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आगम प्रकाशन परिचय
167
प्रकाशन नाम एवं परिचय
प्रकाशक {ग्रंथमाला)
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद)
संपादक, संशोधक आदि संपा.-कांतिलाल खेमचंद कापडिया डॉ.
2057- 196+232%3D 2058 (अ.) 428 (C)
797 | Uttaradhyayana Sutram (उत्त.सूत्र कांतिलाल खेमचंद
सह कांतिलाल खेमचंद कापडिया डॉ. कापडिया डॉ. कृत (अं.) अनु.} Part 1-2 {रो., दे.ना.) {876,968)
पार्श्वनाथ विद्यापीठ भाषां., संपा.-अरुण शांतिलाल |2057 (1) 524 (C) {पार्श्व, विद्या. ग्रंथ. 135} जोशी
799
भद्रंकर प्रकाशन, (P) शारदा प्रकाशन केन्द्र
संपा.-वज्रसेनविजयजी पंन्यास, 2057पूर्व संशो., पूर्व
2058 (2) संपा.-भाग्येशविजयसूरि
1348+3243 1672 (B)
| 2057 (1)
115 (E)
798 उत्तराध्ययन सूत्र : एक परिशीलन
(हिन्दी ग्रंथनो अनुवाद) {उत्त.सूत्र के सुदर्शनलालजी जैन डॉ. के शोधग्रंथ का अरुण जोशी कृत (गु.) भाषां.} {गु., दे.ना.) [T,S] {1018) उत्तराध्ययनसूत्रम् {उत्त.सूत्र सह लक्ष्मीवल्लभ उपा. कृत टीका) भाग 1-2 {दे.ना., गु.} [T,S] [{876,885)
अभ्युदय आगम सत्ताणि (उत्तरज्झयणाणि) {उत्त.सूत्र मूल)
भाग 43 {दे.ना.} {876} 801 उत्तरज्झयणाणि (उत्त.सूत्र सह
महाप्रज्ञजी कृत छाया, रमणिकलाल मनसुखलाल शाह डॉ. कत महाप्रज्ञजी के अनु. और टिप्पन का (गु.) भाषां.) |भाग 1-2 {गु., दे.ना.) [T, S]
{876, 920, 977) 802 केशी और गौतम (उत्त.सूत्र के
उमेशमुनिजी कृत (हिं.) प्रव.15 (अ.23→गाथा-4)} भाग 1 {दे.ना.)
{1002) 803 उत्तराध्ययन सूत्रम् ( उत्त.सूत्र सह
आत्मारामजी कृत छाया, (हिं.) अन्व., अनु., विवे.) भाग 1-3 (दे.ना.) [T, S] {876, 917, 938}
रत्नसागर प्रकाशन निधि |संयो.-जितरत्नसागरसूरि,
संशो.-दीपरत्नसागरजी,
संपा.-चंद्ररत्नसागरसूरि जैन विश्व भारती संपा.-रमणीकलाल
मनसुखलाल शाह डॉ., महाप्रज्ञजी आचार्य
2058 (1)
598+530=3 1128 (B)
नंदाचार्य साहित्य समिति संपा.-उमेशमुनि (अणु) (#)
। 2058 (1)
432 (D)
आत्म ज्ञान श्रमण शिव संपा.-शिवमुनिजी आचार्य डॉ. 2059 (अ.) 480+462+
49631438 आगम प्रकाशन समिति,
(B) भगवान महावीर मेडिटेशन एन्ड रिसर्च सेंटर ट्रस्ट श्रुतनिधि
संपा.-जितेन्द्र बी.शाह, 2059 (अ.) 404+323= सहसंपादिका-चंदनबालाश्रीजी,
727 (B) पूर्व संपा., पूर्व संशो.-उमंगसूरि आगमोद्धारक फाउन्डेशन संपा.-पूर्णचंद्रसागरजी गणि 2060 (अ.) 361 (P)
804 उत्तराध्ययनानि (उत्त.सूत्र सह
नेमिचंद्रसूरिजी कृत टीका) भाग 1-2
{दे.ना., गु.} [T, S] {876, 881} 805 उत्तराध्ययन सूत्रं (सानुवाद)
{उत्त.सूत्र सह चंदनाजी दर्शनाचार्या के (हिं.) अनु. का दुर्लभजी केशवजी खेताणी (2) कृत (गु.) भाषां.)
(दे.ना., गु.) {876, 958} 806 | उत्तराध्ययन सूत्र मूळ {उत्त.सूत्र मूल)
{दे.ना., गु.} {876) 807 उत्तराध्ययन सूत्र (उत्त.सूत्र सह
ॐकार जैन तीर्थ कमिटी, संपा.-विक्रमसेनविजयजी गणि 2060 (अ.) 256 (E) पदमला ॐकार जैन तीर्थ संपा.-विक्रमसेनविजयजी गणि |2060 (4) 488 (C)