________________
108
क्र.
प्रकाशन नाम एवं परिचय
175 स्थानांग सूत्र (सानुवाद सपरिशिष्ट) {स्था. सूत्र सह कन्हैयालालजी मुनि कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना. ] [T, S]
{136, 155)
176 स्थानाङ्गसूत्र दीपिका वृत्तिः
| [ Sthanang Sutra Dipika] {स्था. सूत्र सह नगर्षि गणिजी कृत दीपिका टीका (श्रु. 1 अ. 4)) भाग 1 (दे.ना. } [T, S] {136, 138}
177 आगमसुधासिंधु (स्थानांग सूत्रम्) {स्था. सूत्र मूल} भाग 1/3 (दे.ना. } [S] {136}
178 स्थानाङ्ग सूत्र (स्था. सूत्र सह आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) शब्दार्थ, अनु., विवे. } भाग 1-2 [ दे. ना. } [T, S] {136, 145, 151}
179 ठाणं [THANAM] {स्था. सूत्र सह महाप्रज्ञजी कृत छाया (हिं.) अनु, टिप्पन) (दे.ना.) [T. S] {136, 147, 161}
180 स्थानांगसूत्र [THANANG] {स्था. सूत्र सह हीरालालजी शास्त्री कृत (हिं.) अनु, विवे.) (दे.ना.) [T, S] [136, 162 }
181 स्थानांग सूत्र (स्था. सूत्र सह राजुलबाई महासतीजी कृत (गु.) अन् {गु., दे.ना.} {136, 156
182 स्थानाङ्गसूत्रम् {स्था. सूत्र सह अभय | टीका} भाग 1-2 (दे.ना., गु.} [T, S] {136, 137}
45 आगमसुत्ताणि (ठाणं) (स्वा. सूत्र मूल) (दे.ना., गु.) [8] (136) 184 जैन आगमों का दार्शनिक एवं
| सांस्कृतिक विवेचन (स्थानांगसूत्र के परिप्रेक्ष्य में) (स्था. सूत्र का पारसमणि खीचा डॉ. कृत (हिं.) शोधग्रंथ) {दे.ना.} [S] {174}
185 आगम ज्ञान गंगा (स्था. सूत्र के चतुर्थ | स्थान की चौभंगियों का नित्यानंदसूरिजी कृत (हिं.) विवे (श्रु. 1 अ. 4था)} (दे.ना.} {169 } 186 आगम सुत्ताणि (सटीकं)
[स्थानाङ्गसूत्रम् ] {स्था. सूत्र सह अभय. टीका} भाग 3 (दे.ना., गु. }
3. स्थानांगसूत्र
प्रकाशक (ग्रंथमाला}
आगम अनुयोग प्रकाशन, सांडेराव
| देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड ग्रंथांक 122 )
हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो. संपा. जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 66 }
,
जैन विश्व भारती
आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (जिनागम ग्रंथमाला ग्रंथांक 7}
प्रेम जिनागम प्रकाशन समिति प्रेम
| जिना. प्रका. ग्रं. 12)
जिनशासन आराधना ट्रस्ट, (P) आगमोदय समिति
आगम श्रुत प्रकाशन
आत्माराम जैन प्रकाशन संपा. - फूलचंद्रजी मुनि (श्रमण) 2032 (अ.) 1226+9= समिति |2118 (B)
जन मंगल संस्थान
संपादक, संशोधक आदि संपा. - कन्हैयालालजी मुनि | (कमल)
अनेकांत फाउन्डेशन { पुष्प 12 }
संशो., संपा. मित्रानंदसूरि
आगम श्रुत प्रकाशन
पूर्व संशो., पूर्व संपा. सागरानंदसूरि (#)
संशो., संपा. दीपरत्नसागरजी
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1252 (D)
2028 (1)
प्रधान संपा. - श्रीचंद रामपुरीया, 2033 (1) 1090 (B) संपा., विवे. महाप्रज्ञजी आचार्य
| संपा. पारसमणि खिचा
2030 (3T.) 450 (P)
संयो, प्रधान संपा. मिश्रीमलजी 2038 (1) मुनि, प्रबंध संपा, श्रीचंद सुराणा, संपा. - हीरालाल शास्त्री
संपा. शोभाचंद्रजी भारिल्ल
संपा. चिदानंदविजयजी, श्रीचंद सुराणा
2031 (3T.) 208 (B)
संशो., संपा. -दीपरत्नसागरजी
2038 (1) 480 (B)
2051
(पु.मु.)
824 (B)
291+243=
534 (P)
2052 (3T.) 168 (C)
2056 (1)
2055 (1) 368 (C)
292 (C)
2056 (3T.) 592 (C)