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________________ 156 28. बृहत्कल्पसूत्र क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक ( ग्रंथमाला) | संपादक, संशोधक आदि 678 बृहत् कप्पसूत्तं (वेदकल्प) (बृ.क. सूत्र जीवराज घेलाभाई दोशी संपा. जीवराज घेलाभाई दोशी | सह जीवराज घेलाभाई दोशी डॉ. कृत (गु.) शब्दार्थ, अनु.) (दे. ना.) [T, S] {840, 851} डॉ. 679 बृहद्कल्प सूत्र (बृ. क. सूत्र सह अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.) {दे. ना. } [T, S] [840, 853} 680 बृहत्कल्पसूत्रम् (बृ.क. सूत्र सह नियंक्ति मिश्रित भाष्य, मलयगिरिसूरिजी और क्षेमकीर्तिसूरिजी कृत टीका भाग 1-6 {दे. ना. } [T, S] [840, 841, 843} 681 बृहत्कल्प सूत्रम् सटीकम् (बृ.क. सूत्र | सह अज्ञात कर्तृक टीका} {दे.ना. } [T, S] [840, 844} 682 ब्रहत्कल्प सूत्र (छेद सूत्र) (गुजराती भाषांतर) (बृ.क.सूत्र का ठाकरसीभाई करसनजी शाह कृत (गु.) अनु. गु.) (854) 683 छेदसुत्ताणि कप्पसुत्तं (बृहत्कल्पसूत्र) {बृ.क. सूत्र सह कन्हैयालालजी मुनि कृत (हिं.) अनु., विवे} {दे. ना. } [T, S] {840, 858) 684 45-आगमसुत्ताणि (बृहत् कप्पो) (बृ.क.सूत्र मूल) (दे.ना. गु.) ( 840) 685 कप्प सुत्तं (बृहतकल्प सूत्र) (द्वितीय छेद सूत्र) (बृ.क.सूत्र मूल} {दे.ना.} {840) 686 आगम सुत्ताणि (सटीकं) (बृहत्कल्पछेदसूत्रम्-1-3) (बृ. क. सूत्र सह भाष्य, मलयगिरिसूरिजी और क्षेमकीर्ति सूरिजी कृत टीका भाग 18, 19, 20 (दे. ना., गु.} [s] (840, 841, 843} 687 बृहत्कल्पसूत्रम् (बृहत् कल्पसूत्रम्) {बृ.क.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.} [S] (840) 688 बृहत्कल्पभाष्यम् (बृ.क. सूत्र सह भाष्य, दुलहराजजी मुनि कृत (हिं.) भाष्यानु.} भाग 1-2 (दे. ना. } [T, S] (840, 841, 862} राजा बहादुर लालासुखदेव संपा. अमोलकचषि सहायजी ज्वालाप्रसादजी जौहरी आत्मानंद जैन सभा, भावनगर ( रत्न 82 } | सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ संपा. हस्तिमलजी आचार्य जगजीवन रतनशीभाई बगडीया आगम श्रुत प्रकाशन आगम अनुयोग ट्रस्ट, अमदावाद आगम अनुयोग प्रकाशन, संपा. कन्हैयालालजी मुनि | सांडेराव (पुष्प 13} (कमल) आगम श्रुत प्रकाशन जैनानंद पुस्तकालय संशो. चतुरविजयजी, संपा. पुण्यविजयजी | (आगमप्रभाकर) जैन विश्व भारती 689 बृहत्कल्पसूत्रम् (पीठिका:) (बृ.क. सूत्र प्राकृत ग्रंथ परिषद निर्युक्ति मिश्रित भाष्य सह अज्ञात संपा. ठाकरसीभाई करसनजी शाह (#) संशो. संपा दीपरत्नसागरजी " संयो. विनयकुमारजी मुनि संपा. कन्हैयालालजी मुनि (कमल) संशो. संपा. दीपरत्नसागरजी वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 1971 (1) 142 (P) 1976 (3T.) 100 (P) " संशो. संपा. शीलचंद्रसूरि, रूपेन्द्रकुमार पगारिया 1989 1998 (1) 2000 (#) (अ.) 2034 (1) 2027 (3T.) 66 (C) 2056 (2) | संपा. पूर्णचंद्रसागरजी गणि, पूर्व 2061 (1) संशो. पूर्व संपा. सागरानंदसर " 304+400+ 360...= | 2250 (B) 2052 (3T.) 24 (C) प्रधान संपा. - महाप्रज्ञजी आचार्य, 2063 (1) संपा. दुलहराजजी मुनि 148 (C) 2064 (1) 218 (C) 2056 (3T.) 528+512+ 448=1488 | (c) 106 (E) 36 (P) 446+472= 918 (B) 248 (B)
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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