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70. आगम व्याख्या (एकाधिक भाष्य, टीका आदि/सभाष्य, सटीका आदि)
प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) सह राजीमतीबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे.} {गु., दे.ना.} [] {611,
641,646} 1531 दशाश्रुतस्कंध सूत्र, बृहत्कल्प सूत्र गुरुप्राण फाउन्डेशन प्रधान संपा.-लीलमबाई 2062 (1) 464(B) व्यवहार सूत्र
{आगमबत्रीसी रत्न 34} महासतीजी, [DASASRUTSKANDH,
सहसंपादिका-आरतीबाई BRUHATKALP & VYAVHAR
महासतीजी डॉ., सुबोधिकाबाई
साध्वी SUTRA] {दशाश्रु.सूत्र, बृ.क.सूत्र, व्यव.सूत्र सह डोलरबाई महासतीजी कृत (गु.) अनु., विवे.} {गु., दे.ना.}
{793,811, 817, 832, 840, 861} 1532 जीतकल्प-सूत्रम् स्मृतिमंदिर प्रकाशन, (P) संशो., संपा.-जिनविजयजी 2062
159 (B) कल्प-व्यवहार-निशीथ-सूत्राणि च जैन साहित्य संशोधक
(पु.मु.) {जीत.सूत्र सह सिद्धसेनगणिजी कृत कार्यालय {सूरिमंत्र चूर्णि, श्रीचंद्रसूरिजी कृत (सं.) टिप्पन, पंचप्रस्थान समाराधक बृ.क.सूत्र, व्यव.सूत्र, निशीथसूत्र मूल)
ग्रंथश्रेणी 5} {दे.ना.} [T, S] {768, 793, 840,
867, 869,870} 1533 निरयावलिका सूत्र (कल्पिका, | अखिल भारतीय सुधर्म संपा.-नेमिचंदजी बांठिया, | 2063 (2) 172 (B)
कल्पावतंसिका, पुष्पिका, पुष्पचूलिका जैन संस्कृति रक्षक संघ पारसमल चण्डालिया
और वृष्णिदशा) {निर.सूत्र आदि 5 (रत्न 112) सूत्र सह पारसमलजी चंडालिया कृत (हिं.) अनु. और निर.सूत्र, कल्पाव.सूत्र, पुष्पिकासूत्र का विवे.) {दे.ना.} {647, 666, 672,691,
1697, 716, 722, 737, 745, 760) 1534 अन्तकृद्दशानुत्तरोपपातिकदशा- जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व
2063 215 (P) विपाकश्रुतानि {अं.द.सूत्र, ट्रस्ट, (P) आगमोदय संपा.-सागरानंदसूरि (2) (पु.मु.) अनु.द.सूत्र, वि.सूत्र सह अभय, समिति टीका} {दे.ना., गु.} [T, S] {371,
372,416,417,481,482) | 1535 अन्तकृद्दशा-अनुत्तरोपपातिकदशा- जिनशासन आराधना अप्रदर्शित
2064 155 (P) विपाकश्रुतानि {अं.द.सूत्र, ट्रस्ट, (P) दयाविमलजी
(पु.मु.) अनु.द.सूत्र और वि.सूत्र सह अभय. जैन ग्रंथमाला, (P) मुक्ति टीका और वि.सूत्र की हरगोविंददास कमल मोहन जैन ज्ञान त्रिकमचंद शेठ पं. (2) कृत छाया} मंदिर {प्राचीन श्रुत {दे.ना.) [T, S] {371, 372, 416, समुद्धार पद्ममाला, 417, 481, 482, 485}
पद्म 27} 1536 निरयावलिकासूत्रम् (निर.सूत्र आदि जिनशासन आराधना संशो.-दानसूरि
2065 51 (P)
(पु.मु.) 5 सूत्र सह श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका) ट्रस्ट, (P) आगमोदय {दे.ना.} [T, S] {647, 648, 672, समिति {प्राचीन श्रुत 673, 697, 698, 722, 723, 745, समुद्धार पद्यमाला, 746}
पद्म 32}