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________________ 236 69. आगम सानुवाद (एकाधिक अनुवादाछायासार्थ) वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 2044 (6) 406 (D) 2045 (2) |382 (C) 2045 (#) 500 (C) (5) 2050 (1) 852 (E) क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि 1452 जैन स्तुति {दश.सूत्र, उत्त.सूत्र, भानुभाई केशवलाल अप्रदर्शित वीरत्थुई सह अज्ञात कर्तृक (गु.) भणसाळी अनु., पद्यानु. और विविध स्तोत्र, स्तुति आदि} {गु.} {481, 876, 1020) 1453|SACRED BOOKS OF THE EAST मोतीलाल बनारसीदास पर्व संपा.-F.Max muller (2) (GAINA SUTRAS) {आचा.सूत्र पब्लीशर्स प्रा. लि., (P) और कल्पसूत्र का हर्मन जेकोबी कृत Oxford University (अं.) अनु.) भाग 1 {रो.} [T] |Press {Sacred {24,1385) Books of the east Vol 22) 1454|Sacred Books of The East मोतीलाल बनारसीदास पूर्व संपा.-F. Max muller (Gaina Sutras) {उत्त.सूत्र और पब्लीशर्स प्रा. लि., (P) स.क.सत्र का हर्मन जेकोबी डॉ. कृत |oxford University (अं.) अनु.) भाग 2 {रो.} [T] Press (#){Vol 45} {105, 946} सूरिय चन्द पण्णत्ति सुत्तं (सूर्य चन्द्र आगम अनुयोग ट्रस्ट, संपा.-कन्हैयालालजी मुनि प्रज्ञप्ति सूत्र) (सानुवाद) {सूर्य.सूत्र सह |अमदावाद (कमल) कन्हैयालालजी मुनि (#) कृत (हिं.) अनु. और चंद्र.सूत्र मूल} {दे.ना.} {611, |616,641) 1456 निरयावलिकासूत्र [कप्पिया, आगम प्रकाशन समिति, प्रबंध संपा.-श्रीचंद सुराणा, कप्पवडिंसिया, पुफिया, ब्यावर {जिनागम संयो., प्रधान संपा.-मिश्रीमलजी पुष्फचूलिया, वण्हिदसा] ग्रंथमाला ग्रंथांक 21} मुनि, मुख्य संपा.-शोभाचंद्रजी NIRAYAVALIKA SUTRA भारिल्ल, संपा.-देवकुमार जैन [Kappia, Kappavadansia, Pupphia, Pupphachulia, Vanhidasa] (निर.सूत्र आदि 5 सूत्र सह देवकुमारजी जैन कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T, s] {647,662, 672,684,697,709, 722, 734,745, 757} 1457 अणुत्तरोववाइय दसा [वैराग्यकुलक, अखिल भारतीय सुधर्म संपा.-नेमिचंदजी बांठिया, वीरस्तुति सहित] {अनु.द.सूत्र सह जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया (#), रतनलाल डोशी (#) कृत (हिं.) अनु., (रत्न 54} पूर्व संपा.-रतनलाल डोशी वीरत्थुई सह अज्ञात कर्तृक अनु.) {दे.ना.} {416, 438} आगमदीप (जीवाजीवाभिगम आगमदीप प्रकाशन संपा.-दीपरत्नसागरजी (#) पन्नवणासुत्त) {जीवा.सूत्र और प्रज्ञा.सूत्र का दीप.कृत (गु.) अनु.} विभाग 4 {गु.} {570, 599} 1459 आगमदीप {चंद्र.सूत्र युक्त सूर्य.सूत्र, आगमदीप प्रकाशन संपा.-दीपरत्नसागरजी (2) जंबू.सूत्र और निर.सूत्र आदि 7 सूत्रों 2050 (2) |176 (B) 2051 (2) 68 (D) 2053 (अ.) 416 (C) 2053 (अ.) 312 (C)
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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