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आगम प्रकाशन परिचय
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प्रकाशन नाम एवं परिचय
संपादक, संशोधक आदि
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद)
जिनभद्रगणि क्षमाश्रमण और कोट्टार्यवादि कृत टीका} भाग 1-3 {दे.ना., रो.} [T, S] {1119, 1121}
प्रकाशक (ग्रंथमाला) विद्यामंदिर {ला. द. ग्रंथश्रेणि 10}
981 आवश्यकसूत्र (AVASHYAK आगम प्रकाशन समिति, प्रधान संपा., पूर्व
2051(2) 198 (B) SUTRA) {आव.सूत्र सह सुप्रभा ब्यावर {जिनागम संयो.-मिश्रीमलजी मुनि, साध्वीजी डॉ. कृत (हिं.) अनु., विवे. ग्रंथमाला ग्रंथांक 24} संपा.-सुप्रभाजी साध्वी डॉ. और देवेन्द्र मुनिजी शास्त्री कृत शोधग्रंथ) {दे.ना.) [T, S]
{1116,1149, 1166) 98245-आगमसुत्ताणि (आवस्सयं) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) |20 (C)
{आव.सूत्र मूल} {दे.ना., गु.)
{1116) 983 | विशेषावश्यक भाष्य भाषांतर भद्रंकर प्रकाशन, (P) संपा.-वज्रसेनविजयजी पंन्यास |2053 (3) 680+584= {विशे.भा. सह चुनीलाल हकमचंद
1264 (B) बाबु अमीचंद पनालाल शाह कृत (गु.) अनु., मलधारीय आदीश्वर जैन टेम्पल टीकानु.) भाग 1-2 {गु., दे.ना.} [T] चेरीटेबल ट्रस्ट
{1119, 1154, 1159) 984 | आगम सुत्ताणि (सटीकं) (आव.सूत्र) आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी 2056 (अ.) 448+3523 {आव.सूत्र सह नियुक्ति, भाष्य
800 (C) और हारि.टीका) भाग-24, 25 {दे.ना., गु.} {1116, 1117, 1118,
1123} 985 आवश्यक नियुक्ति [Avasyaka जैन विश्व भारती संपादिका-कुसुमप्रज्ञाश्रीजी डॉ. 2058 (1) 587 (B)
|Niryukti] {आ.नि. सह दुलहराजजी मुनि कृत (हिं.) अनु. (गाथा-680))
भाग 1 {दे.ना.} [T, S] {1117,1152} 986 विशेषावश्यक सूत्रम् {विशे.भा. सह | जिनशासन आराधना पूर्व संशो., पूर्व
2060 534 (P) कोट्याचार्यजी कृत टीका ट्रस्ट, (P) ऋषभदेव संपा.-सागरानंदसूरि (#)
(पु.मु.) (गाथा-2084)} भाग 1{दे.ना., गु.) । केशरीमलजी जैन श्वेतांबर [T, S] {1119, 1122)
संस्था 987 आवश्यक नियुक्ति दीपिका रंजनविजयजी जैन संपा.-रत्नज्योतविजयजी 2060 (1) 480 (B) (गुर्जरभावानुवाद) {आव.सूत्र, आ.नि., पुस्तकालय
पंन्यास भाष्य सह रत्नशेखरसूरि कृत (गु.) नियु, अनु., भाष्यानु., दीपिकानुसारि विवे. (नि.गाथा-1109) भाग 1 {गु., दे.ना.} [T] {1116, 1117, 1118,
1151,1155,1165) 988 विशेषावश्यक भाष्यम् {आ.नि. हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2060 (1) 266 (P)
(गाथा-408) सह विशे.भा.} {दे.ना.} {ग्रं. 409}
[T, S] {1117, 1119} 989 विशेषावश्यक भाष्यम् (विशे.भा. सह हर्षपुष्यामृत जैन ग्रंथमाला संशो., संपा.-जिनेन्द्रसूरि 2060 (1) 402+962%3D मलधारीय टीका, हरगोविंददास
|1364(P) {ग्रं.413} त्रिकमचंद शेठ कृत छाया} भाग 1-2 {दे.ना.) [T, S] {1119, 1124,1139)