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31. दशवैकालिकसूत्र
स्वरूप पे. | कर्ता
संवत् कृति विशेषनाम भाषा*गद्य-पद्य-परिमाण*आदि-अंत*प्र.क्र. .
समयसुन्दरः।।...श्रीसमयसुन्दरोपाध्यायविरचिता श्रीदशवैका. लिकशब्दार्थवृत्त्युपसंहारः संपूर्ण।।} {838, 844, 845, 899,
955-5} 1030 अवचरि (6) 1 अज्ञात
(सं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) {श्री सिद्धेभ्यो नमः।...चूलिका
(चूडा) द्वितीया।। {867) 1031 | 2 | हरिभद्रसूरि
वि. 833# (सं.) * गद्य * (अ. 10, चू. 2) (संहितादिः षड़िवधा व्याख्या।...
इति दशवेकालिकावचूरिः समाप्ता।।) {838} 1032 बा.बो. (7) अज्ञात
(मा.गु.) * गद्य * (अ. 10) {धo धर्म मं.... भिखुअध्ययन दशमं
समाप्त।।1011} {837} | 1033 सज्झाय (8) | 1 | शय्यंभवसूरि
वि. -398# दशवैकालिकसूत्र की विविध गाथात्मक सज्झाय * (प्रा.) * पद्य
* सज्झाय 4 (धम्मो मंगलमुक्किटुं, अहिंसा...सेयं ते समायरे।।
1111} {1760} 1034 | 2 | ज्ञानविमलसूरि
वि. 1728#
नळदमयंती की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 9 {कुंडिन(डल)पुर भीमनंदिनी, दमयंती...शिरदार साध शील०।।७।।
{1759,1784,1792) 1035 | 3 | वृद्धिविजयजी
वि. 1706# 'प्रत्येक अध्ययन की' * (गु.) * पद्य * सज्झाय 10, कळश 7
{सद्गुरु पदपंकज नमीजी, ...सकल जगीशें रे।।711) {841, 850, 857, 884,914, 1314, 1507, 1704, 1706, 1747, 1757,
1760, 1768, 1769, 1770, 1773, 1784317) 1036 | 4 | जयरंगविजयजी उपाध्याय | वि. 1717 'प्रत्येक अध्ययन की' * (गु.) * पद्य * सज्झाय 11 (धर्म मंगल
महिमा...जय जय रंग।।) {861, 1755, 1761, 1764,
1784-5) 1037 5 जिनहर्षसूरि
वि. 1730 'प्रत्येक अध्ययन की' * (मा.गु.) * पद्य * सज्झाय 14, कळश
8 (धरम सहु मंगलीकमई...भणई एगीत.} {1784) 1038 छाया (9) 1 सौभाग्यचंद्रजी मुनि वि. 1989P (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 10, चू. 2) {धर्मो मंगलमुत्कृष्ट...
द्वितीया चूलिका समाप्ता।।} {866, 868, 1428} 1039
2| आत्मारामजी आचार्य वि. 1989P | (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 10, चू. 2) {863, 929) 1040
3 घासीलालजी महाराज (2) वि. 2005P | (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 10) {880) 1041 | भद्रंकरसूरि
वि. 2014 (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 10, चू. 2) {873, 897, 913, 951-4} 1042
| महाप्रज्ञजी आचार्य, |वि. 2020P (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 10, चू. 2) {882}
सुमेरमलमुनि (2) 1043
हस्तीमलजी आचार्य (#) वि. 2026# | (सं.)* पद्य, गद्य * (अ. 10, चू. 2) {867) 1043
7 K. C. Lalwani (#) | वि. 2029P | (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 10, चू. 2) {879) 1044
8| गुलाबबाई साध्वी वि. 2057P (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 10, चू. 2) {921} 1045/ | जयानंदविजयजी (#) वि. 2061P | (सं.) * पद्य, गद्य * (अ. 10, चू. 2) {934} 1046 अर्वा. टीका | घासीलालजी महाराज वि. 2005P | 'आचारमणिमञ्जूषा' * (सं.) * गद्य * (अ. 10) {नम्रीभूत
पुरन्दरादिमुकुटभ्राजन्मणिच्छायया, चित्रानन्दकरी...इति ब्रवी.
मीति पूर्ववत्} {880} 1047 शब्द., अनु. |1| जीवराज घेलाभाई दोशी | वि. 1955P | (गु.) * गद्य * (अ. 10) {849) (11)
डॉ.
A
(10)