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________________ परिशिष्ट 1 274 क्र. कर्ता-संपादक आदि (अन्यनाम, विशेषण, संप्रदाय, संवत् सहित) K (कृति क्रमांक) P(प्रकाशन क्रमांक) 269 | जेठालाल भारमल शाह [प्रका.सं. वि.2054] P(1788) | 270 जेठालाल हरिभाई शास्त्री [प्रका.सं. वि.1981] K (183, 194, 297, 384,432, 505, 657, 667,683,692, 707,717, 733,755,917a, 951%D16) | 271 ज्ञानचंद्र जैन [प्रका.सं.वि.2022] P(1344) | 272 | ज्ञानमुनि - पंजाब केसरी {स्था.} [प्रका.सं. वि.2010] K (388,486,488,602,1337,134236) P(406,410,472,557,111735) |273 | ज्ञानविमलसूरि (नयविमल गणि, नयविमलजी - मुनि अव.) K (178, 209, 453, 589, 798, 899, 1034, गुरु-धीरविमल गणि {तपा.) [र.सं. वि.1770] 1137,1374,1561,1562,1563%3D12) | ज्ञानसागरजी - गुरु-माणेकसागर {अचलगच्छ} [र.सं. वि.1724] K(422) ज्ञानसागरसूरि भट्टारक - गुरु-देवसुंदरसूरिजी (तपा.} [र.सं. वि.1440] K (1128, 1447) 276 | ज्ञानसुंदरजी मुनि (ज्ञानसुंदरजी, देवगुप्तसूरि) - गयवरचंदजी (उपकेशगच्छ) K (367, 413,450,671,696, 721, 744,767,1 [र.सं. वि.1972] 783, 815, 838, 865%3D12) P (462, 1065, 1424,1588, 1589, 1590, 1591, 1592, 1593, 1595-10) 277 ज्योतिबाई साध्वी(महासती) - गुरु-हीराबाई महासती (स्था.} [प्रका.सं. ई.2003] | K (412) P (417) | 278 झवेरचंद जादवजी कामदार {जैन स्था.} [प्रका.सं. वि.1973] P(1104) |279 | ठाकरसीभाई करसनजी शाह {जैन स्था.) [प्रका.सं. वि.2020] K(44,104,805,854,1060%35) P(116,652,682, 888, 135935) |280 | डुंगरशी मुनि - गुरु-रत्नचंद्रजी स्वामी {स्था.} [प्रका.सं. वि.1986] K(28,112a, 349,959)P(9, 121a, 370,743) 281 | डोलरबाई महासतीजी - गुरु-लीलमबाई महासतीजी {स्था.} K (811,832,861) [प्रका.सं. ई.2006] 282 | तत्त्वदर्शनविजयजी - गुरु-रामचंद्रसूरिजी {तपा.} [प्रका.सं. वि.2055] P(62) 283 | तत्त्वप्रभविजयजी गणि - गुरु-जिनप्रभसूरिजी (तपा.) P (833,951, 955, 1325, 1326, 132736) [प्रका.सं. वि.2068] 284 | तत्त्वरुचिविजयजी (तपा.} [प्रका.सं. वि.2070] P(836) | 285 | तपोरत्नसूरि - गुरु-बोधिरत्नसूरिजी (तपा.} [कृति संशो.सं. वि.2046] K (1384) 286 | तरलाबहेन ए. दोशी {जैन स्था.} [प्रका.सं. वि.2069] P(835) 287 | तरुणमुनिजी - गुरु-अमरमुनिजी {स्था.} [प्रका.सं. वि.2057] P(518, 1123, 1466) 288 तिलकविजयजी [प्रका.सं. वि.1980] P(8) 289 तिलकविजयजी पंन्यास - गुरु-बुद्धिविजयजी (तपा.) P(1769) [प्रका.सं.वि.1993] 290 तिलकसूरि (तिलकप्रभसूरि, तिलकाचार्य) - गुरु-शिवप्रभसूरिजी {चंद्रगच्छ} |K (1027, 1126) [र.सं. वि.1304] 291 | तिलोक मुनि (त्रिलोक मुनि, त्रिलोकचंद्र) - आगम मनीषी {स्था.) K(65,278,781,814,837,86336) [प्रका.सं. वि.2048] P (46, 220, 310, 570, 629, 1406, 1407, 1408, 1409,1413, 1414,1514,1661, 1662, 1663,1664,1665,1666,1667,1668,1669, 1670, 1671,1672,1673, 1674,1675, 1676, 1677, 1678, 1679, 1680, 1681, 1682, 1683, 1684,1685,1686,1687,1688%D40)
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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