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क्र.
प्रकाशन नाम एवं परिचय
{दे.ना., गु.} [S] (768}
635 निशीथ सूत्र [NISITH SUTRA ] {निशीथसूत्र सह लीलमबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे. } {गु., दे.ना.) 768, 782)
636 निशीथ सूत्र (निशीयसूत्र सह छगनलालजी शास्त्री डॉ. और | महेन्द्रकुमार रांकावत कृत (हिं.) शब्दार्थ, अनु, विवे.) [दे.ना.] [T] {768, 777}
637 Studien Zum Mahanisiha Kapitel 15 (महा. सूत्र सह Jozef | Deleu कृत (फ्रेंच) अनु. (अ. 3), Walther Schubring कृत (ज.) अनु. ( अ. 4-5 ) } { रो} [T, S] [786, 787, 788)
638 शल्योद्धार महा. सूत्र का
| धर्मगुप्तविजयजी मुनि कृत (गुं.) सारांश | (अ.1)} {गु.} {791}
639 आगम-सुधा- सिंधु: ( महानिशीथ
640 महानिशीथसूत्र (महा.सूत्र मूल) {दे.ना.} {786}
641 शल्योद्धार (महा. सूत्र का धर्मगुप्तविजयजी कृत (गु.) सारांश (अ.1)} {गु.} {791 }
|642 MAHANISIHA SUYAKHA-MDHAM [महानिसीह सुब-खंयं] [महा. सूत्र सह चंद्रभाल त्रिपाठी डॉ. कृत जर्मनी में | सर्वेक्षित (अं.) रिपोर्ट} {दे.ना. रो. } [T, S] [786, 792}
643 45-आगमसुत्ताणि (महानिसीहं) {महा.सूत्र मूल) (दे.ना.. गु.] [8] {786)
644 महानिशीथ सूत्रम्
सूत्रात्मकः) (महा.सूत्र मूल} विभाग 10 (ग्रं. 77 } {दे.ना.} {786}
| (विषमपदटीप्पणसमलङ्कृतम्) (महा. सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [T, S] (786}
24. निशीथसूत्र
| प्रकाशक (ग्रंथमाला}
| गुरुप्राण फाउन्डेशन { आगमबत्रीसी रत्न 35}
अखिल भारतीय सुधर्म | जैन संस्कृति रक्षक संघ {रत्न 131}
| प्रेम प्रकाशन मंदिर
25. महानिशीथसूत्र (637-648)
Cram, De Gruyter & Co.
| प्रेमसूरीश्वरजी जैन | साहित्य प्रकाशन ट्रस्ट
संपादक, संशोधक आदि
पूर्व संशो., पूर्व संपा. सागरानंदमूरि
प्राकृत ग्रंथ परिषद {ग्रंथांक 29 }
प्रधान संपा. लीलमबाई महासतीजी, | सहसंपादिका आरतीबाई महासतीजी डॉ. | सुबोधिकाबाई साध्वी
हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा. जिनेन्द्रसूरि
आगम श्रुत प्रकाशन
| संपा. नेमिचंदजी बांठिया, | पारसमल चण्डालिया
| कल्याणजी सोभागचंद जैन पेढी (पिंडवाडा जेन
संघ)
पद्म प्रकाशन, अमदावाद संपा. मित्रानंदसूरि (पद्मविजयजी गणिवर जैनग्रंथमाळा पुष्प 17 }
संशो., संपा. -Jozef Deleu
| संपा. धर्मगुप्तविजयजी (#)
संपा. धर्मगुप्तविजयजी (#)
संशो., संपा. - पुण्यविजयजी (आगमप्रभाकर), रूपेन्द्रकुमार पगारिया, प्रधान | संपा. दलसुखभाई मालवणिया | पंडित, हरिवल्लभ चुनीलाल भायाणी डॉ.
संशो. संपा. दीपरत्नसागरजी
"
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद)
2062 (1) |392 (B)
2064 (2)
2019 (3T.) 250 (C)
464 (B)
2026 (1) 54 (C)
2037 (37.) 242 (B)
2039 (3T.) 212 (A)
2048 (3) 48 (D)
2050 (1)
2053
संशो. कुलचंद्रसूरि, संपा. पद्यसेनविजयजी पंन्यास (पु.मु.)
| 284 (B)
2052 (अ.) 152 (C)
286 (C)