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________________ 26 क्र. स्वरूप 455 सज्झाय (4) 456 457 458 छाया (5) 459 460 अर्वा. टीका (6) 461 शब्द, अनु.. विवे. (7) 462 अन्व. (8) 463 अन्व, अनु., विवे. (9) 463 अन्व., विवे. a (10) 464 अनु. (11) 465 466 467 468 469 470 471 472 अनु., विवे. (12) 473 474 पे. कर्ता 1 समरचंद्रसूरि 476 2 विनयविजयजी उपाध्याय वि. 1735 3 जिनविजयजी गणि 1 2 हस्तीमलजी आचार्य हेमचंद्रजी मुनि घासीलालजी महाराज हेमचंद्रजी मुनि हस्तीमलजी आचार्य रतनलाल डोशी मंगला चोरडिया, नेहा चोरडिया अमोलकऋषि 1 2 छोटालालजी मुनि 10. प्रश्नव्याकरणसूत्र संवत् fa. 1588# 6 दीपरत्नसागरजी 7 दीपरत्नसागरजी 8 दीपरत्नसागरजी 1 सुनिताबाई साध्वी 2 अमरमुनिजी उपप्रवर्तक 3 राजकुमार जैन fa. 1770# fa. 2006P fa. 2030P fa. 2007 fa. 2030P fa. 1975P fa. 1989 fa. 1998P 3 अज्ञात 4 फूलचंद्रजी मुनि पुप्फभिक्खु) वि. 2028P 5 प्रवीणऋषिजी वि. 2040P fa. 2053P fa. 1993 fa. 2031P fa. 2058P fa. 2066P fa. 2056P fa. 2064P fa. 2064P 475 अर्वा टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2018P (13) 2 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2018P कृति विशेषनाम* भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण* आदि अंत*प्र.क्र. पांचमहाव्रत-तेनी 25 भावनानी सज्झाय * (मा.गु.) * पद्य * गा. ( द्वा.प.) 28 (वीर जिणेसर पाय... त्रसह थावर राखए ।। 2811} {1784) शील विषय संवाद सज्झाय (गु.) पद्य * ढाल 2 / सर्वगाथा 29, कळश 29-29 (पहेलां प्रणमुं शारदा...वळी विनवे ..... 29} {1784) वि. 2066P हस्तीमलजी आचार्य कृत अन्व. आधारित विवे. * (हिं.) * गद्य * (श्र. 1) (458} (हिं.) गद्य * (श्रु. 1) (437) (गु.) * गद्य (श्रु. 1), प्रशस्ति गाथा 2 {442} पांचमहाव्रत-तेनी 25 भावनानी सज्झाय * (गु.) * पद्य * ढाल 5 / सर्वगाथा 52 {वासववंदित वीरजी वसुधा ... विजय जिनपासे fafa11911) (1784} (सं.) गद्य * (श्रु. 1) (441, 458) (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) (445) 'सुदर्शिनी' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति श्लोक - 8 ( श्री सिद्धराजं स्थिरसिद्धि... आचारस्य=3 आचाराङ्गस्य तथैव विज्ञेयम्) (444) (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) (445} 'भावार्थयुक्त' (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {441} (हिं.) * गद्य* (श्रु. 1) {446 } (गु.) *गद्य * (श्रु. 1 अ. 5) (439, 440 ) (हिं.) गद्य * (श्रु. 1) {1443) (हिं.) गद्य (श्रु. 1) {450) (गु.) *गद्य * (श्रु. 1) (1462 } (हिं.) *गद्य * (श्रु. 1) (1470 } 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.)* गद्य (श्रु. 1) (1538) (गु.) * गद्य (श्रु. 1) (453) (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) (457 } अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु और विवे. का भाषां.अं.) * गद्य * (श्रु. 1) {457 } 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) (444) 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) (443, 444 }
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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