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46. कल्पसूत्र
संघ
प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) अंतर्वाच्य, दशा.सूत्र के (8वें कल्पसूत्र) (श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन अध्ययन की नियुक्ति और चूर्णि} बोर्डिंग ग्रंथमाला 14) (दे.ना., गु.) [T,S] {818, 819, 1359,1372) कल्पसूत्र (हिन्दी भाषानुवादयुक्त) जिनेश्वरसूरि फाउन्डेशन संपा.-शशीप्रभाश्रीजी 2054 (2) 440 (P) {कल्पसूत्र सह सज्जनश्रीजी कृत लक्ष्मीवल्लभ उपा. कृत टीकानुसारी (हिं.) अनु.} {दे.ना.) [T, S] {1359,
| 1395) 1230/बारसासूत्र गुजराती अनुवाद सह नित्य चंद्र दर्शन जैन संपा.-दिव्यानंदसागर गणि, 2054 (अ.) |228 (P) सचित्र प्रभुचरित्र {कल्पसूत्र (सचित्र) धर्मशाळा
गुणचंद्रसागरजी का बेचरदास जीवराज दोशी पं. (#)
कृत (गु.) अनु.} {गु.} {1389) 1231 कल्पसूत्र विवरण (कल्पसूत्र का मुलुंड श्वे.मू.पू. जैन संघ, संपा.-कलाप्रभसागरसूरि |2054 (2) |352 (B)
गुणसागरसूरिजी कृत (गु.) अनु.) (P) मोरारजी नानजी {गु.} {1394}
गाला (रेतीवाळा) 1232 कल्पसूत्र-खीमशाही (हिन्दी अनुवाद) मांडवला जैन श्वेमू.पू. संपा.-हेमप्रभसूरि
2054 (अ.) |600 (P) {कल्पसूत्र सह खीमशाही बा.बो. के। अमृतलाल अमरचंद सलोत कृत (गु.) अनु. का बी. टी. परमार कृत (हिं.) भाषां.) (दे.ना.) [T] {1359, 1423} कल्पसूत्रबालावबोध (कल्पसूत्र के राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट |संशो.-यतीन्द्रसूरि
2054 (3) 341 (B) राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक कृत बा.बो. का भीमसिंह माणेक (#) कृत (गु.) अनु.]
{गु.) [T] {1421) 1234 कल्पसूत्र (खीमाशाही हिन्दी चंद्रप्रभुजैन नया मंदिर संपा.-रविशेखरविजयजी |2055 (1) |238 (P)
भाषान्तर) {कल्पसूत्र का खीमशाही ट्रस्ट बा.बो. अनुसारी रविशेखरविजयजी | (#) कृत (हिं.) अनु.) (दे.ना.)
{1425) 1235|कल्पसूत्रम् (बारसासूत्रम्) {कल्पसूत्र जैन पार्श्व पद्यावती ट्रस्ट, संपा.-यशोदेवसरि
2055 (अ.) 152 (P) मूल} {दे.ना.} {1359)
जैन साहित्य मंदिर,
पालीताणा 1236/ कल्पसूत्रना व्याख्यानो (कल्पसूत्र के पदार्थ दर्शन ट्रस्ट संपा.-नरवाहनसूरि
2055 (अ.) 584 (P) नरवाहनसूरिजी (#) कृत (गु.) प्रव., {पुस्तक 36} ज्ञानविमलसूरिजी कृत सज्झाय)
{दे.ना.} {1374,1434) 1237 बारसा सूत्र (हिन्दी भाषांतर सचित्र) मुक्तिचंद्रश्रमण आराधना संपा.-उदयप्रभविजय गणि (#) 2055 (अ.) 200 (P)
{कल्पसूत्र (सचित्र) का विनयसागरजी ट्रस्ट महो. (#) कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.
{1397) |1238 बारसासूत्र ढाळ-सचित्र {कल्पसूत्र आचार्यश्री विजय संपा.-सिंहसेनसूरि
2055 (अ.) 144 (P) (सचित्र) का ज्ञानविमलसूरिजी कृत मेरुप्रभसूरीश्वरजी स्मारक (गु.) भास (सज्झाय)} {गु.)
ट्रस्टनेमिउदय113741
मेरुप्रभसूरि ग्रंथमाला 39}