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क्र.
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60 fad. (23)
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स्वरूप
73
प्रव. (24)
अर्वा प्रश्न.
(25)
पे. कर्ता
2 | Nathamalji Tatia Dr., दुलहराजजी मुनि, महेन्द्रकुमारजी मुनि (द्वितीय)
अर्वा टीकानु. 1 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2008P
(22)
2 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2008P
3 विक्रमसेनविजयजी गणि वि. 2059P
कुलचंद्रसूरिजी कृत अक्षरगमनिका टीका का अनु. * (गु.) *
गद्य * (श्रु. दूसरा) (77)
4 विक्रमसेनविजयजी गणि वि. 2059P कुलचंद्रसूरिजी कृत अक्षरगमनिका टीका का अनु. * (हिं.) *
गद्य * (श्रु. दूसरा) (77)
(हिं.) *गद्य (श्रु. 1) {64 }
'शीलांकी टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {93}
(गु.) * गद्य * (श्रु. 1 अ. 5) प्रव. 50, (श्रु. 1 अ. 6ट्ठा) प्रव. 51-266 (10, 60, 73)
अंशसंग्रह
(27)
2 नरेशचंद्रजी मुनि,
1 विक्रमसेनविजयजी गणि वि. 2055P 2 दीपरत्नसागरजी
fa. 2066P
1 रामचंद्रसूरि
fa. 1985
2 सागरानंदमूरि
3 धीरज मुनि
1
तिलोक मुनि
आरतीबाई महासतीजी डॉ. सुबोधकाबाई साध्वी
3 नरवाहन
सारांश (26) 1 जनकचंद्रसूरि
1. आचारांगसूत्र
2 भुवनचंद्रजी उपाध्याय (चिन्मय), अमृतभाई पटेल पंडित
1 वाचंयमाश्रीजी
संवत
fa. 2057P
2 मुक्तिप्रभा साध्वी डॉ.
3 शिवमुनिजी आचार्य डॉ.
4 यशोविजयसूरि
fa. 1997
fa. 2058
fa. 2054P
fa. 2055P
fa. 2062P
fa. 2044
fa. 2051P
कृति विशेषनाम* भाषा*गद्य-पद्य*परिमाण*आदि-अंत*प्र.क्र. महाप्रज्ञजी कृत (सं.) भाष्य के दुलहराजजी मुनि कृत (हिं.) अनु. का भाषां. * (अं.)* गद्य * (श्रु. 1) (70)
वि. 2062P रामचंद्रसूरिजी के (गु.) प्रव. की प्रश्नोत्तरी (गु.) *गद्य* (श्रु. 1 अ. 6ट्ठा) प्रश्न. 75184)
fa. 2043P
fa. 2059P
'स्वोपज्ञ', श्रु. 1 के अ. 1 के अनु. और अ. 5-9 के विवे. युक्त * (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) (21, 23 } 'स्वोपज्ञ', श्रु. 1 के अ. 1 के अनु. (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) (21 }
और अ. 5-9 के विवे. युक्त
fa. 2061P
सम्यक्त्व अध्ययन के प्रव. * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1 अ. 4था) → प्रव 51 17, 19 }
'धीर प्रवचन धारा' * (गु.)* गद्य* प्रव. 65 (82) (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) प्रश्न. 236 ( 58 )
तिलोक मुनिजी कृत (हिं.) प्रश्नोत्तर का भाषां. * (गु.) *गद्य *
(श्रु. 2) प्रश्न. 227 (66}
संतबलजी कृत (गु.) अनु., विवे. का संक्षेप (गु.) *गद्य * (श्रु. 1) (40)
पार्श्वचंद्रसूरिजी कृत बा.बो. का सारांश * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) (85)
'आचारांगसूत्र चिंतनिका' विवे.युक्त (गु.) * गद्य * प्रक. 53 {44)
'अस्तित्व का मूल्यांकन' अनु., विवे.युक्त (हिं.) * गद्य * च.
4 (51)
'अध्यात्मसार' अनु., विवे. 2) प्रक. 7+6 (76 }
. युक्त * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1 अ.
'रोमे रोमे परम स्पर्श' विवे.युक्त (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→अ. 9वाँ) प्रक. 21 {83}