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ग्रं.5)
2047
124
6. ज्ञाताधर्मकथासूत्र क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) | 338 णायाधम्मकहाओ
महावीर जैन विद्यालय संपा.-जंबूविजयजी (आगमप्रज्ञ) 2046 (1) 783 (B) [ज्ञाताधर्मकथाङ्गसूत्रम्]
{जैन आगम ग्रंथमाला (NAYADHAMMAKAHAO] (JNATADHARMKATHANGA SUTRAM] {ज्ञाता.सूत्र सह बेचरदास जीवराज दोशी पं. कृत (गु.) टिप्पन) {दे.ना., गु., रो.} [T, S] {283, 309) ज्ञाताधर्मकथाइगसूत्रम् (ज्ञाता.सूत्र सह अखिल भारतीय श्वेतांबर | नियो.-कन्हैयालालजी मनि 2020- 754+838+ घासी. कृत टीका, (हिं., गु.) स्वोपज्ञ
85632448 स्थानकवासी जैन
2049(2)
(B) टीकानु.} भाग 1-3 {दे.ना., गु.} {283, शास्त्रोद्धार समिति
293,311,312} 340 भगवान महावीरनी धर्मकथाओ गूजरात विद्यापीठ अप्रदर्शित
268 (D) (नायधम्मकहा) {ज्ञाता.सूत्र का {पूंजाभाई जैन
(पु.मु.) बेचरदास जीवराज दोशी कृत (गु.) ग्रंथमाला 3)
अनु. और टिप्पन} {गु.} [T, S]
|{309) 341 45 आगमसुत्ताणि {ज्ञाता.सूत्र मूल} आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी 2052 (अ.) 180 (C)
{दे.ना., गु.} {283} 342 ज्ञाताधर्मकथांगसूत्र (सचित्र) पद्म प्रकाशन, दिल्ली, प्रधान संपा.-अमरमुनिजी |2053 (1) 440+416%D | {ज्ञाता.सूत्र (सचित्र) सह अमरमुनिजी दिवाकर प्रकाशन (सचित्र उपप्रवर्तक, संपा.-श्रीचंद
856 (B) उप. कृत (हिं.) अनु. और उसका आगममाला पुष्प 4} सुराणा, चित्र.-पुरुषोत्तमसिंह सुरेन्द्र बोथरा कृत (अं.) भाषां.}
सरदार भाग 1-2 {दे.ना., रो.} [s]
{283,303, 304) 343 अभ्युदय आगम सत्ताणि
रत्नसागर प्रकाशन निधि संयो.-जितरत्नसागरसूरि, 2057 (1) 183 (E) (नायधम्मकहा) {ज्ञाता.सूत्र मूल}
संशो.-दीपरत्नसागरजी, भाग 6 {दे.ना.} {283}
संपा.-चंद्ररत्नसागरसूरि 344 नायाधम्मकहाओ {ज्ञाता.सूत्र मूल} |जिनशासन आराधना पूर्व संपा.-N.V.Vaidya Prof.
Brot2058260 (C) (दे.ना.,रो.) [S] (283) ट्रस्ट, (P)N.V. Vaidya
(पु.मु.) Pro. 345 नायाधम्मकहाओ
जैन विश्व भारती संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य 2059 (1) 475 (B) [NAYADHAMMAKAHAO] {ज्ञाता.सूत्र सह कनकश्रीजी कृत (हिं.) अनु., महाप्रज्ञजी कृत टिप्पन} {दे.ना.)
[T, S] {283, 306, 313} | 346 ज्ञाताधर्मकथांग का साहित्यिक एवं पार्श्वनाथ विद्यापीठ प्रधान संपा.-सागरमल जैन डॉ., 2059 (1) |196 (C)
सांस्कृतिक अध्ययन {ज्ञाता.सूत्र का {पार्श्व, विद्या. ग्रंथ. 141) संपा.-विजयकुमार डॉ. राजकुमारी कोठारी डॉ. कृत (हिं.) शोधग्रंथ} {दे.ना.} [T, S] {323} शारदा ज्योत {ज्ञाता.सूत्र के शारदा प्रवचन संग्रह अप्रदर्शित
2059 (अ.) 514+528%D अपरकंकाध्ययन के द्रौपदी अधिकार
1042 (B) और ऋषिदत्ता चरित्र संबंधित शारदाबाई महासतीजी कृत प्रव.122का नीरा कांतिलाल नाहटा