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क्र.
70. आगम व्याख्या (एकाधिक भाष्य, टीका आदि/सभाष्य, सटीका आदि)
| प्रकाशक (ग्रंथमाला }
संपादक, संशोधक आदि
| प्रकाशन नाम एवं परिचय
(अं.) अनु.) दे. ना. रो.) [T. S)
{371, 372, 383, 416, 417, 431}
1495 अंतकृत्दशांग अने अनुत्तरोपपातिक जैन धर्म प्रसारक सभा |दशांगसूत्र (आठमुं ने नवमं अंग)
{ अं. द. सूत्र, अनु. द. सूत्र सह जेठालाल
| हरिभाई शास्त्री कृत मूल एवं टीका का
सम्मिलित (गु.) अनु (दे.ना.] [T]
{371, 384, 416, 432)
1496 निरयावलिका सूत्र ( निर. सूत्र आदि 5 जैन धर्म प्रसारक सभा सूत्र सह जेठालाल हरिभाई शास्त्री कृत (गु.) अनु. और निर. सूत्र, कल्पाव. सूत्र, पुष्पिकासूत्र का टीका (दे.ना.)
[T] (647, 657, 667, 672, 683, 692, 697, 707, 717, 722, 733, 745, 755}
1497 आराधनासूत्र पयन्नो अवचूरि| अनुवादयुक्त पुन्यप्रकाशनुं स्तवन | तथा प्रमादपरिहारकुलक गुजराती अर्थ साथे आरा. प्रक. सह अज्ञात { कर्तृक अवचूरि, कुंवरजी आणंदजी शाह कृत (गु.) अनु., विनयविजयजी उपा. कृत पुण्य प्रकाश स्तवन और उत्त. सूत्र की श्रीकरण उपा. कृत
सज्झाय} {दे.ना., गु.} {892, 1511, 1512, 1513, 1516}
1498 निरयावलिका सूत्रे (निर सूत्र आदि 5 सूत्र सह श्रीचंद्रसूरिजी कृत टीका) (दे.ना. } [T] [647, 648, 672, 673, 697, 698, 722, 723, 745, 746}
| 1499 अन्तकृदशानुत्तरोपपातिकदशे
{ अं. द. सूत्र और अनु. द. सूत्र सह अभय. टीका} {दे.ना.} {371, 372, 416, 417}
| कुंवरजी आनंदजी शाह { बुद्धि वृद्धि कर्पूर ग्रंथमाळा 30 }
1501 आराधनादिसारसंग्रह ( आरा. प्रक. सह अवचूरि, कुंवरजी आनंदजी शाह कृत (गु.) अनु., विनयविजयजी उपा. कृत | पुण्य प्रकाश स्तवन और उत्त सूत्र की
नीतिसूरिजी जैन पुस्तकालय ट्रस्ट, | अमदावाद
दयालजी जैन | ग्रंथमाला ( अंक 28 }
|1500 निरयावलिकासूत्रम् (निर. सूत्र आदि 5 अखिल भारतीय श्वेतांबर सूत्र का घासी. कृत (गु.) स्वोपज्ञ टीकानु.} {गु., दे.ना.} {669,694, 719, 743, 766}
स्थानकवासी जैन
| शास्त्रोद्धार समिति
भट्टीबाई स्याद्वाद संस्कृत प्राकृत पाठशाळा
अप्रदर्शित
अप्रदर्शित
| अप्रदर्शित
अप्रदर्शित
अप्रदर्शित
नियो. - समीर मुनि, कन्हैयालालजी मुनि
संपा. छबीलदास केशरीचंद संघवी
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद)
1990 (3T.) 121 (P)
1990 (3T.) 130 (P)
1994 (3T.) 72 (D)
1994 (3T.) 44 (P)
2001 (2) 40 (P)
2004 (1)
151 (B)
| 2004 (अ.) 224 (D)