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13. राजप्रश्नीयसूत्र
क्र.स्वरूप
पे. | कर्ता
संवत्
कृति विशेषनाम भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत:प्र.क्र.
536 टीका (2)
मलयगिरिसूरि
वि. 1150#
(सं.) * गद्य * (वि. 2) ग्रं.3700 {प्रणमत वीरजिनेश्वरचरणयुगं परमपाटलच्छायम्।...निर्भर्त्सनानि ताडनानि कशादिघाताः।) {504, 506, 510, 514, 516, 522, 523, 524, 1521-9}
537
बा.बो. (3)
मेघराज उपाध्याय
| वि. 165523
| (मा.गु.) * गद्य * (वि. 2), प्रशस्ति गद्य (देवदेवं जिनं नत्वा श्रुतदेवा...प्रयनइप्रसवीछि ऊपजीवताछै तेहभणीनमस्कार. थाउ} {504}
539
538 सज्झाय (4) 1 जीतविजयजी
(गु.) * पद्य * गाथा 17 {जीहो परमपुरुष परमेश्वरु... जुओ अधिकार. सुगुण०1117||} {1767, 1769, 1782,
178434} | 2 | पार्श्वचंद्रसूरि
वि. 1554# (मा.गु.) * पद्य * गाथा 75 {प्रणमउं सिरि जिण...भणइ श्री
पासचंद.75} {1756) 540 | 3 | समयसुंदरजी उपाध्याय वि. 1699 केशी प्रदेशी प्रबंध * (मा.गु.) * पद्य * ढाल 4/ सर्वगाथा
57 (श्री सावत्थी समोसर्या, ...भणी संबंधो रे।101प.)
{1774} |4| मेरुविजयजी
वि. 1725 प्रदेशी राजा के 10 प्रश्नों की सज्झाय * (गु.) * पद्य *
गाथा 30 {श्री शंखेश्वर प्रणमुं...रंगे गुण गाय।।30।।)
{1784) |542 छाया (5) घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2022P | (सं.) * गद्य * (वि. 2) {513) 543 अर्वा. टीका घासीलालजी महाराज | वि. 2013 'सुबोधिनी' * (सं.) * गद्य * (वि. 2), प्रशस्ति श्लोक-7 {गुण.
निकरनिधानं कल्पवृक्षोपमानं, नमितसुरसमाज...आत्मानं भावयमानो विहरतीति) ।} {513}
541
(6)
544 शब्द., अनु., छगनलालजी शास्त्री डॉ., वि. 2036# | (हिं.) * गद्य * (वि. 2) {521}
विवे. (7) महेन्द्रकुमार रांकावत डॉ. 545 अनु. (8) 1 अमोलकऋषि वि. 1975P (हिं.) * गद्य * (वि. 2) {505} 546
| 2 | A.T. Upadhye वि. 1992P | (अं.) * गद्य * (वि. दूसरा) {507} 547
3 हीरालाल बी. गांधी वि. 1994P | (अं.) * गद्य * (वि.1→सूत्र 46) {508} 548
4 घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2022P (गु.) * गद्य * (वि. 2) {512, 513) 549
5 घासीलालजी महाराज (#) वि. 2022P (हिं.) * गद्य * (वि. 2) {513} 550
दीपरत्नसागरजी वि. 2053P (गु.) * गद्य * (वि. 2) {1462} 7 दीपरत्नसागरजी वि. 2058P (हिं.) * गद्य * (वि. 2) {1470} 8 दीपरत्नसागरजी वि. 2066P 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (वि. 2)
{1540) 553 अनु.,
बेचरदास जीवराज दोशी | वि. 1994P | रायपसेणइय सुत्तनो सार' * (गु.) * गद्य * (वि. 2) {510, अर्वा,टिप्प. पंडित
511}
551
552
554 अनु, विवे.
(10)
1 रतनमुनि, देवकुमार जैन
वि. 2048P | (हिं.) * गद्य * (वि. 2) {515)