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आगम कृति परिचय
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399
N
स्वरूप पे. | कर्ता
| संवत् कृति विशेषनाम*भाषा*गद्य-पद्य परिमाण आदि-अंत*प्र.क्र. 19 सौभाग्यमुनिजी वि. 20592 | (हिं.) * गद्य * (श्रु.1) {414} 400 20 दीपरत्नसागरजी वि. 2066P | 'विशेष स्पष्टीकरणयुक्त' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1)
{1538} 401 | अनु., विवे. दिव्यप्रभा साध्वी डॉ., | वि. 1998# (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {401} | (10)
कृतिसंशो.-शोभाचंद्रजी
भारिल्ल 402
अमरमुनिजी उपप्रवर्तक वि. 2050P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {409) 403 3 | राजकुमार जैन (#) वि. 2050P | अमरमुनिजी उप. कृत (हिं.) अनु. और विवे. का भाषां. * (अं.)
* गद्य * (श्रु. 1) {409) 404
4 | भारतीबाई साध्वी वि. 2055P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {408} 405 पद्यानु. (11) जीतमलजी चोपडा
वि. 2023
| (हिं.) * पद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति गाथा-5 {शासनपति श्री वीर...
हुआ सारा अधिकार।।) {396,403} 406 | अर्वा,टीकानु. 1 | घासीलालजी महाराज (2) | वि. 2007P | 'स्वोपज्ञ' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {393} (12)
2 | घासीलालजी महाराज (#) | वि. 2007P | 'स्वोपज्ञ' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {393, 394} 408 | विवे. (13) 1 आत्मारामजी आचार्य
'निर्वाण-पथ-प्रकाशिका व्याख्या' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1)
{410) 409
2 | दीपरत्नसागरजी वि. 2066P 'टीकानुसारी' * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1538} |410 प्रव. (14) |1| शारदाबाई महासतीजी |वि. 2033 (गु.) * गद्य * (श्रु. 1→वर्ग 3)→प्रव. 113, गजसुकुमाल का
अधिकार {399} 411 2 | उमेशमुनि (अणु) | वि. 2041 | 'अंतगडदशासूत्र के संदेश' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) →प्रव. 8
{402) 412 अर्वा.प्रश्न. ज्योतिबाई साध्वी (#) | वि. 2067P (गु.) * गद्य * (श्रु. 1)→प्रश्न. 445 {417}
(15) 413 सारांश (16) ज्ञानसुंदरजी मुनि वि. 1979P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1424} 414 शोधग्रंथ 1| सुयशमुनि
वि. 2055P | 'अन्तकृद्दशा महिमा' * (हिं.) * गद्य * अध्याय 10 {405, (17)
409} 415 | सुरेन्द्र बोथरा
वि. 2055P | सुयश मुनि कृत (हिं.) शोधग्रंथ का भाषां. * (अं.) * गद्य *
अध्याय 10 {409)
407
|416
मूल (1)
9. अनुत्तरोपपातिकदशांगसूत्र (416-450) सुधर्मास्वामीजी
वी.सं. पूर्व (प्रा.) * गद्य, पद्य * श्रु. 1→वगे 3→अ. 33→उ. 10→सूत्र 6 त्रीश वर्ष ग्रं.192 {तेणं कालेणं तेणं...नायाधम्मकहा नेयव्वं ।।) {419, वैशाख सुद
| 420, 421, 422, 423, 424, 426, 427, 428, 429, 430, 11
431, 432, 433, 434, 1355, 1356, 1358, 1363, 1371, 1377, 1383, 1393, 1402, 1409, 1411, 1418, 1431, 1446, 1457, 1466, 1487, 1490, 1494, 1495, 1499, 1504, 1508, 1510, 1524, 1534, 1535342}
417 टीका (2)
अभयदेवसूरि
वि. 1120#
| (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) ग्रं.100 {अथानुत्तरोपपातिकदशासु