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________________ क्र. स्वरूप 1539 पद्यानु. (5) 1540 1541 टीकानु. (6) 1542 fad. (7) 1543 1544 1545 1546 1547 1548 1549 प्रव. (8) 1550 1551 1552 शोधग्रंथ (9) 1553 1554 स्तवन (1) 1555 1556 1557 सज्झाय (2) + पे. कर्ता 1 राजेन्द्रसूरि भट्टारक 2 सुशीलसूरि 1 धीरुभाई प्रेमशंकर ठाकर डॉ. 2 धीरजलाल डाह्यालाल महेता, वि. 2065P कृतिसंशो. कल्याणयोधिसूरि Esther A. Solomon Dr. 3 भद्रंकरसूरि 4 भुवनभानुरि 5 भुवनभानुसूरि 6 के. रामप्पा 1 7 जयंतसेनसूरि 1 अरुणविजयजी पंन्यास 2 पद्मसागरसरि 3 अशोक शाह दलसुखभाई मालवणिया पंडित 2 पृथ्वीराज जेन 1 जिनप्रभसूरि आगम कृति परिचय संवत् fa. 1979 2 धर्मवर्द्धनजी fa, 2042 वि. 2006P fa. 2017 fa. 2017P fa. 2020 fa, 2022# fa. 2045P fa. 2056P fa. 2040 fa. 2043P fa. 2044P fa. 2006 fa. 1773 89 कृति विशेषनाम* भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण*आदि अंत*प्र.क्र. आ.नि. आधारित काव्य * (सं.) पद्य * सर्ग 6 - गाथा 188 श्रीवीर वीरो जिनधर्मधीरः,... श्रेयसे स्याज्जगतां समेषाम् ।।20।।} {1740} कल्पसूत्र सुबोधिका टीकानुसारी काव्य * (सं.) * पद्य * श्लोक 197, प्रशस्ति श्लोक - 28 ( जयतु जयतु भास्वत्...यत् वाच्यमानं भवेत् । ।28।।} {1737} 3 क्षमाकल्याणजी उपाध्याय वि. 1827# 1 लक्ष्मीविजयजी 'मलधारीय टीकानु' * (गु.) * गद्य * (गाथा 1549-2024) {1746} * 'मलधारीय टीकानुसारी' (अं.) गद्य (गाथा 1549-2024) (1727) 'मलधारीय टीकानुसारी' * (अं.) *गद्य * (गाथा 1549-2024) {1729} (गु.) * गद्य * (व्या. 6 सूत्र 122वाँ) {1728} (गु.) * गद्य * (गाथा 1549-2024 ) ( (प्रथम गणधरः... शिष्याणु भानुविजय । (समाप्त)} (1741} (हिं.) * गद्य * (गाथा 1549-2024 ) ( ( प्रथम गणधरः... के शिष्याणु भानुविजय।।) (1730 ) (अं.) * गद्य * (गाथा 1549-2024) {Bhagavan shri Mahavir.... “michchhami dukkadam'.} {1739} 'मलधारीय टीकानुसारी' * (हिं.) *गद्य * (गाथा 1549-2024) {1744) 'मलधारीय टीकानुसारी' * (गु.) *गद्य * (गाथा 1549-2024) प्रव. 16 1734, 1742 } (हिं.) गद्य * प्रव. 12 {1736 } वि. 2038P दलसुखभाई मालवणिया कृत (गु.) शोधग्रंथ का भाषां. * (हिं.) * गद्य * (गाथा 1549-2024) {1733} 81. आगम सज्झाय आदि (1554-1572) fa. 1364# पद्मसागरसूरिजी कृत (हिं.) प्रव. का भाषां. * (गु.)*गद्य* (प्रव. 12) (1738 } (गु.) *गद्य * (गाथा 1549-2024) (1735 } 45 नामगर्भित आगम स्तवन (प्रा.) * पद्य गाथा 11 { सिरिवीरजिणं सुयरयरोहणं पणमिऊण... पणयालीसपमाणं णियणियणामेण णायव्वा । ।11।1} {1778} 45 आगम संख्या गर्भित वीर जिन स्तवन * (मा.गु.) * पद्य * ढाल 3 / सर्वगाथा 28, कळश 28-28 (देवां ना पिण... देख ए ।।28।1} {1775) (गु.) * पद्य * गाथा 7 {श्रुत अतिहि भलो, ... क्षमाकल्याण सदा पावै ।।7।। श्रु० ||} {1755} (गु.) * पद्य * गाथा 13 ( भवि तुमे वंदो... शिवलक्ष्मी घर आणो... भविo 11311] (1781, 1784)
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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