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________________ XX उपरोक्त प्रात्यक्षिक (Demo) में निर्दिष्ट शीर्षक क्रमांकानुसार कृति परिचय का विवरण कृति क्रमांक :आगमिक अनुक्रमणिका अंतर्गत निर्देशित आगमिक विभागों के क्रमानुसार यहाँ कृतियों के क्रमांक दिए । गए हैं, विशेषता यह है कि प्रत्येक आगमिक विभाग अंतर्गत परिशिष्ट 3 में दिए गए स्वरूपों के क्रमानुसार और प्रत्येक स्वरूप अंतर्गत रचना संवत् के क्रमानुसार कृतियों के क्रमांक दिए गए हैं। → यहाँ आगमिक अनुक्रमणिका अनुसार प्रथम विभाग (आचारांगसूत्र) की सभी कृतियाँ परिशिष्ट 3 में दिए गए स्वरूपों के क्रम से दी गई हैं और प्रत्येक स्वरूप अंतर्गत रचना संवत् के क्रम से कृति क्रमांक दिए गए हैं, जैसे कि आचारांगसूत्र की प्रकाशित 3 टीकाओं के क्रमांक उनकी रचना संवत् की प्राचीनता के अनुसार दिए गए हैं । आचारांगसूत्र की कृतियों की समाप्ति के पश्चात् दूसरे (सूत्रकृतांगसूत्र)तीसरे (स्थानांगसूत्र) आदि विभागों की कृतियाँ उसी तरह से दी गई हैं । 7 प्रकाशन परिचय एवं परिशिष्ट 1 (कर्ता/संपादक की अकारादि सूची) में दिए गए कृति क्रमांक इस से संबंधित हैं । (2) स्व रूप :→ प्रत्येक कृति की पहचान के रूप में कृति क्रमांक के पश्चात् सर्व प्रथम कृति का स्वरूप दिया गया ___है, यथा - 'मूल', 'भाष्य' आदि । → कृति परिचयों में निर्देशित स्वरूपों की सूची परिशिष्ट 3 में दी गई है । → एक ही कर्ता द्वारा एक ही कृति पर एक ही भाषा में रचित शब्दार्थ, अनुवाद, विवेचन आदि विविध स्वरूपों की कृतियाँ वाचकवर्ग की सरलता हेतु यहाँ एक साथ एक ही कृति क्रमांक से दर्शाई गई है । → कृति परिचय अंतर्गत स्वरूप दर्शाने की पद्धति :- प्रत्येक विभाग अंतर्गत एक ही स्वरूप की एकाधिक कृतियाँ होने पर स्वरूप का नाम एकाधिक कृतियों में से केवल प्रथम कृति के साथ ही दिखाया गया है । जैसे कि, आचारांगसूत्र पर तीन टीका होने के कारण केवल प्रथम टीका के सामने ही स्वरूप का नाम दिया गया है, उसके पश्चात् उसकी अनुवृत्ति समझें। 3 स्वरूप क्रमांक :→ स्वरूप के साथ कोष्ठक () में आचारांगादि प्रत्येक आगम विभागगत 1 से शुरू होता स्वरूप क्रमांक दिया गया है । → अतः प्रत्येक विभाग में दिया गया अंतिम स्वरूप क्रमांक उस विभाग में कृति परिचय अंतर्गत दर्शाए गए कुल स्वरूपों की संख्या का सूचक है ।
SR No.002326
Book TitleAgam Prakashan Suchi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirav B Dagli
PublisherGitarth Ganga
Publication Year2015
Total Pages392
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size12 MB
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