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1. आचारांगसूत्र
प्रकाशन नाम एवं परिचय
प्रकाशक {ग्रंथमाला)
संपादक, संशोधक आदि
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद)
| 2031 (अ.) 385 (C)
दुख
2031 (1)
316 (B)
2031 (अ.) 152 (B)
35
|2033 (1)
514 (B)
36
2035 (अ.) 178 (D)
32 आयारो [AYARO] {आचा.सूत्र सह | जैन विश्व भारती संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य
महाप्रज्ञजी कृत (हि.) अनु., टिप्पन
[श्रु.1]} {दे.ना.} [T, S] {1, 40} 33 आचारांग सूत्र [गुजराती अनुवाद दुर्लभजी खेताणी {प्रेम संपा.-शोभाचंद्रजी भारिल्ल
सहित] {आचा.सूत्र सह हसुमतीबाई जिना.प्रका.पं. 1) महासतीजी और लीलमबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु.}
{गु., दे.ना.} [T] {1, 32} 34 आगम-सुधासिंधुः (आचाराङ्ग-सूत्रम्) हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि
{आचा.सूत्र मूल} भाग 1/1 {दे.ना.} {ग्रं. 53} [s] {1} आयारंगसुत्तं [आचाराङ्गसूत्रम्] महावीर जैन विद्यालय संशो., संपा.-जंबूविजयजी AYARANGA-SUTTAM
{जैन आगम ग्रंथमाला ग्रं. (आगमप्रज्ञ) [ACARANGASUTRAM]
2(1) {आचा.सूत्र मूल} {दे.ना., गु., रो.} [T, S] {1} आचारांग सूत्र प्र. श्रुतस्कंध.
सुशीलाबेन शाह संपा.-नगीनदास केवलदास बंभचेराणि नो भावानुवाद
(नगीनदास केवलदास शाह 'आत्मज्ञान' {आचा.सूत्र का शाह) नगीनदास केवलदास शाह कृत (गु.) भावानुवाद एवं सारांश 'आत्मज्ञान' (श्रु.1)} {गु.} [T] {48} आयारंग सुत्तं (पढमो सुयक्खंधो) संजय साहित्य संगम |संयो.-विनयकुमारजी मुनि, (आचारांग सूत्र) (प्रथम श्रुतस्कंध)
| श्रीचंद सुराणा, {आचा.सूत्र मूल [श्रु.1]}
संपा.-कन्हैयालालजी मुनि {दे.ना.} {1} आचारांग-सूत्र (द्वितीय श्रुतस्कन्धः धर्मदास जैन मित्र मंडल संपा.-बसंतीलालजी नलवाया आचार चूला) {आचा.सूत्र सह बसंतीलालजी नलवाया कृत (हिं.) अनु., विवे. [श्रु.दूसरा]} {दे.ना.}
[T, S] {1,42) 39 आचाराङ्गसूत्रम् {आचा.सूत्र सह पेसुआ जैन संघ | संपा.-शोभाचंद्रजी भारिल्ल
कुलचंद्रसूरिजी कृत टीका} {दे.ना.) [T, S] {1, 18} आचारांगसूत्रनो संक्षेप {आचा.सूत्र के महावीर साहित्य प्रकाशन संपा.-जनकचंद्रसूरि संतबालजी कृत अनु., विवे. का मंदिर {आचारांग परिचय जनकचंद्रसूरिजी कृत (गु.) सारांश पुस्तिका श्रेणी 201} [श्रु.1]} भाग 1-5 {गु.} {68} आचाराग-सूत्रम् (मूलमात्रम्) हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि
{आचा.सूत्र मूल} {दे.ना.} [S] {1} {ग्रं. 53} 42 महावीरस्वामीनो आचारधर्म गूजरात विद्यापीठ संपा.-गोपालदास जीवाभाई [आचारांगसूत्रनो छायानुवाद] {पूंजाभाई जैन
पटेल {आचा.सूत्र का गोपालदास जीवाभाई ग्रंथमाला 11}
2037 (1)
168 (E)
2039 (1)
590 (B)
2042 (1)
508 (P)
2043 (1)
64+48+48... -264 (E)
41
2043 (2)
352 (E)
192 (C)
12044 (पु.मु.)