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क्र.
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स्वरूप
अनु.,
अर्वा.टिप्प.
(14)
अनु., विवे. (15)
अनु., सारांश
(16)
पद्यानु. (17)
निर्युक्तिअनु.
(18)
टीकानु.
(19)
टीकानु., वि. (20)
पे. कर्ता
11 दीपरत्नसागरजी
12 Nathamalji Tatia Dr.,
दुलहराजजी मुनि महेन्द्रकुमारजी मुनि (द्वितीय)
13 जयप्रभविजयजी
14 दीपरत्नसागरजी
15 J. Soni Dr., Willem
B. Bollee Prof.
16 रत्नज्योतविजयजी पंन्यास
महाप्रज्ञजी आचार्य
1 सौभाग्यचंद्रजी मुनि
2
सौभाग्यमलजी मुनि, बसंतीलालजी नलवाया
3 सौभाग्यचंद्रजी मुनि
4 ठाकरसीभाई करसनजी
5
6
7
शाह
श्रीचंद सुराणा
सुशीलसूरि
दुलहराजजी मुनि
आगम कृति परिचय
संवत्
fa. 2053P
जयप्रभविजयजी
fa. 2057P
अर्वा भाष्यानु 1 दुलहराजजी मुनि (21)
fa. 2058
fa. 2058P
fa. 2060P
वि. 2064
fa. 2031P
fa. 1992P
fa. 2007P
अमरमुनिजी उपप्रवर्तक
सुरेन्द्र बोथरा
नगीनदास केवलदास शाह वि. 2035P
fa. 2014P
fa. 2020P
fa. 2046P
fa. 2056P
fa. 2056P
fa. 2055
1 माणेक मुनि
2 रत्नज्योतविजयजी पंन्यास वि. 2064
fa. 2056P
fa. 2018P
fa, 2058
fa. 2050P
कृति विशेषनाम* भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण* आदि अंत*प्र.क्र.
'गुर्जर छाया' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {हे आयुष्यमन् ! में...हुं कहुं छं.} {93, 1461}
महाप्रज्ञजी के (हिं.) अनु. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (श्रु. 1) {70}
श्रु. 1. 1 के शब्दार्थयुक्त * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) (75)
(हिं.) *गद्य * (श्रु. 2) {1467 }
Walther Schubring के (ज.) अनु. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1477}
(गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {87 }
(हिं.) *गद्य * (श्रु. 1) (32, 50 }
(गु.) * गद्य * (श्रु. 1) (25, 79 }
श्रु. 1 के शब्दार्थयुक्त * (हिं.) गद्य * (श्रु.2) {18, 38 }
(हिं.) गद्य (श्रु. 1) (24, 1444}
(गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {27, 28 }
(हिं.) *गद्य * (श्रु. 2) (47 } (हिं.) गद्य * (श्रु. 2) {68 }
अमरमुनिजी उप. के (हिं.) अनु., विवे. का भाषां. * (अं.) * गद्य * (श्रु. 2) (68)
'आत्मज्ञान' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {36 }
3
'आचारांगसूत्र भावानुवाद' * (हिं.) * पद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति
गाथा - 11 (88)
(हिं.) * गद्य * (गाथा 368) (1525)
'शीलांकी टीकानु' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2), प्रशस्ति गाथा- 5 {7, 11}
'तेजोधूलि', 'शीलांकी टीकानु' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2), प्रशस्ति (सं.) गद्य (87}
'राजेन्द्र सुबोधिनी आहोरी टीका' शीलांकी टीकानु. और विवे. * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति (सं.) श्लोक-22 (75) महाप्रज्ञजी कृत (सं.) भाष्य का अनु. * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) (50)