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आगम प्रकाशन परिचय
141
क्र.
प्रकाशक {ग्रंथमाला)
संपादक, संशोधक आदि
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद)
2058 (1)
456 (B)
पद्म प्रकाशन, दिल्ली {सचित्र आगम प्रकाशन माला 13)
प्रकाशन नाम एवं परिचय 518 रायपसेणिय (राजप्रश्नीय) सूत्र
(सचित्र) [RAI-PASENIYA (RAJ-PRASHNIYA) SUTRA] [[ILLUSTRATED] {राज.सूत्र (सचित्र) सह अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु., विवे. और उसका राजकुमार जैन कृत (अं.) भाषां.) दे.ना., रो.} [S] {535, 555, 556}
प्रधान संपा.-अमरमुनिजी उपप्रवर्तक, सह संपा.-तरुणमुनिजी, श्रीचंद सुराणा, चित्र.-त्रिलोक शर्मा डॉ.
2060 (1)
240 (B)
राजप्रश्नीय सूत्र RAJPRASHNIYA गुरुप्राण फाउन्डेशन, SUTRA {राज.सूत्र सह बिंदुबाई महावीर सेवा ट्रस्ट, महासतीजी और रुपलबाई
राजकोट {आगमबत्रीसी महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे.)
रत्न 24) {गु., दे.ना.} [S] {535, 557}
प्रधान संपा.-लीलमबाई महासतीजी, सहसंपादिका-सुबोधिकाबाई साध्वी, आरतीबाई महासतीजी
520 राजप्रश्नीयोपांगम् (रायपसेणी सूत्रम्) |जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व 2061 (1) 116 (P) {राज.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [s]
संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि {535) 521 राजप्रश्नीयसूत्र (राज.सूत्र सह अखिल भारतीय सुधर्म संपा.-नेमिचंदजी बांठिया, 2063 (2) 288 (B)
छगनलालजी शास्त्री और महेन्द्रकुमार जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया रांकावत कृत (हिं.) शब्दार्थ, अनु., {रत्न 120}
विवे. (दे.ना.} [T] {535,544} 522 राजप्रश्नीयम् (राज.सूत्र सह मलय, |जिनशासन आराधना पूर्व संपा.-बेचरदास जीवराज 2065 टीका) {दे.ना.} [T, S] {535, 536} ट्रस्ट, (P) शंभुलाल जगशी दोशी पंडित
शाह {प्राचीन श्रुत समुद्धार पद्यमाला,
पद्म 17} 523 रायपसेणियसुत्तं (राज.सूत्र सह महावीर जैन विद्यालय संशो., संपा.-मुनिचंद्रसूरि |2070 (1) 428 (B)
मलय. टीका} {दे.ना.) [T,S] {जैन आगम ग्रंथमाला {535, 536)
ग्रं.7 (2) 524 रायपसेणियसुत्तं (राज.सूत्र सह ॐकारसूरि ज्ञानमंदिर संशो., संपा.-मुनिचंद्रसूरि |2070 (1) 428 (B)
मलय. टीका) {दे.ना.) [T,S] {ग्रं. 88} {535, 536)
14. जीवानीवाभिगमसूत्र (525-542) 525 स्थानांगनाम्नस्तृतीयांगस्योपांग धनपतसिंह बहादुर | अप्रदर्शित
1939 (अ.) 1118 (P) जीवाभिगमनाम सूत्रम् {जीवा.सूत्र {आगमसंग्रह भाग 14} सह मलय. टीका, अज्ञात कर्तृक बा.बो.} {दे.ना.} {561, 562, 564} जीवाभिगमसूत्र {जीवा.सूत्र के नीमचंद नीमचंद हीराचंद कोठारी संपा.-नीमचंद हीराचंद कोठारी 1969 (1) 382 (B) हीराचंद कोठारी कृत (गु.) प्रश्नोत्तरात्मक अनुवाद} {गु.} {578}
(%23)