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________________ आगम कृति परिचय 27 क्र. स्वरूप पे. कर्ता | संवत् कृति विशेषनाम*भाषा गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंतप्र.क्र. 477 विवे. (14) |1| पूर्णानंदविजयजी पंन्यास | वि. 2040 (गु.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति गद्य {448 } 478 2 | शोभाचंद्रजी भारिल्ल वि. 2040P | (हिं.) * गद्य * (श्रु.1) {450} 479 3 | दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'अभय. टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1538} 480 प्रव. (15) राजेन्द्रसूरि वि. 2063P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1-→अ. 5) {455} 481 मूल (1) सुधर्मास्वामीजी 11.विपाकसूत्र (481-514) वी.सं.पर्व (प्रा.) * गद्य * श्रु. 2→अ. 10+10→उ. 10+10→सूत्र त्रीश वर्ष 30+10 ग्रं.1250 {तेणं कालेणं तेणं...सेसं जहा आयारस्स। वैशाख {460, 461,462,463, 464, 465, 466, 467, 468, 469, सुद 11 470, 471, 472, 473, 474, 475, 476, 477, 478, 479, 480,481,482, 1353, 1354, 1355, 1356, 1357, 1358, 1363, 1366, 1371, 1377, 1383, 1392, 1393, 1403, 1407, 1409, 1411, 1452, 1490, 1510, 1521, 1527, 1534, 1535, 1548%3D48} वि. 11202 (सं.) * गद्य * (श्रु. 2) ग्रं.900 {नत्वा श्रीवर्धमानाय, वर्द्धमानश्रुताध्वने।...सुखविपाकेऽपि। शेषं यथाऽऽचारस्य।।} {460, 463, 467, 468, 474, 479, 1490, 1521, 1534, 1535310) 482 टीका (2) | अभयदेवसूरि 483 बा.बो. (3) | अज्ञात 484 सज्झाय (4) पानाचंदजी वि. 1893 (मा.गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {अथ विपाकश्रुत किसुं...इति श्री विपाकसूत्र समाप्त।) {460) (गु.) * पद्य * गाथा 17 {हवे सुबाहुकुमार(कुमर} एम... गुणग्राम भविक सोभागी।।1711)} {1757, 1776, 1781, 178434} (सं.) * गद्य * (श्रु. 2) {463, 468, 474, 479, 1535-5) | 485 छाया (5) |1| हरगोविंददास त्रिकमचंद | वि. 1976P शेठ पंडित 486 2 | ज्ञानमुनि | वि. 2010P 487 अर्वा. टीका घासीलालजी महाराज | वि. 2008P | (सं.) * गद्य * (श्रु. 2) {472, 481} 'विपाकचंद्रिका' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 2) {परमगुणगभीरं तीर्णसंसारतीरं, वृजिनघनसमीरं... यथाऽऽचारस्यआचारागसूत्रस्य तथा विज्ञेयम्।।) {471,480} 'आत्मज्ञानविनोदिनी भाषाटीका' * (हिं.) * गद्य - (श्रु. 2) {472, 481) | (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {1419) ज्ञानमुनि वि. 2010P 488 शब्द., अनु., विवे. (7) 489 अनु. (8) वि. 1966P 490 1| मोतीलाल मनसुखराम शाह 2 | अज्ञात 3| अमोलकऋषि 4 | Banarsidas Jain 5 भैरोंदानजी सेठिया (2) 491 492 वि. 1968P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {1420, 1443) वि. 1972P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {461} वि. 1979P | (अं.) * गद्य * (श्रु. 1→अ. 1) {1548} वि. 1982P | जाव' आदि पाठपूर्ति के अनुवाद युक्त * (हिं.) * गद्य * (श्रु. दूसरा){464} वि. 1986# (हिं.) * गद्य * (श्रु. दूसरा) {469} 493 6 विनयचंद्र मुनि
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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