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________________ 2. सूत्रकृतांगसूत्र स्वरूप पे. कर्ता संवत् | कृति विशेषनाम भाषा*गद्य-पद्य परिमाण*आदि-अंत प्र.क्र. 3 / 94 85 सज्झाय (6) |1| समरचंद्रसूरि वि. 15882 | 'क्रिया स्थानक सज्झाय' * (ग.) * पद्य ढाल 3 / सर्वगाथा 40, कळश 41-41 {वीर जिणवर पाय...मुनि एम कहे।।4111) {1756) 2 | मेरुविजयजी वि. 1725# | पृथ्वी सचित्त-अचित्त कालमान विचार की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 5 {प्रथम नमुं सद्गुरुनु...सूयगडांग वृत्तिथी लहे।।511) {1770, 1784) 87 गीत (7) समयसुंदरजी उपाध्याय वि. 1654# | | वैतालिक अध्ययन आधारित आदीश्वर 98 पुत्र प्रतिबोध गीत * (मा.गु.) * पद्य * ढाल 1/ सर्वगाथा 40 (शांतिनाथ जिन सोलमउ, ...नइ त्रिकालो जी 32|सं०1} {1774} 88 छाया (8) अंबिकादत्तजी ओझा | वि. 1993P | (सं.) * पद्य, गद्य * (श्रु. 2) {106, 108, 162} घासीलालजी महाराज (#) | | वि. 2025P (सं.) * पद्य, गद्य * (श्रु. 2) (118) | हेमचंद्रजी मुनि (#) वि. 2036P | (सं.) * पद्य, गद्य * (श्रु. 2) {123} 4 | महाप्रज्ञजी आचार्य वि. 2042P | (सं.) * पद्य, गद्य * (श्रु. 2) {140, 147} 92 अर्वा. टीका | 1 | घासीलालजी महाराज वि. 2025P | 'समयार्थ प्रबोधिनी' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 2) (श्रीवर्द्धमानं (9) गुणसन्निधानं, सिद्धालये...सुधर्मस्वामी कथयति-इत्यहं कथयामीति।) {118) 2 | कुलचंद्रसूरि वि. 2063P 'अक्षरगमनिका' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 2), प्रशस्ति श्लोक-20 {149, 155) अर्वा. कल्याणबोधिसूरि वि. 2066 | द्वितीय श्रुतस्कंध की संग्रहणी * (सं.) * पद्य * (श्रु. दूसरा) संग्रहणी →गाथा 68, प्रशस्ति गद्य (सूत्रकृतसूत्रकृतः, सूत्रधार..., प्रकरण (10) सुधर्मेशोऽस्तु मङ्गलम्।681} {154) शब्द., अनु. अमोलकऋषि वि. 1972P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {100, 138} (11) 96 शब्द., अनु, |1| उर्मिलाबाई महासतीजी | वि. 2056P (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {135} |विवे. (12) 2 | नेमिचंदजी बांठिया (#) वि. 2062P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {146) अन्व. (13) | 1 घासीलालजी वि. 2025P (सं.) * गद्य * (श्रु.1→अ. 15, श्रु.2→अ. 5-6) {118} महाराज (#) आनंद स्वाध्यायी वि. 2042P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→अ.5) {125) 100 अन्व., अनु. 1| अंबिकादत्तजी ओझा वि. 1993P (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {106, 108, 162} (14) 101 2 | घासीलालजी | वि. 2025P | (हिं.) * गद्य * (श्रु.1→अ. 15, श्रु. 2-→अ. 5-6) {118} महाराज (2) 102 घासीलालजी वि. 2025P | (गु.) * गद्य * (श्रु.1→अ. 15, श्रु.2→अ. 5-6) (118, 119) महाराज (#) 103 अन्व., अनु., हेमचंद्रजी मुनि वि. 2036P | 'अमरसुखबोधिनी' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 2) {123) विवे. (15) 104 अन्व., विवे. ठाकरसीभाई वि. 2021P (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {116) (16) करसनजी शाह
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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