | 1137, 1165 जेचंदभाई शेठ), अमदावाद 546 | सुबोध श्रेणी प्रकाशन, प्रांतिज (गुज.) 1250, 1272 547 सुबोधभाई लालभाई 1209 548 सुमतिलाल जमनादास शाह 1731, 1732 549 सुरचंद हीराचंद झवेरी 876 550 सुरत तपगच्छ रत्नत्रयी आराधक संघ ट्रस्ट 1217 551 | सुरेन्द्रसूरिजी जैन तत्त्वज्ञानशाला, अमदावाद, सुरत (सूर्यपूर) 1204,1361 552 | सुरेन्द्रसूरीश्वरजी स्मारक ज्ञानमंदिर ट्रस्ट 1203 553 सुशील दिव्य किरण ज्ञानमंदिर तथा आराधना भुवन 1785 554 सुशील साहित्य प्रकाशन समिति (Sushil Sahitya Parakashan Samiti), | 88, 1718, 1791 जोधपुर (राज.) 555 सुशीलसूरि जैन ज्ञानमंदिर, सिरोही (राज.) 1737 556 | सुशीलाबेन शाह (नगीनदास केवलदास शाह), अमदावाद 36, 1360, 1784 557 | सूत्रागम प्रकाशक समिति, गुडगांव (हरियाणा) 20, 24, 112, 114, 171, 207, 246, 262,322, 1358,1443,1444%3D12 558 | सोभागमल हरकावत 1145 559 सोमचंद धारशी 1760 560 | सोहनलाल जैन धर्म प्रचारक समिति 626,737 सौराष्ट्र केसरी प्राणगुरु जैन फिलोसोफिकल एन्ड लिटररी रीसर्च सेंटर | 1695 (SKPG Jain Philosophical & Literary Research Center), jas 561 562 सौराष्ट्र स्थानकवासी जैन संघ 327,329,749 743 760 166 270 1249 563 स्थानकवासी कमिटी जैन संघ 564 स्थानकवासी जैन कार्यालय 565 | स्थानकवासी जैन लायब्रेरी (जीवराज घेलाभाई दोशी) 566 | स्थानकवासी जैन संघ, अमदावाद 567 | स्थूलभद्रसूरि पुण्य प्रभावक ट्रस्ट केन्द्र (स्थूलभद्रसूरीश्वरजी पुण्य प्रभावक केन्द्र, दक्षिणकेशरी ग्रंथमाला), बेंग्लोर (कर्णाटक) 568 | स्मृतिमंदिर प्रकाशन (स्मृतिमंदिर प्रकाशन ट्रस्ट), अमदावाद (गुज.) 569 स्याद्वादामृत प्रकाशन मंदिर न्यास (स्याद्वादामृत प्रकाशन मंदिर ट्रस्ट, स्याद्वाद मुद्रणालय), पालीताणा, मुंबई 570 स्वयं चेरीटेबल ट्रस्ट 571 हंसाबेन मनमोहन तंबोली परिवार 313, 947, 1532 1450 1781 829 Page #388 -------------------------------------------------------------------------- ________________ क्र. प्रकाशक 572 हजारीमल स्मृति प्रकाशन 573 हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला, लाखाबावळ, जामनगर परिशिष्ट 2 574 हस्तिमल्लजी सुराणा 575 हिंदी ग्रंथ रत्नाकर कार्यालय (हिंदी ग्रंथ रत्नाकर प्राईवेट लिमीटेड, Hindi Granth Karyalay), मुंबई 576 हिंदी जैनागम प्रकाशक सुमति कार्यालय (सुमति सदन, जैन प्रेस, कोटा- छबडाका जैन श्वे. संघ), कोटा (राज.) 577 हिंमतलाल शामळभाई शाह तथा रमणलाल जीवराजभाई शाह 578 हिंसा विरोधक संघ, अमदावाद 579 हीरालाल केशरीचंदजी झवेरी 580 हीरालाल रणछोडदास 581 हीरालाल रसिकदास कापडिया, सुरत 582 हीरालाल हंसराज पंडित (जैन भास्करोदय प्रेस), जामनगर प्रकाशन क्रमांक 1655 29, 34, 41, 90, 121, 127, 177, 188, 211, 214, 268, 294, 331, 336, 372, 404, 430, 449, 452, 479, 491, 495, 516, 538, 553, 555, 562, 579, 591, 603, 606, 609, 613, 615, 618, 639, 730, 758, 771, 918, 988, 989, 991, 992, 993, 994, 1011, 1023, 1025, 1032, 1039, 1041, 1047, 1050, 1058, 1084, 1124, 1127, 1198, 1220, 1221, 1288, 1298, 1317, 1319, 1320, 1330, 1367, 1368, 1369, 1370, 1371, 1373, 1374, 1375, 1384, 1451, 1504, 1505, 1509, 1512, 1798=82 441 660 365, 392, 422, 424, 1159=5 552 870, 891 1148 1078 59 1626, 1627 11, 240, 700, 710, 713, 827, 844, 1021, 1037, 1138, 1140, 1354, 1489=13 Page #389 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 60 क्र. 1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 परिशिष्ट 3 कृति स्वरूपों की सूची कृति परिचय अंतर्गत प्रत्येक विभाग में निम्नोक्त क्रम से कृति के परिचय दीए गए हैं । संकेत संकेत मूल निर्युक्ति भाष्य चूर्णि टीका अवचूरि टिप्पण अन्तर्वाच्य प्रकरण संग्रहणी प्रक. कथा बा.बो. स्तोत्र स्तवन सज्झाय छत्रीशी पूजा गहुँली गीत जोड चोपाई चौढालिया छाया अर्वा. सूत्र स्वरूप का प्रकार मूल निर्युक्ति भाष्य चूर्णि टीका अवचूरि (अवचूर्णि टिप्पण अन्तर्वाच्य प्रकरण संग्रहणी प्रकरण कथा (प्राचीन) बालावयोध स्तोत्र स्तवन सज्झाय छत्रीशी पूजा गहुँली गीत जोड चोपाई चौढालिया छाया अर्वाचीन सूत्र क्र. 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 अर्वा भाष्य अर्वा चूर्णि अर्वा. टीका अर्वा. अवचूरि अर्वा. संग्रहणी प्रकरण शब्द. अन्व. अनु. पचानु नियुक्तिअनु. 43 44 45 46 47 48 भाष्यानु. टीकानु. बालावबोधानु. अर्वा भाष्यानु. अर्वा. टीका. 40 41 farà. 42. अर्वा.टिप्प. प्रव. थोकडा अर्वा. प्रश्न. सारांश अंशसंग्रह शोधग्रंथ स्वरूप का प्रकार अर्वाचीन भाष्य अर्वाचीन चूर्णि अर्वाचीन टीका अर्वाचीन अवरि अर्वा. संग्रहणी प्रकरण शब्दार्थ अन्वयार्थ अनुबाद पद्यानुवाद नियुक्ति अनुवाद भाष्यानुवाद टीकानुवाद बालावबोधानुवाद अर्वाचीन भाष्य का अनुवाद अर्वाचीन टीका का अनुवाद अर्वाचीन टिप्पण विवेचन भाष्य विवेचन प्रवचन थोकडा अर्वाचीन प्रश्नोत्तरी सारांश अंशसंग्रह शोधग्रंथ Page #390 -------------------------------------------------------------------------- ________________ 1542 1543 1546 1547 1549 1552 1553 1554 1555 1556 1557 1558 1559 1560 1561 1562 1563 1564 1565 1566 1567 1568 1569 1570 1571 1572 1573 परिशिष्ट 4 कृति से असंबद्ध प्रकाशनों के क्रमांक 1574 1575 1576 1577 1578 1579 1580 1581 1582 1583 1584 1585 1586 1587 1588 1589 1590 1591 1592 1593 1595 1596 1597 1598 1599 1600 1601 1603 1604 1605 1606 1610 1611 1613 1614 1615 1616 1617 1618 1619 1620 1621 1622 1623 1624 1625 1626 1627 1629 1631 1632 1633 1634 1635 1637 1638 1639 1640 1641 1642 1643 1644 1645 1646 1647 1648 1649 1650 1651 1652 1653 1654 1655 1656 1657 1658 1659 1660 1661 1662 1663 1664 1665 1666 1667 1668 1669 1670 1671 1672 1673 1674 1675 1676 1677 1678 1679 1680 1681 1682 1683 1684 1685 1686 1688 1689 1690 1691 1692 1693 1694 1695 1696 1697 1698 1699 1700 1701 1702 1703 1705 1707 1708 1709 1710 1711 1712 1713 1714 1715 1716 1717 1718 1719 1720 ॥ आगम प्रकाशनसूची समाप्ता ॥ Gu C&C B 1721 1722 1724 1725 1796 1797 1798 1799 61 Page #391 --------------------------------------------------------------------------  Page #392 -------------------------------------------------------------------------- ________________ विन परिचय चित्र परिचय चित्र में दर्शित गुफा आगमों की गहनता का सूचक है, जिसके अंदर द्वादशांगी प्रतीक रूप से दर्शाई गई है। 0000000 * गुफा में दर्शाया गया श्वेत रंग का पुंज द्वादशांगी के झरते ज्ञान-प्रकाश का सूचक है / * प्रस्तुत आगम प्रकाशनसूची, पंचांगी आगम ग्रंथों से संबंधित विविध कृतियाँ एवं उनके संशोधन-संपादन-प्रकाशन आदि अनेकविध जानकारियाँ प्राप्त करने के विविध मार्गस्वरूप हैं, जिसे चित्र में गुफा तक पहुँचने के अनेकविध मार्गों से दिखाया गया हैं। प्रकाशक BaL 'श्रुतदेवता भवन', 5, जैन मर्चेन्ट सोसायटी, फत्तेहपुरा रोड, पालडी, अहमदाबाद-7. टेलि./फेक्स : 079-26604911, फोन : 32457410 E-mail : gitarthganga@yahoo.co.in, gitarthganga@gmail.com Visit us online : gitarthganga.wordpress.com