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________________ क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रव. 126 का रत्नकुमार कृत (हिं.) भाषां. (श्रु. 1 अ. 14)} (दे.ना. } (315) - 329 शारदा-सौरभ (ज्ञाता. सूत्र के 331 | शैलकाध्ययन आधारित थावच्चापुत्र अधिकार और महाबल - मलयासुंदरी चरित्र संबंधित शारदाबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव.67 (श्रु. 1 अ. 5वाँ ) } | भाग 1-3 (गु.} (316) 330 शारदा ज्योत (ज्ञाता. सूत्र के | अपरकंकाध्ययन के द्रौपदी अधिकार | और ऋषिदत्ता चरित्र संबंधित | शारदाबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव. 122 (श्रु. 1 अ. 16वाँ)} {गु.} (318) | ज्ञाता धर्मकथाङ्गम् { ज्ञाता. सूत्र सह | अभय. टीका} {दे.ना. } [s] {283, 284) 332 शारदा शिखर ( ज्ञाता. सूत्र के मल्ली अध्ययन आधारित मल्लिनाथजी | अधिकार और प्रद्युम्न चरित्र संबंधित | शारदाबाई महासतीजी कृत (गु.) प्रव. 109 (श्रु. 1 अ. 8वाँ)} {गु.} (319) 333 ज्ञाताधर्मकथा (ज्ञाता. सूत्र का प्यारचंद्रजी उपा. कृत (हिं.) अनु (श्रु. 1 अ. 9)} (दे.ना. } [T] [299 } 334 ज्ञाताधर्मकथाङ्ग सूत्र (ज्ञाता. सूत्र सह | वनिताबाई महासतीजी कृत (गु.) अन् {दे. ना., गु.} {283, 300 } 335 ज्ञाताधर्मकथाङ्गम् ज्ञाता. सूत्र सह अभय टीका, चंदनसागरजी गणी कृत (गु.) सारांश (श्रु. 1 अ. 8 ) } भाग 1 (दे. ना. } [T, S] [283, 284, 322} 336 ज्ञाताधर्मकथाङ्गम् ज्ञाता सूत्र सह | अभय. टीका} {दे.ना. } [s] {283, 284) 337 ज्ञाताधर्मकथांग सूत्र [NAYA | DHAMMAKAHAO] { ज्ञाता. सूत्र सह शोभाचंद्रजी भारिल्ल पं. कृत (हिं.) अनु., विवे.) (दे. ना.) [T, S {283, 310} आगम प्रकाशन परिचय प्रकाशक ( ग्रंथमाला} संपादक, संशोधक आदि सौराष्ट्र स्थानकवासी जैन अप्रदर्शित संघ अज्ञात | हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो. संपा. जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 294 } | मणीबेन छगनलाल देसाई संपादिका कमळाबाई | महासतीजी, संगीताबाई साध्वी अप्रदर्शित (#) जैन दिवाकर दिव्य ज्योति अप्रदर्शित कार्यालय प्रेम जिनागम प्रकाशन समिति (प्रेम जिना. प्रका. ग्रं. 13} बाहु सुबाहु श्रमण वैयावच्च ट्रस्ट, (P) | सिद्धचक्र साहित्य प्रचारक समिति आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (जिनागम ग्रंथमाला ग्रंथांक 4 } संपा. -शोभाचंद्रजी भारिल्ल पूर्व संशो., पूर्व संपा. चंद्रसागरसूरि हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा. जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 166 ) संपा. -शोभाचंद्रजी भारिल्ल, पूर्व संयो, प्रधान संपा. मिश्रीमलजी मुनि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2029 (1) 2030 (अ.?) 2030 (#) (अ.?) 2037 (1) 2032 (अ.) 1000 (B) 2043 (पु.मु.) 566+566= | 1132 (D) 980 (B) 2033 (3) | 158 (D) 2043 (1) 320 (P) 554 (B) |218 (P) 123 558 (P) 2046 (2) 656 (B)
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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