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69. आगम सानुवाद (एकाधिक अनुवादाछाया/सार्थ)
क्र
प्रकाशन नाम एवं परिचय
प्रकाशक {ग्रंथमाला)
संपादक, संशोधक आदि
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद)
बृ.क.सूत्र, दशा.श्रु.सूत्र, व्यव.सूत्र और पुष्प 53, 61-64,66} निशीथसूत्र का ज्ञानसुंदरजी मुनि कृत | (हि.) सारांश) भाग 17-22 (दे.ना.} [T] {367,413,450,671,696, |721,744,767,783,815, 838,
865) 1425 Worte Mahaviras [Kritische |Vandenhoeck &
Ubersetzungen aus dem Kanon Ruprecht der Jaina] {आचा.सूत्र (श्रु.1), सू.कृ.सूत्र (श्रु.1→अ.4, 12वाँ, श्रु.2→अ.2) का walther Schubring कृत (ज.) अनु.) {रो.} [T, S] {27, 107)
संपा.-Walther Schubring
| 1982 (अ.) 162 (B)
1426 चतुःशरणादिमरणसमाध्यन्तं आगमोदय समिति संपा., संशो.-सागरानंदसूरि (2) |1983 (अ.) |144 (P)
प्रकीर्णक दशकं (छायायुतम्) {ग्रंथोद्धार 46} {चतुः प्रकी.सूत्र आदि 10 प्रकी.सूत्र सह सागरानंदसूरिजी (#) कृत छाया} {दे.ना.} [T, S] {1186, 1195, 1209, 1216, 1228, 1230, 1235, 1237, 1243, 1246, 1262, 1263, 1266, 1267, 1271, 1272, 1477,
1482, 1494, 1495} 1427 कर्मनिर्जरा श्रेणी (चतुः.प्रकी.सूत्र लक्ष्मीचंद वेलशी भावसार अप्रदर्शित
| 1983 (अ.) 192 (D) और आ.प्र.प्रकी.सूत्र का अजितसागरसूरिजी कृत (गु.) अनु. एवं स्तवन आदि} {गु.}
|{1200,1220) 1428 जैन सिद्धांत पाठमाला {दश.सूत्र और अजरामर जैन विद्याशाला अप्रदर्शित
1989 (1) 468 (C) उत्त.सूत्र सह सौभाग्यचंद्रजी मुनि कृत {पुस्तक 21} छाया, वीरत्थुई मूल आदि} {दे.ना.}
[T] {876,915, 1020, 1038} 1429 NIRAYAVALIYAO
गूर्जर ग्रंथरत्न कार्यालय संपा.-Amritials. Gopani Dr., 1990 (1) 310 (D) (निरयावलियाओ) {निर.सूत्र आदि 5
वाडीलाल जीवाभाई चोक्सी प्रो. सूत्र सह वी. जे. चोक्सी और ए. एस. गोपाणी कृत (अं.) अनु.,} {दे.ना., रो.} [T, S] {647, 658, 672, 682, 697, 708, 722,732,745,756)
डॉ.
अप्रदर्शित
1990 (अ.) 160 (E)
430 आराधना संग्रह (चतुः.प्रकी.सूत्र सार्थ बावचंद वेलचंद शाह
(गु.) आदि और उत्त.सूत्र के केशी-गौतमीय अध्ययन की रूपविजयजी पं. कृत सज्झाय आदि) {गु., दे.ना.} [T] {903, 1186, | 1200, 1209, 1220, 1514)