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55. गच्छाचारप्रकीर्णकसूत्र
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद)
48 (P)
2063 (पु.मु.)
2067 (अ.) 356 (C)
2067 (अ.) 144 (C)
क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय
प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि 1324 गच्छाचार प्रकीर्णकम्
आगमोद्धारक श्रुतसेवा संपा.-सागरानंदसूरि {गच्छा.प्रकी.सूत्र सह विजयविमल समिति, (P) आगमोदय गणिजी कृत टीका} {दे.ना.} [s] समिति
{1477, 1478} 1325 गच्छाचार-प्रकीर्णकम् (संस्कृत-छाया |जिनप्रभसूरि जैन ग्रंथमाला संपा.-तत्त्वप्रभविजयजी गणि
सानुवाद साथे) {गच्छा.प्रकी.सूत्र सह | {ग्रं. 33} विजयविमल गणिजी कृत बृहट्टीका, दानसूरिजी (#) कृत छाया, (गु.) अनु.) {दे.ना., गु.) {1477, 1479, 1481, 1483} गच्छाचार-प्रकीर्णकम् (संस्कृत-छाया |जिनप्रभसूरि जैन ग्रंथमाला संपा.-तत्त्वप्रभविजयजी गणि सानवाद साथे) (गच्छा.प्रकी.सूत्र सह ग्रं. 32} विजयविमल गणिजी कृत टीका, दानसूरिजी (#) कृत छाया, (गु.) अनु.} {दे.ना., गु.} {1477, 1478, 1481,
1483} 1327 गच्छाचार पयन्ना (संस्कृत छाया + जिनप्रभसूरि जैन ग्रंथमाला संपा.-तत्त्वप्रभविजयजी गणि सानुवाद) {गच्छा.प्रकी.सूत्र सह
{ग्रं. 25} दानसूरिजी (#) कृत छाया, (गु.) अनु.} {दे.ना., गु.} {1477, 1481,
1483) 1328 | गच्छाचार पयन्ना {गच्छा.प्रकी.सूत्र गुरु रामचंद्र प्रकाशन संशो.-गुलाबविजयजी सह राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक कृत समिति
उपाध्याय, छाया, (गु.) अनु., बृहट्टीकानुसारी
संपा.-जयानंदविजयजी विवे.} {दे.ना.} [T, S] {1477, 1480, 1489)
2067 (1)
64 (D)
| 2069 (3)
414 (B)
2031 (1)
404 (C)
56. तीर्थोद्गालीकप्रकीर्णकसूत्र (1329-1329) 1329|तित्थोगाली-पइण्णय (तीर्थ ओगाली श्वेतांबर जैन संघ, झालोर संशो.-हस्तिमलजी आचार्य, प्रकीर्णक) {तिर्थो.सूत्र सह
संशो., संपा.-कल्याणविजयजी कल्याणविजयजी एवं गजसिंह ठाकुर
पंन्यास, गजसिंह राठोड ठाकुर कृत छाया, (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T,S] {1491,1492, 1493)
57. मरणसमाधिप्रकीर्णकसूत्र (1330-1333) 1330 मरणसमाधि-प्रकीर्णकम्
हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2049 (1) 44 (P) {मरण.प्रकी.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.) {ग्रं. 269}
{1494) 1331 |मरणसमाधि (मरणसमाधि पयन्नानुं महावीर जैन विद्यालय संपा.-अरुणा मुकुंदकुमार लट्ठा | 2056 (1) 256 (C)
समीक्षात्मक अध्ययन) [MARAN-SAMADHI] {मरण.प्रकी.सूत्र का अरुणा मुकुंदकुमार लट्ठा कृत (गु.) शोधग्रंथ}