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आगम प्रकाशन परिचय
. 249
प्रकाशक {ग्रंथमाला)
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद)
संपादक, संशोधक आदि संपा.-दीपरत्नसागरजी (2)
श्रुत प्रकाशन निधि
2066 (अ.) 256 (C)
क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय 1537 आगम सटीक अनुवाद
(निरयावलिकापंचक. पयन्नाओ-10+1) {निर.सूत्र आदि 5 उपांगसूत्र और 10+1 प्रकी.सूत्रों का दीप. कृत (गु.) अनु., टीकानुसारी विवे.} भाग 28 {गु.} {661, 670, 687, 695,712, 720, 738, 761, 1204, 1208, 1223, 1227, 1233, 1240,1242,1251,1253, 1258, 1264,1269, 1275, 1280, 1486, 1490)
संपा.-दीपरत्नसागरजी (#)
2066 (अ.) 272 (C)
संपा.-दीपरत्नसागरजी (#)
2066 (अ.) 208 (C)
आगमसटीक अनुवाद (उपासकदशा, श्रुत प्रकाशन निधि अंतकृत्दशा, अनुत्तरोपपातिकदशा, प्रश्नव्याकरण) {उ.द.सूत्र, अं.द.सूत्र, अनु.द.सूत्र, प्रश्न.सूत्र का दीप.कृत (गु.) अनु., अभय. टीकानुसारी विवे.) भाग 15 {गु.} {355, 365, 400, 409, 443, 449,471,479) आगमसटीक अनुवाद (विपाकश्रुत, श्रुत प्रकाशन निधि औपपातिक) (वि.सूत्र और औप.सूत्र का दीप.कृत (गु.) अनु., अभय. टीकानुसारी विवे.} भाग 16 {गु.}
{504, 514, 527, 534} 1540 आगमसटीक अनुवाद (राज.सूत्र, श्रुत प्रकाशन निधि
जीवा.सूत्र) {राज.सूत्र, जीवा.सूत्र का । दीप.कृत (गु.) अनु, मलय. टीकानुसारी विवे.) भाग 17, 18, 19 {गु.) |{552,560, 572,577) आगमसटीक अनुवाद (पिंडनियुक्ति- श्रुत प्रकाशन निधि ओघनियुक्ति) {ओ.नि.सूत्र का दीप.कृत (गु.) सारांश, पिंड.सूत्र का अनु., मलय. टीकानुसारी विवे.) भाग 35 {गु.} {1179, 1183, 1453}
संपा.-दीपरत्नसागरजी (2)
2066 (अ.)
208+224+ 2083640 (C)
संपा.-दीपरत्नसागरजी (2)
2066 (अ.) 256 (C)
71. आगम अध्ययन (1542-1551) | 1542 जिनागमकथासंग्रह {प्राकृत साहित्य जैन साहित्य प्रकाशन संपा.-बेचरदास जीवराज दोशी |1996 (2) 264 (D)
के गुज.युनि. के अभ्यासक्रम गत समिति {पूंजाभाई जैन पंडित आगम आदि के अध्ययन/अध्ययनांश | ग्रंथमाला 7) (कथाओं) का संकलन और प्राकृत व्याकरण की रुपरेखा} {दे.ना.)
[T] {2} 1543 जिन जन्माभिषेक (श्री तीर्थंकर श्वेतांबर साधुमार्गी जैन संपा.-वीरपुत्रजी महाराज (#) | 2007 (1) 118 (C)
भगवान के जन्म कल्याणक का हितकारिणी संस्था विस्तृत वर्णन) {जंबू.सूत्र के 5वें वक्षस्कार गत