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________________ क्र. स्वरूप 769 भाष्य (2) 770 चूर्णि (3) 771 टीका (4) 772 छाया (5) 773 774 अर्वा भाष्य (6) 775 अर्वा चूर्णि (7) 778 अर्वा, अवचूरि (8) 777 शब्द, अनु., विवे. (9) 778 अनु. (10) 779 780 781 अनु., विवे. (11) 782 783 सारांश (12) 784 शोधग्रंथ (13) 785 786 मूल (1) पे. 1 2 1 कर्ता संघदासगणि क्षमाश्रमण जिनदासगणिजी महत्तर श्रीचंद्रसूरि घासीलालजी महाराज (#) घासीलालजी महाराज (#) घासीलालजी महाराज घासीलालजी महाराज घासीलालजी महाराज छगनलालजी शास्त्री डॉ., महेन्द्रकुमार रांकावत डॉ. अमोलकऋषि 2 दीपरत्नसागरजी 3 दीपरत्नसागरजी 1 तिलोक मुनि, कन्हैयालालजी मुनि (कमल) 2 लीलमबाई महासतीजी ज्ञानसुंदरी नि 1 दलसुखभाई मालवणिया पंडित 2 MADHU SEN 25. उद्धारक. - हरिभद्रसूरि आगम कृति परिचय संवत् सदी 5वीं, 6ठी fa. 733# fa. 1174 वि. 1987# वि. 1987# fa. 1987# fa. 1987# fa. 1987# fa. 2036# fa. 1976P fa. 2053P fa. 2058P fa. 2048P fa. 2062P fa. 1979P fa. 2014P fa. 2031P कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि अंत.प्र.क्र. 'निर्युक्ति मिश्रित * (प्रा.) * पद्य * गाथा 6644 ग्रं. 7500 [णवबंभचेरमइओ अड्डारसपदसहस्सिओ वेदो...य आराहण छिण्णसंसारे ||} {622,627,631, 633=4} 3 'मूल, निर्युक्ति और भाष्य की विशेष चूर्णि' * (प्रा., सं.)* गद्य * (उ. 20) (गाथा 6644), प्रशस्ति गाथा - 3 ग्रं. 28000 {नमिऊणऽरहंताणं सिद्धाण य... जिणदासगणिमहत्तरेण रइया) (622, 627, 631, 633=4} 'सुबोधा व्याख्या' * (सं.) * गद्य * (उ. 20वाँ), प्रशस्ति श्लोक - 2 ( प्रणम्य वीरं सुरवन्दितक्रमं तेन रचिता चूर्णिरियम् ।} {622,627, 633} 43 (सं.)* गद्य * (उ.20) (625) " भाष्य की स्वोपज्ञ छाया' * (सं.) * पद्य * (उ. 20) {625) (प्रा.) * पद्य * (उ. 20) ( नालिया दुविहा वुत्ता, ...इहं णेया, ठवणा परिहार णाणत्तं ।} {625} (सं.) * गद्य * (उ. 20) ('जे भिक्खू' इत्यादि... नन्तरं प्रायधिश्चित्तमिति भावः ।) (625) 'भाष्य की स्वोपज्ञ अवचूरि * (सं.)* गद्य * (उ. 20) 'जलनालिया' इति नालिया' इत्येतावानेव विशेष इति । ) {625} (हिं.) *गद्य * (उ.20 ) ( 636 } ... (हिं.) *गद्य (उ.20) {621} (गु.) * गद्य * (उ.20) {1463, 1486 } (हिं.)* गद्य (उ.20) (1474} (हिं.) *गद्य (उ.20) (629) महानिशीथसूत्र (786-792) fa. 833# (गु.)* गद्य * (उ. 20) (635) 'संक्षिप्तसार' * (हिं.) *गद्य * (उ.20) {1424} 'निशीथ : एक अध्ययन' * (हिं.) *गद्य (उ.20) (623,627, 633} ‘A Cultural Study of The Nisitha Curni' * (अं) * गद्य * fa. 8 (626) (प्रा.) * गद्य, पद्य * अ. 6+ चू. 2 सूत्र 284 ग्रं. 4504 { सुयं मे आउसं... य महानिसीहम्मि पाएण] ||} {637, 639, 640, 642, 643, 644, 645, 646, 647, 1393, 1510, 1519-12}
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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