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________________ आगम प्रकाशन परिचय 207 क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक (ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) (कल्पसूत्र) बारसासूत्र साराभाई मणीलाल नवाब संपा.-साराभाई मणीलाल नवाब |2032 (अ.) 268 (P) {(कल्पसूत्र) बारसासूत्र (सचित्र) का |{जैन कलासाहित्य बेचरदास जीवराज दोशी पं. (#) कृत संशोधक कार्यालय (गु.) अनु.} {गु.} {1389} सीरिझ 16} 2032 (अ.) 142 (P) |2035 (2) 572(P) 2035 (1) 238 (C) 2036 (अ.) 36 (C) 1198 आगमसुधासिन्धुः कल्पसूत्रम् हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि (बारसासूत्रम्) {कल्पसूत्र मूल} विभाग {I.73} 11 {दे.ना.} [S] {1359) 1199 पवित्र श्री कल्पसूत्र खेमशाही] नगीनदास मूलचंद शाह संपा.-रत्नप्रभसूरि गुजराती भाषांतर {कल्पसूत्र सह खीमशाही बा.बो. का अमृतलाल अमरचंद सलोत कृत (गु.) अनु.) {गु.} {1359,1422) 1200 Kalpasutra of मोतीलाल बनारसीदास संपा.-K.C. Lalwani Bhadrabahuswami पब्लीशर्स प्रा. लि. {कल्पसूत्र सह के. सी. ललवानी प्रो. कृत (अं.) अनु.} {दे.ना., रो.) [T] {1359, 1399) | 1201 कल्पसूत्र - बारसासूत्र सार [गुजराती कल्याणसागरसूरि ग्रंथ संपा.-गुणसागरसूरि पद्यमां] {कल्पसूत्र का प्रकाशन केन्द्र गुणसागरसूरिजी कृत (गु.) पद्य | {क्रमांक 31} सारांश} {गु.} {1436} | 1202 कल्पसूत्रम् (बारसासूत्रम्) युगप्रधान बारसासूत्र प्रकाशन संपा.-सूर्योदयसूरि श्रीकालिकाचार्यकथाद्वयसंयुक्तं समिति, (P) देवचंद सचित्रम् {कल्पसूत्र (सचित्र) मूल, लालभाई जैन पुस्तकोद्धार जिनदेवसूरिजी और अज्ञात कर्तृक फंड (नेमिनंदन कालिकाचार्य की (सं.) कथाएँ ग्रंथमाला) श्लोक-97+65} {दे.ना., गु.) [T, S] {1359) 1203 कल्प सूत्र का आदर्श हिन्दी अनुवाद सुरेन्द्रसूरीश्वरजी स्मारक संपा.-यतीन्द्रविजयजी (8) {कल्पसूत्र सह यतीन्द्रविजयजी कृत ज्ञानमंदिर ट्रस्ट (हिं.) अनु., सुबोधिका टीकानु.. (व्या.8)) (दे.ना.} {1359, 1400, 1419) 1204 सुवर्णाक्षरीय श्रीकल्पसूत्रम् सुरेन्द्रसूरिजी जैन संपा.-रामसूरि (बारसासूत्रम्) सचित्रम् (कल्पसूत्र तत्त्वज्ञानशाला (सचित्र) मूल} {दे.ना., गु.} {1359) {रामसूरीश्वरजी ग्रंथमाला 15} 1205|कल्पसूत्रबालावबोध (कल्पसूत्र राजेन्द्र प्रवचन कार्यालय | पूर्व संशो.-यतीन्द्रसूरि (सचित्र) का राजेन्द्रसूरिजी भट्टारक {राजेन्द्र प्रव, कार्या. कृत बा.बो. का भीमसिंह माणेक कृत सीरिझ3} (गु.) अनु.} {दे.ना.} [T] {1421} 2036/ (पु.मु.) 103 (P) 2037 (अ.) |436 (P) 2038 (अ.) 197 (B) 2039 (3) 471 (B) 1206 कल्प सूत्र {कल्पसूत्र की सुबोधिका अवंती पार्श्वनाथ अप्रदर्शित 2040 (अ.) 342 (P)
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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