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आगम प्रकाशन परिचय
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2053 (अ.) 392 (C)
2053 (अ.) 464 (C)
2053 (अ.) |430 (C)
प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि का दीप.कृत (गु.) अनु.} विभाग 5 (गु.} {617, 631, 659,685,710, 735,758) आगमदीप (चार मूळसूत्र - नंदी. आगमदीप प्रकाशन संपा.-दीपरत्नसागरजी (#) अनुयोग) {आव.सूत्र, ओ.नि.सूत्र, पिंड.सूत्र, दश.सूत्र, उत्त.सूत्र, नंदीसूत्र
और अनु.सूत्र का दीप.कृत (गु.) अनु.} विभाग 7 {गु.} {965, 1075, 1147, 1176, 1310,
1347,1450} 1461 आगमदीप (आयारो- सूयगडो- ठाणं. आगमदीप प्रकाशन संपा.-दीपरत्नसागरजी (#)
समवाओ) {आचा.सूत्र, सू.कृ.सूत्र, स्था.सूत्र, सम.सूत्र का दीप. कृत (गु.) अनु.) विभाग 1 {गु.) {34,114,
157, 188} 1462 आगमदीप {ज्ञाता.सूत्र, उ.द.सूत्र, आगमदीप प्रकाशन संपा.-दीपरत्नसागरजी (2)
अं.द.सूत्र, अनु.द.सूत्र, प्रश्न.सूत्र, वि.सूत्र, औप.सूत्र, राज.सूत्र का दीप.कृत (ग.) अनु.} विभाग 3 (गु.) {302,351,397,439,469,501,
525,550) 163 आगमदीप (दश पयन्ना - छ छेद सूत्र) आगमदीप प्रकाशन संपा.-दीपरत्नसागरजी (#)
(चतुः.प्रकी.सूत्र आदि 11 प्रकी.सूत्र
और निशीथसूत्र आदि 6 छेदसूत्रो का दीप.कृत (गु.) अनु.} विभाग 6 {गु.} {779,789,807,828,856,871, 1204,1223,1233,1240,1251, 1258, 1264, 1269, 1275, 1280,
1486} . 1464 जैन स्तुति {वीरत्थुई, दश.सूत्र (अ.4), जैन दर्शन चेरीटेबल ट्रस्ट अप्रदर्शित
उत्त.सूत्र (अ.3-4) सह अज्ञात कर्तृक (गु.) अनु. और विविध स्तोत्र, स्तुति
आदि} {गु.} {876, 967, 1020, | 1077}
सुबोध-लब्धि-संचय (वैराग्य सरिता) लब्धिनिधान चेरीटेबल अप्रदर्शित {चतुः.प्रकी.सूत्र, आ.प्र.प्रकी.सूत्र सह ट्रस्ट अजितसागरसूरिजी (#) कृत छाया, (गु.) अनु. एवं वैराग्य शतक आदि 3 सुत्र सह अज्ञात कर्तृक छाया, (गु.) अनु.} {गु., दे.ना.) [T] {1186, 1194, 1200, 1209, 1215, 1220} उपासकदशा एवं
पद्म प्रकाशन, दिल्ली प्रधान संपा.-अमरमुनिजी अनुत्तरोपपातिकदशासूत्र (सचित्र) (सचित्र आगममाला उपप्रवर्तक, सह [UPASAK-DASHA
पुष्प 10}
संपा.-तरुणमुनिजी, श्रीचंद सुराणा,
2053 (अ.) |392 (C)
148 (D)
|2056 (2) (अ.)
2056 (1)
256 (C)
2057 (1)
440 (B)