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________________ 74. आगम थोकसंग्रह क्र. स्वरूप पे. कर्ता संवत् कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण*आदि-अंत प्र.क्र. लब्धिसूरि 1524 सारांश, अर्वा. टीका (1) 77. आगम परिचय (विस्तृत) (1524-1525) वि. 2003P | 'सूत्रार्थमुक्तावलि' अनु.सूत्र, आचा.सूत्र, सू.कृ.सूत्र, स्था.सूत्र और सम.सूत्र का सारांश टीकायुक्त * (सं.) * गद्य * वि. 5-सूत्र 52+88+82+238+100 {वाचा निर्मलया सुधामधुरया... नोहीपयति सात् कर्तुम्।।) {1628 } वि. 2006 जैन प्रवचन किरणावली * (प्रा., गु.) * पद्य, गद्य * वि. 5→प्रकाश 28-गाथा 234, प्रशस्ति गाथा-235-244 {सयलिच्छियकप्पतरूं, अचिंतमाहप्पजोगखेमयरं। सिरि. संखेसर...प्रवचन किरणावली समाप्ता।।) (1630, 1636} पद्मसूरि 1525 सारांश, विवे. (2) 80. गणधरवाद (विशे.भा.गाथा 1549-2024)/(कल्पसूत्र व्या.6→सूत्र 122वाँ) (1526-1553) 1526 प्रकरण (1) मुक्तिविमलजी पं. वि. 1970# गणधरवाद * (सं.) * गद्य * (व्या. 6→सूत्र 122वाँ), प्रशस्ति श्लोक-5 {श्रीवीरं सद्गुरुं नत्वा...विहारं कर्तुं प्रवृत्तः।।) {1726) 1527 छाया (2) |1|धीरुभाई प्रेमशंकर ठाकर | वि. 2006P (सं.) * पद्य * (गाथा 1549-2024) {1727) डॉ.(2) 1528 धीरजलाल डाह्यालाल | वि. 2065P | (सं.) * पद्य * (गाथा 1549-2024) {1746} महेता (2) |1529 अनु. (3) 1 दलसुखभाई मालवणिया | वि. 2006P | 'मलधारीय टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (गाथा 1549-2024) पंडित {1735) 1530 धीरुभाई प्रेमशंकर ठाकर वि. 2006P | (अं.) * गद्य * (गाथा 1549-2024) {1727} डॉ. 1531 3 Esther A. Solomon | वि. 2017 | (अं.) * गद्य * (गाथा 1549-2024) {1729} Dr. 1532 | चिदानंदसूरि वि. 2027P 1533 5 पृथ्वीराज जैन वि. 2038P | 1534 6 सुशीलसूरि वि. 2043 | 'सुबोधिका टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (व्या. 6 सूत्र 122वाँ) {1731, 1732, 1743} | दलसुखभाई मालवणिया के (गु.) अनु. का भाषां. * (हिं.) * गद्य * (गाथा 1549-2024) {1733} गणधरवाद काव्य का स्वोपज्ञ अनु. * (सं.) * गद्य * (श्लोक 197), प्रशस्ति गद्य (1737} गणधरवाद काव्य का स्वोपज्ञ अनु. * (हिं.) * गद्य * (श्लोक 197) {1737) (हिं.) * गद्य * (गाथा 1549-2024) {1744) 'सुबोधिका टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (व्या. 6→सूत्र 122वॉ) {1745) (गु.) * गद्य * (गाथा 1549-2024) {1746) 1535 7 | सुशीलसूरि वि. 2043 1536 8| जयंतसेनसूरि (2) | कनकरत्नसूरि वि. 2056P वि. 2057P 1537 1538 | वि. 2065P 10 धीरजलाल डाह्यालाल महेता देवेन्द्रविजयजी 1539 अनु., विवे. वि. 1989# | राजेन्द्रसूरि कृत आ.नि. आधारित (गणधरवाद) काव्य का अनु., विवे * (हिं.) * गद्य * (सर्ग 6) {1740) (4)
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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