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आगम कृति परिचय
19
स्वरूप
पे. कर्ता 7 | नेमिचंद्र मुनि
संवत् वि. 2060P
321
कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. शारदाबाई महासतीजी के (गु.) प्रव. का भाषां. * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1→अ. 8वाँ) →प्रव. 109 मल्लिनाथ भगवान का अधिकार और प्रद्युम्न चरित्र {349) (गु.) * गद्य * (श्रु. 2) {323, 324, 335} | ‘ज्ञाताधर्मकथांग का साहित्यिक एवं सांस्कृतिक अध्ययन' * (हिं.) * गद्य * अध्याय 8 {346)
322 सारांश (14) 323 शोधग्रंथ
(15)
चंदनसागरजी गणि राजकुमारी कोठारी डॉ.
| वि. 2008 वि. 2003P
324 मूल (1)
सुधर्मास्वामीजी
7. उपासकदशांगसूत्र (324-370)
वी.सं. पूर्व (प्रा.) * गद्य * श्रु. 1→अ. 10→उ. 10-→सूत्र 59, ग्रं.812 त्रीश वर्ष {ते णं काले...दिवसेसु अङ्गं तहेव।} {355, 356, 357, वैशाख सुद
| 358,359, 360, 361, 362, 363, 364, 365, 366, 368, 369, 370, 371, 372, 373, 374, 380, 381, 383, 384, 386,388,390, 1349, 1358,1371,1377, 1383,1393, 1402,1407,1466,1510,1524,1545%3D38)
325 टीका (2)
अभयदेवसूरि
वि. 111723
326 कथा (3)
शुभवर्धनगणि
वि. 1546
327 कथा, चूर्णि
पूर्णभद्रसूरि
वि. 1275
| 328 बा.बो. (5) |1| अज्ञात
329
2 | राजेन्द्रसूरि भट्टारक
वि. 19502
(सं.) * गद्य * (श्रु. 1) ग्रं.800 {श्री वर्द्धमानमानम्य व्याख्या... कुर्वतां प्रीतये मे।} {355, 358, 359, 364, 365, 372, 374, 388, 152439) दशश्रावक चरित्र * (प्रा.) * पद्य * (श्रु. 1) (वीरजिणिदं
देविंदवंदिवंदिऊण...लिहिअंचरिअंपवित्थरउ।। {378} | 'आणंदादिदस उवासगकहाओ - स्वोपज्ञ चूर्णियुक्त' * (प्रा., सं.) * पद्य, गद्य * (श्रु. 1) →गाथा 338, प्रशस्ति गाथा 1 {जस्स पयनहपहाभरपंजरमज्झट्ठिया तिलोई...आमाशयेऽलसीभूतस्तेन सोऽलसकः स्मृतः।।} {389} (मा.गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {श्री वीतरागाय नमः...अध्ययन कहे श्रीः।) {355} (मा.गु.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति गद्य (सं.) {श्री जिनाय नमः... दशम अध्ययन संपूर्णम्।।} {382} दशश्रावक की सज्झाय * (मा.गु.) * पद्य * गाथा 7 {सूधै मन प्रणमौ...धरै धर्म ध्यानासू०।।7।।} {1775} श्रावक की 11 पडिमा की सज्झाय * (मा.गु.) * पद्य* गाथा 14 {सातमे अंगे भाखीयोजी...वास संगेवी श्रावक०।।14।।) {1782, 1784} | कामदेवजी श्रावक की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 16 {श्रावक श्री वीर...खशालचन्द जोडी प्रकाश।।1611) {373) दशश्रावक की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 9 {सयल उपासकमां शीरदारा, ...वीरविजय शिवराणी।। साहेबा।।9।।) {1770) महावीरस्वामी के 10 महाश्रावक की सज्झाय * (गु.) * पद्य * गाथा 9 {वीर सुश्रावक समकितधारा...लालन। जंबुकुमारा... 11911} {1784)
330 सज्झाय (6) | 1 | धर्मवर्द्धनजी
वि. 17532
331
2 | जिनहर्षसूरि
वि. 17292
| 3 | खुशालविजयजी
वि. 1886
333
| 4 | वीरविजयजी पंन्यास
| वि. 18532
334
5 वीरविजयजी पंन्यास
|वि. 1853#