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** मुखपृष्ठ : चित्रपरिचय ** चित्र का सामान्य परिचय अंतिम पृष्ठ पर दिया गया है । विशेषतः चित्र में 'प्रतीकात्मक दर्शाया गया द्वादशांगी का चित्र' संस्था द्वारा प्रकाशित एवं परम पूज्य आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय युगभूषणसूरीश्वरजी म.सा. के प्रवचन स्वरूप 'धर्मतीर्थ ग्रंथ' के मुखपृष्ठ का है । वहाँ पर भावश्रुतमय द्वादशांगी को प्रतीक के द्वारा अद्भुत रूप से दर्शाया गया है । द्वादशांगी के चित्रपरिचय का रसास्वाद लेने जिज्ञासु वाचकवर्ग को हमारे धर्मतीर्थ ग्रंथ के 'मुखपृष्ठ संकेत परिचय' देखने का नम्र निवेदन है ।
** स्मरणीयम् **
प्रस्तुत सूची में प.पू. विदूषी साध्वीजी श्री चारुनंदिताश्रीजी म.सा. की शिष्या पू. सा. श्री धर्मरुचिताश्रीजी म.सा. द्वारा प्रूफरीडिंग के कार्य में और मुखपृष्ठ व आगम पंचागी के चित्रों की रचना में पू. सा. श्री हितनंदिताश्रीजी म.सा. व पू. सा. श्री गुणदृष्टिश्रीजी म.सा. आदि के सहयोग की अनुमोदना करते है ।
दानवीर श्राद्धवर्य श्री बचुभाई पोपटलाल शाह (पाटण-मुंबई) ने धन के सद्व्यय द्वारा इस सूचीकरण योजना में महत्त्वपूर्ण आर्थिक सहयोग दिया है, जिसकी हम अंतर से भूरी भूरी अनुमोदना करते है ।
आगम प्रकाशनसूची के संपादन कार्य में गीतार्थ गंगा के संनिष्ठ व निष्णात कार्यकरों और विशेष रूप से पंडितवर्य श्री अल्पेशभाई, श्री दक्षेशभाई एवं श्री निकुलभाई से प्राप्त सहकार की हम सराहना करते हैं ।
प्रकाशन सूची के कार्य में प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से जिन जिन का सहयोग प्राप्त हुआ है, उन सभी की हम अनुमोदना करते है।
इस सूची में रही क्षतिओं के लिए विद्वद्जन हमें क्षमा करें ।
देवगुरुकृपाकांक्षी नीरव भूपेन्द्रभाई डगली