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9. अनुत्तरोपपातिकदशांगसूत्र
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क्र. प्रकाशन नाम एवं परिचय प्रकाशक {ग्रंथमाला) संपादक, संशोधक आदि _ वि.सं. (आ.) पृष्ठ (कद) ।
9. अनुत्तरोपपातिकदशांगसूत्र (419-434) 419 |अणुत्तरोववाईय (अनु.द.सूत्र सह खेतशी जीवराज शास्त्री अप्रदर्शित
1950 (अ.) 52 (P) अज्ञात कर्तृक बा.बो.} {दे.ना.} (शाह)
1416,4181 420 अनुत्तरोववाई दशांग सूत्र {अनु.द.सूत्र राजा बहादुर लालासुखदेव संपा.-अमोलकऋषि (#) 1976 (अ.) 42 (P)
सह अमोलकऋषिजी कृत (हिं.) अनु.} सहायजी ज्वालाप्रसादजी {दे.ना.} {416, 430}
जौहरी 421 अनुत्तरोपपातिकदशा: सावचूरिक आत्मानंद जैन सभा, संशो.-दानरि
1977 (अ.) |12 (P) पुद्गलपरावर्तस्तोत्रञ्च {अनु.द.सूत्र भावनगर |सह अभय.टीका और पुद्गलपरावर्त स्तोत्र सह अवचूरि} {दे.ना.} [T, S]
1416, 417) 422 अनुत्तरोपपातिकदशा सूत्र (हिन्दी हिंदी जैनागम प्रकाशक संपा.-आनंदसागरजी (वीरपुत्र) |1992 (1) 72 (P) अनुवाद) {अनु.द.सूत्र सह
सुमति कार्यालय आनंदसागरजी कृत (हिं.) अनु.} {दे.ना.} [T] {416, 433} अनुत्तरोपपातिकदशासूत्रम्
आत्माराम जैन प्रकाशन संपा.-आत्मारामजी आचार्य 1993 (1) 148 (B) {अनु.द.सूत्र सह आत्मारामजी कृत समिति छाया, (हिं.) अन्व., अनु., विवे.} {जैन शास्त्रमाला 2}
{दे.ना.} [S] {416, 424, 428} 424 | अनुत्तरोपपातिकदशासूत्र {अनु.द.सूत्र वीरपुत्र आनंदसागर पूर्व संपा.-आनंदसागरजी |1993 (2) 72 (P)
सह आनंदसागरजी मुनि वीरपुत्र' कृत ज्ञानभंडार, (P) हिंदी (वीरपुत्र) (#) | (हिं.) अनु.) (दे.ना.} [T] {416, 433) |जैनागम प्रकाशक सुमति
कार्यालय 425 अनुत्तरोपपातिकसूत्रम् [Anuttaro- अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2015 (2) 62 (B)
papatika Sutram] {अनु.द.सूत्र का स्थानकवासी जैन घासी. कृत (गु.) स्वोपज्ञ टीकानु.) शास्त्रोद्धार समिति
{गु., दे.ना.} {448} 426 अनुत्तरोपपातिकसूत्रम्
अखिल भारतीय श्वेतांबर नियो.-कन्हैयालालजी मुनि 2015 (2) 210 (B) [Anuttaro-papatika Sutram] स्थानकवासी जैन {अनु.द.सूत्र सह घासी. कृत छाया, शास्त्रोद्धार समिति टीका, (हिं., गु.) स्वोपज्ञ टीकानु.) (दे.ना., ग.} {416, 425, 426, 447, 448} अनुत्तरोपपातिकदशासूत्र {अनु.द.सूत्र सन्मति ज्ञानपीठ {आगम संपा.-विजयमुनि
2017 (1) 134 (B) सह अभय. टीका, विजयमुनि शास्त्री साहित्य रत्नमाला 8} कृत (हिं.) अनु., टिप्पन) {दे.ना.} [T,
S] {416,417,444) 428 अनुत्तरोपपातिकदशांग {अनु.द.सूत्र आगम प्रकाशन समिति, प्रधान संपा.-मिश्रीमलजी मुनि, 2047 (2) 134 (B)
सह मुक्तिप्रभा साध्वीजी कृत (हिं.) ब्यावर {जिनागम प्रबंध संपा.-श्रीचंद सुराणा, अनु., विवे.} {दे.ना.} [T, S] ग्रंथमाला ग्रंथांक 6} संपादिका-मुक्तिप्रभा साध्वी डॉ. {416,445) | 45 आगमसुत्ताणि (अनुत्तरोववाईय । |आगम श्रुत प्रकाशन संशो., संपा.-दीपरत्नसागरजी |2052 (अ.) |16 (C)
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