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________________ 154 26. व्यवहारसूत्र संपादक, संशोधक आदि वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी 2056 (अ.) 480+560= 1040 (C) 154 (C) प्रधान संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य, 2056 (1) संपादिका-कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ. क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) 656 आगम सुत्ताणि (सटीक) (व्यवहार आगम श्रुत प्रकाशन छेदसूत्रम्) (व्यव.सूत्र सह भाष्य, मलय. टीका) भाग-21, 22 {दे.ना., गु.) [S] {793,795,796} 657 व्यवहार नियुक्ति [VYAVAHAR जैन विश्व भारती NIRYUKTI] {व्यव.सूत्र नियुक्ति मूल} (दे.ना. [T, S] {794} 658 सानुवाद व्यवहारभाष्य (हिन्दी भाषा में जैन विश्व भारती | अनूदित) [VYAVAHARA BHASYA] {व्यव.सूत्र भाष्य सह दुलहराजजी मुनि कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.) [T, S] {795,812} 659 व्यवहारसूत्रम् {व्यव.सूत्र मूल} जैनानंद पुस्तकालय (दे.ना.,गु.) [S] {793) प्रधान संपा.-महाप्रज्ञजी आचार्य, 2060 (1) 490 (B) संपा.-दुलहराजजी मुनि, सहयोगी-राजेन्द्रकुमारजी मुनि, जितेन्द्रकुमारजी मुनि 46 (P) संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि, 2061 (1) पूर्व संशो., पूर्व संपा.-सागरानंदसूरि संपा.-Willem B. Bollee Prof. 2062 (1) 170 (A) 660 VYAVAHARA BHASHYA | PITHIKA {व्यव.सूत्र भाष्य सह Willem Bollee कृत (अं.) अनु., विवे. (गाथा-183)} {रो.} [T, S] {795,813} हिंदी ग्रंथ रत्नाकर कार्यालय (नाथुराम प्रेमी रिसर्च सीरिझ4} 2066 (1) | ॐकारसूरि ज्ञानमंदिर {ग्रं. 46/1} संपा.-मुनिचंद्रसूरि, सह संपा.-दिव्यरत्नविजयजी 432+168+ 300.... 1924 (P) 661 व्यवहारसूत्रम् (व्यव.सूत्र सह भाष्य, मलय. टीका) भाग 1-6 {दे.ना.) [[T, S] (793,795, 796) 662 व्यवहारसूत्रम् (व्यव.सूत्र सह भाष्य, मलय.टीका) भाग 1-6(दे.ना.,गु.) [[T,S] {793,795,796} ॐकारसूरि ज्ञानमंदिर {ग्रं. 46} संशो., संपा.-मुनिचंद्रसूरि, सह संपा.-दिव्यरत्नविजयजी 2066 (1) 140+420+ 292...-1946 (B) 27. दशाश्रुतस्कंधसूत्र (663-675) 663 दशाश्रुतस्कंध सूत्र {दशाश्रु.सूत्र सह राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि 1975 (अ.) 150 (P) अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.) सहायजी ज्वालाप्रसादजी {दे.ना.} [T] {817, 826} जौहरी 664 दशाश्रुतस्कन्धसूत्रम् (दशाश्रु.सूत्र सह आत्माराम जैन प्रकाशन संपा.-आत्मारामजी आचार्य (2) | 1993 (1) 597 (B) आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) अन्व., समिति अनु., विवे.} {दे.ना.} [T, S] {817, {जैन शास्त्रमाला 1} 820, 825) 665 दशाश्रुतस्कंध-मूलनियुक्तिचूर्णि: मणिविजयजी गणिवर संपा.-कुमुदसूरि 2011 (अ.) 113 (P) {दशाश्रु.सूत्र सह नियुक्ति, चूर्णि) ग्रंथमाला {ग्रं. 14} (दे.ना.} {817, 818, 819) 666 दशाश्रुत स्कन्ध सूत्रम् अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2016 (2) 496 (C) "DASHASHRUTSKANDH- स्थानकवासी जैन | SUTRAM" {दशाश्रु.सूत्र सह घासी. शास्त्रोद्धार समिति कृत छाया, टीका, (हिं., गु.) स्वोपज्ञ टीकानु.) {दे.ना., गु.} {817, 821, 823, 835, 836}
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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