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________________ आगम प्रकाशन परिचय 109 प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) [[s] {136, 137) 187 स्थानांगसूत्र (स्था.सूत्र सह वीरमतीबाई गुरुप्राण फाउन्डेशन, प्रधान संपा.-लीलमबाई 2056- 640+472%3D महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे.) महावीर सेवा ट्रस्ट, महासतीजी, 2058 (1) 1112 (B) भाग 1-2 {गु., दे.ना.) [S] {136, 163) राजकोट (आगमबत्रीसी सहसंपादिका-आरतीबाई आगम रत्न 13} महासतीजी डॉ., सुबोधिकाबाई साध्वी 188 स्थानाङ्गसूत्रम् (स्था.सूत्र सह अभय. हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2056 (1) 1462+4183 टीका} भाग 1-2 (दे.ना.} [T, S] {ग्रं. 364) 880 (P) {136,137) 189 अभ्युदय आगम सुत्ताणि (ठाणं) रत्नसागर प्रकाशन निधि संयो.-जितरत्नसागरसूरि, 2057 (1) 171 (E) {स्था.सूत्र मूल) भाग 3 (दे.ना., गु.) संशो.-दीपरत्नसागरजी, [S] {136} संपा.-चंद्ररत्नसागरसूरि 190 स्थानांग सूत्र (स्थान-5-10) | अखिल भारतीय सुधर्म संपा.-नेमिचंदजी बांठिया, 2058 (2) 384 (B) {स्था.सूत्र सह वीरपुत्रजी मुनि कृत जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया | (हिं.) शब्दार्थ, अनु., विवे. {रत्न 97} (श्रु.1→अ.5-10)} भाग 2 (दे.ना.) [T] {136, 152) 191 श्रुत समुद्र की मणियाँ (स्थानांग सूत्र अनेकांत फाउन्डेशन संपा.-चिदानंदविजयजी, श्रीचंद 2058 (1) 344 (C) की त्रिभंगियों पर 20 प्रवचन रंगीन |{पुष्प 27) सुराणा चित्रों सहित) {स्था.सूत्र के नित्यानंदसूरिजी कृत प्रव.20 (श्रु.1→अ.तीसरा)} {दे.ना.) [{173) स्थानाङ्गसूत्रम् (स्था.सूत्र सह महावीर जैन विद्यालय। संशो., संपा.-जंबूविजयजी |2059- 576+560+ अभय. टीका, सुमतिकल्लोल गणिजी सिद्धिभुवन मनोहर जैन (आगमप्रज्ञ) 576%3D1712 2060 (1) (B) और हर्षनंदन वादिन्द्र कृत ट्रस्ट, आत्मानंद जैन सभा, (श्रु.1→अ.3) का गाथा विव.} भावनगर (जैन आगम भाग 1-3 (दे.ना., गु., रो.} [T, s] | ग्रंथमाला ग्रं. 19→(1)} {136,137,139) 193 स्थानाङ्ग सूत्रम् (स्था.सूत्र सह भगवान महावीर संपा.-शिवमुनिजी आचार्य डॉ., 2061 (अ.) 1248+8843 आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) शब्दार्थ, मेडिटेशन एन्ड रिसर्च पूर्व संशो., पूर्व संपा.-फूलचंद्रजी | 2132 (B) अनु., विवे.} भाग 1-2 {दे.ना.} [T,S] मुनि (श्रमण) {136,145, 151) श्रमण शिव आगम प्रकाशन समिति 194 स्थानाङ्ग सूत्रं (ठाणांग सूत्रम्) जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2061 (1) 216 (P) {स्था.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [s] पूर्व संशो.-सागरानंदसूरि {136} स्थानांगसूत्र (सचित्र) {स्था.सूत्र पद्म प्रकाशन, दिल्ली प्रधान संपा.-अमरमुनिजी |2061 (1) |652+6043 (सचित्र) सह अमरमुनिजी उप. कृत {सचित्र आगममाला उपप्रवर्तक, सह संपा.-श्रीचंद 1256 (B) (हिं.) अनु., विवे. और उसका सुरेन्द्र पुष्प 15} सुराणा, चित्र.-त्रिलोक शर्मा डॉ. बोथरा कृत (अं.) भाषां.} भाग 1-2 (दे.ना.,रो.} {136, 164,165) 196 स्थानाङ्गसूत्रम् (स्था.सूत्र सह अभय, आगमोद्धारक श्रतसेवा संपा.-सागरानंदसरि 2063 293+2433 टीका) भाग 1-2 (दे.ना..गु.) [T,S] समिति, (P) आगमोदय |(पु.मु.) 536 (P) {136,137} समिति {श्रेणी} 192 195
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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