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क्र.
| प्रकाशन नाम एवं परिचय
941 समीसांजनो उपदेश (दशवेकालिकसूत्र) {दश. सूत्र का गोपालदास जीवाभाई पटेल (#) कृत (गु.) अनु.} {गु.) [T] {1069)
942 दशवैकालिकसूत्रम् {दश. सूत्र सह निर्युक्ति, भाष्य, हारि. टीका) (दे.ना. } [T, S] {1020, 1021, 1023, 1026}
943 दशवैकालिकसूत्रम् {दश सूत्र सह नियुक्ति, भाष्य, हारि, टीका) (दे.ना.) [T, S] {1020, 1021, 1023, 1026}
944 दशवैकालिक सूत्र ( दश. सूत्र सह | शशिकांत झा पं. कृत (हिं.) पद्यानु., | हस्तिमलजी आचार्य (#) कृत अन्व., अनु., विवे.) (दे. ना. } [T] {1020, 1057, 1093}
945 दशवेकालिकसूत्रम् (दश. सूत्र सह नियुक्ति, भाष्य, हारि, टीका, गुणहंसविजयजी कृत (गु.) अनु., निर्युक्ति अनु., भाष्यानु., टीकानु.} भाग 1-4 (गु., दे. ना.} {1020, 1021, 1023, 1026, 1081, 1095, 1097, 1100)
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आगम प्रकाशन परिचय
947 साधु वेशनो महिमा वाचना-1
दश. सूत्र के रामचंद्रसूरिजी कृत (गु) प्रव. (चू. 1)} {गु.} {1109} 948 दशवैकालिक सूत्र (हिन्दी भावार्थ) {दश. सूत्र का हस्तिमलजी आचार्य (#) कृत (हिं.) अन्व., अनु., | विवे. }{दे.ना.} {1057 } 949 कलापूर्ण स्वाध्याय (दशसूत्र मूल} भाग 37 गु.} {1020) 950 दशवैकालिक सूत्र (मूळपाठ - भावार्थ) ( दश. सूत्र सह धीरज मुनिजी (#) कृत (गु.) अनु.} {गु.) {1020, 1080}
| प्रकाशक (ग्रंथमाला}
गुजरात विद्यापीठ
{ पूंजाभाई जैन ग्रंथमाला 18 }
946 आगमसटीक अनुवाद (दशवैकालिक) श्रुत प्रकाशन निधि
{दश. सूत्र का दीप. कृत (गु.) अनु.,
नियुक्ति अनु. भाष्यानु.
| हारि. टीकानु.) भाग 36 गु.} {1082, 1096, 1098, 1101}
कमल प्रकाशन ट्रस्ट, अमदावाद
जिनशासन आराधना ट्रस्ट, (P) देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड (प्राचीन श्रुत समुद्धार
पद्ममाला, पद्म 1 } अनेकांत प्रकाशन जैन रिलीजीयस ट्रस्ट, (P) | देवचंद लालभाई जैन पुस्तकोद्धार फंड
| सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ अप्रदर्शित
संपादक, संशोधक आदि संपा -गोपालदास जीवाभाई पटेल
पूर्व संशो., पूर्व संपा. सागरानंदसूरि
| कलापूर्ण जैन आराधक मंडल
| वर्धमान वैयावच्च केन्द्र
संयो. चंद्रगुप्तसूरि, पूर्व संशो. पूर्व संपा. सागरानंदमूरि
संपा. गुणहंसविजयजी, राजहंस विजयजी
संपा. -दीपरत्नसागरजी (#)
स्मृतिमंदिर प्रकाशन {व्याख्यान वाचस्पति ग्रंथमाळा 4 )
सम्यग्ज्ञान प्रचारक मंडळ अप्रदर्शित
संपा. श्रेयांसप्रभसूर
वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद)
2064
150 (D)
(पु.मु.)
2064
(पु.मु.)
302 (P)
2065 (2) 2065 (2) 288 (P)
2065 (7) 400 (C)
2066 (1) 364+324+
292...=1232 (B)
| 2066 (अ.) 240 (C)
| 2066 (अ.) 108 (C)
2066 (1) 174 (C)
संपा. पूर्णचंद्रविजयजी गणि(#) 2067 (अ.) 176 (E)
संक.. धीरज मुनि
2067 (2)
181
120 (C)