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क्र.
| प्रकाशन नाम एवं परिचय
624 निसीहझयणं (निशीथसूत्र मूल)
{दे. ना. } [T, S] (768)
625 निशीथसूत्रम् (Nishith Sutram) निशीथसूत्र सह घासी, कृत छावा, (प्रा.) भाष्य, भाष्य छाया, (सं.) चूर्णि और अवचूरि) (दे.ना.) 768, 772, 773, 774, 775, 776}
626 A CULTURAL STUDY OF THE | NISITH CURNI ( निशीथसूत्र की चूर्णि का मधुसेन कृत (अं.) शोधग्रंथ) {रो.} [T, S] {785 }
627 निशीथ-सूत्रम् (निशीथसूत्र सह भाष्य, चूर्णि, 20वें उ. की श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका, दलसुखभाई मालवणिया पं. कृत (हिं.) शोधग्रंथ) भाग 1-4 (दे.ना., रो.} [T, S] [768, 769, 770, 771, 784 } 628 निसीहज्झयणं (निशीचाध्ययन
| अपरनाम आचारप्रकल्प) (निशीथसूत्र मूल} {दे.ना.} [T] {768}
629 निशीथसूत्र [NISHITH SUTRA ] {निशीथसूत्र सह कन्हैयालालजी मुनि और तिलोक मुनिजी कृत (हिं.) अनु.. विवे} {दे.ना.} {768, 781} 630 45- आगमसुत्ताणि (निसीह) {निशीथसूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [s] {768)
631
आगम सुत्ताणि (सटीक) [ निशीथ छेदसूत्रम् 1-3 ) ( निशीथसूत्र | सह भाष्य, चूर्णि भाग 15, 16, 17 {दे.ना., गु.} [S] {768, 769, 770}
632 निसीहज्झयणं [निशीथाव्यचन
(अपरनाम) आचारप्रकल्प] {निशीथसूत्र मूल} {दे.ना. } [T] {768)
633 निशीथ-सूत्रम् (निशीवसूत्र सह भाष्य, चूर्णि 20वें उ की श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका, दलसुखभाई मालवणिया पं. कृत (हिं.) शोधग्रंथ) भाग 1-4 { दे.ना., रो.) [T, S] (768, 769, 770, 771, 784} 634 निशीथसूत्रं निशीथसूत्र मूल)
आगम प्रकाशन परिचय
प्रकाशक ( ग्रंथमाला)
जैन श्वेतांबर तेरापंथी
| महासभा {आगम सुत्त ग्रंथमाला ग्रंथ 2 )
अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो. - कन्हैयालालजी मुनि स्थानकवासी जैन शास्त्रोद्धार समिति
सोहनलाल जैन धर्म | प्रचारक समिति (पार्श्व. विद्या. ग्रंथ. 21}
भारतीय विद्या प्रकाशन, | सन्मति ज्ञानपीठ ( आगम | साहित्य रत्नमाला 3 }
आगम अनुयोग ट्रस्ट, अमदावाद
| आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर (जिनागम | ग्रंथमाला ग्रंथांक 32 (अ))
आगम श्रुत प्रकाशन
आगम श्रुत प्रकाशन
संपादक, संशोधक आदि अप्रदर्शित
अमर पब्लिकेशन्स (P) | सन्मति ज्ञानपीठ
जैनानंद पुस्तकालय
| संपा. मोहनलाल मेहता डॉ., हरिहर सिंह डॉ.
संपा. - अमरमुनिजी उपाध्याय, कन्हैयालालजी मुनि (कमल)
संपा. कन्हेयालालजी मुनि (कमल)
| संपा. कन्हैयालालजी मुनि (कमल), तिलोक मुनि, आद्य संपा. -मिश्रीमलजी मुनि
संशो., संपा. - दीपरत्नसागरजी
| सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ अप्रदर्शित
संशो, संपा. दीपरत्नसागरजी
| संपा. अमरमुनिजी उपाध्याय, कन्हैयालालजी मुनि (कमल)
| संपा. पूर्णचंद्रसागरजी गणि,
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद)
370 (C)
2023 (#) (अ.)
2025 (1)
2031 (3T.) 426 (C)
2038 (2)
2039 (1)
544 (B)
2048 (1) 564 (B)
2059 (1)
310+494+ 640...=2045 (c)
| 236 (E)
2052 (अ.) 88 (C)
2061 (3)
2056 (3T.) 480+408+ 472=1360 (c)
151
| 160 (D)
308+494+ 640...=2046
(c)
2061 (1) 50 (P)