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8. अन्तकृद्दशांगसूत्र
संवत्
स्वरूप पे. कर्ता
कृति विशेषनाम भाषा गद्य-पद्य परिमाण*आदि-अंत*प्र.क्र. रामविजयजी उपाध्याय वि. 1770# (गु.) * पद्य * गा. (त्रि.) 17 {विचरंता गामो गाम, ...विजय रंगे (#)
| भणेजी।।17||} {1776, 1781, 1784} |376 छाया (5) |1| आत्मारामजी आचार्य | वि. 1989# (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) {410} 377
हस्तीमलजी आचार्य (#) | वि. 20262 | (सं.) * गद्य * (श्रु. 1) {413} 378 अर्वा, टीका घासीलालजी महाराज | वि. 2003 'मुनिकुमुदचंद्रिका' * (सं.) * गद्य * (श्रु. 1), प्रशस्ति श्लोक-2
{शुद्धं विशुद्धं शिवदं...सविस्तरं ज्ञाताधर्मकथावद् विज्ञेयम्।।)
{393) 379 शब्द., विवे. पारसमल चण्डालिया (#) | वि. 2064P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {415}
(7) | 380 अन्व., अनु. आत्मारामजी आचार्य वि. 1994 (हिं.) * गद्य * (श्रु.1) 1410, 411)
(8) |381 अनु. (9) |1| L. D. Barnett Dr. वि. 1963P | (अं.) * गद्य * (श्रु.1) {1418} 382 2 | अमोलकऋषि
वि. 1976P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {391) 383 3 | M.C. Modi
वि. 1988P | (अं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1494} 384 4 | जेठालाल हरिभाई शास्त्री वि. 1990P | मूल एवं टीका का सम्मिलित अनु. * (गु.) * गद्य * (श्रु. 1)
{1495, 1508} 385 5 अज्ञात
वि. 1993P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {392} 386
6 N. V. Vaidya Prof. वि. 1993P | (अं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1431} 387
गोपालदास जीवाभाई । | वि. 1996P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1433} पटेल ज्ञानमुनि
वि. 2010# | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {406} प्यारचंद्रजी उपाध्याय, | वि. 2016# | पीयूषधारा टीका * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {416} कृतिसंशो.-सुप्रभाजी
साध्वी डॉ. 390
भीखालाल गिरधरलाल वि. 2017P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {395}
388
389
शेठ
391
वि. 2026# || (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {413,418}
चाय
| 392
वि. 2028P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1443)
393
11 हस्तीमलजी आचार्य 12 फूलचंद्रजी मुनि
(पुष्फभिक्खु) 13 चंपक मुनि
किरणबाई महासती, उषाबाई महासती, हसुमतीबाई महासती | वीरपुत्रजी महाराज
अज्ञात दीपरत्नसागरजी
वि. 2031 | वि. 2032P
(गु.) * गद्य * (श्रु. 1) (397) | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1446}
394
395
396
| वि. 2032P | ‘स्पष्टीकरणयुक्त' * (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) (398, 415) वि. 2042P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {400} वि. 2053P | (गु.) * गद्य * (श्रु. 1) {1462}
397
398
18| दीपरत्नसागरजी
वि. 2058P | (हिं.) * गद्य * (श्रु. 1) {1470}