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आगम प्रकाशन परिचय
235
क्र.
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद)।
2032 (अ.) 232 (C)
|2032 (1)
242 (B)
2033 (1) |406 (B)
प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि (दे.ना.,रो.) [T] {21, 43, 110,
154,185) 1445 दशवैकालिक-उत्तराध्ययन हिन्दी जैन विश्व भारती संपा.-मांगीलालजी मुनि (#)
पद्यानुवाद {दश.सूत्र और उत्त.सूत्र का मांगीलालजी मुनि कृत (हिं.) पद्यानु.} {दे.ना.} [T] {983,
1092} 1446 अनुत्तरौपपातिकदशांगसूत्र |प्रेम जिनागम प्रकाशन संपा.-शोभाचंद्रजी भारिल्ल
अन्तकृद्दशांगसूत्र औपपातिकसूत्र समिति {प्रेम {अनु.द.सूत्र, अं.द.सूत्र, औप.सूत्र सह |जिना.प्रका.पं. 5-6-7} उषाबाई महासतीजी, किरणबाई महासतीजी, हसुमतीबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु.} {दे.ना., गु.}
{371, 394, 416, 437, 515, 522} 1447 नन्दीसूत्र अने अनुयोगद्वार सूत्र प्रेम जिनागम प्रकाशन संपा.-शोभाचंद्रजी भारिल्ल
[गुजराती अनुवाद सहित] {नंदीसूत्र समिति (प्रेम जिना.
और अनु.सूत्र सह सुबोधिकाबाई प्रका.पं. 8, 9) महासतीजी कृत (गु.) अनु.} {गु., दे.ना.) {1283, 1309, 1329,
1346) 1448 मंगलमय आराधना संग्रह {शत्रुजय बाबुभाई सी. जरीवाळा अप्रदर्शित
लघुकल्प सह कंचनसागरसूरिजी कृत (गु.) अनु., आराधना प्रकरण का | अज्ञात कर्तृक अनु.,पुण्यप्रकाश का
स्तवन) {गु.} {1513, 1514) | 1449 हंस आराधना संग्रह {चतुः:प्रकी.सूत्र, शासनकंटकोद्धारकसूरि संपा.-नरेन्द्रसागरसूरि
आ.प्र.प्रकी.सत्र सह नरेन्द्रसागरजी जी जैन ज्ञानमंदिर (2) कृत (गु.) अनु., सोमसूरिजी कृत |{ग्रंथांक 40} आरा.प्रकरण मूळ आदि) {गु., दे.ना.} {1186, 1203, 1209, 1222,1511}
स्याद्वादामृत प्रकाशन संपा.-धर्मध्वजविजयजी गणि आ.प्र.प्रकी.सूत्र, भक्त.प्रकी.सूत्र, मंदिर न्यास महाप्र.प्रकी.सूत्र, आरा.प्रक. और परमानंद पच्चीशी सह अज्ञात कर्तृक | (गु.) अनु.} {गु., दे.ना.} {1186, 1199, 1209, 1219, 1228, 1231, 1271, 1273, 1511, 1514)
2035 (2) |104 (D)
(अ.)
2039 (अ.) 282 (C)
2042 (अ.) |176 (C)
1451
2043 (1)
164 (D)
हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संपा.-जिनेन्द्रसूरि {ग्रं. 157)
पयन्ना संग्रह (भाषांतर साथे) (चतुः प्रकी.सूत्र, आ.प्र.प्रकी.सूत्र, भक्त.प्रकी.सूत्र, महाप्र.प्रकी.सूत्र, आरा.प्रक. और परमानंद पच्चीशी सह अज्ञात कर्तृक (गु.) अनु.} {गु., दे.ना.} {1186, 1199, 1209, 1219, 1228, 1231, 1271, 1273, 1511,1514}