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आगम प्रकाशन परिचय
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प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) - संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) 667 छेदसुत्ताणि (आयारदसा) [पढम छेद आगम अनुयोग प्रकाशन, संपा.-कन्हैयालालजी मुनि 2033 (1) 204 (C) सुत्तं] (दशाश्रु.सूत्र सह कन्हैयालालजी |सांडेराव {पुष्प 11}
(कमल) मुनि “कमल" कृत (हिं.) अनु.)
{दे.ना.) [T,S] (817, 827) 668 छेदसुत्ताणि (आयारदसा) (पढम छेद आगम अनुयोग प्रकाशन, संपा.-कन्हैयालालजी मुनि 2034 (1) 146 (B)
सुत्तं) {दशाश्रु.सूत्र मूल) (दे.ना.} [T] |सांडेराव {पुष्प 12) (कमल) {817) 45-आगमसुत्ताणि [दसासुयक्खंध] आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) |32 (C) {दशाश्रु.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.) [3]
{817} 670 दशाश्रुतस्कन्ध नियुक्ति : एक अध्ययन पार्श्वनाथ विद्यापीठ प्रधान संपा.-सागरमल जैन डॉ., |2054 (1) 230 (C)
{दशाश्रु.सूत्र की नियुक्ति सह |{पार्श्व. विद्या. ग्रंथ. 101} संपा.-अशोककुमार सिंह डॉ. अशोककुमार सिंह कृत छाया, (हिं.) अनु., सागरमलजी जैन डॉ. कृत शोधग्रंथ) {दे.ना.} [T, S] {818, 822,
833, 839) 671 आयारदसा (दशाश्रुतस्कन्ध सूत्र) आगम अनुयोग ट्रस्ट, संयो.-विनयकुमारजी मुनि, 2057 (2) 216 (E) (प्रथम छेद सूत्र) {दशाश्रु.सूत्र सह | अमदावाद
संपा.-कन्हैयालालजी मुनि मुक्तिप्रभा साध्वीजी कृत (हिं.)
(कमल) सारांश} {दे.ना.} {817) दशाश्रुतस्कन्धसूत्रम् (दशाश्रु.सूत्र सह आत्माराम जैन धर्मार्थ संपा.-सुव्रतमुनि शास्त्री 2058 (2) 570 (B) आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) अन्व., समिति, पद्म प्रकाशन, अनु., विवे.} {दे.ना.} [T, S] दिल्ली
{817, 820, 825) |673 दशाश्रुतस्कंधसूत्रं (दशाश्रु.सूत्र मूल) जैनानंद पुस्तकालय संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2061 (1) 50 (P) {दे.ना., गु.) [S] {817)
पूर्व संशो., पूर्व
संपा.-सागरानंदसूरि दशाश्रुतस्कन्धसूत्रम् (दशाश्रु.सूत्र सह भगवान महावीर संपा.-शिवमुनिजी आचार्य डॉ. |2061 (अ.) |496 (B) आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) अन्व., मेडिटेशन एन्ड रिसर्च अनु., विवे.} {दे.ना.} [T,s] सेंटर ट्रस्ट, आत्म ज्ञान {817, 820, 825}
श्रमण शिव आगम
प्रकाशन समिति 675 दशाश्रुतस्कंध-ग्रंथ:
शेफाली जैन श्वे.मू.पू.संघ संशो.-कुलचंद्रसूरि, 2063 (अ.) 172 (C) (नियुक्ति-चूर्णिसहितः) {दशाश्रु.सूत्र
संपा.-अभयचंद्रसूरि, सह नियुक्ति, चूर्णि} {दे.ना.} [T, S]
पूर्व संशो.-कुमुदसूरि {817, 818, 819)
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676 |Das Kalpasutra (Die alte
Sammlung jinistischer
Monchsvorschriften) (बृ.क.सूत्र मूल) (रो.} [T, S] {840)
28. बृहत्कल्पसूत्र (676-691) Otto Harrassowitz संशो., संपा.-Walther
Schubring
1961 (अ.) 72 (D)
677
1968 (अ.) 58 (C)
बृहत् कप्पसूत्तं KAPPASUTTAM जीवराज घेलाभाई दोशी संशो., संपा.-walther {बृ.क. सूत्र मूल}{दे.ना., रो.}[S]{840)
Schubring