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आगम प्रकाशन परिचय
221
क्र.
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद)
2061 (1) |52 (P)
प्रकाशन नाम एवं परिचय
प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि {गु., दे.ना., रो.) [T, S] {1497} 1332 मरणसमाधि सूत्रं {मरण.प्रकी.सूत्र जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, मूल} {दे.ना., गु.} [] {1494}
पूर्व संशो., पूर्व
संपा.-सागरानंदसूरि 1333 मरणसमाहि-पइण्णयं
पद्म प्रकाशन, अमदावाद संपा.-भव्यदर्शनसूरि {मरण.प्रकी.सूत्र सह सागरानंदसूरिजी (#) कृत छाया, भव्यदर्शनसूरिजी कृत (गु.) अनु.} {दे.ना., गु.) |{1494,1495,1496}
2068 (अ.) 177 (B)
58. आराधनापताकाप्रकीर्णकसूत्र-वीरभद्राचार्य कृत (1334-1334) 1334 शास्त्रसंदेशमाला
शास्त्रसंदेशमाला संक.-विनयरक्षितविजयजी 2061 (1) |328 (D) (अन्तिमाराधनाग्रन्थाः) {आराधनापताका प्रकी.सूत्र आदि अंतिमाराधना संबंधित ग्रंथ-13 मूल) भाग 14 {दे.ना., गु.} {1498)
59. ज्योतिष्करंडकसूत्र (1335-1337) 1335 वल्लभीयाचाीयं ज्योतिष्करण्डकं ऋषभदेव केशरीमलजी संशो., संपा.-सागरानंदसूरि (2) |1984 (अ.) 274 (P) प्रकीर्णकं (ज्योति.सूत्र सह
जैन श्वेतांबर संस्था मलय.टीका} {दे.ना.} [S]
{1499, 1500} | 1336 जोइसकरंडगं
महावीर जैन विद्यालय संशो., संपा.-पुण्यविजयजी |2045 (1) 162 (B) [JOISAKARANDAGAM]
{जैन आगम ग्रंथमाला (आगमप्रभाकर) {ज्योति.सूत्र सह शिवनंदीजी वाचक कृत (प्रा.) टिप्पनक} {दे.ना., गु., रो.}
|[T, S] {1499, 1501} 1337 ज्योतिष्करण्डकम् प्रकीर्णकम् ॐकारसूरि ज्ञानमंदिर संपा.-पार्श्वरत्नसागर 2069 (1) 464 (B)
{ज्योति.सूत्र सह मलय.टीका, {ग्रं. 70} पार्श्वरत्नसागर कृत (गु.) अनु., मलय.टीकानु.} {दे.ना., गु.} [T, S] {1499, 1500, 1502, 1503)
2056 (2) |463 (B)
60. अइगविद्याप्रकीर्णकसूत्र (1338-1338) 1338 अंगविज्जा [ANGAVIJJA{अंगविद्या प्राकृत ग्रंथ परिषद संशो., संपा.-पुण्यविजयजी प्रकी.सूत्र मूल} {दे.ना.,रो.} [T, S] {ग्रंथांक 1}
(आगमप्रभाकर), {1504}
संपा.-दलसुखभाई मालवणिया पंडित, हरिवल्लभ चुनीलाल भायाणी डॉ.
1339
61. सारावलीप्रकीर्णकसूत्र (1339-1339) शत्रुजयकल्पः (सारावली प्रकी.सूत्र मूल वर्धमान जैन आगममंदिर संपा.-अमरेन्द्रसागरजी, और शत्रुजयकल्प सटीक} भाग 2 संस्था
महाभद्रसागरजी {दे.ना.} {1505}
2051 (अ.)|444 (P)